April 19, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

छत्तीसगढ़ में जनता टैक्स के बोझ और व्यापारी जीएसटी के भयादोहन से परेशान
  रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ जीएसटी वसूली में देश में नंबर आने के सरकार के दावे पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि विष्णुदेव साय सरकार कर वसूली के मामले में अंग्रेजों से भी बेरहम है। जन विरोधी भाजपा सरकारों का एक सूत्रीय नारा है की दैनिक उपभोग की वस्तुएं महंगी कर दो ज्यादा कीमत अर्थात उस पर ज्यादा टैक्स और सरकार को ज्यादा आमदनी। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है आमदनी घटी है, आम जनता की क्रश क्षमता घटी है, ऐसे में जीएसटी कलेक्शन में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आम जनता से बेरहमी से कर वसूल रही है। सरकार ने टैक्स वसूली के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया, फाईन अर्थदंड ज्यादा वसूला, जबरिया छापेमारी कर व्यापारियों से भयादोहन किया गया। इसी से राज्य का जीएसटी कलेक्शन बढ़ गया। जिस बात के लिए भाजपा की सरकार को आम जनता से माफी मांगनी चाहिए उसे उपलब्धि बता कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
   प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि ओपी चौधरी के वित्त मंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ के व्यवसायी भय और आतंक के माहौल में व्यवसाय करने मजबूर हैं। प्रदेश के राजस्व संग्रहण में प्रमुख योगदान देने वाले आम व्यापारीयों से साय सरकार चोर और डकैतों के समान व्यवहार कर रही है। केवल जीएसटी से इस लोभी सरकार का पेट नहीं भर रहा है, व्यापारियों के परिसर में अनावश्यक छापे डाले जा रहे हैं, अनुचित ब्याज और पेनाल्टी जबरिया वसूला जा रहा है, व्यापारियों के बीच भय का माहौल व्याप्त है। जीएसटी की इतनी बर्बतापूर्वक कार्यवाहियां पूरे देश में कहीं नहीं हो रही है, जितना बीजेपी सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ में हो रही है। व्यापारियों के खिलाफ प्रशासनिक आतंक, दमन और अत्याचार के मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार की गलत औद्योगिक नीतियों के चलते प्रदेश में नए उद्योग तो लग नहीं पा रहे हैं बल्कि पूर्व से संचालित उद्योग भी लगातार बंद हो रहे हैं। घटते उत्पादन क्षमता के बावजूद जीएसटी संग्रहण में ऐतिहासिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि साय सरकार अत्यधिक टैक्स, अनुचित ब्याज और पेनाल्टी वसूल कर बचे खुचे उद्योग और व्यवसाय का भी कमर तोड़ रही है। भाजपा की सरकार आने के बाद उद्योगों को दी जाने वाली बिजली के दाम चार-चार बार बढ़ाए गए जिसके चलते बड़ी संख्या में स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, राइस मिल सहित कृषि और वन आधारित उद्योग बंद हुए हैं, बड़ी संख्या में रोजगार घटे हैं, घरेलू बचत कम हुआ है, क्रय क्षमता घटी है उसके बावजूद आमजनता से जीएसटी की अधिक वसूली भाजपा सरकार के जन विरोधी चरित्र का प्रमाण है।

 बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में -केदार कश्यप
 उप मुख्यमंत्री और वनमंत्री ने किया बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन
 मंत्रियों ने स्टॉल का अवलोकन करने सहित स्थानीय व्यंजन का स्वाद लेकर की सराहना
 रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ बस्तर पंडुम का आयोजन
 रायपुर/शौर्यपथ /राज्य शासन द्वारा बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित कर इसे देश और वैश्विक पटल पर रखने सहित स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों को अमिट पहचान और समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2025 यथा बस्तर का उत्सव का भव्य संभागीय स्तरीय कार्यक्रम आयोजन दंतेवाड़ा के हाईस्कूल मैदान में किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर पंडुम के संभागीय स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नवरात्रि के अवसर पर बस्तर की वैभव-गौरवशाली संस्कृति को सहेजने और संवारने सहित वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए सरकार ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम का आयोजन किया है। जिससे बस्तर की संस्कृति, परंपरा को दुनिया के लोगों को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। बस्तर अद्भुत सांस्कृतिक परम्परा, रीति रिवाज और जनजातीय व्यंजन से समृद्ध है, इस पावन धरा में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। इस क्षेत्र में मेरा जन्म ना होने से यहाँ की संस्कृति और अनेक स्वादिष्ट व्यंजन से मैं वंचित रहा हूँ पर आज इस कार्यक्रम में मुझे बस्तर की सभी स्वाद का अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने बस्तर में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु सार्थक प्रयास करने की बात कही ।
 वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम की चर्चा देश-विदेश में हो रही है लोग बस्तर की संस्कृति को समझने के लिए लालायित हो रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के स्थानीय व्यंजन, वेशभूषा- आभूषण जोे विलुप्तप्राय हैं ऐसी समृद्ध संस्कृति को बचाने की पहल बस्तर पंडुम के माध्यम से की जा रही है। इस कार्यक्रम में समूचे संभाग के जिलों के प्रतिभागियों द्वारा शानदार प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने दंतेवाड़ा का फाल्गुन मंडई और बस्तर में आयोजित बस्तर दशहरा को सामाजिक समरसता का प्रतीक निरूपित करते हुए कहा कि समाज के लोग इस परंपरा को संवर्धित कर रहे हैं। हमारे बस्तर क्षेत्र में जन्म से मृत्यु तक पंडुम मनाते हैं। इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का संदेश देने में हमारी परंपरा, रीति -रिवाज की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी ।
कार्यक्रम के शुरुआत में दोनों मंत्रियों ने प्रदर्शनी में लगे जनजातीय कला स्टॉल का अवलोकन कर प्रदर्शनी में लगे जनजातीय संस्कृति के वाद्य यंत्र का वादन किया और स्थानीय एवं जनजातीय व्यंजन का स्वाद लेकर सराहना किए। इस अवसर पर विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी   सुंदरराज पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, डीआईजी  कमलोचन कश्यप, कलेक्टर  मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, सीईओ जयंत नाहटा सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।
 इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत सात विधाएं शामिल की गई है। जिसमें संभाग के सातों जिलों के विजेताओं के मध्य प्रतियोगिता आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत-चौतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेशभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने 8 विशेषज्ञ चिकित्सकों व 31 चिकित्सा अधिकारियों के संविदा नियुक्ति आदेश जारी, स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किया आदेश
ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला अस्पतालों को मिले नए चिकित्सा अधिकारी व विशेषज्ञ चिकित्सक
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने व स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी हेतु पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा पदों  पर विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में में 31 चिकित्सा अधिकारियों (संविदा) व 08 विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा)  की पदस्थापना की गई है।  जिससे त्वरित इलाज में तेजी आएगी और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। इन डॉक्टरों को संबंधित जिले के विभिन्न ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला चिकित्सालयों में पदस्थ किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा आज इन नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के जारी आदेश में डॉ. रितु बघमार जिला अस्पताल बलौदा बाजार-भाठापारा, डॉ. गौरव दानी जिला अस्पताल बेमेतरा, डॉ अशफाक हुसैन जिला अस्पताल दंतेवाड़ा, डॉ संतराम चुरेन्द्र व डॉ. ऋचा वर्मा की जिला अस्पताल दुर्ग, डॉ संजय कुमार सिंह जिला अस्पताल जांजगीर चांपा, डॉ मिलिंद मनोहर देवधर, शहरी सामुदायिक केन्द्र रायपुर व डॉ शिवम जायसवाल की जिला अस्पताल सूरजपुर में पदस्थापना की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने भारत की प्राचीन विधा योग को विश्वपटल पर किया स्थापित - मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय
स्वस्थ तन-मन के लिए योग को करें अपनी दिनचर्या में शामिल - मुख्यमंत्री
रायपुर/शौर्यपथ / योग आत्मा, मन और शरीर को संतुलित करने का सबसे बड़ा माध्यम है। हमारे प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने योग को विश्वपटल पर स्थापित किया और आज पूरी दुनिया भारत की इस प्राचीन विधा को अपनाकर आरोग्य की प्राप्ति कर रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा के पदभार ग्रहण हेतु अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित गरिमामयी समारोह में मुख्यमंत्री  साय ने संतों का अभिवादन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री   साय ने योग आयोग के नव-नियुक्त अध्यक्ष सिन्हा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि  सिन्हा को छत्तीसगढ़ को जोड़ने और स्वस्थ रखने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जनसेवा को समर्पित उनका सामाजिक जीवन और सांगठनिक दायित्वों के लंबे अनुभव का लाभ योग आयोग के साथ ही प्रदेशवासियों को भी मिलेगा। 2017 में स्थापित योग आयोग की अब तक की यात्रा शानदार रही है और   सिन्हा के नेतृत्व में यह नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।
  मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि भारत में योग ऋषि-मुनियों की देन है और वे इस सुंदर परंपरा के संवाहक भी हैं। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है और इसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही योग रूपी इस चेतना का विश्वभर में विस्तार हुआ और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने को मान्यता दी। श्री साय ने कहा कि योग विश्वभर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें स्वस्थ तन-मन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और भावी पीढ़ी को योग से जोड़कर इसका महत्व समझाना चाहिए।
  योग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष  रूपनारायण सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि योग सभी के लिए है और सभी को जोड़ने का काम करता है। संगठन में काम करते हुए सदैव मैंने लोगों को जोड़ने का कार्य किया है और आज मुझे योग आयोग के माध्यम से सभी को जोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सिन्हा ने कहा कि प्रकृति में अनेक महत्वपूर्ण संपदाएं उपलब्ध हैं, परंतु इनमें सर्वश्रेष्ठ मानव संपदा है। मुख्यमंत्री जी ने मुझे मानव संपदा को स्वस्थ रखने का जिम्मा सौंपा है और इसे पूरा करने के लिए योग को जन-जन तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।हमारे प्रधानमंत्री जी नियमित योग करते हैं। उनकी ऊर्जा और कार्यक्षमता से आज सारी दुनिया वाकिफ है।   सिन्हा ने योग की विश्वव्यापी लोकप्रियता और प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, पूर्व राज्यपाल   रमेश बैस, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक   मोतीलाल साहू, विधायक   संपत अग्रवाल, विधायक अनुज शर्मा, डॉ. रामप्रताप सिंह,  संजय श्रीवास्तव, महामंडलेश्वर  हरिहरानंद महाराज, पूज्य संत उदयनाथ जी महाराज, श्री वासु देवानंद जी महाराज, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री भुवनेश यादव, संचालक समाज कल्याण श्रीमती रोक्तिमा यादव सहित पूजनीय संत समाज, योग आचार्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने सुप्रसिद्ध कवि, लेखक एवं पत्रकार पद्मभूषण पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती (04 अप्रैल) पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पंडित माखन लाल चतुर्वेदी को स्मरण करते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में प्रकृति प्रेम, त्याग, बलिदान और देशभक्ति का अनुपम संगम दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी ने अपनी प्रभावशाली लेखनी के माध्यम से जनमानस में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत की और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बिलासपुर के सेंट्रल जेल में लिखी गई उनकी प्रसिद्ध कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ आज भी लोगों के हृदय में देशभक्ति की भावना का संचार करती है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि चतुर्वेदी जी की उत्कृष्ट रचनाएं, उनमें निहित राष्ट्रप्रेम और संवेदना भावी पीढ़ियों के मन में सदैव देशभक्ति की भावना का संचार करती रहेंगी।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि (03 अप्रैल) पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक नाम नहीं, बल्कि भारतमाता की आत्मा में रचा-बसा वह स्वाभिमान हैं, जिन्होंने स्वराज्य का स्वप्न देखा और उसे यथार्थ में परिणत किया। वे साहस, संकल्प और राष्ट्रभक्ति की सजीव प्रतिमूर्ति थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिवाजी महाराज भारतीय संस्कृति, नीति और नेतृत्व के अमिट प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल धार्मिक सहिष्णुता, जनकल्याण और न्यायप्रिय शासन की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि एक सच्चा शासक केवल तलवार से नहीं, नीति, मूल्य और जनसेवा से पहचाना जाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज जब देश नए भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ रहा है, तब शिवाजी महाराज की सोच, उनका साहस और स्वराज्य का दर्शन हमारे लिए प्रेरणापुंज बन सकता है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के जीवन से हमे यह प्रेरणा मिलती है कि जब संकल्प अडिग हो और ध्येय राष्ट्रहित, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
मुख्यमंत्री  साय ने युवाओं को प्रेरित किया कि शिवाजी महाराज के राष्ट्रप्रेम के आदर्श का अनुसरण करते हुए राष्ट्र की उन्नति में अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और समय को समर्पित कर सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनें।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹16,390 करोड़ का जीएसटी संग्रह, दर्ज की गई 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने कुल ₹16,390 करोड़ का जीएसटी राजस्व संग्रह कर देशभर में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर स्थापित करती है। इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
मार्च 2025 में पहली बार ₹2000 करोड़ से अधिक का मासिक संग्रह
मार्च 2025 में  छत्तीसगढ़ को SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है। यह पहली बार है जब राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।
मार्च 2025 में ही IGST मद में ₹756.73 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रह ₹2,057.82 करोड़ रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43 प्रतिशत की प्रभावशाली मासिक वृद्धि दर्शाता है। जीएसटी आने के बाद छत्तीसगढ़ ने पहली बार एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है।
बेहतर प्रशासन, तकनीक का समावेश और सतत निगरानी से मिली ऐतिहासिक सफलता
यह उल्लेखनीय प्रगति राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग में किए गए व्यापक सुधार, नवाचार और नई कार्यसंस्कृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और वाणिज्यिक कर मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में विभाग ने जीएसटी प्रशासन को अधिक सक्रिय, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने हेतु निर्णायक कदम उठाए हैं।
नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण
रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की निरंतर निगरानी एवं संवाद के माध्यम से अनुपालना दर में बड़ा सुधार हुआ है। नॉन-फाइलर्स की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है।
फर्जी पंजीकरण की जांच
28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4, 252 फर्मों, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है, को फर्जी पाया गया। इससे कर अपवंचन पर प्रभावी अंकुश लगा और कर अनुपालना में वृद्धि हुई।
डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई
वर्षभर में डेटा  एनालिटिक्स के आधार पर 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई।
वहीं, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई।
सेक्टर विश्लेषण और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय
जीएसटी विभाग द्वारा सेक्टर आधारित विश्लेषण और इंटर डिपार्टमेंटल डेटा का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान की गई जिससे  ₹101 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया।
सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन
मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत शासकीय विभागों द्वारा जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर इनके सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया।
व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान
राज्य भर में ऐसे 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में बढ़ोतरी  सुनिश्चित हुई। इन सभी ठोस और तकनीक आधारित उपायों का प्रत्यक्ष परिणाम है कि छत्तीसगढ़ आज देश में जीएसटी वृद्धि में शीर्ष स्थान पर है।
भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति तैयार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र को लागू कर, आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थिति में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
"छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की पहचान है। हमारी सरकार ने टैक्स प्रशासन को जनकेंद्रित और टेक्नोलॉजी-संचालित बनाकर यह सिद्ध किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो राजस्व भी बढ़ता है और विश्वास भी। हम इसी गति को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का मॉडल बनाएंगे।"

नई दिल्ली। शौर्यपथ।बहुचर्चित मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में मोहाली की विशेष सीबीआई अदालत ने पंजाब पुलिस के चार पूर्व पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया है. न्यायाधीश राकेश कुमार गुप्ता की अदालत में सुनाए गए फैसले में आरोपियों को भ्रष्टाचार और जबरन वसूली से संबंधित आरोपों में दोषी पाया गया.

 

दोषी करार दिए गए अधिकारी:

तत्कालीन एसएसपी मोगा दविंदर सिंह गरचा

तत्कालीन एसपी (हेडक्वार्टर) मोगा परमदीप सिंह संधू

तत्कालीन एसएचओ, थाना सिटी मोगा रमन कुमार

तत्कालीन एसएचओ, पुलिस स्टेशन सिटी मोगा इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह

अदालत ने दविंदर सिंह गरचा और पी.एस. संधू को भ्रष्टाचार रोकथाम (पीसी) एक्ट की धारा 13(1) और 13(2) के तहत दोषी ठहराया है. इसी तरह रमन कुमार और अमरजीत सिंह को पीसी एक्ट और आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी करार दिया गया है. इसके अलावा अमरजीत सिंह को आईपीसी की धारा 384 और 511 के तहत भी दोषी ठहराया गया है.

हालांकि, अदालत ने अकाली नेता बरजिंदर सिंह उर्फ मखन और सुखराज सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. अदालत ने दोषियों को सजा सुनाने के लिए 4 अप्रैल की तारीख तय की है. इस मुकदमे की पैरवी सीबीआई के सरकारी वकील अनमोल नारंग ने की थी.

कैसे पहुंची जांच सीबीआई तक?

शुरुआत में यह मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद सीबीआई ने दर्ज किया था. 11 दिसंबर 2007 के आदेशानुसार जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. अदालत ने राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव का हवाला देते हुए राज्य पुलिस की निष्पक्ष जांच करने की क्षमता पर सवाल उठाया था. इसके बाद सीबीआई ने पीसी एक्ट 1988 की धारा 7, 13(2) और आईपीसी की धारा 384, 211 और 120B के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

क्या थे आरोप?

जांच के दौरान पता चला कि दविंदर सिंह गरचा, परमदीप सिंह संधू, अमरजीत सिंह और रमन कुमार ने सरकारी अधिकारी होने के नाते अकाली नेता तोता सिंह के बेटे बरजिंदर सिंह उर्फ मखन और अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध आर्थिक लाभ लेने की साजिश रची. उन्होंने कथित तौर पर झूठी एफआईआर दर्ज करवाईं और निर्दोष लोगों को केस से बाहर निकालने के लिए रिश्वत ली. इस साजिश में झूठे हलफनामे का भी इस्तेमाल किया गया.

गवाहों की भूमिका

इस मुकदमे के दौरान मनप्रीत कौर को सरकारी गवाह बनाया गया, लेकिन बाद में अदालत ने उसे विरोधी घोषित कर दिया, जिसके चलते उसके खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई शुरू हुई. इसके अलावा रणबीर सिंह उर्फ राणू और करमजीत सिंह बाठ ने सरकारी गवाह के रूप में गवाही दी. वहीं, एक अन्य आरोपी मनजीत कौर की मुकदमे के दौरान मौत हो गई, जिससे उसके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई.

नक्सलियों के द्वारा पक्का आवास बनाने की अनुमति नहीं दी जाती थी
सुरक्षा कैंप लगने से बदलने लगी गांव की तस्वीर

   बीजापुर / शौर्यपथ / नक्सलवाद का  काला धुँध साफ होने  के  साथ  नक्सल प्रभावित  गाँवों में  विकास  की  रोशनी पहुंचने  लगी है। इसका सबसे  बड़ा  उदाहरण है  बीजापुर   जिले  ग्राम पंचायत धरमारम, जहां आजादी  के बाद  पहला  पक्का  आवास  बना  है।  प्रधानमंत्री  आवास योजना के  अंतर्गत 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती गुंडी बुचमा का  पक्का  आवास  बनकर  तैयार है।  
 पति की मृत्यु के बाद भी श्रीमती गुंडी बुचमा ने हिम्मत नहीं हारी आतंक और भय के माहौल में उसने अपने बेटे को शिक्षा से जोड़े रखा। वर्तमान में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में श्रीमती गुंडी बुचमा का   आवास बनकर तैयार है। क्षेत्र में श्रीमती गुंडी बुचमा का आवास आजादी के 77 वर्ष बाद सच्ची आजादी का एहसास करा रही है।
    श्रीमती गुंडी बुचमा के आवास की कहानी इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है चूंकि ग्राम पंचायत धरमारम माओवाद से प्रभावित गांव होने के कारण शासकीय योजनाओं का संचालन कठिन था। आजादी केे 77 वर्ष बाद भी आंतक और भय में ग्रामीण जीने को मजबूर थे। नक्सल प्रभाव के कारण ग्राम पंचायत में पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही थी।
श्रीमती गुंडी बुचमा एक अकेली महिला जो अपने बच्चे को खेती-बाड़ी कर पालन-पोषण कर रही थी। अपने बच्चे को दूसरे पंचायत में भेज कर 12वीं तक पढ़ाया, जो की उनके लिए एक उपलब्धि है।
 गांव में सुरक्षा कैंम्प लगने के साथ माओवाद का अंधियारा भी छटने लगा। वित्तीय वर्ष 24-25 में ग्राम पंचायत के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली। शुरूआत में ग्रामीण डर की वजह से आवास निर्माण करने में डर रहे थे। समय के साथ श्रीमती गुंडी बुचमा ने आवास का निर्माण प्रारंभ किया। वर्तमान में उनका पक्का  छत वाला आवास बनकर तैयार हो गया है।
  श्रीमती गुंडी बुचमा के पुत्र का कहना है कि माओवाद के डर से किसी तरह झोपड़ी में बिना बिजली, सड़क, पानी के जीवन कट रहा था। अब हमारा पक्का  आवास  बन  गया है। सुरक्षा कैम्प लगने के साथ धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल रही हैं। मैं शासन प्रशासन का धन्यवाद करता हूं।

  रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश में सरकार बनने के 16 महीने बाद आख़िरकार नवरात्री के पावन पर्व पर प्रदेश सरकार ने निगम ,मंडल अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षो की सूचि जारी कर दी .
भूपेंद्र सवन्नी अध्यक्ष क्रेडा, लोकेश कावड़िया अध्यक्ष छत्तीसगढ़ निशक्तजन वित्त विकास निगम, राकेश पाण्डेय अध्यक्ष छ.ग.खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड , सौरभ सिंह अध्यक्ष खनिज विकास निगम, शशांक शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, राजीव अग्रवाल अध्यक्ष सीएसआईडीसी, संजय श्रीवास्तव अध्यक्ष नागरिक आपूर्ति निगम, दीपक महसके अध्यक्ष सीजीएमएससी बनाए गए हैं. गौरीशंकर श्रीवास को छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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