November 24, 2024
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PANKAJ CHANDRAKAR

PANKAJ CHANDRAKAR

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

'अग्निपथ' योजना' को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बेहद ही जरूरी बताते हुए कहा है कि ये योजना अब वापस नहीं होगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि बेहतर कल के लिए बदलाव ज़रूरी है. को दिए इंटरव्यू में अजीत डोभाल ने कहा कि जो हम कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं. यदि हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा. ये योजना इसलिए आवश्यक है क्योंकि भारत में, भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है: अग्निपथ योजना पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता देश की सुरक्षा है.

अग्निपथ भर्ती योजना पर अजीत डोभाल ने कहा कि अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे. बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा, जो अग्निवीर नियमित होंगे उन्हें 4 साल बाद घनिष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी. अजीत डोभाल ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि सकारात्मक रहें, राष्ट्र में विश्वास रखें, नेतृत्व में विश्वास रखें, समाज में विश्वास रखें और खुद पर विश्वास रखें.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं. 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था. राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था. आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है. आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है. ये दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है. सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है. रेजिमेंट के सिद्धांत पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आगे कहा कि जो दूसरा वर्ग है, उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है. वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं. वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं. वे लोगों को भटकाना चाहते हैं.

वहीं पाकिस्तान पर बात करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि "पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ते चाहते हैं, लेकिन बर्दाश्त का माद्दा कम है..."

मुंबई /शौर्यपथ/

महाराष्ट्र में राजनीति घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है, हालांकि शिवसेना का दावा है कि आज दिन खत्म होने से पहले ही संकट को खत्म कर लिया जाएगा.दरअसल, शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे 21 विधायकों के साथ सूरत के होटल में ठहरे हुए हैं. वे बीजेपी शासित राज्यों में पनाह ले रहे हैं. शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे का इस्तेमाल कर राज्य सरकार को गिराने का प्रयास सफल नहीं होगा. शिंदे एक वफादार पार्टी कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने कई बार हमारे साथ आंदोलन में भाग लिया है. वह बाला साहब के सिपाही हैं." उन्होंने आगे दावा किया कि शिंदे के साथ संपर्क हो गया है.

उधर, सूरत के होटल में ठहरे शिवसेना विधायक नितिन देशमुख की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. उद्धव ठाकरे की सरकार के तीन घटक हैं- उनकी अपनी पार्टी, शरद पवार की पार्टी और कांग्रेस. इससे पूर्व विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना और कांग्रेस के सदस्यों द्वारा क्रॉस वोटिंग ने बीजेपी को 10 में से पांच सीटें जीतने में सक्षम बनाया. क्रॉस वोटिंग से कुछ दिनों पहले राज्यसभा चुनावों के दौरान भी बीजेपी को उसकी संख्या से अधिक का परिणाम मिला था.
बता दें कि शिंदे सोमवार देर रात गुजरात के लिए रवाना हुए. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली में मौजूद हैं. क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली तलब किया है.
वहीं इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि हमारी सभी विधायकों से बात हुई है. देख रहे हैं आगे क्या होगा. आज की स्थिति पर अभी बात करना ठीक नहीं. सीएम साहब से बात हुई है, स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. ऐसा नहीं कह सकते कि अघाड़ी सरकार खतरे में हैं. शरद पवार साहब से भी अभी कोई बात नहीं हुई है. सोमवार को क्रॉस वोटिंग हुई है, लेकिन हमारे विधायकों से बात हो रही है.
एकनाथ शिंदे के सफर की बात करें तो ऑटो रिक्शा चलाने से लेकर मंत्री बनने तक का सफर रहा है. वह ठाणे में पहले पार्षद बने फिर शिवसेना को ठाणे में मजबूत बनाया और बाद में चार बार विधायक भी बने. शिंदे शिवसेना को ठाणे और ग्रामीण महाराष्ट्र में मजबूत करने के लिए ज़िम्मेदार हैं. वह सामान्य परिवार से आते हैं, बेटे को शिवसेना ने कल्याण से सांसद बनाया है. शिवसेना के कार्यक्रम को बनाने और उसे फाइनेंस करवाने की बड़ी जिम्मेदारी एकनाथ शिंदे के

 नई दिल्ली /शौर्यपथ/

सेना में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. इस योजना का विरोध करने वालों का कहना है कि चार साल बाद युवा कहां जाएंगे. इस बीच उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि वह अग्निवीरों को अपनी कंपनी में काम करने का अवसर देंगे. आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर कमेंट किया, ‘अग्निपथ कार्यक्रम को लेकर हुई हिंसा से दुखी हूं, जब पिछले साल इस स्कीम पर विचार किया गया था, तो मैंने कहा था और मैं दोहराता हूं कि अग्निवीरों द्वारा हासिल किया गया अनुशासन और कौशल उन्हें प्रमुख रूप से रोजगार योग्य बना देगा. महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है.

वहीं इस पूरे मामले पर बिहार के नेता राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर आनंद महिंद्रा को जवाब देते हुए लिखा कि आनंद महिंद्रा जी, फ़ौजी बनता है तिरंगे को सलामी देने किसी उद्योगपति आनंद महिंद्रा को सलामी देने के लिए नहीं, आपके कुल कर्मी की संख्या ढाई लाख है! सिर्फ सेना में आज ढाई लाख पद ख़ाली हैं."

आनंद महिंद्रा के सोशल मीडिया पर किए गए ऐलान और पप्पू यादव के समर्थन में उतरे लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि आनंद महिंद्रा और बाकी सब उद्योगपति झूठ बोल रहे हैं क्योंकि महिंद्रा में नौकरी पाने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री होनी आवश्यक है. आप किसी भी अग्निवीर को नौकरी नहीं दे सकते. उनका ये ऐलान बिल्कुल झूठा है. कुछ लोग आनंद महिंद्रा पर तंज कसते हुए लिख रहे है, आनंद महिंद्रा को बोलिए नौकरी मत दीजिए बस सरकार से बोल दीजिये कि अग्निवीर की सैलरी और पेंशन का खर्चा इनकी कंपनी महिंद्रा ग्रुप उठाएगी.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट और ड्रामे के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार ने दावा किया है कि "महाराष्ट्र सरकार 'अच्छी तरह चल रही' है. उन्होंने कहा, "जो कुछ हुआ है, वो ढाई साल में तीसरा इंसिडेंट है. इससे पहले हमारे विधायकों को बुलाकर हरियाणा में रखा गया था लेकिन बाद में हमने सरकार बनाई और सरकार सही से चल रही है."
एकनाथ शिंदे पर उन्होंने कहा, "तीनों पार्टी में मुख्य जिम्मेदारी शिवसेना की है. वहां किसी को मौका देना, ये उनका आंतरिक मामला है." उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में कोई बदलाव की जरूरत नहीं दिख रही है. पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में हमारा एक कैंडिडेट जीत नहीं सका मगर वापस जाने के बाद हम जरूर बात करेंगे. उन्होंने कहा, पहले भी क्रॉस वोटिंग होती रही है.

पवार ने कहा कि प्रसिडेंशियल उम्मीदवार पर चर्चा केके लिए मैं यहां हूं. 2.30 बजे उसपर मीटिंग है. मुझे यहां की स्थिति देखने के बाद कुछ रास्ता निकलेगा ये मुझे भरोसा है.
पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की दोपहर को बैठक बुलाई है. ये शिवसेना का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा कि शाम को महाराष्ट्र जाऊंगा. इसके साथ ही एनसीपी चीफ ने कहा कि उनकी अभी किसी भी विधायक से बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा, "शिवसेना, कांग्रेस और हम साथ है. शिवसेना जब तक नहीं बताएगी क्या समस्या है तब तक हम कदम नहीं उठाएंगे. शाम को शिवसेना से मुलाकात होगी तब पता चलेगा कि क्या समस्या है?"

खाना खजाना /शौर्यपथ/

फर्मेंटेड फूड वो होता है जिसे खमीरी प्रक्रिया के जरिए तैयार किया जाता है. इस प्रोसेस में बैक्टीरिया, ईस्ट जैसे सूक्ष्मजीव स्टार्च और शुगर जैसे कार्ब्स को अल्कोहल या एसिड में बदल देते हैं. ये अल्कोहल या एसिड प्रिजर्वेटिव की तरह काम करते हैं. इससे खाने का स्वाद भी थोड़ा खट्टा हो जाता है. फर्मेंटेशन की इस प्रोसेस में फायदेमंद बैक्टीरिया पनपते हैं. इन बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक कहा जाता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे खमीर उठाना कहते हैं. इस प्रोसेस से दही, इडली, डोसा, ढोकला जैसी चीजें बनाई जाती है.

फर्मेंटेड फूड को बनाने के लिए फूड प्रोडक्ट को कुछ घंटों के लिए रूम टेम्परेचर पर छोड़ दिया जाता है. जैसे अगर आपको इडली-डोसा बनाना है तो दाल-चावल लिक्विड मिश्रण को कुछ घंटों के लिए रूम टेम्प्रेचर पर छोड़ दिया जाता है. इसी तरह ढोकले को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली दाल के मिश्रण को भी कुछ घंटों के लिए रूम टेम्परेचर पर छोड़ दिया जाता है. इससे उसमें खमीर उठ जाता है और उसका स्वाद भी बदल जाता है. खमीर उठने से वो मिश्रण फूल जाता है. खमीर को जल्दी उठाने यानी इस प्रोसेस को तेज करने के लिए बेकिंग सोडा, यीस्ट और फ्रूट सॉल्ट का इस्तेमाल भी किया जाता है.

फर्मेंटेशन प्रोसेस में फायदेमंद बैक्टीरिया पनपते हैं. ये बैक्टीरिया इम्यूनिटी को बेहतर बनाने और डाइजेशन आदि में मदद करते हैं. फर्मेंटेड फूड में विटामिन B12, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है.

फर्मेंटेड फूड से मेंटल हेल्थ भी जुड़ी है. दरअसल, आंत में न्यूरॉन्स होते हैं जो हमारे इमोशन और फीलिंग्स को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. इसे हार्ट हेल्थ के भी अच्छा माना जाता है. इससे ब्लड प्रेशर में कमी और कोलेस्ट्रॉल बैलेंस में सुधार होता है.

सेहत/शौर्यपथ/

अक्सर बेली फैट को घटाना मुश्किल होता है. आपको अपने पेट की चर्बी कम करने के लिए उन एक्सरसाइज पर जोर देने की जरूरत होती है जो सीधा फैट को पिघलाने का काम करें. इस लेख में ऐसी ही कुछ एक्सरसाइज का जिक्र है जो तेजी से पेट की चर्बी घटाने और पेट को सपाट बनाने में मदद करती हैं. इन्हें करने पर आपकी कमर भी पतली दिखने लगेगी और आपकी हिप्स को शेप भी मिलेगी. आइए जानें ये एक्सरसाइज कौन-कौनसी हैं.
बेली फैट कम करने की एक्सरसाइज
लेग इन एंड आउट
इस एक्सरसाइज का सीधा असर आपके पेट पर होगा. इसे करने के 2-3 दिन तक आपको पेट में दर्द भी महसूस हो सकता है, लेकिन आदत पड़ जाने के बाद आपको आसानी होगी. इस एक्सरसाइज को करने के लिए जमीन पर बैठें और हाथों को हिप्स के पास रखें और पीछे की तरफ झुकें. अब पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए आगे पीछे करें. ध्यान रहे आपके पैर हवा में रहने चाहिए. 20 रेप्स के 2 सेट करें.
सीजर किक्स
इस एक्सरसाइज को भी जमीन पर लेटकर किया जाता है. इसमें आपको अपने दोनों पैरों को पहले सीधा रखना होता है इसके बाद कैंची की तरह पैर चलाने होते हैं. पहले आपका एक पैर ऊपर जाता है और दूसरा नीचे, फिर दूसरा ऊपर जाता है और पहला नीचे. इस एक्सरसाइज के आप 12 रेप्स 3 सेट में कर सकते हैं. बीच में 20 सैकंड का रेस्ट जरूर लें.
क्रंचेस
क्रंचेस करने के लिए अपनी पीठ के बल लेटें और हाथों को सिर के पीछे रखकर जोड़ लें. अब हाथों से ही सिर को उठाते हुए ऊपर ले जाएं और फिर नीचे लाएं. इसमें आपकी कमर भी साथ-साथ मुड़ेगी. इस एक्सरसाइज का असर सीधा बेली फैट पर होता है. गहरी सांस लेते हुए इसके 2 सेट्स करें. हर सेट में 12 रेप्स होने चाहिए.
सिट-अप्स
इस एक्सरसाइज को भी क्रंचेस की तरह किया जाता है. इसमें फर्क बस इतना है कि आप कमर को मोड़ते भर नहीं हैं बल्कि एकदम सीधा होकर बैठते हैं. सिट-अप्स (Sit Ups) करने के लिए पहले सिर के पीछे हाथ रखकर पूरा उठकर बैठा जाता है और फिर उसके बाद वापस जमीन पर लेटते हैं. इसमें आपके पैरों को किसी सपोर्ट की जरूरत भी होती है. इस एकसरसाइज़ के 12 रेप्स और 2 सेट किए जा सकते हैं.
हील टच
जमीन पर घुटने मोड़कर लेट जाएं और फिर दोनों हाथों से बारी-बारी साइड में मुड़ते हुए पैरों की एड़ियों को छूएं. इससे कमर के दोनों तरफ का फैट बर्न करने में सहायता मिलती है. इसके 20 रेप्स के 3 सेट्स जरूर करें और बीच-बीच में 30 सैकंड का ब्रेक लें.

खाना खजाना /शौर्यपथ/

वजन घटाने या बॉडी बनाने के लिए सही एक्सरसाइज का चयन जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है वर्कआउट के बाद सही डाइट लेना. क्योंकि, वर्कआउट के बाद डाइट ठीक नहीं हुई तो वर्कआउट का फायदा की जगह नुकसान भी हो सकता है. वर्कआउट के बाद आपकी डाइट में प्रोटीन और कार्ब्स का सही तालमेल होना चाहिए. इसके लिए आप चाहें तो कुछ स्मूदीज ट्राई कर सकते हैं. जो बॉडी को ठीक तरह से हाइड्रेट भी रखेगी. क्योंकि आप वर्कआउट के दौरान काफी पसीना बहा चुके होंगे. साथ ही आपको कार्ब्स, प्रोटीन के साथ साथ कई तरह के विटामिन मिनरल्स का पोषण भी देंगी. चलिए जानते हैं ऐसी स्मूदीज बनाने के आसान तरीके.

इन 3 स्मूदी के सेवन से शरीर को रख सकते हैं एनर्जेटिकः

प्रोटीन से भरपूर चॉकलेट स्मूदी

ये स्मूदी बनाने के लिए आपको चाहिए नारियल का दूध, प्रोटीन पाउडर, दालचीनी पाउडर, बिना नमक का बादाम से बना बटर, कोको पाउडर, नमक, कोकोनट बटर और खजूर. एक ब्लेंडर में ये सारी चीजें लेकर मिक्स करें. बस स्मूदी बनकर तैयार है. आप इसका सेवन कर सकते हैं.

मिल्क बनाना पीनट बटर स्मूदी

ये भी एक क्विक स्मूदी है. जो आपको पूरा पोषण देने के साथ साथ भरपूर एनर्जी भी देगा. इसे बनाने के लिए ज्यादा सामग्री की भी जरूरत नहीं है. एक केला, दूध और पीनट बटर के साथ ये स्मूदी बनकर तैयार हो जाएगी. इन तीनों चीजों को ब्लेंडर में डालकर चलाएं. बस आप के लिए ये स्मूदी तैयार है.

स्ट्रॉबरी प्रोटीन स्मूदी

अगर आपने जमकर योग किया है. या पावर योग किया है तो ये स्मूदी मसल्स को रिपेअर करने में बहुत मददगार साबित होगी. इसे बनाने के लिए आप फ्रोजन स्ट्रॉबेरी लें, फ्रोजन ब्लू बेरी, केला, ग्रीक योगर्ट, आल्मंड बटर, शुगर फ्री कोको पाउडर और पानी लें. इन सब को एक साथ ब्लेंड करें. किसी भी किस्म के वर्कआउट के बाद ये स्मूदी जरूर लें.
ये सभी स्मूदी योग या वर्कआउट के बीस से तीन मिनट बाद ले सकते हैं. जो मसल्स रिपेयर करने में और एनर्जी लॉस को बैलेंस करने में आपकी मदद करेंगे. कोशिश करें कि किसी भी स्मूदी में आप शुगर वाली किसी सामग्री का उपयोग न करें. क्योंकि फलों की वजह से इसमें थोड़ा मीठापन अपने आप आ जाएगा. जो नेचुरली शुगर की कमी पूरा कर देगा.

सेहत /शौर्यपथ/

किसी भी खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देने वाली हींग छोटी सी डिब्बी में आती है और बड़ा असर दिखाती है. हींग का अरोमा मसालों में सबसे तेज होता है और तड़का लगाने पर और किसी भी खाने में सुगंध और स्वाद डाल देता है. लेकिन, बाजार में नकली हींग की भरमार भी कम नहीं है. छोटी सी हींग की पहचान करना मुश्किल लग सकता है लेकिन कुछ तरीकों से यह जाना जा सकता है कि असली हींग कौनसी है और नकली कौनसी.

हींग में मिलावट की पहचान कैसे करें

गर्म करके पहचान

हींग के असली और नकली होने की एक आसान पहचान है उसे गर्म करके देखना. एक चम्मच भरकर हींग लें और उसे मोमबत्ती के ऊपर रखें. आपको 2 चीजें देखने को मिल सकती हैं. अगर हींग में किसी तरह की मिलावट नहीं हुई है तो वह कपूर की तरह जलती हुई दिखेगी. हींग मिलावटी होगी तो उसमें से किसी तरह की लौ निकलती नहीं निकलेगी.

हींग में साबुन या पत्थर की पहचान

कई बार हींग में साबुन या पत्थर की मिलावट की जाती है. इस मिलावट को पहचानने के लिए एक चम्मच हींग को एक गिलास पानी में मिला लें. कुछ देर हींग को गिलास में जस का तस रहने दें. मिलावटी हींग में मौजूद साबुन और पत्थर के कण गिलास के नीचे दिखने लगते हैं जबकि असली हींग में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है.
रंग से पहचानें

हींग के रंग को देखकर भी हींग के असली और नकली होने का पता चल सकता है. असली हींग का रंग हल्का भूरा होता है और छौंक लगाने पर यह लाल दिखने लगती है. ऐसा ना होने पर समझ जाएं कि हींग असली नहीं है.

सुगंध से पहचानें हींग

हींग की महक तेज होती है और हींग छूने के बाद साबुन से हाथ धोने पर भी उसकी महक नहीं जाती. वहीं, नकली हींग की महक पानी से धोने पर ही चली जाती है.

आस्था /शौर्यपथ/

ज्योतिष शास्त्र में मंगल को शुभ ग्रह माना जाता है. मंगल देव ग्रहों के सेनापति कहे गए हैं. उन्हें शक्ति, ऊर्जा, साहस, पराक्रम, शौर्य भूमि और भाई का कारक माना जाता है. इसके अलावा ये मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी ग्रह भी माने जाते हैं. ज्योतिष के मुताबिक मंगल देव मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में नीच के होते हैं. मंगल आगामी 27 जून को मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक मंगल का यह गोचर कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ साबित होगा. जबकि कुछ राशि के जातकों को इस दौरान सावधान रहने की जरुरत होगी. आइए जानते हैं मंगल के गोचर से किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

मंगल करेंगे मेष राशि में प्रवेश

मेष - किसी बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं. दोस्तों से आर्थिक सहयोग मिल सकता है. पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है. सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करना पड़ सकता है.
वृषभ मंगल गोचर के दौरान अभिभावक की सेहत का ख्याल रखना होगा. शिक्षा में रुकावट आ सकती है. जॉब में परेशानियां झेलनी पड़ सकती है. सावधान रहना होगा. बिजनेस में आर्थिक वृद्धि हो सकती है.
मिथुन - मंगल राशि परिवर्तन के दौरान लाइफ पार्टनर की सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा. दांपत्य जीवन में मिठास की कमी महसूस कर सकते हैं. व्यापार में कुछ हद तक आर्थिक कठिनाइयां आ सकती हैं.
कर्क - शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है. मंगल गोचर के दौरान आय में वृद्धि हो सकती है. जॉब में स्थान परिवर्तन की प्रबाल संभावना है. फिजूलखर्ची बढ़ सकती है.
सिंह - जॉब में अधिकारियों के साथ अच्चा तालमेल बनाकर रखने की सलाह दी जाती है. नौकरी में ट्रांसफर हो सकता है. अनावश्यक खर्ज बढ़ सकता है
कन्या - माता जी की सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा. कारोबार में आंशिक तौर पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा. व्यापार के काम को लेकर भागदौड़ करना पड़ सकता है. हालांकि यह भागदौड़ लाभकारी साबित होगा. खर्च पर नियंत्रण रखना होगा.
तुला - शैक्षणिक कार्यों विशेष सावधान रहना होगा. बिजनेस में आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है. हालांकि कुछ समय के बाद स्थिति अनुकूल हो जाएगी. जॉब में अधिकारियों का सहयोग मिलेगा, लेकिन परेशानियां झेलनी पड़ सकती है.
वृश्चिक - मंगल गोचर के दौरान व्यापार में आर्थिक परेशानी झेल सकते हैं. दोस्तों का साथ मिलेगा. आर्थिक लाभ के कई अवसर प्राप्त होंगे. परिवार के सदस्यों की सेहत का ध्यान रखना होगा. सेहत पर धन खर्च होगा. कारोबार में आर्थिक संवृद्धि होगी.
धनु - मंगल गोचर की अवधि में खर्च में बढ़ोतरी होगी. जॉब के लिए विदेश यात्रा का योग बन रहा है. धार्मिक में व्यस्त हो सकते हैं. किसी पुराने दोस्त के संपर्क प्रगाढ़ होगा. संतान से सुख मिल सकता है.
मकर - मंगल गोचर के दौरान वाहन सुख मिल सकता है. अप्रत्याशित धन लाभ का योग है. साथ ही इस दौरान कारोबार बढ़ता हुआ नजर आएगा. लाभ के अवसर प्राप्त होंगे.
कुंभ - शौक्षणिक कार्यों में सुखद परिणाम मिलेगा. नौकरी में पदोन्नति की प्रबल संभावना है. व्यापार में दैनिक आमदनी बढ़ सकती है. नौकरी के लिए विदेश जाना पड़ सकता है.
मीन- दैनिक खर्च में बढ़ोतरी हो सकती है. व्यापार में आर्थिक संवृद्धि होती दिखाई देगी. मंगल गोचर के दौरान कारोबारियों को यात्रा से लाभ मिल सकता है. किसी खास दोस्त से आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है.

आस्था /शौर्यपथ/

गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ मास की पूर्णिमा को कहते हैं. इस दिन वेदों के रचयिता महर्षि द्वैपायन वेद व्यास का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. इस अलावा इस दिन व्यास जयंती भी मनाई जाती है. साथ ही उनकी पूजा की जाती है. महर्षि वेद व्यास को प्रथम गुरु माना जाता है. ये संस्कृत के अद्वीतीय ज्ञाता थे. इन्होंने वदों की रचना की. वेदों को अलग-अलग शाखाओं में विभाजन करने का श्रेय भी महर्षि वेद व्यास को ही दिया जाता है. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा के बारे में.

गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक इस बार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, बुधवार को पड़ने वाली है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ इस दिन सुबह 4 बजे से हो रहा है. वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 13 जुलाई को देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर होगा.

गुरु पूर्णिमा पर बन रहे हैं चार राजयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा पर चार राजयोग बन रहे हैं. इस दिन गुरु, मंगल, बुध और शनि शुभ स्थिति में रहने वाले हैं. इन चार ग्रहों की शुभ स्थिति के कारण शश, रूचक, भंग और हंस नामक 4 राजयोग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा इस दिन बुधादित्य योग भी बन रहा है. साथ ही शुक्र भी मित्र ग्रहों के साथ बैठे हैं. जिस कारण इस बार की गुरु पूर्णिमा खास मानी जा रही है.

गुरु पूर्णिमा पर क्या करें

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत फलदायी होती है. इसके अलावा इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी बेहद फलदायी होती है. इन दिन भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही साथ उनके भोग में तुलसी दल का प्रयोग करना भी शुभ माना गया है. वहीं इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, इस दिन गाय को भोजन कराने से कई प्रकार के दोष खत्म हो जाते हैं.
कहा जाता है कि गुरु से ही सच्चे और अच्छ ज्ञान की प्राप्ति होती है. गुरु के द्वारा प्राप्त ज्ञान से ही इंसान अज्ञान रूपी अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने लगता है. यही कारण है कि गुरु को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है. कहा जाता है कि गुरु ही व्यक्ति को भगसागर से पार करता है.

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