
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
नक्सलियों के द्वारा पक्का आवास बनाने की अनुमति नहीं दी जाती थी
सुरक्षा कैंप लगने से बदलने लगी गांव की तस्वीर
बीजापुर / शौर्यपथ / नक्सलवाद का काला धुँध साफ होने के साथ नक्सल प्रभावित गाँवों में विकास की रोशनी पहुंचने लगी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बीजापुर जिले ग्राम पंचायत धरमारम, जहां आजादी के बाद पहला पक्का आवास बना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती गुंडी बुचमा का पक्का आवास बनकर तैयार है।
पति की मृत्यु के बाद भी श्रीमती गुंडी बुचमा ने हिम्मत नहीं हारी आतंक और भय के माहौल में उसने अपने बेटे को शिक्षा से जोड़े रखा। वर्तमान में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में श्रीमती गुंडी बुचमा का आवास बनकर तैयार है। क्षेत्र में श्रीमती गुंडी बुचमा का आवास आजादी के 77 वर्ष बाद सच्ची आजादी का एहसास करा रही है।
श्रीमती गुंडी बुचमा के आवास की कहानी इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है चूंकि ग्राम पंचायत धरमारम माओवाद से प्रभावित गांव होने के कारण शासकीय योजनाओं का संचालन कठिन था। आजादी केे 77 वर्ष बाद भी आंतक और भय में ग्रामीण जीने को मजबूर थे। नक्सल प्रभाव के कारण ग्राम पंचायत में पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही थी।
श्रीमती गुंडी बुचमा एक अकेली महिला जो अपने बच्चे को खेती-बाड़ी कर पालन-पोषण कर रही थी। अपने बच्चे को दूसरे पंचायत में भेज कर 12वीं तक पढ़ाया, जो की उनके लिए एक उपलब्धि है।
गांव में सुरक्षा कैंम्प लगने के साथ माओवाद का अंधियारा भी छटने लगा। वित्तीय वर्ष 24-25 में ग्राम पंचायत के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली। शुरूआत में ग्रामीण डर की वजह से आवास निर्माण करने में डर रहे थे। समय के साथ श्रीमती गुंडी बुचमा ने आवास का निर्माण प्रारंभ किया। वर्तमान में उनका पक्का छत वाला आवास बनकर तैयार हो गया है।
श्रीमती गुंडी बुचमा के पुत्र का कहना है कि माओवाद के डर से किसी तरह झोपड़ी में बिना बिजली, सड़क, पानी के जीवन कट रहा था। अब हमारा पक्का आवास बन गया है। सुरक्षा कैम्प लगने के साथ धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल रही हैं। मैं शासन प्रशासन का धन्यवाद करता हूं।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश में सरकार बनने के 16 महीने बाद आख़िरकार नवरात्री के पावन पर्व पर प्रदेश सरकार ने निगम ,मंडल अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षो की सूचि जारी कर दी .
भूपेंद्र सवन्नी अध्यक्ष क्रेडा, लोकेश कावड़िया अध्यक्ष छत्तीसगढ़ निशक्तजन वित्त विकास निगम, राकेश पाण्डेय अध्यक्ष छ.ग.खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड , सौरभ सिंह अध्यक्ष खनिज विकास निगम, शशांक शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, राजीव अग्रवाल अध्यक्ष सीएसआईडीसी, संजय श्रीवास्तव अध्यक्ष नागरिक आपूर्ति निगम, दीपक महसके अध्यक्ष सीजीएमएससी बनाए गए हैं. गौरीशंकर श्रीवास को छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹16,390 करोड़ का जीएसटी संग्रह, दर्ज की गई 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने कुल ₹16,390 करोड़ का जीएसटी राजस्व संग्रह कर देशभर में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर स्थापित करती है। इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
मार्च 2025 में पहली बार ₹2000 करोड़ से अधिक का मासिक संग्रह
मार्च 2025 में छत्तीसगढ़ को SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है। यह पहली बार है जब राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।
मार्च 2025 में ही IGST मद में ₹756.73 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रह ₹2,057.82 करोड़ रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43 प्रतिशत की प्रभावशाली मासिक वृद्धि दर्शाता है। जीएसटी आने के बाद छत्तीसगढ़ ने पहली बार एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है।
बेहतर प्रशासन, तकनीक का समावेश और सतत निगरानी से मिली ऐतिहासिक सफलता
यह उल्लेखनीय प्रगति राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग में किए गए व्यापक सुधार, नवाचार और नई कार्यसंस्कृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वाणिज्यिक कर मंत्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में विभाग ने जीएसटी प्रशासन को अधिक सक्रिय, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने हेतु निर्णायक कदम उठाए हैं।
नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण
रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की निरंतर निगरानी एवं संवाद के माध्यम से अनुपालना दर में बड़ा सुधार हुआ है। नॉन-फाइलर्स की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है।
फर्जी पंजीकरण की जांच
28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4, 252 फर्मों, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है, को फर्जी पाया गया। इससे कर अपवंचन पर प्रभावी अंकुश लगा और कर अनुपालना में वृद्धि हुई।
डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई
वर्षभर में डेटा एनालिटिक्स के आधार पर 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई।
वहीं, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई।
सेक्टर विश्लेषण और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय
जीएसटी विभाग द्वारा सेक्टर आधारित विश्लेषण और इंटर डिपार्टमेंटल डेटा का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान की गई जिससे ₹101 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया।
सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन
मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत शासकीय विभागों द्वारा जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर इनके सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया।
व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान
राज्य भर में ऐसे 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई। इन सभी ठोस और तकनीक आधारित उपायों का प्रत्यक्ष परिणाम है कि छत्तीसगढ़ आज देश में जीएसटी वृद्धि में शीर्ष स्थान पर है।
भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति तैयार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र को लागू कर, आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थिति में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।"छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की पहचान है। हमारी सरकार ने टैक्स प्रशासन को जनकेंद्रित और टेक्नोलॉजी-संचालित बनाकर यह सिद्ध किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो राजस्व भी बढ़ता है और विश्वास भी। हम इसी गति को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का मॉडल बनाएंगे।"
– श्री विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के प्रवर्तन अनुभाग की टीम द्वारा 02 अप्रैल 2025 को न्यू सिविक सेंटर स्थित प्लॉट/शॉप नं 182 के लीजधारक के विरूद्ध कार्यवाही की गई। उल्लेखनीय है कि लीजधारक द्वारा लीज की अवधि 29 सितम्बर 2012 को समाप्त हो जाने के पष्चात बिना लीज नवीनीकरण कराए अवैध रूप से शॉप का संचालन किया जा रहा था और 77 लाख 52 हजार रूपए के बकाया बिल का भुगतान भी 2014 से नहीं किया गया था। इस पर प्रवर्तन अनुभाग की टीम ने 02 अप्रैल 2025 को शॉप नं 182 के लीजधारक पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उक्त दुकान को पुलिस बल थाना कोतवाली (महिला पुलिस बल सहित) की सहायता से एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट श्री ढ़ाल सिंह बिसेन की उपस्थिति में सील किया।
संपदा न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 56/2016 के तहत उक्त प्लॉट/शॉप नं 182, न्यू सिविक सेंटर भिलाई, जिला दुर्ग (छ.ग.) और श्री दिनेश कुमार सिंघल के विरूध्द डिक्री आदेष पारित कर अवैध कब्जाधारियों पर बेदखली की कार्यवाही कर कब्जाधारियों को परिसर से बेदखल किया गया और विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के कार्मिकों द्वारा प्लॉट/शॉप का विद्युत विच्छेद भी किया गया।
विदित हो कि न्यू सिविक सेंटर स्थित शॉप नं 182 को संचालक जसराज कोचर को 30 वर्ष के लिए लीज पर आबंटित किया गया था। जसराज कोचर ने दिनेश कुमार सिंघल, जो वर्तमान में भिलाई स्टील सिटी चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव है, के नाम से मुख्तारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) निष्पादित किया था। लीज की अवधि 29 सितम्बर 2012 को समाप्त हो गई थी। लीजधारक द्वारा आगामी 30 वर्ष की अवधि के लिए लीज का नवीनीकरण न करवाने के कारण 2015 में दुकान का आवंटन बीएसपी द्वारा रद्द कर दिया गया था। इस बीच 2015 में जसराज कोचर की मृत्यु हो गई। दुकान के कब्जेदार एवं मुख्तारनामा धारक ने मृत्यु की घटना को बीएसपी व दुर्ग एवं उच्च न्यायालय से छिपाए रखा। दुकान से अनाधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करने के लिए 2016 में बीएसपी प्रबंधन द्वारा सम्पदा न्यायालय में मामला भी दायर किया गया था। जिसमें संपदा न्यायालय ने 2017 में बीएसपी के पक्ष में आदेश पारित किया, व जसराज कोचर और दिनेश कुमार सिंघल को दुकान के अनाधिकृत कब्जेदार घोषित कर उनके विरूद्ध बेदखली का आदेश पारित किया।
संपदा न्यायालय के आदेश को दिनेश सिंघल ने दुर्ग न्यायालय में चुनौती दी थी। जिसे दुर्ग न्यायालय ने 2019 के आदेश के तहत संपदा न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। इसके बाद दिनेश सिंघल ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष दुर्ग न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। माननीय उच्च न्यायालय ने फरवरी 2025 को पारित आदेश के तहत याचिका को खारिज कर दिया, जिसके चलते संपदा न्यायालय का आदेश ही प्रभावी हो गया। कार्यवाही के दौरान श्री ज्ञान चंद जैन (जो स्वंय को भिलाई स्टील सीटी चैम्बर ऑफ कामर्स भिलाई का प्रेसीडेण्ट बताते हैं) ने कार्यवाही का भारी विरोध करते हुए कैमरे के सामने रात्रि में दुकान का ताला तोड़ने की धमकी दी।
उक्त बेदखली कार्यवाही में प्रवर्तन अनुभाग व जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी, निजी सुरक्षा गार्ड्स (महिला सुरक्षा गार्ड सहित) के साथ शॉप अनुभाग के कर्मचारी सहित उपयोगी संसाधनों ट्रेक्टर-ट्राली एवं अन्य वाहन के साथ लगभग 300 लोगांे की टीम शामिल थी।
रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के खिलाफ सीबीआई का एफआईआर भाजपा के डर को दिखाता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश बघेल से भाजपा का डर कोई नया नहीं है। ज़ब भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष थे तब रमन सरकार उनके पीछे राज्य की एजेंसियो को लगा कर रखी थी।
उनके पैतृक गांव में खेत को नापने रमन सरकार ने भरी बरसात में राजस्व का पूरा दल भेजा था तथा भिलाई स्थित उनके मकान को नापने के लिए दल भेजा। उनको, उनकी स्व माता जी, पत्नी को ई ओ डब्ल्यू में बैठाया।
उनके खिलाफ सीडी का झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा। सीडी मामले में उनके खिलाफ सीबीआई जांच करवाया जिसमें सीबीआई की अदालत ने डिस्चार्ज कर दिया। उनके पुत्र को आधारहीन मामले पूछताछ करने थाने बुलवाया। मुख्यमंत्री रहते बदनाम करने उनके सहयोगियों के खिलाफ ईडी सीबीआई की रेड मरवाया। एक ड्राइवर के कथित बयान के आधार पर उनके खिलाफ ईडी ने आधारहीन प्रेस नोट जारी कर महादेव एप्प मामले में झूठा आरोप लगाया। सरकार जाने पर ईओडब्ल्यू में झूठा मुकदमा दर्ज कराया। उसी के आधार पर अब सीबीआई से एफआईआर करवाया है। प्रदेश की जनता भाजपा के षडयंत्र को समझ रही है। आने वाले चुनाव में भाजपा के षडयंत्रो का जवाब जनता देगी।
जन सुरक्षा और विकास योजनाओं पर हुई विस्तृत चर्चा
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सुगम यातायात के लिए जिले के मुख्य मार्गों में ब्लॉक स्पॉट का चिन्हांकन करने तथा खराब हुए सड़कों को ठीक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जहां सड़कें ज्यादा खराब हो गई हैं उसे जल्द से जल्द मरम्मत कराना सुनिश्चित करें, जिससे की आमजनों को आवागमन में परेशानी न हो। नेताम ने राष्ट्रीय राजमार्ग-343 के संबंध में चर्चा करते हुए निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये। साथ ही सड़क निर्माण के लिए हो रहे पेड़ कटाई के कार्य में अधिक मानव संसाधन लगाकर जल्द पूरा करने को कहा। उन्होंने सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए सीट बेल्ट, हेलमेट अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश भी दिये। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के मुख्य आतिथ्य में आज संयुक्त जिला कार्यालय बलरामपुर-रामानुजगंज के सभाकक्ष में जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत शासी परिषद के जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा), सड़क सुरक्षा समिति की आयोजित बैठक सम्पन्न हुई।
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति: केंद्रीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के दिये निर्देश
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में मंत्री श्री रामविचार नेताम ने केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए योजनाओं की प्रगति पर बिंदुवार चर्चा की। उन्होंने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये। बैठक में मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सहित अन्य प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की।
सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने अपने संबोधन में स्थानीय बोली के प्रोत्साहन पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारी बैठक में इन क्षेत्रीय बोली का प्रयोग करें। उन्होंने योजनाओं का सही तरीके से प्रचार-प्रसार कर गांव में रहने वालों आमजनों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य करने के भी निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने अधूरे निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कर आमजनों को शासन की योजनाओं का लाभ देने को कहा। श्री महाराज ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से बेहतर कार्य करते हुए जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र के विकास कार्यों की सतत् जानकारी उपलब्ध कराएं।
खनिज न्यास संस्थान के निमार्ण कार्यों की प्रगति ली जानकारी
जिला खनिज न्यास संस्थान अंतर्गत निमार्ण कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री रामविचार नेताम ने इस वित्तीय वर्ष हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने पिछले वर्ष के स्वीकृत कार्यों में पूर्ण हुए कार्यों की इसकी जानकारी ली। बैठक में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा ने जिला खनिज संस्थान न्यास और दिशा समिति से जुड़ी जानकारी के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के महत्वपूर्ण कार्य एवं आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के कार्ययोजना के अनुमोदन तथा गतिविधियों की जानकारी दी।
जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर ने जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत डीएमएफ अंतर्गत प्राप्ति एवं व्यय की राशि की जानकारी, डीएमएफ के कार्यों सहित महत्वपूर्ण कार्यों के संबंध में जानकारी प्रदान की। साथ ही बताया कि क्षेत्र अंतर्गत पेयजल आपूर्ति, पर्यवारण संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला व बाल विकास, कौशल विकास व आजीविका, स्वच्छता, कृषि, पशुपालन के क्षेत्र में प्राथमिकता से कार्य कराया जाएगा।
इस दौरान सरगुजा सासंद श्री चिंतामणि महाराज, विधायक सामरी श्रीमती उद्देश्वरी पैंकरा, विधायक प्रतापपुर श्रीमती शकुंतला पोर्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हीरामुनी निकुंज, कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा, पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ बिलासपुर के कोनी इलाके में रहने वाली रंजिता पटेल हमेशा से आत्मनिर्भर बनना चाहती थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिल रही थी, जिससे वह हताश रहने लगी। लेकिन उसकी जिंदगी तब बदली जब उसने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में सुना। रंजिता ने इस योजना के अंतर्गत जनरल ड्यूटी असिस्टेंट का कोर्स करने का फैसला किया। प्रशिक्षण के दौरान, उसने मरीजों की देखभाल, अस्पताल में आवश्यक प्रक्रियाएं और चिकित्सा उपकरणों के सही उपयोग के बारे में सीखा।
रंजिता को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एक निजी अस्पताल में नौकरी मिल गई। पहले जहां वह बेरोजगार थी और अपने परिवार की आर्थिक मदद नहीं कर पा रही थी, वहीं अब वह हर महीने एक अच्छी सैलरी कमाने लगी। उसकी इस सफलता ने न केवल उसे बल्कि उसके पूरे परिवार को खुशी दी। रंजिता कहती है, अगर यह योजना नहीं होती तो शायद मैं आज भी बेरोजगार होती। इस योजना ने मुझे आत्मनिर्भर बनाया और मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाया। इससे मेरे सपनों को पंख मिल गया है।
रीता यादव, ऋतु यादव और द्रौपदी निषाद ने भी इसी योजना के तहत जनरल ड्यूटी असिस्टेंट का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आज वे विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत हैं। ऋतु यादव बताती हैं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी नौकरी मिल जाएगी। अब मैं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में योगदान दे रही हूं। वहीं, रामेश्वर निषाद, जिन्होंने राजमिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त किया, कहते हैं, अब मैं खुद का व्यवसाय चला रहा हूँ और अपने परिवार को बेहतर जीवन दे पा रहा हूँ। यह योजना मेरे जैसे युवाओं के लिए वरदान साबित हुई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण और आत्मनिर्भरता के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अलावा, राज्य सरकार ने कई अन्य योजनाओं को लागू किया है। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का मानना है कि हर युवा को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलना चाहिए ताकि वे अपने भविष्य का निर्माण कर सकें और छत्तीसगढ़ की समृद्धि में योगदान दे सकें। उनके इस विजन को साकार करने के लिए सरकार ने कई रोजगारोन्मुखी योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना एक महत्वपूर्ण कदम है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना राज्य के युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनकी रुचि और योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर बढ़ाना है। 14 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। वे युवा जो स्कूली या कॉलेज शिक्षा छोड़ चुके हैं और रोजगार की तलाश में हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। प्रशिक्षण पूरी तरह से निःशुल्क है और प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाता है। योजना के अंतर्गत जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, ब्यूटी पार्लर कोर्स, सिलाई प्रशिक्षण, डाटा एंट्री ऑपरेटर, असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन, राजमिस्त्री, डेस्कटॉप पब्लिकेशन, सोलर पैनल ऑपरेटर, जल वितरण संचालक आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना से बिलासपुर जिले के 596 युवाओं को इस वर्ष कौशल प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। कई युवाओं ने नौकरी हासिल की, तो कुछ ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद युवाओं को रोजगार मेलों और प्लेसमेंट कैंपों के माध्यम से नौकरी के अवसर प्रदान किए जाते हैं। रंजिता अब आगे नर्सिंग का कोर्स करना चाहती है ताकि वह और भी बेहतर नौकरी प्राप्त कर सके। वह चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां इस योजना का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर बनें। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना ने रंजिता जैसी कई लड़कियों की जिंदगी बदली है।
रायपुर /शौर्यपथ /राज्यपाल रेमन डेका ने आज अपने बालोद प्रवास के दौरान संयुक्त जिला कार्यालय के जनदर्शन कक्ष में जिले की विभागीय गतिविधियों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान डेका ने खेल गतिविधियों में जिले का नाम रोशन करने वाले उत्कृष्ट खिलाड़ियों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया। राज्यपाल डेका ने जिले के खिलाड़ियों को उनके इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कठिन परिश्रम एवं लगन के साथ खेल के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल कर जिले, प्रदेश एवं देश का नाम रोशन करने को कहा। इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने समाज कल्याण विभाग की ओर से टेकापार निवासी दिव्यांगपुसउराम साहू और बोरिद निवासी श्रीमती पूर्णिता आलेन्द्र को इलेक्ट्रिक व्हील चेयर प्रदान की।
राज्यपाल डेका ने जिले में संचालित जल जतन योजना के तहत् फलस चक्र परिवर्तन कर धान के बदले दलहनी, तिलहनी फसल लेने वाले सनौद निवासी किसान ध्रुवराम साहू से बातचीत की। किसान ध्रुवराम साहू ने राज्यपाल को जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा आयोजित चौपाल में जब उन्हें धान की खेती करने से होने वाले हानि के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने अपना मन बदल लिया और इस साल धान के बदले 05 एकड़ में चना और 05 एकड़ में मक्का की फसल ली है, यह उनके लिए लाभप्रद सिद्ध हुआ है। इसके साथ ही स्वसहायता समूह की सक्रिय महिलाएं श्रीमती आशा सागर और ज्योति साहू ने जानकारी दी कि वे सभी महिलाएं गांव-गांव जाकर लोगों को पानी बचाने की समझाईश दे रही हैं। इस दौरान उन्होंने सिद्धी स्व सहायता समूह, जय मां पहाड़ो वाली स्व सहायता समूह, नवदीप स्व सहायता समूह, बैंक सखी श्रीमती मालती साहू सहित अन्य महिलाओं से चर्चा की और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों और इससे होने वाली आमदनी के संबंध में जानकारी ली। इस अवसर पर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने राज्यपाल डेका को समूह द्वारा तैयार की गई सामग्री भेंट की। राज्यपालडेका ने अंर्तजातिय विवाह करने वाले राजेन्द्र यादव एवं उनकी पत्नी को विभागीय योजना के तहत् 02 लाख 50 हजार रूपये का चेक भी प्रदान किया। इस अवसर पर आईजी श्री रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, पुलिस अधीक्षक एस.आर भगत के अलावा अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
आश्रम-छात्रावासों में बिजली, पानी तथा शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश
आयुक्त श्री एल्मा ने कोण्डागांव जिले में संचालित आश्रम-छात्रावासों की स्थिति की समीक्षा की
रायपुर/शौर्यपथ /आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग के आयुक्त श्री पी.एस. एल्मा ने कोण्डागांव जिले में संचालित आश्रम-छात्रावासों, संस्थाओं और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में आयुक्त श्री एल्मा ने एकलव्य विद्यालयों में बिजली, पानी सहित शौचालयों की स्थिति की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने भवनविहीन आश्रम-छात्रावासों की स्थिति पर चर्चा करते हुए सभी संस्थानों में बरसात से पहले आवश्यक मरम्मत कार्य पूर्ण करने तथा शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आयुक्त श्री एल्मा ने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से कराएं और हेल्थ कार्ड में इसका रिकॉर्ड संधारित हो। उन्होंने कन्या छात्रावासों में सुरक्षा को लेकर महिला होमगार्ड की तैनाती सुनिश्चित करने तथा पुरुष कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगाने के भी निर्देश दिए। जहां महिला नगर सैनिक उपलब्ध नहीं हैं, वहां रात्रिकालीन सुरक्षा के लिए महिला चैकीदार की व्यवस्था करने को कहा। बैठक में डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी सहायक आयुक्त सुश्री निकिता मरकाम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
दंतेवाड़ा के गीदम में मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के लिए 299.85 करोड़ की मिली प्रशासकीय स्वीकृति
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के स्पष्ट निर्देश हैं कि शासन की प्रत्येक योजना का लाभ राज्य की जनता तक पहुँचे और सभी संसाधनों का उपयोग जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाए। मुख्यमंत्री की इस जनकेंद्रित सोच के अनुरूप अब डीएमएफ (जिला खनिज संस्थान न्यास) की राशि का जनहित में लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में उपयोग प्रारंभ हो गया है।
इसी क्रम में दंतेवाड़ा जिले की डीएमएफ शासी परिषद की बैठक में गीदम में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भवन निर्माण कार्य हेतु ₹299 करोड़ 85 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति क्षेत्रीय स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन के लिए लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन) को कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया है। सीजीएमएससी नियमानुसार राज्य शासन एवं पीडब्ल्यूडी मैनुअल के प्रावधानों के तहत निविदा प्रक्रिया, कार्यादेश और निर्धारित समय सीमा का पालन सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में यह पहल न सिर्फ गीदम और दंतेवाड़ा क्षेत्र के लोगों को अपने निवास के समीप उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी, बल्कि यह संपूर्ण बस्तर अंचल के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को भी एक नई दिशा देगी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जनकेंद्रित सरकार की उस अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें विकास, विश्वास और पारदर्शिता को समान रूप से महत्व देते हुए राज्य के प्रत्येक नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प झलकता है।