December 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  दुर्ग / शौर्यपथ / इंदिरा गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय वैशाली नगर भिलाई में में पी एम उषा के अंतर्गत "भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक एवं सामाजिक स्थायित्व के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रासंगिकता" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) का मुख्य उद्देश्य भारत में राज्य-संचालित उच्च शिक्षण संस्थानों में पहुंच, इक्विटी, जवाबदेही, सामर्थ्य और गुणवत्ता को बढ़ावा देकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ( डॉ ) संजय तिवारी थे। विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ सरिता कोल्हेकर( प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी, बालाघाट, मध्यप्रदेश), डॉ शकील हुसैन( प्राध्यापक, शास वी वाय टी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग) ,डॉ प्रमोद यादव(प्राध्यापक ,एस. आर.सी. सुराना कॉलेज दुर्ग), डॉ अमरनाथ शर्मा ( प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय बोरी) ,डॉ डी एन सूर्यवंशी ( सेवानिवृत्त प्राचार्य) तथा डॉ एल. एस. गजपाल (प्राध्यापक, पं रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय) उपस्थित थे।
जिन्होंने एस आई आर प्रक्रिया के विभिन्न पक्षों का विस्तार से विश्लेषण किया। अंतिम सत्र के मुख्य अतिथि भूपेन्द्र कुलदीप ( कुलसचिव, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय,दुर्ग) थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अलका मेश्राम ने की । संयोजक डॉ किरण रामटेके, पी एम उषा संयोजक डॉ संजय दास , सह संयोजक डॉ चांदनी मरकाम तथा आयोजन सचिव प्रो अमृतेष शुक्ला रहे। 2 सत्रों में विभिन्न शोध केंद्रों तथा महाविद्यालय से आए 18 शोधार्थी तथा प्राध्यापकों ने अपने शोध पत्र का वाचन किया जिसमें प्रो सुरेश ठाकुर ( जिला स्तर मास्टर ट्रेनर) तथा तथा गिरिजा शंकर साव ( डी एस पी, कांकेर नक्सल ऑपरेशन) प्रमुख रहे। अतिथियों द्वारा संगोष्ठी स्मारिका का विमोचन तथा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस संगोष्ठी में पूरे राज्य से 69 शोध सारांश प्राप्त हुए। मंच संचालन समिति सदस्य डॉ कैलाश शर्मा, डॉ रबिंदर छाबड़ा, कौशल्या शास्त्री , प्रो महेश अलेंद्र, डॉ चांदनी मरकाम , डॉ रामा बनर्जी ने मंच संचालन का दायित्व निर्वहन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, अन्य महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी तथा छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

भारतीय ज्ञान केन्द्रित सफल सांस्कृतिक भोपाल प्रवास से लौटे आचार्य शर्मा

भिलाई /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के शिक्षाविद आचार्य डॉ.महेश चन्द्र शर्मा सफल सांस्कृतिक - शैक्षणिक भोपाल प्रवास से लौटे। यह प्रवास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भारतीय ज्ञान परम्परा पर केन्द्रित था। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ डॉ. शर्मा ने पुस्तकों का आदान-प्रदान भी किया।
आचार्य शंकर सांस्कृतिक न्यास एवं मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा भारत भवन भोपाल में आयोजित एकात्म प्रेरणा संवाद में ब्राजील के पद्मश्री आचार्य जोनास लापेस मसेट्टी विशेष रूप से उपस्थित थे। आचार्य मसेट्टी ने ब्राजील में भी विश्वविद्या गुरुकुलम् स्थापित किया है। ढाई हजार से अधिक विद्यार्थी यहां वेदान्त का अध्ययन कर रहे हैं। प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने " मन की बात " में उनकी प्रशंसा करते हुवे उन्हें भारतीय संस्कृति का दूत कहा था। डॉ.शर्मा ने उन्हें अपनी पुस्तक " संस्कृति के चार सोपान" भेंट की , जिसकी सराहना करते हुवे उन्होंने साधुवाद दिया।
पद्मश्री मसेट्टी ने कहा वेदांत विज्ञान है जिससे हम अपने आपको जान सकते हैं। इस कार्यक्रम में उनके शिष्य और परिजन भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। भोपाल के सांस्कृतिक प्रवास के साथ नर्मदापुरम के बाबई गांव का साहित्यिक भ्रमण भी डॉ.शर्मा ने किया,यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि पं.माखनलाल चतुर्वेदी जी की जन्मभूमि है। आजकल इस स्थान को "माखन नगर" के नाम से जाना जाता है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में हुए आयोजन में केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली की अध्यक्ष संध्या पुरेचा, दिल्ली विश्वविद्यालय की साहित्य प्रोफेसर डॉ.मीरा द्विवेदी, पुणे के नाटक विशेषज्ञ सतीश पांवड़े एवं हरदा के नाट्यशास्त्र डॉ.देवेन्द्र पाठक द्वारा विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थों श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र पर केन्द्रित भारतीय ज्ञान परम्परा का लाभ डॉ.महेशचन्द्र शर्मा को मिला। परिसर के निदेशक प्रो.हंसधर झा ने डॉ.शर्मा की पुस्तकों "साहित्य और समाज" एवं "गागर में सागर" की सराहना की। इस दौरान बेलूर मठ के प्रति कुलपति स्वामी आत्मप्रिया नन्द और अद्वैत आश्रम के स्वामी शुद्धिदा नन्द आदि को सुनने हजार से अधिक प्रोफेसर , शोधार्थी और विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।

दुर्ग। शौर्यपथ।दुर्ग शहर का प्रशासन इस समय जिस तरह की निष्क्रियता और अनदेखी का परिचय दे रहा है, वह न केवल जनता के लिए चिंता का विषय है बल्कि शासन…

एनआईटी रायपुर के सामने बनी दुकानों और यूथ हब को हटाने पहुंचा प्रशासन

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बताया युवाओं के साथ अन्याय

रायपुर। शौर्यपथ।  राजधानी रायपुर में एनआईटी के सामने बने ‘यूथ हब’ को हटाने की कार्रवाई को लेकर शनिवार को राजनीतिक माहौल गरमाता नजर आया। प्रशासन के आदेश पर सुबह से ही क्रेन और बुलडोजर के साथ अमला मौके पर पहुंचा और हटाने की कार्रवाई शुरू की। इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने इसे जनविरोधी कदम बताते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया।पूर्व विधायक विकास उपाध्याय शुक्रवार रात से ही व्यापारियों और युवाओं के साथ धरने पर डटे रहे।

   देर रात से शुरू हुआ यह विरोध शनिवार सुबह भी जारी रहा। उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों की दुकानों को उजाड़ रही है और युवाओं से उनकी सुविधाएँ छीन रही है।इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि "छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार हर चीज अडानी को सौंपने में लगी है और अब रायपुर के यूथ हब को उजाड़ रही है।

  "वहीं, प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई अतिक्रमण हटाने की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और प्रभावित लोगों को पूर्व सूचना दी गई थी। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार रायपुर की सांस्कृतिक और युवाओं की पहचान को मिटाने का काम कर रही है।

 

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना से प्रदेश के विकास में नया आयाम जुड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के युवा अब दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक में अपनी जगह बना रहे हैं। सेमीकंडक्टर क्रांति के साथ छत्तीसगढ़ देश के उच्च-प्रौद्योगिकी मानचित्र पर उभर रहा है।

पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा राज्य में सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने का निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न और केंद्र सरकार की अग्रणी तकनीकी नीतियों का परिणाम है। पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जो भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप निर्माता कंपनी है, छत्तीसगढ़ में ₹1143 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई स्थापित कर रही है। डेढ़ लाख वर्ग फीट क्षेत्र में बनने वाला यह प्लांट वर्ष 2030 तक 10 अरब चिप्स का उत्पादन करेगा, जो टेलीकॉम, 6G/7G, लैपटॉप, पावर-इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उभरती तकनीकों में उपयोग होंगे। इस प्लांट से छत्तीसगढ़ के अनेक युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स ने छत्तीसगढ़ के चयनित युवाओं की पहली सूची जारी की है, जिनमें अधिकांश छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग और कॉमर्स ग्रेजुएट्स शामिल हैं। चयनित युवाओं में में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से कुल 12 युवा शामिल हैं। इनमें दुर्ग से आभार मेहूंकर (B.Tech–EEE), भिलाई से अभिषेक काशी (B.Tech–E&T), बालोद से नवीन कुमार देवांगन (B.Tech–ME), रायपुर से कुणाल यादव (BE–Mechanical), बस्तर से तुषार देवांगन (B.Tech–E&T), रायपुर से अपूर्व देवांगन (B.Tech–E&T), भिलाई की धारा सरपे (B.Tech–EEE), रायपुर के अरिन सोनी (B.Tech–E&T), रायगढ़ की तरू यादव (B.Tech–E&T), भिलाई के तुषार कुमार ठाकुर (BE–Mechanical), रायपुर के भूपेंद्र यादव (B.Com) तथा बालोद के अबिश सी. थॉमस (M.Com) को प्रशिक्षण एवं नियुक्ति के लिए चयनित किया गया है।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि चयनित युवाओं को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए चेन्नई में ट्रेनिंग दी जाएगी। युवाओं के एयर ट्रैवल, आवास, भोजन सहित सभी खर्च कंपनी वहन करेगी। इसके बाद चयनित युवाओं को एस्टोनिया, सिंगापुर और फ्रांस स्थित पॉलीमैटेक के वैश्विक प्लांट्स में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सभी चयनित उम्मीदवार फ्रेश इंजीनियर्स हैं। मार्च 2026 तक चयनित युवाओं की संख्या बढ़कर 200 से 250 तक हो जाएगी।

"सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना से प्रदेश के विकास में एक नया तकनीकी अध्याय जुड़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न के अनुरूप छत्तीसगढ़ अब उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तेज़ी से उभर रहा है। पॉलीमैटेक द्वारा राज्य के युवाओं को चयनित कर उन्हें चेन्नई सहित एस्टोनिया, सिंगापुर और फ्रांस के वैश्विक प्लांट्स में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करना इस बात का प्रमाण है कि हमारे युवाओं की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है। यह अवसर न केवल रोजगार का माध्यम बनेगा, बल्कि युवाओं को अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर तकनीक की गहन समझ देकर उन्हें भविष्य का तकनीकी नेतृत्व प्रदान करेगा। हमारी सरकार हर निवेशक को पूर्ण सहयोग और हर युवा को विश्वस्तरीय कौशल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।”

- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 

 

 

      रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 3,100 रुपए प्रति क्विंटल तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय किसानों के लिए बड़ी राहत बनकर आया है। इसका सकारात्मक प्रभाव जिलेभर के किसानों के चेहरों पर साफ दिखाई दे रहा है।
      अंबागढ़ चौकी विकासखण्ड के ग्राम कलकसा के किसान श्री धनेश राम आज कौड़ीकसा उपार्जन केंद्र में 52 क्विंटल धान विक्रय के लिए पहुंचे थे। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि इस वर्ष उन्होंने धान विक्रय टोकन स्वयं मोबाइल ऐप के माध्यम से प्राप्त किया, जिससे प्रक्रिया आसान और सुविधाजनक हो गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार लागू किए गए इस डिजिटल नवाचार ने किसानों के लिए धान विक्रय की पारंपरिक जटिलताओं को काफी कम कर दिया है। अब किसान अपने मोबाइल फोन पर कुछ ही मिनटों में धान विक्रय के लिए टोकन काट सकते हैं और निर्धारित समय पर उपार्जन केंद्र पहुंचकर बिना किसी बाधा के अपना धान बेच सकते हैं।
     कृषक श्री धनेश राम ने बताया कि उपार्जन केंद्र में कर्मचारियों का व्यवहार सहयोगपूर्ण था, तौल-कांटे सही थे, बारदाना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध था तथा साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर थी। इसके कारण किसान निश्चिंत होकर अपनी उपज बेच पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष उनकी फसल की पैदावार भी अच्छी हुई है, जिससे परिवार की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने धान का उचित मूल्य उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।

 

रायपुर, / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्यभर के सभी धान खरीदी केंद्रों में खरीदी प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित रूप से जारी है। इसी क्रम में आज जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड के ग्राम नारायणपुर धान खरीदी केंद्र में किसान राजकुमार भगत अपने धान की बिक्री के लिए पहुँचे। उन्होंने बताया कि उनका ऑनलाइन टोकन आसानी से कट गया और उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।

राजकुमार भगत ने कहा कि वे हर वर्ष इसी केंद्र में धान बेचते हैं और इस बार भी सभी व्यवस्थाएँ बेहद सुव्यवस्थित हैं। उन्होंने खरीदी केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं जैसे—ऑनलाइन टोकन जारी व्यवस्था, माइक्रो एटीएम, पर्याप्त बारदाना, पेयजल और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर संतोष प्रकट किया।प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप सभी प्रबंध किसानों की सुविधा को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रत्येक किसान को धान खरीदी की प्रक्रिया सहज, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से उपलब्ध हो। इसके लिए प्रशासनिक टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।

क्या है माइक्रो एटीएम सुविधा?

धान उपार्जन केंद्रों में किसानों की त्वरित जरूरतों को पूरा करने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार ने माइक्रो एटीएम सुविधा उपलब्ध कराई है। इस सुविधा के माध्यम से किसान 2,000 रुपये से 10,000 रुपये तक की राशि तुरंत प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की इस पहल से किसानों को बैंक की शाखाओं में लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं पड़ती, और धान बेचने के तुरंत बाद आवश्यक राशि आसानी से मिल जाती है।

यह सुविधा किसानों की तत्काल आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में अत्यंत मददगार साबित हो रही है और संपूर्ण धान खरीदी प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक, सुगम एवं किसान-फ्रेंडली बना रही है।

 

 रायपुर / शौर्यपथ / आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओपी चौधरी के निर्देशन में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर के तत्वाधान में भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल “सर्कुलर ईकोनॉमी एवं वेस्ट मैनेजमेंट (Waste to Wealth)” विषय पर बिलासपुर संभाग के लिए एक दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम प्लेनेटेरियम, व्यापार विहार, बिलासपुर में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल के सदस्य सचिव श्री आर. अगसिमनी ने की।

कार्यक्रम की रूपरेखा वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुरेश चंद ने प्रस्तुत की, वहीं स्वागत उद्बोधन क्षेत्रीय अधिकारी श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव द्वारा दिया गया। कार्यशाला में सर्कुलर ईकोनॉमी व वेस्ट मैनेजमेंट के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंडल मुख्यालय रायपुर के मुख्य रसायनज्ञ श्री राजेन्द्र प्रसाद वासुदेव ने उद्योग प्रतिनिधियों को वेस्ट टू वेल्थ, ईपीआर (Extended Producer Responsibility) एवं इससे मिलने वाले लाभों की जानकारी दी। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर के मुख्य रसायनज्ञ श्री सूरज कुमार धुर्वे ने फ्लाई ऐश मैनेजमेंट तथा MOEF की अधिसूचनाओं एवं दिशानिर्देशों पर उपयोगी जानकारी साझा की।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उद्योग प्रतिनिधि, ई-वेस्ट, बैटरी वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, टायर वेस्ट व यूज़्ड ऑयल रिसायकलर उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ में स्थापित एकमात्र टीएसडीएफ मेसर्स केसदा वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा AFR तकनीक की जानकारी दी गई। श्री राहुल झा ने ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग एवं क्रिटिकल मिनरल रिकवरी पर प्रस्तुति दी।

एनटीपीसी सीपत, बिलासपुर के श्री पंकज शर्मा तथा एनटीपीसी लारा, रायगढ़ के डॉ. सुधीर दहिया ने फ्लाई ऐश के पर्यावरण-अनुकूल उपयोग के उदाहरण और उपलब्धियों को साझा किया। कार्यशाला के समापन अवसर पर सदस्य सचिव श्री आर. अगसिमनी ने उद्योगों की सक्रिय सहभागिता की सराहना की और आश्वस्त किया कि मंडल सर्कुलर ईकोनॉमी व ईपीआर से संबंधित औद्योगिक आवेदनों का त्वरित निपटान सुनिश्चित करेगा, जिससे उद्योगों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।

रायपुर / शौर्यपथ /  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज देश में चार श्रम संहिताओं के ऐतिहासिक क्रियान्वयन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रम सुधारों का यह महत्वपूर्ण निर्णय देश के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों के अधिकार, सुरक्षा, सामाजिक सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण की एक अभूतपूर्व गारंटी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज का दिन भारत के श्रम क्षेत्र के इतिहास में एक मील का पत्थर है। चारों श्रम संहिताओं के लागू होने से न्यूनतम वेतन का अधिकार, महिलाओं को समान वेतन का प्रावधान, फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, प्रत्येक श्रमिक के लिए सामाजिक सुरक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा और ओवरटाइम पर डबल वेतन जैसी व्यवस्थाएँ पूरे देश में सुनिश्चित होंगी। उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों से न केवल श्रमिक वर्ग को लाभ मिलेगा, बल्कि औद्योगिक वातावरण अधिक पारदर्शी, संतुलित और श्रमिक-हितैषी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस समावेशी और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है, श्रम संहिताओं का लागू होना उस दिशा में एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है। उन्होंने कहा कि भारत की कार्यशील जनसंख्या राष्ट्र की उत्पादन शक्ति और आर्थिक समृद्धि की आधारशिला है, और उनके अधिकारों का संरक्षण किसी भी सशक्त राष्ट्र की प्राथमिकता है। यह संहिताएँ देश की श्रम शक्ति को अधिक सुरक्षित, सम्मानजनक और सशक्त वातावरण प्रदान करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा, उनके कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाले इस निर्णय के लिए वह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जी के प्रति आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुधार नई अर्थव्यवस्था, बेहतर औद्योगिक संबंधों और मजबूत श्रम बाजार का आधार साबित होगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इन श्रम संहिताओं के प्रभावी क्रियान्वयन से देशभर में रोजगार, उत्पादन, निवेश और औद्योगिक विकास की गति और अधिक मजबूत होगी, जिससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता भी बढ़ेगी।

 

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित “छत्तीसगढ़ 25 साल बेमिसाल” कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की 25 वर्ष की स्वर्णिम विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि छत्तीसगढ़ की प्रगति में प्रत्येक नागरिक की अहम भूमिका रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के सपनों को साकार करने के लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने बस्तर सहित पूरे प्रदेश में विकास में बाधक नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाने से सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में भी विकास की पहुंच सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में किए जा रहे प्रयासों से नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर है और बस्तर अपने मूल स्वरूप में भयमुक्त होकर प्रदेश के विकास में बेहतर भागीदारी देगा। श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलम्पिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों के माध्यम से बस्तर की संस्कृति और प्रतिभा को दुनिया ने देखा है। बस्तर में शांति, समृद्धि और खुशहाली के नए युग का आरंभ हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पूरी दृढ़ता से लागू है। पूर्व में जो अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुए, उस पर कड़ा प्रहार किया गया है, जिसका परिणाम भी सभी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने भूखमरी जैसे अभिशाप को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए थे, जिसके तहत गरीब परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया गया। साथ ही, जरूरतमंद परिवारों को आज आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सुशासन के सपनों को साकार करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की लगभग सभी गारंटियों को पूरा कर दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण ‘चरण पादुका योजना’ को भी पुनः प्रारंभ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने नई उद्योग नीति के आकर्षक प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश लगातार बढ़ रहा है। अब तक राज्य सरकार को पौने आठ लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिससे आने वाले वर्षों में रोजगार और औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास में योगदान देने वाले विभिन्न संस्थानों और व्यक्तियों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री पंकज झा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी श्री अलोक सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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