May 25, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

अमृत स्टेशनों में दिखेगी विकसित भारत की झलक: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
6 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित किया गया अम्बिकापुर में अमृत स्टेशन
छत्तीसगढ़ को मिली 5 अमृत स्टेशनों की सौगात
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत आज देशभर के 103 स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन किया। इनमें छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर सहित 5 रेल्वे स्टेशन शामिल हैं। इन रेल्वे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया गया है। यह भारतीय रेलवे के विकास की नई संस्कृति है, जिसमें चुनिंदा रेल्वे स्टेशनों को पुनर्विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय इस वर्चुअल कार्यक्रम में अम्बिकापुर रेल्वे स्टेशन से जुड़े।
गौरतलब है कि भारतीय रेल और देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम रहा है कि इन विकास कार्यों से स्थानीय यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और क्षेत्र में पर्यटन एवं आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। भारतीय रेलवे द्वारा 1337 स्टेशनों के कायाकल्प की शुरुआत की है, इनमें 103 स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य पूर्ण हो चुका है। उनमें छत्तीसगढ़ राज्य के पांच स्टेशन बिलासपुर मंडल का अम्बिकापुर, रायपुर मंडल का उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर तथा नागपुर मंडल का डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन शामिल हैं।  
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि सम्माननीय लरंग साय जी के प्रयासों के कारण ही अम्बिकापुर में रेलवे स्टेशन की स्थापना हुई है। देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी 140 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार मानते हुए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाना है। अमृत काल के तहत रेलवे स्टेशन का लगातार विकास किया जा रहा है। आज प्रदेश के जिन पांच स्थानों का लोकार्पण हुआ है, वह विकसित हो रहे भारत की झलक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जशपुर जिले को भी रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्तमंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, सांसद श्री चिंतामणि महाराज, विधायक श्री राजेश अग्रवाल, श्रीमती शकुंतला पोर्ते, श्रीमती उद्देश्वरी पैकरा, श्री राम कुमार टोप्पो, श्री प्रबोध मिंज, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्व विजय सिंह तोमर, महापौर श्री मंजूषा भगत मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में सरगुजा अंचल के नागरिक शामिल हुए।
अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन
छत्तीसगढ़ की आदिवासी सांस्कृतिक विरासत का केंद्र रहा अम्बिकापुर का रेलवे स्टेशन देश की जीवनरेखा भारतीय रेल का एक अभिन्न अंग है। इस रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। यात्रियों को पूरी तरह से सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से इस नए स्टेशन भवन में कई नए प्रावधान भी किए गए हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन में 6 करोड़ 29 लाख रुपए की लागत से उन्नयन तथा आधुनिकीकरण के कार्य किए गये हैं, जिसमें सर्कुलेटिंग क्षेत्र को बेहतर बनाते हुए रोड का चौड़ीकरण, यात्रियों के स्वागत के लिए सुसज्जित प्रवेशद्वार, 3900 वर्गमीटर सड़क, 3677 वर्गमीटर पर  दोपहिया, तिपहिया एवं चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।
 अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन में उन्नत व आधुनिक सुविधाओं से युक्त द्वितीय श्रेणी, उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय एवं वीआईपी कक्ष, 6 नए आधुनिक छायादार प्लेटफार्म शेड, महिलाओं, पुरुषों और दिव्यांगजनों हेतु आधुनिक शौचालय, वॉटर फाउंटेन, ट्रेन/कोच डिस्प्ले बोर्ड, सीसीटीवी कैमरे, रैम्प एवं टैक्टाइल टाइल्स, 300 मीटर स्टेनलेस स्टील रेलिंग, 58 स्ट्रीट लाइट्स, बेहतर प्रकाश व्यवस्था हेतु हाई मास्ट लाइट, नवीनतम पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम का लाभ यहाँ के यात्रियों को मिलेगा।
रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर एक बड़ा तिरंगा झंडा लगाया गया है साथ ही स्टेशन में यात्रियों के लिए सरगुजा की प्रसिद्ध सीताबेंगरा गुफा की तर्ज पर सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है। अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन पर भव्य प्रवेश द्वार, आकर्षक फसाड, हाई मास्ट लाइटिंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, मॉर्डन टॉयलेट और दिव्यांगजन के लिए सुगम रैंप जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। प्लेटफॉर्म पर शेल्टर, कोच इंडिकेशन सिस्टम और सूचना के लिए डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं। सभी सुविधाओं को दिव्यांगजन अनुकूल बनाया गया है। वहीं, हर स्टेशन पर स्थानीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं की झलक भी देखने को मिलेगी।

दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम।विगत कुछ दिनों से अचानक हो रही बारिश व आंधी तूफान के कारण फिल्टर प्लांट व शिवनाथ नदी इंटकवेल के आसपास बिजली सप्लाई बंद होने के कारण पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही हैं वही आज 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट में 110 एचपी का एक मोटर पंप खराब होने से फिर पानी सप्लाई आपूर्ति सामान्य नहीं हो पा रहा है हालांकि विभागीय कर्मचारियों द्वारा मोटर में आई खराबी को ठीक करने तत्परता से लगे  हुए फिर भी सुचारू रूप से पानी सप्लाई सामान्य होने में एक दो दिन का समय लगेगा इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने खेद व्यक्त किया है और प्रभावित क्षेत्र में टैंकरो के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है।
विगत दो तीन दिनों में आकस्मात आने वाले आंधी तूफान व और पेड़ गिरने के कारण लाइट बंद हो जा रहे हैं इस कारण रायपुर नाका स्थित 24 व 42 एमएलडी फिल्टर प्लांट से जल शुद्धिकरण कार्य व टंकिया भरने का कार्य सुचारू रूप से नही हो पा रहा है वही आज 24 एमएलडी प्लांट में अचानक हुई मोटर खराबी से फिर पानी सप्लाई प्रभावित होगी हालांकि विभागीय कर्मचारियों द्वारा तत्परता से रिपेयर कार्य शुरू किया गया है किंतु फिर भी पर्याप्त प्रेशर से टंकिया नही भर पाई है इस वजह से शनिचरी बाजार,शक्ति नगर,हनुमान नगर,शंकर नगर,पदमनाभपुर ट्रांसपोर्ट नगर, शिक्षक नगर, स्थित टंकिया समय पर व पर्याप्त मात्रा में नही भर पाएंगी और शाम की पाली में प्रेशर से नल नही चल पाएगा पानी सप्लाई की सामान्य स्थिति कल शुक्रवार 23 मई तक ही हो पाएगा प्रभावित क्षेत्रों के लिए निगम प्रशासन ने टैंकरों की व्यवस्था की है।

 नारायणपुर/शौर्यपथ /
? जवानों की अविश्मरणीय बलिदान को याद कर पुलिस के अधि./जवानों व परिजनों समेत जनप्रतिनिधि/पत्रकारगण/गणमान्य नागरिक की ऑखे हुई नम।
? शहीद जवानों के द्वारा बस्तर को नक्सल मुक्त करने के लिये वीरता पूर्वक कर्तव्य परायणता का परीचय देेते हुये अपने प्राणों का उत्सर्ग किया गया  
? शहीद जवानों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। जवान की शहादत हमेशा सम्मान एवं आदर के साथ याद रखा जायेगा ।
? शहीद जवानों की बहादुरी एवं वीरता बस्तर पुलिस के लिये पीढ़ियों तक बनी रहेगी प्रेरणा का श्रोत।
? शहीद जवानों के बलिदान की इस घड़ी में शहीद परिवार के साथ पुरा पुलिस परिवार खड़ा है। पुलिस परिवार वीर जवान के बलिदान को सलाम करता है और उनके परिवार के साथ सहानुभूति रखता है।
? श्रद्धांजलि में जिले के जनप्रतिनिधि, पत्रकार, गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी/कर्मचारीगण हुए शामिल
? शहीद जवानों की शहादत को सत-सत् नमन है
? जवानों की शहादत नक्सल प्रभावित बस्तर में शांति और सौहार्द्र स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा, जो समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने में मद्द करेगा।
? शहीदों के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद नम आखों से ससम्मान अंतिम बिदाई दी गई।
⚫️ दिनांक 22.05.2025 को रक्षित केन्द्र नारायणपुर के शहीद स्मारक में अमर शहीद श्री खोटलू राम एवं श्री रमेश हेमला को उनके बहादूरी, अदम्य साहस, वीरता देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद की वीरता/पराक्रम को याद करके अश्रुपूरित पुष्पांजलि/श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
⚫️ अमर शहीदों जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। उनकी बहादुरी और बलिदान अविस्मरणीय रहेगी। शहीद जवान के परिजनों, जनप्रतिनिधि, पत्रकारगण, व्यापारीगण, गणमान्य नागरिक एवं अधि./कर्मचारीगण के द्वारा पुष्पांजलि/श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित होकर गणमान्य नागरिकों के द्वारा शहीद वीर जवान के परिवार एवं देश को हुये इस अपुर्णीय क्षति पर गहरी संवेदना व्यक्त की गई।
⚫️ अमर शहीद श्री खोटलू राम का संक्षिप्त जीवन परिचयः- वीर शहीद श्री खोटलू राम का जन्म दिनांक 01.01.1987 को घोर नक्सल प्रभावित ग्राम भटबेड़ा पंचायत गुदाड़ी थाना ओरछा जिला नारायणपुर में हुआ था। शहीद श्री खोटलू राम नक्सल छद्म एवं क्रुर विचारधारा से तंग आकर एवं शासन के आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दिनांक 08.09.2023 से पुलिस विभाग में कार्यरत थे।
⚫️ अमर शहीद श्री रमेश हेमला का संक्षिप्त जीवन परिचयः- वीर शहीद श्री रमेश हेमला का जन्म दिनांक 10.10.1982 को नक्सल प्रभावित ग्राम फूलादी थाना मिरतुर जिला बीजापुर में हुआ था। शहीद श्री रमेश हेमला नक्सल छद्म एवं क्रुर विचारधारा से तंग आकर एवं शासन के आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दिनांक 01.12.2024 से पुलिस विभाग में कार्यरत थे।
⚫️ पुलिस विभाग में भर्ती होकर लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे थे, उन्होंने दर्जनों नक्सल विरोधी अभियान को सफल करने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। शहीद श्री खोटलू राम कोर्राम एवं शहीद श्री रमेश हेमला ने दिनांक 21.05.2025 को जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम जाटलूर-कुड़मेल के जंगल पहाड़ी में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपना सर्वस्व बलिदान देते हुये वीरगति को प्राप्त किया।
⚫️ शहीद परिवारजनों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए- अमर शहीद जवान की पुण्य आत्मा को भगवान शांति प्रदान करें वें जिस भी लोक में हों वहॉ सुरक्षित रहे। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत् आत्मा शीघ्र/जल्द ही देश की एकता, अखण्डता व सुरक्षा में अपनी भुमिका निभाने पुनः भारत भूमि में जन्म लें।
⚫️  अमर शहीद श्री खोटूल राम कोर्राम एवं रमेश हेमला की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगा। शहीद जवान का बलिदान देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए अतुलनीय है। हम शहीद परिवार के प्रति हद्य से संवेदना व्यक्त करते है, जिन्हांेने अपने प्रियजन को खोया है। शहीद जवान को सत्-सत् नमन है, उनकी बहादूरी और बलिदान सदैव याद रखा जायेगा। जवान के शहादत ने आमजनों में देश प्रेम की भावना का संचार किया है। शहीदों के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद नम आखों से ससम्मान अंतिम बिदाई दी गई।

सरकार में बैठे लोग कोल परिवहन पर 100 रू. टन लेबी ले रहे
खनन माफिया हत्या करने में भी पीछे नहीं हट रहा

रायपुर/शौर्यपथ /
  भाजपा की सरकार को रेत और खनन माफिया चला रहे है। कोयले के ट्रांसपोर्टिंग पर साय सरकार में 100 रू. टन की वसूली कर परिवहन का पास जारी किया जाता है। रेत का पूरा कारोबार भाजपा के विधायक नेता संभाले हुए है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपाई सत्ताधीशो के संरक्षण में पूरे प्रदेश में रेत माफिया आतंक का खूनी खेल खेल रहा है। भाजपा के मंत्री, विधायक, नेता, रेत के अवैध कारोबार के भागीदार बने हुये है। अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सत्तारूढ़ दल के नेता रेत माफिया की दादागिरी को प्रश्रय देते है। रेत घाटो के क्षेत्र के ग्रामीण और पंचायत कर्मचारी खनिज कर्मचारी बेबश और लाचार बन गये है। बलरामपुर जिले में रेत माफिया द्वारा पुलिस कांस्टेबल के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा कर हत्या किये जाने की घटना प्रदेश में विष्णु के सुशासन की वास्तविक हकीकत है।
  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध माइनिंग का कारोबार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहा है। खनन माफिया भारतीय जनता पार्टी के सरकार में इतने बेफिक्र हो गए हैं की खुलेआम माइनिंग अधिकारियों कर्मचारियों की पिटाई कर रहे हैं। बलरामपुर की घटना पहली नही है, इसके पहले भी गरियाबंद में खनिज इंस्पेक्टर सहित अनेकों कर्मचारियों की पिटाई रेत माफिया ने किया था। रायपुर जिले के आरंग के पास समोदा के हरदीडीह रेत घाट में खनिज विभाग के 16 अधिकारी, कर्मचारियों को अवैध खनन माफिया के लोगों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। उसके बाद खनिज विभाग के कर्मचारियों के द्वारा सील की गई मशीन खुलवाई गई और कार्यवाही का पत्रक भी फाड़ दिया। कार्यवाही के नाम पर प्रशासन लीपा-पोती किया गया था। ना मशीनें जप्त की गई और न ही गाड़ियां। इससे बेहद स्पष्ट है कि अवैध खनन माफियाओं को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। सरकार की इस ढिलाई का नतीजा है। पूरे प्रदेश में रेत माफिया, खनन माफिया बेलगाम हो चुका है। रायगढ़ में कोयले के कारोबार में घंटो गोली बारी हुई थी। प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री के नजदीकी इसमें शामिल थे।
  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने ठोस पॉलिसी बनाई थी, खनिज विकास निगम की निगरानी में प्रदेश के सभी 450 रेत खदानों में पारदर्शिता पूर्ण व्यवस्था बनाई थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय रेत खदानों में लोडिंग चार्ज अधिकतम 450 रूपए था, जो अब भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के चलते हैं 2000, 3000 और 5000 तक वसूले जा रहे हैं, जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है या अघोषित रूप से संरक्षण है?

भू-जल संवर्धन मिशन के शुभारंभ पर आयोजित कार्यशाला में उप मुख्यमंत्री ने दिया प्रस्तुतिकरण, कहा यह केवल मिशन नहीं जल के प्रति दृष्टिकोण बदलने का संकल्प
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जिसने शहरी जल के पुनर्भरण का जिम्मा लिया है –राजेन्द्र सिंह
वाटरमैन के नाम से मशहूर श्री सिंह ने कार्यशाला में वर्षा जल के संरक्षण के विभिन्न पहलुओं की दी जानकारी
 हाइड्रोलॉजिस्ट्स, कॉलोनाइजर्स, उद्योग समूह और राज्य शासन के विभिन्न विभागों ने भू-जल और वर्षा जल के प्रभावी संरक्षण पर किया संवाद

     रायपुर / शौर्यपथ /  उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) के शुभारंभ पर आयोजित कार्यशाला में ‘जल संरक्षण की प्राचीन परंपरा और वर्तमान में इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत’ पर पीपीटी के माध्यम से अपनी बातें रखीं। उन्होंने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कार्यशाला में मौजूद विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, अभियंताओं, स्वयंसेवी और गैर-सरकारी संगठनों से कहा कि इस गर्मी में सभी लोगों ने महसूस किया होगा कि जल संरक्षण क्यों जरूरी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भी गंभीरता से इसे महसूस कर वर्षा जल और भू-जल संवर्धन का अभियान मिशन मोड पर शुरू कर रही है। इसमें सभी शहरवासियों की सहभागिता जरूरी है। कार्यशाला में हाइड्रोलॉजिस्ट्स, कॉलोनाइजर्स, उद्योग समूह और राज्य शासन के विभिन्न विभागों ने भू-जल और वर्षा जल के प्रभावी संवर्धन पर चार घंटे तक संवाद किया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और भारत के वाटरमैन के नाम से प्रसिद्ध राजेन्द्र सिंह ने ओपन सेशन (Open Session) में प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिए।  
  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने प्रस्तुतिकरण में कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए जल को सहेजकर रखना हमारा सामाजिक दायित्व है। हमारे पूर्वजों ने भावी पीढ़ियों के लिए तालाब, कुएं और बावली बनाकर जल संरक्षित किया था। बाद की पीढ़ियों ने इनके संरक्षण-संवर्धन पर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन, आज बड़ी संख्या में ये पट गए हैं या अतिक्रमण का शिकार हो गए हैं। जलस्रोतों के प्रति हमारी उदासीनता ने आज हमें जल संकट की ओर धकेल दिया है। श्री साव ने प्राचीन भारतीय ग्रंथों में उल्लेखित जल के महत्व को रेखांकित करते हुए इसके संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल न सिर्फ प्यास बुझाता है, अपितु यह संस्कृति, आस्था और जीवन का संगम है। जल संरक्षण जरूरत नहीं, हमारा सामाजिक दायित्व है।
  उप मुख्यमंत्री साव ने कार्यशाला में प्रतिभागियों को भू-जल और वर्षा जल के संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हमने नए तालाब और नए कुएं खोदने बंद कर दिए हैं। जल की हमारी सभी जरूरतों के लिए हम सरकार पर आश्रित हो गए हैं। हमने पूर्वजों के दिए स्रोतों को भी संरक्षित नहीं किया। इसने एक बड़ी विसंगति को जन्म दिया है। एक ओर गर्मी में बूंद-बूंद के लिए संघर्ष करते हैं तो दूसरी ओर बरसात में बाढ़ झेलते हैं। श्री साव ने कार्यशाला में शहरों में जल संकट की प्रमुख चुनौतियों को सामने रखते हुए भू-जल और वर्षा जल के संरक्षण के विभिन्न तरीकों को प्रभावी रूप से अमल में लाने पर जोर दिया।
 भारत के वाटरमैन के नाम से मशहूर राजेन्द्र सिंह ने कार्यशाला में कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने शहरी जल के पुनर्भरण का जिम्मा लिया है। इसके लिए मैं उप मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री अरुण साव को बधाई देता हूं। समाज को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए राज्य के साथ मिलकर जल संरक्षण करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम पानी का अनुशासित उपयोग करेंगे तो पेयजल, निस्तारी, सिंचाई, खेती और उद्योग सभी के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। हम जलस्रोतों के रिचार्ज की तुलना में डिस्चार्ज ज्यादा कर रहे हैं। इससे स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने भारतीय ग्रंथों में जल के महत्व और इसके संयमित उपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान, तकनीक, अभियांत्रिकी, संस्कृति और संस्कार धरती की पोषक हैं, शोषक नहीं। हमें धरती के पर्याप्त पोषण पर भी गंभीरता से ध्यान देना होगा।
    राजेन्द्र सिंह ने खेती के चक्र को वर्षा के चक्र के साथ जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शहरों के चारों ओर की खेती को शहरों में पानी की जरूरत के अनुकूल करना होगा। शिक्षा के पाठ्यक्रम में पानी की पढ़ाई शामिल करना चाहिए। विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए जल साक्षरता का अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धरती के पोषण और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जल, जंगल और जमीन के रिश्ते को समझना जरूरी है। भावी पीढ़ी को जल, जंगल और जमीन के रक्षण, संरक्षण और पोषण का महत्व समझाना होगा। श्री सिंह ने कार्यशाला में सर्वसम्मति से गंदे पानी को साफ पानी के साथ नहीं मिलने देने का संकल्प पारित करने का सुझाव दिया। उन्होंने सभी शहरों में वाटर-बॉडीज (Water-bodies) की पहचान और सीमांकन कर उन्हें अधिसूचित करने का भी सुझाव दिया, जिससे इन पर अतिक्रमण को रोकने स्थानीय शासन द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा सके।
  भू-वैज्ञानिक डॉ. विपिन दुबे ने कार्यशाला में रायपुर शहरी क्षेत्र के भूगर्भीय जलस्रोतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम बारिश के पानी को व्यर्थ बहने देते हैं, जबकि इसका उपयोग जलस्तर को रिचार्ज करने में किया जाना चाहिए। उन्होंने उपयोग किए हुए पानी के रिसायकल और रियूज पर भी जोर दिया। भू-वैज्ञानिक डॉ. के. पाणिग्रही ने कार्यशाला में कहा कि यदि हम 30 प्रतिशत वर्षा जल को भी हार्वेस्ट कर लें तो रायपुर में पानी की दिक्कत नहीं होगी।
  कार्यशाला में गुजरात के सूरत म्युनिसिपल कार्पोरेशन के पर्यावरण अभियंता शरद काक्लोतर और सहायक अभियंता श्री भरत चौधरी ने वहां भू-जल और वर्षा जल के संवर्धन के लिए किए जा रहे नवाचारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भू-जल को रिचार्ज करने के विभिन्न तरीकों को अमल में लाने के साथ ही वहां जल संरक्षण के लिए उद्यान विकास, सरोवर पुनरोत्थान (Lake Rejuvenation), प्रभावी सीवेज प्रबंधन और उपयोग किए हुए जल के उपचार के बाद दोबारा उपयोग में लाने जैसे काम प्राथमिकता से किए जा रहे हैं।
  छत्तीसगढ़ क्रेडाई (CREDAI) के अध्यक्ष मृणाल गोलछा, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के जयशंकर गिरी, वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पाण्डेय, जल संसाधन विभाग के उप अभियंता जयंत कुमार बिसेन, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री विशाल द्विवेदी तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता ए.के. मालवे और कार्यपालन अभियंता सुश्री आशालता गुप्ता ने अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में जल संरक्षण-संवर्धन के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
  नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक आर. एक्का और राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय सहित सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति और आयुक्त, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकायों के अभियंता, जल विशेषज्ञ, समाजसेवी, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि, नगरीय प्रशासन विभाग और सुडा के अधिकारी बड़ी संख्या में कार्यशाला में शामिल हुए।

ग्रामीणों से किया संवाद, सुनी समस्याएं, समाधान के दिए निर्देश
सुशासन तिहार: हरगवां ग्राम पंचायत में शत्-प्रतिशत आवेदनों का हुआ निराकरण

     रायपुर / शौर्यपथ /   तेज हवाओं के बीच आज एक हेलिकाप्टर अचानक बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की जनपद पंचायत शंकरगढ़ की ग्राम पंचायत हरगवां के ढोढरीकला, कोरवाटोली नवापारा में उतरा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अपने बीच पाकर ग्रामवासियों के बीच खुशी की लहर दौड़ उठी। भीड़ ने आत्मीयता पूर्वक मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आरती और चौपाई से गांव की महिलाओं ने उनका स्वागत किया। महुआ पेड़ के नीचे मुख्यमंत्री ने खटिया में बैठकर ग्रामीणों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को डेढ़ साल पूरा हुआ है, आपसे किये गये वादों को पूरा किया गया है चाहे वो धान खरीदी हो या आवास का। सभी कार्य तेजी से होंगे और छत्तीसगढ़ विकास के पथ पर सतत आगे बढ़ता जायेगा।
  मुख्यमंत्री ने चौपाल मे उपस्थित ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और एक-एक कर उनकी समस्या के बारे में पूछा। जब कुछ लोगों ने पानी व सड़क की समस्या का जिक्र किया तो उन्होंने कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा को इनके समाधान के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों को चिन्हित कर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू करायें। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र शासन व राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को दिलाने के लिए कार्ययोजना बनाने और शिविर लगाकर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। तेज हवा व आंधी तूफान के बीच जब मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से मुस्कुराते हुए पूछा कि जाई कि रही, तो ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा रुकिए आपका आगमन हमारा सम्मान है। उनकी बात सुन मुख्यमंत्री धीमी मुस्कान लिए रूके और ग्रामीणों को भरपूर समय दिया।
ग्राम पंचायत हरगवां में आवेदनों का हुआ शत प्रतिशत निराकरण
  सुशासन तिहार के दौरान हरगवां ग्राम पंचायत में शतप्रतिशत आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की सक्रियता और जवाबदेही ही सुशासन की पहचान है। मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर ग्रामीणों से कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य अंतिम व्यक्ति तक शासन व प्रशासन की पहुंच सुनिश्चित करना है। समाधान शिविरों के माध्यम से हम जनता की समस्याओं को मौके पर ही सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। सुशासन तिहार के दौरान हरगवां ग्राम पंचायत में कुल 111 मांग के आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से पूरे आवेदनों का त्वरित समाधान कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं-
  शिविर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हरगवा ग्राम पंचायत में 10 लाख की लागत से सीसी रोड़, सामुदायिक भवन, झीकी नाला में पुलिया निर्माण, हैंडपंप व बोरवेल की घोषणा की। इस दौरान सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हीरामुनी निकुंज, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, ग्रामीणनजन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन ,प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल, वनमण्डलाधिकारी आलोक कुमार बाजपेई, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर मौजूद थी।

दुर्ग / शौर्यपथ / गत मंगलवार को सूचना प्राप्त हुई कि बस स्टेण्ड यात्री प्रतिक्षालय के पास दुर्ग में खड़ी बस क्रमांक OD/08/9792 की डिक्की में 02 नग ब्राउन एवं बैगनी कलर की ट्रालीनुमा सुटकेश में अवैध रूप से गांजा रखा हुआ है।
  उक्त सूचना पर तत्काल पुलिस टीम बस स्टेण्ड दुर्ग यात्री प्रतिक्षालय के पास पहुंचकर बस क्रमांक OD/08/9792 की डिग्गी की तलाशी लेने पर लावारिश हालत में रखा हुआ 02 नग ब्राउन एवं बैगनी कलर की ट्रालीनुमा सुटकेश में ब्राउन कलर के टैप से रैप किया हुआ 12 पैकेट गांजा जिसका वजन 21 कि.ग्रा.कीमती करीबन 2,10,000/- रू. को विधिवत जप्त किया गया । मामले में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना पदमनाभपुर में अपराध क्रमांक 153/2025 धारा 20 (ख) एनडीपीएस एक्ट कायम कर विवेचना में लिया जाकर अज्ञात आरोपी की पता तलाश की जा रही है.

  रायपुर / शौर्यपथ / 

    छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर और ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के न रहे।
वास्तविक स्थिति
  राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं और 13,149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। हालांकि 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षक विहीन हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। 362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है।
  इसी तरह शहरी क्षेत्र में 527 स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 10 या उससे कम है। 1,106 स्कूलों में यह अनुपात 11 से 20 के बीच है। 837 स्कूलों में यह अनुपात 21 से 30 के बीच है। लेकिन 245 स्कूलों में यह अनुपात 40 या उससे भी ज्यादा है, यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं।

युक्तियुक्तकरण के क्या होंगे फायदे
  जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी। स्कूल संचालन का खर्च भी कम होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) भी घटेगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।  
  शिक्षा विभाग ने कतिपय शैक्षिक संगठनों द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर उठाए गए भ्रामक सवालों के संबंध में स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण का मकसद किसी स्कूल को बंद करना नहीं है बल्कि उसे बेहतर बनाना है। यह निर्णय बच्चों के हित में, और शिक्षकों की बेहतर तैनाती के लिए लिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी। युक्तियुक्तकरण से न सिर्फ शिक्षकों का समुचित उपयोग होगा, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।

नई दिल्ली / एजेंसी / बानू मुश्ताक के लघु कथा संग्रह ‘हार्ट लैंप’ ने लंदन में अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। सुश्री बानू प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय कन्‍नड लेखिका बन गई हैं। उनकी पुरस्कार विजेता कृति हार्ट लैंप दीपा भास्थी द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित बारह लघु कथाओं का संग्रह है। मूल रूप से कन्नड़ में हृदय दीपा शीर्षक वाली यह पुस्तक 1990 से 2023 तक मुश्ताक के साहित्यिक कार्यों को दर्शाती है। इस पुस्‍तक को कर्नाटक में पारिवारिक और सामाजिक संघर्ष के सम्मोहक चित्रण के लिए मान्यता दी गई थी। कल रात लंदन में आयोजित एक समारोह में मुश्ताक और भास्थी ने पुरस्कार प्राप्त किया।

नारायणपुर / शौर्यपथ / प्रदेश के नारायणपुर जिले के अबूझमाड इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए हैं। मुठभेड में नक्सलियों के एक कुख्‍यात सरगना के भी मारे जाने की खबर है। सुरक्षाकर्मियों ने घटनास्थल से मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं।

    गोलीबारी में एक सुरक्षाकर्मी शहीद हो गया। सुरक्षा बलों को अबूझमाड़ इलाके में बड़ी संख्या में कुख्‍यात माओवादियों और नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिलों की जिला रिजर्व गार्ड की टीम ने दो दिन पहले संयुक्त अभियान शुरू किया था।
    आज सुबह से ही नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है। घटना स्‍थल से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए हैं।

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