
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
जगदलपुर, शौर्यपथ। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के हितग्राही परिवारों को रविवार को चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर पक्के आवास की सौगात मिलने पर इन हितग्राहियों में अपार खुशी दिखाई दी। इस मौके पर जिले के सातों विकासखण्डों के 9839 हितग्राहियों का उनके नए आवासों में गृह प्रवेश करवाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हितग्राहियों द्वारा विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर गृह प्रवेश किया गया और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मैदानी अमलों ने हितग्राहियों को पुष्प गुच्छ भेंटकर बधाई दी। इस दौरान हितग्राहियों ने स्वयं का पक्का घर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा अब खुद के पक्के घर में रहने से सुकून मिलेगी। बस्तर ब्लॉक के बाकेल निवासी बुजुर्ग महिला सयती बघेल ने कहा अब बारिश के दिनों में ज्यादा सहूलियत होगी और पानी टपकने की चिंता से मुक्ति मिलेगी। ज्ञात हो कि रविवार को जिले के सातों विकासखण्डों बकावंड ब्लॉक में 3684, बास्तानार में 475, बस्तर में 2392, दरभा ब्लॉक में 436, जगदलपुर ब्लॉक में 1571, लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक में 1087 और तोकापाल में 194 हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नवनिर्मित पक्के आवासों में गृह प्रवेश किया। इस दौरान सम्बन्धित गांवों में खुशी का अलग ही माहौल दिखाई दी।
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के मोहभट्ठा बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर अभनपुर-रायपुर मेमू ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर 2,695 करोड़ रूपए की लागत से पूरी हो चुकी चार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही 7 रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी। छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विकास और यात्रियों को किफायती एवं सुगम परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
रायपुर और अभनपुर के बीच मेमू ट्रेन शुरू होने से आम लोगों के लिए आवागमन किफायती और आसान होगा। इस ट्रेन का ठहराव मंदिर हसौद, सीबीडी, केंद्री और अभनपुर स्टेशनों पर होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 747 करोड़ की लागत से राजनांदगांव-बोरतलाव तक बिछाई गई तीसरी रेल लाइन, 353 करोड़ की लागत से मंदिर हसौद-केन्द्री-अभनपुर नई रेल लाइन, 88 करोड़ की लागत से दुर्ग-रायपुर स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के साथ ही छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खरसिया-झाराडीह पांचवीं रेल लाइन, सरगबुंदिया-मड़वारानी तीसरी-चौथी रेल लाइन, दाधापारा-बिल्हा-दगोरी चौथी रेल लाइन, निपनिया-भाटापारा-हथबंद चौथी रेल लाइन, भिलाई-भिलाई नगर-दुर्ग लिंक केबिन चौथी रेल लाइन, राजनांदगांव-डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन, और करगी रोड-सल्का रोड तीसरी रेल लाइन का शिलान्यास किया।
वन मंत्री केदार कश्यप इस मौके पर अभनपुर रेल स्टेशन पर आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रेल सुविधाओं का विकास राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। रेल संपर्क का विस्तार दूरदराज के क्षेत्रों में रोजगार और व्यापार के नए अवसर खोलेगा, जिससे आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर से अभनपुर के बीच शुरू की गई मेमू ट्रेन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि भविष्य में रेल सुविधाओं का विस्तार बस्तर, सरगुजा और जशपुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों तक किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा रेल्वे नेटवर्क से जुड़े। कार्यक्रम में विधायक राजेश मूणत, सुनील कुमार सोनी, पुरन्दर मिश्रा, मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहेब, इंद्र कुमार साहू, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, नगर निगम कमिश्नर विश्वदीप, ज़िला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वरंजन सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
देश की जनता को जागरूक और सशक्त बनाने का प्रभावी माध्यम है ‘मन की बात’ : मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास में नवगुरुकुल और नेतृत्व साधना केंद्र की बालिकाओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 120वीं कड़ी का श्रवण किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, विधायक किरण देव और विधायक श्री पुरंदर मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री साय ने चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर बालिकाओं के साथ आत्मीय संवाद किया और उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम आज देश की जनता को जागरूक बनाने का सशक्त मंच बन चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम के माध्यम से विशेष रूप से छात्रों और युवाओं को कड़ी मेहनत, नवाचार और सकारात्मक सोच की प्रेरणा देते हैं। यदि हम सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें, तो समाज और जीवन में बड़ा परिवर्तन संभव है।
भारतीय संस्कृति, नवाचार और सामाजिक समरसता का संवाहक
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘मन की बात’ भारतीय संस्कृति, लोक परंपराओं और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला मंच है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जनता से सीधे जुड़ने का सशक्त माध्यम बन चुका है, जिसमें देश के नवाचार, जन भागीदारी, प्रेरक कहानियाँ, जल संरक्षण, योग, आयुर्वेद और वीर सैनिकों सहित खिलाड़ियों और वैज्ञानिकों के योगदान को उजागर किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चियों से अपील की कि वे इस कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर अपने सपनों को आकार देने के लिए संकल्पबद्ध होकर आगे बढ़ें।
नवगुरुकुल और नेतृत्व साधना केंद्र की बालिकाओं से आत्मीय भेंट
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बालिकाओं से संवाद करते हुए उनके मेहनत और संकल्प की सराहना की। उन्होंने कहा कि आप सभी तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी बेटियाँ जीवन में अवश्य सफल होंगी। आप सबकी उपलब्धियों में सहभागी बनना मेरे लिए गर्व का विषय है। बालिकाओं ने भी मुख्यमंत्री श्री साय से संवाद करते हुए अपने अनुभव साझा किए और मुख्यमंत्री निवास में बिताए गए इन खास पलों को यादगार बताया।
तकनीकी प्रशिक्षण और प्रशासनिक तैयारी की नई उड़ान
नवगुरुकुल संस्था की छात्रावास अधीक्षिका सुश्री रेणुका चंदन ने जानकारी दी कि नवगुरुकुल से निकले कई छात्र-छात्राएं आज बैंगलोर और हैदराबाद की प्रमुख आईटी कंपनियों में कार्यरत हैं। इसी तरह नेतृत्व साधना केंद्र में सीजीपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है। यहाँ रहने वाले बच्चों को निःशुल्क आवास और भोजन की सुविधा दी गई है। इस वर्ष केंद्र के 11 बच्चों ने पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है और वे अब मुख्य परीक्षा में भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि रायपुर जिला प्रशासन के सहयोग से संचालित नवगुरुकुल संस्थान में बच्चों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कोडिंग एवं डिकोडिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर जिले में एक साथ 50 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सुरक्षाबलों को दी बधाई
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले में एक साथ 50 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर सुरक्षाबलों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025 के सकारात्मक परिणाम अब ज़मीन पर स्पष्ट दिखने लगे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद के कुचक्र में फंसे लोग अब बंदूक छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं, यह परिवर्तन स्वागतयोग्य है। हमारी सरकार हर उस व्यक्ति के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है, जो लाल आतंक छोड़ शांति का रास्ता चुनता है।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी दोहराया कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 2026 तक वामपंथी उग्रवाद के समूल उन्मूलन के संकल्प का ही परिणाम है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के तहत सुदूर अंचलों में सड़कों का निर्माण, स्कूलों और अस्पतालों की स्थापना ने बस्तर क्षेत्र में सरकार के प्रति विश्वास और उम्मीद की लौ जगाई है।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, यह भरोसे की वापसी है। जो कल भय का प्रतीक थे, वे आज भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। छत्तीसगढ़ अब शांति, विकास और नवचेतना के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का खात्मा तय है। इसके तहत डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में अब तक 2200 से ज्यादा नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है और आत्मसमर्पण किया है, साथ ही अब तक 350 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में हमारी सरकार द्वारा लगातार नए सुरक्षा कैंप स्थापित करने, नियद नेल्ला नार योजना से सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। हमारी सरकार, लाल आतंक का दामन छोड़ शांति के रास्ते पर लौटने वाले इन लोगों के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है।
रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा और जनजातीय परंपराओं की जीवंत प्रस्तुति के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा और लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह में एक विशेष मोमेंटो भेंट किया, जो बांस से निर्मित अनूठे जनजातीय वाद्ययंत्र "उसुड़" का प्रतीक है। यह मोमेंटो छत्तीसगढ़ की गोंडी संस्कृति, बस्तर की कला और नारी शक्ति की विविध परंपराओं का संगम है।
"उसुड़": बांस से बना जीवंत संगीत वाद्ययंत्र
गोंडी बोली में "उसुड़" कहा जाने वाला यह वाद्ययंत्र पूरी तरह बांस से निर्मित होता है। लगभग ढाई से तीन फीट लंबा यह वाद्य, हाथों से पकड़कर घुमाकर बजाया जाता है, जिससे एक विशेष कंपन और ध्वनि उत्पन्न होती है। इसके ऊपरी भाग में लोहे के तीन गोल वासर लगाए जाते हैं और बाहरी सतह को गर्म लोहे से दागकर पारंपरिक शैली में सजाया जाता है। यह वाद्ययंत्र एक सांस्कृतिक प्रतीक है, जो छत्तीसगढ़ की जनजातीय आत्मा को दर्शाता है।
जनजातीय शिल्पगुरु बुटलूराम मायरा का योगदान
इस वाद्ययंत्र को नारायणपुर जिले के देवगांव निवासी जनजातीय शिल्पकार श्री बुटलूराम मायरा ने अपने हाथों से निर्मित किया है। श्री मायरा विगत चार दशकों से जनजातीय कला के संरक्षण और संवर्धन में सक्रिय हैं। उनके योगदान की सराहना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में कर चुके हैं।
बस्तर की कला को राष्ट्रीय मंच पर पहुँचाया
बांस शिल्प और तुमा (सूखी लौकी) शिल्प में पारंगत श्री मायरा ने न केवल बस्तर की लोककला को जीवित रखा, बल्कि 60 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा। इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय नृत्य दलों का गठन कर देशभर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। उनके इस प्रेरणादायक कार्य हेतु उन्हें वर्ष 2024 में "शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान" से सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया यह मोमेंटो केवल एक सांस्कृतिक उपहार नहीं, बल्कि भारत की विविधता, नारी शक्ति, जनजातीय आत्मनिर्भरता और स्थानीय प्रतिभा के उत्थान का प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री जी की "वोकल फॉर लोकल" और "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की परिकल्पना से गहराई से जुड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा भेंट किया गया यह मोमेंटो छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपरा, बांस शिल्प, सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में चल रहे प्रयासों का जीवंत प्रतीक है। यह भेंट प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में स्थानीय कौशल, सांस्कृतिक समरसता और महिला सशक्तिकरण को राष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक सार्थक योगदान है।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्टा में आयोजित आमसभा एवं विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को आज एक विशेष मोमेंटो भेंट किया, जो छत्तीसगढ़ की वीरांगना बिलासा देवी केवट की स्मृति में तैयार किया गया है। यह मोमेंटो न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि नारी शक्ति, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता की जीवंत अभिव्यक्ति भी है।
छत्तीसगढ़ की बिलासा देवी एक साहसी, परिश्रमी और दूरदर्शी महिला थीं, जिनके नाम पर छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर बिलासपुर का नाम पड़ा। वे केवट समुदाय से संबंध रखती थीं—एक ऐसा समुदाय, जो भारतीय इतिहास में जल परिवहन, सेवा भाव और ईमानदारी के लिए जाना जाता है। भगवान श्रीराम के जीवन में केवट समुदाय की भूमिका आज भी आदर्श के रूप में स्मरण की जाती है।
महिला सशक्तिकरण की प्रेरणास्रोत
बिलासा देवी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि महिलाएँ सीमाओं को पार कर इतिहास रच सकती हैं। उनके नेतृत्व, परिश्रम और कौशल ने यह सिद्ध किया कि चाहे वह प्रशासन हो या सामाजिक नेतृत्व—नारी कहीं भी पीछे नहीं। यह मोमेंटो उन्हीं मूल्यों और प्रेरणाओं का दर्पण है।
यह भेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दूरदर्शी नेतृत्व के साथ प्रतिध्वनित होती है, जिसके केंद्र में नारी शक्ति और राष्ट्र निर्माण में सहभागिता की संकल्पना है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘उज्ज्वला योजना’, ‘महिला स्वयं सहायता समूह’, ‘नारी शक्ति मिशन’ जैसी योजनाएँ इसी दिशा में उठाए गए ऐतिहासिक कदम हैं। यह मोमेंटो केवल एक शिल्पकृति नहीं, बल्कि एक वैचारिक प्रतीक है—जो दर्शाता है कि भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा, जब उसकी महिलाएँ सशक्त होंगी। यह भेंट छत्तीसगढ़ के गौरवशाली अतीत, वर्तमान प्रयासों और भविष्य की संभावनाओं का समन्वय है।
बिलासा देवी केवट का यह प्रतीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महिलाओं के सामर्थ्य और भारतीय संस्कृति के यशस्वी मूल्यों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित भी किया है।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू नववर्ष के शुभारंभ के अवसर पर आज छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर विकास की नई रोशनी फैली है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 33,700 करोड़ रुपए से अधिक की बहुआयामी परियोजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने जनसभा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया।
जनकल्याण और अधोसंरचना के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा लोकार्पित एवं शिलान्यास की गई परियोजनाएं रेल, सड़क, ऊर्जा, ईंधन, आवास और शिक्षा से जुड़ी हैं, जो न केवल लोगों के जीवन में खुशहाली और सुविधा का नया सूर्याेदय लाएंगी, बल्कि विकसित छत्तीसगढ़ की नींव भी मजबूत करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर लोगों ने भरोसा किया जिससे विधानसभा और लोकसभा चुनावों में डबल इंजन की सरकार बनी और अब स्थानीय निकाय चुनावों में तीसरा इंजन भी जुड़ गया है।
2047 के विकसित भारत की ओर छत्तीसगढ़ का मजबूत कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावी पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ इसमें ऊर्जा, खनिज और कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक बनेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि जैसे कार्यक्रमों के जरिए अंतिम छोर तक लाभ पहुंचा है। साथ ही रेल, सड़क, एयर कनेक्टिविटी और डिजिटल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है।
आदिवासी विकास में विशेष योगदान
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-मन, धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं ने जनजातीय बहुल छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा और दशा दी है। भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अयोध्या में श्रीरामलला का भव्य मंदिर बना और प्रयागराज महाकुंभ में भारत की संस्कृति की भव्यता को दुनिया ने देखा।
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी शक्ति से जुटी है।
मुख्यमंत्री साय ने अंत में प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि जब-जब छत्तीसगढ़ के विकास के लिए हमने मांग की, आपने अपेक्षा से अधिक दिया। इसके लिए हम सदैव आभारी रहेंगे। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
बस्तर में बदलाव और आर्थिक स्वावलंबन के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का जताया आभार
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिलासपुर के मोहभट्ठा में आयोजित कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि इस आयोजन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। मैं छत्तीसगढ़ के युवाओं का उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं। बस्तर ओलंपिक का सफल और शानदार आयोजन एक सुखद बदलाव का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ संसाधनों, सपनों और सामर्थ्य से भरपूर है। आज से 25 वर्ष बाद जब हम छत्तीसगढ़ की स्थापना का 50वां वर्ष मनाएंगे तब छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को देखने और सुनने के लिए युवा, बस्तर ओलंपिक विजयी प्रतिभागी, लखपति दीदियां, नगरीय निकायों और त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचित पदाधिकारी मोहभट्ठा पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान बस्तर ओलंपिक के विजयी प्रतिभागी अपने हाथों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की तस्वीर को लहराते रहे और बीच-बीच में प्रधानमंत्री जिंदाबाद के नारे भी लगाए। बस्तर ओलंपिक के प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता था। बीते सवा सालों में बस्तर के समग्र विकास और वहां के लोगों की बेहतरी के लिए डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
यहां यह उल्लेखनीय है कि नक्सल हिंसा कमजोर होने के बाद लोगों में उत्साह को बढ़ाने के लिए बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया गया। इसमें 1 लाख 65 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इसमें नक्सल हिंसा से अपना अंग गंवा चुके लोगों ने भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर में अपने मन की बात कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की सराहना की और इसे बदलते हुए बस्तर का प्रतीक बताया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य में महिलाओं को आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में अब तक सवा दो लाख महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी हैं। इस वित्त वर्ष में 10 लाख महिलाओं को लखपति दीदी की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
? नारायणपुर कुतुल लहरी मार्ग पर 55किमी तक पहुंची सड़क, कैंप और विकास, महाराष्ट् सीमा अब बस 4 किलोमीटर दूर।
? सड़क के माध्यम से अबूझमाड़ के दूसरे छोर पर पहुंचेगी विकास की योजनाएं
? 1 साल के भीतर खुला ग्यारहवां कैंप , नक्सल विरोधी अभियान में आयेगी तेजी
? प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के छत्तीसगढ़ साइड के बार्डर तक लगा कैंप,निर्माण में आयेगी तेजी ।
? पदमकोट, नेलांगुर, उसेबेड़ा और कस्तूरमेटा गांव के साथ ही महाराष्ट्र के कुंआकोडी और परमिलभट्टी गांव के आदिवासी ग्रामीणों ने भी किया कैम्प का स्वागत
? ग्रामीणों में तेजी से घट रहा नक्सलियों का भय, विकास और पुलिस पर तेजी से बढ़ रहा है भरोसा
? नारायणपुर पुलिस, डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी 41 वाहिनी ने लगाया पदमकोट जन सुविधा कैंप।
नारायणपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा थाना कोहकामेटा के ग्राम पदमकोट क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं कुतुल-बेडमाकोटी व पदमकोट-नेलांगुर-कुआंकोडी (महाराष्ट्र) मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान करने एवं विकास कार्याे में तेजी लाने के उद्देश्य से दिनांक 28.03.2025 को नारायणपुर पुलिस डीआरजी, बस्तर फाईटर एवं आईटीबीपी 41वीं, 29वीं, 45वीं, 38वीं वाहिनी के द्वारा घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल ग्राम ‘‘पदमकोट’’ में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। इस महिने का 02 एवं विगत एक साल में 11वां नवीन कैम्प पदमकोट में खोला गया।
ग्राम पदमकोट में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। ग्राम पदमकोट ओरछा ब्लाक, कोहकामेटा तहसील व थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। नवीन कैम्प पदमकोट कैम्प बेडमाकोटी से 05 कि.मी. पश्चिम दिशा तथा थाना कोहकामेटा से 26 कि.मी. दक्षिण दिशा में स्थित है।
कैम्प ओपनिंग के दौरान पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने अन्य अधिकारियों के साथ ग्राम नेलांगूर, पदमकोट व आसपास गांव से आये ग्रामीणों से मुलाकात उनके समस्याओं को सुना गया। ग्रामीणों द्वारा मुख्य रूप से बिजली, नल-जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोड इत्यादि मूलभूत सुविधाओं के साथ पुलिस कैम्प की मांग किया गया जिसे जल्द पूर्ण कराये जाने साथ ही ‘‘नियद नेल्लानार’’ के अंतर्गत ‘‘जन समस्या निवारण शिविर’’ का लगाये जाने का आश्वासन दिया गया। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव तक पहुंचाने की बात भी बताया गया। जिला मुख्यालय नारायणपुर से पदमकोट तक जल्द ही बस सुविधा प्रारंभ की जायेगी।
नारायणपुर माड़ में नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए नवीन पुलिस कैम्पों की स्थापना की जा रही है। क्षेत्र में नक्सल गतिविधि चुनौती से निपटने के लिए शासन के मंशानुसार क्षेत्र में लगातार सघन नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने लिए नये पुलिस कैम्पों की स्थापना, सुरक्षा बलो की तैनाती और स्थानीय संवाद में सुधार शामिल किया गया है।
पदमकोट में नवीन कैम्प स्थापित होने से आसपास क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा। महाराष्ट्र बार्डर अब पदमकोट से ज्यादा दूर नहीं है। अब क्षेत्र में सुरक्षा के निगरानी में सड़क निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जायेगा। माड़ से गुजरने वाली नेशनल हाईवे 130-डी कोण्डागांव-नारायणपुर-कुतुल-बेडमाकोटी-पदमकोट-महाराष्ट्र को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा बलों की लगातार मदद मिलेगी जिससे जल्द ही रोड़ निर्माण कार्य पूर्ण होगी और क्षेत्र में आवागमन बढ़ेगी। सुरक्षा बलों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी पहुंच और निगरानी, स्थानीय लोगों को नक्सल हिंसा से निजाद दिलाने में मदद मिलेगी। यह कदम नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए कारगर रहेगा। नवीन सुरक्षा कैम्पों की स्थापना होने से नक्सल उन्मुलन में तेजी आई है।
सुन्दराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, कमलोचन कश्यप (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज दंतेवाड़ा, राणा युद्धवीर सिंह डीआईजी आईटीबीपी के नेतृत्व एवं निर्देशन में नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं आईटीबीपी 41वीं, 29वीं, 45वीं, 38वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री साय ने बैंक ऑडिट एंड एआई विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला को किया संबोधित
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के निर्माण में बनें अग्रणी भागीदार: मुख्यमंत्री साय
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक आर्थिक सुधारों के कारण भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जीएसटी और कर सुधारों ने टैक्स व्यवस्था को सरल बनाया है और राजस्व संग्रहण को मजबूत किया है।चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भारत की इस विकास यात्रा में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पाने में भी उनकी भागीदारी अहम होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन बैंक ऑडिट एंड एआई' को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने सीए छत्तीसगढ़ के विशेष लोगो का भी विमोचन किया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भविष्य का सबसे बड़ा औजार
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बौद्धिक वर्ग हमेशा नई तकनीकों को अपनाता है और एआई (AI) ऐसी ही एक गेम-चेंजर तकनीक है। उन्होंने माना कि एआई न केवल सीए पेशे को और सशक्त करेगा, बल्कि इस क्षेत्र की गुणवत्ता व गति को भी बढ़ाएगा। उन्होंने एआई से जुड़ी संभावनाओं और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री साय ने आईसीएआई की स्थापना को भारतीय अकाउंटिंग क्षेत्र की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि 1949 में 1600 लोगों के साथ शुरू हुआ यह संस्थान आज चार लाख से अधिक सदस्यों का मजबूत संगठन बन चुका है, जो देशभर में आर्थिक उत्तरदायित्व निभा रहे हैं।
नई औद्योगिक नीति से बढ़ा निवेश, प्रदेश को 4 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीति निवेशकों के लिए आकर्षक है और सभी वर्गों का ध्यान रखती है। अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लिथियम जैसे दुर्लभ खनिज की उपलब्धता और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 15 महीनों में राज्य सरकार ने कई दूरदर्शी फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में तेज़ी से विकास हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन नागरिकों के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हो रहा है।
छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट 2047: विकसित भारत में प्रदेश की महती भूमिका
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट 2047 का ज़िक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। प्रदेश के 3,000 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इसमें भागीदार बनेंगे।
आईसीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने संस्था की स्थापना (1949) से लेकर अब तक की विकास यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्य से जुड़ी चुनौतियों और दायित्वों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश के सभी सीए मिलकर प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के सपनों को साकार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।
इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी सीए अमित चिमनानी, सीए श्री पंकज शाह, सीए श्री अभय छाजेड़, सीए विकास गोलछा सहित आईसीएआई के रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ ब्रांच के सदस्य उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम समाज की जरूरतमंद बहनों को सौगातें भेंट कर सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल “सौगात-ए-मोदी” के तहत मुख्यमंत्री साय ने गरीब महिलाओं को गिफ्ट पैकेट वितरित किए जिसमें लेडीज़ सूट का कपड़ा, सेवइयां, खजूर और मिठाइयां शामिल थीं। मुख्यमंत्री साय ने सभी को ईद की बधाई देते हुए कहा कि ईद का पर्व प्रेम, सद्भाव और एकजुटता का प्रतीक है।
डॉ. सलीम राज ने बताया कि इसके पहले रायपुर में अल्प संख्यक मोर्चे और छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में 500 महिलाओं को गिफ्ट पैकेट वितरित किए गए।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद, एम. इकबाल,संजय श्रीवास्तव, शाहिद खान, रजिया खान, आबिदा खान सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।
वसुधैव कुटुंबकम् के पथ पर अग्रसर छत्तीसगढ़
रायपुर/शौर्यपथ /भारत की सनातन परंपरा में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना रची-बसी है। यही वह सोच है जो भारत को विश्व में अद्वितीय बनाती है – जहाँ विविध आराध्य और परंपराएँ एक ही परिवार की तरह सह-अस्तित्व में रहती हैं।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के गॉस मेमोरियल ग्राउंड में आयोजित त्रिदिवसीय ‘विश्व शांति अखण्ड ब्रह्म यज्ञ’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संतों एवं भक्तों का छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर स्वागत किया और प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि व कल्याण की कामना की।
सनातन परंपरा ने सहा हर आघात, फिर भी रही अटूट
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारतवर्ष संतों, ऋषियों और तपस्वियों की तपोभूमि रहा है। प्राचीन काल से ही सनातन परंपरा पर समय-समय पर अनेक आघात हुए, लेकिन यह परंपरा कभी नहीं टूटी। सत्य सनातन आलेख महिमा धर्म विकास समिति द्वारा आयोजित यह यज्ञ, उसी परंपरा को और भी सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आलेख महिमा के संतों से उनका विशेष आत्मीय संबंध रहा है। उनका आशीर्वाद ही है जिसने उन्हें जनसेवा का सौभाग्य दिलाया। उन्होंने बताया कि जशपुर के इला गाँव, रायगढ़ के सरिया, हिमगिर आदि में संतों के आश्रम स्थापित हैं। रायपुर में भी आश्रम के लिए स्थान उपलब्ध कराने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने संतों को दिया।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना बनी फिर से श्रद्धा की डगर
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ को दोबारा शुरू कर दिया है, जो विगत सरकार के कार्यकाल में पूरी तरह बंद हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि कल ही मैंने 780 श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा पर रवाना किया, जो रामेश्वरम, मदुरई और तिरुपति के दर्शन कर रहे हैं। उन्हें विदा करते समय जो आत्मसंतोष मिला, वह अवर्णनीय था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। यहाँ के जन-जन में श्रवण कुमार जैसे संस्कार आज भी जीवित हैं। तीर्थ यात्रा करवाना केवल एक योजना नहीं, बल्कि हमारे मूल्यों और परंपराओं का सम्मान है।
श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना से हजारों श्रद्धालु लाभान्वित
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना’ के तहत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु भगवान श्रीराम और काशी विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने राजिम कुंभ के आयोजन की भी चर्चा की, जो प्रदेश की अध्यात्मिक पहचान बन चुका है।
कार्यक्रम को संत किशोर चंद्र बाबा, संत वासुदेव बाबा, संतउदयनाथ बाबा एवं विधायकगण पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू और संपत अग्रवाल ने भी संबोधित किया और आयोजन की सराहना की।
रायपुर/शौर्यपथ /गरियाबंद जिले की 21 वर्षीय फामेश्वरी यादव ने भारतीय सेना में अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस के रूप में चयनित होकर छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह राज्य के लिए गर्व और बेटियों के आत्मबल का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फामेश्वरी को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह केवल एक चयन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटियों की हिम्मत और देशभक्ति का प्रमाण है। फामेश्वरी ने यह दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सफलता राज्य की अन्य युवतियों को भी प्रेरणा देगी, और उन्हें सेना व अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने का हौसला देगी। राज्य सरकार बेटियों के सशक्तिकरण और राष्ट्र सेवा के हर कदम में उनके साथ है।
मुख्यमंत्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह सफलता छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी और राज्य की बेटियाँ हर क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेंगी।
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च, 2025 को घोषित परिणाम में चयन के बाद फामेश्वरी 01 मई, 2025 से बेंगलुरु स्थित सेना मिलिट्री पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगी। उन्हें सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर द्वारा सम्मानित भी किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय उर्वरक मंत्री जगत प्रसाद नड्डा के प्रति जताया आभार
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर खरीफ सीजन, 2025 अप्रैल माह से सितंबर माह के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। यह रबी सीजन 2024-25 के लिए बजटीय आवश्यकता से लगभग 13,000 करोड़ रुपये अधिक है। इस निर्णय से किसानों को सब्सिडी युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की कृषक हितैषी सोच का परिणाम बताते हुए कहा कि यह निर्णय देश को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाने वाला कदम है। इस निर्णय से छत्तीसगढ़ सहित देश के लाखों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा जी के प्रति छत्तीसगढ़ की जनता और किसानों की ओर से हृदय से आभार प्रकट किया है।