CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
पटकथा लिखवाकर, फि ल्म बना कर सच्चाई नहीं बदली जा सकती
रायपुर / शौर्यपथ / फिल्म द साबरमती रिपोर्ट को टैक्स फ्री किये जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य के द्वारा वसूले जा रहे टैक्स की राशि पर राज्य की जनता का अधिकार होता है। राज्य सरकारें इतिहास के घटनाक्रम राजनैतिक, सामाजिक संदेश देने वाली पिक्चरों को टैक्स में छूट देती रही है। द साबरमती रिपोर्ट फिल्म में टैक्स छूट देने का कारण क्या है? सरकार स्पष्ट करे। साबरमती पिक्चर को टैक्स का छूट देके भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता की गाढ़ी कमाई को लुटाने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि टैक्स का पैसे से राज्य का विकास होता। टैक्स पर राज्य की जनता का अधिकार है। किसी भी नेता विशेष की छवि चमकाने के लिये किसी पिक्चर में टैक्स छूट दिये जाना गलत है। भाजपा सरकार ने चाटुकारिता में बिना किसी आधार के द साबरमती रिपोर्ट को टैक्स फ्री किया है जो गलत है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि फिल्म बना कर या एक फिल्म की पटकथा अपनी सुविधा के अनुसार लिखवा कर इतिहास की सच्चाई नहीं झुठलाई जा सकती है। साबरमती फिल्म गुजरात के गोधरा कांड को आधार बना कर बनाने का दावा किया जा रहा है। सारा देश जानता है गोधरा में क्या हुआ था? गोधरा के गुनाहगार कौन है और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने किसको राजधर्म का पाठ पढ़ाया था? खुद ही एसआईटी बनाना, खुद ही क्लोजर रिपोर्ट लगवाकर अपने आपको क्लीनचिट देना, अब फिल्म बना कर खुद को पाक साफ बताने से सच्चाई बदल नहीं जायेगी।
25 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ाए रेलवे
दुर्ग । शौर्यपथ । शहर में अवैध रूप से बिना ट्रेड लाइसेंस लिए नए दोपहिया वाहनों का व्यापार धड़ले से जारी है . इस बात की जानकारी मीडिया कर्मियों द्वारा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी दुर्ग एस एल लकड़ा को दी गई जिस पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने जांच एवं विधि सम्मत कार्रवाई की बात कही परंतु दीपावली त्यौहार गुजर जाने के बाद भी खुलेआम नए वाहनों का अवैध शोरुम से विक्रय किया जा रहा है जिससे इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता की ऐसे अवैध संचालको को कहीं ना कहीं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग के किसी अधिकारी की कृपा दृष्टि मिली हो सकती है ।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी दुर्ग द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि परिवहन निरीक्षक विकास शर्मा द्वारा ऐसे वाहन विक्रेताओं की जांच की जा रही है जो असंवैधानिक रूप से नए वाहनों का विक्रय कर रहे हैं परंतु जिला मुख्यालय में अनेको स्थान पर खुले आम वाहनों का विक्रय कहीं ना कहीं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है।
एक तरफ प्रदेश की साय सरकार सुशासन की बात कर रही है वहीं दुर्ग जिले में क्षेत्रीय परिवहन विभाग द्वारा ऐसे अवैध वाहन विक्रेताओं पर कार्यवाही का ना करना अधिकारियों की कार्यप्रणाली को दर्शा रहा है। जबकि दुर्ग जिला एक ऐसा जिला है जहां पर जिले के प्रभारी उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा है वहीं परिवहन विभाग भी उपमुख्यमंत्री अरुण साव के पास है ऐसे में दो दो उपमुख्यमंत्री के जिले में हस्तक्षेप होने के बावजूद भी जिला मुख्यालय में अवैध वाहन विक्रय का संचालन सुशासन की बात को सीधे से नकारने के लिए काफी है। देखना यह है कि क्या साय सरकार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग के ऐसे लापरवाह निष्क्रिय अधिकारियों की कार्य प्रणाली की निष्पक्ष जांच कर अवैध रूप से विक्रय करने वाले शोरूम पर कड़ी एवं दंडात्मक कार्रवाई करते हैं या नहीं ?
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री साय ने 20 नवंबर को विश्व बाल अधिकार दिवस के अवसर पर सभी बच्चों के सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल भविष्य की कामना की है। विश्व बाल अधिकार दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि वयस्कों के समान बच्चों को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं। हर बच्चे को जीने के अधिकार के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, समानता और पोषण पाने सहित कई अधिकार हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। बच्चों के अधिकारों के प्रति समाज में जागरूकता जरूरी हैं। बच्चों को स्वस्थ,सुपोषित,शिक्षित और सुरक्षित जीवन देना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। बाल अधिकार दिवस ऐसा ही अवसर है, जब हम बच्चों के लिए अपनी जिम्मेदारियों और प्रतिबद्धताओं को फिर से दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी की कोशिश हो कि प्रत्येक बच्चे को विकास के लिए सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण मिल सके। श्री साय ने बच्चों को ढेर सारा प्यार देते हुए ईश्वर से अपनी कृपा सभी बच्चों पर बनाए रखने की प्रार्थना की है।
दूसरे राज्यों से धान आवक रोकने सीमावर्ती क्षेत्रों में रखी जा रही है कड़ी निगरानी
रायपुर / शौर्यपथ / खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी का महाअभियान शुरू हो चुका है। 14 नवम्बर से अब तक मात्र तीन दिन की खरीदी में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का आकड़ा 3 लाख टन के पार पहुंच गया है। मंत्री बघेल ने कहा कि धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है। चालू विपणन वर्ष में 160 लाख टन धान उपार्जन का अनुमान है।
देव-दीवाली 14 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी महापर्व के 6वें दिन तक 3.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 68,668 किसान अब तक धान बेच चुके हैं। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत् 502.53 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह महाअभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। खाद्यमंत्री बघेल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज 20,296 किसानों से 93 हजार 581 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। राज्य में धान बेचने के लिए इस साल 27.68 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर के लिए कुल 23791 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 19934 टोकन जारी किए गए है।
मंत्री बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा दी है, इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली-मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री के इस फैसले से किसान बेहद प्रसन्न है।
मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि दूसरे राज्यों से धान के अवैध आवक/परिवहन की रोकथाम के लिए बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी रखने के लिए चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। धान खरीदी व्यवस्था पर निगरानी के लिए अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जो लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।
समाचार सार
बस्तर से नक्सल उन्मूलन में सुरक्षा जवानों की है अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका
बस्तर प्रवास के दौरान जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे सीआरपीएफ कैंप
जवानों के आग्रह पर सीआरपीएफ कैंप सेडवा में मुख्यमंत्री ने किया रात्रि विश्राम
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि पिछले 11 महीनों के दौरान आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है। श्री साय बस्तर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेडवा कैंप में जवानों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अचानक सीआरपीएफ कैंप पहुंचने पर आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ ही जवानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षा बलों के जवानों से आत्मीयतापूर्वक संवाद करते हुए कहा कि जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में चित्रकोट आया था, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आप सब जवानों से मिलूं। पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर जो सफलता मिली है, उसमें आप सभी का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। मैं आप सभी के साहस को नमन करता हूं। नक्सल अभियान में आप सभी को जो सफलता मिल रही है, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर करते हैं। गृह मंत्री श्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और सहयोग मिलते रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का भी यही संदेश है।
बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने अल्प अवधि में ही 200 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 740 से ज्यादा माओवादी कैडर्स ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वे हिंसा त्याग कर लोकतंत्र की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं।शासन ने हिंसा का त्याग करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए ऐसी नीति बनाई है कि आने वाले दिनों में और भी बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे।
सुरक्षा बल के जवानों द्वारा कैंप में रात्रि विश्राम करने के आग्रह पर उन्होंने कैंप में रात्रि विश्राम भी किया।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दंतेवाड़ा में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय और परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मण्डावी तथा अन्य जनप्रतिनिधियों सहित मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी के परिसर में नीम का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनूठा प्रयास है, जिसमें सभी लोग स्वस्फूर्त अपनी भागीदारी दे रहे हैं। श्री साय ने सभी से एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पौधरोपण से हम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ वातावरण का उपहार देते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साय बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद अचानक सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के कैंप पहुंचे थे। वृक्षारोपण के दौरान सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री करने करने की घोषणा की है। इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का अध्ययन ही हमें वर्तमान और भविष्य के बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। उन्होंने कहा है कि यह फिल्म इतिहास के उस भयावह सत्य को उजागर करने का अत्यंत सराहनीय और प्रभावशाली प्रयास है जिसे निहित स्वार्थ के लिए छुपाने का प्रयास किया गया था। यह फिल्म तात्कालिक सिस्टम की उस सच्चाई को उजागर करती है, जो झूठे नरेटिव फैलाकर सत्य को दबाने का निंदित प्रयास करती थी। फिल्म दर्दनाक घटना को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।
बिना किसी अलाटमेंट और अनुमति के निगम आयुक्त के लिए किस अधिकार से तैयार करवा रहे बंगला ?
दुर्ग / शौर्यपथ / अपने पिछले कार्यकाल में विवादों में रहने वाले निगम दुर्ग के ईई गोस्वामी सेवानिवृत्ति के बचे कुछ महीनो में एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे है . प्रदेश में भाजपा सत्ता के अस्तित्त्व में आने के बाद लगातार विधायक यादव के बंगले में हाजिरी देने वाले शासकीय अधिकारी मोहनपुरी गोस्वामी सेवानिवृत्ति के बचे चंद महीनो के लिए एक बार फिर दुर्ग निगम में ईई के पद में पदस्त हो गए . ईई के रूप में पदस्त होने के बाद निगम के ठेका निविदा प्रक्रिया में जिम्मेदार अधिकारी आर.के. जैन के स्थान पर फिर से हर ठेकेदार के जबान पर ईई गोस्वामी का नाम सामने आने लगा . काफी विवादों और शिकायतों के बाद मामला दुर्ग निगम के सामान्य सभा में भी उठ . भाजपा के वरिष्ठ पार्षद अरुण सिंह ने इस मामले को पुरजोर तरीके से सभा में रखा . पार्षद अरुण सिंह के द्वारा दिए उद्बोधन के दौरान ही विधायक यादव के दामाद के रूप में निगम के सब इंजिनियर करण यादव के नाम की भी चर्चा हुई आखिरकार निविदा निरस्त हुई और नए सिरे से निविदा प्रक्रिया आरम्भ हुई .इस बार आधिकारिक रूप से इस कार्य की जिम्मेदारी विवादित रहने वाले ईई गोस्वामी के पास पहुँच गई . .
अब एक नए मामले की चर्चा जोरो पर है विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार दुर्ग निगम के नव नियुक्त आयुक्त के लिए निगम के ईई गोस्वामी द्वारा सिविल लाइन के D-9 आवास का संधारण का कार्य ईई गोस्वामी ने बिना किसी निविदा के बिना किसी शासकीय अनुमति के ठेकेदार राजिव झा को दे दिया . इस बारे में जब शौर्यपथ समाचार पत्र ने ठेकदार से चर्चा की तो ठेकेदार राजिव झा का कहना था कि निगम से को दस्तावेज नहीं मिले कार्य के लिए किन्तु बंगले के संधारण और साज सज्जा के लिए निगम के बड़े साहब ईई मोहन पुरी गोस्वामी ने कहा है . बड़ी बात यह है कि आखिरकार ईई मोहनपुरी गोस्वामी किस अधिकारी और किस राजनैतिक संरक्षण के पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन आने वाले बंगले का संधारण कार्य निजी रूप से ठेकेदार को दे सकते है क्या कार्य के बाद भुगतान में कोई बड़ा आर्थिक घोटाला होने वाला था .
पूर्व में भी ऐसा ही कार्य कर चुके है ई गोस्वामी ....
इस तरह का कार्य ई गोस्वामी द्वारा वर्तमान में ही नहीं किया गया पूर्व में भी इस तरह का कार्य हो चुका है . शहर के मुख्य मार्ग जो अब मोतीलाल वोरा मार्ग के रूप में जाना जाता है के सौन्दर्यीकरण के कार्य की अनुमति विभाग को मिल चुकी थी और मार्ग का डिवाईडर टूटने वाला था किन्तु इस डिवाईडर पर भी बिना विभागीय अनुमति के लाखो रुए निगम प्रशासन ने संधारण के नाम खर्च किये उस समय भी ठेकेदार को बिना कार्य निविदा के कार्य करने का निर्देश ईई गोस्वामी द्वारा दिया गया था ऐसे ही कई प्रतीक्षालय विधायक निधि और पार्षद निधि से बन गए जो कुछ महीनो में ही टूट गए और लाखो रूपये के राजस्व का नुक्सान हो गया .
कैसे और किस मद से होगा ठेकेदार को भुगतान , क्या कार्यवाही होगी ईई गोस्वामी पर ...
ठेकेदार से चर्चा करने पर यह तो स्पष्ट हो गया कि डी -9 बंगले के संधारण का कार्य का निर्देश बिना किसी दस्तावेज के ईई मोहनपुरी गोस्वामी ने दे दिया . वर्तमान समय में ऐसी कोई आपात काल स्थिति भी नहीं थी किन्तु फिर भी निगम के बड़े अधिकारी की बातो पर भरोसा करते हुए ठेकेदार झा द्वारा संधारण में लाखो रूपये खर्च हो गए अब देखना यह है कि शासकीय पद का लाभ उठाते हुए क्या ईई गोस्वामी बिना शासकीय दस्तावेज के अवैधानिक कार्य कर सकते है क्या इस कार्य के लिए ईई गोस्वामी ने नव नियुक्त आयुक्त सुमीत अग्रवाल को भरोसे में लिया था या उन्हें भी अँधेरे में रखा वही विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने इस कार्य पर आपत्ति उठाई अब देखना यह होगा कि क्या मामले की तह तक जायेंगे आयुक्त सुमीत अग्रवाल या यह मामला फाइलो के बीच दब जाएगा
दुर्ग / शौर्यपथ / जिला चिकित्सालय दुर्ग की जीवनदीप समिति कार्यकारिणी सभा की बैठक समिति की अध्यक्ष एवं कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में 19 नवम्बर 2024 को शाम 4 बजे जिला चिकित्सालय दुर्ग के टेलीमेडिसीन कक्ष में आयोजित की गई है। बैठक की एजेण्डानुसार विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। समिति से संबंधित अधिकारियों को बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है।