October 24, 2025
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मनोरंजन

मनोरंजन (820)

    मनोरंजन /शौर्यपथ /शोले फिल्म के वीरु और बसंती की जोड़ी यानी धर्मेंद्र और हेमा मालिनी बॉलीवुड के पसंदीदा कपल में से एक हैं. दोनों की शादी को कई साल बीत चुके हैं. लेकिन आज भी फैंस उनकी लव स्टोरी को याद किए बिना नहीं रह पाते. शोले, शराफत, ड्रीम गर्ल, तुम हसीन मैं जवान, शोले, सीता और गीता, अलीबाबा और 40 चोर जैसी फिल्मों में दोनों ने साथ काम करके फैंस के दिलों में रील लाइफ में जगह बनाई तो वहीं रियल लाइफ में अपनी लव स्टोरी से फैंस का ध्यान खींचा. इसी के चलते आज हम आपके लिए बॉलीवुड पॉपुलर कपल की 10 ऐसी तस्वीरें, जिसे देखकर फैंस की यादें ताजा हो जाएगी और वह तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे.

     पहली तस्वीर में आप धर्मेंद्र और हेमा मालिनी को बॉलीवुड के स्टार्स के साथ देख सकते हैं, जिसमें हेमा मालिनी साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही हैं.
        तीसरी तस्वीर भी हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की फिल्म जुगनू से है, जिसमें दोनों को सीन शूट करते हुए देखा जा सकता है.
     चौथी तस्वीर शोले फिल्म के सेट से है. जहां अमिताभ बच्चन कैमरा लिए धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की तस्वीर खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसे फैंस का प्यार मिल रहा है.
        गौरतलब है धर्मेंद्र इन दिनों सनी देओल के बेटे करण देओल की शादी के फंक्शन का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि इन फंक्शन में सुपरस्टार की दूसरी पत्नी यानी हेमा मालिनी और उनकी बेटियां ईशा और अहाना देओल हिस्सा बनती नहीं दिख रही हैं.

   मनोरंजन /शौर्यपथ /लगान, 1942 अ लव स्टोरी, देवदास और लगे रहो मुन्नाभाई जैसी फिल्मों के आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई का निधन हो गया है. पीटीआई-भाषा को पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि प्रसिद्ध कला निर्देशक नितिन देसाई महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अपने स्टूडियो में मृत पाए गए. बतौर आर्ट डायरेक्टर उनकी आखिरी फिल्म आशुतोष गोवारिकर की 'पानीपत' थी. बताया जा रहा है कि नितिन देसाई ओटीटी पर रिलीज होने वाले शो महाराणा प्रताप के काम में भी व्यस्त थे. यही नहीं, मुंबई के मशहूर लालबागच्या राजा के गणपति पंडाल की साज-सज्जा भी वही कर रहे थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नितिन देसाई को रायगढ़ स्थित उनके स्टूडियों में मृत पाया गया. करजात में एनडी स्टूडियोज नाम से उनका स्टूडियो है. यह मुंबई से 50 किलोमीटीर की दूरी पर स्थित है. उन्हें स्टूडियो में लटका हुआ पाया गया. जब पुलिस को इस बारे में सूचना मिली तो वह स्टूडियो पहुंची. अधिकारियों ने बताया है कि मौत की जांच की जा रही है. नितिन देसाई बॉलीवुड और मराठी की कई फिल्मों में आर्ट डिजाइनर के तौर पर काम कर चुके हैं.
      नितिन देसाई 20 साल से भी ज्यादा समय से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव थे. वह हम दिल दे चुके सनम, लगान, देवदास, जोधा अकबर, अजिंठा, बालगंधर्व और हरिश्चंद्राची फॅक्टरी के लिए आर्ट डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके थे.

   मनोरंजन /शौर्यपथ /भारत में फिल्में बनने का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही दिलचस्प भी है. इस इंड्स्ट्री में कई नायाब फिल्में बनी हैं. कुछ ऐसी भी बनी हैं जिनकी कीमत दर्शकों को बाद में समझ में आईं और कुछ ऐसी भी फिल्में बनी जो बॉक्स ऑफिस पर धराशाई भी हुईं. कुछ ऐसी फिल्में भी रहीं जो अपनी परफॉरमेंस से ज्यादा अपने बनने को लेकर चर्चा में रहीं. ऐसी ही एक फिल्म है जिसे बनने में पूरे 23 साल लग गए. फिल्म बनना शुरु होने से पहले ही एक एक्टर की मौत हो गई. फिल्म पूरी होने से पहले डायरेक्टर का निधन हो गया और तीसरी मौत उस स्टार की हुई जिसने इस फिल्म के लिए पूरे 23 साल दिए. क्या आप जानते हैं कौन सी है ये फिल्म.
लव एंड गॉड है मूवी का नाम
    इस मूवी का नाम है लव एंड गॉदोबारा ड. जिसे बनने में दो दशक से ज्यादा का समय लगा. इस फिल्म को बनाया के आसिफ ने. फिल्म लैला मजनू के गहरे इश्क पर बेस्ड थी, जिसमें संजीव कपूर बने थे मजनू और लैला बनी थीं निम्मी. के आसिफ के लिए ये फिल्म इसलिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि ये के आसिफ की पहली कलर फिल्म थी. फिल्म की शूटिंग 1963 से शुरू हुई. कुछ कारणों से फिल्म की शूटिंग को बीच में रोकना पड़ा. फिल्म की शूटिंग 1970 में शुरु हुई. इसके बाद फिर फिल्म की शूटिंग रूकी और पूरी होते होते 1986 का साल आ गया.
तीन लोगों की हुई मौत
    फिल्म के साथ तीन खास लोगों के निधन का इतिहास भी जुड़ा है. फिल्म की शूटिंग गुरुदत्त के साथ शुरू होनी थी. लेकिन अगले ही साल उनकी मौत हो गई, जिस वजह चार साल काम रुका रहा. उसके बाद 1940 में संजीव कुमार के साथ शूटिंग फिर शुरु हुई. पर अफसोस अपने जिस प्रोजेक्ट को लेकर के आसिफ संजीदा थी उसी प्रोजेक्ट के बीच 1971 में उनका निधन हो गया. इसके बाद फिल्म पूरी करने का बीड़ा उठाया के आसिफ की पत्नी ने. फिल्म पूरी होकर रिलीज के लिए तैयार भी हपर्दे तक फिल्म पहुंच पाती उससे पहेल संजीव कपूर का निधन हो गया.

    मनोरंजन /शौर्यपथ /आयुष्मान खुराना की बहुचर्चित फिल्म ड्रीम गर्ल का सीक्वल जल्द सिनेमाघरों में रिलीज होने वाला है. मंगलवार को फिल्म का ड्रीम गर्ल 2 का ट्रेलर रिलीज हुआ था. जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है. ट्रेलर देखकर कहा जा सकता है कि इस बार फिल्म में आयुष्मान खुराना आवाज से नहीं बल्कि असल में पूजा का रोल करते दिखाई देंगे. जो अपने पिता के कर्ज को खत्म करने के लिए शादी तक करने को मजबूर हो जाते हैं. सोशल मीडिया पर ड्रीम गर्ल 2 का ट्रेलर रिलीज होते ही जमकर वायरल हो रहा है. कई सोशल मीडिया यूजर्स ट्रेलर को खूब पसंद कर रहे हैं.
    साथ ही कमेंट कर ड्रीम गर्ल 2 की तारीफ भी कर रहे हैं. एक फैन ने ट्रेलर की तारीफ करते हुए लिखा, 'ड्रीम गर्ल 2 इस साल की साइलेंट ब्लॉकबस्टर होगी, दर्शक हमेशा ऐसी फिल्मों के लिए तरसते हैं. मेरे शब्दों पर गौर करें, तो यह फिल्म निश्चित रूप से जवान की ओपनिंग में खलल डालेगी.' एक और शख्स ने आयुष्मान खुराना की फिल्म का ट्रेलर देखकर ट्विटर पर पोस्ट किया, 'यकीन नहीं हो रहा कि मैं ऐसा कह रहा हूं, लेकिन एक लड़की के रूप में आयुष्मान वाकई बहुत सुंदर दिखते हैं, ड्रीम गर्ल 2 मजेदार लग रही है.'
       इनके अलावा और भी कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट किए हैं. ड्रीम गर्ल 2 ट्रेलर ने आते ही अपनी जबरदस्त कॉमेडी और स्टार-स्टडेड कलाकारों के साथ प्रशंसकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया है. यह फिल्म आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे की जोशीले जोड़ी को एक साथ लाती है, जिनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री यकीनन स्क्रीन्स पर जादू करेगी. ट्रेलर में गुदगुदाने वाले डायलॉग्स हैं और मुख्य जोड़ी के बीच मजेदार दोस्ती को भी दिखाया गया है. हंसी से भरपूर इस सफऱ में उनके साथ परेश रावल, असरानी, अन्नू कपूर, अभिषेक बनर्जी, मनजोत सिंह, राजपाल यादव, मनोज जोशी, सीमा पाहवा और विजय राज सहित प्रतिभाशाली अभिनेताओं की एक टुकड़ी शामिल है.

     मनोरंजन /शौर्यपथ / अगर आप 60 से 80 के दशक के बीच के बॉलीवुड फैन रहे हैं तो आप इस चेहरे से खूब वाकिफ होंगे. ये वो एक्ट्रेस हैं जो अपनी खूबसूरती के साथ साथ अपनी एक्टिंग के लिए भी जानी जाती थीं. एक दौर ऐसा भी था जब हर बड़ा हीरो इस हीरोइन के साथ काम करना चाहता था. य़े एक्ट्रेस हैं माला सिन्हा. जो, अपनी बेमिसाल अदाकारी के दम पर माला सिन्हा ने लंबा और हिट दौर देखा है. वो करीब सौ फिल्मों में काम कर चुकी हैं. ये बात अलग है कि उम्र के इस पड़ाव पर अब वो बहुत एक्टिव नहीं हैं. लेकिन उनकी मिसाल अब भी दी जाती है. एक्टिंग के साथ साथ माला सिन्हा अपने उसूलों की भी एकदम पक्की थीं.
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से इंकार
    बॉलीवुड में जिसे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलता है वो खुद को खुशनसीब समझता है. ये मौका माला सिन्हा को भी मिला था लेकिन माला सिन्हा ने इस अवॉर्ड को लेने से इंकार कर दिया था. माला सिन्हा ने खुद साल 2013 में इस बारे में एक इंटरव्यू में बात की थी. माला सिन्हा का कहना था कि अवॉर्ड के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम ही नहीं लिखा था जबकि दूसरे अवॉर्ड विनर्स का नाम लिखा गया था. ये देखकर वो काफी आहत हुई थीं और अवॉर्ड फंक्शन में जाने से इंकार कर दिया. माला सिन्हा ने कहा कि इंविटेशन में नाम न लिखा होना उनके लिए किसी अपमान से कम नहीं था. इससे बेहतर तो मुझे थप्पड़ मार देना होता.
ऐसे रिसीव किया अवॉर्ड
    माला सिन्हा की ये नाराजगी फाल्के समिति तक भी पहुंची. बकौल माला सिन्हा उनकी नाराजगी के बारे में जानने के बाद खुद फाल्के समिति के अध्यक्ष और सदस्य उनके घर पहुंचे थे. उन दोनों ने माला सिन्हा से अवॉर्ड लेने की रिक्वेस्ट की. जिसके बाद माला सिन्हा ने उस अवॉर्ड को कबूल किया. माला सिन्हा ने अपने लंबे फिल्मी करियर में चालीस साल तक एक्टिवली काम किया. हालांकि बेटी प्रतिभा सिन्हा की नाकामी के बाद माला सिन्हा टूट गईं और पब्लिक फंक्शन्स में जाना बंद कर दिया.

      मनोरंजन /शौर्यपथ /फोटो में दिख रहे इस बंदे को पहचानते हैं आप? ये अपने जमाने की मशहूर कॉमेडियन हैं जिन्होंने अपनी कॉमेडी से लोगों को जी भरकर हंसाया. कहते हैं कि इस एक्टर ने अपनी पूरी जिंदगी में शराब की एक बूंद भी गले के नीचे नहीं उतारी लेकिन कैमरे के सामने आते ही ये बिलकुल पियक्कड़ इंसान बन जाते थे. अगर आप इस कॉमेडियन को पहचान गए हैं तो आपकी बॉलीवुड फैन की बादशाहत कायम है. लेकिन अगर आप नहीं पहचान पा रहे हैं तो हम बताए देते हैं. ये बॉलीवुड के 60 और 70 के दशक के मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर हैं. जॉनी वॉकर ने अपने बॉलीवुड करियर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया और अपने काम से लोगों का खूब मनोरंजन भी किया.   
मुंबई की बस में कंडक्टरी करते थे जॉनी वॉकर   
     1925 में मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में जॉनी वॉकर का जन्म हुआ. तब उनका नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी रखा गया. उनके पिता कपड़ा मिल में मजदूर थे और किन्हीं कारणों से जब मिल में काम बंद हुआ तो उनका परिवार रोजी रोटी कमाने के लिए मुंबई आ गया. यहां बड़ा होने पर परिवार का पेट भरने के लिए जॉनी वाकर ने मुंबई में ही बस कंडक्टर की नौकरी शुरू कर दी. अपने  जबरदस्त कॉमिक अंदाज और अजीबोगरीब किस्से सुनाने के तरीके के चलते बस के लोग उनसे काफी खुश रहते थे.  
बस में मिला काम
     इसी दौरान एक्टर बलराज साहनी ने बस में ही जॉनी वॉकर की प्रतिभा को पहचान लिया. उस वक्त बलराज साहनी गुरुदत्त के लिए बाजी फिल्म की पटकथा लिख रहे थे. उन्होंने जॉनी वॉकर का काम देखा तो गुरुदत्त के पास जाकर ऑडिशन देने को कहा. बलराज साहनी के कहने पर जॉनी वॉकर स्टूडियो पहुंचे. वो शराब नहीं पीते थे लेकिन जब गुरुदत्त ने ऑडिशन में उनको शराबी का रोल करने के लिए कहा तो जॉनी वॉकर  ने इतने शानदार तरीके से शराबी का रोल किया कि गुरुदत्त ने तुरंत उनको अपने फेवरेट व्हिस्की ब्रांड जॉनी वॉकर का नाम देते हुए फिल्म के लिए सेलेक्ट कर लिया. 1951 में बाजी सुपरहिट साबित हुई और इसी के साथ जॉनी वॉकर के करियर की रेल भी चल निकली.
जाने कहां मेरा जिगर गया जी...आज भी किया जाता है याद    
      जॉनी वाकर ने अपने दौर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया. इसमें बाजी के साथ साथ प्यासा, जाल, बरसात, टैक्सी ड्राइवर, मिस्टर एंड मिसेज 55, श्रीमती 420, आंधियां,मधुमती, कागज के फूल जैसी फिल्में शामिल हैं. इन फिल्मों में हीरो के साथ साथ कॉमेडियन के तौर पर जॉनी वॉकर जनता के दिलों पर छा गए. उन पर फिल्माए गए गाने काफी हिट हुए. जाने कहां मेरा जिगर गया जी, दिल  जो तेरा घबराए, ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां जैसे गाने आज भी लोगों के दिलों को गुदगुदा देते हैं.

   मनोरंजन /शौर्यपथ /आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बॉलीवुड की एक बेहद खूबसूरत अभिनेत्री के बचपन की तस्वीर जिन्हें पहचानने में आप के पसीने छूट जाएंगे. ब्लैक एंड वाइट तस्वीर में मुस्कुराती हुई बच्ची को देखकर इतना अंदाजा तो आपने लगा लिया होगा कि  इन्हें कुदरत ने बेतहाशा खूबसूरती से नवाजा है. अपने जमाने के मशहूर अभिनेता राजकुमार इनकी खूबसूरती को देख डायलॉग भूल जाया करते थे.अगर इस बच्चे को पहचानने में मुश्किल हो रही है तो हिंट के लिए आपको बता देते हैं कि इन्होंने ज्यादातर फिल्मों में दुख भरे किरदार निभाए हैं, जिसकी वजह से उन्हें बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन भी कहा जाता था. अब तक तो आपने पहचान लिया होगा कि आखिर ये छोटी सी बच्ची है कौन.
    अगर दिमाग पर जोर देने के बावजूद आप इन्हें पहचान नहीं पाए हैं तो हम आपको बता दें ये कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री मीना कुमारी हैं, जिन्हें लोग ट्रेजेडी क्वीन के नाम से भी जानते हैं. 1 अगस्त 1972 में जन्मी मीना कुमारी का असली नाम महजबीं था. परिवार चलाने के लिए इनके पिता ने महज चार साल की उम्र में ही उन्हें कैमरे के सामने खड़ा कर दिया था. कहते हैं मीना कुमारी ने बड़े पर्दे पर जितनी शोहरत कमाई पर्दे के पीछे उनकी निजी जिंदगी उतनी ही दुख भरी रही. प्यार पाने के लिए वो हमेशा तरसती रहीं लेकिन सच्चे प्यार की उनकी चाहत कभी पूरी नहीं हो पाई. उनकी जिंदगी में कई स्टार आए लेकिन वो हमेशा उस प्यार को पूरा करने में नाकामयाब रहीं.
     मीना कुमारी की फिल्में बैजू बावरा, पाकीजा, साहिब बीवी और गुलाम,फूल और पत्थर, दिल एक मंदिर, काजल, मैं चुप रहूंगी, एक ही रास्ता, दिल अपना और प्रीत पराई, जैसी कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जमकर तहलका मचाया. उनकी राज कुमार और दिलीप कुमार के साथ जोड़ी बहुत ही हिट रही. कहते हैं कि राजकुमार मीना कुमारी की हुस्न के दीवाने थे. कई बार तो उनकी खूबसूरती में खोकर डायलॉग ही भूल जाया करते थे.अपनी कुल जमा 38 साल की उम्र में बतौर एक्ट्रेस मीना कुमारी ने 90 से ज्यादा शानदार फिल्मों में काम किया और उनको साइन करने के लिए प्रोड्यूसरों की लाइन उनके घर के बाहर लगी रहती थी.
मीना कुमारी ने महज 18 साल की उम्र में फिल्म निर्देशक और दो बार शादी कर चुके कमाल अमरोही से निकाह किया था. बहुत ही कम उम्र में मीना कुमारी कमाल अमरोही को दिल दे बैठी थीं, लेकिन कहा जाता है कि कमाल अमरोही ने उनको हमेशा नजरअंदाज किया. एक बार तो कमाल अमरोही ने गुस्से में उनको तलाक भी दे दिया था. कहते है बाहरी दुनिया में लोगों से घिरी रहने वाली मीना कुमारी अंदर से बिलकुल अकेली थीं. मायूसी में धीरे धीरे उन्होंने शराब को अपना बना लिया था जिसकी वजह से महज 38 साल की उम्र में लिवर खराब होने की वजह से मीना कुमारी इस दुनिया से रुखसत हो गईं.

     मनोरंजन /शौर्यपथ /हिंदी फिल्मों की जान होता है उसका हीरो. हीरो का एक्शन, उसकी एक्टिंग, उसका स्टाइल- सब उस दौर के युवाओं के सिर चढ़ कर बोलता है. और अगर हीरो मेल फैंस और फीमेल फैंस में बराबरी से हिट हो तो कहना ही क्या. वो बॉक्स ऑफिस पर फिल्म हिट होने की गारंटी भी बन जाता है. यही फेवरेट हीरो अगर फिल्म के आखिर में दम तोड़ देता है तो समझिए कि फिल्म को बंपर हिट होना ही है. हीरो का फिल्म में दम तोड़ना यानी टिकट खिड़की पर फिल्म को मजबूत सांसे मिलने का इशारा है. ये कोई बेमानी बात नहीं है. ऐसी बहुत सी फिल्में हैं जिसमें लास्ट में हीरो की डेथ ने उसकी कामयाबी को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया.
शोले
    शुरुआत करते हैं शोले मूवी से. मूवी ने किस कदर बॉक्स ऑफिस पर रौनकें देखी हैं ये किसी से छिपा नहीं है. फिल्म के आखिर में जय बने अमिताभ बच्चन अपने दोस्त वीरू की गोद में सिर रख कर दम तोड़ देते हैं. इसके बाद अमिताभ बच्चन की पॉपुलैरिटी तो और बढ़ी ही, साथ ही फिल्म भी कई महीनों तक सिनेमाघरों से नहीं उतरी.
दीवार
    दीवार मूवी तक अमिताभ बच्चन मेल फैन्स के बीच एंग्री यंग मैन के रूप में फेमस हो चुके थे और फीमेल फैन्स के हार्टथ्रोब थे. ऐसे में दीवार मूवी में जब फिल्म के अंत में जब उनका डेथ सीन आता है तो हर फैन की आंख नम हो जाती है. बस यही नमी बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी भी बन जाती है.
देवदास
     रोमांस किंग जब अपने प्यार के इंतजार में एक एक सांस गिनता है तो फैन्स का हाल भी बुरा हो जाता है. देवदास मूवी में शाहरूख खान का जाना भी दर्शकों को जज्बाती बना गया. संजय लीला भंसाली की इस एपिक मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर खूब कामयाबी बटोरी,
मोहरा
    फिल्म के गाने और स्टोरी खूब एंटरटेन करती है लेकिन जब सुनील शेट्टी की मौत का सीन आता है तो दर्शक हंसना भूल जाते हैं और आंखें आंसुओं से नम हो जाती हैं.
कल हो ना हो
  इस फिल्म में शाहरुख खान प्यार की परिभाषा सिखाते हैं और लास्ट में खुद मौत की गिरफ्त में आ जाते हैं. अपने फेवरेट हीरो का ये हाल देखकर फैन्स खूब जज्बाती हुए और फिल्म भी खूब चली.
रांझणा
  पूरी फिल्म भर दर्शकों ने धनुष के निर्दोष प्यार का अहसास किया. इसी प्यार को मिस करते-करते धनुष फिल्म में खत्म हो गए. उनके डेथ सीन के बाद तक दर्शकों को ये उम्मीद थी कि अब शायद धनुष उठेंगे और फिल्म पूरी होगी.

    मनोरंजन/शौर्यपथ / पर्दे पर मीना कुमारी के आंसू इस कदर गिरे कि उनका नाम ही ट्रेजेडी क्वीन हो गया. दर्द में डूबी मीना कुमारी की आंखें ये बयां करने के लिए काफी थीं कि उनके जीवन में दर्द सिर्फ पर्दे पर ही नहीं बल्कि असली जीवन में भी है. मीना कुमारी को फिल्मों में बेतहाशा कामयाबी मिली. यही कामयाबी उनकी जिंदगी, उनके प्यार और उनके सुकून की दुश्मन बन गई. मीना कुमारी ने सीनियर एक्ट्रेस नरगिस दत्त को अपनी बड़ी बहन का दर्जा दिया. मीना कुमारी की जिंदगी का हाल देखकर नरगिस ने भी मीना कुमारी को मौत की बधाई दी और ये भी कहा कि ये दुनिया तुम्हारे जैसे लोगों के लिए नहीं है.
नरगिस दत्त ने क्यों कहा- मौत मुबारक हो!

लिवर सिरोसिस के चलते मीना कुमारी की महज 38 साल की उम्र में मौत हो गई. उनके दर्द को इस दुनिया में उनके पति और डायरेक्टर कमाल अमरोही ने भी नहीं समझा. लेकिन नरगिस अपनी मुंह बोली छोटी बहन के हर दर्द को खूब समझती थीं. शादी के बाद मीना कुमारी किस दर्द से गुजर रही हैं और क्या-क्या झेल रही हैं, ये सिर्फ नरगिस जानती थीं. यही वजह थी कि जब मीना कुमारी मौत की नींद सोईं, तब नरगिस ने उन्हें मौत की बधाई दी और ये भी कहा कि अब इस दुनिया में कभी मत आना. एक चिट्ठी में नरगिस ने मीना कुमारी के लिए ये बात कही. ये चिट्ठी ‘ये उन दिनों की बात है- उर्दु मेमोर ऑफ सिनेमा लिजेंड' किताब में दर्ज है.

इस खत में नरगिस ने लिखा है कि तुम्हारी बाजी तुम्हें मौत पर मुबारकबाद दे रही है. नरगिस ने उनके दर्द को बयां करते हुए बताया है कि एक रात उन्हें मीना कुमारी के कमरे से खूब मारपीट की आवाजें आ रही थीं. एक रात उन्होंने मीना कुमारी को होटल के बाहर बुरी तरह हांफते हुए भी देखा. इन घटनाओं को देखने के बाद नरगिस ने कमाल अमरोही के सेक्रेटरी से पूछा भी कि क्या वो मीना कुमारी को मार देना चाहते हैं. उन्हें जवाब मिला कि मीना कुमारी को सही वक्त पर आराम दे दिया जाएगा. इन घटनाओं को याद कर नरगिस का दिल दर्द से भर गया और वो ये चिट्ठी लिखने पर मजबूर हो गईं.

 

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