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राजनांदगांव / शौर्यपथ / मुसीबत की घड़ी में भला कौन साथ देता है और जो हाथ थामकर सहारा दे जाए, वही शायद ‘अपना’ होता है। सेवाभावी संस्था ‘इंडियन रोटी बैंक’ बिल्कूल इसी सोच के साथ कार्य करते हुए इन दिनों अशक्तों का सहारा बन रहा है। अशक्तों की पीड़ा को महसूस करते हुए उनकी मदद के लिए संस्था की ओर से कई प्रेरक पहल की जा रही है और यही वजह है कि ‘इंडियन रोटी बैंक’ का सेवाभाव शहर में अब चर्चा का विषय बन गया है।
कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों की जीवनशैली का एक बड़ा हिस्सा जहां, अस्त-व्यस्त पड़ गया है, वहीं ‘इंडियन रोटी बैंक’ की ओर से जरूरतमंदों को मॉस्क, कंबल और भोजन वितरित किए जा रहे हैं। इस सेवाभाव से प्रेरित होकर संस्था से अब कई लोग जुड़ने लगे हैं, ताकि संस्कारधानी में सहयोग की एक नई पंरपरा को आकार दिया जा सके। सेवाभावी संस्था ‘इंडियन रोटी बैंक’ का सबसे महत्वपूर्ण नारा ‘इंडियन रोटी बैंक का सपना, कोई भूखा न सोये अपना’ है और इन दिनों इसी टैग लाइन पर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा राजनांदगांव के फ्लाई ओवर व सड़क के किनारे सोने वालों को ठंड से बचाने के लिए कंबल बांटे गए। इस दौरान ठंड में ठिठुरते बुजुर्गों को जब कंबल मिला तो वे अपने खुशी के आंसू नहीं रोक पाए और संस्था के लोगों को भरपूर आशीर्वाद दिया।
इस संबंध में संस्था के जिला कोर्डिनेटर भावना तिवारी (टेरो कार्ड रीडर) ने बताया कि ‘इंडियन रोटी बैंक’ संस्था द्वारा अशक्त लोगों को कुछ महीने से लगातार मॉस्क, सेनेटाइजर, कंबल व भोजन के अलावा जरूरत के अन्य सामान्य सामान वितरित किए जा रहे हैं। यानी अशक्तों की पीड़ा को भांपकर उनकी मदद करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है और संभवतः इसी सेवाभाव का परिणाम है कि संस्था में राजनांदगांव से बहुत से सेवाभावी लोग जुड़ भी रहे हैं। इस मॉस्क, कंबल और भोजन वितरण के मौके पर जिला समन्वयक भावना तिवारी के साथ संस्था के सदस्य कमलेश तिवारी, विकास शर्मा, आकाश, खुशी, पूजा, अक्षय व ओजस्विनी सहित अन्य सेवाभावी लोग मौजूद थे और सभी ने इस पहल की खुलकर तारीफ की। इस पहल को समाज के लिए अनुकरणीय बताया।
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