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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बड़ा हमला
भिलाई (दुर्ग)। शौर्यपथ। भिलाई के वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रबोध के संपादक पवन केसवानी पर हाल ही में हुए कातिलाना हमले ने न केवल प्रेस की स्वतंत्रता बल्कि पूरे लोकतांत्रिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। पवन केसवानी द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बेबाक समाचार प्रकाशित करने के बाद उन पर अपराधी तत्वों ने यह हमला किया। इस घटना का सीधा संदेश यही है कि अपराधी तत्व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान और कानून व्यवस्था में कतई विश्वास नहीं रखते।
अभिव्यक्ति की आजादी को चोट
भारत का संविधान नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Article 19) का अधिकार प्रदान करता है, परंतु यह स्वतंत्रता भी अनुशासन और व्यवस्था के दायरे में ही मान्य है। यदि किसी समाचार में तथ्यगत दोष या दुर्भावना झलकती भी हो, तो न्यायालय और विधिक व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं―अपनी आपत्ति को दर्ज कराने के लिए, न कि हिंसा या आत्म निर्णय का विकल्प है। न्याय का अधिकार केवल न्यायपालिका के पास है, न कि किसी व्यक्ति या समूह के पास।
अपराधियों की मानसिकता : कानून को अंगूठापवन केसवानी पर हमला करने वालों की यह प्रवृत्ति समाज और कानून दोनों के लिए हर प्रकार से घातक है। ये तत्व संविधान, कानून और लोकतंत्र को नकारकर स्वयं को सर्वोपरि समझते हैं। ऐसे लोगों को समाज का कोई अधिकार नहीं, बल्कि उन पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए ताकि संविधान का सम्मान अक्षुण्ण रहे और लोकतंत्र की चतुर्थ शक्ति अर्थात् मीडिया की आवाज बुलंद रहे।
पुलिस-प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था का दायित्व
जरूरी है कि ऐसे हमलों के अपराधियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई हो तथा सामाजिक स्तर पर यह संदेश जाए कि न तो कानून से बड़ा कोई है और न ही लोकतंत्र को ठेस पहुंचाने वाले को बख्शा जाएगा। इतिहास गवाह है कि गलत खबर पर न्यायालय सजा भी देता है, लेकिन न्याय व्यवस्था की जगह खुद फैसला करना सीधा-सीधा कानून तोड़ना और देशद्रोह के बराबर है।
संवैधानिक संदेश
लोकतंत्र में संवाद, असहमति और समीक्षा से ही रास्ता निकलता है। पत्रकार की अच्छाई-बुराई का फैसला न्यायपालिका करती है, न कि अपराधी। पत्रकार चाहे बड़ा हो या छोटा, वह अगर कोई भी खबर प्रकाशित करता है और उस पर आपत्ति है, तो केवल न्यायिक उपाय ही विकल्प हैं। पवन केसवानी के मसले ने पूरे न्यायिक तंत्र को झकझोर दिया है और यह चेतावनी देता है कि प्रेस पर हमला, लोकतंत्र पर हमला है।
प्रशासन और न्याय प्रणाली से मांग
शौर्यपथ दैनिक ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि अपराधियों पर त्वरित एवं कठोर कार्रवाई हो, ताकि समाज में भय का माहौल न बने और हर पत्रकार स्वतंत्रता से अपनी जिम्मेदारी निभा सके। दोषियों पर सख्ती जरूरी है ताकि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हो सके। इतिहास में कई उदाहरण हैं जहां गलत समाचार पर न्यायिक सजा दी गई, लेकिन फैसला अदालत करेगी, अपराधी नहीं।
दुर्ग। शौर्यपथ। जनसेवा में समर्पित और सादगी की मिसाल दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर का जन्मदिन इस बार एक अनोखा उदाहरण बन गया। 7 नवंबर को जब विधायक चंद्राकर बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी संगठन की जिम्मेदारी निभा रहे थे, तब उनके गृह नगर दुर्ग में उनके हजारों समर्थक और शुभचिंतक स्वयं उनके आवास पर पहुंचकर जन्मदिन की शुभकामनाएं देने उमड़ पड़े।
विधायक की अनुपस्थिति के बावजूद दिनभर उनके घर पर बधाइयों का तांता लगा रहा। समर्थक पुष्पगुच्छ, मिठाइयां और बधाई संदेश लेकर पहुंचे और विधायक के परिजनों से मिलकर अपने लाडले जनप्रतिनिधि के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त किया।
यह दृश्य जनसेवा के उस रिश्ते को दर्शाता है, जो केवल राजनीति तक सीमित नहीं बल्कि जनता के दिलों में गहराई तक बसा है। विधायक के समर्थकों ने दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के कई स्थानों पर धूमधाम से केक काटकर, दीप प्रज्वलन कर और जरूरतमंदों को वस्त्र एवं मिठाई वितरित कर उनका जन्मदिन मनाया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी विधायक ललित चंद्राकर के जन्मदिन की बधाईयों की बाढ़ आ गई। बिहार प्रवास से ही उन्होंने सभी समर्थकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा —
> “आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद ही मेरी सबसे बड़ी शक्ति है। जनसेवा ही मेरा जीवन धर्म है।”
ललित चंद्राकर के जन्मदिन पर जिस प्रकार उनके अनुपस्थिति में भी जनसैलाब उमड़ा, वह इस बात का प्रमाण है कि वे केवल एक विधायक नहीं बल्कि जनता के हृदय में बसे एक सच्चे जननायक हैं।
7 नवंबर का दिन न केवल विधायक ललित चंद्राकर और उनके परिवार के लिए, बल्कि दुर्ग ग्रामीण की जनता के लिए भी जनसंपर्क और जनस्नेह का अविस्मरणीय पर्व बन गया।
शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र परिवार विधायक ललित चंद्राकर को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं एवं दीर्घायु जीवन की मंगल कामना करता है।
चंपारण की आखिरी रैली में प्रधानमंत्री ने किया नीतीश को मुखिया घोषित, युवाओं की बंपर वोटिंग से बदलते दिखे बिहार के समीकरणशौर्यपथ राजनीति।
चम्पारण। शौर्यपथ राजनीती। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। प्रथम चरण की बंपर 65% से अधिक वोटिंग के बाद राजनीतिक समीकरण तेज़ी से बदलते दिख रहे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे और अंतिम चरण के प्रचार के आखिरी दिन पश्चिम चंपारण की ऐतिहासिक रैली में बड़ा ऐलान करते हुए कहा — “नहीं चाहिए कट्टा सरकार, अबकी बार नीति सरकार।
”इस बयान के साथ ही प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि यदि आईएनडीआईए गठबंधन की सरकार बनती है, तो उसके मुखिया नीतीश कुमार ही होंगे। यह वही नीतीश हैं जिन पर पहले चरण से पहले एनडीए खेमे में “मुख्यमंत्री चेहरा” को लेकर संशय बना हुआ था। गृह मंत्री अमित शाह ने भी पहले चरण के मतदान से पहले कहा था कि परिणामों के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का चयन होगा। लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं — बंपर मतदान ने बिहार की राजनीति में नई हवा बहा दी है।
प्रधानमंत्री मोदी की रैली में उमड़े जनसैलाब और युवाओं की भारी भागीदारी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि बिहार का मतदाता इस बार निर्णायक भूमिका निभाने जा रहा है। रैली में प्रधानमंत्री ने कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि बिहार को अब "कट्टा और भ्रष्टाचार" की राजनीति नहीं चाहिए, बल्कि "विकास की नीति" चाहिए — और यह नीति केवल नीतीश सरकार ही दे सकती है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रथम चरण की उच्च मतदान दर और मोदी का यह अंतिम चुनावी संदेश मिलकर बिहार में नई दिशा निर्धारित कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि अब वे अगली बार जनता से सीधे शपथ ग्रहण समारोह में मुलाकात करेंगे।अब निगाहें 11 नवंबर को होने वाले अंतिम चरण के मतदान पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि मोदी की "नीति सरकार" का नारा बिहार के जनादेश में कितना असर दिखा पाता है।
ग्वालियर से दबोचा गया रायपुर का हिस्ट्रीशीटर — छत्तीसगढ़ पुलिस की बड़ी सफलता, धर्म और राजनैतिक रिश्तों के जाल में फलता-फूलता था कर्ज़ और खौफ का कारोबार
रायपुर, 09 नवम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने आखिरकार उस नाम पर शिकंजा कस दिया है, जो लंबे समय से सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियारों के बल पर धर्म और राजनीति की आड़ में अपना साम्राज्य खड़ा कर रहा था। मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी को पुलिस ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पुलिस की कई महीनों की गुप्त निगरानी और ठोस इनपुट पर की गई कार्रवाई का परिणाम है।
वीरेंद्र तोमर पर सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धमकी और आर्म्स एक्ट के तहत गंभीर मामले दर्ज हैं। उसका भाई रोहित तोमर अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की विशेष टीम सक्रिय है। दोनों भाइयों पर लोगों से ब्याज पर पैसा देकर कई गुना ब्याज और धमकी के जरिए वसूली करने के आरोप हैं।
162 दिन बाद टूटा फरारी का सिलसिला
वीरेंद्र तोमर बीते 162 दिनों से फरार चल रहा था। जून 2025 में तेलीबांधा थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने तोमर भाइयों पर मारपीट और धमकी का आरोप लगाकर FIR दर्ज कराई थी। मामले में तलाशी के दौरान पुलिस ने वीरेंद्र के घर से अवैध हथियार और बड़ी मात्रा में नकदी एवं संपत्ति दस्तावेज जब्त किए थे।
इसके बाद दोनों भाइयों ने गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने सख्त टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया था।
धर्म और राजनीति की आड़ में बना ‘सूद साम्राज्य’
वीरेंद्र तोमर ने धार्मिक कार्यक्रमों, आश्रमों और राजनीतिक संपर्कों के माध्यम से एक ऐसा नेटवर्क खड़ा किया था, जो आम नागरिकों को आर्थिक जाल में फंसा देता था। बताया जाता है कि वह खुद को धर्मप्रेमी और समाजसेवी चेहरे के रूप में प्रस्तुत करता था, जबकि पर्दे के पीछे रंगदारी और ब्याजखोरी का काला कारोबार चलता था। कई स्थानीय कारोबारी और प्रॉपर्टी डीलर उसकी धमकियों से त्रस्त थे, परंतु उसके राजनीतिक संबंधों के डर से खुलकर सामने नहीं आते थे।
छत्तीसगढ़ पुलिस की रणनीतिक कार्रवाई
रायपुर पुलिस को हाल ही में यह सीक्रेट इनपुट मिला कि तोमर ग्वालियर में फर्जी पहचान से रह रहा है। सूचना मिलते ही विशेष टीम गठित की गई और स्थानीय पुलिस के सहयोग से शनिवार देर रात उसे दबोच लिया गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वीरेंद्र तोमर से पूछताछ में उसके अवैध कारोबार, धन शोधन और राजनीतिक संरक्षण से जुड़े कई नामों के खुलासे की संभावना है। रायपुर पुलिस उसे सड़क मार्ग से रायपुर लेकर आ रही है और रविवार को औपचारिक रूप से प्रेस ब्रीफिंग में महत्वपूर्ण खुलासे किए जा सकते हैं।
समाज के लिए बड़ा संदेश
धर्म, धन और सत्ता के गठजोड़ के सहारे फलते अपराध की यह गिरफ्तारी केवल एक आपराधिक कार्रवाई नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है कि
“धार्मिक आस्था को ढाल बनाकर कोई भी व्यक्ति अपराध का साम्राज्य नहीं चला सकता।”
पुलिस की यह सफलता इस बात का भी संकेत है कि कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे उसके संबंध कितने ही सशक्त क्यों न हों।
? मुख्य तथ्य:
आरोपी: वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी
गिरफ्तारी स्थान: ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
आरोप: सूदखोरी, रंगदारी, ब्लैकमेलिंग, आर्म्स एक्ट उल्लंघन
फरार अवधि: 162 दिन
सह आरोपी: रोहित तोमर (अभी भी फरार)
प्राथमिकी: तेलीबांधा थाना, रायपुर
कार्रवाई: छत्तीसगढ़ पुलिस की विशेष टीम द्वारा सीक्रेट इनपुट पर ऑपरेशन
“धर्म की आड़ में अपराध और राजनीति की छाया में डर का साम्राज्य खड़ा करने वाले अब कानून के शिकंजे से नहीं बच सकते।”
— शौर्यपथ समाचार विशेष रिपोर्ट
शौर्यपथ / राजस्थान /
कुचामन सिटी, 7 नवंबर 2025: कुचामन सिटी में हनुमानगढ़-किशनगढ़ हाईवे के किनारे कई होटलों और ढाबों को अपराधियों के लिए अड्डा बनाकर देह व्यापार संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश करते हुए अचानक छापेमारी कर 5 महिलाओं और 4 पुरुषों को संदिग्ध अवस्था में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में शौरभ, किशन, आशीष और प्रकाश जैसे स्थानीय युवक शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, स्थानीय युवतियों के साथ-साथ कोलकाता सहित विभिन्न राज्यों और यहां तक कि कुछ विदेशी युवतियों को भी इस अवैध व्यापार में एजेंट मोबाइल फोन पर उनकी तस्वीरें दिखाकर ग्राहकों को उपलब्ध कराते थे। विदेशी युवतियों की पहचान के आधार पर उनकी दरें अधिक रखी जाती थीं। हाईवे किनारे कई होटलों और ढाबों के संचालक पुलिस छापे से पहले अपने प्रतिष्ठान बंद कर फरार हो गए।
यह अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा था और इससे शहर का सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हो रहा था। पिछले वर्ष राजस्थान पत्रिका ने इस मसले पर स्टिंग ऑपरेशन कर पुलिस का ध्यान भी आकर्षित किया था। लेकिन अब कुचामन पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद खारिया और डीएसपी अरविंद विश्नोई के नेतृत्व में चल रही कार्रवाई से इस नृशंस कारोबार को रोकने के प्रयास में नया संकल्प दिखा है।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि ऐसे अभियानों के जरिए इस प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों पर पारदर्शिता और नियंत्रण बनाए रखा जाएगा। कुचामन जैसे शिक्षा नगरी में सुरक्षा और नैतिकता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की उम्मीदों को बल मिला है।
यह मामला उस सामाजिक समस्या की ओर इशारा करता है जहां शिक्षा और विकास के बावजूद अनैतिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिसका कड़ा मुकाबला करने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। पुलिस आगे भी इस पर गंभीर निगरानी रखेगी और आवश्यक कार्रवाई करती रहेगी।
यह कार्रवाई कुचामन सिटी में बढ़ते अपराध के खिलाफ एक ठोस संदेश है कि अवैध और अनैतिक कामों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
(यह जानकारी पुलिस के आधिकारिक बयानों तथा स्थानीय समाचार स्रोतों पर आधारित है।)
रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। यह भेंट औपचारिक शिष्टाचार के साथ आत्मीय संवाद का भी अवसर बनी।
उपराज्यपाल श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री श्री साय को माता वैष्णो देवी का पवित्र प्रसाद भेंट कर श्रद्धा और सौहार्द का संदेश दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस स्नेहिल gesture के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर ‘बस्तर आर्ट’ का प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर दोनों नेताओं ने राज्यों के बीच आपसी सहयोग, पर्यटन एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और सुदृढ़ करने की भावना व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती सदैव अतिथियों के स्वागत के लिए तत्पर रहती है, वहीं उपराज्यपाल श्री सिन्हा ने छत्तीसगढ़ की सादगी, समृद्ध संस्कृति और जनउदारता की सराहना की।
बैठक का माहौल सौहार्दपूर्ण और प्रेरक रहा, जिसमें राष्ट्रीय एकता, विकास और लोकसंस्कृति के संरक्षण जैसे विषयों पर विचार साझा किए गए।
“माता वैष्णो देवी का यह प्रसाद छत्तीसगढ़ के जन-जन के कल्याण और उन्नति का प्रतीक बने,” — श्री मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल, जम्मू-कश्मीर
“बस्तर कला हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है — इसे उपहार स्वरूप देना हमारे लोकगौरव का प्रतीक है,” — श्री विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
— शौर्यपथ समाचार
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का 9 नवंबर 2025 का कार्यक्रम जनसंपर्क, धार्मिक आस्था व छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का संदेश लिए रहा। वे सुबह मुख्यमंत्री निवास, सिविल लाइन रायपुर से पूज्य महामाया मंदिर, रतनपुर के लिए रवाना हुए जहां कलश महोत्सव 2025 का उद्घाटन और आरती कर राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित किया। इसके बाद उनका काफिला बालोद जिले के समरगांव पहुँचा जहां मिनी स्टेडियम में पुष्प प्रज्वलन समारोह और जनसभा में “छत्तीसगढ़ प्रदेश उत्थान” का संकल्प लिया गया।
शाम को वे विभिन्न लोक कल्याण व ग्राम विकास योजनाओं के तहत हेलिपैड ग्राम चेरवा मैदान, बालोद, तथा समरगांव मिनी स्टेडियम आदि कार्यक्रमों में भाग लेकर रायपुर लौटे। रात्रि में पुनः मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर आरती एवं संवाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
मुख्यमंत्री साय के इस कार्यक्रम में धार्मिक, प्रशासनिक और जनसंपर्क का पूर्ण समन्वय दिखा, जिससे आम जनता और प्रशासन के बीच विश्वास तथा विकास की गति को नया बल मिला।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राष्ट्रगीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वाल्मीकि रामायण में मातृभूमि को स्वर्ग से भी श्रेष्ठ बताया गया है — “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”। उन्होंने कहा कि जिस भूमि ने हमें जन्म दिया, पालन-पोषण किया और पहचान दी, उसकी सेवा ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा धर्म है। भारत माता की आराधना केवल शब्दों में नहीं, अपने कर्तव्यों के सम्यक निर्वहन के माध्यम से होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब हम भारत माता की पूजा करते हैं, तो पूजा में दक्षिणा देना भी आवश्यक होता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि को अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए। यही हमारी मातृभूमि के प्रति सच्ची देशभक्ति और सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणा होगी।
जयपुर / शौर्यपथ / राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर इस बार वसुंधरा राजे, बीजेपी और कांग्रेस तीनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बीजेपी ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पसंद पर मोरपाल सुमन को मैदान में उतारा, वहीं कांग्रेस ने गहलोत सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया पर फिर से भरोसा दिखाया है। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की जबरदस्त मौजूदगी इस बार मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है, जिससे सारे सियासी समीकरण उलझ गए हैं.
राजनैतिक समीकरण और विश्लेषण
बीजेपी के लिए अंता सीट सिर्फ जीत का सवाल नहीं, बल्कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की साख से भी जुड़ी हुई है। उनकी पसंद के प्रत्याशी मोरपाल सुमन का मुकाबला स्थानीय मुद्दों, विकास और क्षेत्रीय मतदाताओं की अपेक्षाओं से है। राजे ने अपनी कोर टीम के साथ क्षेत्र में डेरा डाला है और खुद प्रचार की कमान संभाल रखी है.
कांग्रेस ने दो बार के विधायक और मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भरोसा जताया है, जिनकी पहचान स्थानीय विकास और सामाजिक सक्रियता के आधार पर मजबूत मानी जा रही है। भाया पिछड़े क्षेत्र में सुलभ छवि और पूर्ववर्ती कार्य के आधार पर मतदाताओं को लुभा रहे हैं.
निर्दलीय नरेश मीणा युवा और मीणा समाज के बीच लोकप्रियता के साथ मैदान में हैं, जिन्हें आम आदमी पार्टी और आरएलपी जैसी विपक्षी ताकतों का समर्थन मिला है। वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के वोटों में महत्वपूर्ण सेंधमारी की संभावना रखते हैं.
सीट का सामाजिक समीकरण और मतदान
अंता सीट पर करीब 2.28 लाख मतदाता हैं—116783 पुरुष, 111477 महिला और 4 थर्ड जेंडर वोटर।
जातिगत समीकरण निर्णायक हैं: माली, मीणा, अनुसूचित जाति, धाकड़ आदि प्रमुख समूह हैं, जिनकी गोलबंदी पर चुनावी परिणाम निर्भर करेगा.
बीजेपी-कांग्रेस दोनों को आपसी खींचतान और भितरघात का सामना करना पड़ रहा है; वहीं नरेश मीणा के समर्थन से इलाके का युवा—खासकर मीणा समाज—सक्रिय रूप से तीसरी ताकत को उभरता देख रहा है.
चुनावी मुद्दे और प्रचार
चुनाव में स्थानीय विकास, किसानों की समस्या, सिंचाई-सुविधाएं और बेरोजगारी जैसा ज्वलंत मुद्दे प्रभावी हैं। प्रचार के अंतिम दौर में दोनों बड़े दलों के दिग्गज नेता—वसुंधरा राजे, सीएम भजनलाल शर्मा, अशोक गहलोत—डोर टू डोर, रोड शो और रैलियों कर माहौल गर्म किए हुए हैं.सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
अंता उपचुनाव राज्य के लिए केवल एक सीट का सवाल नहीं, बल्कि राजे और गहलोत जैसे बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा और मीणा समाज की गोलबंदी की नई दिशा तय करने वाला महासंग्राम बन गया है.
शौर्यपथ / दुर्ग /
दुर्ग के इंडस्ट्रियल एरिया में बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है, जहां मोटी रकम के कॉपर वायर को चोरों के गिरोह ने वाहन में लादकर फरार होने की कोशिश की। घटना की सूचना मिलते ही दुर्ग पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इलाके में सघन नाकेबंदी की और संदेहास्पद वाहन को रोक लिया। तलाशी लेने पर वाहन से करीब 6 लाख रुपये कीमती कॉपर वायर बरामद हुई और पूरे गिरोह को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और चोरी के अन्य मामलों में भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। पुलिस के अनुसार, इन चोरों का गिरोह विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में वारदात को अंजाम देता था और चोरी की सामग्री को बाहर बेचने की फिराक में रहता था। इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने गिरोह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस की तत्परता से क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर लोगों में भरोसा बढ़ा है।
दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग विधानसभा के इतिहास में यदि किसी नेता ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही जनसेवा और जनसंपर्क के नए मानक स्थापित किए हैं, तो वह नाम है— गजेंद्र यादव। वर्तमान की राजनीति में दुर्ग विधानसभा के विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री गजेंद्र यादव न केवल जिले के सबसे प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं, बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया है कि समर्पण, संवाद और सेवा ही जनता के दिलों तक पहुंचने का सबसे सशक्त माध्यम है।
दुर्ग विधानसभा के इतिहास में ऐसा उदाहरण आज तक नहीं देखा गया कि कोई व्यक्ति पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने और सीधे प्रदेश सरकार में मंत्री पद तक पहुंचे। यह उपलब्धि अपने आप में गजेंद्र यादव की लोकप्रियता और संगठन में उनके प्रभाव का परिचायक है।
गजेंद्र यादव का बढ़ता हुआ वर्चस्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि जनता से निरंतर जुड़ाव बनाए रखने के लिए उन्होंने पांच अलग-अलग स्थानों पर जनसंपर्क कार्यालय स्थापित किए हैं। अब दुर्ग की जनता अपने विधायक और मंत्री से निम्न स्थानों पर सीधे मिल सकेगी —
1. निजी निवास विद्युत नगर,
2. सेवा सदन,PWD विभाग
3. गंजपारा कार्यालय,
4. मंत्री निवास (नया रायपुर),
5. विभाग का मंत्रालय कार्यालय।
इन पांच ठिकानों से जनता के बीच लगातार जुड़े रहकर उनकी समस्याओं को सुनने और निराकरण करने वाले गजेंद्र यादव दुर्ग विधानसभा के पहले ऐसे नेता साबित हो रहे हैं जो शासन और जनता के बीच मजबूत सेतु का कार्य कर रहे हैं।
इतिहास पर नजर डालें तो दुर्ग विधानसभा से पहले भी मोतीलाल वोरा, हेमचंद यादव और सरोज पांडे जैसे बड़े नेता निकले, जिन्होंने प्रदेश और देश की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी। परंतु इन सभी नेताओं का विधानसभा क्षेत्र में एक ही स्थायी ठिकाना रहा। वहीं, गजेंद्र यादव ने जनता के बीच हमेशा उपस्थित रहने की परंपरा शुरू की है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग और विशिष्ट बनाती है।
पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के पास एकमात्र आवासीय कार्यालय था, पूर्व मंत्री हेमचंद यादव का सिविल लाइन स्थित बंगला उनके पुत्र के पास अब भी है, वहीं सरोज पांडे, जो महापौर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक पहुंचीं, उनका भी एकमात्र कार्यालय जल परिसर में है। इसके विपरीत, गजेंद्र यादव ने जनता से सीधे संवाद के लिए पांच स्थानों पर जनसंपर्क केंद्र बनाकर जनभागीदारी का एक नया अध्याय शुरू किया है।
लगातार बढ़ते वर्चस्व और जनता के साथ गहराते रिश्तों के कारण आज गजेंद्र यादव न केवल दुर्ग, बल्कि पूरे प्रदेश में भाजपा के प्रमुख चेहरों में गिने जा रहे हैं। उनके नेतृत्व में समर्थकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। शहर के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आने वाले 20 से 25 वर्षों तक दुर्ग भाजपा की राजनीति में गजेंद्र यादव का वर्चस्व कायम रहेगा।
मंत्री बनने के बाद जनता को उनसे अपार उम्मीदें हैं। शहर की अव्यवस्थित स्थिति, निष्क्रिय शहरी सरकार और ठहराव से भरे प्रशासन के बीच अब लोगों को उम्मीद है कि गजेंद्र यादव के नेतृत्व में दुर्ग एक नए, सशक्त और विकसित शहर के रूप में उभरेगा।
बीते दो वर्षों में शहर की स्थिति में खास सुधार नहीं देखा गया था, किंतु अब जनता को उम्मीद है कि आने वाले तीन वर्षों में दुर्ग शहर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। मंत्री गजेंद्र यादव की सक्रियता, विकास के प्रति प्रतिबद्धता और जनता से सीधा संवाद यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाले समय में दुर्ग शहर प्रदेश के अग्रणी शहरी क्षेत्रों में शामिल होगा।
अब दुर्ग की जनता को बस इंतजार है —
वह नया दुर्ग देखने का, जिसकी बुनियाद रखी है मंत्री गजेंद्र यादव ने।
By- नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर कार्यालय के नए भवन की लाखों रुपये की लिफ्ट अब शोपीस बन चुकी है। कुछ ही दिन चलने के बाद से यह बंद पड़ी है, और महीनों बीत जाने के बावजूद प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जनता और कर्मचारी रोज़ाना इस लापरवाही की सज़ा भुगत रहे हैं।
कार्यालय में रोज़ सैकड़ों लोग अपने कार्यों से आते हैं — जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिक भी शामिल हैं। लेकिन लिफ्ट बंद होने से सबको मजबूरी में ऊँची मंज़िलों तक सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ रही हैं। सबसे ज़्यादा परेशानी उन कर्मचारियों को हो रही है जिनका रोज़ का काम ऊपर की मंज़िलों पर है।
लोगों का कहना है कि जब प्रशासन ने करोड़ों खर्च कर शानदार भवन बनवाया, तो उसकी सुविधा भी टिकाऊ होनी चाहिए थी। परंतु हकीकत यह है कि दिखावे की चमक के पीछे रखरखाव की जिम्मेदारी कहीं गुम हो गई है।
जनता अब सवाल उठा रही है — “क्या कलेक्टर कार्यालय की यह लिफ्ट जनता की सुविधा के लिए थी या सिर्फ़ उद्घाटन के दिन फोटो खिंचवाने के लिए?”
अगर जल्द ही मरम्मत नहीं कराई गई, तो यह ‘लिफ्ट’ नहीं, प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक बन जाएगी?
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
