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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
आम जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए मुस्तैदी से करें काम : मुख्यमंत्री साय
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नए साल के पहले दिन ही मंत्रालय में सभी विभागों के सचिवों और विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर शासकीय काम-काज में पारदर्शिता और कसावट लाने के साथ-साथ आमजनता से जुड़े मामलों का तत्परतापूर्वक त्वरित एवं प्रभावी निराकरण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में दो टूक कहा कि प्रशासनिक काम-काज में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी-कर्मचारी समय पर कार्यालय आएं और पूरी मुस्तैदी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम सभी को टीम भावना के साथ काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वर्ष 2024 में हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रमुख गारंटियों को पूरा किया है। वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष है। रजत जयंती वर्ष का छत्तीसगढ़ के लिए विशेष महत्व है, इसलिए बहुत उत्साह से निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष अभियान संचालित कर लंबित फाइलों को तत्परता से निराकृत करने की हिदायत दी। उन्होंने मंत्रालय सहित सभी ऑफिसों में ई-ऑफिस की व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे स्वयं सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों को अपने विभाग की नियमित समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर महीने वर्चुअल समीक्षा के साथ ही हर 3 महीने में भौतिक समीक्षा भी की जाए। साथ ही बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का समयबद्ध निराकरण करने का प्रयास करें और मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव को अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी की समस्याओं का समय पर निराकरण होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर हमारा फोकस होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में अभी निवेश का बहुत अच्छा माहौल बना है। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024-2030 की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति का लाभ निवेशकों को मिले, इसका विशेष ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विगत एक साल में हमने नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी पाई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में हम कामयाब हुए हैं। शासन की योजनाओं को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक ले जाने की आवश्यकता है। नियद नेल्ला नार योजना का लाभ क्षेत्र के लोगों को मिले, यह बहुत जरूरी है। नक्सली क्षेत्र में बहुत से सुरक्षा कैंप हमने खोले हैं। इस बात का ध्यान रखें कि संबंधित विभाग के कार्य जो नियद नेल्ला नार योजना के तहत आते हैं, वे त्वरित गति से इन क्षेत्रों में पूर्ण हों। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों तक शासन की योजना का लाभ पहुंचाना सेवा का कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के प्रभारी सचिव हर 2 महीने में जिलों का दौरा करें। इस दौरान वे जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में जाएं और फील्ड की जानकारी लें, तभी जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति पता चलेगी। उन्होंने प्रभारी सचिवों को अपने जिले के भ्रमण के दौरान वहां की स्थिति के के सम्बन्ध में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव अनिवार्य रूप से अवगत कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने जिलों में भी प्रशासनिक कसावट का विशेष ख्याल रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था पर भी बहुत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। आजकल बहुत सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। अभियान चला कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम का पुख्ता प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि इसमें कमी लायी जा सके। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से नशे की सामग्रियों की तस्करी न होने पाए, इस पर कड़ाई से रोक लगाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले एक वर्ष में नशे के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए अच्छा प्रयास किया गया है, इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही श्रीनिवास राव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
नवा रायपुर अटल नगर में एकीकृत उपनगर के विकास हेतु नियमों का सरलीकरण
आदर्श शहरी केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर नवा रायपुर अटल नगर के लेयर 2 में एकीकृत उपनगर के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मौजूदा नियमों को अधिक सरल और व्यावहारिक बनाया गया है। यह कदम क्षेत्र में बसाहट और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है ।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह बदलाव सुनिश्चित करेगा कि इन आवश्यक सुविधाओं का विकास उपनगर के भीतर अधिक प्रभावी ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि सुधारों का मुख्य उद्देश्य नवा रायपुर अटल नगर के लेयर 2 में एकीकृत उपनगरों के विकास को गति देना और क्षेत्र में बसाहट को बढ़ावा देना है। यह कदम नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने और क्षेत्र को एक आदर्श शहरी केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सामाजिक सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सामुदायिक भवन, और धार्मिक स्थलों के लिए आरक्षित क्षेत्र को न्यूनतम 5 प्रतिशत किया गया है, जो पहले अधिकतम 5 प्रतिशत था। इसके अलावा आवासीय गतिविधियों को प्राथमिकता देते हुए, पूर्व में निर्धारित अधिकतम 50 प्रतिशत क्षेत्र को बदल कर अब न्यूनतम 50 प्रतिशत क्षेत्र को आवासीय उपयोग के लिए अनिवार्य किया गया है। इससे आमजन के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी और लोगों को आवास की बेहतर सुविधा मिलेगी।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) संबंधित प्रावधान को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिसूचना/नियमों के अनुरूप करते हुए संबंधित प्रावधानों में सुधार किया गया है, ताकि इन नियमों में एकरूपता लाई जा सके। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, एकीकृत उपनगरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अनिवार्य किया गया है।
छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के तहत 10 प्रतिशत क्षेत्र को खुली जगहों जैसे गार्डन और खेल के मैदानों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान किया गया है।
मुंगेली /शौर्यपथ / मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम गीधा की कंचन बाई, जो कभी एक-एक पैसे के लिए मोहताज हुआ करती थीं, आज महतारी वंदन योजना के तहत मिली राशि का उपयोग करके अपने जीवन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। कंचन बाई ठेला लगाकर गुपचुप बेचकर बमुश्किल गुजारा कर रही थी। कम आय होने के कारण से घर की आवश्यक जरूरतों को पूरा करना कठिन था तथा व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद नहीं मिल पा रही थी। ऐसे समय में उन्होंने महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए फार्म भरा। आवेदन स्वीकृत होने के उपरांत उन्हें अब प्रतिमाह 01 हजार रूपए मिल रहा है, जिससे अब घर की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना आसान हो गया है। कंचन बाई पूरी मेहनत से अपने व्यवसाय को भी आगे बढ़ा रही है। योजना का लाभ मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया। उन्होंने प्रतिमाह मिलने वाली 01 हजार रूपए की राशि को अपने व्यवसाय में निवेश करना शुरू किया। इस राशि का सही तरीके से उपयोग करने के कारण उनका व्यवसाय धीरे-धीरे बढ़ने लगा और उनकी आमदनी भी बढ़ने लगी।
कंचन बाई ने बताया कि उनके परिवार में 04 बच्चे सहित कुल 06 सदस्य हैं। महतारी वंदन योजना की राशि का उपयोग ठेले के लिए आवश्यक सामान जैसे कि गुणवत्ता वाली सामग्री, ठेले की मरम्मत और अन्य उपकरण खरीदने में किया है। इसके परिणामस्वरूप, वह न केवल अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मार्ग मिल रहा है। वह अपने व्यवसाय से प्रतिमाह 05 से 10 हजार रूपए तक की आमदनी अर्जित कर रही हैं। उनके व्यवसाय की सफलता न केवल उनके परिवार के लिए आर्थिक सहारा बनी है, बल्कि वह अब अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बन गई हैं। कंचन बाई का यह संघर्ष और सफलता दर्शाता है कि सही दिशा में किए गए प्रयास और योजनाओं का लाभ व्यक्ति की स्थिति को बदल सकता है और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
योजना की राशि का सहारा मिलने पर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर कंचन बाई ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है। गौरतलब है कि महतारी वंदन योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने व्यवसायों को सशक्त बना सकें और अपने परिवारों के लिए समृद्धि ला सकें। इस योजना की राशि का उपयोग महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कर रही हैं, जिससे वे समाज में सशक्त हो रही हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन रही हैं।
मेडिकल कालेज रायपुर एवं चिकित्सालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था हेतु 12 गार्ड एवं 10 बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की हुई तैनाती
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए एक साथ 18 चिकित्सा शिक्षकों की संविदा नियुक्ति की गई है। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज रायपुर में पहली बार एक साथ इतने संविदा चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। डॉ. रूमी कुमार, सहायक प्राध्यापक प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, डॉ. हर्षिता भाटिया सहायक प्राध्यापक रेडिएशन अंकोलॉजी, डॉ. कमलकांत साहू, सहायक प्राध्यापक फॉरेंसिक मेडिसीन, डॉ. स्निग्धा कुमारी सहायक प्राध्यापक (कार्डियक निश्चेतना) सीटीव्हीएस विभाग, डॉ. रचना रिची पांडेय सहायक प्राध्यापक (अंकोनिश्चेतना) रेडियोथेरेपी विभाग, डॉ. अविनाश बंजारे (अंकोनिश्चेतना) रेडियोथेरेपी विभग, डॉ. श्रूती तूरकर सहायक प्राध्यापक (एनेस्थिसिया) क्रिटिकल केयर, डॉ. संध्या वर्मा सीनियर रेसीडेंट पैथोलॉजी, डॉ. रेबिना यादव सीनियर रेसीडेंट पैथोलॉजी विभाग, डॉ. प्रिंशी चौधरी सीनियर रेसीडेंट नेत्र रोग, डॉ. पियूषी साव सीनियर रेसीडेंट नेत्र रोग, डॉ. सुरभि चौबे सीनियर रेसीडेंट ईएनटी, डॉ. पारूल राठी सीनियर रेसीडेंट ईएनटी, डॉ. शुभांगन मिश्रा सीनियर रेसीडेंट प्रसूति एवं स्त्री रोग, डॉ. नील पसरीजा सीनियर रेसीडेंट अस्थि रोग, विनय मिश्रा रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स, अनजुम मिश्रा रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स, अनुराग संचय कालकुलेवर रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स की चिकित्सा शिक्षक के रूप में संविदा नियुक्ति की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर कार्डयो वैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में बाईपास सर्जरी प्रारंभ करने हेतु 3 परफ्युजनिस्ट एवं 3 फिजिशियन असिस्टेंट की संविदा आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में 57 वार्ड ब्वाय एवं 17 स्वीपर सहित कुल 74 सफाई कर्मियों की नियुक्ति भी की गयी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राज्य में गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार पहल कर रहे हैं। इसके साथ ही मरीज एवं उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए भी मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशीलता के साथ निर्णय ले रहे हैं। इन निर्णयों से अस्पताल में सुरक्षा की स्थिति मजबूत होने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं चिकित्सा छात्रों के पठन-पाठन में सुधार भी देखा जा रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढीकरण हेतु 12 गार्ड एवं 10 गनमैन की भी तैनाती की गई है।
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज और अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने शीघ्र ही बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की बात कही थी।
राष्ट्रीय एकता को मिलेगी मजबूती और विभिन्न राज्यों के बीच बढ़ेगा आर्थिक एवं सांस्कृतिक आदानप्रदान - मुख्यमंत्री
यूनिटी मॉल से स्थानीय उत्पादों और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा राज्य में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) मॉडल को प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय उत्पादों के विक्रय को बढ़ावा देने के लिए यूनिटी मॉल की स्थापना की जा रही है।
यूनिटी मॉल की स्थापना से स्थानीय हस्तशिल्पियों, बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मॉल में उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय होने से हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य के छोटे उद्यमियों, शिल्पकारों एवं बुनकरों को लाभ मिलेगा। यह स्थानीय उत्पादों के प्रमोशन एवं विक्रय के लिए ‘‘वन स्टॉप मार्केट प्लेस’’ के रूप में कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यूनिटी मॉल राज्य के गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं, और नारी शक्ति के विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा। साथ ही यह मेक इन इंडिया और राष्ट्रीय एकता को भी प्रोत्साहित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश वासियों के विकास के साथ राष्ट्रीय एकीकरण एवं मेक इन इण्डिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों को अपनी प्राथमिकता मानती है। राज्य में स्थापित किये जाने वाले यूनिटी मॉल में अन्य सभी राज्यों के महत्वपूर्ण स्थानीय उत्पादों का भी प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा। इससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी और विभिन्न राज्यों के बीच आर्थिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि हस्तशिल्पियों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूहों एवं स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय स्तर पर नवीन रोजगार सृजन करने स्वस्थ इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार के इस रिफॉर्म के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर केन्द्र सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। राज्य में यूनिटी मॉल की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने 200 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये राज्य को कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) के तहत अग्रिम रूप में प्रदान किए गए हैं।
वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि यूनिटी मॉल में स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों के साथ-साथ फूडकोर्ट्स में स्थानीय व्यंजनों को भी विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। यूनिटी मॉल के माध्यम से प्रत्येक जिले के विशेष उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की योजना है। यूनिटी मॉल की स्थापना का दायित्व रायपुर विकास प्राधिकरण को सौंपा गया है। यूनिटी मॉल से न केवल राज्य के स्थानीय कारीगरों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास छत्तीसगढ़ में एक सशक्त और स्थायी इकोसिस्टम का निर्माण करेेगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और शहरी बाजारों तक उत्पादों की पहुंच में मददगार होगा।
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज मुख्यालय में नववर्ष 2025 के अवसर पर अध्यक्ष डाॅ.रोहित यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों सहित समस्त आगन्तुकों से बधाइयों तथा शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। डाॅ.यादव ने सभी के ऊर्जावान और प्रकाशवान भविष्य के लिए शुभेच्छाएं व्यक्त की।
सर्वप्रथम प्रबंध निदेशक (जनरेशन) कंपनी श्री एस.के.कटियार, प्रबंध निदेशक (ट्रांसमिशन) कंपनी श्री राजेश कुमार शुक्ला, प्रबंध निदेशक (डिस्ट्रीब्यूशन) कंपनी श्री भीमसिंह कंवर ने पुष्पगुच्छ भेंट कर डाॅ. यादव का अभिवादन किया। अभियंता संघ के महासचिव श्री मनोज वर्मा ने अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ कंपनी अध्यक्ष से भेंट की। इसी तरह विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी संगठनों द्वारा भी कंपनी अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशकों से भी भेंट कर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया गया। समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए भी अध्यक्ष कक्ष खुला था। विभिन्न कार्यालयों में पहंुच कर लोग एक-दूसरे को नये वर्ष की शुभकामनाएं प्रदान करते रहें। डाॅ. यादव ने इस अवसर पर कंपनी कर्मियों को उत्तम स्वास्थ्य और सुखद भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंने उत्पादन, पारेषण तथा वितरण तीनों कंपनियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ऊर्जावान और प्रकाशवान भविष्य के लिए शुभेच्छाएं प्रदान की। डंगनिया स्थित मुख्यालय परिसर में समस्त विभागाध्यक्ष कार्यालयों में नववर्ष मिलन का सिलसिला चलता रहा।
दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना को किसानों की सुविधा हेतु जिला खनिज न्यास से प्रदाय किया गया टेªक्टर, ट्राली, शुगर केन लोडर और फ्रंट लोडर
किसान निर्धारित दर पर करा सकेंगे गन्ना परिवहन और गन्ना खेत तैयारी का कार्य
बालोद/शौर्यपथ /बालोद जिले में नववर्ष के अवसर पर गन्ना किसानों के लिए विशेष पहल करते हुए उन्हें गन्ना परिवहन हेतु ट्रैक्टर ट्राॅली और गन्ना खेत की तैयारी हेतु कृषि यंत्रों की सुविधा प्रदान की जा रही है। दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना के प्रबंध संचालक ने बताया कि जिला खनिज न्यास बालोद मद से दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना करकाभाट को ट्रेक्टर, ट्राली, शुगर केन लोडर, फ्रंट लोडर प्राप्त हुआ है। जिसमें विशेषकर लघु सीमांत कृषकों को गन्ना परिवहन हेतु एवं गन्ना खेत की तैयारी हेतु उन्हंे निर्धारित दर पर प्रदाय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर ट्राली परिवहन एवं कृषि यंत्रो के माध्यम से खेत की तैयारी किए जाने हेतु गन्ना उत्पादक कृषकों के लिए कुछ शर्ते भी बनाए गए है। जिसके अनुसार लघु एवं सीमांत कृषकों को विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएगी। जिन कृषकों के पास ट्रेक्टर ट्राली एवं कृषि यंत्र नहीं है उन्हीं कृषकों को यह सुविधा प्रदान की जाएगी। ट्रेक्टर ट्राली एवं कृषि यंत्रों का उपयोग क्रमवार तरीके से गन्ना विभाग में बनाई गई सूची अनुसार ही होगा। ट्रेक्टर ट्राली एवं कृषि यंत्रों के संचालन में सभी कृषकगण सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि गन्ना परिवहन कार्य में दर का भी निर्धारण किया गया है। जिसके अनुसार 17 रुपए प्रति किलोमीटर गन्ना परिवहन किया जाएगा। ट्रेक्टर मेंटनेंस प्रति दिन औसत 250 रुपए, ड्राईवर मजदूरी प्रति दिन 600 रुपए, ट्राली मेंटनंेस प्रतिदिन 100 रुपए निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि खेत तैयारी कार्य हेतु 06 लीटर डीजल के मान से प्रति घंटा 600 रुपए, मेंटनेंस हेतु प्रतिदिन औसत 250 रुपए, ड्राईवर मजदूरी प्रति दिन 600 रुपए, कारखाना से खेत और खेत से कारखाना रास्ता में डीजल खर्च प्रति किलोमीटर 17 रुपए निर्धारित की गई है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनेको ग्राम पंचायत में बुधवार को आयोजित कई कार्यक्रम में बस्तर सांसद महेश कश्यप शामिल हुए हैं। ग्राम पंचायत गारावंड में बस्तर सांसद महेश कश्यप ने सांसद निधि से स्वीकृत नेगीगुड़ा सेठिया पारा से खेत तक 200 मीटर के सीसी सड़क लागत मूल्य 7,50 लाख का भूमिपूजन किया है। इस दौरान बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा की भाजपा सरकार क्षेत्र के साथ ही संपूर्ण प्रदेश के विकास को नई रफ़्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है। लगातार डबल इंजन की सरकार जनता को हर प्रकार से सुविधा पहुँचाने की ओर कार्य कर रही है। सुदूर क्षेत्रो में सरकार के माध्यम से सड़क,पुल, पुलिया, पानी, बिजली पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। श्री कश्यप ने कहा की दिल्ली में बैठे प्रधानमंत्री को बस्तर के जनता की चिंता है। इसलिए वह हम जैसे उनके सेनापतियों को आपके बीच भेजकर आपकी हर एक मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने का कार्य कर रहे है। मेरे लोकसभा क्षेत्र के क्षेत्रवासियों को उनकी सभी मूलभूत सुविधाओं को मुहैया करवाना मेरा परम् कर्तव्य है।
*विश्व हिन्दू परिषद के हनुमान चालीसा पाठ में कार्यक्रम में सांसद हुए शामिल*
माड़पाल में विश्व हिंदू परिषद की ओर आयोजित 12 घण्टे से चल रहे हनुमान चालीसा पाठ के समापन अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप ने शामिल हो कर पूजा अर्चना किया है।
विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सहित कई बड़ी हस्तियां सुनने आयेंगे महाराज का प्रवचन
भिलाई/शौर्यपथ / विश्व जागृति मिशन भिलाई दुर्ग मंडल द्वारा गुरुवार 2 जनवरी से 5 जनवरी तक चलने वाले चार दिवसीय शिव ज्ञान गंगा महोत्सव आयोजन किया गया है। विश्व जागृति मिशन संस्थापक सुधांशु महाराज जिनको छग सरकार ने राज्य अतिथि का दर्जा प्राप्त का 2 जनवरी को नगर आगमन हो रहा है।
उक्त जानकारी विश्व जागृति मिशन भिलाई दुर्ग मंडल के अध्यक्ष चमनलाल बंसल ने पत्रकारवार्ता में दी। श्री बंसल ने आगे बताया कि 2 जनवरी से 5 जनवरी
तक गुरुदेव भिलाई के जयंती स्टेडियम के समीप स्थित मैदान में आ रहे हैं। गुरुवार 2 जनवरी को संध्याकालीन सत्र में शाम 5 बजे से और फिर तीन-चार और पांच जनवरी को प्रात: कालीन सत्र में सुबह 9 बजे से और संध्या कालीन सत्र में शाम 5 बजे से गुरुदेव प्रवचन देंगे। प्रवचन के बाद 5 जनवरी को पंडाल स्थल पर 12 बजे से बडी संख्या में लोग महाराज से दीक्षा प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह और सांसद सहित कई हस्तियां शामिल होने जा रहे हैं। उनके प्रोटोकॉल के तहत ही पंडाल का निर्माण भी कराया गया है। पूरे व्यवस्था के
लिए करीब 25 समिति बनाई गई है जिसमें 300 वालेंटियर बनाया गया है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले लोगों के लिए सेक्टर 6 और न्यू खुर्सीपार के अग्रसेन भवन में रूकने और भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पंडाल में भोजन की और प्रसादी की भी व्यवस्था की गई है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेश से भी बडी संख्या में श्रद्धालु और भक्त लोग आते हैं। इनके रहने और आवास की व्यवस्था भी समिति
द्वारा की गई है। प्रवचन स्थल पंडाल के समीप में ही प्रवचन पश्चात नि:शुल्क भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी की जा रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ 1 जनवरी को कलश यात्रा से होगा। कलश यात्रा सेक्टर 5 स्थित गणेश मंदिर से प्रारंभ होकर जयंती स्टेडियम कार्यक्रम स्थल में समाप्त होगी।
इस दौरान 108 कलश निकलेगी जिसमें करीब एक हजार महिला एवं भक्त शामिल होंगे। समिति द्वारा धर्म प्रेमी सज्जनों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई है। प्रेस वार्ता मे प्रमुख रूप से समिति अध्यक्ष चम्मन लाल बंसल, महासचिव जयशंकर अग्रवाल, उपाध्यक्ष शिव
देवांगन,रतन जयसवाल, दिनेश लोहिया, सुनील चौरसिया,गणेशराम देशमुख, कोषाध्यक्ष रमेश अग्रवाल साहित मुख्य यजमान हरेन्द्र दुबे सहित अन्य लोग उपस्थिति थे।
सुधांशुजी महाराज के निर्देशाुनसार कुम्हारी में बन रहा है दस मंजिलाकैलाश मानसरोवर-चमनलाल बंसल इस दौरान चमनलाल बंसल एवं संदीप खेमका ने बताया कि सुधांशु जी महाराज की मंशानुसार कुम्हारी में विश्व जागृति मिशन भिलाई दुर्ग मंडल द्वारा कैलाश मानसरोवर का निर्माण साढे 6 एकड़ में दुर्ग जिले के ब्रम्हलोक आश्रम परसदा कुम्हारी में किया जा रहा है। यह स्थान स्वयं सुधांशु जी महाराज ने
चयन किया है। अध्यक्ष चमनलाल बंसल, सुनील चौरसिया व हरेन्द्र दुबे सहित सभी पदाधिकारियों ने आगे बताया कि यह मान सरोवर का निर्माण अभी तक इसका सात मंजिल तक निर्माण हो चुका है इसकी ऊंचाई 108 फीट होगी और यह 10 मंजिला बनेगा। इसके अलावा यहां मानसरोवर की जैसे धारा यहां प्रवाहित होगी और भविष्य में यहां गुरूकुल भी प्रारंभ करने की योजना है। वहीं मिशन के उपाध्यक्ष शिव देवांगन, दिनेश लोहिया ने बताया कि महाराज की और हमारे विश्व जागृति मिशन के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों की मंशा है कि
कुम्हारी के परसदा में जहां मान सरोवर का निर्माण किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ के साथ ही झारखण्ड, उडि़सा व छग के पड़ोंसी राज्यों का ये धर्म
स्थल बने। इस मानसरोवर का निर्माण पिछले 2007 से प्रारंभ हुआ था और आगामी 2029 तक यह मानसरोवर निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा।
कर दाता समय पर करें कर का भुगतान,राजस्व वसूली टीम दे रही घरों में दस्तक, सख्ती के साथ होगी वसूली
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम कमिश्नर सुमित अग्रवाल अधिकारी/ कर्मचारियो के संग स्वरूप टॉकीज का आकस्मिक निरीक्षण करने मौके पर पहुँचे।उन्होंने टॉकीज के मैनेजर को बकाया टैक्स जल्द से जल्द भुगतान करने की बात कही।उन्होंने 4th सिजन होटल का भी निरीक्षण किया। उन्हें भी बकाया टैक्स जल्द भुगतान करने निर्देश दिए।इस मौके पर सहायक राजस्व अधिकारी शुभम गोइर,संजय मिश्रा,जलकार्य निरीक्षक राजू चन्द्राकर,अनिल करिहार व वार्ड के सहायक राजस्व निरीक्षक सहित टीम अमला मौजूद रहें।
बड़े बकायेदार समेत सभी पटा रहे टैक्स. कमिश्नर के निर्देश पर चल रहा अभियान, रोजाना हो रही समीक्षा नगर निगम की सख्ती का असर दिखने लगा है, अब तक सालों से संपत्ति समेत अन्य टैक्स नहीं पटाने वाले बड़े बकायादार भी अपना टैक्स नगर निगम दुर्ग में आकर जमा कर रहे हैं।नगर निगम के आय का एक बड़ा स्त्रोत राजस्व है, जिसकी धीमी वसूली और करदाताओं द्वारा नहीं देने पर निगम पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था।
निगम कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने राजस्व वसूली को प्राथमिकता में रखने के निर्देश देते हुए सभी जोन को वृहद स्तर पर लगातार अभियान चलाने के निर्देश दिए।इसके तहत ऐसे बड़े बकायादार जिन्होंने सालों से टैक्स नहीं दिया है और राशि भी बड़ी है उनसे सख्ती के साथ वसूलने के भी निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद राजस्व वसूली में तेजी आई है,निगम कमिश्नर द्वारा राजस्व वसूली की रोजाना समीक्षा की जा रही है।
निगम द्वारा लगातार लोगों से
अपील की जा रही है कि वह अपना टैक्स जमा कर दें बावजूद इसके निगम के करदाता टैक्स जमा करने को लेकर निगम प्रशासन के आदेशों को हल्के में लेते हुए दिखाई दे रहे हैं और निगम का टैक्स जमा नहीं कर रहे। मजबूरन नगर निगम को ऐसे करदाताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है ।
दुर्ग/शौर्यपथ / दुर्ग के नंदिनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बानबरद ग्राम में स्थित एक डामर प्लांट में मंगलवार को हाईवा की चपेट में आने से यहां एक मजदूर की मौत हा गई। घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशत हो गए और मृतक के परिजनों के साथ जमकर हंगामा किये। नंदिनी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को मुआवजा दिलाया इसके बाद मामला शांत हुआ।
नंदिनी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बानबरद से डोंगरिया रोड में एक अग्रवाल डामर प्लांट स्थित है। यहां मंगलवार दोपहर 12 बजे के करीब वहां काम कर रहा मजदूर अशोक कोसरे पिता गोकुल कोसरे (45 साल) हाइवा की चपेट में आ गया। हाइवा उसके ऊपर से गुजर जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हाइवा में डामर लोड हो रहा था। इसी दौरान उसने जैसे ही उसे बैक किया बाएं तरफ डामर समेटने में लगा मजदूर अशोक कोसरे उसकी चपेट में आ गया। दुर्घटना की सूचना मिलते ही मजदूर के परिजन वहां पहुंच गए। नंदिनी पुलिस ने पहुंचकर शव को उठाने की कोशिश की तो परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने और हंगामा करते रहे। इसके बाद प्लांट का मालिक वहां पहुंचा और उसने लोगों को समझाया कि ये महज एक दुर्घटना है। प्लांट संचालक ने तत्काल अपने पास से 60 हजार रुपए मुआवजे के रूप में परिजनों को दिया। शेष मुआवजा बाद में देने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए शव को उठाकर ले गए।
रायपुर/शौर्यपथ /वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के व्यापक मूल्य को मापकर छत्तीसगढ़ के सतत विकास में रेखांकित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विज़न और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है, जिसमें वन विभाग द्वारा संचालित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन की अवधारणा सम्मिलित की गई है। यह समग्र दृष्टिकोण राज्य में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन न केवल बजटीय योजना को अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा, बल्कि भविष्य की रणनीतियों को दिशा प्रदान करेगा, धन आवंटन को अधिक प्रभावी बनाएगा और वानिकी विकास के प्रयासों को सशक्त करेगा। यह प्रक्रिया सतत विकास और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य मे संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को और अधिक सशक्त बनाया है। गुरु घासीदास, कांगेर घाटी और इंद्रावती जैसे राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, छत्तीसगढ़ में प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। स्थानीय निवासियों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैंपिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार हैं और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वन विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। वनों से प्राप्त होने वाले अन्य महत्वपूर्ण अमूर्त लाभ अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उनका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता। इनमें जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए कार्बन अवशोषण, कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागण, पोषक तत्वों का चक्रण, मृदा उर्वरता में सुधार और जैव विविधता संरक्षण जैसी सेवाएं शामिल हैं। वनों का बाढ़ और रोग नियंत्रण, जल प्रवाह का प्रबंधन और वेक्टर जनित रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसके अतिरिक्त, वनों से जल पुनर्भरण और शुद्धिकरण होता है, शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, और सुंदर प्राकृतिक दृश्य तथा जैव विविधता-समृद्ध क्षेत्रों के माध्यम से मनोरंजन के साथ-साथ भावनात्मक संतुष्टि भी प्रदान होती है। इन वनों का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि पवित्र स्थलों और देवगुड़ी जैसे क्षेत्रों के माध्यम से ये आदिवासी विरासत और परंपराओं को संरक्षित रखते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के वन अनेक नदियों का उद्गम स्थल हैं, जो सतत जल प्रवाह, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण और कृषि तथा आजीविका के लिए आवश्यक जैविक पदार्थ से मृदा को समृद्ध करने में सहायक हैं। इन प्रत्यक्ष लाभों का राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। ये सभी लाभ ग्रामीण उद्योगों और आजीविका को प्रोत्साहित करते हैं और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।
वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के रिफॉर्म की केंद्र सरकार ने की सराहना
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है।
छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए "जस्ट इन टाइम" (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को अपनाया है। यह प्रणाली वित्तीय प्रवाह को कुशल बनाते हुए निधियों के वितरण, ट्रैकिंग और भुगतान को आसान बनाती है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र की निधि को आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क और राज्य की निधि को वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से समेकित किया है। इस पहल से निधि के सही समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित हुई है।
इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिथम का उपयोग किया गया है, जिससे भुगतान ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणाम बेहतर हुए हैं। साथ ही, राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स का निर्माण कर आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीक आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को इस प्रोत्साहन राशि से और अधिक मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि तकनीक आधारित सुधार और सुशासन ही छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास का मूलमंत्र है। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि जनता के प्रति हमारी सरकार के सुशासन के संकल्प का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने आईटी के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है, इसी के तहत् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राशि जारी करने, वितरित करने एवं निधियों की ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकद प्रबंधन के लिए राज्य शासन द्वारा एसएनए स्पर्श के अंतर्गत जेआईटी (जस्ट इन टाईम) मॉडल को अपनाया गया है। इसके माध्यम से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए नवीन सिस्टम के माध्यम से कार्य किया जा रहा है जिसका उद्देश्य केन्द्र और राज्य की समेकित निधि से राशि को उचित समय पर प्राप्त कर कुशल भुगतान प्रसंस्करण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए निधि के उपयोग को अनुकूलित करना एवं व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना के राज्य की हिस्से की राशि एफएमआईएस (वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली) तथा केन्द्र के हिस्से की राशि आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से जारी की जाती है, जिससे रियल टाईम फण्ड यूटिलाईजेशन किया जा रहा है।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क की स्थापना कर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सुविधा प्रदान करने के लिए जस्ट इन टाईम के माध्यम से "सही समय पर" राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया अपनायी गई है। इसमें स्मार्ट भुगतान के तहत एल्गोरिदम के माध्यम से ट्रिगर नियमों पर आधारित वास्तविक समय में कुशल भुगतान किया जा रहा है जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
छत्तीसगढ़ शासन केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया पहल को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्ध है। बेहतर नकद प्रबंधन एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के लिए जस्ट इन टाईम मॉडल डिजिटल इण्डिया एवं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को सहयोग प्रदान करता है। "तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन तीव्र आर्थिक विकास" वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट वक्तव्य में शामिल स्ट्रैटेजिक स्तंभों में से एक है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अपनाने हेतु किये गये इस रिफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। इस रिफॉर्म के लिए राज्य को भारत सरकार से 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए प्रदान की है। इसके अतिरिक्त 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त होना संभावित है। इस राशि का उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने हेतु किया जा रहा है।