December 03, 2024
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

    दुर्ग / शौर्यपथ / खुर्सीपार थाना क्षेत्र में ई-रिक्शा चोरी के मामले में आरोपियों को पकडऩे पर एक साल पुराना एक और चोरी का मामला सामने आया। दरअसल खुर्सीपार पुलिस ने ई-रिक्शा चुराने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया तो पूछताछ में इन दोनों ने एक साल पुरानी एक नकबजनी के बारे भी बताया।
      यही नहीं पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर सोने के जेवर भी बरामद किए। खुर्सीपार पुलिस ने आरोपी के कब्जे से सोने चांदी के जेवरात, ई-रिक्शा जुमला कीमती तकरीबन 7.50 लाख बरामद किया है। बता दें बापू नगर खुर्सीपार अस्पताल के पास हरेकृष्णा शाह नाम के शख्स का ई-रिक्शा उसके घर के सामने से चोरी हो गया था। हरेकृष्णा ने थाने में शिकायत दर्ज करते हुए बताया कि 16 नवंबर की शाम 5 बजे ई-रिक्शा अपने घर के सामने में खड़ी किया और दूसरे दिन सुबह 4 बजे उठकर देखा तो उसका ई-रिक्शा मौजूद नहीं था। शिकायत पर पुलिस ने धारा 303 (2) भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की। आरोपियों की पतासाजी के लिए खुर्सीपार पुलिस व एसीसीयू की टीम लगी रही।
    इस दौरान विशेष सूत्र लगाए गए और निगरानी बदमाशों पर नजर रखी जा रही थी। घटना स्थल के आसपास एवं आवागमन के रास्तों में लगे सीसीटीवी फूटेज का अवलोकन किया जा रहा था। इस दौरान विशेष सूत्रों से पता चला कि खुर्सीपार निवासी मिराज आलम अपने पास एक बिना नम्बर की ई-रिक्शा रखा हुआ है और जिसे बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहा है। सूचना पर पुलिस ने मेराज आलम को पावर हाऊस ब्रीज के पास ई-रिक्शा के साथ पकड़ा। ई-रिक्शा के पेपर मांगने पर वह टाल मटोल करता रहा।
पुलिस को गुमराह कर रहा था आरोपी
    मिराज आलम बार-बार कहानी बनाकर पुलिस की टीम को गुमराह कर रहा था। मेराज आलम का पूर्व से ही चोरी की घटनाओं में अपराधिक रिकार्ड रहा है जिससे टीम भलीभांति वाकिफ थी इसलिए उसके टाल मटोल करने की प्रवृत्ति को समझकर सख्ती से पूछताछ की। कड़ाई से पूछताछ करने पर मेराज आलम द्वारा उक्त ई-रिक्शा अपने साथी देना बैंक स्वीपर मोहल्ला निवासी शांता राव के साथ मिलकर बापू नगर सरकारी अस्पताल के पास से चोरी करना स्वीकार किया। पुलिस ने इसके बाद शांता राव को भी गिरफ्तार किया।
2023 में हुई चोरी में भी इनका हाथ
   आरोपियों से पूछताछ के दौरान अगस्त 2023 में गौतम नगर जोन 01 खुर्सीपार में हुई एक चोरी में इनका होना पाया गया। आरोपियों ने बताया कि 11 अगस्त 2023 को गली नम्बर 03 गौतम नगर जोन 01 खुर्सीपार में राजदेव के घर चोरी की थी। आरोपियों की निशानदेही पर सोने का हार 01 नग, सोने की चैन 01 नग,सोने का कंगन 01 जोड़ी, सोने की अंगूठी 02 नग सोने की बाली 04 नग, सोने की फुल्ली 01 नग, चांदी का पायल 01 जोड़ी एवं 01 नग, ई-रिक्शा जुमला कीमती 7.50 लाख रुपए बरामद किया गया। इस पूरी कार्रवाई में एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट दुर्ग से प्रधान आरक्षक सगीर खान, चन्द्रशेखर बंजीर, आरक्षक रिंकू सोनी, भावेश पटेल, राकेश अन्ना, अजय गहलोत, विक्रांत यदु एवं थाना खुर्सीपार से प्रधान आरक्षक रोहित यादव की उल्लेखनीय भूमिका रही।

   भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएँ विभाग के अन्तर्गत टाउन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा वार्षिक रखरखाव योजना 2024-2025 के तहत टाउनशिप में विद्युतीय मेंटेनेंस एवं अनुरक्षण कार्य संपादित किये जा रहे हैं। ब्रेकडाउन को कम करने और सिस्टम की दक्षता बढ़ाने के लिए विद्युत सिस्टम के यथोचित रखरखाव पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
नवम्बर 2024 से मार्च 2025 के दौरान एचटी सिस्टम के निवारक रखरखाव के लिए टाउनशिप के विभिन्न स्थानों में योजनाबद्ध शटडाउन किया जाएगा। इस वार्षिक रखरखाव योजना के अंतर्गत सबस्टेशन, टैपिंग, डीपी और मेंटेनेंस,ओवरहालिंग, ओवर हेड लाइनों का मेंटेनेंस, जम्पर कसना, क्षतिग्रस्त पिन को  बदलना, डिस्क इंसुलेटर और लाइटनिंग अरेस्टर, ट्रांसफार्मर का मेंटेनेंस आदि कार्य किये जायेंगे। यह कार्य प्रतिदिन योजनानुसार पूर्ण किये जाते हैं। इस कार्य के तहत टाउनशिप में 02 दिसम्बर से 07 दिसम्बर 2024 के मध्य विभिन्न स्थानों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित रहेंगी।
     तिथि अनुसार प्रभावित होने वाले क्षेत्र हैं:- 02 दिसम्बर 2024 को जेएलएन हॉस्पिटल के कुछ क्षेत्र, 03 दिसम्बर 2024 को खुर्सीपार जोन-2 व 3, 04 दिसम्बर को जेएलएन हॉस्पिटल के कुछ क्षेत्र, सेक्टर-6 व 9, रूआबांधा,वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 05 दिसम्बर 2024 को टेलीफोन एक्सचेंज सेक्टर-05,सेक्टर-06 का एक तिहाई हिस्सा, सेक्टर-5, टीए बिल्डिंग, 06 दिसम्बर 2024 को सेक्टर-06 का एक तिहाई हिस्सा, सेक्टर-2 का आधा हिस्सा, बीएमडीसी व रसियन कॉम्पलेक्स तथा 07 दिसम्बर 2024 को मरोदा व रिसाली सेक्टर।
    उपरोक्त क्षेत्रों में उल्लेखित दिनांकों को प्रात: 10 बजे से 1.30 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। अत: भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएँ विभाग के अंतर्गत टाउन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने संबंधित क्षेत्र के निवासियों से सहयोग की अपील की है।

भिलाई / शौर्यपथ / ऑफिसर एसोसिएशन ने उत्कृष्ट योगदान एवं दीर्घ सेवा के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के सेवानिवृत्त अधिकारियों का सम्मान किया गया। बी.एस.पी.आफिसर्स एसोसिएशन द्वारा नवम्बर 2024 में सेवानिवृत्त अधिकारियों के दीर्घ सेवा एवं उनके उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मान समारोह का आयोजन प्रगति भवन, सिविक सेंटर, भिलाई में किया गया।
इस समारोह विशिष्ट अतिथि के रूप में सीजीएम, एसएमएस-3, पी के सिंह व अध्यक्षता सेफी चेयरमेन एवं आफिसर्स एसोसएिशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर ने की। इस कार्यक्रम में महासचिव परविंदर सिंह सहित कोषाध्यक्ष अंकुर मिश्रा, उपाध्यक्ष द्वय तुषार सिंह, अखिलेश मिश्रा, उपाध्यक्ष माइंस नीतेश क्षत्री, सचिव द्वय संजय कुमार तिवारी, जेपी शर्मा उपस्थित थे।
पौधे एवं सम्मान राशि प्रदान कर किया सम्मानित
सम्मान समारोह में उपस्थित अधिकारियों तथा उनके जीवनसंगिनियों का आफिसर्स एसोसिएशन द्वारा पौधे एवं सम्मान राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त अधिकारीगण अपनी सेवा काल के अविस्मरणीय क्षणों को संक्षिप्त में उल्लेख किया। उन्होनें ओए के द्वारा किए गये सफल प्रयासों की सराहना करते हुए भविष्य में भी लम्बित मांगों पर आवश्यक पहल करते रहने की अपील की।
इनका हुआ सम्मान
इस सम्मान समारोह में जेकब कुरीयन, जीएम पीआरडी, हरीश कुमार साहू जीएम प्रोजेक्ट,बिरजू पासवान, जीएम सीओसीसीडी, राजीव वर्मा, जीएम (एसएमएस-3),उमेश बांधे, डीजीएम दल्ली, शमरेस कुमार मिश्रा, एजीएम एफएंडपीएस एवं टी डी प्रदीप, एजीएम एसएमएस-3 का सम्मान किया गया।
यह समारोह आपके दीर्घ व उत्कृष्ट योगदान का है सम्मान-बंछोर समारोह के प्रारंभ में अपने स्वागत उद्बोधन में सेफी चेयरमेन एवं ओए अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों को उनके स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा अनेकों बार जो उपलब्धियां हासिल किया गया है उन उपलब्धियां को हासिल करने में इन्हीं वरिष्ठ अधिकारियों का अहम योगदान है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने 11 बार प्रधानमंत्री ट्राफी जीती है यह
ट्राफी इन्हीं वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव एवं कुशल मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे सेवानिवृत्त अधिकारीगण अपने अपने कार्यक्षेत्र में अनुभवी विशेषज्ञ रहे हैं, हमें अपने वरिष्ठ अधिकारियों के सानिध्य में रहकर उन के अनुभवों व मार्गदर्शन का लाभ लेना चाहिए। भविष्य में भी ये अपनी सेवाएं समाज व प्रदेश के विकास में निरंतर देते रहेंगें।
ओए अध्यक्ष ने सभी सेवानिवृत्त अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे अपने सुझाव संयंत्र की सुरक्षा, उत्पादन, उत्पादकता व अनुरक्षण, टाउनशिप एवं मेडिकल सुविधाओं को बेहतर बनाने हेतु हमें हमेशा देते रहें। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन ने सदैव ही अधिकारियों के मुद्दों के प्रति सजग रहा है और उन्हें बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निरंतर प्रयास किया है। जिसके फलस्वरूप सम्मानजनक पे-रिविजन, सेल पेंशन स्कीम को लागू करवाना, सेवानिवृत्त पर मिलने वाले अवकाश नगदीकरण की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करना, 11 माह के पक्र्स के एरियर्स का मार्ग प्रशस्त करना, बेहतर पदनाम, भिलाई इस्पात संयंत्र की नई माइंस को चालू करवाने हेतु सहयोग एवं भिलाई को अवैध कब्जामुक्त करने जैसे अहम मुद्दों के लिए जमीनी संघर्ष करते हुए सफलता हासिल की है।समारोह के विशिष्ट अतिथि सीजीएम, एसएमएस-3, श्री पी के सिंह द्वारा सभी सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के क्षत्रप रहे हैं। उनकी सेवाएं हमेशा हमारे स्मृति पटल में सदैव रहेगी।
सेवानिवृत्त अधिकारियों से अपेक्षा है कि उनके अनुभवों की संयंत्र को जब भी आवश्यकता हो वे हमेशा कंपनी के सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे। सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने सेवाकाल में किए गए उत्कृष्ट कार्यों का वर्णन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य व सुखद स्वास्थ्य की कामना की और कहा कि अधिकारी गण सेवा में रहकर संयंत्र व सेल को नई उॅचाईयो तक पहुॅचाने मे उल्लेखनीय योगदान दिये हैं।
समारोह के अंत में ओ.ए. महासचिव परविन्दर सिंह सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने सेवाकाल में किए गए उत्कृष्ट कार्यों का वर्णन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य व सुखद स्वास्थ्य की कामना की और कहा कि अधिकारी गण सेवा में रहकर संयंत्र व सेल को नई उॅचाईयो तक पहुॅचाने मे उल्लेखनीय योगदान दिये हैं। उन्होंने अपने संदेश में बताया कि वर्ष 2015 में हमारी ओए कमेटी का गठन हुआ उस समय कई ज्वंलतशील मुद्दे थे जो सुलझ नहीं पाए थे।
वर्ष 2015 से 2024 तक वर्तमान ओए कमेटी ने एकजुट होकर सभी मुद्दों को सुलझाने का सफल प्रयास किया। आज ओए सवोच्च शिखर पर है इसका श्रेय सेफी चेयरमेन एवं ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर को जाता है जिनके अथक प्रयासों से सेल के लगभग सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो सका। श्री बंछोर के नेतृत्व क्षमता के कारण ही ओए ने कई उपलब्धियां हासिल की है। उन्होंने बताया कि आफिसर्स एसोसिएशन ने अधिकारियों की समस्याओं को सदैव ही गंभीरता से लिया है। जिसके फलस्वरूप कई बड़े मुद्दों पर हम कामयाबी हासिल कर सके हैं। हम आपकी सेवा में सदैव तत्पर थे और तत्पर रहेंगे।
उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों का आभार माना।
कार्यक्रम का संचालन जोनल प्रतिनिधि जितेन्द्र मानिकपुरी ने किया। कार्यक्रम में ओए जोनल प्रतिनिधि:- निखिल पेठे, राकेश सिंह ठाकुर, राधाकिशुन, डीपीएस बरार, बीएस मान, विजय कुमार देशमुख, संतोष कुमार सिंह, जी.एस. कुमार, विवेक गुप्ता,पियूष सेन, मिलिंद कुमार बंसोड़, अभिषेक कोचर, एस.सी. साहू, एवं एक्स ओए से जे बी पाटिल सहित बड़ी संख्या में अधिकारी गण उपस्थित थे।

यातायात नियमों के पालन के लिए जनजागरूकता अभियान का प्रभावी ढंग से हो क्रियान्वयन
सड़कों पर ब्लैक स्पॉट के सुधार कार्य में तेजी लाएं
निर्माणाधीन ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट्स का कार्य जल्द पूर्ण करें
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए निर्देश
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रदेश के सड़क सुरक्षा परिदृश्य, सड़क दुर्घटना के नियंत्रण के उपायों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के लिए दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट के उपयोग तथा वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से चलाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर ब्लैक स्पॉट के सुधार कार्य में तेजी लाने, जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठकें आयोजित करने, सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के इलाज के लिए निर्माणाधीन ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट्स का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराया गया ‘‘बस संगवारी एप’’ लांच किया और परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पर प्रकाशित पोस्टर का विमोचन किया।
    बैठक में जानकारी दी गई कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद की पाठ्यपुस्तकों में सड़क यातायात नियमों से संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बैठक में बताया गया कि यातायात व्यवस्था का इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस रायपुर, बिलासपुर और नवा रायपुर में किया जा रहा है। भिलाई और दुर्ग में यह व्यवस्था आंशिक रूप से संचालित है। सितंबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक 101 ब्लैक स्पॉट और 748 जंक्शन के सुधार कार्य पूर्ण किए गए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने पर सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की संभावना 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर परिवहन विभाग द्वारा 6 लाख 70 हजार से अधिक तथा पुलिस विभाग द्वारा 4 लाख 87 हजार से अधिक चालानी कार्यवाही की गई है। 01 जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर 2024 तक 7826 वाहन चालकों का लायसेंस निलंबित किया गया है। 8 दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों राजनांदगांव, धरसींवा अभनपुर, पाली, सिमगा, सुकमा, बेमेतरा और पत्थलगांव में ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई है। 14 हजार 261 वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस, 72 हजार से अधिक वाहनों में स्पीड गवर्नर तथा 2200 बसों में पेनिक बटन लगाए गए हैं। बैठक में ब्लैक स्पॉट की पहचान, सुधार की कार्यवाही, सड़कों में यातायात संकेतक, होर्डिंग्स हटाने, फुटपाथ, पार्किंग, सर्विस लेन से अतिक्रमण हटाने आदि कार्यों की समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसव राजू एस. और श्री राहुल भगत, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश, आबकारी सचिव श्रीमती आर. संगीता, एडीजी ट्रेफिक श्री प्रदीप गुप्ता, अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर उपस्थित थे। सभी संभागों के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक वर्चुअली बैठक में शामिल हुए। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी के अध्यक्ष एवं एआईजी ट्रेफिक श्री संजय शर्मा ने बैठक में प्रेजेंटेशन दिया।

छत्तीसगढ़ में अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
धान खरीदी के एवज में 3.85 लाख किसानों को 3706.69 करोड़ रूपए का भुगतान
2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से हो रही है धान की खरीदी
   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 3.85 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 3706 करोड़ 69 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
 खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
  खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 29 नवम्बर को 46345 किसानों से 2.12 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 54805 टोकन जारी किए गए थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ’बस संगवारी एप’ लॉन्च किया
बस यात्रियों, विशेष रूप से दूरस्थ अंचलों के यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगा एप का उपयोग
एप में 5 हजार से अधिक बसों की मिलेगी जानकारी
  रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में बस यात्रियों को अब बस की समय-सारणी और बस रूट की जानकारी घर बैठे मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सुशासन की अवधारणा पर अमल करते हुए यात्रियों की यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए  ’बस संगवारी एप’ लॉन्च किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बस संगवारी एप बस यात्रियों, विशेष रूप से दूरस्थ अंचलों के यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगा। निकट भविष्य में इस एप के माध्यम से अंतर्राज्यीय बसों के परिवहन और बसों के रियल टाइम ट्रेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। अभी यात्रियों को बस की टाइमिंग पता करने के लिए बस स्टैण्ड या बस स्टॉप पर जाना पड़ता है। लोगों की इस परेशानी का समाधान इस एप के जरिए मिल सकेगा।
परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश ने बस संगवारी एप के संचालन के बारे में मुख्यमंत्री श्री साय को विस्तार से जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराए गए इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। इस एप के माध्यम से यात्रियों के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधाजनक होगा। इस एप में वर्तमान में 5 हजार से अधिक बसों को शामिल किया गया है, जो विभिन्न रूट में संचालित हैं। जल्द ही अंतर्राज्यीय बसों के संचालन की जानकारी भी इस एप के माध्यम से मिल सकेगी। बसों में जीपीएस सिस्टम लगाया जा रहा है। बस संगवारी एप को जीपीएस के साथ एकीकृत किया जा रहा है, जिससे बसों की लाइव ट्रेकिंग भी की जा सकेगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसव राजू एस. और श्री राहुल भगत, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश, आबकारी सचिव श्रीमती आर. संगीता, एडीजी ट्रेफिक श्री प्रदीप गुप्ता, अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर उपस्थित थे। बैठक में सभी संभागों के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक वर्चुअली शामिल हुए। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी के अध्यक्ष एवं एआईजी ट्रेफिक श्री संजय शर्मा ने बैठक में प्रेजेंटेशन दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर भारत सरकार से मिली 15,000 आवासों की स्वीकृति
   रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति प्रदान की है।
    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।
  उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति हेतु निवेदन किया था परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है।
      उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।

तीन महीनों में काम पूरा करने के निर्देश
   रायपुर/शौर्यपथ / बिलासपुर जिले के सीपत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) का लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से रिनोवेशन किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेंस से यह राशि जुटाई जाएगी। बिलासपुर के कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज अस्पताल भवन एवं परिसर का निरीक्षण कर डॉक्टरों और इंजीनियरों के साथ बैठकर रिनोवेशन की कार्ययोजना बनाई। उन्होंने सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन) और आरईएस (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) के अधिकारियों को अगले तीन महीनों में रिनोवेशन का काम पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव, पीएचसी की प्रभारी डॉ. आकांक्षा दुबे और डीपीएम सुश्री पीयूली मजूमदार सहित आरईएस और सीजीएमएससी के अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
   कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने अस्पताल परिसर में बने शासकीय आवास गृहों में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याएं सुनी और रिनोवेशन की कार्ययोजना में इसे भी शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने इलाज कराने आए मरीजों से मुलाकात कर अस्पताल की व्यवस्था के बारे में फीडबैक लिया। उन्होंने महिला वार्ड का भ्रमण कर प्रसव की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। श्री शरण ने बढ़ते ठंड को देखते हुए जिले के सभी अस्पतालों में तीन दिनों में मरीजों के लिए कंबल की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने मुख्यालय में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा करते हुए उनके आवास की मरम्मत और पेयजल की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल परिसर में सिम्स (CIMS) के खाली पड़े दो छात्रावासों का उपयोग मेडिकल वार्ड के रूप में करने की अनुमति प्रदान की।

राज्य के चार शहरों में चलेंगी ई-बसें
    रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के चार शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में नागरिकों को जल्द ही इको-फ्रेंडली, किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत इन चारों शहरों में कुल 240 ई-बसें संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत रायपुर के लिए 100, बिलासपुर और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य स्तर पर इसके लिए सुडा को नोडल एजेंसी तथा संबंधित जिलों में गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है।
    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण का संरक्षण होगा। कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता के साथ ही नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी। इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।
    उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। सार्वजनिक परिवहन की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो एवं बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी अधोसंरचना विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है।
    उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने सड़कों पर इन ई-बसों को उतारने की तैयारियां तेज करते हुए चारों शहरों में बस डिपो और बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कुल 67 करोड़ 40 लाख रुपए मंजूर करते हुए निविदा आमंत्रण की भी अनुमति दे दी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के राज्य शहरी विकास अभिकरण ने चारों शहरों में ई-बस सेवा के संचालन के लिए अलग-अलग गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को इन दोनों कार्यों के लिए राशि स्वीकृत करते हुए निविदा आमंत्रित करने कहा है।      
    सुडा द्वारा रायपुर में बस सेवा प्रारंभ करने के लिए बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर हेतु रायपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को 14 करोड़ 33 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। इसमें आठ करोड़ 60 लाख रुपए का केन्द्रांश और पांच करोड़ 73 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। सुडा ने बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी 12 करोड़ 90 लाख रुपए मंजूर किए हैं। दुर्ग-भिलाई में ई-बसों हेतु बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दुर्ग-भिलाई अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को छह करोड़ 73 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति सुडा द्वारा जारी की गई है। इसमें चार करोड़ चार लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 69 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। वहां बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 करोड़ दो लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। बिलासपुर में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बिलासपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को आठ करोड़ 37 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें पांच करोड़ दो लाख रुपए का केन्द्रांश और तीन करोड़ 35 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए तीन करोड़ आठ लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इसी तरह कोरबा में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कोरबा अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को सात करोड़ 19 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इसमें चार करोड़ 31 लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 88 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वहां तीन करोड़ 78 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।
चार श्रेणियों में बांटा गया है शहरों को, जनसंख्या के आधार पर स्वीकृत की गई हैं बसें
    प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने दिया था आत्मीय एवं मानवीय प्रोत्साहन

      दुर्ग /शौर्यपथ /  अगर दिल में जज्बा और परिवार का साथ हो तो हर मंजिल आसान हो जाति है वही समाज में जनप्रतिनिधि की भूमिका भी ऐसे मामले में काफी महत्तवपूर्ण होती है . कुछ ऐसी ही कहानी है उत्तम महोबिया की . दुर्ग जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित ग्राम नागपुर निवासी उत्तम महोबिया एक साधारण किसान परिवार से है . उत्तम महोबिया ने अभी ठीक से चलना भी नहीं सिखा था तभी पिता का साया सर से उठ गया . 03 बच्चो की जिम्मेदारी मा के उपर आ गई .2-3 एकड़ खेत और परिवार की सम्पूर्ण जिम्मेदारी छोटे बच्चो का पालन पोषण इन सभी को बखूबी निभाती हुई उत्तम महोबिया की माता श्रीमती सीता महोबिया ने बखूबी निभाई एक तरफ परिवार के खाने पीने की व्यवस्था दूसरी तरफ बच्चो को उच्च शिक्षा इन सभी चुनौती का सामना करते हुए श्रीमती सीता महोबिया ने दो बेटियों और एक ड्ढद्गह्लद्ग को शिक्षा के लिए हर यत्न किये . जब उच्च शिक्षा कीई स्थिति आई तब उन्होंने अपनी पुस्तैनी जमीन को बेच बच्चो को शिक्षा दी बेटियों की अच्छे घरो में शादी कराई और ड्ढद्गह्लद्ग उत्तम ने भी अपनी माँ के सपनों को पूरा करते हुए 12 वी में प्रदेश में टॉप 10 में स्थान बनाया छोटे से गाँव में शिक्षा लेने वाले उत्तम ने प्रदेश में जब अपना नाम और मुकाम बनाया तो परिवार सहित पूरा गाँव खुशियों से झूम उठा .
  उच्च शिक्षा के लिए जब आगे बड़े कालेज में एडमिशन हुआ तब फीस की एक बड़ी परेशानी सामने आई किन्तु तब जनप्रतिनिधि का अपना दायित्व निभाते हुए शिक्षा को बढ़ावा देने और भिलाई में आई आई टी की स्थापना करने का प्रथम और सफल प्रयास करने वाले प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने अपना फज़ऱ् निभाया . और यकीं जानिये इस मदद के बाद पूर्व मंत्री पाण्डेय जी ने अपने इस नेक कार्य को भी याद नहीं रखा आगे की पूरी शिक्षा निशुल्क कराने में अहम् भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय को और उनके सद्कार्य को महोबिया परिवार आज भी याद करता है .और हर ख़ुशी के मौके पर उनका धन्यवाद करता है .
  उत्तम किमार महोबिया का चयन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक संचालक के पद में हुआ .  
    छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 28 नवंबर को सीजी पीएससी 2023 का रिजल्ट जारी किया, जिसमें दुर्ग जिले के ग्राम नागपुर के उत्तम महोबिया ने 10 वा रैंक हासिल किया है। उनके चयन से परिवार सहित पूरा समाज में हर्ष का माहौल है . एक ड्ढद्गह्लद्ग ने अपने माँ के सपनो को पूरा किया अपने दिवंगत पिता का नाम ऊँचा किया .

Page 4 of 2736

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)