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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
प्रधानमंत्री ने पुलिस के बारे में जनता की धारणा बदलने, युवाओं तक पहुंच बढ़ाने, शहरी और पर्यटन पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने और नए आपराधिक कानूनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी, एआई और राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड एकीकरण के विस्तारित उपयोग का आह्वान किया; द्वीप सुरक्षा, तटीय पुलिस व्यवस्था और फोरेंसिक आधारित जांच में नवाचार पर जोर दिया
सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ, जिसमें विजन 2047 पुलिस व्यवस्था रोडमैप, आतंकवाद निरोधक रुझान, महिला सुरक्षा, भगोड़ों का पता लगाना और फोरेंसिक सुधार शामिल रहे
प्रधानमंत्री ने आपदा से निपटने की बेहतर तैयारी और समन्वित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया; चक्रवात, बाढ़ और प्राकृतिक आपात स्थितियों से निपटने के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने और इसमें सुधार करने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री ने विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए; शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को नव स्थापित शहरी पुलिस व्यवस्था पुरस्कारों से सम्मानित किया
रायपुर / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया। तीन दिवसीय इस सम्मेलन का विषय 'विकसित भारत: सुरक्षा आयाम' है।
प्रधानमंत्री ने खासकर युवाओं के बीच पुलिस के प्रति जनता की धारणा बदलने की तत्काल जरूरत पर बल दिया, जिसके लिए दक्षता, संवेदनशीलता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था को मज़बूत करने, पर्यटक पुलिस को फिर से सक्रिय करने और औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर लागू किए गए नए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस और व्यापक प्रशासन को निर्जन द्वीपों को एकीकृत करने के लिए नवीन रणनीतियां अपनाने, राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नेटग्रिड) के अंतर्गत एकीकृत डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करने और कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए इन प्रणालियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को पुलिस जांच में फोरेंसिक के उपयोग पर केस स्टडी करने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया, और कहा कि फोरेंसिक के बेहतर अनुप्रयोग से आपराधिक न्याय प्रणाली और मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने प्रतिबंधित संगठनों की नियमित निगरानी के लिए तंत्र स्थापित करने, वामपंथी उग्रवाद से मुक्त क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने और तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए नवोन्मेषी मॉडल अपनाने के महत्व पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप एक साथ किया जाए।
सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के विविध मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। विज़न 2047 की दिशा में पुलिस व्यवस्था के दीर्घकालिक रोडमैप, आतंकवाद-निरोध और कट्टरपंथ-निरोध में उभरते रुझान, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने में तकनीक का लाभ उठाने, विदेशों में रह रहे भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीतियों और प्रभावी जांच एवं अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को मज़बूत करने पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने मज़बूत तैयारियों और समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और पुलिस प्रमुखों से चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपात स्थितियों, जिनमें चक्रवात दित्वा की मौजूदा स्थिति भी शामिल है, के लिए प्रभावी आपदा प्रबंधन तंत्र को मज़बूत करने का आग्रह किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं के दौरान जीवन की रक्षा और न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय योजना, तत्क्षण समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र सरकारी दृष्टिकोण आवश्यक हैं।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से आह्वान किया कि वे विकासशील राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पुलिस व्यवस्था को फिर से व्यवस्थित करें, ताकि विकसित भारत बनने की राह पर साफ हो सके।
प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन शहरों को भी पुरस्कार प्रदान किए। यह सम्मान शहरी पुलिस व्यवस्था में नवाचार और सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार स्थापित किया गया है।
इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव ने भाग लिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक, साथ ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, जबकि देश भर से विभिन्न रैंकों के 700 से अधिक अधिकारी वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में नेचर फॉर्मिंग को बढ़ावा देने, खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी की प्रशंसा
मन की बात सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं यह देश की सामूहिक चेतना का बन गया है उत्सव –मुख्यमंत्री साय
नेचर फॉर्मिंग के लिए छत्तीसगढ़ में असीम संभावनाएं, खाद्यान्न उत्पादन बढ़ोत्तरी में हमारे राज्य का भी महत्वपूर्ण योगदान
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 128वीं कड़ी को सुना और इसे अत्यंत प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ देश की सामूहिक चेतना का उत्सव बन चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एक अभिभावक की तरह देश की बातों को देशवासियों के सामने रखते हैं और हर माह राष्ट्र को प्रेरणादायक संदेश देते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के माध्यम से देश के कोने-कोने में हो रहे नवाचारों, जनभागीदारी और उत्कृष्ट प्रयासों को पहचान दिलाते हैं, जिससे राष्ट्र निर्माण में लगे समर्पित लोगों को सम्मान प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, विभिन्न राज्यों में शहद प्रसंस्करण की उन्नत विधियां, शहद उत्पादन में वृद्धि, नौसेना सशक्तिकरण, नेवल म्यूजियम, नेचर फॉर्मिंग के महत्व, तथा सऊदी अरब में पहली बार सार्वजनिक मंच पर गीता की प्रस्तुति और लातविया सहित कई देशों में आयोजित गीता महोत्सवों के भव्य आयोजनों की प्रशंसा हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नेचर फॉर्मिंग के लिए छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं और यहां के किसान व युवा उद्यमी इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई है और इसमें छत्तीसगढ़ का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज के ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री द्वारा साझा की गई उपयोगी जानकारियाँ अत्यंत प्रेरक हैं। प्रधानमंत्री ने स्पेस टेक्नोलॉजी में जेन-ज़ी युवाओं द्वारा मंगल ग्रह जैसी परिस्थितियों में ड्रोन परीक्षण, असफल चंद्रयान-2 से सफल चंद्रयान-3 की प्रेरणादायी कहानी, महिला खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन, कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव, कुरुक्षेत्र में ही महाभारत आधारित 3D लाइट एवं साउंड म्यूज़ियम, राष्ट्र को समर्पित स्वदेशी डिज़ाइन वाले युद्धपोत ‘आईएनएस माहे’, भूटान यात्रा, बनारस में आयोजित होने वाले चौथे ‘काशी तमिल संगमम’, विंटर टूरिज्म एवं विंटर गेम्स, तथा ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत देशभर में चल रहे नवाचारों और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का उल्लेख किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं और ‘मन की बात’ के माध्यम से वे सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक आयामों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ देशवासियों तक पहुँचाते हैं। उनके अनुभवों का खजाना हमें यह सीख देता है कि ‘लोकल को ग्लोबल’ कैसे बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आज का दिन विशेष है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी स्वयं रायपुर में मौजूद हैं और इसी दौरान हमें ‘मन की बात’ सुनने का अवसर मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में 26 नवंबर ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर सेंट्रल हॉल में आयोजित विशेष कार्यक्रम का उल्लेख किया। उन्होंने वंदेमातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर देशभर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की शानदार शुरुआत, 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर पर धर्मध्वजा के आरोहण तथा उसी दिन कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में ‘पांचजन्य’ स्मारक के लोकार्पण की जानकारी साझा की।
प्रधानमंत्री ने हैदराबाद में विश्व की सबसे बड़ी लीप इंजन MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) सुविधा के उद्घाटन को भारत की एयरोस्पेस क्षमता में बड़ी छलांग बताया। उन्होंने पिछले सप्ताह मुंबई में भारतीय नौसेना को समर्पित INS ‘माहे’ के शामिल होने और भारत के स्पेस इकोसिस्टम में स्काईरूट के ‘इन्फिनिटी कैंपस’ द्वारा नई उड़ान दिए जाने का भी उल्लेख किया, जो भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक है। कृषि क्षेत्र में भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारत ने 357 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है। दस वर्ष पहले की तुलना में यह उत्पादन 100 मिलियन टन अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में भी भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है और हाल ही में भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलने की घोषणा देश के लिए गर्व का क्षण है।
कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहभागिता भी अत्यंत विशेष रही। उन्होंने बताया कि यूरोप और सेंट्रल एशिया के कई देशों के लोग गीता से प्रेरित होकर बड़ी संख्या में इस महोत्सव में शामिल हुए। इस महीने की शुरुआत में सऊदी अरब में पहली बार सार्वजनिक मंच पर गीता का वाचन हुआ, जबकि लातविया में आयोजित महोत्सव में लातविया, एस्टोनिया, लिथुआनिया और अल्जीरिया के कलाकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, केबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, कैबिनेट मंत्री खुशवंत साहेब, जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, विधायक अनुज शर्मा, पूर्व विधायक आरंग नवीन मार्कण्डेय, विभिन्न निगम-मंडलों एवं आयोगों के अध्यक्ष तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री आवास योजना गरीब परिवारों को पक्का मकान प्रदान करने का क्रांतिकारी कदम है जो ना केवल आवास की कमी को दूर करती है बल्कि ग्रामीण जीवन को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत स्वीकृत सभी आवासों को शीघ्र प्रारंभ कराने एवं समय-सीमा में पूर्ण कराने कलेक्टर बलौदाबाजार के निर्देशानुसार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन में सभी ग्राम पंचायतो में आवास चौपाल का आयोजन कराया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 26 हजार 400 आवास निर्माण स्वीकृत
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2025-26 हेतु जिले में 26 हजार 400 आवास निर्माण को स्वीकृत किया गया, जिसमें से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्योत्सव के अवसर पर 25 हजार 580 हितग्राहियों के खाते में पहली किश्त की राशि जारी की गई। आवास चौपाल का आयोजन सभी ग्राम पंचायतों में तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, जिसमे, सभी नवीन स्वीकृति उपरांत राशि प्राप्त आवास के हितग्राही, पूर्व वर्षाे के स्वीकृति उपरांत अपूर्ण आवास के हितग्राही, राजमिस्त्री, निर्माण, सामाग्री सप्लायर, सरपंच, सचिव एवं अन्य संबंधित शामिल होते हैं।
आवास चौपाल का उद्देश्य कनीकी जानकारी उपलब्ध कराना
आवास निर्माण की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराना। रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराना। सौर सुजला के तहत सौर पैनल लगवाने की जानकारी देना शामिल है। वर्ष 2025-26 में प्रथम क़िस्त जारी 25 हजार 580 आवास के हितग्राहियों को क़िस्त जारी किए गए हैं। सभी आवासों का निर्माण कार्य प्रारंभ कराना। योजना के तहत कन्वर्जेन्स के माध्यम से मिलने वाले अन्य लाभ का जानकारी देना। राजमिस्त्री एवं निर्माण सामग्री की उपलब्धता पर पंचायतों में आवास चौपाल में चर्चा की जा रही है । अब तक बलौदाबाजार में 56, भाटापारा 34, कसडोल में 24 और पलारी 22 पंचायतों में आवास चौपाल करा किया गया है। इस चौपाल में पूर्व वर्षाे के आवासों को जल्दी पूर्ण कराना।
योजना पूर्णतः निःशुल्क अनाधिकृत वसूली से सावधान
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण पारदर्शी और निःशुल्क योजना है जहां किसी भी स्तर पर कोई शुल्क नही लिया जाता। कलेक्टर बलौदाबाजार ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत वसूली, कमीशन या सुविधा शुल्क की मांग नहीं कर सकता। यदि कोई ब्यक्ति आवास पास करान,े क़िस्त जल्दी दिलाने या अन्य किसी बहाने से पैसा की मांग करता है, अनाधिकृत वसूली करने पर, तत्काल शिकायत जनपद पंचायत सीईओ, सीईओ जिला पंचायत या कलेक्टर कार्यालय में दर्ज करायें। ऐसे मामलों का त्वरित जांच कर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
दीपक वैष्णव की ख़ास रिपोर्ट
कोंडागांव / शौर्यपथ / कोंडागांव के दक्षिण वनमण्डल में हुई अवैध कटाई और भ्रष्टाचार ने आखिरकार प्रशासन की नींद उड़ा दी है। शौर्यपथ समाचार द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने नारंगी रेंज के अधिकारियों—नरेन्द्र साहू, घनश्याम सिंह तारम और सुभाष नाग को निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी अनुसार इनके खिलाफ (कार्य में लापरवाही ) लकड़ी की अंधाधुंध कटाई करके उसे मिलों में बेचने का मामला प्रकाश में आया था, जिसका खुलासा शौर्यपथ टीम के वीडियो सबूतों से भी हुआ। वन मंत्री केदार कश्यप की सख्त टिप्पणियों और वनमंडलाधिकारी चूणामणि सिंह के आदेश से जांच दल का गठन कर जाँच हुई, जिसने भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान सुनिश्चित की।
कोंडागांव मुख्यालय के जोगेंदर सॉ मिल एवं शारदा विजय सॉ मिल को भी उड़नदस्ता टीम ने सील किया है। लेकिन सवाल अब भी बना हुआ है कि भ्रष्टाचार के ऐसे गंभीर मामलों में कार्रवाई क्यों चयनात्मक होती है।
गैरजरूरी एंट्री गेट निर्माण पर कार्यवाही का इंतज़ार ...
शौर्यपथ की पुरानी खबरों के अनुसार डोंगरीगुड़ा पहाड़ी पर गैरजरूरी एंट्री गेट निर्माण और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले डामर मिक्सर प्लांट की अनदेखी अभी तक क्यों हो रही है? दहिकोंगा रेंजर बीजन शर्मा के खिलाफ कब कार्रवाई होगी, यह रहता है प्रशासन के लिए चुनौती।
क्या है पूरा मामला ...
बता दे कि कुछ समय पहले शौर्यपथ ने डोंगरीगुड़ा पहाड़ी पर हुए भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित किया था जहाँ अधिकारी द्वारा एन्ट्री गेट के होते हुए कुछ दूरी पर एक और एंट्री गेट लाखों रुपये का बना दिया गया, जो किसी कार्य का नही है सिर्फ पैसों की बर्बादी ही कह सकते हैं। साथ बन रहे बाई पास के लिए डामर मिक्सर प्लांट नया बस स्टैंड के पीछे लगा दिया गया है जो पूरे पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है मगर इसके बाद भी दहिकोंगा रेंज के जिम्मेदार अधिकारी बीजन शर्मा के ऊपर कब कार्यवाही किया जाएगा ये देखने वाली बात है।
शौर्यपथ समाचार के बस्तर संभाग प्रमुख दीपक वैष्णव द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दों ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है। जनहित की लड़ाई में प्रेस की भूमिका साफ दिख रही है।यह घटना स्पष्ट करती है कि जब मीडिया, जनता और सरकार मिलकर सच को सामने लाते हैं तब ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है। अब बारी है कि वन विभाग भ्रष्टाचार के समस्त स्तरों को नियंत्रित कर दहिकोंगा रेंजर समेत अन्य दोषियों पर भी गाज गिराए।
रायपुर / शौर्यपथ /
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय 60वीं DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया। देश की आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी रणनीति, आधुनिक और स्मार्ट पुलिसिंग तथा नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन जैसे राष्ट्रीय विषयों पर केंद्रित इस महत्त्वपूर्ण सम्मेलन में देशभर के DGP, IGP और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए हैं।
इस कॉन्फ्रेंस के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे, जो देर रात स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, रायपुर पहुंच चुके हैं। अंतिम दो दिनों में PM मोदी सुरक्षा एजेंडा, पुलिस सुधार और नक्सलवाद के विरुद्ध राष्ट्रीय रणनीति पर प्रमुख सत्रों का नेतृत्व करेंगे।
अमित शाह ने बताया कि PM मोदी के नेतृत्व में यह वार्षिक कॉन्फ्रेंस अब केवल संवाद नहीं, बल्कि नीति निर्धारण और जमीनी समाधान का प्रभावी राष्ट्रीय मंच बन चुकी है। पिछले 7 वर्षों में 586 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 2014 के 126 नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर अब मात्र 11 रह गई है। साथ ही सरकार ने NIA, UAPA, तीन नए आपराधिक कानूनों और नारकोटिक्स व भगोड़ों पर कठोर प्रावधानों वाले कानूनों से सुरक्षा तंत्र को और सशक्त किया है।
रायपुर में शुरू हुई यह कॉन्फ्रेंस नक्सलवाद के समूल नाश, संगठित अपराध नियंत्रण और देश की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा देने वाला निर्णायक मंच साबित होने जा रही है।
त्रुटि सुधार न करने पर 2742 समितियों के पंजीयन आवेदन निरस्त
वार्षिक विवरणी न देने वाली समितियों पर भी कार्रवाई
रायपुर / शौर्यपथ / रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएँ, छत्तीसगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1973 (संशोधित 1998) के तहत प्रस्तुत पंजीयन आवेदनों की समीक्षा के दौरान बड़ी कार्रवाई की गई है। जिन समितियों को उनके आवेदन पत्रों में पाई गई आपत्तियों के सुधार हेतु ऑनलाइन सूचना भेजी गई थी, उनके द्वारा छह माह से अधिक समय बीत जाने पर भी सुधार नहीं किए गए। इसके कारण ऐसे कुल 2742 आवेदन पत्रों को निरस्त कर दिया गया है तथा इनसे प्राप्त पंजीयन शुल्क को राजसात किया गया है।
इसी प्रकार जो समितियां अधिनियम की धारा 27 एवं 28 के अनुसार अपना वार्षिक विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहीं, उन्हें नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब न मिलने की स्थिति में संबंधित समितियों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। इसी क्रम में सुंदर विहार कॉलोनी वेलफेयर सोसायटी, जिला दुर्ग का पंजीयन भी निरस्त किया गया है।
इसके अलावा 15 अन्य समितियों को भी वार्षिक विवरणी प्रस्तुत न करने पर पंजीयन निरस्तीकरण नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि समिति के पदाधिकारियों के विरुद्ध अधिनियम की धारा 37 के तहत सिविल न्यायालय में परिवाद (मुकदमा) दायर करने की कार्यवाही की जाएगी।
रजिस्ट्रार , फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ श्रीमती पद्मिनी भोई साहू ने कहा है कि अधिनियम का पालन सुनिश्चित करने और पंजीकृत समितियों की जवाबदेही बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
रायपुर / शौर्यपथ /
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय 60वीं DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस का विधिवत उद्घाटन किया। राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई रणनीतिक विषयों पर केंद्रित इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के पुलिस महानिदेशक, निरीक्षक जनरल, शीर्ष सुरक्षा अधिकारी और केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस अब केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि समस्याओं के समाधान, चुनौतियों की पहचान, रणनीति निर्माण और नीति निर्धारण का प्रभावी राष्ट्रीय फोरम बन चुकी है।
नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार—अगली DG कॉन्फ्रेंस तक पूर्ण समाधान का विश्वास
अपने संबोधन के मुख्य भाग में गृह मंत्री ने नक्सलवाद के समूल नाश के लिए केंद्र सरकार की कार्ययोजना और उपलब्धियों का विस्तृत उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि विगत 7 वर्षों में 586 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन स्थापित कर सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया गया है। इसके प्रत्यक्ष परिणामस्वरूप वर्ष 2014 में जहां 126 जिले नक्सल प्रभावित थे, वहीं यह संख्या आज घटकर मात्र 11 रह गई है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि—
“अगली DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस से पहले देश नक्सलवाद की समस्या से पूर्णतः मुक्त हो जाएगा।”
तीन प्रमुख हॉटस्पॉट—नक्सलवाद, नार्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर—के स्थायी समाधान की दिशा में बड़ी प्रगति
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से देश जिन तीन अहम हॉटस्पॉट—
नक्सलवाद
नार्थ-ईस्ट
जम्मू-कश्मीर
—का सामना कर रहा था, उनके समाधान की दिशा में मोदी सरकार ने स्थायी और निर्णायक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा, स्थिरता और विकास का नया अध्याय प्रारंभ हुआ है और जल्द ही ये क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों की तरह पूरी तरह शांतिपूर्ण बनेंगे।
आधुनिक कानून—आतंकवाद, संगठित अपराध और नारकोटिक्स के विरुद्ध व्यापक ढांचा तैयार
श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने—
NIA और UAPA कानूनों को और सुदृढ़ किया है,
तीन नए आपराधिक कानून लागू किए हैं,
नारकोटिक्स और भगोड़ों के लिए कड़े प्रावधानों वाले कानून बनाए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी नए आपराधिक कानूनों के पूर्ण रूप से लागू हो जाने के बाद भारत की पुलिसिंग विश्व में सबसे आधुनिक और सक्षम प्रणाली का स्वरूप ग्रहण कर लेगी।
PFI पर प्रतिबंध—केंद्र–राज्य समन्वय का सफल उदाहरण
गृह मंत्री ने PFI पर किए गए राष्ट्रीय अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद देशभर में उसके ठिकानों पर छापे और गिरफ्तारियां केंद्र और राज्य सरकारों के उत्तम समन्वय का प्रमाण हैं।
उन्होंने बताया कि आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाई में—
Intelligence की Accuracy,
Objective की clarity और
Action की synergy
—ये तीन आधार स्तंभ हैं, जिन पर सुरक्षा एजेंसियाँ प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।
नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर 360° प्रहार की आवश्यकता
श्री शाह ने जोर देकर कहा कि—
“हमें नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर 360 डिग्री प्रहार कर ऐसा तंत्र विकसित करना है कि देश में ड्रग तस्करों और अपराधियों को एक इंच भी जमीन न मिल पाए।”
उन्होंने राज्यों की पुलिस से कहा कि वे NCB के साथ मिलकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई कर उनके आकाओं को जेल में डालने का अभियान और सशक्त बनाएं।
निष्कर्ष
रायपुर में प्रारंभ हुई यह तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस देश की आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, आधुनिक पुलिसिंग, नक्सलवाद के समूल नाश और संगठित अपराध के विरुद्ध राष्ट्रीय रणनीति निर्माण का महत्वपूर्ण मंच साबित हो रही है।
संवाद कार्यालय रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगामी सत्रों में विभिन्न राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विस्तृत प्रेजेंटेशन और रणनीतिक चर्चाएँ आयोजित होंगी।
छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 के तहत शिक्षा विभाग की रणनीति पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
अंजोर विजन के लघु, मध्यम और दीर्घकालीन लक्ष्यों पर व्यापक एवं गहन विमर्श
मुख्यमंत्री ने कहा — लक्ष्य बड़े हैं, इसलिए कार्ययोजना ठोस हो और क्रियान्वयन पूरी ईमानदारी से हो
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 के तहत शिक्षा विभाग के लक्ष्यों की प्राप्ति को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में उन्होंने वर्ष 2030 तक के लघु अवधि, 2035 तक के मध्य अवधि तथा दीर्घकालीन लक्ष्यों पर विस्तृत चर्चा की और अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना तैयार कर त्वरित एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित भारत 2047 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, और इसी क्रम में ‘अंजोर विजन’ के माध्यम से विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति का सबसे सशक्त आधार शिक्षा है, क्योंकि दक्ष, कुशल और स्मार्ट बच्चे ही भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में शिक्षकों की संख्या राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। बैठक के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से समस्त जानकारी मुख्यमंत्री के साथ साझा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यदि एक शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को दृढ़ता से निभा ले, तो बच्चों के भविष्य को स्वर्णिम बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने शिक्षकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, प्रतिभाशाली शिक्षकों को नेतृत्व के अवसर प्रदान करने और बेहतर अकादमिक माहौल विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने आंगनबाड़ी एवं बालवाड़ी के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करने तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए। बैठक में अंजोर विजन 2047 के अंतर्गत 1000 मॉडल स्कूलों की स्थापना, स्कूल कॉम्प्लेक्स प्रणाली, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्कूलों की शुरुआत, एआई-आधारित मूल्यांकन प्रणाली, डिजिटल ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत पाठ योजनाएं, शिक्षक प्रशिक्षण के उन्नयन तथा STEM शिक्षा के विस्तार जैसे प्रमुख लक्ष्यों की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने STEM शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु साइंस सिटी की स्थापना, विज्ञान मेलों के आयोजन और एआई एवं रोबोटिक्स लैब प्रारंभ करने पर विशेष जोर दिया। बैठक में वर्ष 2035 तक ड्रॉपआउट दर को शून्य करने, राज्य स्तरीय ECCE समिति के गठन, शिक्षकों की भर्ती, मूल्यांकन केंद्रों को सुदृढ़ करने और आगामी तीन वर्षों के लक्ष्यों को निर्धारित कर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने संबंधी विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की कार्यप्रणाली — परीक्षार्थियों के डेटा संकलन, प्रश्नपत्र निर्माण, परीक्षा संचालन एवं मूल्यांकन — की समीक्षा की तथा हायर सेकेंडरी स्तर पर अतिरिक्त विषयों के विकल्प, प्रतियोगी परीक्षाओं पर आधारित प्रश्न बैंक, त्रुटिरहित मूल्यांकन व्यवस्था और गोपनीय प्रश्नपत्रों के परिवहन हेतु ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए।
बैठक में एनईपी 2020 के तहत नामांकन दर में हुई उल्लेखनीय वृद्धि, बालवाड़ी को स्कूली शिक्षा से जोड़ने, मातृभाषा-आधारित शिक्षण, ‘जादुई पिटारा’ एवं संवाद कार्यक्रम, इको क्लब की गतिविधियाँ, पीएम ई-विद्या के अंतर्गत डिजिटल प्रसारण तथा व्यावसायिक शिक्षा के विस्तार जैसी उपलब्धियाँ भी प्रस्तुत की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंजोर विजन 2047 के लक्ष्य छत्तीसगढ़ की आने वाली पीढ़ी को सशक्त, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव श्री विकास शील, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष श्रीमती रेणु पिल्लै, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत कुमार सहित स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के पेंशनरों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से संचालनालय पेंशन एवं भविष्य निधि द्वारा नवंबर माह में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। संचालक श्रीमती पद्मिनी भोई साहू के निर्देश पर सभी बैंकों में पेंशनरों से जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
वृद्ध पेंशनरों को बैंक शाखाओं में जाकर जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय तथा संचालनालय पेंशन एवं भविष्य निधि, छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार “डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र मिशन 4.0” के तहत अब पेंशनर किसी भी बैंक में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करा सकते हैं।
राज्य के विभिन्न शहरों में भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य 8 अधिकृत बैंकों द्वारा विशेष कैंप आयोजित किए जा रहे हैं, जहां फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से पेंशनरों के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र लिए जा रहे हैं।
इसके साथ ही पेंशनरों को यह सुविधा भी दी गई है कि वे “JEEVAN PRAMAAN” मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से अपने आधार और मोबाइल नंबर का उपयोग कर घर बैठे ही डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकें।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य के पेंशनरों की कुल संख्या में से लगभग 50 प्रतिशत पेंशनरों के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा किए जा चुके हैं।संचालक पेंशन एवं भविष्य निधि द्वारा पेंशनरों से अपील की गई है कि वे नवंबर माह में जारी इस विशेष अभियान का लाभ अवश्य लें और समय पर अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करें।
बस्तर में विश्वास, सुरक्षा और स्थायी शांति का वातावरण हो रहा है स्थापित - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” तथा “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी मानवीय, संवेदनशील और दूरदर्शी पहल ने बस्तर में विश्वास, सुरक्षा और स्थायी शांति का वातावरण स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवादी भ्रमजाल में फँसे अनेक लोग अब हिंसा का मार्ग छोड़कर विकास और मुख्यधारा की ओर लौट रहे हैं। इसी क्रम में आज दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य एवं 25 लाख के इनामी चैतू उर्फ श्याम दादा सहित कुल 65 लाख रुपए के इनाम वाले 10 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। मुख्यमंत्री ने इसे बदलते बस्तर और सरकार की नीतियों की सफलता का स्पष्ट प्रमाण बताया।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप सभी आत्मसमर्पित साथियों को सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन हेतु आवश्यक पुनर्वास सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। उन्होंने उल्लेख किया कि आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि जनता सरकार की नीतियों पर भरोसा कर रही है और बस्तर तेजी से शांति, विश्वास और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने इसे राज्य की प्रभावी रणनीति, पुलिस प्रशासन की सतत मेहनत और जनविश्वास का सामूहिक परिणाम बताते हुए बस्तर में स्थायी शांति स्थापना की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि कहा।
रायपुर / शौर्यपथ / भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पूरे प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को नारायणपुर जिले में गति मिल रही है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के मार्गदर्शन में प्रशासनिक टीमें और बीएलओ जंगलों-पहाड़ों के बीच बसे दुर्गम इलाकों तक पहुंचकर मतदाता सूची अद्यतन कार्य को निरंतर अंजाम दे रहे हैं। लक्ष्य है—कोई भी पात्र नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।
जिले में वर्तमान में कुल 92,637 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 77.25 प्रतिशत गणना पत्रक का डिजिटाइजेशन अब तक पूरा किया जा चुका है। प्रशासनिक टीमें त्रुटिरहित अद्यतन सुनिश्चित करने के लिए नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, गलतियों को सुधारने और मृत अथवा स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने के कार्य में पूरी गम्भीरता से जुटी हुई हैं।
बीएलओ समरूलाल यादव की प्रेरक कहानी
दुर्गम ग्राम गट्टाकाल से एक प्रेरक उदाहरण सामने आया है। मतदान केंद्र क्रमांक 09 के बीएलओ समरूलाल यादव को पुनरीक्षण कार्य के लिए पहाड़ी पगडंडियों पर मीलों पैदल चलना पड़ा। कई बार उन्हें बिना पुल वाले नदी-नालों को पार करना पड़ा, फिर भी वे लगातार घर-घर पहुंचकर मतदाताओं का सत्यापन करते रहे।
इस मतदान केंद्र के 360 मतदाताओं में से 262 का पुनरीक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि शेष 98 मतदाताओं का कार्य भी तेजी से जारी है। समरूलाल यादव का कहना है कि कठिन रास्ते भी उन्हें लोकतंत्र को मजबूत करने के संकल्प से नहीं रोक पाते।
20 बीएलओ ने किया शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण
जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, जिले के 20 बीएलओ अपने-अपने क्षेत्रों में 100 प्रतिशत पुनरीक्षण कार्य पूरा कर चुके हैं। उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें कलेक्टर प्रतिष्ठा द्वारा निरंतर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जा रहा है।
दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में पहुंचकर मतदाताओं को जोड़ने का यह निरंतर प्रयास जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है।
बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ स्टूडियो निर्माण, ई-क्लासरूम और अन्य डिजिटल संसाधनों को सुदृढ़ करने पर हुई गहन चर्चा
सभी महाविद्यालयों में प्राचार्याे की नियुक्ति
कैंपस से लेकर कक्षा तक सुधार करने मंत्री ने दिए निर्देश
उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन भी रहे उपस्थित
रायपुर / शौर्यपथ / नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में आज उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष देवागंन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री वर्मा ने बैठक की शुरुआत में कहा कि राज्य में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है इसके लिए जो भी सुधार की आवश्यकता होगी विभाग सक्षम है और इसे लेकर विभाग को और अधिक सक्रियता एवं जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा।
बैठक में मंत्री वर्मा ने विश्वविद्यालयों व संभाग के एक-एक महाविद्यालयों में स्टूडियो निर्माण, सभी महाविद्यालयों में ई-क्लासरूम विकसित करने और विद्यार्थियों के लिए डिजिटल संसाधनों को सुदृढ़ बनाने पर भी विचार-विमर्श किया। प्राचार्यों को निर्देशित किया गया कि वे सभी प्राध्यापकों से व्याख्यान बनाकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएँ ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में महाविद्यालयों में प्राचार्यों एवं प्राध्यापकों तथा समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य करने हेतु बायोमैट्रिक्स मशीन लगाई जाए तथा समय पर उपस्थित न होने वालो पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के प्राचार्य अकादमिक कैलेंडर का पालन सुनिश्चित करें और समय-सारणी के अनुसार कक्षाओं का संचालन हो। मंत्री श्री वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राचार्य सुबह 10ः30 बजे से शाम 5ः30 बजे तक महाविद्यालय में स्वंय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और कक्षाओं के निरीक्षण की जिम्मेदारी गंभीरता से निभाएँ। उन्होंने एनईपी-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन, एनईपी कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के कार्य को निरंतर जारी रखने तथा अतिथि व्याख्याताओं को एनईपी प्रशिक्षण देने पर जोर दिया। शैक्षणिक गतिविधियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कठोर कार्रवाई के संकेत भी दिए।
मंत्री टंकराम वर्मा ने न्यायालयीन मामलों में समयबद्ध कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विलंब के कारण विभाग की छवि प्रभावित हो रही है, अतः ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि विभागीय कार्यों में देरी किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।
उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता को आवश्यक बताते हुए कहा कि इंटरनेट सुविधा, ऑनलाइन शिक्षण सामग्री, तथा नवीन शैक्षणिक संसाधनों को लगातार बेहतर बनाने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि महाविद्यालयों में प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने हेतु प्राचार्यों की वरिष्ठता सूची निर्धारित समय में प्रकाशित करने के साथ-साथ डीपीसी से संबंधित सभी लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाएगा।
बैठक में परीवीक्षा अवधि पूर्ण कर चुके सहायक प्राध्यपकों के परीवीक्षा समाप्ति आदेश 15 कार्य दिवस के भीतर जारी करने के निर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि न मांग, न जांच सेवा नियुक्ति संबंधी आदेश 7 दिनों में जारी किए जाएँ। पीएचडी अनुमति हेतु लंबित प्रकरणों की जांच 15 दिनों में पूर्ण कर स्वीकृति पत्र प्रदान किए जाएँ। वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान जनवरी के प्रथम सप्ताह तक जारी करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची एक सप्ताह के भीतर जारी करने का ओदश दिया। तथा यह भी कहाँ कि वर्ष 2024 की रिव्यू डीपीसी कर प्राध्यापकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति 24 दिसंबर 2025 तक प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालयों में ज्ञानअर्जन पोर्टल लागू करने हेतु निर्देश जारी किए जाए तथा एक टास्क फोर्स गठित की जाए। EHRMS के तहत प्रदेश के सभी महाविद्यालयों से प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल एवं क्रीड़ाअधिकारियों की समस्त जानकारी जनवरी 2026 तक ऑनलाईन कर दी जाए। बैठक में उच्च शिक्षा को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने श्री नितिन नवीन का आत्मीय स्वागत किया तथा उन्हें शॉल एवं प्रतीक चिन्ह नन्दी भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक किरण देव एवं छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष सौरभ सिंह उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह गुरुवार देर रात रायपुर पहुंचे, जहां स्वामी विवेकानंद विमानतल पर उनका भव्य एवं आत्मीय स्वागत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया। गृह मंत्री शाह के आगमन को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने कड़े प्रबंध किए थे।
अमित शाह अपने रायपुर प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ में आयोजित डीजी कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे। देश भर के पुलिस महानिदेशकों, सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी वाली यह कॉन्फ्रेंस राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक व्यवस्था और आधुनिक पुलिसिंग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गृह मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को डीजी कॉन्फ्रेंस की मेजबानी का अवसर मिलना गर्व की बात है। उन्होंने गृह मंत्री के आगमन को राज्य के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे सुरक्षा संबंधी नीतियों और रणनीतियों को और मजबूती मिलेगी।
गृह मंत्री शाह के आगमन पर एयरपोर्ट परिसर में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी तथा भाजपा पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। अमित शाह रात में रायपुर में विश्राम कर शुक्रवार से डीजी कॉन्फ्रेंस की बैठकों में शामिल होंगे।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
