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रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर अब तक कुल 50 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन कियाजा चुका है। रायपुर संभाग में 14.52 लाख मीट्रिक टन, बिलासपुर संभाग में 9.76 लाख मीट्रिक टन, दुर्ग संभाग में 17.79 लाख मीट्रिक टन, बस्तर संभाग में 4.13 लाख मीट्रिक टन और सरगुजा संभाग में 3.80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है।
प्रदेश में कुल 27.78 लाख पंजीकृत किसानों में से अब तक 10.66 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है। इनमें 2.92 लाख लघु एवं सीमांत कृषक और 6.26 लाख दीर्घ कृषक शामिल हैं। किसानों को उनकी फसल का भुगतान तेजी से किया जा रहा है। अब तक विपणन संघ द्वारा 10,770 करोड़ रुपये की राशि अपेक्स बैंक को अंतरित की जा चुकी है। इसके तहत, संबंधित किसानों के बैंक खातों में नियमित रूप से राशि स्थानांतरित की जा रही है।किसानों की सुविधा हेतु उपार्जन केंद्रों पर माइक्रो एटीएम की व्यवस्था की गई है। साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
धान उपार्जन के लिए बारदानों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारत सरकार की नीति के अनुसार, पुराने और नए बारदानों का उपयोग 50:50 अनुपात में किया जा रहा है। प्रदेश में अनुमानित 160 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन के लिए 4 लाख गठान नए बारदानों की आवश्यकता है, जिसमें से अब तक 3.65 लाख गठान उपलब्ध कराए जा चुके हैं। शेष बारदान अगले 15-20 दिनों में प्राप्त हो जाएंगे।
अब तक पीडीएस बारदानों के रूप में 54,153 गठान, मिलर बारदानों के रूप में 1,40,924 गठान और किसान बारदानों के रूप में 12,747 गठान उपयोग किए जा चुके हैं। सभी उपार्जन केंद्रों में बारदानों की कोई कमी नहीं है। उपार्जित धान के संग्रहण और भंडारण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस वर्ष भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 37.25 लाख मी.टन कर दिया गया है। जिन केंद्रों में भंडारण क्षमता से अधिक धान जमा हो रहा है, वहां परिवहन आदेश जारी कर निकटतम संग्रहण केंद्रों में धान का परिवहन किया जा रहा है। अब तक 9.09 लाख मीट्रिक टन धान के परिवहन आदेश जारी किए जा चुके हैं।
कस्टम मिलिंग के लिए 2133 मिलरों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1672 राइस मिलरों का पंजीकरण हो चुका है। इन मिलरों को 3.37 लाख मीट्रिक टन धान के वितरण आदेश जारी किए गए हैं।
धान उपार्जन में रिसाइक्लिंग रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है । अब तक 733 प्रकरण दर्ज कर 41,303 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। सीमावर्ती जिलों में 273 चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं, जहां नियमित निगरानी की जा रही है। नोडल अधिकारियों द्वारा उपार्जन केंद्रों पर भौतिक सत्यापन और पोर्टल पर डेटा अपलोड करने का कार्य भी जारी है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राइस मिलर और घोषित हड़ताल से वापस आ रहे हैं। राइस मिलों के पंजीयन, अनुमति अनुबंध एवं मिलिंग अनुबंध में लगातार वृद्धि हो रही है।
दुर्ग / शौर्यपथ / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में तथा डॉ. प्रज्ञा पचौरी, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में जिला न्यायालय एवं तहसील व्यवहार न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके तहत जिला न्यायालय दुर्ग, कुटुम्ब न्यायालय, दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 व्यवहार न्यायालय पाटन एवं व्यवहार न्यायालय धमधा तथा किशोर न्याय बोर्ड, श्रम न्यायालय, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ), राजस्व न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मॉ सरस्वती के तैलचित्र पर डॉ. प्रज्ञा पचौरी प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर प्रातः 10.30 बजे किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग के अलावा जिला अधिवक्ता संघ, दुर्ग की अध्यक्ष सुश्री नीता जैन एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण तथा विभिन्न बैंक के प्रबंधक उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत में कुल 35 खण्डपीठ का गठन किया गया। परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ, जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 27, तहसील व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 में 01 खण्डपीठ, तहसील व्यवहार न्यायालय पाटन हेतु 01 खण्डपीठ, तहसील व्यवहार न्यायालय धमधा में 01 खण्डपीठ, किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग के लिए 01 खण्डपीठ का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त राजस्व न्यायालय में भी प्रकरण का निराकरण हेतु खण्डपीठ का गठन किया गया था।
उक्त नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य दाण्डिक सिविल परिवार, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण रखे गये तथा उनका निराकरण आपसी सुलह, समझौते के आधार पर किया गया। इसके अलावा बैकिंग/वित्तीय संस्था, विद्युत एवं दूरसंचार से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों (विवाद पूर्व प्रकरण) का निराकरण भी किया गया। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों के आपसी राजीनामा से प्रकरण का शीघ्र निराकरण होता है, इसमें न तो किसी की हार होती है न ही किसी की जीत होती है।
आज आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, दुर्ग के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर दुर्ग में आने वाले पक्षकारों के स्वास्थ्य जाँच/ परीक्षण हेतु एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया गया जिसमें उक्त विभाग/ कार्यालय की ओर से डॉ. चंचल चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य सहायक कर्मचारियों द्वारा सेवाएं प्रदान की गयी। उक्त आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर में कोर्ट भ्रमण के दौरान पक्षकारों व बैंक प्रबंधकों से रू-ब-रू होते हुए माननीय जिला न्यायाधीश डॉ. प्रज्ञा पचौरी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा स्वास्थ्य की जाँच परीक्षण कराया गया इसके अलावा स्वास्थ्य जाँच शिविरष् में अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्त्तागण एवं बड़ी संख्या में आमजनों के द्वारा अपने स्वास्थ्य की जांच / परीक्षण कराया गया और बहुतायत संख्या में लोग लाभांवित हुए हैं। इसके अलावा जनसाधारण / आमजनों / पक्षकारों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था गुरुद्वारा-शहीद बाबादीप सिंह व श्री गुरूसिंह सभा गुरुद्वारा के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर में किया गया था जहां बहुतायत संख्या में आमजनों द्वारा निःशुल्क भोजन ग्रहण किया गया ।
वर्ष 2024 के चतुर्थ एवं अंतिम नेशनल लोक अदालत में कुल 18596 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 421419 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि 351470458 रूपये रहा। इनमें बैंक के प्रीलिटिगेशन के कुल 46, विद्युत के कुल 329, बीएसएनएल के 97 मामले निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि लगभग 6244074 रही है। इसी कम में लंबित निराकृत हुए प्रकरण में 773 दाण्डिक प्रकरण, क्लेम के 63 प्रकरण, पारिवारिक मामलें के 128 चेक अनादरण के 1021 मामलें, व्यवहार वाद के 42 मामलें श्रम न्यायालय के कुल 57 मामलें तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) दुर्ग के कुल 3004 मामलें निराकृत हुए।
उक्त नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण निम्नानुसार रहे -
पति के मृत्यु उपरांत पत्नि को मोटर दुर्घटना दावा के तहत क्षतिपूर्ति अवार्ड मिला 60,00,000/ रूपये
मामला खंडपीठ क्र. 02 के पीठासीन अधिकारी श्री शेख अशरफ प्रथम मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण दुर्ग के न्यायालय का है जिसमें श्रीमती आर. भाग्य लक्ष्मी व अन्य विरूद्ध उत्तम साहू व अन्य के मामले में आवेदकगण द्वारा मृतक आर. कोटेश्वर की मृत्यु के परिणाम स्वरूप क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें माननीय न्यायालय के समझाईश उपरांत अनावेदक क्र. 3 नेशनल इंश्योरेंस बीमा कंपनी एवं आवेदकगण के मध्य राजीनामा होने से मामला समाप्त हुआ जिसके फलस्वरूप 60,00,000/ रूपये की राशि का क्षतिपूर्ति अवार्ड पारित किया गया तथा आवेदकगण को उक्त राशि का चेक भी प्रदान किया गया ।
रिश्तेदारों के आपसी राजीनामा से आपराधिक मामला हुआ समाप्त-
मामला खंडपीठ क्र. 10 के पीठासीन अधिकारी श्री जनार्दन खरे, न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें शासन विरूद्ध कामता प्रसाद में अभियुक्त कामता प्रसाद के विरूद्ध धारा 451, 323, 294 एवं 506 भाग दो के तहत अपराध पंजीबद्ध हुआ था जो साक्ष्य स्तर पर लंबित था। आरोपी और प्रार्थी आपस में रिश्तेदार थें। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय के द्वारा समझाईश दिये जाने से उभयपक्ष अभियुक्त एवं प्रार्थी के द्वारा आपसी राजीनामा से मामला समाप्त किया गया तथा दोनों रिश्तेदार आपस में पुनः मिलकर राजीखुशी से घर वापस गए।
पड़ोसियों में स्थापित हुआ मधुर संबंध -
मामला खंडपीठ क्र. 17 के पीठासीन अधिकारी सुश्री श्वेता पटेल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें अभियुक्तगण राजेश एवं दुर्गेश दोनों सहोदर हैं, जिनकी पड़ोसी प्रार्थिया मीना सोनी है जिसकी किराने की दुकान है। उक्त दुकान बंद होने उपरांत शराब के नशे में आकर प्रार्थीया से गाली-गलौच करने लगे तथा दुकान खोलकर सामान देने की जिद करने लगे। फलस्वरूप प्रार्थी मीना द्वारा थाने में रिपोर्ट लिखायी गयी। उक्त मामला आज नेशनल लोक अदालत में रखा गया था। जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा समझाईश दिये जाने से अभियुक्तगण एवं प्रार्थिया, दोनों पड़ोसियों के द्वारा आपसी राजीनामा कर पुनः मधुर संबंध स्थापित करते हुए मामला समाप्त किया गया।
देवर-ननद-भाभी के मध्य पुनर्स्थापित हुआ मधुर संबंध -
मामला खंडपीठ क्र. 21 के पीठासीन अधिकारी सुश्री पायल टोप्नो, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें प्रार्थिया शिफा बानो के घर कागज मांगने आयी उन्हीं की ननंद व देवर के द्वारा प्रार्थिया से मारपीट एवं गाली-गलौच किया गया। तत्संबंध में आपराधिक मामला दर्ज होने से न्यायालय के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत होने पर समझाईश दिये जाने पर उभयपक्ष दोनों रिश्तेदारों के द्वारा प्रकरण में हंॅसी खुशी राजीनामा करते हुए लोक अदालत के ध्येय वाक्य लोक अदालत का सार न किसी की जीत न किसी की हार को साकार किया।
आपराधिक काउंटर प्रकरण में राजीनामा के माध्यम से हुआ मामला समाप्त -
मामला खंडपीठ क्र. 13 के पीठासीन अधिकारी श्री भगवान दास पनिका, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें अभियुक्त एवं प्रार्थिया दोनों के द्वारा एक-दुसरे के विरूद्ध काउंटर मामले दर्ज हुए थे। उक्त मामले में प्रार्थिया महिला, जोकि गर्भवती थी, को पुताई करने के लिए मना करने पर आरोपीगण व प्रार्थिया दोनों के मध्यम हाथ मुक्के से मारपीट हुई। घटना के संबंध में उभयपक्षों के द्वारा एक-दूसरे के विरूद्ध काउंटर प्रकरण दर्ज कराया गया। आज लोक अदालत में उभयपक्ष के उपस्थित होने पर प्रार्थिया तथा आरोपीगण को माननीय न्यायालय द्वारा समझाईश दिये जाने से एक-दूसरे के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण आपसी राजीनामा के आधार पर समाप्त करते हुए उभयपक्ष राजीखुशी दुबारा ऐसी घटना घटित नहीं करेंगे ऐसी कसम लेते हुए अपने अपने घर चले गए।
विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हैदराबाद में उपस्थित प्रतिवादी से हुआ राजीनामा -
मामला खंडपीठ क्र. 20 के पीठासीन अधिकारी श्री रवि कुमार कश्यप न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें आज नेशनल लोक अदालत में वादी स्वयं उपस्थित होकर प्रतिवादी से राशि प्राप्त किया जाना व्यक्त करते हुए मामला समाप्त करने निवेदन किया गया। चूंकि प्रतिवादी भोजराज के हैदराबाद में होने से राजीनामा की संभावनाएं नाममात्र थीं किन्तु आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा से प्रतिवादी भोजराज से संपर्क स्थापित कर प्रतिवादी की उपस्थिति लेते हुए प्रकरण में वादी एवं प्रतिवादी के मध्य राजीनामा के तहत मामला समाप्त हुआ। उक्त प्रकरण में प्रतिवादी को न्यायालय तक आने की आवश्यकता नहीं पड़ी जो न्यायालय द्वारा, माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के ई-कोर्ट मिशन अंतर्गत प्रदत्त कम्प्यूटर एवं तकनीकों का पूर्ण रूपेण प्रयोग करते हुए उक्त मिशन की सफलता दर्शाता है।
दाम्पत्य जीवन हुआ फिर से खुशहाल -
मेरावी मामला कुटुम्ब न्यायालय के खंडपीठ क्र. 01 पीठासीन अधिकारी श्रीमती गिरिजा देवी प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें आवेदिका अपने एवं अपने अल्पायु बच्चों के लिए अनावेदक के विरूद्ध भरण पोषण का मामला प्रस्तुत किया था। आवेदिका एवं अनावेदक का विवाह 29 जून 2012 में हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुआ था जिनके दाम्पत्य संबंधों से एक पुत्री एवं एक पुत्र का जन्म हुआ, जो वर्तमान में आवेदिका के साथ रह रहे है। आवेदिका के गर्भवती होने पर अनावेदक, आवेदिका को मायके में छोड़कर ठेकेदारी करने के लिए केरल चला गया। अनावेदक शराब पीकर आवेदिका के मायके आकर आवेदिका से मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था, आवेदिका बच्चों के भविष्य को देखते हुए सबकुछ सहते रही किन्तु अनावेदक के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं होने से सामाजिक बैठक पंचायत करायी गयी, तब भी अनावेदक के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। अनावेदक, आवेदकगण का भरण पोषण नहीं करने और बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर कोई खर्च एवं ध्यान नहीं देने तथा आवेदकगण के पास जीविकोपार्जन का संकट पैदा हो जाने से आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध भरण पोषण का मामला कुटुम्ब न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया है।
न्यायालय के द्वारा नेशनल लोक अदालत के अवसर पर पक्षकारों के मध्य सुलह कार्यवाही कराये जाने पर सुलह समझाईश पश्चात् उभयपक्ष पुरानी बातों को भूलकर साथ-साथ रहकर दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने को तैयार होकर मामला समाप्त कर आवेदिका एवं अनावेदक दोनों अवयस्क बच्चों सहित राजी-खुशी से घर चले गये इस प्रकार सुलहवार्ता सफल रही। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से एक बिखरे हुए परिवार को फिर से एक किया गया, जिससे लोक अदालत का सिद्धांत-लोक अदालत का सार, न किसी की जीत, न किसी की हार पूर्ण हुई।
10 वर्ष से बिखरा हुआ परिवार फिर से हुआ खुशहाल -
मामला कुटुम्ब न्यायालय के खंडपीठ क्र. 01 पीठासीन अधिकारी श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग के न्यायालय का है, जिसमें आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध देय भरण पोषण राशि में वृद्धि करने का मामला प्रस्तुत की थी। आवेदिका एवं अनावेदक लगभग 10 वर्षों से पृथक-पृथक निवासरत थे। आवेदिका एवं अनावेदक के दाम्पत्य संसर्ग से एक पुत्र उका जन्म हुआ जो आवेदिका के साथ रहता था। आवेदिका पूर्व में देय भरण-पोषण राशि में वृद्धि करने हेतू मामला प्रस्तुत किया गया। पक्षकारों के मध्य सुलह कार्यवाही कराये जाने पर उभयपक्ष पुरानी बातों को भूलकर, जो 10 वर्ष से पृथक-पृथक रह रहे थे, पुरानी बातों को भूलकर साथ-साथ रहकर साम्पत्य जीवन व्यतीत करने तैयार हो गये। इस प्रकार सुलह वार्ता सफल रही, मामला समाप्त हुआ। और उभयपक्ष अपने पुत्र सहित राजीखुशी घर चले गए। इस प्रकार एक बिखरा हुआ परिवार फिर से एक हुआ।
आंधप्रदेश में उपस्थित प्रार्थी के द्वारा विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपराधिक मामले में किया गया राजीनामा -
मामला तहसील व्यवहार न्यायालय भिलाई-03 के खंडपीठ कमांक 01 के पीठासीन अधिकारी सुश्री अमिता जायसवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, भिलाई-03 के न्यायालय का है, जिसमें जितेन्द्र महानंद के द्वारा धारा- 294, 323, 506 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अभियुक्त दिनेश दुर्गा के विरूद्ध प्रथम सूचना दर्ज कराया गया था। आहत प्रार्थी जितेन्द्र के आंध्रप्रदेश में होने के कारण आज दिनांक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जितेन्द्र महानंद की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा राजीनामा की समझाईश दी गई जिस पर उभयपक्षों के द्वारा राजीनामा के माध्यम से प्रकरण को समाप्त किया गया। उभयपक्षों द्वारा मामला विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समाप्त होने पर माननीय न्यायालय का आभार व्यक्त किया गया। जिससे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की मंशा न्याय आपके द्वार पूर्ण हुई।
इसी खंडपीठ के एक अन्य मामले में आहत दिलीप भारती, अंजनी भारती व शिवम भारती के द्वारा सत्या भारती के विरूद्ध धारा- 294, 323, 506 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। प्रकरण में दिलीप भारती, अंजनी भारती के द्वारा प्रकरण का शमन कर लिया गया था। प्रकरण में विचारण शिवम भारती के लिए अभियुक्तगण का हो रहा था। शिवम भारती गरियाबंद जेल में निरूद्ध है। आज दिनांक को विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिवम भारती की उपस्थिति सुनिश्चित की गई उसे राजीनामा के महत्व की जानकारी दी गई तब उसके द्वारा राजीनामा किये जाने की सहमति दी गई जिसके आधार पर प्रकरण का नेशनल लोक अदालत में निराकरण किया गया ।
दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार आज प्रयास आवासीय विद्यालय के जीवविज्ञान संकाय में अध्ययनरत 140 विद्यार्थियों को एम्स रायपुर का भ्रमण कराया गया। जहां उन्हें अस्पताल की कार्यप्रणाली से परिचित कराया गया। डिप्टी कलेक्टर श्री विजय ध्रुव ने बताया कि छात्रों को आपातकालीन सेवा, ऑपरेशन थियेटर, रेडियोलॉजी विभाग का भ्रमण कराते हुए आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और तकनीको से अवगत कराया गया। एक विशेष सत्र में छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में कैरियर बनाने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी संबंधी जानकारी डॉक्टरों और कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा दी गई।
दुर्ग / शौर्यपथ / राज्य सरकार के 13 दिसम्बर को एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में तथा प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश में सुशासन को प्रदर्शित करने दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई गई। दुर्ग नगर के राजेन्द्र पार्क चौराहा पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाई गई इस छायाचित्र प्रदर्शनी में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी, जनकल्याणकारी योजनाओं तथा राज्य एवं जिले की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित पत्रिकाएं व प्रचार सामग्रियां लोगों को वितरित किया गया। नगरवासियों, विद्यार्थियों के अलावा राह चलते लोगों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश के उल्लंघन पर मिल परिसर को किया गया सील
रायपुर / शौर्यपथ / खाद्य विभाग की टीम द्वारा आज रायपुर, धमतरी, महासमुंद और राजनांदगांव जिले में स्थित राईस मिलों का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें आर.टी. राईस मिल (प्रो. प्रमोद जैन) के परिसर पर विधिक कार्यवाही की गई।आर.टी. राईस मिल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग हेतु पंजीयन कराने के उपरांत भी अनुमति एवं अनुबंध का निष्पादन नहीं कराया गया है। शासकीय धान का उठाव नहीं किया जा रहा है। मिल परिसर में 390 क्विंटल उसना चावल एवं 1200 क्विंटल धान फ्री सेल प्रयोजन हेतु पाया गया, जो कि प्रथम दृष्टया छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश, 2016 का उल्लंघन है। मिल परिसर को सील कर धान एवं चावल को जब्त कर लिया गया है। जांच दल में तहसीलदार श्री बाबूलाल कुर्रे, नायब तहसीलदार श्री राजेन्द्र चन्द्राकर, सहायक खाद्य अधिकारी श्रीमती बिन्दु प्रधान सम्मिलित थे।
इसके अतिरिक्त जिला महासमुंद में श्रीवास्तव राईस मिल, नारायण राईस मिल, माँ लक्ष्मी राईस मिल, जिला धमतरी में आकांक्षा राईस मिल, जिला राजनांदगांव में अतुल राईस मिल में जांच टीम द्वारा दबिश दी गई है एवं नियमानुसार जांच किया जा रहा है।
बस्तर ओलंपिक का आयोजन केवल खेल नहीं, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह, और प्रतिभा का उत्सव: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर / शौर्यपथ / केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज बस्तर जिले के जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक आने वाले दिनों में बस्तर के विकास की यशोगाथा बनेगा और शांति, सुरक्षा, विकास और नई उम्मीद की नींव डालने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि हम देश से नक्सलवाद को पूर्ण रूप से 31 मार्च 2026 तक समाप्त करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर से नक्सलवाद समाप्त होने पर यहां कश्मीर से ज्यादा पर्यटक आएंगे। मां दंतेश्वरी की कृपा से बस्तर को प्रकृति के अनुपम सौंदर्य का वरदान मिला है। हम यहां पर पर्यटन को आगे बढ़ाएंगे। हम यहां पर छोटे-छोटे उद्योगों को आगे बढ़ाकर रोजगार के अवसरों का सृजन करेंगे। उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता। जीतता वह है जो कभी हार नहीं मानता। बस्तर के अंदर अनेक संभावनाएं हैं। यहां जो 3000 बच्चे मेरे सामने बैठे हैं उसमें से कोई बच्चा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक में गोल्ड मेडल लेकर आएगा तो पूरा भारत इस पर गर्व करेगा।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ हमने दोनों मोर्चे पर काम किया है। एक ओर वह नक्सली जो सरेंडर नहीं हुए और जो हिंसा करते थे उनके खिलाफ सुरक्षा बलों को खड़ा करके उनको मार गिराने का काम किया। जो सरेंडर हुए उनको बसाने का काम किया और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जो विकास से पिछड़ गए थे, उनको विकसित करने का अभियान भी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों के आशीर्वाद से राज्य में डबल इंजन की सरकार बनी और नक्सलवाद के खिलाफ हमारा अभियान तेज हुआ और नक्सल उन्मूलन की दिशा में हमें लगातार सफलता मिल रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तरवासियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी ने पूरे उत्साह के साथ बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर इसे ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया है। इस आयोजन में 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ियों के लिए प्रबंधन करना एक चुनौती थी, बस्तर संभाग के सातों जिलों की पूरी टीम ने इसे बखूबी पूरा किया, इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूँ।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से हम सभी बस्तर अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह, और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है, न कि माओवाद की हिंसा।
इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन-प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्याें में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है। आज जब लाखों युवा इस ओलंपिक में भाग लेते हैं और अपनी ऊर्जा को खेलों में लगाते हैं, तो यह हमारे लिए एक सुखद संकेत है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलम्पिक का सफल आयोजन हमें विश्वास दिलाता है कि बस्तर के युवाओं की क्षमता और उनकी शक्ति को अगर सही दिशा में प्रेरित किया जाए, तो विकास और खुशहाली का रास्ता कोई नही रोक सकता है। ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियोें ने यह संदेश भी दिया कि बस्तर में बदलाव की बयार चल पड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की। नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल, रोजगार और सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आज आपके चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि माओवादी हिंसा से प्रभावित दिव्यांगजनों ने भी इन खेलों में हिस्सा लिया। उनकी हिम्मत और जज्बा ने दिखा दिया है कि बस्तर के लोग कभी हार नहीं मानते। बस्तर ने लम्बे समय से माओवाद के दंश को झेला है। लेकिन आज, बस्तर शांति और विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह उपलब्धि हमारे केंद्रीय गृह मंत्री जी के सतत मार्गदर्शन और हर संभव सहयोग के कारण संभव हो पाई है। उनके बेहतर अंतरराज्यीय समन्वय और निरंतर प्रोत्साहन से हम माओवाद को जड़ से समाप्त करने की ओर अग्रसर हैं। बस्तर ओलंपिक में बच्चों-युवाओं ने उत्साह से हिस्सा लिया, और बुजुर्गों ने भी इन खेलों का आनंद लेकर अपने बचपन और स्कूली जीवन की यादें ताजा कीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में माओवाद की जड़ें कमजोर हुई हैं, और यह सब हमारे सुरक्षा बलों की बहादुरी, बेहतर रणनीति, और आप सभी की लोकतांत्रिक आस्था के कारण संभव हुआ है। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 220 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 937 माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। अभी हाल ही मैंने बस्तर के सुरक्षा कैंप में जवानों के साथ रात गुजारी। यह मेरे जीवन का सबसे सुखद अनुभव था। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है।
हमारे नक्सल पीड़ित परिवारों के परिजन भी इस मौके पर यहां मौजूद हैं। मैं उनके साहस की भी प्रशंसा करना चाहूंगा। उन्होंने रायपुर से दिल्ली तक आज हर फोरम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इनके माध्यम से दुनिया को पता चला कि माओवाद का वास्तविक चेहरा कितना क्रूर है।
हमारी एक बड़ी कामयाबी यह भी है कि हम ’नियद नेल्ला नार योजना’ के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षाें से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। वनवासी भाईयों की आय में वृद्धि के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए हमने किया है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। भारत सरकार नीति के अनुरूप हिंसा का रास्ता छोड़ आत्मसमर्पण करने वालों को तत्काल ट्रांजिट कैम्प में रखने की व्यवस्था की जा रही है। उनको मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विविध कौशल विकास का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण में निर्धारित किया है। नई औद्योगिक नीति में भी हमने बस्तर के विकास के साथ ही नक्सल पीड़ित तथा आत्म समर्पित लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। आज डबल इंजन की सरकार में बस्तर सहित पूरे प्रदेश में सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी में तेजी से विस्तार हुआ है। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुन लिया है। हमारे लिए गौरव की बात यह है कि भारत का यह एकमात्र गांव है, जिसे 60 देशों के 20 गांवों की सूची में स्थान मिला है। इसके साथ ही विश्व पर्यटन के नक्शे में छत्तीसगढ़ और बस्तर का स्थान सुनिश्चित हो गया है।
आने वाले दिनों में पर्यटन भी बस्तर की बड़ी ताकत बनेगा। रोजगार के नये मौके खुलेंगे। लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी। हम यहां पर्यटन के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं सभी विजेताओं को बधाई देता हूँ और कहना चाहूंगा कि आपकी प्रतिभा को निखारने के लिए हर संभव संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर की मिट्टी में जो साहस, सामर्थ्य और जज्बा है, वह इस क्षेत्र को विकास और शांति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। नक्सलवाद का अंत सुनिश्चित है, और बस्तर की यह जीत खेलों के माध्यम से एक नए युग का आगाज है।
बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 300 से अधिक नुवा बाट (आत्म समर्पित माओवादी) ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसके साथ ही 18 से अधिक माओवादी हिंसा में प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ी भी शामिल हुए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा, लोकसभा सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, बड़ी संख्या में आम नागरिक और खेल प्रेमी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति निशान हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, साहस और समर्पण का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए ऐतिहासिक दिन : गृह मंत्री अमित शाह ने सौंपा राष्ट्रपति निशान
छत्तीसगढ़ पुलिस की 24 वर्षों की सेवा का सम्मान, यह गौरव हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है छत्तीसगढ़
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित बेहद गरिमामय कार्यक्रम में राज्य की पुलिस को राष्ट्रपति निशान (पुलिस कलर्स अवार्ड-2024) सौंपा। यह देश के सशस्त्र बलों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। विगत 24 वर्षों में छत्तीसगढ़ पुलिस की असाधारण सेवाओं, बहादुरी और कर्तव्यपरायणता के लिए राज्य को यह सम्मान मिला है। छत्तीसगढ़ यह सम्मान हासिल करने वाला देश का सबसे युवा राज्य है, जिसने अपने गठन के मात्र 24 वर्षों में ही यह उपलब्धि हासिल की है।
गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का पुलिस कलर्स अवार्ड केवल एक सम्मान नहीं है, यह सेवा और कर्तव्य का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलवाद, संगठित अपराध और मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में जो साहस और प्रतिबद्धता दिखाई है, वह अभूतपूर्व है। छत्तीसगढ़ पुलिस देश के सर्वश्रेष्ठ और बहादुर पुलिस बलों में से एक बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ और देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ और देश से नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा हो जाएगा। श्री शाह ने छत्तीसगढ़ पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि इसने न केवल कानून और व्यवस्था को बनाए रखा है, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति का पुलिस कलर्स अवार्ड पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, उनका हौसला और मनोबल बढ़ाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जांबाज पुलिस को राष्ट्रपति निशान सौंपना मेरे लिए भी गर्व की बात है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ की पुलिस की कड़ी मेहनत, समर्पण और जनता के प्रति लगाव का द्योतक है। छत्तीसगढ़ की पुलिस नक्सलियों के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने की तैयारी में है। यहां की पुलिस ने कानून-व्यवस्था और नक्सल मोर्च के साथ ही कोरोना महामारी में भी बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटने की अपील की। श्री शाह ने समारोह में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का जो कार्य किया, उसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद-370 को हटाकर और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों और अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के केवल 24 वर्षों में हमारे पुलिस बल को उनकी असाधारण सेवाओं और जनता के प्रति समर्पण के लिए मिला है। यह सम्मान न केवल पुलिस बल के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें और अधिक उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
मुख्यमंत्री ने एंटी-नक्सल ऑपरेशनों में छत्तीसगढ़ पुलिस की सफलता पर कहा कि बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। भारत सरकार की नीति के अनुरूप हिंसा का रास्ता छोड़ आत्मसमर्पण करने वालों को तत्काल ट्रांजिट कैम्प में रखने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही उन्हें तीन साल तक 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड के तौर पर देने की व्यवस्था की गई है। उनके कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
श्री साय ने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत 5 लाख या उससे अधिक के इनामी माओवादी के आत्मसमर्पण करने पर उन्हें आवास हेतु शहरी क्षेत्र में अधिकतम 4 डिसमिल जमीन या ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा इनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 15,000 पक्के आवास स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की पुलिस द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू किए गए ‘महिला थाना’, महिला हेल्प डेस्क और ‘अभिव्यक्ति’ ऐप जैसे प्रयास उनकी संवेदनशीलता और जनता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाते हैं।
उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति निशान छत्तीसगढ़ पुलिस के साहस, सेवा और कर्तव्यपरायणता का सशक्त प्रतीक है। राष्ट्रपति पुलिस निशान का यह अलंकरण न केवल पुलिस बल को गर्वित करता है, बल्कि उन्हें नई ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। राज्य की पुलिस ने यह सिद्ध किया है कि वह दुर्जनों के लिए भय और सज्जनों के लिए सम्मान का पर्याय है।
पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने अपने स्वागत भाषण में छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि 1 नवम्बर 2000 को राज्य की स्थापना के बाद से पुलिस बल ने हर मोर्चे पर साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशनों, पुनर्वास नीतियों और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस जनता की सेवा में हर समय तत्पर रही है।
राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में परेड द्वारा मुख्य अतिथि अमित शाह को सलामी दी गई। श्री शाह ने सलामी के बाद परेड का निरीक्षण किया। महिला और पुरुष प्लाटून द्वारा मार्चपास्ट भी किया गया। मुख्य अतिथि श्री शाह ने धर्मगुरूओं द्वारा मंत्रोच्चार के बाद आकाश में तिरंगे गुब्बारों और शानदार आतिशबाजी के बीच छत्तीसगढ़ पुलिस को राष्ट्रपति निशान सौंपा। उन्होंने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पुलिस की 24 वर्षों के सफर पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और आसूचना ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी, जवान और शहीद जवानों के परिजन बड़ी संख्या में समारोह में उपस्थित थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद ने अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया।
जनसम्पर्क विभाग की अभिनव पहल
रायपुर / शौर्यपथ /आज सभी अखबारों में " मैं हूँ बदलता बस्तर" का एक विज्ञापन छपा है, जिसमें एक क्यूआर कोड भी दिया गया है। क्यूआर कोड को स्कैन करने के साथ ही बदलते बस्तर का एक वीडियो डिस्प्ले हो रहा है, जिसमें बस्तर के बदलते हालात को देखा जा सकता है।
दरअसल यह विज्ञापन जनसम्पर्क विभाग ने जारी किया है, जो आज सोशल मीडिया में तेजी से ायरल हो रहा है। जनसम्पर्क का यह अभिनव प्रयोग है, जिसमें फिक्स्ड विज्ञापन प्रदर्शित करने के साथ ही वीडियो भी डिस्प्ले हो रहा है।
पिछले एक साल में राज्य सरकार ने नक्सली मोर्चे पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। कभी नक्सलियों के गढ़ रहे अधिकांश हिस्सों को नक्सल मुक्त कराने के साथ ही वहां विकास के काम शुरू किए गए हैं। यही सब बदलते बस्तर की तस्वीर में दिखाई गई है।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा पर्यावरण जागरूकता माह के तहत पर्यावरण जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में मटेरियल रिकवरी डिपार्टमेंट (एमआरडी) में विशेष पर्यावरण क्विज का आयोजन किया गया। यह क्विज मुख्यत: पर्यावरणीय चेतना, इस्पात संयंत्र में कार्बन उत्सर्जन प्रबंधन तथा कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के उपायों से जुड़े प्रश्नों पर केन्द्रित थी। इस आयोजन का उद्देश्य कार्मिकों में पर्यावरणीय जानकारी बढ़ाना,पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति संवेदनशील बनाना एवं इस्पात उत्पादन प्रक्रिया में होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने के प्रति जागरूक करना था। इसके साथ ही एमआरडी विभाग द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र के मक डंप क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। इस हरित पहल में फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) ने भी अपना सहयोग प्रदान किया। एफएसएनएल भिलाई यूनिट के प्रमुख सुबिकाश बिस्वास ने पौधरोपण के लिए उपयुक्त स्थान एवं पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई।
वृक्षारोपण कार्यक्रम मुख्य महाप्रबंधक एमआरडी सुशील कुमार के नेतृत्व में चलाया गया। महाप्रबंधक एमआरडी अलोक माथुर एवं उप महाप्रबंधक एमआरडी रेजी उन्नूनी सहित एमआरडी एवं एफएसएनएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वृक्षारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। क्विज का संचालन सहायक प्रबंधक एमआरडी कुलदीप सिंह तोमर एवं सहायक महाप्रबंधक अवनीश दुबे एमआरडी द्वारा किया गया।पर्यावरण जागरूकता माह के तहत आयोजित इन कार्यक्रमों के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण, कार्बन उत्सर्जन में कमी, तथा सतत विकास के मार्ग पर आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस पहल ने संगठन की हरित प्रतिबद्धता को और मजबूती प्रदान करते हुए सभी प्रतिभागियों के बीच पर्यावरणीय जागरूकता के नए मापदंड स्थापित किए हैं।
भिलाई / शौर्यपथ / प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी अंबेडकर नगर में विशाल राज्य स्तरीय बौद्ध मेला का आयोजन सोमवार करने सेक्टर चार कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में 16 दिसंबर को संध्या 7 बजे से विशाल राज्य स्तरीय बौद्ध मेला का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया और इसके लिए कार्यक्रम को सुचारू रूप से करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई जिसमें प्रात:11
बजे से पूज्य भिखु संघ भंते धम्मतप महेंद्र एवं ज्ञान बोधी द्वारा परित्राण पाठ किया जाएगा। इस अवसर पर कार्यक्रम के सलाहकार सुनील रामटेके ने कहा कि दोपहर 3 बजे बुद्ध भीम गीतों पर डांस कार्यक्रम एवं संध्या 7 बजे से अतिथियों का स्वागत एवं उद्बोधन होगा और रात्रि में कव्वाली का कार्यक्रम होगा। श्री रामटेके ने आगे कहा कि इस प्रकार का कार्यक्रम करने का मुख्य उद्देश्य दुर्ग जिले के अंतर्गत बौद्ध समाज को सामाजिक एकता में पिरोकर जागृत करना है।
बैठक में प्रमुख रूप से सुनील रामटेके बबलू चौरे, जितेंद्र मडामे, योगेश खांडेकर, बलराम कोलते , कमलेश्वर चौरे, उमरांव खांडेकर ,सेवक राम बांद्रे ,अविनाश अडकणे राहुल मेश्राम, महेश मालापुरे आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर दुर्ग जिले के विधायक गण प्रशासनिक अधिकारी एवं सर्वदलीय सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।