September 21, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा पर्व के आयोजन के सम्बंध में की समीक्षा
15 अक्टूबर को मुरिया दरबार का होगा आयोजन
द बस्तर मड़ई में बिखरेगी बस्तर की बहुरंगी कला-संस्कृति की छटा

     रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल शाम यहां अपने निवास कार्यालय 75 दिन तक मनाये जाने वाले देश के ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के सफल आयोजन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने इस दौरान बस्तर दशहरा पर्व की गरिमा के अनुरूप सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सर्व संबंधितों को सौंपे गए दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि 75 दिन तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या के दिन पाट जात्रा पूजा विधान के साथ 4 अगस्त 2024 से शुरू हो गया है, जो कि 19 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। यह दशहरा पर्व विभिन्न जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक भावना का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
   मुख्यमंत्री साय को इस दौरान बस्तर दशहरा उत्सव समिति द्वारा इसमें तिथिवार विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिसमें बताया गया कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान 15 अक्टूबर 2024 को मुड़िया दरबार का आयोजन होगा। इसी तरह बस्तर दशहरा को भव्य रूप देने के लिए बस्तर मड़ई, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट, एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम, बस्तर टूरिस्ट सर्किट, दसरा पसरा, नगरगुड़ी टेंट सिटी, टूरिज्म ट्रेवलर्स आपरेटर मीट, देव सराय, स्वच्छता पखवाड़ा जैसे विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। बस्तर दशहरा पर्व में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष यात्री बसों के संचालन के सम्बंध में भी चर्चा की गई।
  4 अगस्त को पाट जात्रा पूजा विधान से शुरू हुए ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व 2024 के अंतर्गत 2 अक्टूबर को काछनगादी पूजा विधान, रेलामाता पूजा विधान। 5 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक प्रतिदिन नवरात्रि पूजा विधान, रथ परिक्रमा पूजा विधान। 12 अक्टूबर को मावली परघाव विधान, 15 अक्टूबर को काछन जात्रा पूजा विधान और मुरिया दरबार, 16 अक्टूबर को कुटुम्ब जात्रा पूजा विधान, 19 अक्टूबर को मावली माता जी की डोली की विदाई पूजा विधान आयोजित है।

  
मुरिया दरबार
  गौरतलब है कि मुरिया दरबार में विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रमुख, नेता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर संस्कृति, परंपरा और प्रथाओं को सहेजने और सामुदायिक मांग तथा समस्याओं पर विचार करते हैं। इस वर्ष 15 अक्टूबर 2024 को मुरिया दरबार का आयोजन किया जायेगा।मुरिया दरबार आयोजन के 10 दिन बाद बस्तर संभाग के मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, पुजारी, कोटवार, पटेल, मातागुड़ी के मुख्य पुजारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।  ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा कई अभिनव पहल की जा रही है। द बस्तर मड़ई के अंतर्गत बस्तर की प्राकृतिक सौन्दर्य, एतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों, एडवेंचर स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा "द बस्तर मड़ई" की अवधारणा तैयार की गयी है।
  बस्तर मड़ई के अंतर्गत 21 सितम्बर को सामूहिक नृत्य कार्यक्रम, 21 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक बस्तर हाट-आमचो खाजा, 24 सितम्बर को सिरहासार परिसर मैदान में बस्तर नाचा, 27 सितम्बर को पारंपरिक लोक संगीत, 29 सितम्बर को बस्तर की कहानियां एवं हास्य कवि सम्मेलन, 30 सितम्बर को बस्तरिया नाचा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। 2 अक्टूबर से बस्तर दशहरा 2024 की समाप्ति तक बस्तर के पारंपरिक व्यंजन के स्टॉल लगाए जाएंगे।
  इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप तथा विधायक द्वय किरण सिंहदेव व सुश्री लता उसेंडी और मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानन्द, बसवराजू एस, राहुल भगत और सचिव अन्बलगन पी, आयुक्त बस्तर डोमन सिंह, बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम, एसपी  शलभ सिन्हा उपस्थित रहे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृत संकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। बलरामपुर जिला के सुरजन कोरवा ने पक्के आवास के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। वे बताते हैं जिले के विकासखण्ड राजपुर के ग्राम पचायत सरगढ़ी के ग्राम गोविन्दपुर के निवासी है। पक्के मकान से पहले वो लकड़ियों और पैरा से बनाए गए झोपड़ी में रहने को मजबूर थे। उनके परिवार में पत्नी और बेटा रहते थे। बेटे की असामायिक मृत्यु हो जाने से घर की हालात और भी खराब हो गई। एक तरफ बेटे के जाने का दुःख और दूसरे तरफ घर की परिस्थितियां उनके मन को चिंतित कर रही थी। लकड़ी और पैरा से बने घर में उन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था, जहां एक तरफ जीव-जन्तु का डर वहीं दूसरी ओर मौसम की मार पेरशानियों को कम नहीं कर रही थी। आगे वे बताते हैं कि मजदूरी कर वह अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में घर बनाने के लिए असहाय थे। तब पीएम जनमन के तहत उनको पक्का आवास मिला।
   सुरजन ने जनमन अभियान से हुए परिवर्तन के बारे में बताया कि आज उनका खुद का पक्का आवास है। वे कहते हैं हम जैसे आदिवासी जनजातियों के लिए प्रधानमंत्री संवेदनशीलता दिखाते हुए प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं। श्री सुरजन के पास आज आधार कार्ड भी है जिसके माध्यम से अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम है और जनमन शिविरों में भी जाकर योजनाओं की जानकारी लेते हैं। ताकि शासन की योजना का लाभ उठा सकें।
   राज्य शासन के द्वारा प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के परिवारों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उनके सामाजिक और आर्थिक विकास में सहयोग प्रदान की जा रही है। जिससे वो विकास के पथ पर अग्रसर हो रहे है। बलरामपुर जिले में पहाड़ी कोरवा समुदाय का एक विशेष स्थान है। जहां शासन-प्रशासन के प्रयासों से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) परिवारों को बेहतर जीवन शैली के लिए मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास जारी है। वैसे तो एक तरह से देखा जा सकता है कि पीवीटीजी परिवारों की स्थितियों में सुधार के लिए कई पहल किए गए हैं। लेकिन जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का सुशासन आया तब से पहाड़ी कोरवा परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पीवीटीजी बसाहटों में पहल तेज हुई है।जहां पीवीटीजी समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इन्ही प्रयासों का नतीजा है कि प्रधानमंत्री न्याय महाभियान अंतर्गत पहाड़ी कोरवा सदस्यों को शासन की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जनमन आवास, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, राशनकार्ड,  आदि महत्वपूर्ण योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

समाचार सार ...
मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश : पूरी पारदर्शिता से अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ
विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने ठोस प्रयास करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों द्वारा आम जनता और स्कूली छात्राओं से दुर्व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जतायी
स्कूली छात्राओं को समय पर सायकिल वितरित करने को कहा, इस पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू



रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।
 मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।
   मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए।  
  मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री जी ने अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है।

  
   मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
  मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की जाएगी।
  मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है।  
   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
   मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
    मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
  मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव  मनोज पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।

संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों में बाढ़ विपदा की आशंका को देखते हुए ओडिसा के मुख्यमंत्री से की चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अनुरोध पर ओडिसा के मुख्यमंत्री ने हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने के दिए निर्देश
ओडिसा के मुख्यमंत्री की बाढ़ रोकने की पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया आभार प्रकट
पहली बार दोनो राज्यों की जनहितैषी सरकारों के मध्य अपूर्व सामंजस्य से लोकहित में लिया गया त्वरित निर्णय

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विगत कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों के अंतर्गत रायगढ़ के गांवों  में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर त्वरित गति से पहल करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से गत रात्रि चर्चा कर हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने का अनुरोध किया जिससे बाढ़ की संभावित आपदा से बचाव हो सके।
  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर ओडिसा के  मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दोनों प्रदेशों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने का आदेश दिया जिससे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में होने वाली जन-धन की संभावित हानि से ग्रामवासियों का बचाव हो सके ।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की इस संवेदनशील पहल के लिए उन्हें हृदय से आभार व्यक्त किया है।
  उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रतिवर्ष भारी बारिश की वजह से हीराकुड बांध के डुबान क्षेत्र में आने के कारण छत्तीसगढ़ के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांवों को बाढ़ की विपदा झेलनी पड़ती थी। इस वर्ष छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनो राज्यों में जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाली जनहितैषी सरकारों के रहने से पहली बार दोनो राज्यों के मध्य अपूर्व सामंजस्य के साथ त्वरित निर्णय लेकर लोकहित में कार्य किए जा रहे हैं। दोनो राज्यों की सरकारों के मध्य ऐसा सामंजस्य पहली बार देखा जा रहा है जिसका यह सुपरिणाम है की अब दोनो राज्यों में प्रत्येक वर्ष भीषण रूप से बाढ़ग्रस्त रहने वाले क्षेत्र वर्तमान में बाढ़ की विपदा से ग्रस्त नही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू
स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सीएम साय ने जताई सख्त नाराजगी  

रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की जनता के हितो के लिए लगातार कार्य क्र रही say सरकार की मंशा स्पष्ट है कि प्रदेश की जनता तक शासन की योजनाये पहुंचे . प्रदेश के अंतिम छोर तक योजनाओं को पहुँचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हो  गया है।  शुरुआती उद्बोधन में मुख्यमंत्री साय ने  कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।
  सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम  करें। उन्होंने  कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है।
 मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने भाषा के संयम को लेकर दी विशेष हिदायत, कहा आपके अधिकारियों से भाषा का संयम नहीं  हो तो सख्त कार्यवाही की  जाए। कलेक्टर स्तर  पर ऐसी गलती हुई तो मैं  स्वयं कारवाई करूंगा lमुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाया  जाए।

रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की साय सरकार लगातार जनहित के कार्यो को सुचारू बनने और शासन की योजनाओ को आम जनता तक पहुँचाने के लिए प्रयास कर रही है . प्रदेश के मुख्यमंत्री साय विभागीय कार्यो के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियो की बैठक लेकर निर्देशित कर रहे . सीएम साय ने जिलाधीशो को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के दिये निर्देश.  मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व सम्बंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों वही अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी सीएम साय ने ली .सीएम साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करें, 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें तथा विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो . सीएम say ने कहा कि सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें . डायवर्शन में जिलों का प्रदर्शन अच्छा है, समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है। आपके अधीनस्थ समय और कोर्ट पहुँचे इसका ध्यान रखें वही राजस्व मामलो में कमिश्नर भी मोनिटरिंग करते रहें .

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश  पर अनुसूचित और  गैर अनुसूचित क्षेत्रों में तैनात डाक्टरों  के  वेतन  में  46 फीसदी  तक की  बढ़ोतरी  की गई  है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और  स्वास्थ्य विभाग ने उठाया बड़ा कदम उठाया  है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि की  गई  है।
  प्राध्यापक को अब अनुसूचित क्षेत्र में 2 लाख 25 हजार तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में मिलेगा 1 लाख 90 हजार रूपए वेतन अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की  गई  है।

मुख्यमंत्री साय की मंशानुरूप राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू
पुलिस में 341 विभिन्न पदों की भर्ती के लिए वित्त विभाग ने दी मंजूरी
  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की भर्ती के लिए वित्त विभाग द्वारा 341 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें सर्वाधिक 278 पद सब इंस्पेक्टर के हैं।
  प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस बल में भर्ती के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी है। स्वीकृत पदों में 19 सूबेदार, 278 उप निरीक्षक, 11 उप निरीक्षक (विशेष शाखा), 14 प्लाटून कमाण्डर, 4 उप निरीक्षक (अंगुल-चिन्ह), 1 उप निरीक्षक (प्रश्नाधीन दस्तावेज), 5 उप निरीक्षक (कम्प्यूटर), और 9 उप निरीक्षक (साइबर क्राइम) शामिल हैं।
  इन रिक्तियों से छत्तीसगढ़ पुलिस बल की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, जिससे कानून व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा। साथ ही, युवाओं को स्थिर और सम्मानजनक करियर के अवसर मिलेंगे। भर्ती की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी जल्द जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने वन शहीदों की स्मृति में वन शहीद स्मारक का किया अनावरण
वन शहीदों की स्मृति में दो मिनट का रखा गया मौन
  रायपुर /शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित राजीव स्मृति वन पहुंचकर वन शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वन शहीदों की स्मृति में वन शहीद स्मारक का अनावरण किया। मुख्यमंत्री श्री साय सहित उपस्थित सभी ने दो मिनट मौन धारण कर वन शहीदों की शहादत को नमन किया।
         मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आज भावनाओं से भरा दिन है। हम उन वीर शहीदों का स्मरण कर रहे है जिन्होंने जंगलों, प्राकृतिक संसाधनों और वन्य जीवों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि वन शहीदों की शहादत हमें पर्यावरण संरक्षण की महत्ता और इसे संरक्षित करने हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।
          इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री, वन मंत्री और राजस्व मंत्री ने अपने पिता की स्मृति में पौधा रोपा।
         गौरतलब है कि वन शहीदों की स्मृति में आज राजधानी रायपुर के राजीव स्मृति वन में 20वां राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजित किया गया।
      कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव, अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष श्री सतीश मिश्रा, चेयरमैन श्री दिग्विजय सिंह सहित विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारी और बड़ी संख्या में वनकर्मी मौजूद रहे।

 एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से चुने गए अध्यक्ष
खेलों को बढ़ावा देने और खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य सरकार करेगी हर संभव प्रयास : मुख्यमंत्री श्री साय
पहाड़ी कोरवा लोगों की नैसर्गिक तीरंदाजी प्रतिभा को तराशने जशपुर क्षेत्र में आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे
  रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। मुख्यमंत्री निवास में आज आयोजित की गई एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्व सम्मति से मुख्यमंत्री श्री साय को अध्यक्ष चुना गया।
   मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए गौरव की बात है, आप लोगों ने सर्वसम्मति से मुझे छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना। इसके लिए आप सभी का हृदय से आभार। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एसोसिएशन के अनेक आयोजनों में मुझे शामिल होने का मौका मिला। राष्ट्रीय आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अर्जुन मुंडा जी के साथ भी मुझे आयोजनों में शामिल होने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आर्चरी एसोसिएशन ने बड़ी कुशलता और परिश्रम से छत्तीसगढ़ के तीरंदाजों की प्रतिभा को तराशा जिससे हमारे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर सहित अनेक प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर पदक जीते।
  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैं स्वयं इस एसोसिएशन जुड़ गया हूं, सभी के सहयोग और मार्गदर्शन में आर्चरी एसोसिएशन के कार्यों को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं जनजातीय बहुल जशपुर क्षेत्र से आता हूं। बचपन में हम लोग भी तीर धनुष लेकर शिकार किया करते थे। आर्चरी हम सभी लोगों का विशेष रूप से जनजातियों का पसंदीदा खेल है।जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा निवास करती है। ये लोग बड़े धनुर्धर होते हैं, प्राचीन काल में पहाड़ी कोरवा तीर धनुष से शिकार करते थे। आज भी उनके हर घर में तीन धनुष रहता है। श्री साय ने कहा कि इन लोगों की तीरंदाजी की नैसर्गिक प्रतिभा को तराशने के प्रयास किए जाने चाहिए। अभी प्रदेश में तीरंदाजी की तीन अकादमी हैं। जशपुर जिले में भी आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को एक करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। खेलों के विकास के लिए जो भी आवश्यक होगा किया जाएगा। हमारे छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी आर्चरी के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रौशन करें।
  इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विक्रम सिसोदिया सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारी उपाध्यक्ष श्री भारत मटियारा, श्री रामलखन पैकरा, श्री दीपेश अरोरा सहित अनेक पदाधिकारी, ऑब्जर्वर सर्वश्री अकरम खान, सुमंता चंद्र मोहंती, प्रवेश जोशी सदस्य गण, तीरंदाजी में पदक विजेता खिलाड़ी उपस्थित थे।

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