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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
लोक निर्माण विभाग के बजट में वर्ष 2030 तक के लिए सड़कों के व्यवस्थित विकास की कार्ययोजना - अरूण साव
‘‘गांवों और सुदूर वनांचलों में हर परिवार तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता‘‘
मुख्यमंत्री नगरोत्थान और मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना शुरू होगी, दोनों योजनाओं के लिए क्रमशः 500 करोड़ और 100 करोड़ रूपए का प्रावधान
भू-जल को रिचार्ज करने जल संवर्धन कार्याें के लिए 2 करोड़ रूपए, न्यायालयों के आधुनिकीकरण/कम्प्यूटरीकरण के लिए 36 करोड़ 90 लाख रूपए प्रावधानित
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज उप मुख्यमंत्री अरुण साव के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15,386 करोड़ 42 लाख 47 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की र्गइं। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के लिए 2,793 करोड़ 60 लाख 73 हजार रूपए, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग-नगरीय निकाय के लिए 24 करोड़ 38 लाख 13 हजार रूपए, लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल के लिए 4,664 करोड़ 8 लाख 56 हजार रूपए, न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन के लिए 894 करोड़ 45 लाख 20 हजार रूपए, लोक निर्माण कार्य-भवन के लिए 2,101 करोड़ 99 लाख 36 हजार रूपए, नगरीय प्रशासन एवं नगरीय विकास-नगरीय कल्याण के लिए 1,715 करोड़ 44 लाख 46 हजार रूपए, लोक निर्माण विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 69 करोड़ 20 हजार रूपए तथा नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता हेतु 3,123 करोड़ 45 लाख 83 हजार रूपए शामिल हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने अपने विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन में कहा कि आजादी के 60 वर्षाें के बाद भी गांवों में घरों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाया था। ग्रामीण महिलाओं को पेयजल की व्यवस्था में लगने वाले अथक परिश्रम से राहत दिलाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की परिकल्पना की है। हर घर तक पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम देने वर्ष 2019 से जल जीवन मिशन का काम शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने जल जीवन मिशन को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए पिछली सरकार की त्रुटियों और खामियों को दूर करते हुए कार्याें की गुणवत्ता, गतिशीलता और पूर्णता के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसके लिए लापरवाह और कार्य नहीं करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है।
उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री साव ने सदन में बताया कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 22 हजार 389 करोड़ 99 लाख रूपए लागत की 29 हजार 173 सिंगल विलेज एवं रेट्रोफिटिंग योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। साथ ही 3,212 गांवों के लिए 4166 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से 70 समूह जल प्रदाय योजनाएं भी मंजूर की गई हैं। इन योजनाओं से राज्य के 50 लाख 4 हजार ग्रामीण परिवार लाभान्वित होंगे। जल जीवन मिशन में अब तक 40 लाख 10 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसके तहत 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन के मान से हर घर नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मिशन के कार्याें के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 4500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आगामी वर्ष के बजट में हैण्डपम्पों के संधारण के लिए 28 करोड़ 51 लाख रूपए, ग्रामीण नल जल प्रदाय योजनाओं के संधारण के लिए 28 करोड़ 51 लाख रूपए, समूह जल प्रदाय योजनाओं के संचालन/संधारण के लिए 8 करोड़ रूपए और नाबार्ड पोषित सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं के लिए 3 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। भू-जल को रिचार्ज करने जल संवर्धन कार्य के लिए 2 करोड़ रूपए, शहरी क्षेत्रों में नलकूपों के खनन के लिए 2 करोड़ 60 लाख रूपए, प्रगतिरत नगरीय पेयजल योजनाओं में अनुदान के लिए 56 करोड़ 37 लाख 6 हजार रूपए एवं 41 करोड़ 99 लाख 46 हजार रूपए ऋण का भी प्रावधान इस बजट में किया गया है। भिलाई आईआईटी में पेयजल आपूर्ति के लिए शिवनाथ नदी पर आधारित निर्माणाधीन योजना के लिए भी 01 करोड़ रूपए का प्रावधान इस बजट में है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सदन में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुदृढ़ पेयजल व्यवस्था के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में नवीन मद में कई प्रावधान किए गए हैं। इनमें जल जीवन मिशन के कार्याें की निगरानी हेतु डेशबोर्ड निर्माण के लिए 3 करोड़ रूपए, मानव संसाधन के लिए 01 करोड़ 19 लाख रूपए, राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए 01 करोड़ 60 लाख रूपए, नल जल योजनाओं के अनुरक्षण कार्य के लिए 5 करोड़ रूपए, विभागीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 01 करोड़ 65 लाख रूपए तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं के लिए 250 करोड़ रूपए के प्रावधान शामिल हैं।
लोक निर्माण विभाग
उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरूण साव ने सदन में विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि सड़कें केवल आवागमन के साधन नहीं हैं। ये विकास की दिशा भी तय करते हैं। राज्य के तीव्र विकास के लिए नई सड़कों का निर्माण तेजी से किए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में राज्यमार्गाें के उन्नयन के लिए सीआरआईएफ योजना के तहत 8 सड़क खण्डों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए 892 करोड़ 36 लाख रूपए मंजूर किए गए हैं। इससे राज्य के विभिन्न जिलों में 323 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का मजबूतीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के आगामी वर्ष के बजट में राज्य में विद्यमान रेल्वे लाईन्स पर लेबल क्रॉसिंग, रेल्वे ओव्हर ब्रिज, व्यस्ततम तथा अधिक घनत्व वाले चौक पर ग्रेड सेपरेटर के निर्माण तथा राष्ट्रीय राजमार्गाें एवं मुख्य जिला मार्गाें के संकीर्ण एवं कमजोर पुलों के पुनर्निर्माण के कार्य को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। भारत सरकार ने राज्य में सात रेल्वे क्रॉसिंग पर आरओबी निर्माण के लिए 356 करोड़ 71 लाख रूपए स्वीकृत किए हैं। केन्द्र सरकार राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए एनएचएआई के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गाें के निर्माण एवं उन्नयन के कार्य प्राथमिकता से कर रही है।
साव ने सदन में बताया कि वर्ष 2001 में लोक निर्माण विभाग का बजट मात्र 103 करोड़ 85 लाख रूपए का था, जो 2025-26 के बजट में बढ़कर अब 9,451 करोड़ रूपए पहुंच गया है। यह नये छत्तीसगढ़ के निर्माण की कल्पना को सुदृढ़ करने की पहल है। इस बजट को वर्ष 2030 तक के लिए सड़कों के व्यवस्थित विकास की कार्ययोजना को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अत्यधिक यातायात वाले शहरी भागों में 4 लेन का निर्माण तथा घनी आबादी वाले शहरों की नजदीकी बसाहटों को 4 लेन मार्गाें से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। इससे शहरों का व्यवस्थित विस्तार होगा और विकास बढ़ेगा। अत्यधिक यातायात तथा खनन क्षेत्रों में भारी यातायात को ध्यान में रखते हुए सड़कों के मजबूतीकरण और आवश्यकतानुसार 4 लेन निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। अंतराज्यीय सीमा की सड़कों के सुदृढ़ीकरण तथा सुगम यातायात के लिए उन्हें 4 लेन करने की योजना बनाई गई है।
साव ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में भारतमाला योजना संचालित है। छत्तीसगढ़ में रायपुर से विशाखापटनम को जोड़ने वाली भारतमाला 4 लेन एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है, जिसके शीघ्र ही पूरा होने की संभावना है। बस्तर क्षेत्र को इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए नये बजट में कई सर्वेक्षण, सड़क निर्माण और सुदृढ़ीकरण के कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2025-26 के बजट में 1909 नई सड़कों एवं पुल-पुलियों के लिए 1902 करोड़ रूपए, 168 सड़कों की डामरीकृत सतह के उन्नयन एवं मजबूतीकरण के लिए 917 करोड़ रूपए, दुर्घटनाओं को रोकने महत्वपूर्ण मार्गाें के पुलों के चौड़ीकरण एवं सुरक्षा उपाय, मरम्मत कार्य एवं ब्लैक-स्पॉट सुधार कार्याे के लिए 120 करोड़ रूपए, निजी भूमि के मुआवजा भुगतान के लिए 420 करोड़ रूपए तथा 339 पुलों के निर्माण के लिए 1351 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बिलासपुर और रायगढ़ में विभागीय कार्यालयों के निर्माण के साथ ही मनेन्द्रगढ़ और सारंगढ़ में नये सर्किट हाउस के निर्माण का भी प्रावधान इस बजट में किया गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री साव ने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा के उत्तर में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के शहर विकास के नित नये आयाम स्थापित कर रहे हैं। राज्य के नागरिकों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई गारंटी को हमारी सरकार एक-एक कर पूरा करते हुए आगे कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि जन आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य के नये उभरते कस्बों के सुव्यवस्थित और सुनियोजित विकास के लिए हमने नगरीय निकायों की संख्या 179 से बढ़ाकर 192 की है। हमने विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने तथा विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण की ओर तेजी से कदम बढ़ाने अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन कहे जाने वाले शहरों के विकास के लिए 2025-26 में ऐतिहासिक 6,044 करोड़ 12 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रथम चरण में हमने कुल स्वीकृत 02 लाख 49 हजार 166 आवासों में से 2 लाख 5 हजार 360 आवास पूर्ण कर लिए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत दूसरे चरण में सभी शहरों में ऑनलाईन हितग्राही सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर हैं। अब तक 42 हजार हितग्राहियों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज की जा चुकी है। केन्द्र सरकार द्वारा दिसम्बर-2024 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत छत्तीसगढ़ के लिए 15 हजार आवासों की स्वीकृति दी गई है।
साव ने बताया कि नये बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 875 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। योजना के लाभार्थियों द्वारा निर्धारित समयावधि में आवास निर्माण कर गृह प्रवेश करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने के लिए मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के नये बजट में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के लिए 380 करोड़ रूपए, अमृत मिशन 2.0 के लिए 744 करोड़ रूपए, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 25 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के लिए 30 करोड़ रूपए, रायपुर स्मार्ट सिटी के लिए 100 करोड़ रूपए, बिलासपुर स्मार्ट सिटी के लिए 100 करोड़ रूपए, मोर संगवारी सेवा के लिए 10 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के लिए 100 करोड़ रूपए, शहरों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए अधोसंरचना मद में 750 करोड़ रूपए तथा 14वें एवं 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत 680 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।
साव ने सदन में बताया कि राज्य के 17 नगरीय निकायों में नालंदा परिसरों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रूपए तथा संचालन के लिए 02 करोड़ रूपए प्रावधानित हैं। इस साल शुरू होने वाली नई योजना मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के लिए 500 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है।
विधि एवं विधायी कार्य विभाग
उप मुख्यमंत्री तथा विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री साव ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले एक वर्ष में न्यायिक व्यवस्था एवं न्यायिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। अधीनस्थ न्यायालयों में 321 नये पदों पर भर्ती की अनुमति के साथ ही उच्च न्यायालय एवं जिला न्यायालयों में 1259 नये पद सृजित किए गए हैं। नागरिकों के सुविधा के लिए वर्ष 2024 में 49 नये नोटरी नियुक्त किए गए हैं। न्यायालय भवनों, आवासीय भवनों और अन्य विकास कार्याें के लिए 240 करोड़ रूपए भी मंजूर किए गए हैं। राज्य की न्यायिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए 2025-26 के बजट में हमने 1265 करोड़ 46 लाख 78 हजार रूपए का प्रावधान किया है। इसमें न्यायालय भवन, न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास निर्माण के लिए 45 करोड़ रूपए, बिलासपुर उच्च न्यायालय परिसर में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 10 करोड़ रूपए, न्यायालयों के आधुनिकीकरण/कम्प्यूटरीकरण के लिए 36 करोड़ 90 लाख 67 हजार रूपए, जरूरतमंद तबकों तक न्याय पहुंचाने के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय सेवा समिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों तथा तालुका विधिक सेवा समितियों के लिए 3 करोड़ 50 लाख रूपए तथा एडीआर सेंटर के निर्माण के लिए 11 करोड़ रूपए के प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर उच्च न्यायालय में रजिस्ट्रार जिला न्यायाधीश के नये पदों के लिए 01 करोड़ रूपए तथा विभिन्न न्यायालयों में मानव संसाधन बढ़ाने 2 करोड़ 43 लाख 12 हजार रूपए, राज्य के 22 परिवार न्यायालयों में, तथा बिलासपुर में परिवार न्यायालय की स्थापना के लिए नये पदों के सृजन के लिए 01 करोड़ रूपए और विभिन्न विधिक सेवा प्राधिकरणों में नये पदों के लिए 01 करोड़ रूपए के साथ ही महाधिवक्ता कार्यालय में शासकीय अधिवक्ता एवं उप शासकीय अधिवक्ता के नये पदों के लिए 02 करोड़ रूपए प्रावधानित हैं। आगामी वर्ष के बजट में न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए स्थापित छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के ऑडिटोरियम में विभिन्न निर्माण कार्याें के लिए 03 करोड़ 20 लाख रूपए, हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के अंतरराष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 01 करोड़ रूपए और वहां स्थापना व्यय के लिए 13 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा विधि एवं विधायी कार्य विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण सर्वश्री दलेश्वर साहू, अजय चंद्राकर, उमेश पटेल, धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक, दिलीप लहरिया, सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, व्यास कश्यप, रिकेश सेन, सुशांत शुक्ला, कुंवर सिंह निषाद, पुन्नूलाल मोहले, श्रीमती हर्षिता बघेल, श्रीमती शेषराज हरवंश, सुश्री लता उसेंडी और श्रीमती यशोदा वर्मा ने भाग लिया।
छॉलीवुड का सबसे बड़ा अवार्ड समारोह रंगझाझर 8 मार्च को इस बार हो रहा है भिलाई में
छत्तीसगढी फिल्मों की सभी हस्तियों का होगा जमावड़ा, प्रतिदिन पचास हजार लोग मड़ई का उठायेंगे आनंद
भिलाई/शौर्यपथ / एचडी प्रोडक्शन के योगेश अग्रवाल व प्रोड्यूसर होमन देशमुख ने संयुक्त रूप से आयेाजित पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि 7,8,9 एवं 10 मार्च को भिलाई मड़ई का आयोजन हेलिपेड ग्राउण्ड सिविक सेंटर भिलाई होटल के सामने किया जा रहा है। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। एकड़ के इस मैदान में 140 से अधिक स्टॉल यहां लगाये जा रहे है। साथ ही झूले, छत्तीसगढी व्यंजन के साथ साथ 10 मार्च को 50 बाई 50 का कुंड में टमाटर मड़ई का आयोजन किया गया है जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। एक प्रश्र का उत्तर देते हुए फिल्म अभिनेता योगेश अग्रवाल ने बताया कि शहर के लोगों के लिए छत्तीसगढ की संस्कृति तीज त्यौहार, पहनावा, गहना, गोठा को लोग जान सके और शहरी वातावरण की संस्कृति में घुल मिल जाये यह कार्यक्रम कराने का हमारा यही हमारा उद्देश्य है। आयोजन प्रतिदिन शाम 4 से 10 बजे आम लोगों के लिए खुला रहेगा। 7 मार्च को ट्राईवल रैम्प वॉक एवं फैशन शो, 8 मार्च को छत्तीसगढ की सबसे बड़ा फिल्म एवार्ड शो नाईट आयोजित होगा जो पिछले 15 सालों से किया जा रहा है, इस बार का यह छत्तीसगढी फिल्म अवार्ड शो भिलाई में किये जाने का निर्णय लिया गया है। वहीं 9 मार्च को बैँड वार होगा एवं अंतिम दिन 10 मार्च को होली टमाटर मड़ई आयोजित होगा।
छत्तीसगढ के राउतनाचा, पंथी, गेढ़ी नृत्य की भी प्रस्तुति होगी। यहां कुम्हार द्वारा मिट्टी का सामान भी बनाता हुआ लोगों को दिखाई देगा। छत्तीसगढी फिल्म इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने आगे बताया कि छत्तीसगढ के संस्कृति व कलाकारों का मनोबल बढे। इसलिए पिछले 15
सालों से हमारे द्वारा छत्तीसगढी फिल्म अवार्ड शो का आयोजन किया जा रहा है जो 8 मार्च को छत्तीसगढ की सबसे बड़ा फिल्म एवार्ड शो नाईट आयोजित होगा। इस बार का यह छत्तीसगढी फिल्म अवार्ड शो भिलाई में किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस बार छत्तीसगढी फिल्म अवार्ड में 55 कलाकारों का अवार्ड प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा 11 वरिष्ठ रंगकर्मी को भी अवार्ड दिया जायेगा।
देश विदेश तक दुर्ग व छत्तीसगढ का नाम लोककला के माध्यम से नाम रौशन करने वाली उर्वसी साहू, सुप्रसिद्ध डायरेक्टर व एक्टर पवन गुप्ता, बॉलीवुड से लेकर भोजपूरी व छत्तीसगढी फिल्म के सुप्रसिद्ध अभिनेता रजनीश झांजी के अलावा छॉलीवुड के सभी निर्माता, निर्देशक, कलाकार व छॉलीवुड देशमुख ने बताया कि आज मार्केट में फिल्म से अधिक एल्बम छाया हुआ है। इसलिए एलबम केटेगरी में भी 10 से अधिक अवार्ड हम लोग प्रदान करने जा रहे है। कार्यक्रम में सतीश जैन, संतोष जैन, मनोज वर्मा सहित छॉलीवुड की तमाम हस्तियां शामिल होंगे। ये एक तरह का ट्रेड फेयर भी है, लोग छत्तीसगढ की संस्कृति कल्चर को अधिक से अधिक जाने। आज हम काश्मीर व कहीं भी दुसरे जगह पर्यटन स्थल पर जाते है तो वहां के वेशभुषा पहन कर फोटो खिंचवाते है, हम चाहते है कि ऐसी स्थिति छत्तीसगढ में भी हो कि बाहर से जो भी आये वे छत्तीसगढी वेश भूषा पहन कर अपना फोटो खिंचवाये और हमारी
संस्कृति व वेशभूषा को अपने प्रदेश तक लेकर जाये। इस मड़ई में देव स्पोकन इंग्लिश क्लासेस द्वारा सेल्फी जोन भी बनाया गया है, जिसमें लोग सेल्फी लेने का कार्य कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में कुम्हारी, चरोदा, दुर्ग-भिलाई के पचास हजार से अधिक लोग प्रतिदिन यहां आयेंगे। भिलाई मड़ई का आयोजन हम हर साल करेंगे। ये हमारा भिलाई में कार्यक्रम का पहला आयोजन है। कार्यक्रम का उदघाटन सांसद विजय बघेल करेंगे। इस दौरान अतिथि के रूप में भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, भिलाई महापौर नीरजपाल के अलावा अन्य अतिथि हमारे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। दस टन टमाटर से होली टमाटर मडई आयोजित करने जा रहे है। इस दौरान रैन डांस, डीजे साउण्ड सिस्टम होगा। शुक्रवार से प्रारंभ हो रहे भिलाई मड़ई का सोशल मीडिया में अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। भिलाई के युवा, महिला ,बुजुर्ग सभी लोग छत्तीसगढी संस्कृति व पहनावा को जाने इसलिए हम लोगों इस कार्यक्रम को कर रहे है। इस कार्यक्रम के दौरान हाउजी, मेहदी प्रतियोगिता भी रखी गई है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 18 के अनुसार नगरपालिक निगम, जगदलपुर का प्रथम सम्मिलन 07 मार्च शुक्रवार को समय 11बजे पूर्वान्ह जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में रखी की गई। जिसमें अध्यक्ष (स्पीकर) और अपील समिति का निर्वाचन कार्यक्रम किया गया।
अध्यक्ष(स्पीकर) पद के लिए पार्षद खेमसिंह देवांगन (बीजेपी) और राजेश चौधरी (कांग्रेस) के मध्य मतदान की प्रक्रिया की गई। जिसमें खेमसिंह देवांगन को 34 वोट मिले और राजेश चौधरी को 15 वोट मिले ।
अपील समिति के लिए चार आवेदन प्राप्त हुए जिसमें चारों को निर्विरोध समिति का सदस्य बनाया गया इसमें पार्षद दिलीप दास, आशा साहु, गायत्री बघेल और अब्दुल रशीद को बनाया गया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष (स्पीकर), अपील समिति हेतु पद नाम निर्देशन पत्र जारी एवं प्राप्त करने का 11बजे से 11.30 बजे तक रखा गया था। इसके उपरांत नाम निर्देशन पत्रो की सुक्ष्म जांच (स्कूटनी), नाम निर्देशन वापसी एवं मतदान की घोषणा 11.31 बजे से 12 बजे तक,मतपेटी, मतपत्र की तैयारी एवं मतदान प्रकिया से अवगत कराने हेतु 12 बजे से 12.15 बजे तक रखा गया। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया 12.16 बजे से 12.45 बजे तक और मतगणना व परिणाम की घोषणा 12.50 बजे तक किया गया। सम्मिलन कार्यक्रम में महापौर संजय पाण्डेय, सभी वार्डों के पार्षदगण, नगर निगम आयुक्त प्रवीण वर्मा, मास्टर ट्रेनर जीवन शर्मा सहित नगर निगम के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
अब तक 5 लाख रुपए से अधिक के सामग्रियों का हुआ विक्रय
सशक्त महिला समृद्ध महिला थीम पर आयोजित है मड़ई
रायपुर/शौर्यपथ / रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सशक्त महिला समृद्ध महिला थीम पर आयोजित महिला मड़ई को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। 4 मार्च से चल रहे महिला मड़ई में राज्य के सभी 33 जिलों से 87 महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विक्रय के लिए स्टाल लगाया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से रायगढ़ से एकताल बेलमेटल, सूरजपुर से समूह द्वारा निर्मित गुड़ की सामग्री, बस्तर से बेल मेटल, जांजगीर चांपा और सक्ति से कोसा, हैंडलूम सिल्क साड़ी, गरियाबंद से पैरा आर्ट, जशपुर से टोकनी,महुआ से उत्पादित सामग्री, बिलासपुर से श्रृंगार वस्त्र की सामग्री, बलरामपुर और सूरजपुर से उत्पादित सुगंधित चावल के स्टॉल में लोगों की ख़ासकर महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है।
महिला मड़ई की नोडल अधिकारी ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों ने 50 हजार रुपए से अधिक के सामग्रियों का विक्रय कर लिया है। मड़ई में 8 मार्च महिला दिवस के दिन तक और भी अधिक सामग्रियों के विक्रय होने की संभावना है ।
महिला मड़ई में लगाए गए 87 स्टॉलों का अवलोकन दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक किया जा सकता है।
मड़ई में सेल्फी जोन बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र है। इसके साथ ही बच्चों के लिए प्ले जोन भी बनाया गया है, जिसमें आकर्षक झूले एवं खेल-खिलौने की व्यवस्था की गई है।
महिला मड़ई में नवा बिहान, महतारी वंदन सखी सेंटर, वुमन हेल्पलाइन, दिशा दर्शन, कन्या विवाह, स्पॉन्सरशिप, फास्टर केयर, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड,चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह, दत्तक ग्रहण और आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का स्टॉल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। इस मड़ई मेले में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है।
मड़ई मेले में महिला एवं बाल विकास विभाग के समूहों के साथ अन्य विभागों के समूह जैसे-एनआरएलएम, वन विभाग, पंचायत विभाग इत्यादि की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्थानीय महिला उद्यमियों एवं महिलाओं को आगे बढ़ने हेतु अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंजीकृत महिला उद्यमियों, उत्पादक, स्टार्ट-अप को भी स्टॉल उपलब्ध कराया गया है।
सुचारू और व्यवस्थित यातायात हेतु ई - रिक्शा एवं ऑटो की मॉनिटरिंग, रेगुलेशन और नियंत्रण के उपायों पर विचार - विमर्श
रायपुर/शौर्यपथ /ई - रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान से जुड़े विषयों पर परिवहन सचिव सह आयुक्त श्री एस.प्रकाश की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में संभाग मुख्यालय रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर भी उपस्थित थे।
ई - रिक्शा एवं ऑटो की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए सुगम और व्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने के उपायों पर बैठक में विचार - विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि जिलेवार परिवहन कार्यालय में पंजीकृत ई-रिक्शा (गुड्स एवं पैसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 13374, बिलासपुर 4493, दुर्ग 4038, अंबिकापुर 1311, जगदलपुर 41, इसी प्रकार पंजीकृत ऑटो (गुड्स एवं पेसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 20306, बिलासपुर 14867, दुर्ग 9602, अम्बिकापुर 4429, जगदलपुर 3431 है, इस संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। बिना मॉनिटरिंग एवं रेगुलेशन के इन पर नियंत्रण की समस्या पर चर्चा की गई।
जिला प्रशासन रायपुर ने जोनवार योजना बनाई
बैठक में रायपुर जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा एवं ऑटो के सुगम व्यवस्थित परिचालन हेतु निर्मित जोनवार योजना के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। रायपुर जिला प्रशासन के द्वारा रायपुर शहर को मुख्य रूप से 05 जोनों में विभक्त कर योजना बनाई गई है।
ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर चर्चा
बैठक में ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त शक्तियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उपस्थित जिलों के अधिकारियों से क्रमशः उनके जिलों में ई-रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली गई।
समस्या के समाधान के लिए मांगे गए सुझाव
बैठक में ई-रिक्शा एवं ऑटो पंजीयन में निरन्तर वृद्धि एवं समस्या के समाधान हेतु किसी भी प्रकार के प्रस्ताव, सुझाव जिला सड़क सुरक्षा समिति अथवा जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सड़क सुरक्षा समिति अथवा परिवहन विभाग के पास प्रेषित् करने हेतु कहा गया।
रायपुर /शौर्यपथ /केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी से छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने नई दिल्ली में सौजन्य मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास के कार्यक्रमों के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी। इस दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े से उन्होंने छत्तीसगढ़ में महिलाओं के और बच्चों के लिए संचालित किए जा रहें कार्यक्रमों के क्रियान्वयन, भविष्य की योजनाओं और रणनीतियों पर सार्थक चर्चा भी की। उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के समन्वय से महिला सशक्तिकरण, बाल संरक्षण एवं पोषण अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
श्रीमती राजवाड़े ने केंद्रीय मंत्री को छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही महतारी वंदन योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन एवं कुशल नेतृत्व में प्रदेश के समग्र विकास हेतु लगातार कार्य हो रहे हैं। जिससे राज्य हर क्षेत्र में प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए होगा मामलों का निपटारा
रायपुर/शौर्यपथ / आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए मामलों का निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वावधान में शनिवार 8 मार्च 2025 को देशव्यापी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर द्वारा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों एवं व्यवहार न्यायालयों में भी लोक अदालत आयोजित किए जाएंगे। यह कैलेण्डर वर्ष 2025 की पहली नेशनल लोक अदालत होगी।
लोक अदालत के दिन जिला न्यायालय एवं तालुका न्यायालय (व्यवहार न्यायालय) में लंबित शमनीय अपराध के प्रकरण मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण, 138 एनआई एक्ट, के अंतर्गत चेक बाउंस का प्रकरण धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा मेट्रोमोनियल डिस्प्युट के अलावा जल कर, संपत्ति कर, राजस्व संबंधी प्रकरण ट्रैफिक चालान, भाड़ा नियंत्रण आबकारी से संबंधित प्रकरण एवं बैंक विद्युत संबंधी प्री-लिटिगेशन प्रकरण, राजस्व न्यायालय खंडपीठ में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे, वारिसों के मध्य बटवारे का निराकरण किया जाएगा। न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से तथा प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है।
नेशनल लोक अदालत के लिए खण्डपीठों का गठन कर विभिन्न प्रकरणों तथा प्री.लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों धारा. 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों तथा पारिवारिक विवाद के मामलों का निराकरण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व, बैंक, विद्युत विभाग दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री.लिटिगेशन प्रकरण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किए जाएंगे। जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत खण्ड पीठ में निराकृत किए जाएंगे। इस तरह पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करा सकते हैं। इसके अलावा लोक अदालत में दूरसंचार विभाग, नगर निगम, नगर पालिका परिषद् में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण, याददाश्त के आधार पर बंटवारा, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, कब्जे के आधार पर बंटवारा, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) के अंतर्गत कार्यवाही के मामले, रेन्ट कंट्रोल एक्ट, सूखाधिकार से संबंधित मामलों के साथ-साथ विक्रय पत्र, दानपत्र और वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण के मामले तथा अन्य प्रकृति के सभी मामले सम्मिलित और चिन्हांकित कर आपसी राजीनामा के आधार पर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया जावेगा।
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में महापौर शपथ ग्रहण के बाद आज 7 मार्च को सभापति का चुनाव होना निश्चित था सभापति का चुनाव में औपचारिक मात्र शेष था. सभापति का पद पूर्ण बहुमत के कारण भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाना निश्चित है ऐसे में कौन बनेगा दुर्ग नगर निगम का सभापति? इस बात की चर्चा पिछले तीन दिनों तक चलती रही और आखिरकार जिस नाम की चर्चा आरंभ में प्रमुखता से ली जा रही थी उसी नाम पर भारतीय जनता पार्टी संगठन की मोहर लग गई वार्ड नंबर 30 से पार्षद श्याम शर्मा दुर्ग नगर निगम के नए सभापति होंगे 2:00 बजे मतदान के बाद परिणाम की घोषणा होगी. किंतु नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के 40 पार्षद होने के कारण यह चुनाव औपचारिकता मात्र ही शेष है भारतीय जनता पार्टी से श्याम शर्मा तो कांग्रेस की तरफ से भास्कर कुंडले चुनावी मैदान में अपना-अपना नामांकन भर चुके हैं पार्षदों की संख्या के मद्दे नजर यह निश्चित हो गया है कि दुर्ग नगर निगम में सभापति के रूप में आने वाले 5 साल तक श्याम शर्मा की भूमिका रहेगी.
बता दें कि 20 साल बाद भारतीय जनता पार्टी के पार्षद पूर्ण बहुमत के साथ नगर पालिका निगम दुर्ग में चुनाव जीत कर आए हैं ऐसे में अब वार्ड से लेकर लोकसभा तक भाजपा का शासन है और अब आम जनता भाजपा शासन के स्वर्णिम की ओर निहार रही है ऐसे में बदल दुर्ग नगर निगम की स्थिति को सुधारने नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका वाघमार एवं सभापति श्याम शर्मा द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का इंतजार शहर की जनता को है
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम के शहरी सरकार के लिए सभापति का चुनाव आज दोपहर बाद होने वाला है शहरी सरकार में सभापति कौन होगा बस इस बात का सभी को इंतजार है भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण बहुमत में आने के बाद यह तो निश्चित हो गया कि सभापति का पद भी भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाएगा परंतु शहरी सरकार में इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का दायित्व किस पार्षद को मिलेगा इस पर राजनीतिक उठा पटक और नाम की चर्चा लगातार जारी है प्रमुखता से जिनका नाम सामने आ रहा है वह धीरे-धीरे रेस से बाहर होते भी नजर आ रहे हैं चुनाव परिणाम के बाद सर्वप्रथम श्याम शर्मा और साजन जोसेफ के नाम की चर्चा थी परंतु वक्त गुजरते गुजरते सभापति के नाम की चर्चाएं बदलती रही.
कुछ दिनों तक आशीष चंद्राकर मनीष साहू और काशीराम कोसरे का नाम प्रमुखता से लिया जाता रहा अब जब आज सभापति का चुनाव होने जा रहा है ऐसे में एक बार फिर नए नाम की चर्चा प्रमुखता से ली जा रही है वर्तमान समय में नरेंद्र बंजारे नीलेश अग्रवाल के नाम की चर्चा प्रमुखता से हो रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी की जो नीति रही है उससे यह अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी किस पार्षद को सभापति के नाम के लिए अंतिम मुहर लगाती है.
आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का गौरव भारतीय जनता पार्टी के पास है भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद और मठाधीश की राजनीति से काफी परे हैं जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को मौका देने का जो रिस्क भाजपा संगठन उठाती है वही आज उनके सफलता का राज है विगत वर्ष में हुए विधानसभा लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने नए चेहरों के साथ दाव खेला और सफल हुए वहीं जिम्मेदार पदों पर भी नए चेहरों को लाकर अगली पीढ़ी के लिए संगठन को मजबूती प्रदान की. ऐसे में इन सब नाम के बीच किसी नए नाम की घोषणा हो तो कोई बड़ी बात नहीं शहरी सरकार और भाजपा संगठन कि पार्षद के नाम पर मोहर लगती है यह तो तय हो चुका होगा बस वह किसका नाम है इसकी घोषणा चंद घंटे में हो जाएगी और औपचारिक मात्र ही शेष है. मतदान के बाद दुर्ग निगम की शहरी सरकार को नए सभापति मिल जाएगा...
मार्च माह तक सभी किसानों का पहचान पत्र बनाने के दिए निर्देश
मुंगेली/शौर्यपथ /कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने पथरिया विकासखंड के ग्राम सिलतरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत भवन में एग्रीस्टेक परियोजना के तहत किसानों के कृषि भूमि पहचान पत्र निर्माण प्रक्रिया का जायजा लिया और मार्च माह तक सभी किसानों का कृषि भूमि पहचान पत्र बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि मार्च माह तक शत-प्रतिशत किसानों के भूमि पहचान पत्र बनाए जाएं, जिससे वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में कृषि भू-स्वामियों का एक एकीकृत पंजीकरण तैयार करना है, जिससे कृषि अनुदान, फसल बीमा और अन्य योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत सिलतरा के कुल 589 किसानों में से 202 किसानों के भूमि पहचान पत्र बनाए जा चुके हैं। कलेक्टर ने शेष किसानों को जल्द से जल्द पंजीयन कराने की अपील की और बताया कि किसान बी1 (भू-अधिकार पत्र), खसरा, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ कॉमन सर्विस सेंटर या पटवारी के माध्यम से पंजीयन करा सकते हैं।
खेल मैदान समतलीकरण एवं बुनियादी समस्याओं पर त्वरित निर्देश
ग्रामीणों ने कलेक्टर से खेल मैदान समतलीकरण की मांग रखी। उन्होंने बताया कि गांव के युवा विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और कई युवा पुलिस एवं सैन्य भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन असमतल मैदान के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कलेक्टर ने इस संबंध में जनपद सीईओ को स्थानीय विधायक की सहमति से शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। ग्रामीणों द्वारा बिजली, पेयजल, राजस्व संबंधी समस्या और तालाब के गहरीकरण एवं मेड़ बंधान को भी लेकर चर्चा की गई, जिस पर कलेक्टर ने संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। वहीं, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने गांव में सुरक्षा संबंधी मुद्दों की समीक्षा की और युवाओं को नशा एवं गलत संगत से दूर रहते हुए लक्ष्य आधारित मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
ग्राम धरदेई में धान उठाव कार्य का निरीक्षण
पथरिया विकासखंड के ग्राम धरदेई खरीदी केंद्र का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने धान उठाव कार्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जीरो शॉर्टेज का लक्ष्य रखते हुए शीघ्र धान उठाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि खरीदी केन्द्र में 78 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है, जिनमें से 70 हजार क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका है। वहीं 08 हजार क्विंटल धान निराकरण के लिए शेष है। कलेक्टर ने कहा कि यदि धान उठाव में देरी होती है तो संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सरगांव में पटाखा भंडारगृह निर्माण का अवलोकन
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने सरगांव क्षेत्र में निर्माणाधीन पटाखा भंडार गृह का निरीक्षण किया और लाइसेंस एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित व्यक्ति को निर्देशित किया कि सभी नियमों एवं सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान अपर कलेक्टर जी.एल. यादव, पथरिया एसडीएम भरोसा राम ठाकुर, तहसीलदार श्रीमती छाया अग्रवाल, जनपद सीईओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराने के दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे ने जनपद पंचायत गुण्डरदेही के सभाकक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा की। डाॅ. कन्नौजे ने मनरेगा योजना अंतर्गत आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य तथा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि ग्राम पंचायत रूदा में फीकल स्लज मैनेजमेंट यूनिट निर्मित है। जिसमें राज्य स्तर से डिस्लजिंग वाहन प्रदान किया गया है। उन्होंने इसका समुचित प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर मल-कीचड़ प्रबंधन के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी निर्मित कचरा संग्रहण शेड में कचरे का परिवहन व निरन्तर कचरा संग्रहण कार्य जारी रखने को कहा। इसके साथ ही सभी निर्मित सामुदायिक शौचालयों का उपयोग करने तथा इनका संचालन व संधारण सुचारू रूप से करने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ डाॅ. कन्नौजे ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य में संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर ग्राम पंचायत कसौंदा, गब्दी, जेवरतला, राहुद के पंचायत सचिव को उक्त संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने को कहा।
इसी क्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत चल रहे कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में फेस-01 के तहत आबंटित लक्ष्य के विरूद्ध में शासन के मंशानुसार माह मार्च में वृहद स्तर पर गृह प्रवेश कार्यक्रम का भव्य आयोजन कराया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आबंटित लक्ष्य अनुरूप समस्त निर्माणाधीन आवासो को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के जनपद पंचायत गुण्डरदेही को फेस-02 में आबंटित अतिरिक्त लक्ष्य 2785 के विरूद्ध में पंजीयन एवं स्वीकृति की कार्यवाही 30 मार्च 2025 तक पूर्ण कर यथाशीघ्र प्रथम किश्त की राशि संबंधितों के खातो में अंतरित करने को कहा। उन्होंने योजनान्तर्गत अप्रारंभ आवास के लाभार्थियो से समन्वय स्थापित कर उन्हंे हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा मनरेगा के तहत 90 मानव दिवस की मजदूरी राशि जारी करने निर्देश दिए। सीईओ डाॅ. कन्नौजे ने समस्त नोडल अधिकारियो को अपने आबंटित क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर शासन की अत्यंत महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना का बेहतर क्रियान्वयन करने तथा लाभार्थियो से संपर्क स्थापित कर उनके मांग, आवेदन, शिकायतो पर यथासंभव प्रयास कर निराकृत करने को कहा। इसके साथ ही लोकसेवा गारंटी के तहत प्रदाय किए जाने वाले 09 सेवाओं का जमीन स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन करने व जेम-पोर्टल तथा भण्डार क्रय नियम का पालन करने को कहा। बैठक में उप संचालक पंचायत श्री आकाश सोनी सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।
बेमेतरा /शौर्यपथ /वर्ष 8 मार्च को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि महिलाओं के संघर्ष, सशक्तिकरण और उपलब्धियों का प्रतीक है। इस वर्ष बेमेतरा जिले में यह आयोजन और भी भव्य रूप से मनाया जा रहा है, जहाँ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा।
बेमेतरा की महिलाओं की अनूठी पहचान
बेमेतरा की महिलाएँ न केवल परिवार की धुरी हैं, बल्कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, स्वच्छता, समाजसेवा और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। चाहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हों या मितानिन, महिला स्वच्छग्राही हों या नगर निकाय की सफाई कर्मचारी—इन सभी ने जिले को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध बनाने में अपनी मेहनत और समर्पण का परिचय दिया है।
महिला दिवस पर विशेष आयोजन
इस वर्ष टाउन हॉल, बेमेतरा में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में इन सभी प्रेरणादायी महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत स्तर की उन कर्मठ महिलाओं को पहचान दी जाएगी, जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
बेमेतरा जिले में महिलाओं की भूमिका केवल परिवार और समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि वे प्रशासनिक, सामाजिक और स्वच्छता अभियानों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेमेतरा जिले में एक भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा, बल्कि जिले की महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देगा।
महिलाओं की भागीदारी और उपलब्धियाँ
बेमेतरा जिले में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में महिला स्वच्छग्राही समूह, प्रेरक, सफाई कर्मचारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत सराहनीय रही है। इन महिलाओं ने गांवों को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसके अलावा, महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत महिला अधिकारी और कर्मचारी अपनी सेवाओं के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। बच्चों और महिलाओं के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों में उनका योगदान प्रशंसनीय है। मितानिनों ने स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है, जिससे जिले में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है।*
राजनीति और प्रशासन में महिलाओं का नेतृत्व
बेमेतरा जिले के प्रशासनिक ढांचे में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। जिला पंचायत की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर महिलाओं का नेतृत्व यह दर्शाता है कि महिलाएँ अब नीति-निर्माण की प्रक्रिया का सक्रिय हिस्सा बन रही हैं। इसके अलावा, जिले की कई पंचायतों में महिलाएँ सरपंच और पार्षद के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही हैं, जिससे स्थानीय शासन व्यवस्था में उनका प्रभाव बढ़ा है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित महिला सम्मान समारोह के माध्यम से उन महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने समाज में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। यह सम्मान समारोह न केवल उनकी उपलब्धियों को मान्यता देगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगा कि वे अपने हक और अधिकारों के लिए आगे बढ़ें।
समाज में बदलाव की नई लहर
बेमेतरा जिले में महिलाओं के प्रति सोच में तेजी से बदलाव आ रहा है। महिलाएँ केवल घरेलू कार्यों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, और स्वच्छता अभियानों में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन, और महिला सशक्तिकरण योजनाओं का प्रभाव जिले में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
समाज के लिए प्रेरणा
महिला दिवस का यह आयोजन न केवल सम्मान और गौरव का अवसर है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि जब महिलाओं को समान अवसर और सम्मान मिलता है, तो वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। बेमेतरा की महिलाएँ इस बदलाव की जिंदा मिसाल हैं, जो अपने श्रम, संघर्ष और समर्पण से जिले को आगे बढ़ा रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में पहल
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर, यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सक्षम बना रही है।
महतारी वंदन योजना :
छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की है, जिसके तहत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रतिमाह ₹1000 की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना :
इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के विवाह के लिए सहायता राशि दी जाती है, जिससे उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होता है और वे सम्मानजनक जीवन जी सकती हैं।
सखी वन स्टॉप सेंटर :
महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए सरकार सखी वन स्टॉप सेंटर चला रही है, जहां उन्हें कानूनी, सामाजिक और मानसिक सहयोग मिलता है।
स्वयं सहायता समूह योजनाएँ :
राज्य सरकार महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दे रही है, जिससे वे छोटे-छोटे उद्योगों और स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इन योजनाओं से महिलाओं को आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। महिला सशक्तिकरण की इस दिशा में उठाए गए ये कदम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायक हैं।
निष्कर्ष
बेमेतरा जिले की महिलाएँ आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वे समाज, राजनीति, स्वच्छता और प्रशासन में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। आगामी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर यह आयोजन न केवल उनके योगदान को पहचान दिलाएगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगा कि वे आत्मनिर्भर बनें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें। बेमेतरा की महिलाएँ न केवल अपने जिले, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल बन रही हैं।
इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि महिलाओं के अधिकार, समानता और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। बेमेतरा की इन नायिकाओं को हमारा नमन।
भिलाई/शौर्यपथ / स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में एआईसीटीई ट्रेनिंग एण्ड लर्निंग (अटल) अकादमी के सहयोग से उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम विषय पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का समापन सत्र डॉ. सुमित गुप्ता प्राध्यापक आईआईएम रायपुर के व्याख्यान और
औद्योगिक भ्रमण से हुआ। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं श्री शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई दी एवं कहा सरकारी संस्थाए एवं व्यावसायिक संगठन के साथ मिलकर हम विद्यार्थियों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते है जिससे वे रोजगार ना ढूंढ कर रोजगार देने वाले बने और देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे।
डॉ. सुमित गुप्ता प्राध्यापक आईआईएम रायपुर ने उद्यमिता चर्चा डेटा विश्लेषण दृष्टिकोण विषय पर अपने व्याख्यान में बताया उद्यमिता में डेटा विश्लेषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है विभिन्न स्त्रोतों से डेटा संग्रहण करना ग्राहकों की जानकारी के आँकड़े को एकत्रित कर के उसका विश्लेषण करना, उसके आधार पर निर्णय ले हम अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते है उन्होंने अमेजान, ओला, जीवनसाथी डॉटकाम, जोमैटो आदि उदाहरण के माध्यम से बताया कि ऑनलाइन प्लेटफार्म में निर्माता और उपभोक्ता के बीच की दूरी को कम करने के लिए नये विचार से स्टार्ट-अप शुरू किया जा सकता है। ऐसे स्टार्ट-अप में उद्यमी को व्यवसाय शुरू करने के पश्चात् बाजार में बने रहने के लिए नितनए अनुसन्धान और ्रोद्योगिकी का प्रयोग करना होता है।
प्रतिभागियों को औद्योगिक भ्रमण हेतु एमएसएमई टेक्नालॉजी सेंटर रसमड़ा दुर्ग ले जाया गया यह एफडीपी का ही हिस्सा था। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने अपने विचारों से स्टार्ट-अप प्रारंभ करने के लिये नई दिशा दी। पूर्व सत्रों के वक्ता एवम व्यक्तव्य के मुख्य बिंदु अग्रनुसार है-दूसरे दिन के प्रथम सत्र के वक्ता विष्णु वैभव द्विवेदी, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी आईआईटी भिलाई ने प्रौद्योगिकी उद्यमियों के लिये बाजार की रणनीतियॉं विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा उद्यमिता छोटी बजट से प्रारंभ होती है सीमित संसाधनों से आरंभ कर धीरे-धीरे बड़े पैमाने पर बढ़ाना चाहिये यह तरीका वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने के साथ भविष्य में भारत को वैश्विक पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाएगा। उन्होंने बताया जब तकनीकी मेडिकल साईंस, शिक्षा या इंजीनियरिंग से मिलती है तो क्रंातिकारी परिवर्तन होता है। हमें बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुये अपना स्टार्ट-अप करना होगा। उन्होंने बताया आईआईटी भिलाई ने कम समय में ही 50 से अधिक पेटेंट और 300 से अधिक राष्ट्रीय स्तर पर नौकरी सृजित किया है।
द्वितीय सत्र की वक्ता डॉं. हंसा शुक्ला प्राचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने उद्यमशीलता: प्रेरणा और चुनौतियॉं विषय पर अपने व्याख्यान में बताया अगर आप बिजनेस प्रारंभ कर रहे है तो आप कभी न सोचे की मैं मार्केट में बना रहूगा बल्कि हमेशा यह सोच होनी चाहिए कि मैं मार्केट से बाहर हो सकता हू यह सोच आपको नवीन आईडिया के लिये प्रेरित करेगा। आज का स्टार्ट-अप कल का बिजनेसमैन बनेगा। बाबा रामदेव जिन्होंने सम्पूर्ण विश्व में हमारे आयुर्वेद को पहुचाया पदमश्री फूलवासन ने महिला स्व सहायता समूह से कार्य की शुरुआत की आज उनका लाखो का टर्नओवर
है । छत्तीसगढ़ में पर्यटन, कला व संस्कृति प्रत्येक क्षेत्र में स्टार्ट-अप की असीम सम्भावनाये है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति सदस्य डॉ. रजनी मुदलियार, डॉ. सुनीता वर्मा, डॉ. मीना मिश्रा, श्रीमती खुशबू पाठक, श्रीमती रुपाली खर्चे, श्रीमती एन. बबीता, डॉ. शर्मिला सामल, श्रीमती कामिनी वर्मा, हितेश सोनवानी, जमुना प्रसाद, योगिता लोखण्डे, श्रीमती श्रीलथा नायर, श्रीमती मोनिका मेश्राम, संजना सोलोमन, समीक्षा मिश्रा, विजय मिश्रा, निकिता देवांगन, रश्मि बनाज, मोहिनी शर्मा ने विशेष योगदान दिया।
फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में अंजनेय विश्वविद्यालय, भिलाई इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्ग, श्री शंकराचार्य इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर, भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्ग, सेठ आरसीएस आर्टस एवं कामर्स महाविद्यालय दुर्ग, देव संस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी खपरी दुर्ग, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्ससिटी, भिलाई, सेंट थॉमस महाविद्यालय, भिलाई, कल्याण पीजी महाविद्यालय, दुर्ग, कृष्णा इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एण्ड कामर्स महाविद्यालय, खम्हरिया, आईआईटी भिलाई श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई, भिलाई महिला महाविद्यालय, भिलाई के प्राध्यापक एवं शोधार्थी शामिल हुये।