November 22, 2024
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PANKAJ CHANDRAKAR

PANKAJ CHANDRAKAR

सेहत /शौर्यपथ/

फलों के राजा कहे जाने वाले आम के सेवन आप वजन को भी कम कर सकते हैं. क्या वाकई आम खाने से वजन कम हो सकता है? वजन घटाने के लिए इस समय और इस तरह से करते हैं आम का सेवन. आम खाने के शौकीनों की कमी नहीं है. भारत में कई वैराइटी के आम आते हैं जिन्हें लोग खाना पसंद करते हैं. आम से कई तरह की रेसिपीज भी बनाई जा सकती हैं. आम में नेचुरल शुगर पाई जाती है जिसके चलते कई बार हम इसे खाने से कतराते हैं कि कहीं हमारा वजन न बढ़ जाए. तो अगर आप भी इसी बात को लेकर हैं परेशान तो ऐसे करें आम का सेवन वजन होगा कंट्रोल.
आम में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउंड और फाइटोकेमिकल वसा से जुड़े जीन को दबा देते हैं. जिसके कारण शरीर पर एक्स्ट्रा चर्बी नहीं जमती है और शरीर का वजन भी कम करने में मदद मिल सकती है. लेकिन कुछ बातों का खास ध्यान रखना हैं वरना वजन घटने की जगह बढ़ सकता है.
आम का सेवन एक दिन एक से ज्यादा न करें.
अगर आप ज्यादा आम खाते हैं तो ये वजन को बढ़ाने का काम कर सकते हैं.
स्मूदी, अमरस का सेवन ज्यादा न करें इससे वजन बढ़ सकता है.
आम को नाश्ते और दोपहर के खाने के साथ खाया जा सकता है इससे कैलोरी नहीं बढ़ेगी.
आम खाने का सबसे अच्छा समय दोपहर और शाम का माना जाता है.
आम में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
आम में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, विटामिन सी, कॉपर, फोलेट, विटामिन ए, ई, बी5 , के और बी6 पोटैशियम, मैग्‍नीश‍ियम, मैंग्नीज जैसे खनिज मौजूद होते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं.

खाना खाजाना /शौर्यपथ/

बरसात का मौसम शुरू होते ही हम सभी बच्चों के साथ वेकेशन्स प्लान करना शुरू कर देते हैं. हर कोई अपनी फैमिली के साथ घूमने-फिरने का प्लान बनाता है. इस मौसम में पहली चीज जो आपको ध्यान रखना चाहिए वो कि इस दौरान आप पहाड़ी इलाकों में जाने से बचें. दूसरी कि वेकेशन पर जाकर हेल्दी फूड्स का सेवन करें. क्योंकि बरसात में बाहर और रोड का खाना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में आप एक काम कर सकते हैं. अपने साथ हेल्दी रेडी टू ईट स्नैक्स ले जा सकते हैं. जिससे बच्चों का पेट भरने के साथ सेहत को भी दुरुस्त रखा जा सके. तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे ही फूड आइटम बताते हैं, जिन्हें आप अपने साथ ट्रिप पर ले जा सकते हैं.
वेकेशन पर अपने साथ रखें ये फूड आइटम नहीं लगेगी भूख-
पॉपकॉर्न को हम सबसे ज्यादा मूवी टाइम पर खाना पसंद करते हैं. लेकिन आप इन्हें ट्रैवलिंग के दौरान भी खा सकते हैं. इन्हें ले जाना भी आसान है और ये सेहत के लिए भी काफी अच्छे माने जाते हैं.
हर दिन एक मुट्ठी ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है. ट्रिप के दौरान आप अपने साथ ड्राई फ्रूट्स रख सकते हैं इसे खाने से शरीर में एनर्जी मिलेगी और बार-बार लगने वाली भूख से भी बचा जा सकता है.
मखाने सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं. रोस्टेड मखाने को आप अपने साथ स्टोर करके ट्रिप पर ले जा सकते हैं. इसे आप स्नैक्स टाइम में खा सकते हैं.
ट्रिप के दौरान पानी की कमी और एनर्जी की पूर्ति के लिए आप अपने साथ एनर्जी ड्रिंक या एनर्जी बार भी रख सकते हैं. इससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व मिलेंगे.

धर्म संसार /शौर्यपथ/

हिंदू धर्म में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का खास महत्व है. मासिक जन्माष्टमी का व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्ठमी तिथि को रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर हुआ था. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है. भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा करते हैं. जिससे उन पर प्रभु की कृपा बनी रहती है. साथ ही घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. आइए जानते हैं मासिक जन्माष्टमी व्रत कब है और पूजा की विधि क्या है.

मासिक कृष्ण अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 जून, सोमवार को 01 बजे से हो रही है. वही आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन 21 जून को 3 बजे हो रहा है.
मासिक कृष्ण अष्टमी के दिन भक्त सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर घर के मंदिर की सफाई करते हैं. इससे बाद शुद्ध होकर भगवान की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीया और धूपबत्ती जलाते हैं. इसके बाद भगवान का अभिषेक किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानि लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. इस दिन लड्डू गोपाल को माखन, मिश्री और मेवा का भोग लगाया जाता है. अंत में आरती के बाद पूजा की समाप्ति की जाती है. इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है.

मासिक कृष्णाष्टमी व्रत का महत्व

मासिक कृष्णाष्टमी व्रत का खास धार्मिक महत्व है. इस दिन विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. संतान की कामना के लिए भी यह व्रत बेहद खास माना गया है.

धर्म संसार /शौर्यपथ/

तुलसी को अन्य वनस्पतियों में शुभ और मंगलकारी माना जाता है. इसलिए अधिकांश लोग रोज सुबह इसमें जल देते हैं. धार्मिक मान्यता है कि रोज सुबह स्नान के बाद तुलसी में जल अर्पित करने से जीवन के दुर्भाग्य दूर होते हैं. साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. कहा जाता है कि जो लोग घर में तुलसी का पौधा रखते हैं, उन्हें मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है. तुलसी में जल चढ़ाने के कुछ खास नियम बताए गए हैं. कहा जाता है कि अगर तुलसी से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो ये बेहद अशुभ फल दे सकता है. आइए जानते हैं कि तुलसी में जल देते वक्त किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

तुलसी में जल देने के खास नियम
धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन कभी भी तुलसी में जल नहीं दिया जाता है. माना जाता है कि इस दिन तुलसी में जल देने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाता हैं. जिस कारण जीवन में तमाम तरह की आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
तुलसी में जल देने के खास नियम बताए गए हैं, जिसके मुताबिक तुलसी माता को जल अर्पित करते वक्त बिना सिलाई का एक वस्त्र पहनना चाहिए.
मान्यतानुसार रविवार को तुलसी में जल अर्पित नहीं किया जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता विश्राम करती हैं.
कहा जाता है तुलसी में जल देने का सबसे उपयुक्त और उत्तम समय सूर्योदय काल का होता है. उस वक्त तुलसी में जल देने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है.
तुलसी में बहुत अधिक मात्रा में जल नहीं दिया जाता है. क्योंकि अधिक जल की वजह से तुलसी सूख सकती है. कहा जाता है कि घर में तुलसी का बराबर सूख जाना अच्छा नहीं है.
धार्मिक मान्यता और वास्तु शास्त्र के मुताबिक तुलसी को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. इस दिशा में तुलसी को रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है. साथ ही इस दिशा में तुलसी रखने से नुकसान हो सकता है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
कहा जाता है कि तुलसी का पौधा घर की छत पर नहीं होना चाहिए. क्योंकि इससे घर में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा तुलसी के साथ किसी भी कांटेदार पौधे को नहीं लगाना चाहिए. दरअसल इसे अशुभ माना गया है.

उत्तर बस्तर कांकेर /शौर्यपथ/

एसडीएम कांकेर श्री धनंजय नेताम द्वारा नरहरपुर तहसील अंतर्गत ग्राम सिहारीनाला निवासी जयलाल नेताम की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनकी पत्नी श्रीमती बिन्दाबाई के लिए 25 हजार रूपये तथा ग्राम डूमरपानी निवासी दुर्गेश शोरी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर पत्नी श्रीमती शशि शोरी के लिए 25 हजार रूपये की सहायता राशि स्वीकृत किया गया है। स्वीकृत सहायता राशि का भुगतान संबंधित तहसीलदार के माध्यम से हितग्राही को किया जायेगा।

अम्बिकापुर /शौर्यपथ/

उप संचालक रोजगार ने बताया है कि जिले के भूतपूर्व सैनिकों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 18 जून को रोजगार मेला का आयोजन लाइवलीहुड कॉलेज में किया जाएगा। यह मेला इस दिन पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। उन्होंने कहा है कि जिले के इच्छुक भूतपूर्व सैनिक या उनके परिजन जिन्हें रोजगार की आवश्यकता है, वे समस्त आवश्यक दस्तावेज के साथ रोजगार मेला में उपस्थित रहें।

अम्बिकापुर /शौर्यपथ/

जिले में नवीन संचालित स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) विद्यालय गांधीनगर अम्बिकापुर में प्रवेश हेतु 25 जून 2022 तक आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं। वर्तमान में कक्षा 6वीं और 11वीं तक की कक्षाओं के लिए प्रवेश हेतु इच्छुक अभ्यर्थी 16 जून से 25 जून 2022 तक आवेदन पत्र जमा की जाएगी। इसके पश्चात आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि कक्षा 6वीं से 10वीं तक के लिए जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन पत्र जमा किया गया है उन्हें पुनः आवेदन पत्र जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

रायपुर /शौर्यपथ/

मुख्यमंत्री ने किसानों और ग्रामीणों से रोका-छेका अभियान में सहयोग का किया आव्हानमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए वहां और अधिक आर्थिक गतिविधियां संचालित करने की आवश्यकता है। इससे ग्रामीण स्वावलंबन की राह में आगे बढ़ेंगे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज और स्वावलंबी गांवों को सपना साकार होगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 90 लाख रूपए की राशि के ऑनलाइन अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री द्वारा जारी की गई राशि में 1 जून से 15 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.95 करोड़ रूपए का भुगतान, गौठान समितियों को 4.79 करोड़ और महिला समूहों को 3.16 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में जैविक खाद के उत्पादन के साथ महिला स्व सहायता समूहों द्वारा मुर्गी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन जैसी अनेक आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसके साथ ही साथ लघु वनोपजों में वेल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। इसका फायदा हमारी बहनों को हो रहा है। इससे बहनों में जो आत्मविश्वास आया है, वो कीमती है, उसकी कीमत का आंकलन नही किया जा सकता। गौठानों में इन गतिविधियों को और बढ़ाना है, जिससे हमारे गांव-गांव में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बने और ग्रामीण स्वावलंबी बने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज और स्वावलंबी गांवों का सपना साकार हो। उन्होंने कार्यक्रम में किसानों और ग्रामीणों से आगामी खरीफ फसलों को पशुओं की चराई से बचाने के लिए आयोजित किए जा रहे रोका-छेका अभियान में सहयोग करने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि इससे खेतों की फसल भी बचेगी और गोधन न्याय योजना से होने वाला लाभ भी बढ़ेगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद, विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी श्री अयाज फकीर भाई तंबोली, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, संचालक उद्यानिकी श्री माथेश्वरन, संचालक पशुपालन श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक गोधन न्याय योजना के तहत 73 लाख 51 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी कर चुके है। इसके एवज में कुल 147 करोड़ 06 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों और स्व सहायता समूहों को अब तक कुल 136 करोड़ 04 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी के दिन आ चुका है। नये जोश के साथ किसान तैयारी में जुट गए होंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस साल पिछले साल से ज्यादा उत्पादन करेंगे। खेती का रकबा भी इस साल और बढ़ेगा। धान का भरपूर उत्पादन छत्तीसगढ़ में हो रहा है, लेकिन अब आपको दूसरी फसलों के बारे में भी सोचना चाहिए, ताकि आप ज्यादा लाभ अर्जित कर सकें। आज खरीफ की सभी फसलों में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत आदान सहायता की व्यवस्था कर दी गई है। किसान अपने क्षेत्र की जमीन की गुणवत्ता के अनुरूप फसलों का चयन करेंगे तो आपको ज्यादा लाभ होगा।
श्री बघेल ने कहा कि रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें, इससे जमीन का उपजाऊपन बना रहेगा और लागत में भी कमी आएगी। छत्तीसगढ़ को रासायनिक खाद की आपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। हमारे यहां जितनी मात्रा की जरूरत है, उतनी मात्रा में केंद्र से रासायनिक खाद नहीं मिल पा रही है। इसको लेकर हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। गोधन न्याय योजना से गांव-गांव में हो रहे जैविक खाद के उत्पादन ने छत्तीसगढ़ की खेती-किसानों को बड़ा संबल दिया है। इस साल हम और बड़े पैमाने पर जैविक खाद के उत्पादन की तैयारी कर रहे हैं। मैंने अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा गोबर खरीदकर स्व सहायता समूहों के माध्यम से जैविक खाद बनाने के निर्देश दिए हैं। गोधन न्याय योजना से जुड़े सभी पशुपालकों, स्व सहायता समूहों और गौठान समितियों को इस बार और बड़ा लक्ष्य लेकर अपने काम को आगे बढ़ाना है। गोधन न्याय योजना की हर किश्त का भुगतान हमने आपको हमेशा समय पर किया है। पिछली किश्त मैंने 05 जून को कांकेर से जारी की थी। आज 46वीं किश्त का भुगतान रायपुर से किया जा रहा है।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गौठानों की संख्या दोगुनी होने के कारण गोबर खरीदी भी दोगुनी हुई है। इसे आगे बढ़ाने की दिशा में विभाग के लोग कार्य कर रहे हैं। जब प्रदेश में दो रुपए किलो की दर से गोबर खरीदी का निर्णय लिया गया था तब किसी को यह भरोसा नहीं था कि यह ना केवल प्रदेश में बल्कि देश में इतना बड़ा अभियान बन जाएगा। अब तक 147 करोड़ रुपए की गोबर की खरीदी की गई है। गौठान समितियों ने स्वयं की राशि से 14 करोड़ रुपए का गोबर खरीदा। इस प्रकार लगभग 160 करोड़ रुपए की राशि से गोबर खरीदी की गई। हमने अपनी गौठान समितियों को लगभग 136 करोड रुपए की राशि प्रदान की। लगभग 153 करोड़ रूपए का वर्मी कंपोस्ट तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि गौठान में अन्य गतिविधियों से स्व सहायता समूहों को लगभग 35 से 40 करोड रुपए की अतिरिक्त आमदनी हुई है। हमारा वर्मी कंपोस्ट और अन्य गतिविधियों से जो लाभ हुआ है, वह गोबर खरीदी की राशि से अधिक है। गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी श्री अयाज फकीर भाई तंबोली ने गोधन न्याय योजना की प्रगति की जानकारी दी।

 

उत्तर बस्तर कांकेर /शौर्यपथ/

जिला रोजगार कार्यालय परिसर कांकेर में 22 जून को प्रातः 11 बजे से सायं 03 बजे तक एक दिवसीय प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जायेगा, जिसमें निजी क्षेत्र के नियोजकों द्वारा 160 रिक्तियों पर भर्ती किया जावेगा। प्लेसमेंट कैंप में सेक्युरिटी गार्ड के 50 पद, सेक्युरिटी सुपरवाईजर के 10 पद एवं फिल्ड ऑफिसर के 100 पदों पर भर्ती की जायेगी। इच्छुक आवेदक अपना सम्पूर्ण बायोडाटा के साथ उक्त प्लेसमेंट कैम्प में उपस्थित होकर कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं। प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर नियोक्ता द्वारा प्राथमिक चयन कर साक्षात्कार लिया जायेगा, जिसकी सूचना दूरभाष के माध्यम से आवेदक को दिया जावेगा।

कोरिया /शौर्यपथ/

भू अभिलेख शाखा के अधिकारियों ने आज यहाँ बताया कि जिले के सभी तहसीलों में 24 घण्टे के दौरान 7.4 मि. मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। इस दौरान सर्वाधिक 13.0 मि.मी. औसत वर्षा बैकुण्ठपुऱ तहसील में दर्ज की गई है। इसे मिलाकर पूरे जिले में जून से अब तक 10.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज़ की गई है। उन्होंने बताया कि 01 जून 2022 से 16 जून 2022 तक बैकुण्ठपुर तहसील में 14.4, सोनहत तहसील में 17.9, मनेन्द्रगढ़ तहसील में 13.1, खड़गवां तहसील में 13.3, चिरमिरी तहसील में 0.9, भरतपुर तहसील में 7.1 एवं केल्हारी तहसील में 5.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई।

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