February 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार 26 नवंबर को दोपहर 12 बजे राज्य मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बैठक मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर में आयोजित की गई है।

  रायपुर/शौर्यपथ / राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 इस वर्ष 4 दिसंबर को देशभर में आयोजित किया जाएगा। इसे इस बार परख प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण) नाम दिया गया है। सर्वेक्षण का उद्देश्य बच्चों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मापदंड स्थापित करना है।
   इस बार सर्वेक्षण कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों पर केंद्रित होगा, जो उनके पिछले कक्षाओं में अर्जित दक्षताओं पर आधारित होगा। परीक्षा में प्रश्न ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में होंगे। यह सर्वेक्षण न केवल बच्चों की दक्षता का आकलन करेगा, बल्कि राज्यों की शैक्षणिक रैंकिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राज्य रैंकिंग सुधारने का अवसर
पिछले एनएएस 2021 के परिणामों में अंतिम स्थान पर रहने वाले राज्यों के लिए यह सर्वेक्षण अपनी रैंकिंग सुधारने का अवसर प्रदान करता है। राज्यों की रैंकिंग का उपयोग विभिन्न शैक्षिक योजनाओं में किया जाता है। ऐसे में इस बार सभी राज्यों का प्रयास है कि वे सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन कर शैक्षिक रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत करें।
शिक्षा प्रणाली में सुधार का प्रयास
परख का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन का समग्र मूल्यांकन करना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मानकों और दिशानिर्देशों को स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है। इस सर्वेक्षण में दक्षता आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनका उत्तर ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में दिया जाएगा और छात्रों को ओएमआर शीट के अभ्यास के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभाव
परख राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप एक अहम कदम है। यह पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से हटकर छात्रों के समग्र विकास और उनके ज्ञान के गहन विश्लेषण पर जोर देता है।
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की अपील
  सर्वेक्षण की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों और स्कूल प्रशासन से अपील की गई है कि वे छात्रों को अधिक से अधिक अभ्यास करवाएं। यह न केवल बच्चों की दक्षताओं को निखारेगा, बल्कि राज्य की रैंकिंग में भी सुधार सुनिश्चित करेगा।
 राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों की दक्षताओं के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।

मां महामाया के किए दर्शन, सफाई कर्मियों के पखारे पैर
रतनपुर और कोटा में विकास कार्यों का किया लोकार्पण व भूमिपूजन, हितग्राहियों को पूर्ण आवासों की चाबी सौंपी
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की ओर है अग्रसर - उप मुख्यमंत्री
   रायपुर/शौर्यपथ/उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज अपने जन्मदिन पर परिवार सहित बिलासपुर के कल्याण कुंज वृद्धाश्रम पहुंचकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। श्री साव ने बुजुर्गों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना और उनके साथ समय बिताया। उन्होंने बुजुर्गों को कंबल, फल और मिठाई दिया। बुजुर्गों ने केक काटकर उप मुख्यमंत्री श्री साव का जन्मदिन मनाया और उनकी अच्छी सेहत व दीर्घायु जीवन के लिए आशीष दिया।  
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज रतनपुर पहुंचकर मां महामाया की पूजा-अर्चना की और राज्य की तरक्की, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में सफाई मित्रों का पैर पखारकर उनका सम्मान किया। श्री साव की जन्मदिन की खुशी में लोगों ने वहां उन्हें लड्डुओं से तौला और सभी का मुंह मीठा कराया। उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रगति की ओर तेजी से अग्रसर है। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को उनके पूर्ण आवासों की चाबी सौंपी। उन्होंने रतनपुर में करीब दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों के साथ ही हितग्राहियों को सामग्री वितरण किया। इनमें 30 लाख रुपए के छह ई-रिक्शा भी शामिल हैं।
श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की नगरी रतनपुर के पुराने वैभव को वापस लाने के लिए हम वचनबद्ध हैं। पिछले दस महीनों में यहां लगभग छह करोड़ रुपए के विकास कार्य किए गए हैं। आगे भी पूरी सक्रियता से यहां काम होंगे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने उन्हें गुलदस्ता भेंटकर जन्मदिन की बधाई दी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बिलासपुर जिले के कोटा नगर पंचायत में छह करोड़ 73 लाख रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोटा तेज गति से आगे बढ़े, इसके लिए हम लोग गंभीरता से काम कर रहे हैं। यहां की साफ-सफाई की व्यवस्था को और भी दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का काम अकेले नगर पंचायत का नहीं है। हम सभी को इसमें भागीदारी निभानी होगी। श्री साव ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को ऋण के चेक वितरित किए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत हितग्राहियों को आवासों के स्वीकृति पत्र और पूर्ण हो चुके आवासों की चाबी भी सौंपी। बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण चौहान और कोटा नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती अमृता प्रदीप कौशिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी इस दौरान मौजूद थे।

बिहान योजना ने दी नई राह, बदली अनीता की जिंदगी
 जशपुर/शौर्यपथ /महिलाओं की सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं होती, बल्कि यह समाज में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब एक महिला आत्मनिर्भर बनती है, तो वह न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारती है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करती है। उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय यह साबित करता है कि अवसर और सही दिशा मिलने पर महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ सकती हैं। महिलाओं की सफलता, चाहे वह शिक्षा, व्यवसाय, या समाज सेवा में हो, समाज में समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक बनती है। उनकी कहानियां अन्य महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण और प्रेरणा का स्रोत बन जाती हैं। इसी तरह फरसाबहार विकासखंड के ग्राम पंचायत तपकरा की श्रीमती अनीता किस्पोट्टा ने अपने दृढ़ निश्चय और बिहान योजना के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। आज वे न केवल खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं।
बिहान समूह से जुड़कर बदली अपनी तकदीर:
अनीता किस्पोट्टा चमेली महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं, जिसमें कुल दस महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इस समूह से जुड़ने के बाद अनीता को नई संभावनाएं मिलीं। उन्होंने अब तक समूह के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के तहत 10 लाख रुपये का लोन लिया। जिसमें से तीन लाख रुपये का उपयोग अपने छोटे व्यवसाय को शुरू करने और उसे बढ़ाने में किया।
शुरुआती दिनों में अनीता तपकरा और आसपास के साप्ताहिक बाजारों में मनिहारी का सामान बेचती थीं। छोटे पैमाने पर शुरू किया गया यह व्यवसाय उनकी मेहनत और लगन के दम पर धीरे-धीरे बड़ा हुआ।
व्यवसाय में सफलता का परचम
आज अनीता खुदरा के साथ-साथ थोक में भी मनिहारी सामान बेचती हैं। उनकी वार्षिक आय अब पाँच लाख रुपये तक पहुँच चुकी है। इस आय से उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाई और जीवन स्तर को बेहतर बनाया।
महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प
अनीता का कहना है, “बिहान समूह ने मुझे आत्मनिर्भर बनने का साहस दिया और मेरे सपनों को पूरा करने का रास्ता दिखाया।” आज वे अपनी सफलता से अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं और उन्हें सशक्त बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। उनकी कहानी आसपास की महिलाओं के लिए उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार:
अनीता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद करते हुए कहा, “बिहान जैसी योजनाओं ने न केवल मेरे जीवन को बदल दिया, बल्कि हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।”

 अजय चंद्राकर
  जगदलपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित धुड़मारस गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ( यूएनडब्ल्यूटीओ ) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक के रूप में चुने जाने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित धुड़मारस इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए विश्व भर के 60 देशों से चुने गए 20 गांवों में से एक है, जो अपनी स्थायी पर्यटन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
 यूएनडब्ल्यूटीओ का उन्नयन कार्यक्रम धुड़मारस को अपनी पर्यटन सुविधाओं को मजबूत करने, अपनी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायता प्रदान करेगा।
इस मान्यता से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में वृद्धि होने की संभावना है, खासकर 27 सितंबर को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा धुड़मारस और चित्रकोट गांवों को मिले सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव पुरस्कार के बाद।
घने जंगलों और कांगेर नदी से घिरा धुड़मारस इको-टूरिज्म के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रस्तुत करता है । बस्तर समुदाय का स्वागत करने वाला स्वभाव गाँव के पर्यटकों के आकर्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। निवासी होमस्टे की सुविधाएँ प्रदान करते हैं, जबकि स्थानीय युवा क्षेत्र के माध्यम से आगंतुकों का मार्गदर्शन करते हैं।
 छत्तीसगढ़ प्रशासन क्षेत्रीय सम्पर्क बढ़ाने और स्थानीय शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की प्रक्रिया में है।
वन और पर्यटन विभागों ने धुड़मारस को इको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करके आत्मनिर्भर भारत के लिए अवसर पैदा किए हैं, जहां नियमित रूप से नई गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर नागलसर और नेतानार गांवों में, स्थानीय युवा इको-टूरिज्म डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से शबरी और कांगेर नदियों पर कयाकिंग और बांस राफ्टिंग की पेशकश करते हैं। यह उद्यम समुदाय के लिए स्थिर आय प्रदान करता है, जिसमें लाभ को प्रतीक्षा क्षेत्रों और शौचालयों जैसी पर्यटक सुविधाओं में फिर से निवेश किया जाता है।
पर्यटन और वन विभाग ने कथित तौर पर 40 धुरवा जनजाति परिवारों के युवाओं को कयाकिंग, बांस राफ्टिंग और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षित किया है। होमस्टे पर्यटकों को उनके रीति-रिवाजों, शिल्प और त्योहारों सहित पारंपरिक आदिवासी जीवन का अनुभव करने का मौका देते हैं। धुड़मारस को अन्य गांवों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित करते हुए, राज्य सरकार इन पहलों को नागलसर और नेतानार तक विस्तारित कर रही है।
यहां के धुर्वा समुदाय के युवा और होमस्टे संचालक मानसिंह बघेल ने कहा, "होमस्टे से कई लोगों को रोजगार मिला है और कुछ युवा आगंतुकों को खाना पकाने, कैंपिंग, ट्रैकिंग और पक्षी देखने के लिए ले जा रहे हैं।"
बांस की बेड़ियाँ, बांस के कूड़ेदान, मिट्टी के घर और पत्तों की थालियों जैसे स्थानीय संसाधनों का उपयोग प्रकृति को संरक्षित करते हुए टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देता है। बेंगलुरु से आई एक पर्यटक विद्या ने बताया, "धुरवा समुदाय के साथ समय बिताना एक अद्भुत अनुभव रहा। मुझे एक स्थानीय होमस्टे में ठहराया गया, जहां मैंने मित्रवत लोगों के साथ स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया।" धुड़मारस का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जो धुर्वा और मारिया जनजातियों का निवास स्थान है, से निकटता के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को स्थानीय रीति-रिवाजों और आतिथ्य का अनुभव करने का अवसर मिलता है।
पर्यटन ने धुड़मारस गांव के लोगों के जीवन को कई तरह से बदल दिया है, नक्सल आंदोलन के विकल्प प्रदान किए हैं और पलायन की समस्याओं को हल किया है।
स्वयं सहायता समूह की सदस्य मंगलदेवी बघेल ने कहा, "पहले हमें गांव में रोजगार नहीं मिल रहा था, जिसके कारण हमें दूसरी जगह पलायन करना पड़ता था। अब हम स्थानीय स्तर पर काम करके एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।" कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंह ने शौर्य पथ को बताया कि उद्यान से सटे गांव में 40 घर हैं, जिनमें से प्रत्येक परिवार का एक सदस्य बांस राफ्टिंग और कयाकिंग में भाग लेता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
गांव में एक इको विलेज डेवलपमेंट कमेटी है, जिसके सदस्य रोलिंग फंड के तहत वन विभाग द्वारा दिए गए ऋण लेते हैं ताकि कयाकिंग और राफ्टिंग के लिए उपकरण खरीद सकें, और अपने पर्यटन लाभ से ऋण चुकाते हैं। सिंह ने बताया कि वे हर महीने 3-4 लाख रुपये कमाते हैं, जिसमें से 50% कमाई गांव के विकास पर खर्च की जाती है और बाकी सदस्यों में बराबर बांटी जाती है। उन्होंने बताया कि राफ्टिंग और कयाकिंग गतिविधियां कांगेर धारा नदी पर आयोजित की जाती हैं, जो पार्क के बफर जोन से होकर बहती है।
"धुड़मारस, धुर्वा जनजाति के स्वामित्व वाला एक आदिवासी गांव है, जो एक इको-टूरिज्म गंतव्य है, जिसमें धुर्वाडेरा होमस्टे की सुविधा है, जहां मेहमान पारंपरिक मिट्टी और बांस के घरों और आदिवासी व्यंजनों का अनुभव करते हैं।
 इको-डेवलपमेंट कमेटी 40 गांव के प्रत्येक घर से एक, 35 लोगों को इको-टूरिज्म गतिविधियों में शामिल करती है, जो द्वितीयक आजीविका प्रदान करती है। बांस राफ्टिंग, कयाकिंग और ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों से आय होती है, जिसका कुछ हिस्सा समुदाय के साथ साझा किया जाता है।
आदिवासी व्यंजन बेचने वाले खाद्य स्टॉल और साल के पत्तों की थाली बनाने जैसी पहलों से अतिरिक्त रोजगार पैदा होता है। 'देखो बस्तर' जैसे कार्यक्रम पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करते हैं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं," निदेशक ने कहा। इस इकोटूरिज्म गांव की आबादी 215 है। वार्षिक पर्यटक प्रवाह के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, घरेलू पर्यटकों की संख्या 8,737 दर्ज की गई, जबकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 16 थी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पर्यटन और वन विभाग, बस्तर प्रशासन और कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधिकारियों की प्रशंसा की। उन्होंने पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों को संरक्षित करने में स्थानीय लोगों के प्रयासों की सराहना की ।

   रायपुर / शौर्यपथ / हर रेखा में छिपा है एक संदेश, सिंगार सिर्फ रूप नहीं यह आत्मविश्वास का प्रतिवेश है। आत्मविश्वास से परिपूर्ण और अनेक बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत का कार्य कर रहे धमतरी जिले के कुरूद में रहने वाले दिव्यांग समाजसेवी और चित्रकार श्री बसंत साहू को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने फोन करके जन्मदिन की बधाई देने के साथ ही हेलन केलर अवार्ड 2024 से सम्मानित होने पर बधाई दी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री बसंत साहू को जन्मदिन और सम्मान के लिए बधाई देते हुए कहा कि आपको हेलेन केलर अवार्ड 2024 प्राप्त होने की सूचना समाचार के माध्यम से मिली। आपकी इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आत्मीयतापूर्ण चर्चा के दौरान बसंत साहू से कहा कि जल जगार कार्यक्रम में आपसे मुलाकात हुई थी। हमे आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा था।आपने साबित किया है कि कठिनाईयां केवल मानसिक चुनौतियां है। दृढ़ संकल्प से बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। बसंत साहू ने कहा कि मेरा उद्देश्य समाज में समावेशिता और समानता लाना है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आपके इस जज्बे व उपलब्धि से हम गौरवान्वित हैं। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। समाजसेवी श्री बसंत साहू ने मुख्यमंत्री श्री साय के उत्साहवर्धन के लिए आभार व्यक्त क्या और कहा कि वे इसी प्रकार अपने प्रयासों से आने वाले भविष्य और बच्चो के लिए एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान देते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि समाजसेवी बसंत साहू को उनके द्वारा दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और समाज में समान अवसर दिलाने के लिए किए गए अद्वितीय कार्यों के लिए हेलन केलर अवार्ड प्रदान किया गया है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोक कला, परंपराओं और सामाजिक मुद्दों को जीवंत रखा है। उनके चित्रों में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, पारंपरिक परिधान और समाज की समकालीन समस्याओं का समावेश है। बसंत के बनाए चित्रों का संग्रह देश विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर किया गया है, जिनमें भारत में राष्ट्रपति भवन, राजभवन, दिल्ली संग्रहालय एवं यूएसए, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश शामिल हैं। उनकी कला ने उन्हें न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश और विदेश में भी सम्मान दिलाया है।
बसंत साहू ने दिव्यागता को कभी अपनी सफलता की राह में रुकावट नहीं बनने दिया। बसंत साहू का मानना है कि कठिनाइयों केवल मानसिक चुनौतियाँ होती हैं। यदि मन में दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी बाधा व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से नहीं रोक सकती। बसंत साहू का जीवन केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी नहीं है बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

झारखंड, कर्नाटका में इंडिया गठबंधन की जीत पर बधाई, वायनाड में प्रियंका गांधी ने इतिहास रचा
जनसरोकारों के लिये हमारी लड़ाई जारी रहेगी

रायपुर/शौर्यपथ/आज आये चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि झारखंड, कर्नाटका, राजस्थान और मध्यप्रदेश की एक सीट पर कांग्रेस इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विजयी हुये है। महाराष्ट्र का चुनाव परिणाम अप्रत्याशित है। वायनाड से अभूतपूर्व विजय हासिल करने के लिये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को बधाई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दक्षिण विधानसभा उपचुनाव की जनादेश शिरोधार्य है, उपचुनाव के परिणाम पार्टी के अपेक्षाओं के अनुरूप नही आये, पूरी पार्टी, नेताओं और कार्यकताओं ने एकजुटता से चुनाव को लड़ा। उपचुनाव का रिजल्ट आमतौर पर सत्ता दल के पक्ष में आता है। जब कांग्रेस की सरकार थी तो कांग्रेस पार्टी ने 5 उपचुनाव जीते थे। जो जनादेश आया है उसे कांग्रेस पार्टी स्वीकार करती है। जनता के हित और सरोकार के लिये हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एक उपचुनाव के परिणाम से जनता के सभी सवालों का जवाब नही मिल जाता, और न ही राज्य के हालात में परिवर्तन हो जाता है। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था, राज्य में भ्रष्ट तंत्र का बोल बाला, भाजपा की वादा खिलाफी, 1 लाख नौकरियों का वादा, 500 में गैस सिलेण्डर, 1.25 करोड़ माताओं बहनों के महतारी वंदन की राशि, अनियमित कर्मचारियों को 100 दिन में नियमित करने का वादा, धान खरीदी की परेशानी ऐसे विषय है जिसमें साय सरकार विफल साबित हुई है। कांग्रेस, सरकार को वादे याद दिलाती रहेगी तथा मजबूत विपक्ष के रूप में अपना संघर्ष जारी रखेगी।

   रायपुर / शौर्यपथ / श्रद्धेय नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव जी की जयंती पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्य़क्ष नवीन कुमार गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ नेता जी की जयंती मनाया। और उसके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए गए। एवं अस्पतालों, वृृद्धा आश्रम एवं विद्यालयों में फल वितरण का आयोजन किया गया। और साथ ही, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा छत्तीसगढ़ के अलग-अलग विधानसभा एवं जिला मुख्यालय में और अनेकों स्थानों पर श्रद्धेय नेताजी जी की जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. पुरूषोत्तम सोनवानी, प्रदेश महासचिव मनीष श्रीवास्तव जी, श्री मनोहर लाल साहू जी, श्री प्रकाश जोशी जी, श्री कुनाल गुप्ता जी, श्री जयंत अग्रवाल जी, श्री पवन सिंह ठाकुर जी, अमित खुटे जी, श्री पन्ना आडिल जी, श्री मनोज राजपूत जी, प्रमुख रूप से शामिल हुए, एवं नेताजी के सपने को सदैव जागृत रखने हेतु, और नेताजी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।

   दुर्ग / शौर्यपथ / महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी को बडी जीत दिलाते हुए देश की राजनीति में बड़ा बदलाव संकेतित किया है।दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ.प्रतीक उमरे ने इस सफलता को जनता का भरोसा करार दिया और जीत का श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दिया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी और खासकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पानी पी-पीकर कोस रहे थे,वह लगातार कह रहे थे कि आरएसएस की आस्था देश के संविधान में नहीं है,जिसकी वजह से जनता ने राहुल गांधी को आइना दिखा दिया है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाराष्ट्र में बीजेपी की बड़ी जीत की वजह बनी है,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराष्ट्र में कमर कसकर बीजेपी को जिताने का काम किया है।हरियाणा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में इतनी जबरदस्त जीत की वजह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है,जिसने राज्य में अपने कैडर के साथ जमकर मेहनत की और ये सुनिश्चित किया कि भाजपा वहां जबरदस्त तरीके से जीते।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम किया साथ ही प्रभावी रणनीतियां बनाने में भी खास भूमिका भी निभाई।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योगदान कई तरह से देखने को मिला जिसमें संगठन,वैचारिक समर्थन और सामाजिक संवाद शामिल रहे।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा को चुनावी मुद्दों पर मार्गदर्शन दिया जिसके तहत विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर महाराष्ट्र की जनता ने मोहर लगाया है।

  राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत नवीन स्वीकृत आवास के हितग्राहियों के लिए जनपद पंचायत छुरिया अंतर्गत ग्राम साल्हे, चिखलाकसा, सीताकसा उ,तुर्रेगढ़, आयाबंधा, बननवागांव, साल्हे, पांगरीखुर्द में आवास सभा एवं आवास संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हितग्रहियों को आवास निर्माण के संबंध में तकनीकी, किस्त प्राप्ति सहित अन्य आवश्यक जानकारी दी गई। साथ ही हितग्राहियों को नवीन स्वीकृत आदेश वितरण किया गया। मुख्यमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण करने वाले हितग्राहियों को पूर्णता प्रमाण पत्र एवं चाबी वितरण किया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात हितग्राहियों को गृह-प्रवेश कराया गया तथा निर्माणधीन एवं अप्रारंभ आवासों का निरीक्षण भी किया गया। इस अवसर पर सहायक परियोजना अधिकारी एवं जिला समन्वयक, प्रधानमंत्री आवास योजना, सीईओ जनपद पंचायत छुरिया, एसीईओ जनपद पंचायत छुरिया, जनपद पंचायत छुरिया की आवास टीम एवं ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, हितग्राही एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे ।

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