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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने Axiom-4 मिशन की ऐतिहासिक सफलता पर पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि समूचे देशवासियों की आकांक्षाओं, विश्वास एवं शुभकामनाओं के साथ शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंचने वाले प्रथम भारतीय बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त करेंगे। यह हम सभी के लिए गौरव और प्रेरणा का क्षण है।
रायपुर/शौर्यपथ /मध्य क्षेत्रीय परिषद की वाराणसी में आयोजित 25वीं बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि अगली बैठक का आयोजन छत्तीसगढ़ के बस्तर में किया जाएगा। यह निर्णय देश के दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण अंचलों को राष्ट्रीय नीति-निर्धारण की मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। बस्तर जैसे क्षेत्र में इस स्तर की बैठक का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समावेशी विकास और सुशासन की नीति का सशक्त प्रतीक है।
बैठक के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि अगली परिषद बैठक तक बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय और निर्णायक प्रगति हो चुकी होगी। इस विश्वास के साथ, परिषद ने बस्तर क्षेत्र को शांति, स्थायित्व और विकास के एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा है। यह घोषणा राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय और सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि बस्तर में इस तरह की उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन न केवल क्षेत्र के लिए गौरव की बात है, बल्कि इससे वहां के विकास को नई ऊर्जा भी प्राप्त होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से बस्तर अब संघर्ष का नहीं, संभावनाओं का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है।
दुर्ग। शौर्यपथ।
अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन कमेटी, दुर्ग की ओर से आयोजित होने वाला ऐतिहासिक सालाना जलसा (प्रवचन महफिल) इस वर्ष अपने 60वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। यह 10 दिवसीय कार्यक्रम 27 जून (शुक्रवार) से प्रारंभ होकर 6 जुलाई (रविवार) तक चलेगा। प्रतिवर्ष मोहर्रम के अवसर पर आयोजित होने वाले इस आयोजन को लेकर शहर के धार्मिक और सामाजिक वातावरण में उत्साह का माहौल है।
अंजुमन के प्रतिनिधि जुनैद लाल आज़मी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह जलसा पिछले 59 वर्षों से निरंतर आयोजित किया जा रहा है और इस वर्ष इसे हीरक जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन तकिया पारा ईदगाह मैदान, दुर्ग में होगा, जहाँ हर दिन शाम को तकरीरें होंगी।
? देशभर से आएंगे मज़हबी विद्वान
इस वर्ष के जलसे में प्रमुख रूप से हजरत मौलाना मुफ्ती जाकिर हुसैन नईमी साहब (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश) 1 से 10 मोहर्रम तक रोज़ाना तकरीर करेंगे। इनके साथ-साथ पैग़म्बर ए इस्लाम के वंशज और हुजूर ताजुल औलिया, हजरत सैय्यद मोहम्मद पीर जलालुद्दीन अशरफ अशरफी उल जिलानी (क़ादरी मियां), कीछौछा शरीफ, अंबेडकर नगर, उत्तर प्रदेश से 9 और 10 मोहर्रम (5 व 6 जुलाई) को विशेष प्रवचन के लिए पधार रहे हैं।
? हजरत सैय्यद साहब की वापसी बनी शहर की चर्चा
हजरत सैय्यद साहब की दुर्ग में उपस्थिति कई वर्षों के बाद हो रही है, जिसकी खबर से शहर में श्रद्धा और उल्लास की लहर दौड़ गई है। हजरत साहब के अनुयायी केवल मुस्लिम समाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सभी समुदायों में श्रद्धा और सम्मान के पात्र हैं। उनकी तकरीरें सामाजिक सद्भाव, इंसानियत और आध्यात्मिकता का सन्देश देती हैं।
? महिलाओं के लिए विशेष प्रबंध
कमेटी की ओर से महिलाओं के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की गई है ताकि वे भी इस धार्मिक आयोजन में पूरी सुविधा के साथ शरीक हो सकें।
? समापन पर विशेष दुआ और हुसैनी पैग़ाम
6 जुलाई को जलसे का समापन होगा, जिसमें विशेष दुआ-ए-खैर और हुसैन-ए-आज़म की याद में भावभीनी तकरीरें होंगी। अंजुमन ने समस्त शहरवासियों से अपील की है कि वे धर्म, जाति से ऊपर उठकर इस आयोजन में शरीक हों और हुसैनी पैग़ाम को आत्मसात करें।
दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में अवैध मुरूम खनन और रेत परिवहन पर नियंत्रण के लिए राजस्व विभाग और पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की। औचक कार्रवाई से अवैध खननकर्ताओं में हड़कंप मच गया है।
एसडीएम पाटन के निर्देश पर मंगलवार सुबह पाटन अनुविभाग अंतर्गत थाना रचिरई क्षेत्र में राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश दी। कार्रवाई के दौरान ग्राम कौही, बोरेंदा, केसरा, ओदरागहन, निपानी और कौही सेमर घाट क्षेत्र से एक जेसीबी और दो ट्रक अवैध रेत खनन करते हुए पकड़े गए।
इसी प्रकार थाना उतई क्षेत्र के ग्राम पतोरा में महकाखुर्द की शासकीय भूमि से दो डंपर और एक जेसीबी को बिना रॉयल्टी दस्तावेजों के मुरूम खनन और परिवहन करते हुए जब्त किया गया। सभी वाहनों को जब्त कर थाना उतई के सुपुर्द किया गया। इस कार्रवाई में नायब तहसीलदार मनोज रस्तोगी और पुलिस टीम की प्रमुख भूमिका रही।
धमधा अनुविभाग के ग्राम कोड़िया (तहसील अहिवारा) में भी एक चैन माउंटेन मशीन और तीन हाइवा द्वारा बिना अनुमति मुरूम खनन और परिवहन किए जाने पर जप्ती की कार्रवाई की गई। ग्राम गिरहोला से एक चैन माउंटेन और तीन हाइवा, तथा ग्राम पोटिया से एक चैन माउंटेन और तीन हाइवा जब्त कर सभी वाहनों को थाना नंदिनी नगर की सुपुर्दगी में सौंपा गया।
इस पूरी कार्रवाई में राजस्व विभाग की ओर से तहसीलदार राधेश्याम वर्मा, राजस्व निरीक्षक खूबचंद वर्मा, अरुण वर्मा, पटवारी खेमराज देवांगन और पुलिस विभाग से डीएसपी अलेक्जेंडर कीरो, थाना प्रभारी मनीष शर्मा एवं उनकी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई।
दुर्ग / शौर्यपथ / केंद्रीय गोंड़ महासभा धमधा गढ़ एवं महासभा के अधीनस्थ मुड़ा बघेरा के तत्वाधान में गोंडवाना की महारानी दुर्गावती के 461वां बलिदान दिवस के अवसर पर शहर के मध्य स्थित दुर्गावती प्रतिमा में समाज द्वारा पूजा अर्चना कर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर महारानी की वीरता, साहस, बलिदान की बातें समाज को बताई गई। साथ ही बताया गया कि किस प्रकार महारानी मुगलों के सामने झुकी नहीं, वरन लड़ते हुए मृत्यु को वरन करना पसंद किया। अंत में वीरांगना महारानी दुर्गावती को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान एम.डी. ठाकुर, सीताराम ठाकुर, डीएस सोरी, राजेन्द्र, महावीर, गोरेलाल, मनहर, श्री मती अनीता, पार्षद श्रीमती ललिता ठाकुर, लोकेश्वरी ठाकुर, महेश्वरी ठाकुर, गोमती, शरद, श्रीमती उषा मंडावी, कौशल, दुर्गा, प्रभा, चंद्रकांता, पूर्णिमा, सोमलता, राजेश्वरी नेताम सहित समाज के लोग उपस्थित रहे।
दुर्ग / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा नशा मुक्ति पखवाड़ा के अंतर्गत शहर के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे में स्थित दुकानों पर छापेमारी कर तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशीले उत्पादों की बिक्री पर सख्ती से कार्रवाई की गई। आयुक्त सुमित अग्रवाल के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने यह कार्रवाई कोटपा अधिनियम (COTPA) के अंतर्गत की।
कार्रवाई के दौरान सिकोला भाठा शासकीय स्कूल, आर्य तुलाराम स्कूल (मोहन नगर), एवं भगत सिंह स्कूल (तितुरडीह) के आसपास के पान ठेलों और दुकानों की जांच की गई। इस दौरान बड़ी मात्रा में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा एवं तंबाकू जब्त किए गए और संबंधित दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया।
टीम में बाजार विभाग, अतिक्रमण विभाग, पुलिस बल, स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल थे। अतिक्रमण अधिकारी परमेश्वर के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन भी हटवाए गए।
यह विशेष अभियान अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में चलाए जा रहे नशा मुक्ति पखवाड़ा के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य है – नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी के विरुद्ध जागरूकता फैलाना।
नगर निगम ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगी, ताकि स्कूली छात्रों को नशीले पदार्थों से दूर रखा जा सके और शैक्षणिक वातावरण सुरक्षित व स्वस्थ बना रहे।
दुर्ग/ शौर्यपथ / गजानन नगर निवासी तारिणी चौबे की इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनका देहदान किया जाए। हालांकि तकनीकी कारणों से उनका देहदान नहीं हो सका। उनकी तेरहवीं पर पूरे परिवार ने देहदान का संकल्प लिया। आज उनके पुत्र श्री अजय कुमार चौबे के निधन के पश्चात परिवार ने मां को श्रद्धांजलि देते हुए अजय का देहदान कर अजय की इच्छा का सम्मान किया।
परिवार की भावनात्मक श्रद्धांजलि
चौबे परिवार के सदस्यों ने देहदान के लिए सहमति दी और इस पुनीत कार्य को पूर्ण किया। भाई विजय चौबे ने कहा कि भाई के आकस्मिक निधन से पूरा परिवार सदमे में है, लेकिन उनके देहदान से परिवार हमेशा प्रेरणा लेता रहेगा।
नवदृष्टि फाउंडेशन का सहयोग
नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्यों ने इस पूरे समय में सहयोग दिया और देहदान की प्रक्रिया को पूर्ण करने में मदद की। श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज की एनाटॉमी विभाग की प्रमुख अंजलि वंजारी के निर्देश पर संदीप रिशबुड, दीपक रवानी और दयाराम ने देहदान प्रक्रिया पूर्ण की।
समाज को सकारात्मक संदेश
कुलवंत भाटिया ने कहा कि चौबे परिवार ने समाज को सकारात्मक संदेश दिया है और निश्चित ही इससे समाज में देहदान हेतु जागरूकता बढ़ेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में करीबी रिश्तेदार और मित्रगण उपस्थित थे जिन्होंने श्री अजय कुमार चौबे को श्रद्धांजलि दी और चौबे परिवार को साधुवाद दिया।
महासमुंद की बेटी ने रचा नया इतिहास, कलेक्टर लंगेह सहित समस्त जिले में हर्ष की लहर
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की होनहार बालिका दिव्या रंगारी ने अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करते हुए मालदीव में आयोजित अंडर-16 एशियन बास्केटबॉल चौंपियनशिप क्वालीफायर में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ भारतीय टीम ने फिबा अंडर-16 वूमेन एशियन चैंपियनशिप 2025 के लिए सफलतापूर्वक क्वालीफाई कर लिया है, जो आगामी 14 से 20 सितम्बर 2025 तक मलेशिया में आयोजित होगी।
उल्लेखनीय है कि 12 से 15 जून 2025 तक आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने श्रीलंका, बांग्लादेश तथा मालदीव जैसी टीमों को पराजित करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। फाइनल मुकाबले में भारत ने एक बार पुनः श्रीलंका को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस स्वर्णिम सफलता में महासमुंद जिले की दिव्या रंगारी का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा।
दिव्या इससे पूर्व भी 48वीं सब-जूनियर नेशनल बास्केटबॉल चौंपियनशिप (अगस्त 2023, पांडिचेरी) में छत्तीसगढ़ की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। उनकी निरंतर मेहनत, अनुशासन एवं खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है।
इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने दिव्या को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि, दिव्या की उपलब्धि न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। यह सफलता जिले के अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। इसके अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि साहू, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे, जिला खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिव्या को शुभकामनाएं दीं एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
जिला बास्केटबॉल संघ महासमुंद के अध्यक्ष श्री नुरेन चंद्राकर, चेयरमैन श्री गौरव चंद्राकर, सचिव श्री शुभम तिवारी एवं सदस्य श्री मनीष श्रीवास्तव तथा श्री संतोष कुमार सोनी ने भी दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके कोच एवं परिवार को बधाई दी।
महासमुंद जिले के मिनी स्टेडियम में दिव्या ने नियमित अभ्यास कर यह मुकाम हासिल किया है। यहाँ जिले के शहरी व ग्रामीण अंचलों से अनेक बालक-बालिकाएँ प्रतिदिन बास्केटबॉल का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। हाल के वर्षों में जिले के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीतकर जिले की पहचान खेल जगत में स्थापित की है।
दिव्या रंगारी की यह उपलब्धि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के खेल परिदृश्य को एक नई दिशा देगी और खेल संस्कृति को और अधिक सशक्त बनाएगी।
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में आधारभूत संरचना के विकास को नया आयाम मिलने जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा भटगांव विधायक श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के सतत् प्रयासों से लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 48 करोड़ 72 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि से जिले में महत्वपूर्ण सड़कों और पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
प्रमुख स्वीकृत कार्यों में एन.एच. 43 से नया कृष्ण मंदिर सिलफिली बनारस रोड तक 5 किलोमीटर लंबे पहुँचमार्ग का निर्माण कार्य, जिसकी लागत 690.68 लाख रूपये है। इसी प्रकार एन.एच. 43 से मायापारा दुर्गाबाड़ी होते हुए रविंद्र नगर (नवापारा) तक 4 किलोमीटर का पहुँच मार्ग 448.95 लाख रूपए की लागत से तैयार किया जाएगा। बीरमताल से उमेशपुर के बीच गोबरी नदी पर पुलिया निर्माण कार्य हेतु 307.19 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है।
इसी तरह 761 लाख रूपए की लागत से पकनी चेन्द्रा चौड़ीकरण, 593 लाख रूपए की लागत से कुप्पा जमघरपारा से चौकीदार पारा नवा पारा, गिरहूलपारा (6.10 किलोमीटर पुल-पुलिया) सहित निर्माण, 419 लाख रूपए की लागत से हरिपुर से छतरंग पहुंच मार्ग में कागज नाला पर पुलिया निर्माण, 510 लाख रूपए की लागत से सिरसी से कुसमुसी मार्ग पर गोबरी नदी पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण, 741 लाख रूपए की लागत से लांजित से सौहार मार्ग पर महान नदी पर उच्चस्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण और सुंदरपुर-शौंकी-नेवटाली-सलका मार्ग (लंबाई 4.10 किमी) पर डब्ल्यू.बी.एम. एवं डामरीकरण कार्य 403 लाख रूपए से निर्मित होने वाली शामिल हैं।
इन कार्यों के स्वीकृत होने पर मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से सूरजपुर जिले के ग्रामीण अंचलों में आवागमन सुगम होगा और स्थानीय लोगों को यातायात की बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही, व्यापार और कृषि से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार विकास के हर वादे को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
इन परियोजनाओं से जुड़े निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में सभी वर्गो के विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री साय की मंशा है कि केन्द्र सरकार से मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ राज्य के व्यक्तियों को भी समय पर मिले शासन द्वारा निर्धारित समय पर हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 2.0 के तहत दंतेवाड़ा जिले के चितालंका ग्राम पंचायत के कई जरूरतमंद परिवारों को उनके पक्के मकान का सपना साकार हो रहा हैं। आवास किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं मे से एक है। वर्षों से झोपड़ियों या अधूरे कच्चे मकानों में जीवन बिता रहे इन परिवारों के चेहरों पर अब इस सौगात की खुशी की झलक साफ देखी जा सकती है। इस परिप्रेक्ष्य में इन हितग्राहियों में से एक चितालंका की निवासी श्रीमती सुकारी ईच्छाम के अधूरे घर की दीवारें अब मजबूती से खड़ी हैं, क्योंकि उनका मकान ’’प्लिन्थ’’ स्तर पर कार्य पूरा हो चुका है और छत की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं श्रीमती श्यामदई नाग के घर का निर्माण कार्य छज्जा स्तर तक पहुँच चुका है, जिससे यह स्पष्ट है कि कुछ ही समय में उनका मकान भी पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
एक अन्य हितग्राही कलजुक नेताम के लिए सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि उनका घर पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है। अब उनके परिवार के पास एक मजबूत, सुरक्षित और सम्मानजनक आवास है, जिसकी उन्होंने वर्षों से कामना की थी। यह सिर्फ ईंट और सीमेंट का निर्माण नहीं है, बल्कि उन सपनों की नींव है जो लंबे समय से अधूरा था। अब ये परिवार न केवल बारिश, धूप और ठंड से सुरक्षित हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और गरिमा की भी अनुभूति आई है। उनके परिवार के लिए बारिश के मौसम में कच्चे घर में रहना हमेशा एक चुनौती भरा रहता था। छत से पानी टपकता, दीवारें भीगती और जहरीले जीवों का खतरा हर वक्त बना रहता था। इन समस्याओं ने उन्हें अक्सर चिंता और असुरक्षा ने घेर रखा था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 उनके जीवन में एक नई रोशनी की किरण लेकर आई। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिली यह सौगात ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर तबके को एक पक्के घर के साथ-साथ उनके सपनों को भी नए पंख दे रही है।
हितग्राहियों ने समय पर उनके आशियानों के सपने पूरा करने के लिए शासन के प्रति आभार जताया है।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज वाराणसी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में भाग लिया। इस बैठक में उनके साथ उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
रायपुर/शौर्यपथ /उत्तरप्रदेश के वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह परिषद केन्द्र और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय का सशक्त मंच बन चुकी है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित मध्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विकास को नई दिशा मिली है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में मध्य क्षेत्रीय परिषद ने ठोस योगदान दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, सांस्कृतिक पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास में परिषद की भूमिका निर्णायक रही है।
नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक बढ़त, बस्तर में विकास का नया युग
मुख्यमंत्री साय ने नक्सल समस्या पर बोलते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध बड़ी सफलता मिली है। बसवराजू और सुधाकर जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के न्यूट्रलाइज होने को उन्होंने नक्सलवाद की रीढ़ टूटने जैसा करार दिया। उन्होंने बताया कि बस्तर के विकास के लिए बोधघाट-महानदी इंद्रावती लिंक जैसी कई हजार करोड़ की परियोजनाओं पर भी हम काम कर रहे हैं। रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना को मिली मंजूरी भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विकास और सुशासन की दिशा में ठोस कार्य
मुख्यमंत्री ने परिषद को अवगत कराया कि पिछली बैठक में दिए गए सुझावों पर तेजी से अमल हुआ है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 28 नई बैंक शाखाएं, डॉयल-112 सेवा का विस्तार, 82 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालना जैसी उपलब्धियाँ राज्य के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर पंडुम और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों ने स्थानीय खेल और सांस्कृतिक प्रतिभाओं को मंच दिया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 87.2 प्रतिशत नागरिकों को कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, और 1075 में से 1033 शासकीय अस्पताल इससे जोड़े जा चुके हैं।
ऊर्जा, निवेश और औद्योगिक विकास में राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद राज्य को अब तक 5.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें 3.5 लाख करोड़ पावर सेक्टर से हैं। छत्तीसगढ़ देश में विद्युत उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और 2030 तक प्रथम स्थान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 23 घंटे 27 मिनट और शहरी क्षेत्रों में 23 घंटे 51 मिनट की औसत विद्युत आपूर्ति राज्य के ऊर्जा प्रबंधन की दक्षता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 6 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।
सुगम सेवाएँ, सशक्त पंचायतें और नई श्वेत क्रांति
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डेढ़ लाख से अधिक सोलर कृषि पंप किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान कर रहे हैं। एनडीडीबी के साथ हुए एमओयू से राज्य में दुग्ध उत्पादन में नया विस्तार होगा। अटल डिजिटल सुविधा केंद्र पंचायतों में डिजिटल सुशासन के सेतु बन रहे हैं और लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के प्रभावी क्रियान्वयन से सेवाओं की पारदर्शी और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित हुई है।
विकास और सुशासन में छत्तीसगढ़ बना मॉडल राज्य
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अभियान में पूरी निष्ठा से सहभागी है। मध्य क्षेत्रीय परिषद के माध्यम से संवाद और समन्वय का यह मंच छत्तीसगढ़ को और भी आगे ले जाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ /देवों के अधिदेव भगवान शंकर की पावन नगरी काशी में स्थित ‘काशी के कोतवाल’ श्री काल भैरव जी महाराज के दिव्य मंदिर में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण हेतु प्रार्थना की।
इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने बाबा काल भैरव की विधिवत आराधना की और संपूर्ण राष्ट्र के लिए मंगलकामना की। उन्होंने कहा कि बाबा भैरवनाथ की कृपा समस्त देशवासियों पर निरंतर बनी रहे, यही मेरी प्रार्थना है। उन्होंने देश के नागरिकों के जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और कल्याण के प्रकाश के निरंतर प्रवाह की कामना भी की।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य की शांति, विकास और जनकल्याण की दिशा में अग्रसर यात्रा के लिए बाबा काल भैरव जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ईश्वर की कृपा से प्रदेश और देश में सुशासन और समृद्धि का मार्ग और अधिक सुदृढ़ होगा।