May 17, 2024
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PANKAJ CHANDRAKAR

PANKAJ CHANDRAKAR

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. इस बीच, इसी मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक बयान पर सियासत और गरमा गई है. दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका, चाइना एवं फ्रांस में कांट्रैक्ट बेसिस पर सेना में भर्ती होती है. हमारे यहां सेना से रिटायर होने की आयु ज्यादा है. उसे कम करने का सरकार ने फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जब सेना से अग्निवीर का तमगा लेकर रिटायर होंगे और अगर मुझे भी इस बीजेपी की ऑफिस में सिक्योरिटी (गार्ड) रखना पड़े तो मैं अग्निवीर को ही प्राथमिकता दूंगा.

कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने ट्वीट किया कि, 'देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो. हमारे देश के युवा दिन-रात मेहनत करके फ़िज़िकल पास करते हैं, टेस्ट पास करते हैं, क्योंकि वो फ़ौज में जाकर पूरा जीवन देश की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए नहीं कि वो BJP के दफ़्तर के बाहर गार्ड लगना चाहते हैं.


कांग्रेस के सांसदों और नेताओं ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नयी अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को यहां जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह' किया. कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के लिए फायदेमंद नहीं है तथा यह राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालती है.

 

 

 

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के बहाने पीएम नरेंद्र मोदी र निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद दे कर, प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को बेरोज़गारी के ‘अग्निपथ' पर चलने के लिए मजबूर किया है. "8 सालों में, 16 करोड़ नौकरियां देनी थीं मगर युवाओं को मिला सिर्फ़ पकोड़े तलने का ज्ञान. देश की इस हालत के लिए ज़िम्मेदार केवल प्रधानमंत्री हैं.

राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से अग्निवीर योजना के खिलाफ लगातार ट्वीट कर रहे हैं. शुक्रवार को राहुल गांधी ने एक ट्वाट कर मोदी सरकार पर हमला बोला था. लिखा...

"अग्निपथ - नौजवानों ने नकारा

कृषि कानून - किसानों ने नकारा

नोटबंदी - अर्थशास्त्रियों ने नकारा

GST - व्यापारियों ने नकारा"

देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते क्यूंकि उन्हें अपने ‘मित्रों' की आवाज़ के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सेना ने अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. सेना के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को साझा प्रेस कान्फ्रेंस किया. इसमें बताया गया कि अग्निपथ के पहले बैच के लिए 24 जून से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करेगी. एक महीने बाद 24 जुलाई से ऑनलाइन एग्जॉम प्रारंभ हो जाएगा. नौसेना भी 25 जून तक भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजेगा. एयरफोर्स की तरह नेवी की भी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया होगी.

40 हजार अग्निवीरों की भर्ती के लिए 83 रैलियां
सेना अग्निपथ योजना के तहत करीब 40,000 अग्निवीरों की भर्ती करने के लिए 83 रैलियां आयोजित करेगी. अग्निवीरों के दूसरे बैच को अगले साल फरवरी तक सेना में शामिल किया जाएगा. करीब 25,000 अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में सेना में शामिल होगा. अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पूरे भारत में होंगी.

नौसेना में पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती
हम अग्निपथ योजना के तहत पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती कर रहे हैं. अग्निवीरों का पहला बैच 21 नवंबर को प्रशिक्षण संस्थानों में रिपोर्ट करने लगेगा. भारतीय नौसेना जून तक अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के ब्योरे के साथ आएगी.

दिसंबर में शामिल होगा पहला बैच
वायुसेना में अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में शामिल किया जाएगा, 30 दिसंबर को प्रशिक्षण शुरू होगा. वायुसेना 24 जून को अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई को प्रारंभ होगी. 'अग्निवीरों' की सेवा शर्तें नियमित सैनिकों के जैसी ही होंगी.

साल में 30 पेड लीव मिलेंगे
आवेदकों को पहले से तय मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा. अग्निवीर भी वायु सेना के अन्य जवानों को मिलने वाले पदक और अवार्ड के लिए एलिजिबल होंगे. साथ ही इन्हें साल में 30 पेड लीव मिलेंगे. जबकि सिक लीव चिकित्सकीय परामर्श के अनुरूप दिया जाएगा. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी.

बीच में सेवा छोड़ने की इजाजत नहीं
हालांकि, खास परिस्थियों को छोड़ कर ट्रेनिंग अवधि के बीच में उन्हें सेवा छोड़ने की इजाजत नहीं मिलेगी. अग्निपथ योजना के तहत उन्हें सेवा के पहले साल 30 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलेंगे, जिनमें से 21 हजार सीधे उनके खाते में जाएगा और 9000 हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जाएंगे. हर साल सैलरी में वृद्धि होगी. ट्रेनिंग के अखिरी वर्ष में अग्निवीर की सैलरी 40 हजार रुपये हो जाएगी.

ट्रेनिंग के दौरान मिलेगा 48 लाख का लाइफ इंश्योरेंस
ट्रेनिंग के चार साल बाद जब 75 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटायर किया जाएगा तो उन्हें 10 लाख चार हजार रुपये सेवा निधि के तहत दिए जाएंगे, जिसमें पांच लाख दो हजार रुपये उनके खुद के कमाए हुए होंगे. इसके अतिरिक्त उन्हें सरकार की ओर से किसी तरह की कोई ग्रेचुइटी या अन्य फंड नहीं मिलेगा. हालांकि, ट्रेनिंग अवधि के दौरान उन्हें 48 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस मिलेगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल एसके झा ने कहा, "पहले बैच का 30 दिसंबर तक प्रशिक्षण शुरू होगा."

नौसेना प्रमुख, वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, "इस साल 21 नवंबर से, पहला नौसैनिक 'अग्निवीर' प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू कर देगा. इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों को अनुमति है."

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभ में प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर तो इस योजना के खिलाफ युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए ट्रेन और बस तक को आग के हवाले भी किया है. जबकि कई जगहों प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बगैर हिंसक हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की. एक ऐसा ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन हरियाणा के पानीपत में देखने को मिला. पानीपत में प्रदर्शन के दौरान युवाओं और वहां मौजूद अधिकारियों के बीच बातचीत का एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में अधिकारी प्रदर्शन कर रहे युवाओं को ज्ञापन देने और शांतिपूर्वक घर जाने की बात करते दिख रहे हैं, इसके जवाब में कुछ युवा अधिकारी से कह रहे हैं कि सर आप बताइये अगर हमारी जगह आपका बेटा होता तो आप क्या करते. इसपर अधिकारी कहते हैं कि बेटा मैं भी आपके पिता की उम्र का ही हूं.

वीडियो में दिखने वाले अधिकारी पानीपत के डिप्टी डीएम कमल गिरधर हैं. वो पानीपत में इस योजन का विरोध कर रहे युवाओं को समझा रहे हैं. डिप्टी डीएम गिरधन ने कहा कि मैं आपकी बात समझता हूं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप कानून हाथ में लेकर अपना भविष्य खराब करें. मैं आपको ऐसा नहीं करने दूंगा. आपको इस कानून से जो भी दिक्कत है वो आप हमे लिखकर दे दें. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं आपकी बात सरकार तक जरूर पहुंचाऊंगा.


बता दें कि अग्निपथ योजना के खिलाफ हरियाणा में प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर शनिवार को एक वाहन को आगे के हवाले कर दिया था. वहीं, 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पड़ोसी राज्य पंजाब (Punjab) में लुधियाना रेलवे स्टेशन में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. महेंद्रगढ़ के एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि युवाओं के एक समूह ने एक पिक-अप वैन को आग के हवाले कर दिया और तोड़फोड़ की.

सेना में भर्ती की नई योजना के खिलाफ महेंद्रगढ़ में पिछले कुछ दिनों से जोरदार प्रदर्शन हो रहा था. रेलवे स्टेशन से लगे आवासीय भवन में रहने वाले एक रेलवे इंजीनियर ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी उनके परिसर के अंदर घुस गये और कार्यालय, व एक जेनरेटर सेट को नुकसान पहुंचाया. पुलिस ने बताया कि पंजाब में कपड़े से अपना चेहरा ढंके हुए 50 से अधिक युवाओं का एक समूह लुधियाना रेलवे परिसर में घुस गया था. उनमें से कुछ के हाथों में डंडे थे और उन्होंने कांच की खिड़कियों और टिकट काउंटर को तोड़ दिये थे. वहीं जालंधर में युवाओं ने एक मार्च निकाला और बाद में प्रदर्शन किया था. उन्होंने राम मंडी चौक से पीएपी चौक तक मार्च कर राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया. उन्होंने केंद्र से अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग की.

 

 

 

 

रायपुर /शौर्यपथ/

राज्यपाल सुश्री उइके

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज कलकत्ता के हावड़ा महानगर स्थित कला मंदिर में आयोजित पूर्वांचल कल्याण आश्रम के 41 वें वार्षिकोत्सव में शामिल हुई। इस दौरान उन्होंने आश्रम के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामचन्द्र खराड़ी को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।

पूर्वांचल कल्याण आश्रम के 41 वें वार्षिकोत्सव में शामिल हुई।

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वांचल कल्याण आश्रम के वार्षिकोत्सव में आना मेरे लिये गौरव की बात है। मैं स्वयं वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़ी रही हूं, इसलिए मैं इनके त्याग व समर्पण को जानती हूँ कि आश्रम के लोग बिना किसी अपेक्षा के निस्वार्थ भाव से वनबन्धुओं की सेवा करते है। वनवासियों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए आश्रम नित प्रयासरत है। राज्यपाल सुश्री उइके ने वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े रहे श्री जगदेव राम उरांव को नमन करते हुए कहा कि वनवासियों के कल्याण के लिए किये गए उनके कार्यों को सदन में उपस्थित लोग आगे बढ़ाएं। उनका व्यक्तित्व और सेवा भावना अनुकरणीय है।

देश भर में हजारों वनवासी ग्रामों से संपर्क में रहकर वनवासी बंधुओं के समग्र विकास के

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भी जनजाति बाहुल्य है और वहां भी लोगों की इच्छा होती है कि वे व्यक्तिगत रूप से मुझसे मिलें। इसी उद्देश्य से मैंने राजभवन के दरवाजे आमजनों के लिए खोल दिये हैं। साथ ही लोगों के आत्मीय आमंत्रण पर सभी वर्गों के सामाजिक कार्यक्रमों में मैं उत्साह के साथ शामिल होती हूँ। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में लगभग 61 संस्थाओं के लोग आए हुए हैं जो मानव सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहे है। इसीलिए आप सभी से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ।

उन्होंने आगे कहा कि 1978 में स्थापित पूर्वांचल कल्याण आश्रम, सेवा के अपने उद्देश्यों को निरंतर पूरा कर रहा है। जनकल्याण की भावना से सेवा प्रकल्पों के द्वारा अंचल के वनवासी क्षेत्रों के लिए समर्पित यह संस्था आज वटवृक्ष का आकार ले चुकी है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि देश भर में हजारों वनवासी ग्रामों से संपर्क में रहकर वनवासी बंधुओं के समग्र विकास के लिए 20 हजार से ज्यादा सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। कुल 238 छात्रावास संचालित हैं और दो हजार से अधिक एकल विद्यालय कल्याण आश्रम, आरोग्य केन्द्र और खेलकूद केन्द्र भी खोले गए हैं। जिससे वन पर्वतों में बसे गांव में कहीं चिकित्सा केन्द्र, कहीं छोटा अस्पताल, कहीं चल चिकित्सालय तो कहीं आरोग्य रक्षक योजना सहित विविध प्रयास किये जा रहे हैं।

पूर्वांचल कल्याण आश्रम कोलकाता द्वारा पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में बालकों के लिए आठ और बालिकाओं के दो छात्रावास, 495 एकल विद्यालय, वर्षा जल संरक्षण हेतु वनवासी गांव में 550 से अधिक तालाब तथा दूरस्थ वन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चार स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।

साथ ही वनवासियों के शोषण के विरूद्ध उन्हें जागरूक करने के लिए वनवासी कल्याण आश्रम अनथक प्रयास कर रहा है। समाज हित में सक्रियता के साथ कार्य करते हुए अन्याय के खिलाफ जागरूकता हेतु अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।वनवासियों को अपने संवैधानिक अधिकारों की जानकारी भी होनी चाहिए, इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। साथ ही आप सभी से और वनवासी युवाओं से कहना चाहूंगी कि अपनी संस्कृति, बोली, भाषा पर गर्व करें और इसके संरक्षण के उपाय भी करें।

उन्होंने कहा कि पूर्वांचल कल्याण आश्रम के प्रयासों से वन क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियां बढ़ी हैं तथा इनके द्वारा किये जा रहे कार्य अत्यंत सराहनीय हैं। राज्यपाल सुश्री उइके ने आश्रम से जुड़े सभी लोगों को उनके कार्यों व समर्पण के लिए शुभकामनाएं दी

जशपुरनगर /शौर्यपथ/

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 मई 202 को अनुसूचित जाति एवं अन्य वन परम्परागत वन निवासी, वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम, 2006 एवं नियम, 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर तथा चिन्हित अनुभाग स्तर पर वन अधिकार प्रकोष्ठ में मानव संसाधन के रूप में, जिला परियोजना समन्यक एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ता फील्ड वर्कर के कार्य किये जाने हेतु सूचना प्रकाशित किया गया था। जिसमें निर्धारित अवधि तक प्राप्त आवेदन में कोई भी अभ्यर्थी पात्र नहीं होने के कारण आवेदन प्राप्त करने हेतु समय वृद्धि करते हुए 25 जून 2022 तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। उक्त संबंध में विस्तृत जानकारी हेतु जिले की वेबसाईट र अवलोकन किया जा सकता है, अथवा सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, जशपुर के कार्यालय में कार्यालयीन समय पर सम्पर्क किया जा सकता है।

उत्तर बस्तर कांकेर /शौर्यपथ/

आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को प्रातः 07 बजे से 08 बजे तक सामूहिक योग कार्यक्रम गढ़िया पहाड़ के नये मार्ग के प्रवेश द्धार में आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी होंगे। सामूहिक योग के सुव्यवस्थित संचालन के लिए विभिन्न विभागों को दायित्व सौंपे गये हैं, जिसमें समाज कल्याण, पुलिस, महिला एवं बाल विकास, आयुर्वेद, उद्यान, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग, शिक्षा, नगरपालिका, जनसंपर्क इत्यादि विभागों को दायित्व सौंपा गया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले के अन्य स्थानों जैसे-प्रसिद्ध धार्मिक, ऐतिहासिक, पर्यटन स्थल, शिक्षक संस्थाएं-महाविद्यालय, विद्यालय, आश्रम-छात्रावास, जनपद पंचायत, नगरीय निकाय, जोगी गुफा कांकेर, नाथियानवागांव त्रिपुर सुन्दरी माता मंदिर सहित अन्य स्थानों में भी सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। संपूर्ण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बनाया गया है।

रायपुर /शौर्यपथ/

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आकाशीय बिजली गिरने से मुंगेली के ठकुरीकापा गांव, बलौदाबाजार के रोहासी गांव तथा गरियाबंद के सहसपुर गांव में कुल तीन लोगों की हुई मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। इनमें दो पुरूष और एक महिला शामिल है। मुख्यमंत्री ने शोक संतृप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आकाशीय बिजली की घटना में मृत व्यक्तियों के परिजनों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान के तहत प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं के दौरान जनधन की हानि को रोकने एवं बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश भी सभी कलेक्टरों को दिए हैं। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा पूर्व में एडवाइजरी भी जारी की गयी है

रायपुर /शौर्यपथ/

गौ-पालक महिला समूह एवं किसान पहुंचे मुख्यमंत्री निवास

छत्तीसगढ़ सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे प्र्रभावी ग्रामीण आर्थिक नीतियों में से एक ‘गोधन न्याय योजना‘ के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा रिकॉर्ड 144 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी करने पर, आज गौ-पालक महिलाओं और किसानों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का हृदय से आभार व्यक्त किया और एक सुंदर ‘गाय-बछड़ा‘ आशीर्वाद स्वरुप मुख्यमंत्री को भेंट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भावुक हो गये और उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव, गरीब, किसानों और महिलाओं के जीवन में आर्थिक समृद्धि और ख़ुशी ही ‘छत्तीसगढ़ मॉडल‘ का मूल उद्देश्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के परिवार के सदस्य हैं और परिवार की ख़ुशी में ही उनकी ख़ुशी है।

‘गाय-बछड़ा‘ आशीर्वाद स्वरुप
राज्य में 8408 गौठान स्थापित किये गए हैं

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य श्री विनोद तिवारी की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के लाभार्थी मुख्यमंत्री से मिलने आये थे। छत्तीसगढ़ ‘गोधन न्याय योजना‘ से अब तक प्रदेश के लगभग 2 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए हैं। वही प्रदेश में गौपालकों की संख्या में 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, केवल एक वर्ष के अंदर योजना से लाभान्वित लोगों की संख्या 1,68,531 से बढ़कर 2,11,540 हुई है। गौपालकों की संख्या में वृद्धि, ग्रामीण स्तर पर निरंतर हो रही आर्थिक उन्नति का प्रमाण है। राज्य में 8408 गौठान स्थापित किये गए हैं ताकि लोगों को उनके गांव में ही गोबर बेचने में आसानी हो।

महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार

गोबर को आर्थिक समृद्धि का परिचायक बना दिया है।

संतोषी यादव ने कहा की छत्तीसगढ़ के किसानों और महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार की ‘गोधन न्याय योजना‘ का व्यापक असर हुआ है। सरकार ने योजना के अंतर्गत गौ-पालकों से दो रुपये किलो में गोबर ख़रीदा, महिला समूहों से जुड़ी लाखों बहनों को रोजगार और आय का जरिया मिला। साथ ही इस योजना से किसानों का दोहरा लाभ हुआ। गोबर के खाद के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ी और गौ-पालकों द्वारा गायों को घर में रखने के कारण, आवारा पशुओं द्वारा फसल को किये जाने वाले नुकसान की समस्या से भी छुटकारा मिला।

इस अवसर पर किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गोबर को आर्थिक समृद्धि का परिचायक बना दिया है। यह उनकी दूरदृष्टि और उनके ग्रामीण परिवेश का परिणाम है कि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने सर्वप्रथम गांव और गरीबों के आर्थिक विकास के लिये ‘गोधन न्याय योजना‘ तैयार की। आज देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की ‘गोधन न्याय योजना‘ एक रोल मॉडल के रूप में पढ़ी और सिखाई जा रही है। कई अन्य राज्य इस योजना को अपनाने मुख्यमंत्री से सलाह ले रहे हैं। किसान मोहित राम ने कहा कि मुख्यमंत्री की ‘गोधन न्याय योजना‘ केवल एक योजना नहीं है बल्कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता की पहचान है। मानव और गौ के धार्मिक और कृषि गठबंधन को गांव की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बनाकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रदेश को पहला ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो स्वयं छत्तीसगढ़ का प्रतीक है- किसान के घर जन्मा, मिट्टी में खेला, खेतों में बड़ा हुआ और मुख्यमंत्री बनकर ऐसी नीतियाँ लागू की जो जमीनी स्तर पर ग्रामीण आर्थिक समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।

महिला समूह की बहनों ने गौठान में उगाई हुई सब्जी-भाजी, अगरबत्ती, पापड़, मसाले भी मुख्यमंत्री को भेंट किए। श्री विनोद तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री और लाभान्वित गौ-पालक महिला समूह और किसानों की बीच हुई भेंट के दौरान जो भावुकता और आत्मीयता देखने को मिली, वही ‘गोधन न्याय योजना‘ की सफलता का परिचायक है।

आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्रीमती रुक्मणि धीवर, श्रीमती संतोषी यादव, श्रीमती दुलारी यादव, श्रीमती राजेश्वरी साहू, श्रीमती फुलेश्वरी यादव, श्रीमती उषा मानिकपुरी, श्रीमती बिसाहिन धीवर, श्रीमती अपराजित तिवारी, सर्वश्री सेवक राम साहू, संतराम साहू, बैसाखू राम साहू, पर्यटन साहू, वतन चन्द्राकर, नागेन्द्र चन्द्राकर, डुमेंद्र साहू, बिशहत राम साहू, मोहित राम, बबलू चन्द्राकर, लखन कुम्भकार, लखन निर्मलकर, राजकुमार, तेजराम साहू, खेमराज यादव, महावीर चन्द्राकर, योगेश कुमार, वीरेन्द्र यादव, घनाराम यादव, सहदेव यादव, बेनु निषाद, अर्जुन यादव, पप्पू पुरैना, सूरज खुटे, उमेंद्र छत्रिय, शामिल थे।


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रायपुर /शौर्यपथ/

अबूझमाड़ सर्वे के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु किया जा रहा है बोरवेल खनन

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा अबूझमाड़ क्षेत्र के किसानों को सोलर सिंचाई पम्प के माध्यम से सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश पर जिला प्रशासन नारायणपुर द्वारा तेजी से अमल किया जा रहा है। इस क्षेत्र के मसाहती खसरे प्राप्त किसानों के खेतों में चार बोर मशीनों की मदद से लगातार बोर खनन का कार्य किया जा रहा है। अब तक इस क्षेत्र के 20 किसानों के खेतों में सोलर पम्प की स्थापना के लिए बोर खनन का कार्य पूरा किया जा चुका है। क्रेडा द्वारा यहां सोलर सिंचाई पम्प लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान अबूझमाड़ क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जिला प्रशासन नारायणपुर को इस क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों को सोलर सिंचाई पम्प के माध्यम से सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश दिए थे।

मसाहती खसरा मिलने के बाद शासन की योजनाओं से जुड़ने ग्रामीणों में उत्साह

अबूझमाड़ के किसानों का बीते कई सालों से तीन पीढ़ियों का एक ही दर्द। जमीन तो है लेकिन कितनी है, कहां है कोई रिकॉर्ड नहीं। खेती तो करते हैं लेकिन मौसम साथ दे तो। अबूझमाड़ के किसानों का यह हाल था कि बारिश हो जाये तो ठीक वरना भगवान भरोसे ही खेती थी अब तक। खेत में पंप ना होने की वजह से सिंचाई की सुविधा नहीं है। लेकिन अब पट्टा मिल गया है तो जल्द ही खेत मे सोलर पंप लग जायेगा, किसानों को यह उम्मीद थी छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया श्री भूपेश बघेल से। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत अबूझमाड़ सर्वे के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु बोरवेल खनन करने में झोंक दी है। राज्य शासन द्वारा अबूझमाड़ सर्वे-मसाहती खसरा प्राप्त किसानों को खेती को लाभ से जोड़ने, दो फसल लेने और मौसम पर निर्भरता खत्म करने हेतु सौर सुजला योजना से जोड़ा जा रहा।

सर्वे के बाद शासकीय योजनाओं के लाभ मिलने से किसानों के चेहरे पर लौटी खुशी

किसानों के समूह का क्लस्टर बनाकर बोर किया जा रहा। अबूझमाड़ क्षेत्र में आजादी के 75 साल बाद कोई शासकीय योजना पहुंची तो आदिवासी किसानों की खुशी का ठिकाना ना रहा। अब तक इस क्षेत्र के किसान खेती के लिए सिर्फ मानसून पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब सालभर अन्य फसलें भी ले सकेंगे।

किसानों के समूह का क्लस्टर बनाकर किया जा रहा बोर खनन

राज्य शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा मसाहती खसरा प्राप्त किसानों के खेतों में सिंचाई उपलब्ध कराने हेतु बोर खनन कर सौर सुजला योजना से जोड़ा जा रहा है। अधिक से अधिक किसानों को लाभ हो सभी के खेत मे सिंचाई सुविधा पहुँचे इसके लिए 5-10 एकड़ का क्लस्टर बनाकर बोर खनन किया जा रहा।

चार बोर मशीनों से दिन-रात किया जा रहा है बोर खनन

जिला प्रशासन द्वारा अबूझमाड़ सर्वे-मसाहती खसरा प्राप्त किसानों के खेतों में सौर सुजला योजना से जोड़ने पूरी ताकत झोंक दी है। चार बोर मशीनों से बोर खनन जारी, दिन-रात बोर खनन का कार्य जारी है। अब तक 20 से अधिक किसानों के खेतों में किया जा चुका बोर खनन किया जा चुका है। क्रेडा विभाग द्वारा इन बोर में पम्प लगाने का कार्य भी किया जा रहा है।

कलेक्टर-सीईओ कर रहे मॉनिटरिंग, ताकि पात्र हितग्राहियो को मिले लाभ

राज्य शासन द्वारा अबूझमाड़ सर्वे-मसाहती खसरा प्राप्त किसानों के खेतों में सौर सुजला योजना से जोड़ने के निर्देश के बाद पूरा प्रशासनिक अमला इस कार्य में जुट गया है। कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री देवेश ध्रुव द्वारा इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। इस कार्य में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए टीम का गठन किया गया है, जिसमें जिले अधिकारी से लेकर विभाग के फील्ड कर्मचारी को भी जिम्मेदारी दी गयी है।

अब तक अबूझमाड़ के 58 गांवों के 2500 किसानों को मसाहती खसरा वितरित

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नारायणपुर जिला प्रशासन अधिसूचित 246 गांवों का मसाहती सर्वे करा रहा है, जिससे पता चल सके कि किसके खेत की सीमा कहां तक है। नारायणपुर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने बताया अब तक 58 गांवों का सर्वे हो गया है जिनके 2500 किसानों को मसाहती खसरा वितरित हो चुका है। इस सर्वे से राजस्व रिकॉर्ड बनाने में सहायता मिलेगी और शासकीय योजनाओं का लाभ जरूरतमंद तक पहुंच पायेगा। किसानों को सभी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

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