March 15, 2025
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भारत

भारत (809)

 देश विदेश /शौर्यपथ/ 

योगी आदित्यनाथ ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को याद करते हुए कू पर लिखा, भारत के पूर्व राष्ट्रपति, सरल व सहज राजनेता, शुचिता एवं कर्मठता के प्रतीक, ’भारत रत्न’ प्रणब मुखर्जी जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.

भारत के पूर्व राष्ट्रपति (Former President) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) की आज 86वीं जयंती है. वे भारत के 13वें राष्ट्रपति थे. उनका जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक छोटे से गांव मिराती के एक साधारण से परिवार में हुआ था. उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी मां का नाम राजलक्ष्मी था. प्रणब मुखर्जी के पिता भी कांग्रेसी नेता थे और आजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए. उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है. कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने विदेश से लेकर रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री तक की भूमिका निभाई. उन्होंने भारतीय राजनीति को बहुत लंबे समय तक, बहुत करीब से देखा.

आज उनकी जयंती के खास मौके पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है और उन्हें याद कर रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी और केशव प्रसाद मौर्या ने भी कू पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

 योगी आदित्यनाथ ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को याद करते हुए कू पर लिखा, भारत के पूर्व राष्ट्रपति, सरल व सहज राजनेता, शुचिता एवं कर्मठता के प्रतीक, 'भारत रत्न' प्रणब मुखर्जी जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.

नितिन गडकरी ने भी कू पर देश के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.

 केशव प्रसाद मौर्या ने भी उन्हें याद करते हुए लिखा, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति एवं भारतरत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन.

उन्होंने कूटनीतिक स्तर पर भी अहम भूमिकाएं निभाईं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से लेकर गुटनिरपेक्ष विदेश मंत्रियों के सम्मेलन सहित कई सम्मेलनों में भारत का नेतृत्व किया. प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत सरकार ने भारत रत्न से नवाजा था. इसके पहले 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा गया था. इसके अलावा वो सर्वोत्तम सांसद और प्रशासक भी रह चुके थे. उन्हें दुनियाभर के विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधियां मिली हुई थीं.

 

 

 

 

वरिष्ठता के क्रम में थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाणे सबसे ऊपर हैं और इसीलिए उन्हें इस पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है, लेकिन इस पद पर वरिष्ठता इकलौती कसौटी नहीं हो सकती है.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

 देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत  का बुधवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना  में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि देश का अगला सीडीएस  कौन होगा. देश में सेना के सबसे बड़े पद को ज्यादा वक्त तक खाली भी नहीं रखा जा सकता है. वरिष्ठता के क्रम में थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाणे  सबसे ऊपर हैं और इसीलिए उन्हें इस पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है, लेकिन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार भी इस पद के दावेदार हैं, क्योंकि इस पद पर वरिष्ठता इकलौती कसौटी नहीं हो सकती है.

यदि जनरल नरवाणे को सीडीएस बनाया जाता है तो थलसेना प्रमुख का ओहदा खाली हो जाएगा. इस पद के दो प्रमुख दावेदार हैं. इनमें से एक हैं सह सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती और दूसरे हैं उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वायके जोशी. बहरहाल जो भी हो इसकी एक पूरी प्रक्रिया है.


  क्या है सीडीएस नियुक्ति की प्रक्रियाः-

- पहले रक्षा मंत्रालय तीन वरिष्ठ अफसरों के नाम नियुक्ति कमेटी ऑफ कैबिनेट को भेजेगी.

- इस कमेटी में पीएम और गृह मंत्री होते हैं.

- सरकार फिलहाल कोई कार्यकारी सीडीएस भी चुन सकती है

 

 

चन्नी ने आप को "ठगों और लुटेरों की पार्टी" बताया. उन्होंने कहा कि आप के ये "बाहरी" लोग पंजाब के किसी भी नेता को अपने पोस्टर और होर्डिंग्स पर जगह नहीं दे रहे हैं, जो उनके "छिपे हुए एजेंडे" को दर्शाता है.

मनसा /शौर्यपथ/

 पंजाब विधानसभा चुनाव  से पहले कांग्रेस और आप में जुबानी जंग जारी है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी  ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को "ठगों और लुटेरों" की पार्टी करार दिया और कहा कि आप के "गैर-पंजाबी" अपने "चुनावी हथकंडे" से राज्य की जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी का मजाक उड़ाते हुए चन्नी ने इसे "खास" पार्टी कहा.

मनसा में एक सभा को संबोधित करते हुए चन्नी ने बादल पर राज्य को "लूटने" और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) पर "कुशासन" का आरोप लगाया.

पंजाब सीएम ने कहा, "खास पार्टी के गैर-पंजाबी अपने चुनावी हथकंडों से पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पंजाबी काफी जागरूक हैं और उन्हें सबक सिखाएंगे." उन्होंने कहा कि हर जगह "बाहरी लोगों" के पोस्टर लगाकर पंजाब पर कब्जा करने का उनका "दिवास्‍वप्‍न" कभी भी हकीकत में तब्दील नहीं होगा क्योंकि पंजाब के लोग इन "काले दिल वाले काले अंग्रेजों" को बाहर फेंक देंगे.

चन्नी ने आप को "ठगों और लुटेरों की पार्टी" बताया. उन्होंने कहा कि आप के ये "बाहरी" लोग पंजाब के किसी भी नेता को अपने पोस्टर और होर्डिंग्स पर जगह नहीं दे रहे हैं, जो उनके "छिपे हुए एजेंडे" को दर्शाता है.

इस महीने की शुरुआत में, चन्नी ने आप को 'काले अंग्रेज' (काले अंग्रेजों) की पार्टी करार दिया था, जो 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं. चन्नी की टिप्पणी का जवाब देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह काले रंग के हो सकते हैं, लेकिन उनका इरादा निष्पक्ष है.

 

 

मंत्री ने बताया कि करीब 9,802 करोड़ रूपए लागत वाली इस परियोजना से 14.04 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और नेपाल से आने वाले पानी के चलते विभिन्न इलाकों में हर साल आने वाली बाढ़ जैसी विभीषिका का जोखिम कम होगा.

बहराइच /शौर्यपथ/

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले हो रहे ताबड़तोड़ उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रमों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी सरयू नहर परियोजना का आगामी 11 दिसम्बर को बलरामपुर से उद्घाटन करेंगे, जो पूर्वांचल में बाढ़ एवं सूखे की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकती है.

राज्य के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बुधवार को यहां बताया कि उक्त परियोजना के उद्घाटन हेतु प्रधानमंत्री 11 दिसम्बर को बलरामपुर के हसुवाडीह आएंगे.

सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध की तपोस्थली और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता नानाजी देशमुख की कर्मस्थली पर बनी इस परियोजना के उद्घाटन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश एवं प्रदेश ही नहीं पूरी, दुनिया को बड़ा संदेश देंगे.

मंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की योजना बनाई थी और इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही उनका सपना भी साकार हो रहा है. उन्होंने बताया कि घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के 25 से 30 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.

मंत्री ने बताया कि करीब 9,802 करोड़ रूपए लागत वाली इस परियोजना से 14.04 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और नेपाल से आने वाले पानी के चलते विभिन्न इलाकों में हर साल आने वाली बाढ़ जैसी विभीषिका का जोखिम कम होगा. यह परियोजना काफी समय से लंबित थी. यह परियोजना देश की उन 99 परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्ण करने के लिए चुना

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने ‘‘इस पर अधिक ध्यान नहीं'' दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उक्त परियोजना अब पूरी हुई है. बहराइच के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री के बलरामपुर दौरे के मद्देनजर बहराइच प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है.
इसके दृष्टिगत एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है.

 

 

 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के सत्ता में आने पर महिलाओं को नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया.

पणजी /शौर्यपथ/

 गोवा (Goa) में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है. वहीं चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ( Priyanka Gandhi) ने गोवा का दौरा किया. इस दौरे पर गईं प्रियंका गांधी ने आदिवासी महिलाओं के साथ पारंपरिक नृत्य किया. उनके डांस के वीडियो को न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्विटर पर पोस्ट किया है. वीडियो में दिख रहा है कि कुछ महिलाएं पारंपरिक नृत्य कर रही हैं. इसी बीच उनके साथ प्रियंका गांधी भी उनके साथ नृत्य में शामिल हुईं. उन्होंने गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के सत्ता में आने पर महिलाओं को नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया.

उन्होंने आम आदमी पर कटाक्ष करते हुए लोगों से बाहर से गोवा में आ रहीं पार्टियों से सावधान रहने को कहा. उन्होंने गोवा की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने के प्रयास कर रही आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की और उसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया, जहां अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में उसकी सरकार है.

गांधी ने सभा में अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, 'इस बार जब आप मतदान करने जाएं तो सबसे पहले अपने बारे में, अपने राज्य और अपने परिवार के बारे में सोचें. उस पार्टी को वोट दें जो आपके मुद्दों का समाधान करेगी. उन्होंने कहा, 'कई पार्टियां बाहर से आएंगी. इन दिनों नयी पार्टियां आ रही हैं.' कांग्रेस नेता ने लोगों से मतदान से पहले यह देखने को कहा कि इन संबंधित दलों ने उन राज्यों में क्या किया है, जहां वे सत्ता में हैं.

गांधी ने कहा, 'क्या उन्होंने विकास किया है? मैं दिल्ली से हूं, दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली में इतना प्रदूषण है कि आप सांस भी नहीं ले सकते.' केवल कांग्रेस पार्टी ही आपके लिए काम करेगी. बता दें कि प्रियंका गांधी ने क्यूपेम विधानसभा क्षेत्र के मोरपीरला गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने आदिवासी महिलाओं से बातचीत की. कांग्रेस नेता आदिवासी महिलाओं के साथ उनके पारंपरिक नृत्य में भी शामिल हुईं.

 

 

 

 

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला मिस यूनिवर्स 2021 पेजेंट को जज करने के लिए इजराइल में हैं. उर्वशी रौतेला को पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने परिवार के लिए आमंत्रित किया था.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला मिस यूनिवर्स 2021 पेजेंट को जज करने के लिए इजराइल में हैं. उर्वशी रौतेला को पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने परिवार के लिए आमंत्रित किया था. अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने बेंजामिन नेतन्याहू पूर्व पीएम को कुछ हिंदी शब्द भी सिखाये, जो थे 'सब शानदार, सब बढ़िया' और उनके शब्दों पर इस डीवा की प्रतिक्रिया देखने में वाकई अनमोल थी. अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो डाला. उर्वशी रौतेला ने कैप्शन दिया, 'इज्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.' उर्वशी रौतेला ने पूर्व पीएम को 'श्रीमद्भगवद्गीता' भी उपहार में दी.

वर्क फ्रंट की बात करें तो उर्वशी रौतेला वेब फिल्म इंस्पेक्टर अविनाश में अभिनेता रणदीप हुड्डा द्वारा निभाए गए इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा की वास्तविक जीवन पत्नी पूनम मिश्रा के किरदार में नजर आएंगी.

उर्वशी रौतेला कुछ और दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी दिखाई देंगी, जिनमें तेलुगु फीचर ब्लैक रोज शामिल है, जिसमें वह मुख्य भूमिका निभाएंगी, और सरवना अभिनीत 200 करोड़ की तमिल ब्लॉकबस्टर का अगला शेड्यूल जल्द ही शुरू होने वाला है.

इसके अलावा उर्वशी रौतेला ने अपनी आगामी फिल्म दिल है ग्रे का आधिकारिक पोस्टर साझा किया, जो हिट तमिल फिल्म थिरुट्टू पायले 2 का हिंदी संस्करण है.

 

 

 

तीन कानूनों को रद्द करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद, किसान अन्य मांगों का हवाला देते हुए विरोध स्थलों पर रुके हुए थे.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 15 महीनों से डेरा डाले हुए किसान शनिवार आज आंदोलन खत्म करके पंजाब और हरियाणा में अपने घरों को लौटेंगे. इसे दौरान वे विजय मार्च निकालेंगे. किसानों के आंदोलन ने केंद्र सरकार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था. आंदोलन खत्म होने के बाद किसान अब प्रदर्शनस्थल से अपने अस्थाई आवास हटा रहे हैं. आंदोलन को दौरान किसानों को कभी 'आतंकी' तो कभी 'खालिस्तानी' तक करार दिया गया, लेकिन किसानों ने अपना हौसला नहीं खोया और सरकार को उनके सामने कानून वापस लेने को सरकार को मजबूर होना पड़ा.

बताया जा रहा है कि ट्रैक्टरों पर घर जाने वाले किसानों को बधाई देने के लिए हाइवे के किनारे विशेष व्यवस्था की गई है.

शुरुआत में विजय मार्च की योजना शुक्रवार के लिए बनाई गई थी, लेकिन तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित 13 लोग मारे गए थे.

तीन कानूनों को रद्द करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद, किसान अन्य मांगों का हवाला देते हुए विरोध स्थलों पर रुके हुए थे, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना शामिल था.

 आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति को बाकि मांगों पर केंद्र द्वारा लिखित प्रस्ताव भेजे जाने के बाद ही किसानों ने वापस लौटने के अपने फैसले का ऐलान किया.

केंद्र एमएसपी मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक समिति बनाने पर सहमत हो गया है. समिति में सरकारी अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ और किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल होंगे. सरकार किसानों के खिलाफ सभी पुलिस केस रद्द करने के लिए भी सहमत हो गई है, ये मामले हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किए थे.

किसान मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई 700 किसानों की मौत के मुआवजे की मांग पर केंद्र ने कहा है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और पंजाब पहले ही घोषणा कर चुका है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाकि मुद्दों पर चर्चा के लिए किसान नेताओं से फोन पर बात करने के बाद केंद्र का प्रस्ताव आया था.

 

 

 

 

 जिम्बाब्वे से दिल्ली पहुंचे एक यात्री की जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट सामने आने के बाद मरीज के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बारे में पता चला है.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

देश में ओमिक्रॉन  बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट  का एक और मामला सामने आया है. जिम्बाब्वे दिल्ली पहुंचे एक यात्री की जीनोम सीक्वेंसिंग  की रिपोर्ट सामने आने के बाद मरीज के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बारे में पता चला है. इसके बाद दिल्ली में ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर दो हो गई है. मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) भी शामिल रहा है.

दिल्ली में विदेश से आने वाले लोगों के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. लोक नारायण जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती 27 मरीजों की अब तक जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई है. इनमें से 25 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि दो लोगों के सैम्पल में ओमिक्रॉन पाया गया है.

ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति भारतीय है और विदेश यात्रा पर गया था, जहां से लौटने पर उसे कोरोना से संक्रमित पाया गया था.

देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइन जारी की थी. एक दिसंबर से जारी गाइडलाइन में जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट करना अनिवार्य कर दिया गया.

 साथ ही दूसरे देशों से आने वाले दो फीसद लोगों का रेंडम बेस पर टेस्ट करना भी शामिल है. बावजूद इसके देश में ओमिक्रॉन के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. देश में सबसे पहले कर्नाटक में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आए थे.

 

 

 

 

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के हाल ही में लॉन्च संस्मरणों में अयोध्या बेंच के अन्य न्यायाधीशों के साथ दिल्ली के लक्जरी होटल में डिनर के वक्त की एक तस्वीर है.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के हाल ही में लॉन्च संस्मरणों में अयोध्या बेंच के अन्य न्यायाधीशों के साथ दिल्ली के लक्जरी होटल में डिनर के वक्त की एक तस्वीर है. इस तस्वीर का कैप्शन है 'सेलिब्रेटिंग द लैंडमार्क अयोध्या वर्डिक्ट'. अपनी किताब में, मुख्य न्यायाधीश गोगोई कहते हैं: "फैसले सुनाने वाली शाम को मैं न्यायाधीशों को डिनर के लिए ताज मानसिंह होटल ले गया. हमने चाइनीज खाना खाया और वहां की सबसे अच्छी वाइन की एक बोतल शेयर की."

अयोध्या विवाद के रूप में एक विवादास्पद मुद्दे पर फैसले का जश्न मनाना उचित था? न्यायमूर्ति गोगोई ने इस बात से इनकार किया कि डिनर एक जश्न था." उन्होंने सवाल के जवाब में सवाल पूछा कि जब आप कभी दोस्तों के साथ डिनर के लिए जाते हैं, तो आपको बाहर का खाना चखने का मन नहीं करता है?"

यह पूछे जाने पर कि क्या यह असंवेदनशील नहीं होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो शायद फैसला हार चुके हैं. उन्होंने इसे खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "इनमें से सभी न्यायाधीश ने काम किया और चार महीने (अयोध्या फैसले पर) काम किया है. हम सभी ने इतनी मेहनत की, हमने सोचा कि हम एक ब्रेक लेंगे. क्या हमने कुछ ऐसा किया है जो उचित नहीं है?"

साक्षात्कार न्यायमूर्ति गोगोई की आत्मकथा को लेकर था, जिसका शीर्षक "जस्टिस फॉर द जज" है. इसमें कोर्ट की एक महिला स्टाफ द्वारा न्यायमूर्ति गोगोई के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई की अध्यक्षता करने के उनके फैसले के बारे में भी है.

उन्होंने कहा, "मेरी किताब में एक वाक्य है, कि शायद पीठ में मेरी भागीदारी सही नहीं थी."

उन्होंने कहा कि यह फैसला उनकी प्रतिष्ठा को लेकर चिंता के चलते लिया गया है.

"सीजेआई (भारत के मुख्य न्यायाधीश) स्वर्ग से नहीं उतरते हैं. 40 साल की कड़ी मेहनत के बाद मिली प्रतिष्ठा को नष्ट करने की कोशिश की जाती है. इस स्थिति में आपको एक कॉल लेने की आवश्यकता होती है. इसमें कुछ गलत हो जाता है."

सुनवाई के अंत में, बेंच ने एक आदेश पारित किया जिसमें मीडिया को "जंगली और निंदनीय आरोपों" की रिपोर्ट करने से सावधान रहने के लिए कहा गया. जैसे कि जस्टिस गोगोई के खिलाफ आरोपों को शुरू में ही लिखना. हालांकि, इस पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

"आदेश घटना की रिपोर्टिंग में मीडिया को संयमित रहने के लिए दी गई एक तरह की सलाह थी... बेंच जो कहना चाह रही थी, वह यह है कि जो आरोप बेबुनियाद और निंदनीय हैं, उन्हें उचित सावधानी के साथ रिपोर्ट किया जाना चाहिए. बस इतना ही."

राज्यसभा में उनके विवादास्पद प्रवेश पर, न्यायाधीश ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, कि उन्होंने "इसे स्वीकार करने से पहले नहीं सोचा," और उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि यह आरोप लगाया जाएगा कि यह सीट राफेल और राम जन्मभूमि मामलों में "दिए गए निर्णयों के लिए एक प्रतिफल थी"." उन्होंने कहा कि वे इस प्रस्ताव को इसलिए स्वीकार कर लिए क्योंकि इससे उन्हें न्यायपालिका और उनके गृह राज्य असम की समस्याओं को उजागर करने का अवसर मिलेगा.

राज्यसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि संसद में उनकी 10 फीसदी से भी कम उपस्थिति है.

राज्यसभा में उनकी उपस्थिति के खराब रिकॉर्ड के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मुझे वहां जाने में बहुत सहज महसूस नहीं हुआ. और महामारी चल रही है और आज भी मैं राज्यसभा में जाने में बहुत सहज महसूस नहीं कर रहा हूं ... हालांकि सामाजिक दूरी के मानदंड लागू किए गए हैं, लेकिन उनका पालन नहीं किया जा रहा है."

उन्होंने कहा, "मुद्दा यह है कि जब मुझे लगेगा कि राज्यसभा जाना चाहिए.. जब मुझे लगेगा कि जरूरी मामले हैं जिन पर मुझे बोलना चाहिए, मैं जाऊंगा... मैं एक मनोनीत सदस्य हूं. मैं किसी पार्टी के व्हिप द्वारा शासित नहीं हूं. मैं सदन का एक स्वतंत्र सदस्य हूं. मैं अपनी मर्जी से जाऊंगा और अपनी मर्जी से बाहर आऊंगा."


ऐसे आरोप भी लगे कि संसद की सीट राफेल और अयोध्या मामले जैसे मामलों में उनके फैसलों के लिए एक "इनाम" थी. इसपर उन्होंने कहा कि फैसले सिर्फ उनके नहीं थे बल्कि एक बेंच द्वारा पारित किए गए थे.

 

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