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भिलाईनगर/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर परिषद की बैठक वरिष्ठ पार्षद एवं एमआईसी सदस्य सीजू एन्थोनी की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में निगम भिलाई के सभी वार्डो में सफाई व्यवस्था को और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर विचार विमर्श के बाद 15 कार्यो को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रत्येक वार्ड में निर्धारित सफाई कर्मचारियो की उपस्थित को सत्यापित करेगे, वार्ड पार्षद।
नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत आने वाले वार्डो में नाली, सड़क, बाजार एवं तिपहिये रिक्शे/ई-रिक्शा से आवासीय एवं व्यवसायिक क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण कार्य तथा अन्य कार्य के लिए कार्य आधारित निविदा के संबंध में निगम भिलाई के नेहरू नगर जोन-1 में वार्ड 1 से 8 तक एवं वार्ड 9 से 18 तक। वैशाली नगर जोन-2 में वार्ड 14, 15, 16, 19, 20, 26, 27 एवं 21, 22, 23, 24, 25, 28, 29 तक। मदर टेरेसा नगर जोन-3 में वार्ड 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37 तक। शिवाजी नगर खुर्सीपार जोन-4 में वार्ड 38, 39, 40, 41, 42, 43, 44 एवं वार्ड 45, 46, 47, 48, 49, 50, 51 तक। सेक्टर 06 जोन-5 में वार्ड 69 का 1/2 भाग एवं 70 तक के कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही सफाई करने वाली संबंधित एजेंसी के नियम एवं शर्तो की जानकारी अगले महापौर परिषद की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत करने को कहा गया।
उपरोक्तानुसार समस्त वार्डो में सफाई कार्य को सुचारू रूप से संपादित कराये जाने के लिए प्रकरण एमआईसी के बाद सामान्य सभा से स्वीकृति के बाद ही मुर्त रूप लेगा। तब तक के लिए नवीन कार्यादेश होने तक कार्य की निरंतरता बनाये रखने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। जिससे सफाई व्यवस्था में किसी प्रकार का व्यवधान न हो। नगर निगम भिलाई के संपत्ति की सुरक्षा हेतु आगामी निविदा होने तक सुरक्षागार्ड व्यवस्था दिनांक 30.11.2024 तक के लिए समय वृद्वि, देयक एवं वित्तीय स्वीकृति को मंजूरी दी गई है। निगम के वाहन शाखा हेतु उच्चकुशल, कुशल एवं अर्धकुशल वाहन चालक एवं हेल्फर उपलब्ध कराने हेतु आगामी निविदा होने तक दिनांक 30.11.2024 तक समयावृद्वि एवं अतिरिक्त व्यय राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।
महापौर परिषद के बैठक में महापौर परिषद के सदस्य लक्ष्मीपति राजू, साकेत चंद्राकर, एकांश बंछोर, केशव चैबे, संदीप निरंकारी, आदित्य सिंह, चंद्रशेखर गंवई, मन्नान गफ्फार खान, श्रीमती मालती ठाकुर, नेहा साहू एवं निगम के अधीक्षण अभियंता दीपक जोशी, जोन आयुक्त येशा लहरे, सतीश यादव, कुलदीप गुप्ता, अभियंता आर.एस.राजपूत, स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली, राजस्व अधिकारी मलखान सिंह शोरी, लेखाधिकारी सी.बी.साहू आदि उपस्थित रहे।
हैदराबाद /शौर्यपथ /हैदराबाद में आज भारत गेम डेवलपर सम्मेलन का 16वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। तीन दिन के इस सम्मेलन में करीब 20 हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। इसका आयोजन भारतीय गेम डिवेलेपर संगठन द्वारा किया जा रहा है।
इसका लक्ष्य भारत के गेमिंग और मनोरंजन क्षेत्र के तीव्र विकास पर प्रकाश डालना है। इसके उद्घाटन के अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन विभाग को दी शुभकामनाएं
केन्द्र सरकार ने शुरू की है, जनभागीदारी से जल संचय पहल
रायपुर/शौर्यपथ /जनभागीदारी से जल संचय में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर है। केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में जल संचय, जनभागीदारी पहल के तहत जल संचय के एक लाख 53 हजार 533 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 10 हजार 872 कार्य प्रगतिरत हैं। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में देश के पहले 10 जिलों में छत्तीसगढ़ के 8 जिलों ने अपना स्थान बनाया है।
छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी से जल संचय के कार्यों में राज्य में पहले स्थान पर रायपुर जिला है, जहां 35 हजार 758 जल संचय के कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 5064 कार्य प्रगतिरत हैं। दूसरे स्थान पर बिलासपुर है, जहां 16,389 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 1643 कार्य प्रगति पर हैं। तीसरे स्थान पर रायगढ़ जिला है, जहां 16,629 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 662 कार्य प्रगति पर हैं। चौथे स्थान पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है, जहां 16,730 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 300 कार्य प्रगति पर हैं। पांचवे स्थान बलरामपुर-रामानुजगंज जिला है, जहां 8618 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 586 कार्य प्रगति पर हैं। छठवें स्थान पर गरियाबंद जिला है, जहां 6899 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 634 कार्य प्रगति पर हैं। सातवें स्थान पर दुर्ग जिला है, जहां 4915 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 609 कार्य प्रगति पर हैं। दसवें स्थान पर धमतरी जिला है, जहां 3706 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 107 कार्य प्रगति पर हैं।
गौरतलब है कि जल संचय जन भागीदारी पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है। यह पहल जल संरक्षण में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देती है और सामूहिक पहल एवं एकजुटता से जलसंरक्षण की संकल्पना को साकार करती है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अन्य गतिविधियों के अलावा कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं, बोरवेल पुनर्भरण शाफ्ट के निर्माण पर विशेष बल दिया गया है, जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी और भू-जल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वोटर टर्न आउट एप के माध्यम से जान सकते हैं वोटर टर्न आउट की अद्यतन स्थिति
रायपुर /शौर्यपथ / रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा उपनिर्वाचन-2024 मतदान तिथि 13 नवंबर को आम नागरिक मतदान प्रतिशत की जानकारी वोटर टर्न आउट मोबाइल एप का उपयोग कर देख सकते हैं। वोटर टर्नआउट एप के माध्यम से वोटर टर्न ऑउट (मतदान प्रतिशत) की अद्यतन स्थिति जान सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय होंगे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
छत्तीसगढ़ विधासभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे कार्यक्रम की अध्यक्षता
रायपुर /शौर्यपथ /स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस पर राजधानी रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में 14 और 15 नवंबर को दो दिवसीय राज्यस्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 14 नवंबर को दोपहर 12.30 बजे मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। 14 नवंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री द्वय श्री अरूण साव एवं श्री विजय शर्मा, आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन एव जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण श्री राजेश मूणत, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, श्री अनुज शर्मा, श्री गुरु खुशवंत साहेब और श्री इन्द्रकुमार साहू शामिल होंगे।
खाद्य मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की समीक्षा की
किसानों को धान विक्रय में सहूलियत के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था के निर्देश
पारदर्शिता लाने इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट से होगी तौल
खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी
14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं धान
शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 जारी
रायपुर/शौर्यपथ /खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होने जा रही है। धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। मंत्री श्री बघेल ने आज अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय में राज्य स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने मंत्री श्री बघेल को अवगत कराया कि धान उपार्जन के संबंध में संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जायेगा।
खाद्य मंत्री श्री बघेल ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27,01,109 है। इस वर्ष 1,35,891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है। कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 07 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।
मंत्री श्री बघेल ने बताया कि धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट की व्यवस्था किया गया है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। खाद्य मंत्री श्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने शुरू की है, जनभागीदारी से जल संचय पहल
रायपुर / शौर्यपथ / जनभागीदारी से जल संचय में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर है। केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में जल संचय, जनभागीदारी पहल के तहत जल संचय के एक लाख 53 हजार 533 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 10 हजार 872 कार्य प्रगतिरत हैं। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में देश के पहले 10 जिलों में छत्तीसगढ़ के 8 जिलों ने अपना स्थान बनाया है।
छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी से जल संचय के कार्यों में राज्य में पहले स्थान पर रायपुर जिला है, जहां 35 हजार 758 जल संचय के कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 5064 कार्य प्रगतिरत हैं। दूसरे स्थान पर बिलासपुर है, जहां 16,389 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 1643 कार्य प्रगति पर हैं। तीसरे स्थान पर रायगढ़ जिला है, जहां 16,629 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 662 कार्य प्रगति पर हैं। चौथे स्थान पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है, जहां 16,730 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 300 कार्य प्रगति पर हैं। पांचवे स्थान बलरामपुर-रामानुजगंज जिला है, जहां 8618 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 586 कार्य प्रगति पर हैं। छठवें स्थान पर गरियाबंद जिला है, जहां 6899 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 634 कार्य प्रगति पर हैं। सातवें स्थान पर दुर्ग जिला है, जहां 4915 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 609 कार्य प्रगति पर हैं। दसवें स्थान पर धमतरी जिला है, जहां 3706 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 107 कार्य प्रगति पर हैं।
गौरतलब है कि जल संचय जन भागीदारी पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है। यह पहल जल संरक्षण में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देती है और सामूहिक पहल एवं एकजुटता से जलसंरक्षण की संकल्पना को साकार करती है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अन्य गतिविधियों के अलावा कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं, बोरवेल पुनर्भरण शाफ्ट के निर्माण पर विशेष बल दिया गया है, जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी और भू-जल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
जगदलपुर / शौर्यपथ / शहर के आमागुड़ा चौक में मंगलवार की शाम को एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपति को अपने चपेट में ले लिया, इस हादसे में जहाँ पति पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, वही बच्चे ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, घटना के बाद पुलिस शव को पीएम के लिए मेकाज भिजवा दिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जगदलपुर की रहने वाली अनिता ने कुछ वर्ष पहले ओड़िसा निवासी गुरुबंधु से शादी की थी, जिसके बाद इनका 8 साल का बच्चा त्रिनाथ भी था, मंगलवार को दंपति बाइक में जगदलपुर में रहने वाले रिश्तेदार के घर नयामुण्डा आये हुए थे, जिसके बाद पूरी फैमिली हाइवे में स्थित बस्तर हाट घूमने के लिए गए हुए थे, चुकी सभी आगे पीछे आ रहे थे, कुछ लोग ऑटो में आये, तो कुछ लोग लिफ्ट लेकर आमागुड़ा चौक में आकर अपने बाकी के रिश्तेदारों का इंतजार कर रहे थे, दंपति जैसे ही आमागुड़ा चौक के पास पहुँच कर जगदलपुर की ओर मुड़ रहे थे कि आमागुड़ा चौक के पास बस्तर की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपति को अपने चपेट में ले लिया, इस हादसे में जहाँ पति पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, वही बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल भिजवाया गया, घटना के तत्काल बाद कोतवाली पुलिस से लेकर यातायात विभाग के आला अधिकारी मौके पर आ पहुँचे, वही घटना के तत्काल बाद मौके पर लोगों की भीड़ लग गई, पुलिस ने शवों को सड़क किनारे रख कर उसे पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया, वही घायल बच्चे को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया गया, जहाँ उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई।
समाचार सार ..
खाद्य मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की समीक्षा की
किसानों को धान विक्रय में सहूलियत के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था के निर्देश
पारदर्शिता लाने इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट से होगी तौल
खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी
14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं धान
शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 जारी
रायपुर / शौर्यपथ / खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होने जा रही है। धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। मंत्री बघेल ने आज अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय में राज्य स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने मंत्री बघेल को अवगत कराया कि धान उपार्जन के संबंध में संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जायेगा।
खाद्य मंत्री बघेल ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27,01,109 है। इस वर्ष 1,35,891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है। कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 07 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।
मंत्री बघेल ने बताया कि धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट की व्यवस्था किया गया है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। खाद्य मंत्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।
नरेश देवांगन की ख़ास रिपोर्ट
जगदलपुर / शौर्यपथ / आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा जिले के आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए सैकड़ों आश्रम छात्रावास बनाकर उनकी भविष्य सुधारने की बुनियाद रखी गई है। पर वहां नियुक्त होने वाले अधीक्षक और कर्मचारी इस कदर लापरवाह हैं कि वे हॉस्टल में उन बच्चों के साथ न रहकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिन्हें नियंत्रित करने वाला कोई दिखाई नहीं पड़ता। शौर्यपथ ने ऐसे ही दुर्गम अंचल के छात्रावासों कि पड़ताल की है जिसमे सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के शासकीय प्री मेट्रिक बालक छात्रावास भेजी में बच्चों को न तो ठीक से भोजन मिल रहा है और न ही उनकी आवासीय व्यवस्था ठीक ठाक है। मजे की बात तो यह है कि यहां पदस्थ अधीक्षक ना जाने किसके भरोसे यहाँ के बच्चों को छोड़ कर सप्ताह में एक दिन पहुंचकर रजिस्टर में दस्तखत कर अपनी कर्तव्य पूरा कर लेते हैं। साथ ही माह भर की तनख्वाह भी उठा लेते हैं।
वहां रहकर पढऩे वाले बच्चों ने बताया कि उन्हें मेनू चार्ट के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता है। वही अधीक्षक के द्वारा बच्चों को बाहर से लकड़ी लाने पर रविवार को अंडा कि सब्जी खिलाने कि बात भी कही जाती है। अधीक्षक महीने में दो-तीन दिन ही रहते हैं। छात्रावास के बालको ने बताया कि बीते 2 दिनों से एक बालक कि तबियत ज्यादा ख़राब है उसे बहुत तेज बुखार है जिसकी जानकारी अधीक्षक को बच्चों ने फ़ोन के माध्यम से दी थी जानकारी मिलने के बाद भी अधीक्षक इस पर गंभीर नहीं है स्वयं बालक को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने कि जगह उलटे छात्रों से ही कह दिया कि डॉक्टर को ले जाके के दिखाए। बालक को सही समय में इलाज ना मिलने से तबियत काफ़ी बिगड़ती रही।
सूत्र बताते है कि बीते सप्ताह जिले के अधिकारी यहाँ आये हुए थे लेकिन अधिकारी ने बच्चो से हालचाल तक नहीं जाना ओर ना ही किसी ओर विषय पे उनसे बातचीत कि । यहां छात्रावास में 95 छात्र रह कर अध्ययन कर रहे हैं वह भी बदहाल स्थिति में। आश्रमों में रहने वाले छात्रावासी बच्चे बेबसी का जीवन जीने को मजबूर हैं।
आलम यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए अधीक्षक की नियुक्ति की जाती है, छात्रावास अधीक्षक स्थानीय पालक की तरह होते है। लेकिन अधीक्षक ही गायब हो जाएं, तो इन बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा, यह अपने आप में ही सवालिया निशान है। अब देखने वाली बात है कि जिम्मेदार इस पुरे मामले को कितनी गंभीरता से लेकर गैरजिम्मेदार अधीक्षक के ऊपर कब तक कार्यवाही करते है?