February 09, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. यह व्रत महीने में दो बार पड़ता है. मान्यता है…
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /बसंत पंचमी देवी सरस्वती की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी…

राजनांदगांव/ शौर्यपथ/ शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्व. श्री अटल बिहारी वाजपाई स्मृति महाविद्यालय एवं हॉस्पिटल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश खूंटे ने देश के सबसे बड़े मेडिकल क्षेत्र के मेडिसिन कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ का प्रतिष्ठा बढ़ाया।

इस वर्ष भारतीय चिकित्सकों के संघ के 80वें वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने गंभीर मलेरिया बीमारी के डायग्नोसिस और इलाज के नए तरीके पर अपना महत्वपूर्ण लेक्चर दिया।

यह सम्मेलन 23 से 26 जनवरी 2025 तक कोलकाता के विश्व बांग्ला मेला प्रांगण में आयोजित हुआ, जहां देशभर के और विदेशों से भी चिकित्सक, शोधकर्ता और स्वास्थ्य पेशेवर उपस्थित हुए। डॉ. खूंटे छत्तीसगढ़ के चुनिंदा 10 से 12 चिकित्सकों में से एक थे, जिन्होंने इस बड़े मंच पर अपने विचार साझा किए।मलेरिया, खासकर छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, और इस क्षेत्र में मलेरिया के मामले उड़ीसा के बाद सबसे अधिक पाए जाते हैं।

डॉ. खूंटे ने मलेरिया के सबसे खतरनाक रूप, फ़ाल्सीपेरम मलेरिया, और इसके इलाज में किए गए नए शोधों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने मलेरिया के लिए उपलब्ध टीका RTS,S की सीमाओं के बारे में भी जानकारी दी, जो केवल मध्यम रूप से प्रभावी है।

इस सम्मेलन में भारत और दुनियाभर से स्वास्थ्य सेवा में प्रगति और उभरते संक्रमणों पर भी चर्चा की गई, और डॉ. खूंटे ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से छत्तीसगढ़ और राजनांदगांव का नाम रोशन किया। डॉ खूंटे स्टेट लेवल में भी मेडिकल कॉन्फ्रेंस में अपना व्याख्यान देते रहते है ।

नई दिल्ली / एजेंसी / केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बजट में प्रधानमंत्री धनधान्‍य कृषि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्‍यम से अधिक ऋण, दलहन में आत्‍मनिर्भरता मिशन,‍ बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान सहित किसानों को कई सौगात दी है.
 कृषि क्षेत्र को लेकर बड़ी बजट घोषणाएं:

  1.  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री धन-धान्‍य कृषि योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस कार्यक्रम में कम उत्पादकता, कम फसलों की बुआई और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा. इसके तहत कृषि उत्‍पादकता को बढ़ाने, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलों का भंडारण बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार के साथ ही दीर्घ और लघु अवधि के ऋणों को सुविधाजनक रूप से उपलब्‍ध कराने जैसे उद्देश्‍य शामिल हैं. इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

 2.   किसान क्रेडिट कार्डों के जरिये देश के 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋणों की सुविधा मिलती है. इस बजट में संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रावधान है.

  3.  इसके साथ ही केंद्र सरकार अब राज्‍य सरकार की भागीदारी से सब्जियों और फलों के लिए व्‍यापक कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. साथ ही इसमें  किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भी भागीदारी होगी, जिससे इस कार्यक्रम का प्रभावी कार्यान्‍वयन किया जा सके.

 4.   इस बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने बिहार को कई सौगात दी हैं. इसके तहत मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे इस इलाके की 50 हजार हेक्‍टेयर से अधिक जमीन पर खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा. इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपनी बड़ी बजट घोषणाओं में बिहार में मखानों के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए मखाना बोर्ड स्थापित करने का ऐलान किया.

  5.बजट में राज्‍यों के सहयोग से ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण' कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया गया है. इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना है, जिससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था और मजबूत हो.  इस कार्यक्रम के जरिये  ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, उपेक्षित और छोटे किसानों के साथ ही भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

  6.साथ ही अब केंद्र तूअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्‍यान देगा और इसके लिए 6 वर्षीय “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगा. इसके लिए किसानों को केंद्रीय एजेंसियों नेफेड और एनसीसीएफ में पंजीकरण कराना होगा और अगले 4 सालों के दौरान यह एजेंसियां इन 3 दलहनों की उतनी खरीद करेगी, जितनी यह किसान उनके पास लेकर जाएंगे.

  7.बजट घोषणाओं में राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन चलाया जाएगा. इसका उद्देश्‍य बीजों के रिसर्च को बढ़ाने के साथ ही उच्च पैदावार के लिए कीट प्रतिरोधी और जलवायु के अनुकूल बीजों का विकास और प्रसार करना शामिल है. साथ ही इसमें जुलाई 2024 से जारी बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना भी शामिल है.

  8.इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हमारी सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन एक बार फिर शुरू किया है. यूरिया की आपूर्ति और इसके उत्‍पादन को बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की सालाना उत्पादन क्षमता वाले एक संयंत्र को भी स्‍थापित किया जाएगा.

 9.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कपास उत्पादकता मिशन की घोषणा की. साथ ही कहा कि पांच साल के इस मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता और इसके बेहतर उपयोग और कपास की उन्‍नत किस्मों को बढ़ावा मिलेगा. इसके लिए उन्‍होंने किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बेहतर सहायता देने का भी ऐलान किया.

 10.वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि हमारा देश मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. समुद्री खाद्य निर्यात का मूल्य 60 हजार करोड़ है. उन्‍होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में अपार संभावनाओं के मद्देनजर सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देगी. साथ ही भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क तैयार करेगी.

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों के साहस को सराहा
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। थाना गंगालूर क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक 08 नक्सलियों के शव सहित इंसास राइफल, वीएलजी लॉन्चर सहित कई हथियार बरामद किए गए हैं। सुरक्षाबलों को आशंका है कि इस मुठभेड़ में कई और नक्सली मारे गए या घायल हुए होंगे। फिलहाल, क्षेत्र में सघन सर्चिंग अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस सफलता पर सुरक्षाबलों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल उन्मूलन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। यह सुरक्षाबल के जवानों की बड़ी सफलता है, उनके साहस को सलाम करता हूं। जवान मजबूती के साथ नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से नक्सलवाद का अंत करेंगे। हम इस संकल्प को पूरा करने में सफल हो रहे हैं, नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य बस्तर को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाना और आदिवासी समुदाय के विकास को तेज़ करना है। मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों से हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने और सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 जनवरी 2025 को डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 एवं केरिपु 222 वाहिनी की संयुक्त टीम को पश्चिम बस्तर डिवीजन में माओवादियों की उपस्थिति की जानकारी मिली थी। इसी आधार पर सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली। इस दौरान 01 फरवरी की सुबह साढ़े आठ बजे से रुक-रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने 08 नक्सलियों को मार गिराया और उनके ठिकानों से विस्फोटक सामग्री एवं आधुनिक हथियार बरामद किए।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित ईलाकों में नए सुरक्षा कैम्पों की स्थापना कर वहां के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही नियद नेल्ला नार योजना के तहत गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास और लोगों को शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ पहुंचा रही है। नियद नेल्ला नार योजना में शामिल गांवों में सड़कों का निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युत जैसी सुविधाओं का विकास और  रोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित करने में मदद मिल रही है।

ऊर्जा से भरे प्रतिभाशाली युवाओं के सहयोग से होगा विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर का 10वां दीक्षांत समारोह आयोजित
4 हजार 200 विद्यार्थियों को प्रदान की उपाधि, 16 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक वितरित
रायपुर/शौर्यपथ /देश के लगभग 30 करोड़ बच्चे और युवा विभिन्न स्तरों पर शिक्षा प्राप्त कर रहें हैं। इस समूह के उज्जवल भविष्य के लिए गुणवत्ता भोजन, शिक्षा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराना हम सभी की प्राथमिकता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम खोले गए हैं, जिसमें डिग्री के साथ कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है। भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह उद्गार राज्यपाल श्री रमेन डेका एवं कुलाधिपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में व्यक्त किये।
 राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 10 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने से पूर्व विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर उनका पुण्य स्मरण किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम और इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजिनियरिंग एण्ड बायोटेक्नोलॉजी, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक डॉ. वांगा शिवा रेड्डी विशेष रूप से उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित भव्य एवं गरिमामय दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 तक उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को पदक एवं उपाधियां वितरित की गई। मेधावी विद्यार्थियों को 16 स्वर्ण, 18 रजत एवं 4  कास्य पदक प्रदान किए गए। साथ ही लगभग 4200 विद्यार्थियों को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पी.एच.डी की उपाधि प्रदान की।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में राज्यपाल श्री रमेन डेका ने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी कड़ी मेहनत से अध्ययन कर ये मेडल प्राप्त किए हैं। आपके जीवन की यह अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मुझे पूरा विश्वास है कि आपने इस विश्वविद्यालय में जो शिक्षा प्राप्त की है, उसका उपयोग आप समाज एवं देश के कल्याण एवं विकास के लिए करेंगे तथा दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेंगे। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कृषि की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया में युद्ध समाप्त होगा लेकिन खाद्य सामग्री की हमेशा जरूरत पड़ेगी। उन्होंने डॉ स्वामीनाथन के योगदानों का जिक्र किया श्वेत क्रांति से दूध के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब नीली क्रांति का दौर है और आज मत्स्य पालन में देश काफी आगे बढ़ चुका है। भूटान और ताइवान प्रवास के दौरान कृषि कार्य से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को साझा किया। उन्होंने कहा कृषि एक शानदार व्यवसाय है और इससे जुड़कर भी हम देश के विकास में अपना योगदान दे सकते है। कृषि में असीम संभावनाएं है और युवा पीढ़ी को इसे समझकर इससे जुड़ना होगा। उन्होंने जय जवान जय किसान जय विज्ञान का उल्लेख करते हुए कहा कि विज्ञान से जुड़कर ही हम कृषि को उन्नत बना सकते है।
श्री डेका ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना प्रस्तुत की है एवं हम सबको इसे प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य करना है। वर्तमान में हम सभी प्रकार के भोजन, अनाज, तिलहन, सब्जी, फल, दूध, मांस, मछली आदि के साथ लगभग 1000 मिलियन टन भोजन का उत्पादन कर रहे हैं। वर्ष 2047 तक इसे 1500 मिलीयन टन तक बढ़ाना होगा। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। बदलते मौसम एवं बाजार के उतार चढ़ाव से कृषि में जोखिम बढ़ गया है। श्री डेका ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि ऐसी तकनीक का विकास करें जिससे किसानों की लागत कम हो एवं आय बढ़े। हमें प्राकृतिक खेती एवं दलहन, तिलहन के उत्पादन पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश के कुल वर्कफोर्स की संख्या का 45 प्रतिशत भाग अभी भी कृषि में लगा हुआ है एवं इस वर्कफोर्स के जीवन यापन को ऊपर उठाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। कम ऊर्जा की आवश्यकता वाले छोटे-छोटे कृषि यंत्र विकसित करे जिससे कृषि में लागत, मानव श्रम एवं विशेष रूप से महिलाओं की मेहनत कम हो सके। कृषि के क्षेत्र में लोगों को बनाए रखना आज एक बड़ी चुनौती है। कृषि कार्य को आसान बनाना एवं उनकी आय बढ़ाना हमारा प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में भारत में सर्वाधिक जनसंख्या युवाओं की है। देश एवं प्रदेश की प्रगति में भी युवा शक्ति का भी उल्लेखनीय योगदान है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि आप मुझे देश के 100 ऊर्जावान युवा दे दें, मैं देश के भविष्य को बदल दूंगा। आज भारत के पास ऊर्जा से भरी युवाओं की पीढ़ी है, निश्चय ही हम स्वामी विवेकानंद जी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है और इसे पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए हमने विजन डॉक्यूमेंट बनाया है। ऊर्जा से भरे प्रतिभाशाली युवाओं के बूते निश्चित ही हम विकसित छत्तीसगढ़ के सपनों को मूर्त रूप प्रदान करेेंगें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आधुनिक युग विज्ञान एवं तकनीक का युग है। आपने जो ज्ञान अर्जित किया है, उस ज्ञान एवं तकनीक का उपयोग समाज के हित में, देश एवं प्रदेश के विकास में करने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़वासियों की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य करें और विकसित छत्तीसगढ गढ़ने में अपना बहुमूल्य योगदान दें। रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से हम अपने प्रदेश में कृषि विकास को नई ऊंचाइयों पर स्थापित करेंगे। कृषि वैज्ञानिकों और उद्यमियों की सहभागिता से हम किसानों के जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक वैज्ञानिक अपनी सोच और काम से देश को कितना बदल सकता है इसका उदाहरण कृषि वैज्ञानिक डा. एमएस स्वामीनाथन के जीवन में हम देख सकते हैं। डा. एमएस स्वामीनाथन जी ने देश में हरित क्रांति लाई। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाया। जिससे अब भारत को विदेशों से गेंहूं आयात के लिए मुंह नहीं ताकना पड़ा।      
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा कृषि क्षेत्र के विकास को अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखा है। उन्होंने हमेशा नवाचारों, अनुसंधानों और उद्यमिता के विकास को प्रोत्साहित और प्रेरित किया है। हमारे युवा सकारात्मक ऊर्जा से भरे हैं। उनके पास नये विचार हैं। हमें उन्हें प्रोत्साहित करना है। सुविधाएं उपलब्ध करानी हैं और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करना है। मुझे इस बात की खुशी है कि विश्वविद्यालय कैंपस में इसके लिए बहुत अच्छा वातावरण आप लोगों ने उपलब्ध कराया है। जीवन में नई संभावनाओं को प्राप्त करने के लिए शिक्षा बेहद आवश्यक है। हमारा देश अपनी शिक्षा व्यवस्था की वजह से ही विश्व गुरु रहा है। हमें अपनी शिक्षा संस्थाओं को लगातार बेहतर करना होगा ताकि एक बार पुनः भारत वैश्विक शिक्षा का केंद्र बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों की 160 से अधिक किस्में और 100 से अधिक उन्नत कृषि तकनीक विकसित की गई है। दुनिया जलवायु परिवर्तन के खतरों से जूझ रही है और इसका सबसे अधिक असर कृषि क्षेत्र पर पड़ेगा। यह खुशी की बात है कि कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्रों के वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने वाले बीज तैयार कर रहे हैं। विश्वविद्यालय का बलरामपुर से लेकर सुकमा तक कृषि महाविद्यालय, अनुसंधान केन्द्र और कृषि विज्ञान केन्द्र का मजबूत नेटवर्क है जिनकी सहायता से विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कृषि को राज्य की उन्नति का उत्प्रेरक मानते हुए इस विश्वविद्यालय को देश की दूसरी हरित क्रांति का अग्रदूत बनाने का संकल्प लें। अनुसंधान केंद्रों में हो रही अच्छी रिसर्च का पूरा लाभ के लिए इन्हें किसानों तक पहुंचाना होगा। छत्तीसगढ़ के कृषि विश्वविद्यालय में धान के 23,250 जर्मप्लाज्म हैं, जो कि विश्व में दूसरी नम्बर की सर्वाधिक संख्या है। इसके अतिरिक्त अन्य फसलों की लगभग 6000 किस्में विश्वविद्यालय में संग्रहित हैं। कृषि विश्वविद्यालय एक फसली क्षेत्र को बहुफसली क्षेत्र में परिवर्तित करने, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आय एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु सतत् प्रयत्नशील है। इन सभी उपलब्धियों तथा उत्कृष्ट कार्यों के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति, वैज्ञानिक, छात्र तथा किसान भाई बधाई के पात्र हैं। इनके सतत् प्रयास से प्रदेश में खेती को नई पहचान मिली है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी के क्षेत्र में भी निरंतर प्रगति कर रहा है। नए अनुसंधान और तकनीक के माध्यम से किसान अपना उत्पादन बढ़ा रहे है और आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे है। समारोह में दीक्षांत भाषण इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एण्ड बायोटेक्नोलॉजी, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक डॉ. वांगा शिवा रेड्डी ने दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने दीक्षांत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया उन्होंने विश्वविद्यालय की गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर विस्तृत प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन कुलसचिव द्वारा किया गया। दीक्षांत समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रबंध मण्डल तथा विद्या परिषद के सदस्यगण, प्राध्यापक, वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय के अधिकारी, उपाधि तथा पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी तथा उनके पालकगण उपस्थित थे।

आचार्य विद्यासागर जी द्वारा धर्मचर्या हेतु अपने जीवन का लम्बा समय चंद्रगिरि तीर्थस्थल में व्यतीत करना, प्रदेशवासियों का सौभाग्य
डोंगरगढ़ में जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर/शौर्यपथ /संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज आध्यात्मिक चेतना के पुंज थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमेशा आचार्य जी से आशीर्वाद लेते थे, उनसे प्रेरणा ग्रहण करते थे। हम सबका सौभाग्य है कि आचार्य जी ने हमेशा हमें प्रेरित किया। यह छत्तीसगढ़ की भूमि धन्य है कि जिसे आचार्य जी ने इतना प्रेम दिया और संलेखना के लिए प्रदेश की इस धरती को चुना। आज उनकी समाधि स्मृति महोत्सव में दर्शन पाकर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ। मेरी प्रार्थना है कि छत्तीसगढ़ के ऊपर उनका आशीर्वाद  हमेशा बना रहे, प्रदेश में सदैव खुशहाली हो।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थस्थल में जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में सम्मिलित हुए और समाधि के दर्शन किये जहाँ देशभर से पहुंचे अनुयायियों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
श्री साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ वासियों का परम सौभाग्य है कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने धर्मचर्या के लिए अपने यशस्वी जीवन का लम्बा समय डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थस्थल में व्यतीत किया। आचार्य जी के विचार और उनका जीवन-दर्शन हम सबको प्रेरणा देते रहेंगे। जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज ने समाज को सत्य, अहिंसा और परमार्थ के मार्ग में चलने के लिए एकजुट किया। बाबा जी का जीवन सर्वजन के लिए अनुकरणीय है।
सीएम साय ने कहा कि आचार्य जी के धार्मिक विचार तो प्रेरित करते ही हैं, भारत के प्रति उनकी सोच भी अनुकरणीय है, जिन्होंने देश के करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। उन्होंने राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। अपने संदेश से उन्होंने भारत की एकता को लगातार मजबूत करने का काम किया। उनका स्पष्ट मत था कि भारत में भारतीय शिक्षण पद्धति लागू हो और लोगों के बीच बातचीत के लिए भारतीय भाषा में व्यवहार हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से उनके विचारों को मूर्त रूप देने का प्रयास किया है। आज हमारी शिक्षा पद्धति भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जुडी हुई है। हमें इस बात कि हार्दिक खुशी है कि आचार्य जी के जीवनकाल में उनका यह स्वप्न मूर्त रूप ले सका।
महोत्सव में पूज्य मुनि संतसागर जी महाराज, देशभर से आए मुनिगण, साध्वीगण, अनुयायी एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम चुनाव में इस बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन  का इस्तेमाल किया जाएगा।ईवीएम को लेकर मतदाताओं के मन में तमाम जिज्ञासाओं को शांत करने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन आयोग एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की ओर से शहर क्षेत्र के हर वार्ड में प्रतिदिन EVM मशीन प्रदर्शन कर  जानकारी दी जावेगी. इस हेतु दिनांक 02 फरवरी 2025 को प्रातः 11 से 5 बजे तक मतदान केंद्रों एवं चौक चौराहो में जानकारी एवं प्रदर्शन के तहत वार्ड क्रमांक 14 सिकोला भाठा, वार्ड क्रमांक 27 पोलसायपारा,वार्ड क्रमांक 1 नया पारा के अलावा सिविल लाइन वार्ड क्रमांक 39 में किया जाएगा। प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा
अपील अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर
ईवीएम मशीन के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जानकारी के अनुसार, प्रत्येक प्रदर्शन केन्द्र में मास्टर ट्रेनर की ड्यूटी लगाई गई है जो ईवीएम के संचालन एवं मतदान प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी आम नागरिकों को डिमोंस्ट्रेट करके बताएंगे, साथ ही उनकी शंकाओं का निराकरण करेंगे.
नाम वापसी की तिथि से मतदान के दो दिवस ईवीएम का प्रदर्शन किया जाएगा , जिसमें डमी मतपत्र प्रयोग किया जाएगा. डमी मतपत्र में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या समान हो सकती है, लेकिन निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के नाम एवं प्रतीक डमी मतपत्र में मुद्रित नहीं होंगे. इसके अलावा प्रत्येक जिले में चुनाव नियम और ईवीएम डेमो के लिए मीडिया वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा।

टाइम पास अध्यक्ष के सहारे दुर्ग कांग्रेस का मेयर चुनाव कही प्रत्याशी को ना पड़ जाए भारी ...

  दुर्ग / शौर्यपथ /   दुर्ग कांग्रेस संगठन के जिलाध्यक्ष गया पटेल की लापरवाही और बंगले के आका की मनमानी का आरोप लगातार लगता आ रहा है . संगठन के कार्यो की सूझ बुझ कितनी है दुर्ग कांग्रेस जिलाध्यक्ष को ये सभी पिछले कार्यो से ही आंकलन कर सकते है . वही बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के लिए पूर्व विधायक वोरा कितने पक्षधर है यह भी किसी से छुपा नहीं है . सेनापति ही विवादों को जन्म दे तो सेना किस हौसले से जंग लड़ेगी किन्तु यहाँ कमजोर सेनापति का समर्थन जिस तरह से दुर्ग कांग्रेस के सर्वेसर्वा बने अरुण वोरा द्वारा किया जा रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि कांग्रेस को पूरी तरह गर्त में पहुँचाने के बाद ही शायद पूर्व विधायक को चैन मिलेगा . ऐसे कई वाकया देखने को मिले जिसमे कांग्रेसियों के आपसी जंग के सूत्रधार अरुण वोरा ही नजर आये ऐसे में लगातार विवाद को जन्म देने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस संगठन का मौन रहना कही ना कही प्रदेश अध्यक्ष की निष्क्रियता की तरफ भी सवालिया निशाँ लगा रहा है . प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज अपने एसी कार्यालय में बैठकर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत से जिताने की बात कर रहे है जबकि विधान सभा में बुरी हार के बाद लोकसभा चुनाव में उससे ज्यादा दुर्गति हुई अब बस नगरीय निकाय चुनाव ही बांकी रह गया यह चुनाव भी कांग्रेस प्रत्याशियों के कारण नहीं वरण कमजोर संगठन के कारण हार की कगार पर नजर आ रहा है . जमीनी स्तर के नेताओ में आज भी जोश है किन्तु संगठन की निष्क्रियता आज समर्पित कार्यकर्ताओ की आशाओ पर पानी फेर रहा है . जिस तरह से हालत नजर आ रहे है उससे यही प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस नेता अरुण वोरा के रिमोट कंट्रोल अध्यक्ष के रूप में गया पटेल भी अपना अस्तित्व ना खो दे वही अब शहर की जनता के साथ कार्यकर्ताओ में भी यह चर्चा होने लगी कि पूर्व विधायक वोरा जिस तरह से 48 हजार वोट से हारने की कगार पर थे तब आधे मतगणना के बीच वापस आ गए किन्तु लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की बड़ी हार आधे राउंड पर ही स्पष्ट हो गयी तब जब सभी कांग्रेसी वापस आने लगे किन्तु वोरा जी पुरे समय मुस्कुराते हुए बड़ी हार के साथ आये तब कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू दुर्ग विधान सभा से लगभग 74 हजार मतों से हारे अब यह चर्चा जोरो पर है कि इस बार क्या वोरा जी का टारगेट और बड़ी हार की ओर है ताकि वही दुर्ग में ऐसे नेता बने जो सबसे कम मतों से हारे हुए माने जाए और आने वाले समय में फिर अपनी दावेदारी पेश करे. चुनावी चर्चाये लगातार कई रूप ले रही है वही आपसी कलह पर राजीव भवन में पूर्व सीएम ने भी पूर्व विधायक और भीतरी घात वाले कांग्रेसियों को इशारो ही इशारो में कड़ी बात कह दी .
  एक बार फिर कांग्रेस में खेला हो गया। गंजपारा वार्ड 36 की कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सुरेश गुप्ता को आखिर कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नहीं मिल सका। इसकी वजह बी फार्म मे जानबूझकर की गई गड़बड़ी को बताया जा रहा है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल ने जो बी फार्म जमा किया उसमें प्रतिभा की जगह प्रीतिमा गुप्ता नाम अंकित किया गया, और न उसमे पति का नाम दिया गया और न पिता का। गंजपारा के कांग्रेसियों का आरोप है कि कतिपय कांग्रेस नेताओं के इशारे पर जान बूझकर प्रतिभा गुप्ता के नाम से छेड़छाड़ किया गया है। अब उन्हें काँग्रेस के हाथ की जगह सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह मिला है।
  शहर कांग्रेस की इस हरकत से गंजपारा क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है। अब कांग्रेस नेताओं द्वारा कहा जा रहा है कि प्रतिभा गुप्ता का प्रचार प्रसार में उन्हें कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी होने का उल्लेख करो। मगर प्रतिभा गुप्ता के पक्ष का कहना है कि वे पूरे दमखम के साथ निर्दलीय ही चुनाव में उतरेंगे।
गंजपारा वार्ड 36 में अब सिर्फ दो ही प्रत्याशी मैदान में रह गए है। नामांकन के काफी पहले प्रतिभा गुप्ता के समर्थक जनसंपर्क में जुट गए थे। उन्हें आमजनों के बीच बेहतर प्रतिसाद भी मिल रहा था। मगर स्थानीय कांग्रेस के नेताओ को यह मंजूर नहीं था, और सबने मिलकर खेला कर दिया। महापौर चुनाव में भी पार्टी के प्रत्याशी को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
   इस चुनाव में कांग्रेस नेताओ ने अपने समर्पित दावेदारों को खूब सताया है। वार्ड 45 में भी आयुष शर्मा को टिकट देने के बाद वापस ले लिया गया। प्रकाश गीते जैसे परंपरागत कार्यकर्ताओ को निर्दलीय उतरना पड़ा। असंतुष्ट कांग्रेस कार्यकर्ताओ के यह समन्वित आक्रोश पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा।

दुर्ग ग्रामीण / शौर्यपथ / क्षेत्र क्रमांक 13 से प्रेमलता गुलाब देशमुख ने जनपद सदस्य के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। प्रेमलता स्वतंत्र पत्रकार गुलाब देशमुख की पत्नी है इस बार वे जनपद पंचायत सदस्य बनने भाग्य आजमा रही है उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग लगातार उनके पत्रकार पति को समस्या निवारण के लिए फोन करते हैं , कुछ मुद्दे वे मीडिया के माध्यम से उठाते हैं, कई मामलों को वे अपने स्तर पर निपटा लेते हैं, कई अधिकारी उनका नाम और काम देखकर भी समस्या निवारण करते हैं पर ऐसा होता है कि समस्याएं कई बार विपरीत होती है जो बिना नेतागिरी के होती ही नहीं उनके कार्यों को देखते हुए मुझे यह कदम बढ़ाना पड़ा है। क्षेत्र में समर्थन मिल रहा है। जीत हार अपनी जगह है पर संघर्ष तो किस्मत में लिखा हुआ है। बिना संघर्ष के जीवन कैसा, मेरे पति अपने लिए नहीं वंचित तबकों की आवाज उठाते है, कल मैं अगर जीत कर आऊंगी तो सदन में वे मुद्दे उठाएंगे, लोगों का काम बनेगा योजनाएं जमीन तक पहुंचेगी।इसलिए मुझे लगा कि समाज सेवा में उतरना चाहिए।
बहरहाल यहां उम्मीदवार और आने है अभी तक प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 3 नामांकन दाखिल हुए है।

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