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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
उप मुख्यमंत्री ने अर्बन एक्वीफर मैनेजमेंट पर आयुक्तों, सीएमओ और अभियंताओं के तीन दिवसीय प्रशिक्षण को किया संबोधित
नगरीय निकायों के वरिष्ठ अधिकारियों और अभियंताओं को देश-विदेश के विशेषज्ञ दे रहे प्रशिक्षण
रायपुर / शौर्यपथ / नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पं. दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) के तहत नगरीय निकायों में भू-जल के संचय, संवर्धन और रिचार्ज के लिए मिशन मोड पर कार्य करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने नवा रायपुर स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर सभी नगरीय निकायों के लिए तीन दिवसीय गहन ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया है। इसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ अर्बन एक्वीफर मैनेजमेंट विषय पर सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं अभियंताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन विभाग ने इस साल 20 मई को शहरों में भू-जल और वर्षा जल के संरक्षण-संवर्धन के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) लांच किया था। प्रशिक्षण के बाद निकायों द्वारा इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव ने विगत 22 सितम्बर से शुरू तीन दिनों के प्रशिक्षण के दूसरे दिन आज सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। वे आज अपने मुंगेली प्रवास के दौरान सभी अधिकारियों और प्रशिक्षण दे रहे विशेषत्रों से वर्चुअली जुड़े और उन्हें संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भू-जल का संरक्षण और रिचार्ज आज की बड़ी चुनौती है। शहरों की बढ़ती आबादी और वहां जल संकट से निपटने के लिए प्रभावी कार्य करना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रशिक्षण से हमारे नगरीय निकायों के अधिकारियों को भू-जल के संचय, संवर्धन और रिचार्ज से जुड़ी तकनीकी जानकारी मिलेगी। वे एक्वीफर मैपिंग, भूजल पुनर्भरण तकनीक तथा शहरी जल प्रबंधन की आधुनिक पद्धतियों से अवगत होकर अपने शहर के विकास की कार्ययोजना बनाते समय इनका ध्यान रख सकेंगे। इससे वे भू-जल के संवर्धन के लिए भी प्रभावी योजनाएं तैयार कर सकेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि नगरों के विकास की योजना बनाते समय जल संरक्षण को प्राथमिकता से शामिल करना होगा। जल संचय और रिचार्जिंग सिस्टम के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा विकसित करना होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों से प्रशिक्षण का पूरा लाभ लेने को कहा। श्री साव ने राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के साथ ही प्रशिक्षण दे रहे सभी विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से हम नगरीय निकायों में भू-जल के संरक्षण और रिचार्ज के लिए प्रभावी काम कर सकेंगे। राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय सहित नगरीय प्रशासन विभाग एवं सुडा के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रशिक्षण से ऑनलाइन जुड़े।
ये विशेषज्ञ दे रहे प्रशिक्षण
प्रदेशभर के नगरीय निकायों के वरिष्ठतम अधिकारियों और अभियंताओं को अर्बन एक्वीफर मैनेजमेंट विषय पर देश-विदेश के विशेषज्ञ प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण के पहले दिन 22 सितम्बर को राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमिजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, नवा रायपुर की वैज्ञानिक सुश्री बिजिमोल जोस के साथ ही सीजीडब्ल्यूबी, चेन्नई के वैज्ञानिक डॉ. एम. सेंथिल कुमार ने शहरी क्षेत्रों के जल भू-विज्ञान के बारे में जानकारी दी। वहीं मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज, फरीदाबाद के प्राध्यापक डॉ. अरुणांग्शु मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में भू-जल परिदृश्य के बारे में बताया।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन आज सीजीडब्ल्यूबी, नई दिल्ली के पूर्व सदस्य डॉ. दीपांकर साहा ने उथले जलभृतों (Aquifer) में भूजल की गुणवत्ता, सीजीडब्ल्यूबी, नई दिल्ली के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक श्री एस.के. मोहिद्दीन ने भारत के मेट्रो शहरों में वर्षा जल संचयन और प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण (एमएआर) तथा डेनमार्क के आरहूस विश्वविद्यालय के फैकल्टी डॉ. फिलिप ने डेनमार्क के शहरी जलभृत प्रबंधन के अनुभव साझा किए।
प्रशिक्षण के तीसरे दिन 24 सितम्बर को सीजीडब्ल्यूबी, नई दिल्ली के वैज्ञानिक श्री मधुकर सिंह शहरी क्षेत्रों में कृत्रिम पुनर्भरण के सरल और व्यावहारिक तरीकों, बायोम एनवायर्नमेंटल, बेंगलुरु के संस्थापक और निदेशक श्री एस. विश्वनाथ बेंगलुरु के शहरी जलभृत प्रबंधन और सर्वोत्तम प्रथाओं तथा केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के डॉ. उदय भोंडे शहरी विकास एजेंडा के तहत शहरी जलभृत प्रबंधन परियोजनाओं की जानकारी देंगे।
भाजपा राज में प्रशासनिक अराजकता हावी
जब भाजपा के कार्यकर्ता प्रताड़ित किये जा रहे तब आम आदमी का क्या होगा
रायपुर/ शौर्यपथ राजनीती / पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने भाजपा सरकार के बदनुमा चेहरे को दिखाया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर के द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र प्रदेश में फैली प्रशासनिक अराजकता को बयान करता है। भाजपा राज में प्रशासनिक अराजकता हावी है। ननकी राम कंवर ने अपने पत्र में सिल-सिलेवार बताया है कि किस प्रकार से प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के कार्यकर्ताओं और पत्रकार को प्रताड़ित कर रहे है। जब भाजपा के कार्यकर्ताओं का यह हाल है तो आम आदमी के साथ यह अधिकारी कैसा सलूक करते होगें, इसकी कल्पना की जा सकती है। ननकी राम कंवर का यह आरोप गंभीर है कलेक्टर डीएमएफ फंड का दुरुपयोग कर रहे व्यक्तिगत लाभ ले रहे। कोरबा के डीएमएफ फंड की राशि के खर्चे की जांच करवाई जानी चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने अपने पत्र में गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है प्रदेश के कलेक्टर लोकहित में काम नहीं करते है, व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिये अपने संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग कर रहे है। अधीनस्थों पर दबाव बनाकर अनैतिक काम कराया जाता है, जो न्यायहित में नहीं है तथा लोकतंत्र के लिये खतरा है। कलेक्टर सरकार के प्रतिनिधि है, वे वही करते है जैसा सरकार चाहती है। कलेक्टर गलत कर रहे मतलब सरकार उनसे वैसा करवा रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ननकी राम कंवर ने तो केवल एक जिले के कलेक्टर के बारे में पत्र में लिखा है। पूरे प्रदेश में यही हालात है। ननकी राम कंवर के पहले भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष आदिवासी नेता रवि भगत ने भी बेलगाम नौकरशाही और मंत्री के मनमानी को उजागर किया था। सरकार की कमजोर पकड़ के कारण प्रशासनिक तंत्र बेलगाम हो गया है। पिछले एक साल में राज्य में काम करने की संस्कृति समाप्त हो गई है। आम आदमी अपने रोजमर्रा के कामो के लिये सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है, किसी की कही सुनवाई नहीं हो रही है।
बचत उत्सव मोदी सरकार की जीएसटी पर लूट पर पर्दा की कोशिश, जनता समझ रही - कांग्रेस
रायपुर / शौर्यपथ / जीएसटी रिफॉर्म के बाद भाजपा को बचत उत्सव नहीं बल्कि 8 साल के अनवरत लूट के लिए “प्रायश्चित दिवस” मनाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म के बाद स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार ने अनियमित जीएसटी लगाकर गरीब जनता ,माध्यम वर्गी परिवार किसानों आम लोगो की बचत को 8 सालों में लूटकर 55 लाख करोड रुपए अतिरिक्त कमाई की है, इससे सभी वर्गों की आर्थिक हालत खराब हुई है। जीएसटी रिफॉर्म मोदी सरकार की अपनी गलतियों की प्रायश्चित है, भाजपा को मोदी सरकार की गलतियों के कारण आम जनता को जो मानसिक, आर्थिक, व्यापारिक नुकसान हुआ है उसके लिए घर-घर जाकर माफी मांगनी चाहिए और प्रायश्चित दिवस मनाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जनता 8 साल से महंगाई डायन से पीड़ित थी और जब महंगाई कम करने मांग विपक्ष उठाता रहा है तब भाजपा के नेता महंगाई के लिए अंतरराष्ट्रीय कारणों को जिम्मेदार बताते थे। जबकि सच्चाई यह है देश में खाद्यान्न सामग्री आवश्यक वस्तुओं के कीमतें कृषि यंत्रों पुस्तक, कॉपी, दवाईयां, एवं ऑटोमोबाइल व अन्य जरूरी सामानों के कीमतों के लिए मोदी सरकार के द्वारा मनमानी तरीके से थोपी गई जीएसटी कारण था। छोटे उद्योग, स्वदेशी उत्पादक, एमएसएमई बर्बाद हो गये, बरोजगारी और महंगाई बेतहाशा बढ़ गई। जीएसटी रिफॉर्म के बाद आज खुद सरकार स्वीकार कर रही है कि महंगाई जीएसटी के अनियंत्रित स्लैबों के कारण था। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा है ऐसे में जीएसटी के कारण जो आम जनता को आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म में भी गोलमाल आज भी जीएसटी की दो नहीं बल्कि 6 स्लैब है। पुस्तक से 5 प्रतिशत जीएसटी हटाया गया है लेकिन पुस्तक जिस पेपर पर छपता है उस पेपर पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगा दिया गया है, जो पहले 12 प्रतिशत के स्लैब में था। 2500 से अधिक मूल्य के रेडीमेड गारमेंट और फूटवियर जो पहले 12 प्रतिशत में था उसमें भी 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करके 18 प्रतिशत के स्लैब में ला दिया गया है। पूजन सामाग्री अगरबत्ती, लोभांग पर भी जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया गया है। यही नहीं 40 वस्तुओ पर जीएसटी की दरे बढ़ाई गई है। 19 वस्तुओं को 12 प्रतिशत से बढ़ा कर 18 प्रतिशत तथा 17 वस्तुओं पर 28 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत के भारीभरकम स्लैब में रखा गया है, अभी भी 35 से अधिक कृषि उत्पाद जीएसटी के दायरे में है, कफन पर भी यह सरकार बेरहमी से जीएसटी वसूल रही है। जीएसटी रिफॉर्म के पहले कई बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पाद के दाम में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि किया है ऐसे में जीएसटी रिफॉर्म से महंगाई कम होगा यह जनता को गुमराह करने वाला है। फिर भाजपा किस मुंह से बचत दिवस मना रही है जबकि लोगों की बचत खत्म करने के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार हैं ऐसे में भाजपा को प्रायश्चित दिवस मनाना चाहिए। घर-घर जाकर जनता से माफी मांगना चाहिए और जीएसटी रिफॉर्म का पारदर्शी तरीके लाभ जनता को मिले यह सुनिश्चित करना चाहिए।
गृह मंत्री विजय शर्मा को झंडा विवाद कराने में मास्टरी हासिल है -- कांग्रेस
रायपुर/ शौर्यपथ / कवर्धा जिले के कामठी में दो समुदायों के बीच में विवाद सरकार की लापरवाही और अक्षमता का परिणाम है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बेहद चिंता का विषय है कि सरकार जिसका काम राज्य की कानून व्यवस्था बना कर रखना है, वही सरकार दो समाजों में आपसी झगड़े करवा रही है। सरकार चाहती तो यह घटना रोकी जा सकती थी। कवर्धा के कामठी गांव में जो कुछ हुआ उसके पीछे सरकार की अकर्मण्यता है। यह विवाद दो सालों से चल रहा था, सरकार ने दोनों पक्षों को बैठा कर समझौता क्यों नहीं करवाया? बातचीत कर तनाव समाप्त कराने के बजाए सरकार ने वहां पर पुलिस से लाठीचार्ज क्यों करवाया? बेहद आपत्तिजनक है कि महिलाओं पर मर्द पुलिसवालों ने प्रहार किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गृह मंत्री की नासमझी और अक्षमता से यह स्थिति निर्मित हुई है। कवर्धा गृहमंत्री का गृह जिला है। कवर्धा में लगातार आपराधिक घटनाएं और सामाजिक तनाव की घटनाएं बढ़ गई है। गृह मंत्री स्वयं वहां पर विवाद को बढ़ावा देते है। लोहारीडीह, पंडरिया और कवर्धा शहर की अनेकों घटनाओं में गृह मंत्री ने अपने पद की मर्यादा के अनुसार आचरण नहीं किया और कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गृह मंत्री का आज भी आचरण बजरंग दल और भाजयुमो के कार्यकर्ता की भांति है। उनके बस में राज्य की कानून व्यवस्था संभालना नहीं है। कुछ दिनों पूर्व भी जब दो समुदायों के बीच झंडा को लेकर विवाद हुआ था तब भी गृह मंत्री भाजयुमो के अध्यक्ष को वहां झंडा लगाने भेजे थे। गृह मंत्री विजय शर्मा को झंडा विवाद कराने में मास्टरी हासिल है, वे कवर्धा झंडा कांड जैसा माहौल पूरे प्रदेश में बना कर राजनैतिक फायदा लेने की कोशिश में रहते है, जिसके कारण पूरे प्रदेश की शांति व्यवस्था खतरे में पड़ती है।
राज्य शासन ने नियमों में किया संशोधन, पार्षद, अध्यक्ष और महापौर निधि से कराए जाने वाले कार्यों में अब प्रकाश व्यवस्था भी शामिल
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने समीक्षा बैठक में स्ट्रीट लाइटिंग के कार्यों को पार्षद, अध्यक्ष और महापौर निधि से भी कराए जाने की व्यवस्था के दिए थे निर्देश
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश के नगरीय निकायों में अब स्ट्रीट लाइटिंग (प्रकाश व्यवस्था) के कार्य पार्षद, अध्यक्ष और महापौर निधि से भी कराए जा सकेंगे। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इन निधियों से किए जाने वाले कार्यों की सूची में अतिरिक्त नवीन कंडिका जोड़ते हुए अब वार्षिक पात्रता राशि का अधिकतम 25 प्रतिशत राशि प्रकाश व्यवस्था हेतु व्यय करने की अनुमति प्रदान की है। राज्य शासन ने इस संबंध में सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को परिपत्र जारी किया है।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने हाल ही में विभागीय समीक्षा बैठक में पार्षद, अध्यक्ष और महापौर निधि से किए जाने वाले कार्यों में प्रकाश व्यवस्था को भी शामिल करने के निर्देश दिए थे। विभाग ने इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पार्षद, अध्यक्ष और महापौर निधि से किए जाने वाले कार्यों में प्रकाश व्यवस्था को भी शामिल करने संबंधी परिपत्र मंत्रालय से सभी नगरीय निकायों को भेजा है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने हाल ही में 19 सितम्बर को प्रदेशभर के नगरीय निकायों को कुल 102 करोड़ 97 लाख 50 हजार रुपए की पार्षद, अध्यक्ष और महापौर निधि जारी की है। विभाग द्वारा निकायों को पार्षद निधि के कुल 72 करोड़ 33 लाख 75 हजार रुपए तथा महापौर/अध्यक्ष निधि के कुल 30 करोड़ 63 लाख 75 हजार रुपए आबंटित किए गए हैं।
भिलाई / शौर्यपथ / नवरात्रि के पावन पर्व पर युवा खेल एवं सांस्कृतिक मंडल द्वारा इस वर्ष भव्य दुर्गा पूजा महोत्सव का शुभारंभ स्थापना पूजा के साथ आज विधि-विधान से किया गया। इस बार का पंडाल अपने अनूठे “ड्रैगन थीम” और आकर्षक कलात्मकता के कारण भक्तों और दर्शकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बना है।
पंडाल में चलित ड्रैगन की झाँकियाँ, रंग-बिरंगी रोशनी, पहाड़ और जंगल की अद्भुत सजावट दर्शकों को अलौकिक अनुभूति कराएगी। इसके बीच विराजमान विशाल ड्रैगन और 13 फीट ऊँची माँ दुर्गा की प्रतिमा आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर सभी को भक्ति में डुबो देगी।
समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए भोजन स्टॉल, मेले, झूले और निःशुल्क पार्किंग की व्यवस्था भी की है, ताकि परिवारजन और श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के उत्सव का आनंद उठा सकें।
गौरतलब है कि युवा खेल एवं सांस्कृतिक मंडल ही छत्तीसगढ़ की वह संस्था है, जो लगातार तीनों प्रमुख पर्व — श्री गणेश उत्सव, दुर्गा पूजा और दशहरा — को पूरे उल्लास और जनभागीदारी के साथ मनाती आ रही है। इस वर्ष समिति का आयोजन 30वें दशहरा पर्व का भी हिस्सा है।
समिति के अध्यक्ष चन्ना केशवलू ने नगरवासियों और प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि वे परिवार सहित इस अद्वितीय पंडाल में पहुँचकर माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें और भक्ति, आस्था एवं उल्लास से ओतप्रोत इस सांस्कृतिक संगम का हिस्सा बनें।
भिलाई / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार करते हुए, भारत इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) और राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयुक्त उपक्रम एनएसपीसीएल ने भिलाई इस्पात संयंत्र के मरोदा-1 जलाशय में प्रदेश का पहला 15 मेगावाट क्षमता वाला फ्लोटिंग सौर विद्युत संयंत्र स्थापित कर उसका शुभारंभ किया। यह परियोजना छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ती है और ग्रीन स्टील उत्पादन की दिशा में भिलाई की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
इस अवसर पर उद्घाटन निदेशक प्रभारी (सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र) चित्त रंजन महापात्र और निदेशक (वित्त–सेल) डॉ. अशोक कुमार पंडा ने किया। समारोह में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एनएसपीसीएल) एवं क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पश्चिम क्षेत्र-2, एनटीपीसी) दिवाकर कौशिक, आईजी/सीएस (सीआईएसएफ) श्रीमती नीलिमा रानी सिंह, डीआईजी/सीएस (सीआईएसएफ) श्रीमती पियाली शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, कमांडेंट और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उद्घाटन के अवसर पर पूजा-अर्चना, शिलापट्ट अनावरण, वृक्षारोपण और गुब्बारे छोड़कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
यह फ्लोटिंग सौर संयंत्र 111.35 करोड़ रुपये की लागत से 80 एकड़ जल क्षेत्र में निर्मित किया गया है और प्रतिवर्ष लगभग 34.25 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगा। संयंत्र की सभी ऊर्जा भिलाई इस्पात संयंत्र की आंतरिक आवश्यकताओं के लिए उपयोग की जाएगी, जिससे हर साल 28,400 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी और 0.23 लाख टन कोयले की बचत होगी। यह परियोजना जलाशय में जल वाष्पीकरण को कम करने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार सृजन में भी योगदान देगी।
सभा को संबोधित करते हुए निदेशक प्रभारी श्री महापात्र ने कहा कि मरोदा-1 परियोजना संयंत्र में हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है और इसकी सफलता के बाद मरोदा-2 जलाशय पर भी इसी तरह की पहल की जाएगी। उन्होंने कहा, “सौर ऊर्जा न केवल स्वच्छ है, बल्कि पर्यावरण हितैषी भी है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित और सतत भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
निदेशक (वित्त–सेल) डॉ. अशोक कुमार पंडा ने कहा कि इस्पात उद्योग पर्यावरण पर दबाव डालता है, इसलिए नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “भारत और सेल की डिकार्बोनाइजेशन यात्रा में सौर ऊर्जा एक प्रमुख साधन है, जिसे विपरीत मौसम परिस्थितियों में भी सुरक्षित और सक्षम बनाना जरूरी है।”
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एनएसपीसीएल) दिवाकर कौशिक ने परियोजना के महत्व और एनएसपीसीएल एवं सेल के बीच सहयोग की सराहना की। परियोजना के तकनीकी पहलुओं की जानकारी श्री विकास जैन ने दी। समारोह का संचालन सैम के. अब्राहम ने किया और धन्यवाद ज्ञापन परियोजना प्रमुख नील कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना की परिकल्पना प्रमुख महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटीज) एवं निदेशक (एनएसपीसीएल) राजीव पांडे ने की थी, जिसका शिलान्यास 30 जून 2024 को हुआ और इसे मेसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एवं मेसर्स क्वांट सोलर की भागीदारी से कार्यान्वित किया गया। यह पहल भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्बन फुटप्रिंट को घटाने और हरित ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी।
रायपुर / शौर्यपथ / महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर चलाए जा रहे स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर में अपने छठे दिन स्वास्थ्य शिविरों और जनजागरूकता कार्यक्रमों के साथ एक बार फिर प्रभाव छोड़ा। 17 सितम्बर से शुरू हुआ यह राष्ट्रव्यापी अभियान 2 अक्टूबर तक चलेगा और मातृ, शिशु तथा पारिवारिक स्वास्थ्य को नई दिशा देने का संकल्प लिए हुए है।
अभियान के छठे दिन एम्स रायपुर के बायोकैमिस्ट्री विभाग ने एसोसिएशन ऑफ बायोकैमिस्ट्री क्लिनिकल वेलफेयर सोसाइटी (ABCW) के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, धरसीवा ब्लॉक में गर्भावस्था एवं नवजात शिशु जांच पर विशेष शिविर आयोजित किया। इसमें 150 से अधिक प्रतिभागियों—मितानिनों, प्रशिक्षकों, स्वास्थ्य अधिकारियों, लैब तकनीशियनों, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की माताओं—ने हिस्सा लिया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन और ग्लूकोज जांच की गई तथा उन्हें मातृ स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिया गया।
कार्यक्रम में प्रो. (डा.) एली मोहापात्रा, डीन एवं विभागाध्यक्ष, बायोकैमिस्ट्री और अध्यक्ष ABCW, तथा डा. सुप्रवा पटेल, प्रोफेसर बायोकैमिस्ट्री एवं मानद महासचिव, ABCW ने उच्च रक्तचाप, एनीमिया, मधुमेह, जन्मजात हाइपोथायरायडिज़्म, जी6पीडी कमी और सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों की शीघ्र पहचान और समय पर उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसी क्रम में बाल रोग विभाग, एम्स रायपुर ने स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर न्यूट्रिशन के सहयोग से बाल एवं मातृ स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। नर्सिंग विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर गर्भावस्था देखभाल, संस्थागत प्रसव, मातृ पोषण और गर्भधारण के बीच उचित अंतर (HTSP) जैसे अहम विषयों पर संदेश दिए। वहीं, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विद्यार्थियों ने मातृ पोषण और कैल्शियम अनुपूरण पर विषयगत प्रस्तुतियां दीं। इन सत्रों में महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और गर्भावस्था देखभाल, शिशु पोषण तथा प्रसवोत्तर देखभाल से जुड़े प्रश्न पूछे।
17 सितम्बर को आरएचटीसी कुरूद से आरंभ हुआ यह अभियान अब एक व्यापक पहल का रूप ले चुका है, जो मातृ, शिशु और पारिवारिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों को शामिल कर रहा है। छठे दिन की गतिविधियों ने एक बार फिर यह संदेश दृढ़ किया कि — “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है।”
दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के भूगोल विभाग में 6 सितम्बर 2025 को एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भूगोल परिषद का गठन, शिक्षक दिवस तथा एम.ए. प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों का स्वागत समारोह संयुक्त रूप से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह थे। उन्होंने मेरिट के आधार पर परिषद के पदाधिकारियों की घोषणा कर उन्हें शपथ दिलवाई। नवगठित पदाधिकारी इस प्रकार हैं—
? अध्यक्ष: राजेश कुमार
? उपाध्यक्ष: हेनिता साहू
? सचिव: अमित डडसेना
? सह-सचिव: हेमलता
? कोषाध्यक्ष: विवेकी झरिया
इस मौके पर प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि “शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते, वे राष्ट्र के भविष्य का निर्माण भी करते हैं।” उन्होंने सभी विद्यार्थियों को सफलता की शुभकामनाएँ दीं।
विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि माता-पिता जीवन देते हैं, परंतु शिक्षक जीवन जीने की कला सिखाते हुए हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. मिश्रा ने की तथा संचालन एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की इशिका जोशी और देवेंद्र ने किया। आयोजन में विभाग के सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय "अग्रसेन जयंती महोत्सव 2025" समारोह में हुए शामिल
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित अग्रसेन धाम में भगवान अग्रसेन जयंती के अवसर पर अग्रवाल महासभा द्वारा आयोजित “अग्रसेन जयंती महोत्सव 2025” समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भगवान अग्रसेन की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ किया। इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विभूतियों तथा प्रतिभाशाली बच्चों को मुख्य मंच से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अग्रवाल समाज की दानशीलता की परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा और परोपकार के लिए अग्रवाल समाज हमेशा ही अग्रणी रहा है। समाज व्यापार एवं व्यवसाय से जुड़ा हुआ है, जो कठिन परिश्रम और लगन से कार्य करते हुए निरंतर मानवता की सेवा में जुटा रहता है। अग्रवाल समाज को व्यापारिक कुशलता के लिए जाना जाता है, लेकिन आज यह समाज सामाजिक कार्यों में भी उतना ही अग्रणी है और अपने सेवा कार्यों के माध्यम से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने 21 महीनों में प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के अंतर्गत अधिकांश वादों को पूरा किया है। हमारी सरकार ने व्यापार और संस्कृति को प्रोत्साहन देने की दिशा में कार्य किया है। हमने नई औद्योगिक नीति अपनाई है, जो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि आज बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। आज से ही प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर देशभर में ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की शुरुआत हुई है। इस प्रकार आज एक साथ अनेक उत्सवों का संगम हो रहा है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देशवासियों से धूमधाम से जीएसटी बचत उत्सव मनाने की अपील की थी। जीएसटी में किए गए ये सुधार व्यापारी बंधुओं की मांग और उनके सुझावों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। इससे न केवल कारोबारियों को, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब जीएसटी के चार स्लैब की जगह केवल दो स्लैब रह जाने से कर संबंधी जटिलताएँ कम होंगी। इससे व्यापारी जहां अपना व्यापार सरलता से कर सकेंगे, वहीं प्रक्रिया सहज होने से उन्हें टैक्स देने में भी आसानी होगी। इससे राष्ट्र निर्माण में हर वर्ग की भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप 2047 में विकसित भारत के साथ-साथ विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पाने में अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने सभी को शारदीय नवरात्रि और अग्रसेन जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 5000 वर्ष पूर्व महाराज अग्रसेन का अवतरण हुआ था। उन्होंने वैश्य धर्म को अपनाया और बलि प्रथा का अंत कर समाज सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज समाज को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य से ही विकसित समाज का निर्माण होगा और विकसित समाज से ही विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने भी सभी स्वजन बंधुओं को शारदीय नवरात्रि और अग्रसेन जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर सीआईडीसी अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, समाज अध्यक्ष विजय अग्रवाल सहित समाज के वरिष्ठ गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 23 सितम्बर को धमतरी जिले के ग्राम करेलीबड़ी में आयोजित राज्य स्तरीय महतारी सदन लोकार्पण कार्यक्रम मेें 51 महतारी सदनों को मातृशक्ति को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धमतरी जिले को 245 करोड़ 80 लाख की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव एवं श्री विजय शर्मा, मंत्री श्री राम विचार नेताम, मंत्री श्री टंकराम वर्मा अतिविशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम में सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी एवं श्री भोजराज नाग, विधायक श्री अजय चन्द्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सार्वा, जनपद अध्यक्ष श्री विरेन्द्र कुमार साहू विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
करेलीबड़ी धमतरी जिले के कुरूद विधानसभा क्षेत्र का गांव है। धमतरी जिले में महतारी सदन निर्माण योजना के अंतर्गत 4 महतारी सदनों का निर्माण क्रमशः ग्राम पंचायत भेंड्री, मेधा, खरेंगा और करेलीबड़ी में कराया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने, सामायिक कार्यक्रमों में सामूहिक भागीदारी तथा महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में महतारी सदन का निर्माण कराया जा रहा है।
महतारी सदन निर्माण की इस योजना के तहत प्रथम चरण में वर्ष 2024-25 अंतर्गत कुल 202 महतारी सदन के लिए कुल 50 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। लगभग 2500 वर्गफीट में निर्मित होने वाले प्रत्येक महतारी सदन की लागत 24.70 लाख रूपए है, जिससे प्रत्येक महतारी सदन में एक हॉल, कमरा, किचन, स्टोर, दुकान, बाउड्रीवाल, प्रसाधन एवं बोरवेल का निर्माण कराया गया है।
महतारी सदन के लोकार्पण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य की महिला स्व-सहायता समूह की 2 लाख सदस्य महिलाएं वर्चुअल रूप से शामिल होंगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में ग्राम पंचायतों महतारी सदन का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में द्वितीय चरण में वर्ष 2025-26 अंतर्गत कुल 166 महतारी सदन के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 50 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। द्वितीय चरण में निर्मित होने वाले प्रत्येक महतारी सदन की लागत 30 लाख रूपए है।
रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने स्वच्छता पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत स्वच्छता जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर संस्थान की लिटरेरी समिति द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई, जबकि नृत्य क्लब ने स्वच्छता जागरूकता पर आधारित सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ. मनोज चोपकर, डॉ. सुवेंदु रूप, डॉ. सुधाकर पाण्डेय, डॉ. संजय कुमार, डॉ. टी. पी. साहू, डॉ. वाय विजय बाबू, डॉ. चेतना शर्मा राजपूत, डॉ. अनिल मांझी सहित कई फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
निबंध प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया और स्वच्छता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देने के महत्व को रेखांकित किया।
इसके बाद नृत्य क्लब द्वारा प्रस्तुत ‘स्वच्छता: एक गूंज – एक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति’ ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। कलाकारों ने शक्तिशाली अभिव्यक्तियों और सुंदर नृत्य मुद्राओं के माध्यम से स्वच्छता, सतत विकास और सामूहिक जिम्मेदारी जैसे विषयों को उजागर किया। स्वच्छता एंथम ‘स्वच्छमेव जयते’ पर आधारित इस प्रस्तुति ने यह संदेश दिया कि प्रत्येक व्यक्ति के छोटे-छोटे प्रयास मिलकर एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
एनआईटी रायपुर ने स्वच्छ भारत मिशन के अनुरूप नवाचारी और जनजागरूकता से जुड़े कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करते हुए इस पहल में सक्रिय योगदान जारी रखने का संदेश दिया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री बताये वो 717 सड़क कब बनेगी ? सड़कों की मरम्मत कब तक होगी?
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश के खस्ताहाल टूटी-फूटी, गड्ढों युक्त सड़को के लिए मरम्मत करने में डबल इंजन सरकार को असफल बताते हुये प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार एक साल में मात्र पौन किलोमीटर नयी सड़क बनाने कार्य आदेश दिया है इसे समझ सकते हैं कि सड़क को लेकर सरकार कितनी गंभीर है। उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव दावा करते हैं कि 717 सड़कों की मंजूरी दी गई है तो उन्हें बताना चाहिए कि वह 717 सड़क कहां है? और प्रदेश के सड़कों में गड्ढों की मरम्मत क्यों नहीं हुई? सरकार की उदासीनता के चलते ही प्रदेश के सड़कों में गड्ढा ही गड्ढा नजर आ रहे हैं मरम्मत नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रायगढ़, अंबिकापुर, सरगुजा, राजनंदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, कोरिया, जशपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कांकेर, धमतरी, गरियाबंद सहित सभी जिलों में सड़कों की खस्ताहाल है। सड़कों के खराब स्थिति को लेकर जनता लगातार प्रदर्शन कर रही है सोशल मीडिया में विरोध जता रही है। लेकिन जिम्मेदार लोग आंख बंद करके बैठे हुए है। जनता की परेशानी से उन्हें कोई लेन देन नहीं है। सड़क में गड्ढों के कारण भारी वाहन फंस जा रहे हैं। टू व्हीलर फोर व्हीलर में भी यात्रा करने में लोगों को भारी परेशानी हो रहा है। गाड़ियां खराब हो रही है यात्रा करने वालो को कमर दर्द,हाथ पैर ने दर्द,मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है। सड़कों के गड्ढों में पानी इस तरह भर जाता है कि लोग उसमें नाव चला कर विरोध जाता रहे पर सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों के कान में जूं नही रेंग रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जनता खस्ताहाल टूटी-फूटी गड्ढा युक्त सड़कों से परेशान है। डबल इंजन की सरकार नई सड़क तो बना नही पा रही और पूर्व से बनी सड़कों की मरम्मत करने की वित्तीय स्थिति नजर नहीं आ रही है। सड़कों के गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे है दुर्घटना का कारण बन रही है। क्या यही सुशासन है?
दुर्ग / भिलाई / शौर्यपथ / शहीदों दे सरताज—धन-धन गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी के उपलक्ष्य में आयोजित ऐतिहासिक नगर कीर्तन आज (सुबह) छत्तीसगढ़ में पहुँचा। यह कीर्तन असम धुरी के पावन गुरद्वारे साहिब से प्रारम्भ होकर सुबह लगभग 10:15 बजे भिलाई के कुम्हारी टोल प्लाजा पहुँचा, जहाँ छत्तीसगढ़ सिख पंचायत-भिलाई और यूथ सिख सेवा समिति-भिलाई ने संगत सहित गुरूग्रन्थ साहिब की हाजरी भरते हुए हर्षोल्लास के साथ अतिथि-सत्कार किया।
नगर कीर्तन की यात्रा तुंरत बाद चरोदा , खुर्सीपार ,पावर हाउस, सुपेला घडी चौक व नेहरू नगर चौक होते हुए दुर्ग पहुँची। प्रत्येक पड़ाव पर संगत ने शुद्ध भाव से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन किए और लगभग 10-10 मिनट तक नाम-सिमरन व कीर्तन में शामिल होकर श्रद्धा अर्पित की।
यूथ सिख सेवा समिति-भिलाई ने संगत का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया और कहा कि स्थानीय समुदाय ने बढ़-चढ़ कर इस ऐतिहासिक अवसर को सफल बनाने में योगदान दिया। आयोजन न केवल सिख इतिहास की अमर गाथा का स्मरण कराता है, बल्कि समाज में भाईचारे, त्याग और मानवता का बढ़ाता संदेश भी देता है।
मुख्य आयोजक व उपस्थित वरिष्ठ लोग:
यूथ सिख सेवा समिति-भिलाई के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह (छोटू), कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह, महासचिव जसवंत सिंह सैनी, सचिव हरपाल सिंह, तथा समिति के अन्य पदाधिकारी-सदस्य (हरिंदर सिंह, यशदीप सिंह, सोम सिंह इत्यादि) प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सिख पंचायत के प्रमुख प्रतिनिधियों में अध्यक्ष जसवीर सिंह चहल, वाइस चेयरमैन गुरमीत सिंह गाँधी के साथ कई वरिष्ठ साथी और समाजसेवी मौजूद रहे। (कार्यक्रम में सैकड़ों संगत तथा स्थानीय सामाजिक-धार्मिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।)
कार्यक्रम का सार:
नगर कीर्तन का शांत और अनुशासित स्वरूप, नाम-जप एवं कीर्तन की रसधारा, तथा संगत का अनुकरणीय सहयोग-व्यवहार प्रमुख रूप से देखने को मिला। आयोजन के माध्यम से शहीदी पर्व की गरिमा बनाए रखते हुए स्थानीय लोगों में ऐतिहासिक जानकारी और धार्मिक भावनाओं को सम्मानजनक मंच मिला।
