July 31, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

संवाददाता - हरिया सोनी
 नारायणपुर /शौर्यपथ /53वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल संजय कुमारके दिशा-निर्देशानुसार श्री संजय कुमार भारद्वाज (द्वितीय कमान) के नेतृत्व में आज अबूझमाड़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सी.ओ.बी. कस्तुरमेटा में उप संचालक कृषि एवं जैव प्रौधोगिकी विभाग, नारायणपुर के सहयोग से कृषि जन-जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें श्री लोकनाथ भोयर (सहायक संचालक कृषि), श्रीमति प्रमिला नाग (वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी) द्वारा कृषि उत्पादकता में वृद्धि जैसे बेहतर बीज और उर्वरकों का उपयोग, सिंचाई सुविधाओं का विकास, कृषि मशीनरी और उपकरणों का उपयोग, फसल प्रबन्धन, कीटनाशक के रोकथाम के बारे में उपस्थित सभी ग्रामवासियों को विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही खादय सुरक्षा में सुधार जैसे खाद्यान उत्पादन में वृद्धि, फल और सब्जियों का उत्पादन, पशुपालन और मछली पालन, खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण के बारे में भी जागरूक किया गया तथा सरकार द्वार संचालित कृषि से सम्बन्धित कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया गया। इस मौके पर कृषि एवं जैव प्रौधोगिकी विभाग नारायणपुर द्वारा उपस्थित ग्रामीणों व किसानों को 120 कि०ग्रा० अरहर मिनी के बीज का वितरण किया गया।
 इस अवसर पर श्री संजय कुमार भारद्वाज (द्वितीय कमान) द्वारा ग्रामीणों को संबोधित करते हुये कहा कि, 53वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल आपकी सुरक्षा के साथ-साथ आपके स्वास्थ के लिए सी०ओ०बी० आकाबेडा में फिल्ड हॉस्पीटल व सी०ओ०बी० कस्तुरमेटा में पशु चिकित्सालय स्थापित किये गये है. जिनका उपयोग आप सभी ग्रामवासी अपने स्वास्थ लाभ एवं पशुधन विकास के लिए कर रहे है। साथ ही आज हमनें आपके यहां कृषि जन-जागरूकता शिविर का आयोजन किया है। जिससे आपकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि, किसानों की आय में वृद्धि और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार व रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा कृषि एवं जैव प्रौधोगिकी विभाग, नारायणपुर की तरफ से उपस्थित अधिकारियों का आभार प्रकट किया और भविष्य में भी इसी प्रकार की कृषि जन-जागरूकता शिविरों का समय-समय पर आयोजन जारी रखने हेतु अनुरोध किया। 53वी वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की इस पहल का उपस्थित समस्त ग्रामवासियों ने सराहना की।
 इस मौके पर डॉ० प्रशान्त कुमार सैनी (सी०एम०ओ० एस०जी०), श्री प्रशान्त सोनी उप-सेनानी 53वीं वाहिनी, कृषि विभाग नारायणपुर से श्री राजेश कुमार (ब्लॉक टेक्नॉलाजी मैनेजर), श्री रूपेश कुमार (ग्रामीण विस्तार अधिकारी), श्री टीकम सिंह (ग्रामीण विस्तार अधिकारी), 53वी वाहिनी के अन्य पदाधिकारी एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।

 दुर्ग/शौर्यपथ/नगर निगम शहर क्षेत्र में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैl इसी क्रम मे नगर निगम क्षेत्र में मंगलवार को निगम मेयर अलका बाघमार द्वारा औचक पहुंचकर न्यू आदर्श नगर क्षेत्र सहित अटल आवास बस्ती क्षेत्र मे की जा रही सफाई कार्य का निरीक्षण किया गयाl
इस दौरान निगम स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयो द्वारा किये जाने वाले कार्य जिसमें झाड़ू लगाकार बिखरे कचरे को समेटने के साथ साथ आवासीय एवं व्यावसायिक इलाको मे निस्तारी हेतु बनाई गई नालियो की सफ़ाई समेत सफ़ाई कार्य के विषय मे मेयर श्रीमती बाघमार को निगम टीम द्वारा अवगत कराया गया!इस दौरान एमआईसी देवनारायण चंद्राकर,शेखर चंद्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, नीलेश अग्रवाल, वार्ड पार्षद सविता साहू, उपभियंता विनोद मंझी, विकास दमाहे सहित टीम अमला मौजूद रहे,
मेयर ने कहा की नालियों की सफाई के साथ साथ सड़क किनारे गाजर घासो की कटाई करने के निर्देश दिए,निरीक्षण के दौरान देखा गया की न्यू आदर्श नगर मे नाली के ऊपर सड़क तक लोहे की सीढ़ी व प्लॉप को हटवाने के नोटिस सभी को जारी करने के निर्देश वार्ड इंजीनियर विकास दमाहे को दिए!उन्होंने अटल आवास में स्थित शौचालय जाने वाले सड़क पर पड़े कचरे के ढेर को यथाशीघ्र हटाया जाए।और सुलभ शौचालय की प्रतिदिन साफ सफाई करने के निर्देश दिए।
यहाँ बता दे की निगम मेयर श्रीमति अलका बाघमार द्वारा वार्ड क्रमांक 53 न्यू आदर्श नगर व अटल आवास मे सफाई कार्यों का निरीक्षण किये जाने के समय स्थानीय लोगो से चर्चा भी की गई.साथ ही सफाई कार्य में सहयोग एवं ऐसे सुझाव भी मांगे जिससे निगम प्रशाशन द्वारा सफ़ाई कार्य को और अधिक उत्कृष्ट किया जा सके

समन्वित प्रयासों से निराश्रित पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान आवश्यक : मुख्यमंत्री
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री  साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।
मुख्यमंत्री  साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।
बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।
नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल. उइके ने ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने सोमवार 21 जुलाई को जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक ली। जिसके अंतर्गत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, मलेरिया, टीबी, अंधत्व निवारण, गैर संचारी रोग, कृष्ठ नियंत्रण, महामारी नियंत्रण सहित समस्त ऑनलाईन एण्ट्री की स्वास्थ्य केन्द्रवार समीक्षा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बैठक में मौजूद सभी अधिकारी-कर्मचारियों को लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने और आधार आधारित उपस्थिति का शत् प्रतिशत पंजीयन कराने के कड़े निर्देश दिये। इसके साथ ही आपसी समन्वय बनाकर बेहतर कार्य कर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के निर्देश भी दिये। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने केन्द्र एवं राज्य शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला स्तरीय के खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार चारका, नोडल अधिकारी जितेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री अखिलेश शर्मा, जिला सलाहकार डॉ. अरविन्द मिश्रा, जिला सलाहकार (एन.व्ही.बी.डी.सी.पी.) श्री सुर्यकांत साहू सहित विकासखण्ड स्तर के सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य केंद्र में संचालित व्यवस्था का लिया जायजा
नारायणपुर/शौर्यपथ/ कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने मंगलवार को भाटपाल का दौरा कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केन्द्र और छात्रावास का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इन संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की बारीकी से जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों की स्थिति और उन्हें उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने डॉक्टरों और स्टाफ से दवाओं की उपलब्धता, रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या और स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ममगाईं ने अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, स्टाफ की उपस्थिति और चिकित्सा उपकरणों की स्थिति की भी अवलोकन करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने भाटपाल स्थित छात्रावास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रावास में रह रहे विद्यार्थियों से चर्चा कर भोजन, नाश्ता, शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, लाईट-पंखे और शौचालय की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने छात्रावास अधीक्षक को सभी मूलभूत सुविधाएं समय पर गुणवत्तापूर्ण तरीके से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने बच्चों को मिलने वाले पौष्टिक भोजन, बच्चों की उपस्थिति, खिलौना और शौचालय व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में निरंतर सुधार के निर्देश दिए तथा शासन की योजनाओं को सही रूप में धरातल पर लागू करने की बात कही। उन्होंने शासन की मंशा के अनुरूप जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण सेवाएं समय पर और समुचित रूप से उपलब्ध कराने निर्देशित किया।

जिले के प्राथमिक शालाओं के 08 हजार 517 विद्यार्थियों हेतु पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय के लिए 01 करोड़ 44 लाख रूपये स्वीकृत
01 करोड़ 87 लाख रूपये से अधिक के निर्माण कार्यों का किया भूमिपूजन
एक पेड़ मां के नाम के तहत् किया पौधा रोपण
दिव्यांगजन विद्यार्थियों को वितरण किया गया सहायक उपकरण
नारायणपुर/शौर्यपथ / राज्य सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता और संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप जिले के समस्त शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्यनरत छात्र छात्राओं हेतु शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल में आयोजित पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के प्राथमिक शालाओं के विद्यार्थियों के लिए 01 करोड़ 44 लाख रूपये स्वीकृत किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार के साथ पढ़ने में रूचि बढ़ेगा। वन मंत्री ने कहा कि स्कूल में नाश्ता की मानिटरिंग करने के लिए जनप्रतिनिधियों को दायित्व दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए उपस्थित ग्रामीणों से आव्हान किया कि महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास एवं बीमारी होने पर स्वास्थ्य में लाभ लेने के लिए आयुषमान कार्ड बनाना आवश्यक है। महतारी वंदन योजना से लाभ लेने के लिए बैंक खाता खुलवाएं एवं आधार कार्ड को खाते से लिंक कराएं तभी इस योजना से लाभांवित हो सकते हैं। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि स्कूल मे पढ़ाए हुए विषय को अच्छे से अध्ययन कर अपने जिज्ञास को सार्थक करें। बच्चों से देश के महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री का नाम पूछे जाने पर उपस्थित बच्चों द्वारा सही जवाब दिया गया। वनमंत्री श्री कश्यप ने कार्यक्रम में जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त किया जाएगा, जिसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा अबुझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा कैम्प में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सड़क, पुल पुलिया निर्माण एवं मोबाईल टावर खड़े करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नारायणपुर के विकास के लिए ग्राम पंचायतों में निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 01 करोड़ 87 लाख रूपये का भूमिपूजन किया गया है। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पंचायत स्तर पर गुणवत्तायुक्त निर्माण के लिए मानिटरिंग की आवश्यकता है।
उन्होंने जिले के विकासखण्ड नारायणपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलियारी में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.20 लाख, मातला में 13.64 लाख, कोलियारी में डुमादेवी देवगुड़ी में शेड हेतु 5 लाख, कोरेण्डा में शीतला माता गुड़ी में शेड हेतु 5 लाख, छिनारी में जिमीदारी माता गुड़ी में शेड हेतु 4.54 लाख, दंडवन में बुढ़ीमाता देवगुड़ी में शेड हेतु 4.54 लाख, धनोरा में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 15.05 लाख, राजपुर में आरसीसी पुलिया हेतु 4.81 लाख, भरण्डा में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10 लाख, केरलापाल में आरसीसी सड़क हेतु 10.53 लाख, मालिंगनार में आरसीसी पुलिया हेतु 15.84 लाख, बाकुलवाही में बाउंड्रीवाल हेतु 1.93 लाख, सोनपुर में रंगमंच हेतु 05 लाख, बड़ेजम्हरी में आरसीसी पुलिया हेतु 4.13 लाख, खोड़गांव में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.08 लाख, फरसगांव में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.50 लाख, दुग्गाबेंगाल में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 11.85 लाख इसी प्रकार विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत ग्राम पंचायत नेड़नार में आरसीसी स्लेब कलवर्ट हेतु 24.12 लाख और कोहकामेटा में आरसीसी रोड हेतु 10.75 लाख रूपये, इस प्रकार कुल 01 करोड़ 87 लाख 53 हजार रूपये के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया।
एक पेड़ माँ के नाम एक प्रयास है, जो हमारी मातृभूमि और प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है। इस अभियान का उद्देश्य माँ के नाम पर एक पेड़ लगाना और एक स्थायी स्मृति बनाना है, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि एक हरे और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण में भी योगदान देगा। वनमंत्री श्री कश्यप द्वारा इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत् भाटपाल के शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय परिसर में नींबू एवं आम का पौधा लगाया गया।
प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने संबोधित करते हुए कहा कि जिले के प्राथमिक शालाओं के लगभग 8 हजार 517 विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय किया जाएगा, जिससे स्कूलों की दर्ज संख्या में वृद्धि होगी और पढ़ाई में भी मन लगेगा। जिले के 09 हजार विद्यार्थियांे को आय, जाति, निवास और जन्म प्रमाण पत्र प्रदाय किये गए हैं। जिले में एकल शिक्षक विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षकों का पदस्थापना किया गया है, जिससे शिक्षक विहीन विद्यालय के विद्यार्थियांे को अच्छी शिक्षा मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि 25 अतिथि शिक्षकों और 04 स्टॉप नर्स एवं लैब टेक्निशियन का भी नियुक्त गिया है।
कार्यक्रम में वनमंत्री श्री कश्यप के द्वारा एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा के छात्र नरेन्द्र सलाम को ट्राईसाईकिल, सीमा पोटाई एवं शिव प्रसाद को श्रवण यंत्र, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल की छात्रा निर्मला को व्हील चेयर, छात्र युवराज को एमआर कीट और प्राथमिक शाला बोरावण्ड की छात्रा सरस्वती सलाम को व्हील चेयर वितरण किया गया। कार्यक्रम में नवाचार गतिविधियों पर आधारित शिक्षा अभ्युदय पत्रिका का विमोचन किया गया।
 इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, नगरपालिका अध्यक्ष इंद्रप्रसाद बघेल, सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम, जनपद पंचायत अध्यक्ष पिंकी उसेण्डी, बृजमोहन देवांगन, गौतम एस गोलछा, जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य, अपर कलेक्टर बीरेन्द्र बहादुर पंचभाई, एसडीएम गौतमचंद पाटिल, जनपद सीईओ सुनिल कुमार सोनपिपरे, एसीटीडब्ल्यू के सहायक  आयुक्त डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

प्रदेश में खेती-किसानी का कार्य तेजी के साथ जारी
इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का है लक्ष्य
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का निर्देश: किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता से मिले खाद-बीज
किसानों को 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित
अब तक 446.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज: प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी
  रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश में खेती-किसानी का काम तेजी के साथ जारी है। राज्य में अब तक 36.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, कोदो, कुटकी, अरहर, मूंग, मूंगफली, रामतिल सहित विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है, जो लक्ष्य का 75 प्रतिशत है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 21 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 446.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।  
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें समस्त स्त्रोतों से 7.88 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 7.22 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 146 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 13.78 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 10.20 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 70 प्रतिशत है।     
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा गया है।

   रायगढ़/शौर्यपथ /कपड़ा मंत्रालय ने 2024 के लिए संत कबीर हथकरघा पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की है। ये पुरस्कार देश के हथकरघा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले बुनकरों, डिजाइनरों, विपणक, स्टार्ट-अप और उत्पादक कंपनियों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं।
इस वर्ष छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के बुनकर आकाश कुमार देवांगन को उनके उत्कृष्ट जनजातीय बस्तर जाला कोसा साड़ी के लिए राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के लिए चुना गया है, जिससे राज्य का मान बढ़ा है।
कुल 24 पुरस्कार विजेताओं — जिनमें 5 संत कबीर पुरस्कार और 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार शामिल हैं — को 7 अगस्त 2025, गुरुवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
इस भव्य समारोह में कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह, सांसद, उद्योग जगत के नेता, डिजाइनर, निर्यातक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, छात्र और देशभर से आए 500 से अधिक बुनकर उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP) के तहत हथकरघा विपणन सहायता (HMA) घटक में स्थापित ये पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्पकला, नवाचार और भारत की बुनाई परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए समर्पित व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित करते हैं।
जहाँ संत कबीर हथकरघा पुरस्कार में ₹3.5 लाख की नकद राशि, स्वर्ण सिक्का, ताम्रपत्र, शॉल और मान्यता पत्र दिया जाता है, वहीं राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार में ₹2 लाख की नकद राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाणपत्र दिया जाता है।
पुरस्कार विजेताओं का चयन विशेषज्ञों की भागीदारी वाली कठोर और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है ताकि केवल योग्य और योग्यतम प्रतिभाओं को ही सम्मान मिले।
इस वर्ष के पुरस्कार सरकार की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं कि भारत के हथकरघा कारीगरों का सतत समर्थन कर इस सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर को संरक्षित रखा जाए।

बिलासपुर/शौर्यपथ /नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रायपुर जोनल यूनिट को मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में दो आरोपियों को दोषसिद्ध कराकर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दिलाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। यह कार्रवाई अगस्त 2023 में बिलासपुर जिले के बिल्हा थाना क्षेत्र में 118.110 किलोग्राम गांजा जब्त करने के मामले से जुड़ी है।
एनसीबी इंदौर जोनल यूनिट ने एक विशेष अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए, गांजे से भरी टाटा जेस्ट कार को पकड़ा था, जिसमें यह मादक पदार्थ कार की डिक्की और पिछली सीटों में छुपाया गया था। मौके से दो स्थानीय आरोपियों — प्रवीण कुमार वस्त्रकार और दीपक कुमार मरकाम (दोनों निवासी बिलासपुर, छत्तीसगढ़) को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह सामने आया कि गांजा ओडिशा से लाया गया था और उसे बिलासपुर में वितरित किया जाना था, जो एक संगठित अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट की ओर इशारा करता है।
मामले की विस्तृत जांच के बाद दिसंबर 2023 में आरोपियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई थी। लंबी सुनवाई के पश्चात 17 जुलाई 2025 को चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायालय, बिलासपुर ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और प्रत्येक पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया।
एनसीबी ने इसे नशा मुक्त भारत अभियान की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया है और कहा है कि यह निर्णय संगठित तस्करी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है।
ब्यूरो ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे नशीले पदार्थों की तस्करी और बिक्री की किसी भी जानकारी को राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन नंबर 1933 पर साझा करें। जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।

रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए आयोजित इस बैठक में राज्य शासन के सभी विभागों के प्रभारी सचिव, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और कलेक्टर शामिल हुए। रजत जयंती वर्ष में 15 अगस्त 2025 से 6 फरवरी 2026 तक 25 सप्ताहों के दौरान राज्य के सभी विभागों, माननीय मंत्रिगणों के अनेकों कार्यक्रम शामिल होंगे।
रजत जयंती वर्ष का आयोजन दो चरणों में होगा। पहला चरण 15 अगस्त 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक होगा। दूसरा चरण 01 नंवबर 2025 से 6 फरवरी 2026 तक होगा। रजत जयंती वर्ष के आयोजन के अवसर पर राज्य शासन के सभी विभागों द्वारा अपने साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें उनकी विभागीय योजनाओं एवं राज्य में 25 वर्ष में विभाग द्वारा किए गए कार्यों का समावेश होगा। अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने सभी विभाग के प्रमुख अधिकारियों से शीघ्र ही अपने विभाग की कार्ययोजना संस्कृति सचिव को 5 अगस्त तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जिला कलेक्टरों को भी जिला स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती का उत्सव गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी पर आधारित होगा। जिसमें इनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में जनभागीदारी, सरकारी और निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों सहित आम जनमानस की सक्रियता और सहभागिता से जनगौरव और देशभक्ति को बढ़ावा देने के  उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में विरासत और विश्वास का संगम होगा। जिसमें छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत की गतिविधियों का समावेश होगा। आयोजन में तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता निगरानी की जाएगी।
बैठक में संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव ने रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में प्रस्तुतिकरण के जरिए विस्तार से जानकारी दी। आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. रवि मित्तल ने रजत जयंती कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल करने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों के दौरान विभागों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का समावेश होना चाहिए।
रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रम ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर आयोजित होंगे। बैठक में विभागीय सचिवों से कहा गया है कि वे शीघ्र ही राज्य एवं जिला स्तर पर अपने विभागीय अधिकारियों की नियुक्ति कर दें। रजत जयंती के कार्यक्रम में प्रदर्शनी, जनसम्पर्क भ्रमण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यक संगोष्ठी सहित विद्यालय और महाविद्यालय में प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। आयोजन की सफलता के लिए राज्य शासन के सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है।

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