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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में अब मतदान में मात्र 4 दिन शेष हैं वही प्रचार के लिए दो दिन व जनसंपर्क के लिए दो दिन बचे हैं ऐसे में अब वार्ड की जनता किसे अपना मत दें इस पर खुल के कहने से बच रही है वहीं शहर के एक ऐसे वार्ड जो आरम्भ से ही प्रत्याशी चयन में भाजपा के लिए सर दर्द बना अब इस वार्ड में जनता परिवर्तन चाहती है।
वार्ड वासियों की माने तो वार्ड के निवासी परिवर्तन की राह देख रहे हैं वही इस बारे में कुछ भी कहने से बचने की कोशिश भी कर रहे हैं वार्ड के निवासियों में दबी जुबान में यह चर्चा है कि अब बदलाव होना चाहिए सालों बाद वार्ड के एक गरीब परिवार से संबंधित व्यक्ति को जनप्रतिनिधि बनने का मौका मिला है इस स्थिति में वार्ड की जनता और वार्ड का एक बड़ा हिस्सा अपने वार्ड के प्रत्याशी के पक्ष में नजर आ रहे हैं.
बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्रीमती शशि द्वारिका साहू बगल के वार्ड के निवासी होने के कारण भी कहीं ना कहीं उनके लिए विरोध के स्वर सामने आने लगे हैं हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह बगावत करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित किया ऐसे में अब ऐसे भी कार्य कर्ता हैं जो वार्ड में निवास करते हैं और वार्ड के किसी व्यक्ति के लिए काम करने की इच्छा रखते थे वह भी आप परदे के पीछे बड़ा खेल कर सकते हैं.
बड़ी बात यह है कि सामने से सभी दोनों ही पक्षों को मजबूत और कांटे की टक्कर बता रहे हैं परंतु शौर्य पथ की टीम द्वारा लगातार तीन दिनों तक वार्ड के कई लोगों से चर्चाओं में यह बात सामने आई की वार्ड में इस बार परिवर्तन होने की पूरी संभावना है परंतु धनबल के आगे जन सामान्य कहीं ना कहीं फेल हो जाता है ऐसी स्थिति इस वार्ड में भी ना हो जाए ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती सेन आर्थिक रूप से एक सामान्य परिवार से आती है वहीं श्रीमती शशि द्वारिका साहू का परिवार धनाट्य लोगों की श्रेणी में आता है वार्ड पार्षद चुनाव में अगर धनबल भरपूर चला तो कोई बड़ी बात नहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती शशि द्वारिका साहू की जीत आसान हो जाएगी इस बार जनता धनबल को किनारा कर करने की बात तो कर रही है परंतु अंतिम मोहर 11 फरवरी को लगेगा जिस पर वार्ड की जनता भी बिल्कुल मौन है और परिवर्तन या पुनर्चयन यह 15 फरवरी को स्पष्ट हो जाएगा।
60 वार्डों में ऐसे बहुत कम वार्ड हैं जहां पर वार्ड के निवासी कशमकश में है एवं कुछ भी कहने से बच रहे हैं ऐसा ही कुछ हाल वार्ड नंबर 33 का है अभी सब मौन है परंतु अंतर्मन से कुछ अलग ही माहौल नजर आ रहा है और जिस तरह प्रत्याशियों को 15 फरवरी का इंतजार है उतनी ही बेसब्री से वार्ड की जनता को भी 15 फरवरी का ही इंतजार है..
दुर्ग नगर निगम के ऐसे वार्ड जहां कांग्रेस काफ ी
मजबूत स्थिति में कैसे मुकाबला होगा आसान ?
दुर्ग / शौर्यपथ /
दुर्ग नगर पालिक निगम चुनाव के मतदान की तारीख में अब चार दिन शेष रह गए हैं ऐसे में प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के पार्षद प्रत्याशी अपने-अपने वार्ड में प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान में और ज्यादा तेजी लाते हुए अपने मतदाताओं को अपनी सोच और योजनाओं से अवगत करा रहे हैं .परंतु दुर्ग नगर निगम का पूर्व इतिहास रहा है कि दुर्ग नगर पालिक निगम में कभी भी भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई ऐसे में मुकाबला को एक तरफा कहना कहीं से भी उचित नहीं होगा .
दुर्ग नगर निगम के 60 वार्ड में से कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है दुर्ग नगर निगम के वह वार्ड जहां कांग्रेस मजबूती स्थिति में है.
वार्ड नंबर 40 जो कांग्रेस का गढ़ रहा है जहां से कांग्रेस अपना सीट कभी नहीं हारी इस बार भी वार्ड नंबर 40 में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है .वार्ड नंबर 41 की बात करें तो वार्ड नंबर 41 में महिला आरक्षण के बाद अब यह सीट पूर्व पार्षद खोखर की धर्मपत्नी रुबीना खोखर लड़ रही है और जिस तरह पिछले बार चुनावी जंग भाजपा के साथ था इस बार ऐसा कोई शोर सुनाई नहीं दे रहा यह वार्ड एक बार फिर रिकार्ड मतों से जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है इस बार से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित होने के साथ-साथ रिकार्ड मतों से जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता .
वार्ड नंबर 43 की बात करें तो वार्ड नंबर 43 से भी कांग्रेस की जीत लगभग सुनिश्चित है मुहर 15 तारीख को लगेगी किंतु इस वार्ड के पूर्व पार्षद के रूप में दीपक साहू की साफ़ छवि का पूरा फायदा एक बार फिर पार्षद प्रत्याशी के रूप में दीपक साहू को मिलेगा ऐसे में इस वार्ड में कांग्रेस की है .वार्ड नंबर 44 की बात करें तो वार्ड नंबर 44 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रकाश जोशी चुनावी मैदान में है इस वार्ड से प्रकाश जोशी लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में वार्ड की जनता के पहली पसंद है ऐसे में वार्ड नंबर 44 से कांग्रेस की जीत को नकारा नहीं जा सकता .
ऐसे ही वार्ड नंबर 27 की बात करें तो वार्ड नंबर 27 से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मनीष बघेल चुनावी मैदान में है मनीष बघेल भी अपने वार्ड में काफी लोकप्रिय हैं विकास कार्य और सतत आम जनता से जुड़े रहने के कारण क्षेत्र की जनता एक बार फिर मनीष बघेल के पक्ष में नजर आ रही है .
वार्ड नंबर 39 की बात करें तो वार्ड नंबर 39 में बदलाव की बयार चल रही ऐसा माना जा रहा है कि इस बार से शुकून ढीमर की वापसी हो सकती है इस वर्ष से भारतीय जनता पार्टी से गुलाब वर्मा चुनावी मैदान में है इस वार्ड में जीत किसकी होगी यह कोई भी नहीं बता रहा मुकाबला कड़ा है और जीत का अंतर काफी कम होने की बात कही जा रही है वार्ड नंबर 13 की बात करें तो वार्ड नंबर 13 से संजय कोहले एक बार फिर जीत की ओर बढ़ रहे है वार्ड नंबर 13 से संजय कोहली की जीत भी निश्चित मानी जा रही है वार्ड वासियों के अनुसार संजय कोहले लगातार सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करते आ रहे हैं और एक बार फिर जनता उन्हें मौका देगी.
वार्ड नंबर 36 की बात करें तो इस वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी तो चुनावी मैदान में नहीं होता है परंतु जिस प्रत्याशी को बढ़त मिलती दिख रही है वह कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में नजर आ रहा है ऐसे में वार्ड नंबर 36 से प्रतिभा गुप्ता भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूनम यादव से वर्तमान समय में आगे नजर आ रही है. वार्ड नंबर 51 से पोषण साहू भी वार्ड की जनता की पहली पसंद के रूप में सामने आ रहे हैं वार्ड की जनता एक बार फिर पोषण साहू को जनप्रतिनिधि के रूप में नगर निगम भेजना की बात कर रही है इस वार्ड से भारतीय जनता पार्टी ने साजन जोसेफ को चुनावी मैदान में उतारा है वर्तमान समय तक मुकाबला जमीनी स्तर पर देखा जाए तो एक तरफ है परंतु चुनावी जंग में जीत किसकी हो या अंतिम मोहर लगने के बाद ही निश्चित होता है .
ऐसे ही वार्ड नंबर 38 की बात करें तो वार्ड नंबर 38 से जिस तरह से एक पूरा वर्ग भाजपा प्रत्याशी से नाराज चल रहा है इस बार से कांग्रेस के मनोज सिन्हा की जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा वहीं वार्ड नंबर 7 से इस बार सरोज यादव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं वार्ड नंबर 7 में एक बार फिर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहने की बात क्षेत्र की जनता कर रही है शहर के ऐसे अन्य कई वार्ड है जहां कांग्रेस के प्रत्याशी काफी मजबूत स्थिति में है मतदान के चार दिन से ऐसे में मुकाबला रोचक होते जा रहा है राजनीतिक उठापटक कब किस ओर चली जाए कहां नहीं जा सकता .
स्थितियां दिन प्रतिदिन बदलती जा रही हैं और मुकाबला रोचक होता जा रहा है ऐसे में अगर भाजपा अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखती है तो महापौर प्रत्याशी के लिए अभी और मेहनत की जरूरत है 9 फरवरी को प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का रोड शो है ऐसे में भाजपा इस रोड शो के जरिए मतदाताओं को कितना अपने ओर आकर्षित करती है यह 11 फरवरी के मतदान और 15 फरवरी के परिणाम के बाद ही सामने आएगा अभी लोकतंत्र के महापर्व के अंतिम दौर में राजनीतिक चहल-पहल अपने पूरे तूफान पर है और सभी को 11 फरवरी का इंतजार है ..
मुंगेली / शौर्यपथ / त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के आरक्षण सामने आने के बाद क्षेत्र में सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से अधिकृत दो बार की सरपंच अधिवक्ता दिनेश पात्रे ब्लैक बोर्ड छाप से चुनावी जंग में उतर चुके है . मुंगेली क्षेत्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव का क्षेत्र होने से इस क्षेत्र में भाजपा की लहर है वही अनुभवी जनप्रतिनिधि के रूप में पहचान बना चुके अधिवक्ता वर्ग से होने के नाते भाजपा समर्थित प्रत्याशी दिनेश पात्रे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है .
अधिवक्ता पात्रे अपने समर्थको से एवं क्षेत्र की जनता से अपील कर रहे है कि इस लड़ाई को मैं अकेले लड़ नहीं सकता और आप सभी साथ दो गे तो मै हार नहीं सकता.
बता दे कि अधिवक्ता दिनेश पात्रे जनपद सदस्य पद हेतु क्षेत्र क्रमांक 04 सिल्ली के निवासी है अधिवक्ता दिनेश पात्रे बहुत ही कम समय के राजनितिक जीवन में अपनी एक अलग पहचान बना चुके है . समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में अधिवाक्ताओ की गिनती होती है ऐसे में अधिवक्ता के रूप में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही है . अधिवक्ता दिनेश पात्रे (ग्राम सिल्ली वाले) मूंगेली जनपद पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 04 सिल्ली से जनपद सदस्य पद हेतु भारतीय जनता पार्टी के समर्थित उम्मीदवार के रूप में चुनावी जंग में उतर जीत के प्रति आशान्वित नजर आ रहे है . त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान में अभी लगभग १० दिन है ऐसे में क्षेत्र की जनता को अपने विचारो से कितना प्रभावित करते है और क्षेत्र की जनता अधिवक्ता पात्रे के समर्थन में कितना मतदान करती है यह तो आने वाला समय निश्चित करेगा किन्तु राजनीती में बुद्धिजीवी शिक्षाविद के उतरने से एक सभी और सुशासित समाज की स्थापना की दिशा में एक महत्तव पहल की आम जनता भी सरहना करती है . इसी मुंगेली क्षेत्र से वकालत के साथ राजनीती में कदम रखने वाले अरुण साव जी आज प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में अपने सफल कार्यकाल का सफ़र तय कर रहे है अब इसी क्षेत्र से एक और अधिवक्ता के चुनावी जंग में उतरने से क्षेत्र में चर्चो का बाजार गर्म है और राजनितिक रंग के कई नज़ारे आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे .
धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को हुआ भुगतान
डबल इंजन की सरकार में खुशहाल हुए किसान
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष और 25 लाख से अधिक किसानों से धान खरीदी का बना संयोग
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के खाते में 52 हजार करोड़ रुपए अंतरित कर उन्हें उत्साह से भर दिया है। धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान कर दिया गया है। 52 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में आने से वे खेती किसानी में भरपूर निवेश कर रहे हैं और इससे बाजार भी गुलजार हुए हैं जिससे शहरी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर दिख रहा है। ट्रैक्टर आदि की बिक्री ने रिकार्ड आंकड़ा छू लिया है। धान का उचित मूल्य मिलने से किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और इस साल 25 लाख 72 हजार किसानों ने 149 लाख 25 हजार मीट्रिक टन रिकॉर्ड धान बेचा। छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में 25 लाख से अधिक किसानों के धान बेचने से छत्तीसगढ़ में खेती किसानी की सकारात्मक दिशा स्पष्ट है। एक साल के भीतर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में 34 हजार 500 करोड़ रुपए और कृषक उन्नति योजना अंतर्गत 12 हजार करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं। इसके अलावा सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना अंतर्गत करीब 500 करोड़ रुपए की राशि 5 लाख 62 हजार भूमिहीन किसानों के खाते में अंतरित की है। इसके साथ ही मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत 1735 करोड़ रुपए की राशि भी किसानों के खाते में दी गई है।
साय सरकार की 5 एचपी के कृषि पंपों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय करने की योजना अंतर्गत 2707 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। इसके साथ ही सोलर पंपों हेतु 200 करोड़ रुपए के सहायक अनुदान दिये गये हैं। कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए 200 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत 304 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। कृषक समग्र विकास योजना अंतर्गत 94 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। सब्जी लगाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने शाकम्बरी योजना चलाई जाती है इस पर 9 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है और 7323 किसान लाभान्वित हुए हैं।
साय सरकार तेजी से खेती के आधुनिकीकरण के लिए काम कर रही है। ड्रोन दीदियों के माध्यम से खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से हो रहा है। कृषि यांत्रिकीकरण मिशन अंतर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान दिये जाते हैं। इसका लाभ 3204 किसानों ने उठाया है। इस पर 79 करोड़ रुपए का व्यय आया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत 46 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। इससे 4627 किसानों को लाभ पहुंचा है। इसी प्रकार नेशनल मिशन आन आइससीड्स एंड आईलपाम योजना से 24,345 किसानों को लाभ पहुंचा है इसमें 11 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है। सबमिशन आन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल योजना अंतर्गत 2 लाख 31 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है और इसमें 9 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है। इसी तरह रेनफेड एरिया डेवलपमेंट स्कीम अंतर्गत 3,824 किसानों को लाभ पहुंचाया गया है और इसमें 7 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है।
साइल हेल्थ कार्ड के होने से किसान भाइयों को फसल संबंधी निर्णय लेने में आसानी होती है। 1 लाख 45 हजार किसानों को स्वाइल हेल्थ मैनेजमेंट योजना अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। इस पर 5 करोड़ का व्यय आया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 24 करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं। इस योजना से 13 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है। परंपरागत कृषि विकास योजना से 24 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिला है। इस पर 18 करोड़ रुपए व्यय किया गया है। इसी तरह एग्रीकल्चर एक्सटेंशन पर भी 18 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है और इससे 8 हजार से अधिक किसान भाइयों को लाभ हुआ है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इस पर एक साल के भीतर 15 करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं। 15 हजार 500 किसान इससे लाभ ले चुके हैं।
सरकार का लक्ष्य भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को मजबूत करना : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
ई-ऑफिस: छत्तीसगढ़ सरकार का सुशासन और पारदर्शिता की ओर एक और बड़ा कदम
मंत्रालय के सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रारंभः 16 विभागाध्यक्ष कार्यालय भी ई-ऑफिस से जुड़े
सक्ती जिले में ई-ऑफिस की शुरूआत
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार सुशासन को सशक्त बनाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में, 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस को लागू करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकांश फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही निपटाई जा रही हैं और सभी विभागों में इसका पूर्ण क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 तक सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस के प्रशिक्षण की सुविधा देने की बात कही, ताकि सभी विभागों में इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है। पहले इसे सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू किया गया था और अब इसे मंत्रालय के सभी विभागों में विस्तारित कर दिया गया है। अब तक 16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है और जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सक्ती पहला ऐसा जिला है, जहां ई-ऑफिस पूरी तरह से लागू हो चुका है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा। इस पहल से सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन आएगा, जिससे फाइलों की ट्रैकिंग आसान होगी, निर्णय लेने की गति तेज होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी विभागों में फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी कार्यों में अनावश्यक देरी समाप्त हो और प्रशासनिक निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।
राज्य सरकार डिजिटल गवर्नेंस को हर स्तर पर सशक्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "डिजिटल इंडिया" अभियान को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे राज्य की सभी सरकारी सेवाएं अधिक पारदर्शी, सुगम और त्वरित बनेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ई-गवर्नेंस को सुशासन के प्रभावी उपकरण के रूप में अपनाया गया है, जिससे सरकारी सेवाएं तेजी से और आसानी से जनता तक पहुंचेंगी।
ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन से फाइलों के अनुमोदन में लगने वाला समय कम होगा, जिससे प्रशासनिक निर्णयों को शीघ्र लागू किया जा सकेगा। इसमें फाइलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग, डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा और डुप्लिकेशन रोकने के लिए केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन की सुविधा शामिल है। कागजी कार्यवाहियों में कमी आने से सरकारी कार्यालयों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और शासन अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनेगा। ई-ऑफिस प्रणाली से कागज, मानव संसाधन और परिवहन लागत में भी बचत होगी, जिससे सरकारी खर्चों में भी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली को प्राथमिकता के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सरकार की कार्य प्रणाली को अधिक समयबद्ध, प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस का सफल क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक ठोस कदम होगा।
मुख्यमंत्री से मिले सैन्य अधिकारी, छत्तीसगढ़ यात्रा को बताया अविस्मरणीय
नक्सल उन्मूलन से स्मार्ट सिटी तक अधिकारियों ने जाना छत्तीसगढ़ के विकास का सफर
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित हुए अधिकारी
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर प्रदेश है और नैसर्गिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध जैव विविधता इसे खास पहचान देती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नेशनल डिफेंस कॉलेज से आए 18 सैन्य और सिविल सर्विस के अधिकारियों के दल ने छत्तीसगढ़ भ्रमण उपरांत उनसे मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बातें कही। मुख्यमंत्री ने उत्सुकता के साथ सभी सैन्य अधिकारियों से उनके छत्तीसगढ़ भ्रमण को लेकर चर्चा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी अधिकारियों का आत्मीय स्वागत करते हुए प्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं, सांस्कृतिक धरोहर और विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अद्वितीय है। प्रदेश का 44 प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित है, और आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा हमारी धरोहर का अभिन्न अंग हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौंदर्य अनुपम है। आपने जो यात्रा की है, वह सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्कृति और इतिहास से जुड़ा हुआ सफर भी है। यह अनुभव सदैव आपकी स्मृतियों में अंकित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नक्सल उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। हम न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने औद्योगिक और शहरी विकास के साथ-साथ ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों के उत्थान पर भी समान रूप से ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता, नवाचार और उत्कृष्ट शासन प्रणाली का उदाहरण बने। आपका यह भ्रमण हमारे प्रयासों को एक राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करता है।
नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने प्रवास के दौरान आईआईएम रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, ग्रीन फील्ड सिटी और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कानून व्यवस्था और नक्सल उन्मूलन अभियान के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने सिरपुर, एजुकेशन सिटी दंतेवाड़ा, कांकेर वुड आर्ट सेंटर, जंगल वारफेयर कॉलेज, कोंडागांव के टाटामारी और शिल्पग्राम, बादल एकेडमी और चित्रकोट जलप्रपात का भ्रमण किया।
दल का नेतृत्व कर रहे एडमिरल संदीप सिंह संधु ने बताया कि नेशनल डिफेंस कॉलेज के द्वारा प्रति वर्ष एक वर्षीय कोर्स संचालित किया जाता है, जिसमें सेना, सिविल सेवा और अंतरराष्ट्रीय रक्षा अधिकारियों को रणनीतिक विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है। इस वर्ष 124 अधिकारी इस कोर्स में शामिल हैं, जिनमें 13 भारतीय और 5 अन्य देशों के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक ढांचे को समझने के लिए भ्रमण पर आए है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस उपस्थित रहे। नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों में ब्रिगेडियर अमितोज सिंह, संदीप कुमार मिश्रा, कोमोडोर कार्तिक मूर्ति, ब्रिगेडियर अनिरुद्ध सिंह कंवर, एयर कोमोडोर शेखर यादव, ब्रिगेडियर गुरप्रीत सिंह मान, ब्रिगेडियर रजनीश मोहन, कैप्टन एम. व्ही. ओरपे सहित श्रीलंका, मोरक्को, नाइजीरिया, नेपाल और यूएई के अधिकारी शामिल थे।
राजनांदगांव/शौर्यपथ / डोंगरगढ़ के गगन मोटर्स शो-रूम में हुई 7 लाख रुपये की चोरी का खुलासा डोंगरगढ़ पुलिस और साइबर सेल ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किया। पुलिस ने आरोपी रितेश उके, आकाश उर्फ लल्ला लाउत्रे, शाहिद खान सभी निवासी इंदिरा नगर डोंगरगढ़ और दो विधि से संघर्षरत बालकों को गिरफ्तार किया। चोरी की रकम में से 4 लाख 73 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। आरोपियों ने चोरी के बाद प्रयागराज कुंभ मेला में खर्च किए थे।
0 चोरी के बाद आरोपी प्रयागराज कुंभ मेला गए थे
पुलिस द्वारा जांच में सामने आया कि आरोपी चोरी के बाद प्रयागराज कुंभ मेला गए थे और फिर नागपुर में शराब, नशाखोरी, खाने-पीने एवं अय्याशी में चोरी की रकम खर्च कर दी थी।
0 11 दिन में 300 सीसीटीवी कैमरों का किया निरीक्षण
घटना के बाद पुलिस और साइबर सेल की टीम ने शहरभर में लगे 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की। रेलवे स्टेशन के हाईटेक कैमरे से महत्वपूर्ण सुराग मिला, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान की गई।
0 चोरी का मास्टरमाइंड शो-रूम कर्मचारी रितेश उके
जांच में पता चला कि शो-रूम कर्मचारी रितेश उके ने अपने दोस्तों आकाश लाउत्रे और शाहिद खान को शो-रूम में रखे पैसे के बारे में बताया और तीनों मिलकर चोरी की योजना बनाई। इसके बाद दोनों विधि से संघर्षरत बालकों को भी इसमें शामिल किया और चोरी को अंजाम दिया।
0 पुलिस अधीक्षक ने टीम को 5000 रुपये का इनाम दिया
पुलिस अधीक्षक ने इस सफलता के लिए डोंगरगढ़ पुलिस और साइबर सेल की टीम को 5000 रुपये का नगद इनाम देने की घोषणा की। आरोपियों से चोरी में प्रयुक्त स्कूटी, रॉड और पांच मोबाइल बरामद किए गए हैं।
डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरी में 32वां अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि वर्तमान समय में, जब संपूर्ण विश्व आपसी भौतिक प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है, ऐसे में भगवान बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। मानवता के उत्थान और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए बुद्ध के दिखाए रास्ते का अनुसरण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी बुद्ध के संदेशों का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है, जिसके कारण यहाँ सभी धर्मों के लोग आपसी सौहार्द, भाईचारे और समरसता के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय आज डोंगरगढ़ के प्रसिद्ध प्रज्ञागिरी तीर्थ स्थल में आयोजित 32वें अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस आयोजन में देश-विदेश से आए बौद्ध भिक्षु, विद्वान एवं अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ धार्मिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रदेश के प्राचीन बौद्ध स्थलों में सिरपुर का विशेष महत्व है, जहाँ बौद्ध धर्म की ऐतिहासिक विरासत आज भी संरक्षित है। इसी प्रकार, उत्तरी छत्तीसगढ़ के मैनपाट क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, और यह क्षेत्र अब एक प्रमुख बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण घटक है। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता इसे पर्यटन के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाती है। प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सतत प्रयासरत है। इस दिशा में, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत भी इस क्षेत्र को शामिल किया गया है, जिससे यहाँ पर्यटन सुविधाओं का व्यापक विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में देश-विदेश से पधारे बौद्ध भिक्षुओं, विद्वानों एवं अनुयायियों का हृदय से स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राजनांदगांव लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय एवं प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष श्री विनोद खाण्डेकर ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के सचिव श्री शैलेन्द्र डोंगरे, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश कुमार सहारे एवं बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी उपस्थित रहे।
आचार्य जी के उपदेश प्रकाश स्तंभ की तरह: पथ को आलोकित कर देती है सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
रायपुर/शौर्यपथ / जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं तो विश्व के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद, भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का संदेश हम सभी को दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह आज डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं। आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूज्य समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए कहा कि संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के श्री अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष श्री विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
- आकर्षक मेहंदी एवं रंगोली बनाकर महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने का लिया संकल्प
- रंगोली, मेहंदी, पेंटिंग, नारा लेखन प्रतियोगिता में भाग लेकर महिलाओं ने मतदान करने का दिया संदेश
राजनांदगांव/शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल आज डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र विद्यालय बसंतपुर राजनांदगांव में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वीप द्वारा नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 के लिए आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए। नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 में मतदान करने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए महिलाओं के बीच रंगोली, मेहंदी, पेंटिंग, नारा लेखन प्रतियोगिता तथा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईव्हीएम) प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने नगरीय निकाय निर्वाचन में शत-प्रतिशत मतदान करने के लिए सभी को शपथ दिलाई। कलेक्टर ने बच्चों द्वारा मतदान के अधिकार एवं मतदान के महत्व के संबंध में बनाए गए मेंहदी एवं स्लोगन लेखन की तारीफ की। उन्होंने बच्चों को नगरीय निकाय निर्वाचन में अपने और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि जो प्रतिनिधि हमें अच्छा लगता है, उसे बिना डर और भय से मतदान करें। उन्होंने बताया कि हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है। जिसके कारण सभी को मताधिकार का समान अवसर मिलता है और अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी अच्छे पद पर जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों में निर्वाचन के प्रति जुनून होना चाहिए। जिससे अपने अच्छे प्रतिनिधि को बिना डर और भय के चुन सके। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने सभी महिलाओं को घर-घर जाकर लोगों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करने कहा। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा अपने मतदाताधिकार का उपयोग करने के लिए मतदाताओं को जागरूक करने कहा। जिससे नगरीय निकाय निर्वाचन में शत-प्रतिशत मतदान हो सके। उन्होंने महापौर और पार्षद पद के लिए ईव्हीएम मशीन के माध्यम से किए जाने वाले मतदान प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर ने मतदाता जागरूकता के लिए रंगोली, मेहंदी, नारा लेखन, पेटिंग प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री हितेश्वरी बाघे ने कहा कि नगरीय निकाय निर्वाचन में ईव्हीएम मशीन के माध्यम से निर्वाचन किया जाएगा। जिसके लिए सभी नगरीय निकायों में ईव्हीएम मशीन का प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नये मतदाता जुड़े हुए है। उन्होंने कहा कि पिछले नगरीय निकाय निर्वाचन में मतदान का प्रतिशत कम रहता है। इसके लिए नागरिकों को मतदान के महत्व के संबंध में जानकारी देना है और उन्हें प्रेरित करना है कि वे मतदान के दिन मतदान केन्द्र में जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें। उन्होंने महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए आस-पास के लोगों को प्रेरित करने कहा। मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं, स्वच्छता दीदीयों ने रंगोली, मेहंदी, नारा लेखन, पेटिंग सहित विभिन्न गतिविधियों द्वारा मतदाताओं को मतदान हेतु अपील किया। महिलाओं ने अपने हाथों में मतदाता जागरूकता अंतर्गत आकर्षक मेहंदी बनाई। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर, सहायक नोडल अधिकारी स्वीप श्रीमती रश्मि सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका उपस्थित थे।
किसान श्रवण कुमार की आय हुई दुगुनी
02 एकड़ भूमि में मक्का उत्पादन कर अर्जित की
88 हजार रुपये से अधिक की शुद्ध आमदनी
भूजल के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जिला प्रशासन के प्रयासों की भूरी-भूरी सराहना की
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देशानुसार जिले में पानी की बचत एवं भूजल के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु बालोद जिला प्रशासन द्वारा कृषि एवं अन्य संबद्ध विभागों तथा आम जनता के सहयोग से चलाई जा रही पानी बचाओ अभियान किसानों एवं जिले वासियों के लिए हर दृष्टि से अत्यंत उपयोगी साबित हो रहा है। जिला प्रशासन के पानी बचाओ अभियान के अंतर्गत किसानों को ग्रीष्मकालीन धान के बदले अन्य फसल उत्पादन के लिए प्रेरित करने का यह महत्वपूर्ण कार्य जिले में पानी के संरक्षण एवं संवर्धन के अलावा भूजल स्तर में वृद्धि के साथ-साथ किसानों के आमदनी का भी बेहतर स्त्रोत बन गया है। जिला प्रशासन के इस सराहनीय पहल के फलस्वरूप अपने खेतों में ग्रीष्मकालीन धान के बदले मक्के का फसल का उत्पादन करना जिले के आदिवासी बाहुल्य डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम छिंदगांव के आदिवासी कृषक श्री श्रवण कुमार के लिए अत्यंत लाभकारी कदम सिद्ध हुआ है। आज से कुछ साल पहले तक गर्मी के सीजन में धान का उत्पादन करने वाले किसान श्रवण कुमार के लिए गर्मी के सीजन में अपने लगभग 02 एकड़ जमीन में मक्के के पैदावार से धान की तुलना में उसे दुगुनी आय प्राप्त हुई है। जिला प्रशासन के इस अभिनव प्रयासों के फलस्वरूप किसान श्रवण कुमार ने लगभग 02 एकड़ कृषि भूमि में मक्का फसल का उत्पादन कर 88 हजार रुपये से अधिक की शुद्ध आमदनी प्राप्त की। उन्होेंने बताया कि 02 एकड़ भूमि में मक्का के उत्पादन करने में खाद, बीज एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए लगभग 11 हजार 800 रुपये का कुल खर्च आया।
बालोद जिला प्रशासन की इस बेहतरीन पहल की सराहना करते हुए किसान श्रवण कुमार ने बताया कि मेरे द्वारा ग्राम छिंदगांव के अपने पैतृक भूमि में लगातार ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन किया जा रहा है। एक दिन कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा हम किसानों को धान के बदले अन्य फसल पैदावार के लिए प्रेरित करने हेतु आयोजित किए गए किसान चैपाल से प्रेरित होकर मैंने ग्रीष्मकालीन धान के बदले अन्य फसल लगाने का निर्णय लिया। इसके पश्चात् मैंने रबी सीजन 2024 में अपने लगभग 02 एकड़ कृषि भूमि में मक्के का फसल लगाया। इस फसल के उत्पादन में खाद, बीज के लिए बहुत ही कम राशि लगने के अलावा पानी की खपत भी न के बराबर हुई। इस तरह से मात्र 11 हजार 800 रुपये की राशि के कुल खर्चें में उसे मक्के की बिक्री 01 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई। इस तरह से उन्होंने 02 एकड़ में मक्के की खेती कर 88 हजार 200 रुपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त की। किसान श्रवण कुमार ने बताया कि ग्रीष्मकालीन धान के बदले मक्के के फसल का उत्पादन करना उनके लिए हर दृष्टि से लाभप्रद एवं अत्यंत कारगर सिद्ध हुआ। उन्होंने बताया कि मक्के के अवशेष को आगामी खरीफ वर्ष में अपने खेतों में सड़ाया जिससे उनके खेतों के संरचना में सुधार हुई। जिसके फलस्वरूप इस वर्ष खरीफ सीजन में उनका धान का उत्पादन प्रति एकड़ 03 से 04 क्विंटल बढ़ गया। जिससे मैं प्रभावित एवं प्रेरित होकर मैंने मौजूदा रबी सीजन में भी मक्के का फसल उत्पादन करने हेतु कृषि विभाग डौण्डी से मक्का बीज लेकर अपने खेतों में फिर से मक्के का फसल लगाया हूँ, फसल बहुत ही अच्छी है। उन्होंने कहा कि इस तरह से जिला प्रशासन की प्रेरणा से ग्रीष्मकालीन धान के बदले अन्य फसल का उत्पादन करना हम किसानों के लिए हर दृष्टि से अत्यंत किफायती एवं लाभप्रद है। इसके अलावा ग्रीष्मकाल मेें धान के बदले अन्य फसल का उत्पादन करना पानी के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
फसलों की बिक्री हेतु मार्केटिंग व्यवस्था एवं किसानों को उनके उत्पाद का वाजिब दाम दिलाने के उपायों के संबंध में की गई विस्तृत चर्चा
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने ग्रीष्म कालीन धान के बदले अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने एवं फसलों की बिक्री हेतु मार्केटिंग व्यवस्था तथा किसानों को उनके उत्पाद के वाजिब दाम दिलाने के उपायों के संबंध में आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर श्री चन्द्रवाल ने बैठक में उपस्थित कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कृषि उत्पाद समूह के प्रतिनिधियों के साथ ग्रीष्म कालीन धान के बदले अन्य फसलों की बिक्री हेतु मार्केटिंग व्यवस्था एवं किसानों को उनके उत्पादों के वाजिब दाम दिलाने के उपायों के संबंध में विस्तृत चर्चा की। बैठक में श्री चन्द्रवाल ने ग्रीष्म कालीन धान के बदले अन्य फसलों की आसानी से बिक्री सुनिश्चित कराने अधिकारियों को इसके लिए मार्केटिंग प्लान बनाने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने फसलों की सुरक्षित रखरखाव हेतु कोल्ड स्टोरेज बनाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को इस कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु किसानों को वित्तीय सहायता एवं उन्हें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर हर तरह से प्रशासनिक सहयोग प्रदान करने हेतु जरूरी उपाय सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में श्री चन्द्रवाल ने विकासखण्डवार किसानों को धान के बदले अन्य फसलों के उत्पादन हेतु अपने-अपने विकासखण्डों में आयोजित किए गए कृषक जन चैपाल के आयोजन के संबंध में भी जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने प्रत्येक विकासखण्डों में ग्रीष्कालीन धान के बदले अन्य फसल लेने हेतु इच्छुक किसानों की कुल संख्या, कुल बोनी रकबा आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा विकासखण्डवार ग्रीष्कालीन धान के बदले अन्य फसल लेेने हेतु इच्छुक किसानों की कुल संख्या एवं धान और अन्य फसलों की कुल बोनी रकबा के संबंध में जानकारी दी गई। बैठक में अधिकारियों ने रबी सीजन के अंतर्गत लगाए गए फसलों की फसलवार क्षेत्राच्छादन एवं कुल रकबे आदि की भी जानकारी दी। बैठक में अधिकारियों ने पावर पाइंट प्र्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने विकासखण्डों में पानी की बचत के उपाय सुनिश्चित करने हेतु किसानों द्वारा अपने-अपने गांवों में ग्रीष्कालीन धान के बदले अन्य फसल लेने के अलावा अन्य उपायों के संबंध में भी जानकारी दी। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित कृषि उत्पाद समूह के सदस्यों से भी किसानों की उत्पादों की समुचित बिक्री एवं उनका उचित दाम दिलाने के उपायों के संबंध में चर्चा की। बैठक में कृषि विभाग के सहायक संचालक श्री एसएन ताम्रकार एवं अन्य अधिकारियों के अलावा निजी क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञगण उपस्थित थे।
- आयुक्त ने देखी एस.एल.आर.एम. की व्यवस्था
रिसाली /शौर्यपथ /कचरा पृथक केन्द्र में केवल कचरा नहीं अब उपयोगी सामानों को भी सहेजने का कार्य किया जा रहा है। आयुक्त मोनिका वर्मा ने रूआबांधा एस.एल.आर.एम. सेंटर में बनाए आर. आर. आर. सेंटर को विस्तार करने कहा है। साथ ही घरों से निकलने वाले गीले कचरा से खाद बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने पीट तैयार करने के निर्देश दिए है।
रिसाली निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने रूआबांधा एस.एल.आर.एम. सेंटर में बने आर.आर.आर. (रेड्यूज रियूज रिसाइकल) को विस्तार करने निर्देश दिए है। दरअसल प्रचार-प्रसार के बाद अब आम नागरिक ऐसे सामानों को सुरक्षित तरीके से पहुंचा रहे, जिनका उपयोग वे नहीं करते, किन्तु सामानों को जरूरतमंदो को दिया जा सके। इसके लिए एस.एल.आर.एम. सेंटर में तीन स्टील रेक के अलावा सामानों को सुरक्षित रखने आलमारी की व्यवस्था की गई है।
20 फरवरी तक दी मोहलत
निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने चल रहे निर्माण कार्य का अवलोकन भी किया। उन्होंने शेड और पीट निर्माण को एक सप्ताह के भीतर पूर्ण करने कहा। वही पाॅलीथिन और कागज और गत्ते को बंडल बनाने के लिए 20 फरवरी तक बेलिंग मशीन स्टाॅल करने निर्देश दिए।
मरोदा एस.एल.आर.एम. बनेगा खाद
रूआबांधा के बाद आयुक्त मरोदा में निर्माणाधीन एस.एल.आर.एम. सेंटर को भी देखा। उन्होंने नए पीट में गीला कचरा से खाद बनाने की प्रक्रिया को शीध्र शुरू करने कहा।
व्यवस्थित तरीके से रखे कबाड़
रूआबांधा में वेस्ट आर्ट का कार्य भी किया जा रहा है। कबाड़ सामानों से साज सज्जा कर बैठने की व्यवस्था की गई है। निरीक्षण के बाद आयुक्त ने अन्य कचरा से निकले सामानों को व्यवस्थित तरीके से रखने के निर्देश दिए है।
छग पुलिस की पहचान टोपी, बैैच और परित्राणाय साधुनाम के सुवाक्य से होताहै प्रदर्शित
भिलाई/शौर्यपथ / छत्तीसगढ राज्य के 12 वें डीजीपी अरूण देव गौतम बुधवार को अपना पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने हमारे प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए कहा कि कानून का पालन नियमावली से ही होगा। पुलिस के अफसर पीडि़त व्यक्ति की जांच ईमानदारी से करे। उसे न्याय मिल पाये। अपराधी को सजा मिले ये पुलिस का नैतिक कत्र्तव्य है। जांच में लापरवाही पुलिस अफसर ना बरते। पुलिस की पहचान टोपी व बैच और परित्राणाय साधुनाम के सुवाक्य से प्रदर्शित होता है, और पुलिस मजबूत होती है। महिलाओं की सुरक्षा की प्राथमिकता रहेगी।
चूंकि प्रदेश में साईबर अपराध बढ़ा है, इसके लिए समय समय पर पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है और लगातार जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे है। देश भर में साइबर ठग भय व लोभ दिखाकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हेै, इससे आम जनता को बचना चाहिए। नइे टेक्नॉलाजी व जागरूकता अभियान चलाकर ही साइबर ठगों से बचा जा सकता है। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का लगातार तांता आज भी लगा हुआ है। सीआरपीएफ, बीएसएफ के अलावा पुलिस महकमें के पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के अलावा छग के 33 जिलों के पुलिस अफसर भी उन्हें बधाई देने उनके कार्यालय पहुंच रहे है। इस दौरान इन सभी लोगेों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।