December 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  रायपुर / शौर्यपथ / नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने बरसात में शहरों में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पहल करते हुए सभी नगरीय निकायों से प्रस्ताव मंगाए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक श्री आर. एक्का ने राज्य के सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को परिपत्र जारी कर एक सप्ताह में इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं।

संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा निकायों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि शहरों में वर्षा ऋतु के समय अत्यधिक वर्षा होने से बाढ़ एवं कुछ क्षेत्रों में जलभराव होने के कारण नागरिकों को असुविधा होती है। शहरों के जिन-जिन क्षेत्रों में जलभराव होता है, वहां असुविधा से बचने तथा इसके स्थायी समाधान के लिए नाला/नाली निर्माण एवं कांक्रीटीकरण किया जाना आवश्यक होता है। विभाग ने जलभराव की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सभी नगरीय निकायों को प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर संचालनालय भेजने को कहा है।

127 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास:100 सीटर छात्रावास और पहुंच मार्ग की घोषणा
मुख्यमंत्री का पारम्परिक मोहरी वाद्ययंत्र के सामूहिक वादन से हुआ स्वागत
गाड़ा समाज बूढ़ादेव महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर / शौर्यपथ / बस्तर में नक्सलवाद तेजी से समाप्ति की ओर अग्रसर है। ‘नियद नेल्लानार योजना’ के तहत अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को शासन की मूलभूत योजनाओं से तेजी से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह बस्तर को भी विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुंचाना है। प्रदेश सरकार ने लगभग दो वर्षों की अल्पावधि में ही अधिकांश गारंटियों को पूरा कर लिया है तथा छत्तीसगढ़ को समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज कोण्डागांव में गाड़ा समाज द्वारा आयोजित बूढ़ादेव महोत्सव को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर 127 करोड़ रुपए के 61 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने कोनगुड़ से धनोरा मार्ग निर्माण हेतु 90 लाख रुपए, केशकाल से विश्रामपुरी मार्ग के लिए 39 करोड़ रुपए, तथा ग्राम कुधूर में अनुसूचित जनजाति बालिका 100 सीटर छात्रावास के लिए 2.71 करोड़ रुपए की घोषणा की। उन्होंने बहुउद्देशीय केंद्र, दिव्यांग सेंटर और कोचिंग सेंटर संचालित करने हेतु 1.5 करोड़ रुपए प्रदाय करने की बात कही।मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में कॉफी टेबल बुक (Journey of Dignity: Story of NRLM Kondagaon), प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल पुस्तिका, उच्च जोखिम गर्भावस्था हेतु हेल्पलाइन नंबर, हेलमेट बैंक तथा सुपोषित विकास चार्ट का भी विमोचन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रदेश भर में रजत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है, यहां की मिट्टी अत्यंत उर्वरा है। प्रदेश में 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। किसानों से 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू कर दी गई है। महतारी वंदन योजना, तेंदूपत्ता संग्राहक कल्याण योजनाएँ और चरण पादुका योजना के तहत लगातार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अच्छा किसान, व्यवसायी, जनसेवक या राजनेता बनने के लिए उत्तम शिक्षा अनिवार्य है। इसलिए सभी लोग बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें।

विधायक सुश्री लता उसेंडी ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार की उपलब्धियों और कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के आगमन पर पारम्परिक वाद्ययंत्र मोहरी का सामूहिक वादन कर आत्मीय स्वागत किया गया।मुख्यमंत्री श्री साय ने बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना भी की।

कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, सांसद श्री महेश कश्यप, सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रीता शोरी, श्री कमलचंद्र भंजदेव, पूर्व सांसद श्री मोहन मण्डावी, पूर्व विधायक श्री शिशुपाल शोरी तथा गांडा समाज के पदाधिकारी श्री प्रदीप कुलदीप, डॉ. किरण बघेल और श्री अशोक चौहान सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे।

शासकीय जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल के शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल के जीर्णोद्धार हेतु डेढ़ करोड़ रुपए सहित पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास भवन निर्माण की घोषणा की

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जगदलपुर में शासकीय जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल के शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में आज शामिल हुए। बस्तर हाईस्कूल के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने विद्यालय परिवार को शताब्दी वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है, शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। भारत में प्राचीन काल से ही शिक्षा का अत्यधिक महत्व रहा है। नालंदा और तक्षशिला जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में विदेशों से विद्वान ज्ञानार्जन के लिए आते थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में बस्तर हाईस्कूल तथा कांकेर के नरहरदेव विद्यालय जैसे संस्थान शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्र रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1926 में जब इस विद्यालय का निर्माण हुआ होगा, तब संसाधनों का अत्यधिक अभाव रहा होगा, लेकिन पिछले सौ वर्षों की विकास यात्रा में इस विद्यालय ने अनगिनत होनहार छात्र-छात्राओं को तैयार किया है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देकर विद्यालय का नाम रोशन किया है। आज उनमें से अनेक पूर्व छात्र इस समारोह में सम्मिलित हुए हैं। उन्होंने संस्था के निरंतर प्रगति के लिए शुभकामनाएँ व्यक्त कीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य गठन के पच्चीस वर्ष पूर्ण होने पर सभी को बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल के जीर्णोद्धार हेतु डेढ़ करोड़ रुपए तथा पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास भवन निर्माण की घोषणा की। साथ ही विद्यालय की अन्य सभी आवश्यकताओं को प्राथमिकता से पूरा करने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस कार्यक्रम में शैलेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा विद्यालय को प्रदान किए गए दो ड्रोन टोकन स्वरूप प्रदान किए, साथ ही शैलेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा विद्यालय को 50 ड्रोन उपलब्ध कराने की सहमति भी दी गई, जिससे तकनीकी शिक्षा को और प्रोत्साहन मिलेगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने जगतु माहरा शासकीय बहुउद्देश्यीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जगदलपुर में शताब्दी समारोह पट्टिका का अनावरण किया। उन्होंने स्वर्गीय ठाकुर देवेन्द्र सिंह और स्वर्गीय श्रीमती शारदा ठाकुर की स्मृति में निर्मित दो स्मार्ट क्लासों का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' अंतर्गत परिजात प्रजाति के पौधे का रोपण किया।

शताब्दी समारोह के ध्वजारोहण के साथ विद्या-दायिनी मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी के पिता की स्मृति में आयोजित न्योता भोज कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को भोजन परोसा। इसके अलावा जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल के वे सात पूर्व छात्र, जो पुलिस और सुरक्षा बल में सेवा के दौरान शहीद हुए, उनके छायाचित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने विद्यालय के शताब्दी समारोह के लिए बधाई देते हुए कहा कि आजादी से पहले 1926 में आरंभ हुए इस ऐतिहासिक विद्यालय के लिए यह दिन अत्यंत गौरवशाली है। पूर्व शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा पूर्व छात्रों के लिए यह यादगार लम्हा है। उन्होंने कहा कि इस संस्था से शिक्षा पाकर अनेक छात्र-छात्राएँ विभिन्न सेवाओं के माध्यम से समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों को वरिष्ठजनों से सीखने का आग्रह किया और विद्यालय की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का भरोसा दिलाया।

विद्यालय के पूर्व छात्र और विधायक जगदलपुर श्री किरण देव ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अविभाजित बस्तर जिले में बस्तर हाईस्कूल और कांकेर का नरहरदेव हाईस्कूल ही प्रमुख शिक्षा संस्थान थे, जहाँ समूचे अंचल के विद्यार्थी अध्ययन करते थे। उन्होंने बताया कि इस संस्था के पूर्व छात्र आज आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राध्यापक, सफल व्यवसायी और उद्यमी के रूप में समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने पुराने शिक्षक-शिक्षिकाओं के योगदान को नमन किया और विद्यालय के जीर्णोद्धार तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति का अनुरोध किया। कार्यक्रम के आरंभ में विद्यालय के प्राचार्य श्री बी.एस. रामकुमार ने प्रतिवेदन के माध्यम से स्कूल के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया।

इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद (बस्तर) श्री महेश कश्यप, विधायक (चित्रकोट) श्री विनायक गोयल, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रूपसिंह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्री संजय पाण्डे, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस., पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा सहित विद्यालय के पूर्व तथा वर्तमान छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 'पंडुम कैफे' का किया शुभारंभ

रायपुर / शौर्यपथ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर में सामाजिक-आर्थिक बदलाव के नए अध्याय की शुरुआत करते हुए आज जगदलपुर में ‘पंडुम कैफ़े’ का शुभारंभ किया। यह कैफ़े नक्सली हिंसा के पीड़ितों और समर्पण कर चुके सदस्यों के पुनर्वास हेतु छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वालों को सम्मानजनक और स्थायी आजीविका प्रदान करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। यह अनूठी पहल संघर्ष से सहयोग तक के प्रेरणादायक सफर को दर्शाती है।‘पंडुम कैफ़े’ जगदलपुर के पुलिस लाइन परिसर में स्थित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘पंडुम कैफे’ में कार्यरत नारायणपुर की फगनी, सुकमा की पुष्पा ठाकुर, बीरेंद्र ठाकुर, बस्तर की आशमती और प्रेमिला बघेल के साथ सौहार्दपूर्ण बातचीत की। उन्होंने नई शुरुआत के लिए उनका हौसला बढ़ाया और ‘पंडुम कैफ़े’ के बेहतर संचालन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि पंडुम कैफ़े का शुभारंभ बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन का एक प्रेरक प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने श्री साय ने कहा कि पंडुम कैफे आशा, प्रगति और शांति का उज्ज्वल प्रतीक है। कैफे में कार्यरत युवा, जो नक्सली हिंसा के पीड़ित तथा हिंसा का मार्ग छोड़ चुके सदस्य हैं, अब शांति के पथ पर अग्रसर हो चुके हैं। जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से उन्हें आतिथ्य सेवाओं, कैफ़े प्रबंधन, ग्राहक सेवा, स्वच्छता मानकों, खाद्य सुरक्षा और उद्यमिता कौशल का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

हिंसा का मार्ग छोड़कर शांति के पथ पर लौटे और कैफ़े में कार्यरत एक महिला ने इस अवसर पर भावुक होकर इस पुनर्वास पहल से हुए बदलाव की बात दोहराई। एक पूर्व माओवादी कैडर ने कहा कि,“हमने अपने अतीत में अंधेरा देखा था। आज हमें समाज की सेवा करने का यह अवसर मिला है, यह हमारे लिए एक नया जन्म है। बारूद की जगह कॉफी परोसना और अपनी मेहनत की कमाई से जीना—यह एहसास हमें शांति और सम्मान दे रहा है।”

एक अन्य सहयोगी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि,“पहले हम अपने परिवार को सम्मानजनक जीवन देने का सपना भी नहीं देख सकते थे। अब हम अपनी मेहनत से कमाए पैसों से घर के सदस्यों का भविष्य संवार सकते हैं। यह सब प्रशासन और इस कैफ़े की वजह से संभव हुआ है।”

एक अन्य सदस्य ने समुदाय के सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि,“हमें लगा था कि मुख्यधारा में लौटना आसान नहीं होगा, लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन ने हमें प्रशिक्षण दिया और हमारा विश्वास जीता। सबसे बड़ी बात यह है कि हम अब पीड़ितों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे हमें अपने अतीत के अपराधों को सुधारने और शांति स्थापित करने का अवसर मिला है।”

उन्होंने यह भी बताया कि ‘पंडुम’ बस्तर की सांस्कृतिक जड़ों को दर्शाता है, और इसकी टैगलाइन “जहाँ हर कप एक कहानी कहता है” इस बात का प्रतीक है कि यहाँ परोसी गई कॉफी सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि साहस, संघर्ष पर विजय और एक नई शुरुआत की कहानी भी अपने साथ लेकर आती है।

इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, सांसद श्री महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव, चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल, बेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रूपसिंह मंडावी, जगदलपुर महापौर श्री संजय पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, संभागायुक्त श्री डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस., पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

राजनांदगांव/शौर्यपथ/ सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों के लिए खतरा बढ़ जाता है।एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग डॉ. प्रकाश खूंटे बताते हैं कि ठंड के कारण शरीर की रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर अचानक भार पड़ता है। इसी कारण इस मौसम में हार्ट अटैक की घटनाएँ अधिक देखी जाती हैं। सर्दियों में लोगों की गतिविधियाँ कम हो जाती हैं और तैलीय, भारी भोजन का सेवन बढ़ जाता है। इसके साथ ही फ्लू और सांस की समस्या भी दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, जिससे दिल की बीमारी का जोखिम और बढ़ जाता है।

डॉ. प्रकाश खूंटे का कहना है कि हार्ट अटैक के लक्षणों को समय रहते पहचानना बेहद महत्वपूर्ण है। यदि सीने में दर्द या दबाव महसूस हो, दर्द हाथ, गर्दन या पीठ तक फैल जाए, सांस लेने में कठिनाई, ठंडा पसीना या चक्कर आए—तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। बुजुर्ग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व कोलेस्ट्रॉल के मरीज और पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोग सर्दियों में विशेष रूप से जोखिम में रहते हैं।

सावधानी जिन लोगों को रखनी चाहिए, उनमें डॉ. प्रकाश खूंटे खासतौर पर 50 वर्ष से ऊपर के लोगों, स्मोकिंग करने वालों और लंबे समय से दिल की बीमारी झेल रहे मरीजों को शामिल करते हैं। उनके अनुसार सर्दियों में दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाने चाहिए। सबसे पहले ठंड से बचाव जरूरी है—गर्म कपड़ों का सही उपयोग करें और अचानक ठंडी हवा में जाने से बचें। हल्का व संतुलित भोजन लें, दिन में थोड़ा-बहुत चलते-फिरते रहें और नियमित रूप से BP, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें। डॉ. प्रकाश खूंटे सलाह देते हैं कि धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन सर्दियों में दिल के लिए और भी हानिकारक हो सकता है, इसलिए इन्हें सीमित करना आवश्यक है।

बहुत ठंड में भारी व्यायाम या अचानक जोरदार शारीरिक गतिविधि दिल पर अनावश्यक दबाव डाल सकती है, इसलिए हल्का और सुरक्षित व्यायाम ही उपयुक्त है। वे यह भी कहते हैं कि पर्याप्त पानी पिएँ, क्योंकि सर्दियों में शरीर अनजाने में डीहाइड्रेट हो जाता है, जिससे खून गाढ़ा होने का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञ डॉ. खूंटे के अनुसार, शीत लहर के दिनों में दिल के मरीजों, बुजुर्गों और हाई BP/शुगर वाले मरीजों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। ठंड का सही प्रबंधन, तनाव से दूरी और समय पर जांच—ये तीन बातें सर्दियों में दिल की सुरक्षा की रीढ़ हैं।

आखिर में डॉ. प्रकाश खूंटे यह संदेश देते हैं कि सर्दियों में छोटे-छोटे पर सावधानीपूर्ण कदम दिल को गंभीर खतरे से बचा सकते हैं। किसी भी लक्षण को हल्के में न लें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर उपचार से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।

  जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के निर्देशन में जिला पंचायत सीईओ श्री गोकुल रावटे ने आज ग्राम पंचायत धुरकोट, मुनुंद एवं भड़ेसर स्थित धान उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने केंद्र प्रभारी से पंजीकृत किसानों की संख्या, बारदाना उपलब्धता, मूलभूत सुविधाएँ एवं टोकन सहित अन्य बिंदुओं की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिला पंचायत सीईओ ने उपार्जन केंद्रों में मौजूद किसानों से भी बातचीत मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। इस पर उन्होंने प्रभारियों को शासन के निर्देशों के अनुरूप धान खरीदी करने, किसानों की सुविधा के लिए समय पर तौल एवं बारदाना वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिए और सभी किसानों को सुगमता के साथ सुिवधाए उपलब्ध हो। इस अवसर पर जनपद पंचायत नवागढ़ सीईओ श्री अनिल कुमार सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

राशन दुकान व आंगनबाड़ी तक पहुंचा कचरे का कहर, प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा गंदगी का कारोबार!

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ । शहर में स्वच्छता का नारा बुलंद करने वाले अधिकारी और जनप्रतिनिधि अगर सच्चाई देखना चाहते हैं तो एक बार सिविल लाइन वार्ड क्रमांक 07 लालबाग स्थित SLRM सेंटर का हाल जरूर देखें। यहां शहर भर का कचरा लाकर डंप किया जाता है, जिसे महिला समूह के माध्यम से छांटा जाता है, लेकिन सफाई के नाम पर यह केंद्र अब दुर्गंध, मक्खियों और बीमारी का गढ़ बन चुका है।

बदबू से त्रस्त जनता, और वहीं पास में चल रहा राशन दुकान व बच्चों की आंगनबाड़ी केंद्र, दोनों ही इस कचरे के दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। बच्चों को पोषण देने के बजाय यहां संक्रमण और प्रदूषण का ज़हर परोसा जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सेंटर से उठने वाली सड़ी दुर्गंध पूरे इलाके में फैल चुकी है। “सुबह से शाम तक बदबू से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बच्चों को बाहर खेलना तो दूर, आंगनबाड़ी भेजना भी खतरे से खाली नहीं,” लोगों ने नाराज़गी जताई।

शिकायतों के बावजूद नगर निगम और स्वच्छता मिशन अधिकारी बेखबर हैं, जैसे किसी को जनता की सेहत की कोई परवाह ही नहीं। हर साल “स्वच्छता रैंकिंग” में नंबर बढ़ाने की होड़ में लगे अधिकारी, ज़मीनी गंदगी और जनता की परेशानी को पूरी तरह अनदेखा कर रहे हैं।

स्वच्छ भारत मिशन का असली चेहरा लालबाग में साफ दिखाई दे रहा है — जहां मिशन सिर्फ पोस्टर और भाषणों तक सीमित रह गया है, जबकि हकीकत में नागरिक बदबू, मच्छर और बीमारी के बीच जीने को मजबूर हैं।

वार्डवासियों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे या तो SLRM सेंटर को आबादी से दूर हटाया जाए, या फिर वहां दुर्गंध नियंत्रण, कीटाणुनाशक छिड़काव और सफाई की स्थायी व्यवस्था की जाए। अन्यथा वार्ड के लोग आंदोलन के लिए मजबूर होंगे, क्योंकि अब यह मामला सिर्फ बदबू का नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और प्रशासनिक लापरवाही का बन चुका है।

  "पूर्व चुनाव आयुक्त कुरैशी ने पूछा—क्या आयोग ऐसे घर में ले जाएगा जिसका पता '00000' है?

 पटना। शौर्यपथ। 

बिहार चुनाव के बाद मतदाता सूची में मकान नंबर '00000' या '0' दर्ज होने की समस्या ने आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी मुद्दे पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने तीखे शब्दों में चुनाव आयोग को घेरा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “क्या चुनाव आयोग हमें या आपको उस घर में ले चलेगा जिसका पता 00000 लिखा है? मजाक बना रखा है क्या!”

कुरैशी का कहना है कि आयोग को ऐसे वोटर डेटा की जिम्मेदारी संभालते समय पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए, नहीं तो शून्य मकान नंबर वाले ‘काल्पनिक पते’ पर पहुंचना सिर्फ लोकतंत्र का मजाक बन सकता है। उनका यह तंज सोशल मीडिया पर छाया हुआ है; बहुतों ने इसे चुनावी सिस्टम के प्रति जागरूकता और जवाबदेही बढ़ाने वाला बयान बताया।

हालांकि आयोग ने सफाई दी है कि कई बार स्थानीय प्रशासन द्वारा घर का नंबर नहीं दिया जाता, ऐसे में '00000' जैसे नंबर दर्ज करना केवल एक अनौपचारिक विकल्प या सिस्टम की मजबूरी है। लेकिन सवाल वही है—क्या लोकतंत्र में मतदाता का आसरा केवल शून्य में ही रहेगा?

 शौर्यपथ राशिफल। आज सोमवार, 17 नवंबर को ग्रहों की स्थिति और चंद्रमा के गोचर के कारण दिन में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिलेंगे। सुबह चंद्रमा…

राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी लगातार तीन वर्षों से प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं

कोंडागांव / शौर्यपथ /
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़े बेंदरी के विद्यार्थियों ने एक बार फिर अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तर की प्रतियोगिता में शानदार सफलता प्राप्त की है। जशपुर में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय पश्चिम भारत विज्ञान मेला एवं बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में विद्यालय के बाल वैज्ञानिकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय एवं जिले का नाम गौरवान्वित किया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री संजय ठाकुर के संरक्षण तथा व्याख्याता श्री अंकित गुप्ता एवं श्री दिलीप कश्यप के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में विभिन्न विषयों पर नवाचार आधारित मॉडल प्रस्तुत किए।"स्वच्छता एवं स्वास्थ्य" उप-विषय में जिज्ञासा मानिकपुरी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
वहीं "अपशिष्ट प्रबंधन एवं प्लास्टिक के विकल्प" विषय में गीतांजलि कोर्राम ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति के दम पर प्रथम स्थानअर्जित किया।
विशेष उल्लेखनीय है कि विद्यालय ने अपशिष्ट प्रबंधन विषय में लगातार तीसरी बार राज्य स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त कर हैट्रिक बनाई है, जो पर्यावरण संरक्षण एवं कचरा प्रबंधन के प्रति विद्यार्थियों की समझ, रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
विद्यालय विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर शानदार प्रदर्शन करता आया है। यहां के विद्यार्थी अपनी तकनीकी दक्षता, नवाचार और परिश्रम के दम पर हर वर्ष राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान मेलों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित करते हैं।
इस उल्लेखनीय सफलता पर प्राचार्य श्री संजय ठाकुर, शिव कुमार तिवारी, नरेंद्र लोंहरे, अली बक्श शेख, राजकुमार तिग्गा, सरिता मांझी, तनुजा देवांगन, मदन सोनेवारा, निर्मल सिन्हा, धनपत नेताम, किरण पोया, दिगपाल दास मानिकपुरी, कमलेश साहू, कल्पना पैकरा, रुपाली शुक्ला, वंदना भोय, अमर मरकाम, भूनश्वर सूर्यवंशी, अनंत चौरे, अमजद पोयाम, दीपक ध्रुव सहित समस्त स्टाफ ने विजयी विद्यार्थियों एवं मार्गदर्शक शिक्षकों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
विद्यालय परिवार को पूर्ण विश्वास है कि विद्यार्थी आगामी प्रतियोगिताओं में भी अपनी उत्कृष्टता जारी रखते हुए जिले और संस्था का नाम ऊँचाइयों पर पहुँचाएँगे।

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