March 25, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

जल जंगल जमीन और रोजगार-पूरनलाल साहू
  भिलाई/शौर्यपथ /

   छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरन लाल साहू ने पत्रकारों से चर्चा करते  अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कमजोर डोमिसाइल नीति के कारण छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढिय़ा की अस्तित्व आज खतरे में है। दूसरे राज्यों में मजबूत डोमिसाइल नीति होने के कारण उस राज्य की लोगों की स्थिति छत्तीसगढिय़ो से बेहतर है। राज्य सरकार के हाथ में पावर होता है चह अपने राज्य और राज्य के लोगों के लिए मजबूत डोमिसाइल
नीति बनाए। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां पर बहुत ही कमजोर डोमिसाइल नीति हैं। कोई भी बाहर का व्यक्ति आता है और बड़ी आसानी से छत्तीसगढ़ में जाति निवासी बनाकर छत्तीसगढ़ का निवासी बन जाता है एवं छत्तीसगढ़ के संसाधनों पर अपना हक जमा लेता है छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरन लाल साहू ने आगे कहा छत्तीसगढ़ के जल जंगल जमीन एवं रोजगार सब छत्तीसगड़ीयो के हाथ से निकलते जा रहे हैं। भारत 1947 में आजाद हुआ
    1947 से पहले भारत राजा रजवाड़ों का राज्य था कई राजाओं के राज्यों को मिलाकर के भारत देश का निर्माण हुआ एवं 1951 में भारत की पहली जनगणना हुआ था एवं जिस समय भारत देश में पहली जनगणना हुआ जनगणना के समय जो व्यक्ति जनगणना के समय पाया गया वहीं का निवासी उसको माना गया। इसके आधार पर छत्तीसगढ़ में डोमिसाइल नीति लागू करे एवं इसी के आधार पर मूल निवासियों माना जाए एवं जाति,निवासी इसी के आधार बनाए जाए और पहला हक छत्तीसगढ़ीयो का हो। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरन लाल साहू ने
आगे कहा कि इस मुद्दे को लेकर के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दोनो उपमुख्यमंत्री  अरुण साव, विजय शर्मा एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत को पत्र लिखकर 1951 के आधार पर डोमिसाइल नीति बनाने की मांग की है।
   इसके अलावा एवं छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ीया हित को देखते हुए अन्य  मांगों   को पूरा करने पत्र में उल्लेखित किया गया है कि छत्तीसगढ़ में डोमिसाइल नीति सन् 1951 के हिसाब से लागू की जावे, भारत के पहली जनगणना 1951 के आधार पर छत्तीसगढ़ का मूलनिवासी माना जावे, छत्तीसगढ़ के 90प्रतिशत संसाधनो पर पहला हक छत्तीसगढिय़ों का हो डोमिसाइल के आधार पर किया जावे। छत्तीसगढ़ के कृषि जमीनो पर गैर छत्तीसगढिय़ा लोगो के खरीदी पर तत्काल रोक लगाया जावे। छत्तीसगढ़ के उद्योगों में सभी जगह ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जावे। सरकारी कर्मचारियों के तर्ज पर उद्योग कारखानों में मजदूरो के लिए पेंशन की व्यवस्था की जावे  किसान कार्ड के तर्ज पर मजदूर क्रेडिट कार्ड बनाया जावे जिसके माध्यम से मजदूरो को बिना ब्याज के 5 लाख तक ऋण दिया जावे।, मजदूरों के हादसों में मृत्यु पर 50 लाख का मुआवजा दिया
जावे। छत्तीसगढ़ मूल निवासी युवाओं को एजुकेशन के हिसाब से रोजगार की गारंटी दिया जावे । इस अवसर पर छग स्वाभिमान मंच के इमरान खान, कोषाध्यक्ष श्री साहू सहित समिति के अन्य पदाधिकारियों के साथ ही अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

  भिलाईनगर/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र के हृदय स्थल जी.ई. रोड के समीप प्रियदर्शिनी परिसर पश्चिम में 15 करोड़ की लागत से 17 एकड़ में बनेगा स्पोट्स परिसर। जो पुरी तरह से आधुनिक होगा, यहां पर हार्स राईडिंग, स्वीमिंग पूल, स्केटिंग ट्रेक, रनिंग ट्रेक, 400 लोगो के बैठने लायक आडिटोरियम, पार्किग, दुकान, बाउण्ड्रीवाल सजावट लाइटिंग इत्यादि के साथ निर्माण प्रस्तावित है। जिसका भव्य गेट नेशनल हाईवे 53 से लगा हुआ होगा। आज जिला कलेक्टर सुश्री रिचा प्रकाश चैधरी प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय को लेकर पहुंची। उपस्थित निगम के अभियंताओ से पुरी विस्तृत जानकारी ड्राईंग एवं डिजाईन के साथ प्राप्त की। कहां से कहां तक रनिंग ट्रेक, स्वीमिंग पुल, आडिटोरियम, हार्स राईडिंग, स्केटिंक ट्रेक, पार्किग, दुकान, बाउण्ड्रीवाल के प्रस्तावित स्वरूप के बारे में पुरी विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
        जिला कलेक्टर का सुझाव था कि इस प्रकार  का निर्माण हो, जिससे इस क्षेत्र के खिलाड़ियो को प्रोत्साहन मिले। हमारे जिल से राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी विजयी होकर निकले और राज्य एवं देश का नाम रोशन करें। यहां पर भविष्य में राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं भी हो सके।
         वैशालीनगर विधायक रिकेश सेन का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, उनके द्वारा इस प्रकार का बहु उपयोगी स्पोट्स परिसर का निर्माण करने का सुझाव दिया गया था। जिसके उपर निगम आयुक्त द्वारा अपने विभागीय जोन आयुक्त एवं अभियंताओ से विचार-विमर्ष किया गया। उसके बाद परिसर को अपने स्वरूप के साथ प्रस्तावित किया गया। जिला कलेक्टर के पास प्रोजेक्ट बनाकर प्रस्तुत किया गया, जिसमें जिला कलेक्टर द्वारा खनीज एवं न्यास मद से हार्स राईडिंग एवं स्केटिंग ट्रेक बनाने के लिए राशि की स्वीकृति मिल गई है। शेष खेल के लिए प्रोजेक्ट बनाकर जिला प्रशासन एवं शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही बाकी का काम भी शुरू हो जाएगा।
         निरीक्षण के दौरान जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत, उपभियंता बसंत साहू, प्रभारी सहायक अभियंता पुरूषोत्तम सिन्हा, चंदन निर्मलकर आदि उपस्थित रहे।

  भिलाईनगर/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई के वार्ड क्रं. 24 में उपचुनाव हुआ था। उपचुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रत्यासी प्रदीप कुमार सेन विजयी घोषित हुए थे। आज 3 मार्च 2025 को नवनिर्वाचित पार्षद प्रदीप कुमार सेन को निगम भिलाई के सभागार में कर्तव्य, निष्ठा एवं गोपनीयता की शपथ सुबह 11 बजे जिला कलेक्टर सुश्री रिचा प्रकाश चैधरी द्वारा दिलाई गई। ततपश्चात नवनिर्वाचित पार्षद द्वारा हस्ताक्षर किया गया।
          शपथ ग्रहण के दौरान भिलाई निगम सभापति गिरवर बंटी साहू, जिला भाजपा अध्यक्ष पुरूषोत्तम देवांगन, नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, पार्षद एवं पूर्व भिलाई जिला भाजपा अध्यक्ष महेश वर्मा, पार्षद एवं पूर्व सभापति श्याम सुन्दर राव, पीयूष मिश्रा, नोहर वर्मा, मुकेश अग्रवाल, विनोद सिंह, श्रीमती विणा चंद्राकर, स्मृता दोड़के, ईश्वरी नेताम, सरिता बघेल, वरिष्ठ भाजपा नेता शंकर लाल देवांगन, आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय, उपायुक्त नरेन्द्र बंजारे, जोन आयुक्त अजय सिंह राजपूत, सतीश यादव, अमरनाथ दुबे आदि सभी ने उपस्थित होकर नवनिर्वाचित पार्षद प्रदीप कुमार सेन को शुभकामना दी। अंत में राष्ट्रगान के साथ समापन किया गया।

बजट से साफ साय सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा, रोजगार और कृषि नहीं
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बिना किसी ठोस योजना के सतही कल्पनाओं पर आधारित नीरस बजट है। ऐसा लग रहा था वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ का बजट नहीं मोदी की चरण वंदना कर रहे थे। साय सरकार का बजट आम जनता के अपेक्षा और उम्मीदों के विपरीत घोर निराशाजनक रहा है, ना इसमें युवाओं के रोजगार के संदर्भ में कोई रोड मैप दिख रहा है, ना ही महंगाई से निपटने कोई ठोस रणनीति है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों, युवाओं के बेरोजगारी भत्ता, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है। मोदी की गारंटी में किये गये वादे 1 लाख नौकरियों के सृजन के बारे में इस वर्ष के बजट में भी कुछ नहीं है। महिलाओं के लिए 500 रू. में सिलेंडर देने के बारे में बजट में कुछ नहीं है। पिछले बजट में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा किये थे एक भी भर्ती नहीं कर पाये। इस वर्ष फिर से 20,000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इस बजट में युवाओं के रोजगार बढ़ाने के लिए, किसानों के लिए, महिलाओं के लिए कुछ नहीं है। प्रदेश की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी समाज के लिए बजट में कुछ नहीं है। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के लिए, बजट में कुछ भी नया नहीं है। मजदूरों और गरीबों की आमदनी बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में ठोस आर्थिक प्रावधानों के विपरीत सिर्फ जुमलेबाजी कर रहे थे। मोदी की चरण वंदना में समर्पित इस बजट में छत्तीसगढ़ के प्रति केंद्र सरकार की उपेक्षा और भेदभाव का कोई जिक्र नहीं था। पिछले बजट का ज्ञान फेल हो गया तो वित्त मंत्री इस बार लंगड़े बजट की गति लेकर आ गये। 15 सालों तक रमन सरकार मेट्रो ट्रेन का झुनझुना पकड़ाती थी, अब फिर से साय सरकार ने नये सिरे से राज्य की जनता को मेट्रो ट्रेन का झुनझुना पकड़ाया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि उद्योग नीति पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वित्त मंत्री राज्य के वनोपजो पर आधारित उद्योगों, वनोपजो के वेल्यू एडिशन पर कुछ नहीं बोले। विश्वविद्यालयों की संख्या पर अपनी पीठ थपथपाने वाली साय सरकार ने अपने कार्यकाल में 1 भी सरकारी विश्वविद्यालय नहीं खोला। महतारी वंदन में छूटी महिलाओं को जोड़ने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। सरकार ने अपने आत्म प्रचार के लिए जनसंपर्क के बजट में 550 करोड़ का प्रावधान किया है।

आम जनता और कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले: पेट्रोल सस्ता, डीए में इज़ाफ़ा
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में जनता को राहत देने वाले कई अहम फैसले किए हैं। पेट्रोल की कीमत में ₹1 प्रति लीटर की कमी की गई है, जिससे आम लोगों, किसानों और उद्योगों को लाभ होगा। इसके पहले सरकार ने बल्क में डीजल खरीदी पर वैट घटाकर 17% कर दिया था, जिससे परिवहन और कृषि कार्यों की लागत में कमी आई है। वहीं, राज्य के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 3% की बढ़ोतरी की गई है, जो मार्च से लागू होगी।
पेट्रोल और डीजल सस्ता होने से ट्रैक्टर, पंप सेट और अन्य कृषि यंत्रों की लागत घटेगी, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। इसके अलावा, चावल मिल, गन्ना फैक्ट्री और अन्य कृषि आधारित उद्योगों के लिए परिवहन और उत्पादन खर्च कम होगा, जिससे आवश्यक वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों की आय बढ़ेगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति और बाजार में मांग बढ़ेगी। सरकार का यह फैसला आम जनता, किसानों और व्यापारियों के लिए राहत लेकर आया है और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ का बजट प्रदेश को डिजिटल, सुरक्षित और विकसित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर, गांवों के विकास, शहरों में नई सुविधाओं और सुरक्षा तक हर क्षेत्र में सरकार ने कुछ नया किया है। आने वाले सालों में छत्तीसगढ़ और आगे बढ़ेगा और देश के सबसे उन्नत राज्यों में शामिल होगा!
1.सरकारी कर्मचारियों के लिए नया पेंशन फंड पहली बार
 छत्तीसगढ़ सरकार ने “पेंशन फंड” बनाया है, ताकि सभी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षित रहे। साथ ही, देश में पहली बार “छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड” बनाया जा रहा है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
2.अब हर गांव में मोबाइल टॉवर और पब्लिक बसें !
गांवों में रहने वाले कई लोगों को फोन नेटवर्क नहीं मिलता। सरकार अब “मुख्यमंत्री मोबाइल टॉवर योजना” लेकर आई है, जिससे जंगलों और पहाड़ों में बसे गांवों में भी मोबाइल का नेटवर्क मिलेगा। इससे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे और लोग अपने रिश्तेदारों से आसानी से बात कर सकेंगे।
इसके अलावा, कुछ गांवों में पब्लिक बसें नहीं चलतीं, क्योंकि वहाँ रहने वाले लोग कम होते हैं। अब सरकार “मुख्यमंत्री परिवहन योजना” के तहत ऐसी जगहों पर भी बसें चलाने जा रही है, ताकि गांव से ब्लॉक और जिला मुख्यालय तक लोग आसानी से आ-जा सकें।
3.शहरों का मेकओवरः नए अस्पताल, कॉलेज और मेट्रो !
छत्तीसगढ़ के शहरों को और सुंदर और आधुनिक बनाने के लिए सरकार कई बड़े प्रोजेक्ट्स ला रही है:
-नवा रायपुर में “मेडिसिटी” एक ऐसा शहर जहाँ सबसे अच्छे अस्पताल होंगे।
-“एजुकेशन सिटी” यहाँ हर तरह की पढ़ाई के लिए बड़े कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाई जाएंगी।
-राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान जो बच्चे फैशन डिजाइनिंग सीखना चाहते हैं, उनके लिए एक खास कॉलेज खुलेगा।
-रायपुर-दुर्ग मेट्रो- अब बड़े शहरों में मेट्रो ट्रेन का सर्वे किया जाएगा, ताकि भविष्य में मेट्रो सेवा शुरू हो सके।
4.सुरक्षा और पर्यटनः नई योजनाएँ
- NSG की तर्ज पर “स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप” यह एक खास पुलिस टीम होगी, जो खतरनाक अपराधियों से निपटेगी।
- -अब राज्य में “राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल ” का गठन होगा, जो CISF की तर्ज पर काम करेगा। इससे राज्य में उद्योगों और महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा मजबूत होगी।
- छत्तीसगढ़ का पहला “आइकॉनिक टूरिज्म डेस्टिनेशन” रही है, जहाँ जंगल, पानी और वाइल्डलाइफ का मज़ा मिलेगा! सरकार 200 करोड़ रुपये खर्च करके नया पर्यटन स्थल बनाने जा रही है।
5.पत्रकारों के लिए सरकार ने किया बड़ा फैसला
- पत्रकारों की एक्सपोजर विजिट के लिए बजट
- पत्रकार संघ के दफ्तरों के नवीनीकरण के लिए पैसे
- पत्रकार सम्मान निधि दोगुनी कर दी गई है!
6.गाँव-गाँव तक चमकेंगी पक्की सड़कें !
अब गाँवों की सड़कें और मजबूत और बेहतर होंगी। इसके लिए –
-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए ₹845 करोड़
-जनजातीय क्षेत्रों की सड़कें ₹500 करोड़
-मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना - ₹119 करोड़
-मुख्यमंत्री रिंग रोड योजना शुरू की जाएगी, इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान
-नई सड़कों के निर्माण के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान।
7.शहर और गाँव दोनों होंगे स्मार्ट !
-नगर पालिकाओं का विकास ₹750 करोड़ (हर शहर को और सुंदर बनाया जाएगा)
-    नगर निगमों में सुनियोजित विकास के लिए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना शुरू की जाएगी, 500 करोड़ का प्रावधान
-    नई फायर स्टेशन्स के लिए ₹44 करोड़ (सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत)
-    मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान
8.बस्तर-सरगुजा में पर्यटन और एडवेंचर की दुनिया
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं या घर से दूर प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, तो सरकार ने आपके लिए बस्तर और सरगुजा में होमस्टे पॉलिसी लागू की है। अब यहां आने वाले पर्यटक गांवों में रहकर स्थानीय संस्कृति और खानपान का अनुभव ले सकेंगे। इसके अलावा, जशपुर में एडवेंचर टूरिज्म और टूरिज्म सर्किट विकसित किया जाएगा, जिससे वहां आने वाले लोगों को और भी मजा आएगा।
9.नालंदा लाइब्रेरी और विज्ञान पार्कः छात्रों के लिए नया तोहफा
छात्रों की पढ़ाई को और रोचक बनाने और उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु अनुकूल माहौल देने के लिए 17 और “नालंदा लाइब्रेरी” खोली जाएंगी। यही नहीं, विज्ञान में रुचि रखने वाले बच्चों के लिए बस्तर और सरगुजा में मोबाइल साइंस लैब शुरू की जाएगी और साइंस पार्क की स्थापना सरगुजा, बस्तर, बलरामपुर, जशपुर और रायगढ़ में होगी। अब बच्चों को किताबों से बाहर निकलकर विज्ञान को प्रयोगों के माध्यम से सीखने का मौका मिलेगा।
कृषि और डिजिटल तकनीक का संगम
अब किसानों को भी डिजिटल सुविधा मिलेगी! भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए विशेष फंड दिया गया है। इससे किसानों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी तुरंत मोबाइल या कंप्यूटर पर मिल सकेगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा सुधार
राज्य के गरीब और निःसंतान दंपतियों के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ART सुविधा शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, सरकारी अस्पतालों में MRI और CT स्कैन मशीनों के लिए भी बजट रखा गया है, ताकि मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिल सके। सभी ब्लॉकों में सिकल सेल स्क्रीनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा जशपुर व मनेंद्रगढ़ में फिजियोथेरेपी व नेचुरोपैथी के सेंटर स्थापित किए जाएंगे
बिना कागज के होगी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन !
अब जमीन या मकान खरीदने-बेचने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी! सरकार ने फेसलेस और पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई है। इससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे।
चिकित्सा और खाद्य सुरक्षा में बड़ा कदम
रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की “इंटीग्रेटेड फूड एंड ड्रग लैबोरेटरी” बनाई जाएगी, जिसमें दवाओं और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए 45 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। नक़ली दवाओं और मिलावट करने वालों पर कार्रवाई के लिए सरकार का बड़ा क़दम है।
पेट्रोल के रेट में एक रुपए की कमी, कर्मचारियों का डीए बढ़ा
छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में जनता को राहत देने वाले कई अहम फैसले किए हैं। पेट्रोल की कीमत में ₹1 प्रति लीटर की कमी की गई है, जिससे आम लोगों, किसानों और उद्योगों को लाभ होगा। इसके पहले सरकार ने बल्क में डीजल खरीदी पर वैट घटाकर 17% कर दिया था, जिससे परिवहन और कृषि कार्यों की लागत में कमी आई है। वहीं, राज्य के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 3% की बढ़ोतरी की गई है, जो मार्च से लागू होगी।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नई योजना
छत्तीसगढ़ सरकार पहली बार सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल पेमेंट (UPI) को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट का प्रावधान कर रही है। इससे गाँवों में भी लोग आसानी से डिजिटल लेनदेन कर सकेंगे और नकद लेनदेन की जरूरत कम होगी।
पहली बार ‘आइकॉनिक डेस्टिनेशन’ और ‘वेलनेस-वाइल्डलाइफ-वॉटर टूरिज्म’ विकसित होगा
छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘आइकॉनिक डेस्टिनेशन’ और ‘वेलनेस-वाइल्डलाइफ-वॉटर टूरिज्म’ के लिए ₹200 करोड़ का बजट रखा गया है। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह एक बड़ा आकर्षण केंद्र बनेगा।
व्यवसायियों एवं आम आदमी को राहत
बजट में अचल संपत्ति के अंतरण पर मुद्रांक शुल्क के 12 प्रतिशत सेस को समाप्त किया गया है। इससे आम जनता को  लाभ मिलेगा। वहीं, ई वे बिल जनरेट करने की मूल्य सीमा को 50 हजार रुपए से बढ़ा कर 1 लाख रुपए की गई है। छोटे व्यवसायियों को राहत देते हुए सरकार ने कई वर्षों से बकाया वैट की राशि माफ करने का निर्णय लिया है।

रायपुर/शौर्यपथ / बीजापुर जिले का एक ऐसा इलाका जो कभी नक्सलियों की राजधानी कही जाती थी, वह इलाका अब सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और जवानों की मेहनत के बलबूते विकास की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। जहां कभी बमुश्किल दुपहिया वाहन नजर आते थे अब उस इलाके में 50 साल के बाद यात्री बस की सेवा शुरू कर दी गई।
  बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर बसा उसूर ब्लॉक के पामेड़ समेत उस इलाके के 7 ग्राम पंचायतों सहित  पूरे  इलाके में  बस  की  सुविधा मिल रही है। यहां पिछले 4 महीने के अंदर विकास कार्यों ने ऐसी गति पकड़ी
 अब इस इलाके में सड़क और कैंप के साथ ही मूलभूत सुविधाओं का विस्तार कर दिया गया है, तो वहीं सबसे बड़ी सौगात इस इलाके के ग्रामीणों के लिए यात्री बस की सेवा है। इस बस के संचालन के चलते अब उन इलाकों के ग्रामीणों को तेलंगाना से होते हुए अपने गांव जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ रही है बल्कि बीजपुर से सीधे पामेड़ पहुंच रहे हैं।
 नियद नेल्लानार के तहत पामेड़ इलाके के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगीः इस मामले में बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा की माने तो सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्लानार के तहत उन इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के साथ
विकास कार्यों को गति प्रदान किया जाएगा। 50 सालों तक जिन सुविधाओं के लिए ग्रामीण तरस रहे थे वह सारी सुविधा उन तक पहुंचाई जाएगी। पामेड़ इलाके के ग्रामीणों के लिए बहुत तेजी से आधार कार्ड राशन कार्ड के अलावा राशन दुकान भी गांव में संचालित की जा रही है। दरअसल पामेड़ वह इलाका है जहां पदस्थ जवानों के लिए कभी वेतन से लेकर अखबार तक हेलीकॉप्टर से भेजा जाता था परंतु अब सड़क बनने और बस सेवा के शुरू हो जाने से जवानों का यह कठिन सफर खत्म हो चुका है।
 इलाका नक्सलियों के कब्जे में था, अब हो रहा विकास
  पामेड़ इलाके में सड़क नहीं थी, ऐसा नहीं है, बल्कि 50 साल पहले भी सड़क बनी थी। परंतु वाहनों का संचालन नहीं होता था, उसके बाद धीरे-धीरे इस इलाके में नक्सलियों ने अपनी पैठ बढ़ाई और पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया जिसके चलते उस इलाके को नक्सलियों की राजधानी कहा जाने लगा, परंतु अब यह इलाका सरकार के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट में शामिल हो चुका है। क्योंकि इस इलाके में कैंप स्थापित किए गए, सड़कों का विस्तार किया गया और मूलभूत सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में अब पामेड़ इलाके में तेजी से विकास कार्यों को पहुंचाकर लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। ताकि ग्रामीण नक्सलवाद के दंश से हटकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ ले सकें। बीजापुर से सुबह पामेड़ के लिए जाने वाली बस आवापल्ली, बासागुड़ा, तररेम, चित्रागेल्लूर, गुंडेम कोंडापल्ली जीडपल्ली करवगट्टा और धर्माराम होते हुए पामेड़ पहुंचती है। जिसमें रोजाना बड़ी संख्या में यात्री सफर करने लगे हैं। इन इलाकों में विकास कार्यों के विस्तार के लिए सरकार तो कटिबद्ध है ही, परंतु आज अगर यह पूरा इलाका विकास की ओर बढ़ रहा है।

बस्तर क्षेत्र अब नई संभावनाओं और उपलब्धियों की ओर अग्रसर  - मुख्यमंत्री  साय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री   विष्णुदेव साय ने कहा कि अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि यह बस्तर की समृद्ध संस्कृति, शांति और विकास का प्रतीक बन चुका है। इस प्रतिष्ठित मैराथन में देश-विदेश के हजारों धावकों ने भाग लिया और अमन, चैन और खुशहाली का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द को भी मजबूत करता है।
मुख्यमंत्री  साय ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है।इससे पहले, बस्तर ओलंपिक में भी 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों की ऐतिहासिक भागीदारी देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर क्षेत्र अब नई संभावनाओं और उपलब्धियों की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्रीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और यह आयोजन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि खेल और विकास के माध्यम से बस्तर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह बस्तर में शांति और सद्भाव के संदेश को भी मजबूती प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भव्य बनाया जाएगा ताकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की पहचान बने।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल खेल के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को खेल के माध्यम से नए अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की सकारात्मक छवि को स्थापित करने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने इस भव्य आयोजन में भाग लेने वाले सभी धावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
हजारों धावकों की ऐतिहासिक भागीदारी, विजेताओं को मिले आकर्षक पुरस्कार
नारायणपुर जिले में आयोजित अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025  में 11 हजार से अधिक धावकों ने भाग लिया, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धावकों की शानदार प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। इस मैराथन में उत्तर प्रदेश के अक्षय कुमार ने पुरुष वर्ग में और इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने महिला वर्ग में बाजी मारी। पुरुष 21 किमी वर्ग में अक्षय कुमार (उत्तर प्रदेश) ने 01 घंटा 02 मिनट 15 सेकंड में दौड़ पूरी कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला 21 किमी वर्ग में इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने 01 घंटा 13 मिनट 01 सेकंड में दौड़ पूरी कर जीत दर्ज की। 10 किमी और 5 किमी वर्ग में भी रोमांचक प्रतिस्पर्धा रही, जहां उत्तर प्रदेश की अमृता पटेल और सूरजपुर की सोनिका राजवाड़े ने क्रमशः 10 किमी और 5 किमी महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया। पुरुष 10 किमी वर्ग में उत्तर प्रदेश के मोनू कुमार और 5 किमी वर्ग में स्थानीय धावकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
विजेताओं को मिले आकर्षक पुरस्कार और सम्मान
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त विजेताओं को 1.5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त विजेताओं को 1 लाख रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को भी पुरस्कार दिया गया।
स्थानीय प्रतिभाओं को भी 5-5 हजार रुपये की नकद राशि देकर सम्मानित किया गया।
मैराथन का शुभारंभ संसदीय कार्य, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री  केदार कश्यप, सांसद  महेश कश्यप और धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने किया। कार्यक्रम में बस्तर आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई, वरिष्ठ अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं हजारों दर्शक उपस्थित थे।

“सहकार से समृद्धि” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय में सहकारिता विभाग की गतिविधियों पर आधारित वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री  अरुण साव, विजय शर्मा, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप सहित सभी कैबिनेट मंत्रीगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि “सहकार से समृद्धि” के मूलमंत्र पर आधारित यह कैलेंडर राज्य सरकार द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और उपलब्धियों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं में सहकारिता की भागीदारी छत्तीसगढ़ को समृद्धि और विकास के नए आयामों तक ले जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता को मिली मान्यता
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष’ घोषित किया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में, भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा “सहकार से समृद्धि” अभियान के तहत विविध गतिविधियाँ पूरे छत्तीसगढ़ में आयोजित की जा रही हैं।
वार्षिक कैलेंडर में समाहित योजनाएँ एवं कार्ययोजना
सहकारिता विभाग के इस वार्षिक कैलेंडर में ग्राम, जिला एवं प्रदेश स्तर पर संचालित विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया गया है। इन गतिविधियों में धान खरीदी एवं भंडारण प्रक्रिया का विस्तार, प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर एवं कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापन,  विश्व स्तर पर विशाल अन्न भंडारण के लिए नवीन गोदामों का निर्माण, किसानों को एटीएम कार्ड प्रदान करना एवं पैक्स में माइक्रो एटीएम के माध्यम से भुगतान सुविधा, नवीन पैक्स सोसाइटी, डेयरी एवं मत्स्य सहकारी समितियों का पंजीयन एवं सशक्तिकरण के सम्बन्ध में जानकारी दी गई है।
वार्षिक कैलेंडर के विमोचन के साथ राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ को सहकारिता आधारित आर्थिक विकास की दिशा में आगे ले जाने का एक और मजबूत कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सहकारिता विभाग को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि यह पहल राज्य के सहकारी तंत्र को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी एवं लाभदायक बनाएगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, सहकारिता सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ    कुलदीप शर्मा, अपर आयुक्त सहकारिता एवं प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक   एल. कांडे सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इसके अलावा, सहायक पंजीयक  मनीष खोबरागड़े, अपेक्स बैंक के प्रबंधक अभिषेक तिवारी, लेखा अधिकारी   प्रभाकर कांत यादव सहित विभाग के कई गणमान्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

100 पृष्ठों में वित्त मंत्री ने हाथ से लिखा ऐतिहासिक बजट
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने हस्तलिखित बजट पेश किया। यह पहला मौका है जब राज्य में कंप्यूटर-टाइप्ड बजट की जगह खुद वित्त मंत्री के हाथों से लिखा गया बजट सदन में प्रस्तुत किया। यह बजट 100 पृष्ठों की है, जिसे पूरी तरह हाथ से लिखा गया है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे परंपराओं की ओर वापसी और मौलिकता को बढ़ावा देने का कदम बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में हस्तलिखित बजट पेश करना एक अलग पहचान और ऐतिहासिक महत्व रखता है।
नई परंपरा की शुरुआत
अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में केवल कंप्यूटर-टाइप्ड बजट ही पेश किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार परंपरागत और अनूठे अंदाज में बजट तैयार किया गया। वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी का मानना है कि इससे प्रामाणिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

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