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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाएगी प्रदेश सरकार – विजय शर्मा
परतापुर पंचायत में 20 लाख रुपए से डोम निर्माण की घोषणा, सांसद भोजराज नाग ने सांसद निधि से 10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की
रायपुर | शौर्यपथ संवाददाता
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शनिवार को उत्तर बस्तर कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के सुदूर अंचल में बसे ग्राम पंचायत परतापुर के आश्रित ग्राम माहला में आयोजित जनचौपाल में ग्रामीणों से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया।
उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उन्हें जल्द निराकृत करने का भरोसा दिलाया।
विजय शर्मा ने कहा कि शासन की योजनाओं की पहुंच अब दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के ग्रामों तक प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों से राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाओं की स्थिति जानी और शासन की योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाने की बात कही।
?️ “माहला जैसे गांव जो कभी माओवाद से प्रभावित थे, आज विकास की राह पर लौट रहे हैं। अब हर पात्र परिवार को वन अधिकार पत्र और आवास का लाभ मिलेगा।”
— विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री
ग्रामीणों की मांग पर उप मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत परतापुर में 20 लाख रुपये से डोम निर्माण की घोषणा की।
माहला गांव के 45 परिवार जो माओवादी हिंसा के कारण पलायन कर गए थे, उनमें से 31 परिवार अब अपने गांव लौट चुके हैं और उन्हें प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया है।
ग्राम माहला में आयोजित जनचौपाल में सांसद भोजराज नाग ने कहा कि क्षेत्र अब तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के कैंप लगने से स्थिरता आई है और पुल-पुलिया सहित बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है।
?️ “कभी भय और पलायन का प्रतीक रहा माहला अब विकास और पुनर्वास की मिसाल बनेगा।”
— भोजराज नाग, सांसद
सांसद नाग ने दशहरा उत्सव के लिए मां दंतेश्वरी के रथ निर्माण हेतु सहयोग की घोषणा की और विकास कार्यों के लिए सांसद निधि से 10 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की।
जनपद अध्यक्ष श्यामबती मंडावी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जानकारी दी।
इच्छुक युवाओं को राजमिस्त्री प्रशिक्षण देने की योजना भी बनाई जा रही है ताकि ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिल सकें।
कार्यक्रम में सांसद भोजराज नाग द्वारा 11 ग्रामीणों को राशन कार्ड और 5 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए गए।
इस अवसर पर डीएफओ भानुप्रतापपुर पश्चिम वनमंडल हेमचंद पहारे, एसडीएम पखांजूर टी.आर. देवांगन, एसडीएम अंतागढ़ राहुल रजक, नगर पंचायत पखांजूर उपाध्यक्ष शंकर सरकार, जिला पंचायत सदस्य दीपांकर राय, जनपद सदस्य सियाराम पुड़ो एवं भजन सहित परतापुर पंचायत के सरपंच, उप सरपंच, ग्राम प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
उप मुख्यमंत्री ने वर्चुअल संवाद में ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं
परतापुर पंचायत में 20 लाख से डोम निर्माण की घोषणा
माओवादी प्रभावित माहला गांव में लौटे 31 परिवारों को पीएम आवास स्वीकृत
सांसद भोजराज नाग ने विकास कार्यों हेतु 10 लाख की सहायता दी
महिलाओं व युवाओं के लिए सिलाई और राजमिस्त्री प्रशिक्षण शुरू होगा
? रिपोर्ट: शौर्यपथ संवाददाता
? स्थान: उत्तर बस्तर कांकेर, छत्तीसगढ़
पटना | ब्यूरो रिपोर्ट, शौर्यपथ न्यूज़ नेटवर्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, सियासी बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज़ हो गया है।
महागठबंधन जहां 28 अक्तूबर को अपना संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने और राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की साझा रैली के ज़रिए विपक्षी अभियान की शुरुआत करने जा रहा है, वहीं सत्तारूढ़ एनडीए ने विपक्ष पर तीखा पलटवार शुरू कर दिया है।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में आयोजित जनसभा में नीतीश कुमार सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा —
“यह सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही। अब बिहार को नई दिशा और नई सोच की ज़रूरत है। नीतीश सरकार अब चलाने लायक नहीं रही।”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा से राज्य फिर पीछे जा रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का आगामी घोषणा पत्र युवाओं के भविष्य और आर्थिक न्याय पर केंद्रित होगा।
राजद के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक चुनावी सभा में कहा —
“बिहार के लोग लालू-राबड़ी के उस दौर को भूले नहीं हैं, जब अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था। अगर वह सरकार फिर आई, तो बिहार फिर से जंगलराज में लौट जाएगा।”
शाह ने कहा कि भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया है और अब कोई पीछे नहीं धकेल सकता।
इधर, जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख पप्पू यादव को आयकर विभाग (IT) द्वारा नोटिस भेजे जाने की खबर ने राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है।
पप्पू यादव ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताते हुए कहा है कि वे जनता की आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान की घोषणा कर दी है, जिसमें 121 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी।
पटना जिला प्रशासन ने मई 2025 में मतदान केंद्रों और परिवहन व्यवस्था के लिए निविदा सूचना जारी की थी।
28 अक्तूबर को महागठबंधन पटना में विशाल रैली के माध्यम से संयुक्त घोषणा पत्र जारी करेगा। इसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक साथ मंच पर रहेंगे।
यह कार्यक्रम न केवल बिहार, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता का प्रतीक माना जा रहा है।
बिहार की राजनीति में अब स्पष्ट दो ध्रुव बन चुके हैं —
एक ओर एनडीए “विकास और स्थिरता” की बात कर रहा है,
दूसरी ओर महागठबंधन “बदलाव और सामाजिक न्याय” का नारा दे रहा है।
पप्पू यादव का मामला, अमित शाह के बयान और तेजस्वी के तीखे आरोपों के बीच अब बिहार का चुनाव पूरी तरह सियासी टकराव के निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है।
28 अक्तूबर को महागठबंधन का घोषणा पत्र और राहुल-तेजस्वी की रैली
तेजस्वी बोले – “नीतीश सरकार चलाने लायक नहीं”
अमित शाह ने चेताया – “लालू-राबड़ी की सरकार आई तो लौटेगा जंगलराज”
पप्पू यादव को IT विभाग का नोटिस
पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान की अधिसूचना जारी
? रिपोर्ट: शौर्यपथ संवाददाता
? :
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन 28 अक्तूबर को संयुक्त घोषणा पत्र जारी करेगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पटना रैली से चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर करने की बात कही।
पटना | ब्यूरो रिपोर्ट, शौर्यपथ न्यूज़ नेटवर्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर पहुँच चुकी है। निर्वाचन आयोग ने पहले चरण के मतदान की घोषणा करते हुए बताया कि 121 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग होगी। इसी बीच महागठबंधन ने बड़ा राजनीतिक ऐलान करते हुए 28 अक्तूबर को अपना संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव की साझा रैली आयोजित करने की घोषणा की है।
महागठबंधन के घटक दल — राजद, कांग्रेस, वामदल और अन्य सहयोगी संगठन — ने साझा एजेंडा तय कर लिया है। घोषणा पत्र में रोजगार, शिक्षा, महंगाई, किसानों की आय, और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रमुख मुद्दे होंगे।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यह साझा उपस्थिति विपक्षी एकता की नई तस्वीर पेश करेगी।
?️ “यह चुनाव बिहार के भविष्य और देश की दिशा तय करेगा।”
— राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
वहीं एनडीए खेमे ने भी प्रचार तेज कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा —
“घुसपैठियों को चुन-चुनकर बिहार से बाहर करेंगे। देश की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा।”
यह बयान भाजपा की चुनावी रणनीति को रेखांकित करता है, जिसमें सुरक्षा और राष्ट्रहित प्रमुख विषय बन गए हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की अधिसूचना जारी करते हुए पहले चरण के मतदान की तारीखें तय की हैं।
पटना जिला प्रशासन ने 7 मई 2025 को निविदा सूचना जारी की थी, जिसके अंतर्गत मतदान केंद्रों, परिवहन व्यवस्था, और सुरक्षा प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी गई थी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि 28 अक्तूबर की राहुल-तेजस्वी रैली बिहार में विपक्षी एकता की परख होगी। यह केवल राज्य की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की रणनीतिक एकजुटता का संदेश भी है।
बिहार का यह चुनाव सत्ता परिवर्तन से अधिक, आने वाले 2029 लोकसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।
28 अक्तूबर को महागठबंधन का संयुक्त घोषणा पत्र जारी होगा
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव करेंगे पटना में साझा रैली
पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान की घोषणा
अमित शाह बोले — “घुसपैठियों को चुन-चुनकर बिहार से बाहर करेंगे”
पटना जिला प्रशासन ने मई 2025 में निविदा सूचना जारी की थी
? रिपोर्ट: शौर्यपथ संवाददाता
दुर्ग। शौर्यपथ।
संविधान की शपथ इस भावना के साथ ली जाती है कि पद पर रहते हुए अधिकारी और जनप्रतिनिधि निष्पक्षता, समानता और न्याय के सिद्धांतों पर कार्य करेंगे। परंतु दुर्ग नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती अलका बाघमार की हालिया कार्यप्रणाली ने इस शपथ की भावना पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इन दिनों शहर के मध्य स्थित इंदिरा मार्केट में “मोर शहर मोर जिम्मेदारी” अभियान के तहत सौंदर्यीकरण और अतिक्रमण हटाने का कार्य जारी है। अभियान के दौरान कपड़ा लाइन क्षेत्र में दुकानदारों — जिनमें एक जाति विशेष समुदाय के लोग अधिक हैं — के अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है। परंतु इसी कपड़ा लाइन से कुछ ही दूरी पर स्थित कुआ चौक में ठेले वालों के कब्जे और जाम की स्थिति पर नगर निगम प्रशासन की चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है।
कपड़ा लाइन में की जा रही सख्त कार्रवाई और कुआ चौक पर अतिक्रमण शाखा की चुप्पी के बीच का यह विरोधाभास अब जनता के बीच सवालों में है। आखिर क्यों दो कदम की दूरी पर दो तरह की नीति अपनाई जा रही है?
इसी चौक के सामने एक जूस दुकान द्वारा बरामदे से लेकर सड़क तक कब्जा कर लिया गया है, जिससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। फिर भी, न तो बाजार शाखा और न ही अतिक्रमण विभाग की टीम ने अब तक कोई कदम उठाया है। यह मौन नगर निगम की निष्पक्ष कार्यप्रणाली पर गहरे प्रश्नचिह्न लगा रहा है।
जनता का कहना है कि उन्होंने बिना भेदभाव और पूरे विश्वास के साथ श्रीमती अलका बाघमार को महापौर चुना था, ताकि शहर के हर नागरिक के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार हो। परंतु वर्तमान में चल रही कार्यवाहियों से यह धारणा बनती जा रही है कि निगम प्रशासन चयनात्मक कार्रवाई के रास्ते पर चल पड़ा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि शहरी सरकार की मुखिया के रूप में महापौर की यह जिम्मेदारी है कि वे प्रत्येक कार्यवाही में निष्पक्षता और समानता को सर्वोपरि रखें। यदि शहर में कार्रवाई के दौरान भेदभाव का भाव दिखाई देता है, तो यह प्रशासनिक स्थिरता और सामाजिक सौहार्द — दोनों के लिए ही खतरा बन सकता है।
नगर निगम को चाहिए कि शहर में सौंदर्यीकरण और अतिक्रमण हटाने की दिशा में एक एकसमान नीति अपनाए, ताकि जनता के बीच विश्वास कायम रहे और शहर वास्तव में “मोर शहर मोर जिम्मेदारी ” के विचार को साकार कर सके।
रायपुर। शौर्यपथ।
छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस विभाग में 7 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ विभिन्न स्थानों पर पदस्थ किया गया है। यह तबादला सूची पुलिस प्रशासन में नई नीति और बेहतर संचालन के उद्देश्य से जारी की गई है।
स्थानानुसार तबादला सूची
श्री मोहित गर्ग (IPS 2013) को पुलिस अधीक्षक, रायपुर से सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़, नया रायपुर बनाया गया है।
श्री चन्दन सिंह राठौर (IPS 2014) को पुलिस अधीक्षक, मण्डल मुख्यालय, विरसीनी भाटापुर से पुलिस अधीक्षक (ट्रेनिंग/ऑपरेशन्स), पुलिस अकादमी, जगदलपुर एवं अतिरिक्त प्रभार नागरिक सुरक्षा अधिकारी, नया रायपुर नियुक्त किया गया है।
सुश्री अंकिता शर्मा (IPS 2018) को पुलिस अधीक्षक, सरगुजा से पुलिस अधीक्षक, रायगढ़ बना दिया गया है।श्री युधवीर अखंड कुमार (IPS 2018) को पुलिस अधीक्षक, कोंडागांव से सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, नया रायपुर के पद पर स्थानांतरित किया गया है।
श्रीमती रत्ना सिंह (IPS 2019) को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, नया रायपुर से पुलिस अधीक्षक, मण्डल मुख्यालय, विरसीनी भाटापुर नियुक्त किया गया है।
श्री प्रफुल्ल ठाकुर (IPS 2015), वर्तमान में सम्भागीय 4थी वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, सक्ती से स्थानांतरित कर पुलिस अधीक्षक, सक्ती बनाया गया है।
श्री पंकज चन्र (IPS 2015), वर्तमान में 13वीं वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, बांगों से पुलिस अधीक्षक, कोंडागांव बनाया गया है।
प्रशासनिक महत्व
इन तबादलों से जिला पुलिस प्रशासन में नया नेतृत्व आएगा और टीमों के प्रबंधन में ताजगी मिलेगी।
कुछ अधिकारियों को राज्य के मुख्यालय में भेजा गया है जिससे राज्य स्तर पर पुलिस की नई रणनीति और कार्य-योजना पर बल मिलेगा।माओवादी प्रभावित क्षेत्रों (जगदलपुर, कोंडागांव, आदि) में भी अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जिससे कानून व्यवस्था में सुधार और आंतरिक सुरक्षा रणनीति मजबूत होने की उम्मीद है।निष्कर्षछत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए इन नियुक्तियों से पुलिस प्रशासन की दक्षता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेगी।
इन अधिकारियों के अनुभव और नई जिम्मेदारियों से राज्य में कानून व्यवस्था को एक नई दिशा मिलने की संभावना है।
हर जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा और स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर
रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की एक और महत्वपूर्ण घोषणा को राज्य सरकार ने मूर्त रूप दे दिया है। राज्य के 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए 78 करोड़ 15 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य शिक्षा और कौशल विकास को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।
प्रदेशभर में खुलेंगे 9 नर्सिंग कॉलेज
प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज के भवन निर्माण के लिए 8 करोड़ 68 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। ये कॉलेज दंतेवाड़ा, बैकुंठपुर, बीजापुर, बलरामपुर, जशपुर, रायगढ़, धमतरी, जांजगीर-चांपा और नवा रायपुर (अटल नगर) में स्थापित किए जाएंगे।
इन संस्थानों की स्थापना से दूरस्थ और जनजातीय अंचलों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए द्वार खुलेंगे।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा —
“हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के हर युवा को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा मिले और हर जिले में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार हो।
9 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्वीकृति स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ेगी। यह पहल युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर बढ़ाएगी।”
स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा —
“मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य शिक्षा को नई दिशा देने वाला कदम उठाया है।
9 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्वीकृति से प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा, रोजगार और आत्मनिर्भरता के बेहतर अवसर मिलेंगे।”
वित्त मंत्री का मत
वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने कहा — “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है। 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के लिए 78 करोड़ 15 लाख रुपए की स्वीकृति इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि सरकार युवाओं के लिए अवसर सृजन और सेवा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है।”
यह निर्णय प्रदेश के स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ जनसेवा और कौशल विकास की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को और दृढ़ करता है। यह पहल छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सेवाओं और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर करेगी।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य शासन के वित्त विभाग ने आज 5000 शिक्षकों के पदों पर भर्ती की सहमति प्रदान कर दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री साय की उस घोषणा के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने प्रदेश के शैक्षणिक ढांचे को मज़बूत बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा किसी भी राज्य की प्रगति की नींव होती है, और छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चे तक ज्ञान और अवसर दोनों पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह भर्ती न केवल शिक्षण व्यवस्था को गति देगी बल्कि युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी सृजित करेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने वित्त विभाग द्वारा दी गई सहमति को ‘नए छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम’ बताया। 5000 पदों हेतु शिक्षा विभाग शीघ्र भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करेगा। इन पदों की पूर्ति से ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी, जिससे शिक्षण की निरंतरता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
राज्य शासन ने पिछले कुछ महीनों में शिक्षा सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। विद्यालय भवनों के निर्माण, डिजिटल शिक्षा सामग्री के प्रसार, और शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी लंबे समय से एक प्रमुख चुनौती रही है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता सीमित थी। नई भर्ती से इन क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे बच्चों को अब अपने ही गाँव और क्षेत्र में बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह पहल प्रदेश में शिक्षण के स्तर को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने में सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा को सर्वांगीण विकास का आधार मानते हुए लगातार निवेश कर रही है। स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण से लेकर छात्रवृत्ति, मध्याह्न भोजन और छात्र हितैषी योजनाओं तक, सरकार का फोकस हर स्तर पर शिक्षा के दायरे को व्यापक बनाना है। शिक्षकों की यह नई भर्ती उसी दीर्घकालिक दृष्टि का हिस्सा है, जो ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विज़न को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। इस निर्णय से जहाँ शिक्षा प्रणाली को नई ऊर्जा मिलेगी, वहीं हजारों युवाओं के सपनों को साकार करने का मार्ग भी खुलेगा। यह पहल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ‘शिक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़’ की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगी।
"मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी की मंशा के अनुरूप शिक्षा को राज्य की शीर्ष प्राथमिकता बनाया गया है। वित्त विभाग द्वारा 5000 शिक्षकों के पदों की भर्ती की सहमति देना इसी संकल्प का हिस्सा है। शिक्षा में किया गया प्रत्येक निवेश प्रदेश के भविष्य में किया गया निवेश है। इस निर्णय से स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी होगी, ग्रामीण व आदिवासी अंचलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ेगी और हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए शिक्षा जैसे मूलभूत क्षेत्र को संसाधन उपलब्ध कराना हमारी सरकार की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता दोनों है।" - वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी
"शिक्षा राज्य के विकास की सबसे सशक्त आधारशिला है। हमारी सरकार का संकल्प है कि छत्तीसगढ़ के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और हर विद्यालय में योग्य शिक्षक उपलब्ध हों। वित्त विभाग द्वारा 5000 शिक्षकों के पदों पर भर्ती की सहमति उसी दिशा में एक बड़ा कदम है। यह निर्णय न केवल शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त करेगा, बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।" - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रवास की तैयारियों का लिया व्यापक जायज़ा: सभी तैयारियाँ निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करने अधिकारियों को दिए निर्देश
रायपुर / शौर्यपथ /
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी छत्तीसगढ़ प्रवास के मद्देनज़र मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में विभिन्न कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण कर तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ आगमन राज्य के लिए गौरव का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस दौरान प्रत्येक व्यवस्था उत्कृष्टता का प्रतीक बने और प्रदेश की संस्कृति, आत्मगौरव एवं प्रगति की झलक हर स्थल पर दृष्टिगोचर हो।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्थलों का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री साय ने सबसे पहले नवा रायपुर स्थित सत्य साईं हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा, सभागार व्यवस्था, मंच और आमंत्रित अतिथियों के बैठने की व्यवस्था का जायजा लिया।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री साय प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ध्यान केंद्र पहुँचे, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने ध्यान केंद्र के सभागार, मेडिटेशन रूम एवं बाहरी परिसर का निरीक्षण करते हुए सभी व्यवस्थाओं को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
ट्राइबल म्यूज़ियम बनेगा जनजातीय अस्मिता का प्रतीक
मुख्यमंत्री साय ने शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय जनजातीय समाज की वीरता, बलिदान और अस्मिता का अमर प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि संग्रहालय के प्रत्येक अनुभाग को इस प्रकार तैयार किया जाए कि वह आगंतुकों को छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली अध्याय से गहराई से परिचित करा सके। उन्होंने प्रदर्शनी दीर्घाओं, मल्टीमीडिया गैलरी, स्मृति कक्ष और बाहरी परिसर की व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।
राज्योत्सव स्थल बनेगा छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों का दर्पण
मुख्यमंत्री साय ने नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव स्थल का भी दौरा किया और तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने मुख्य मंच, पार्किंग क्षेत्र, विभागीय डोम, प्रदर्शनी दीर्घा, वीआईपी दीर्घा और आमजन के लिए बनाए गए मार्गों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि राज्योत्सव छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों, संस्कृति और आत्मविश्वास का उत्सव है, इसलिए यह आयोजन उत्कृष्टता की नई मिसाल बने।
मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरे किए जाएँ और सुरक्षा, स्वच्छता तथा आमजन की सुविधा से जुड़े सभी बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।
इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, सचिव राहुल भगत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान बनेगा ‘जशपुर जम्बूरी 2025’
छत्तीसगढ़ के जशपुर में सजेगा ‘जशपुर जम्बूरी 2025’ — रोमांच, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत उत्सव
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ का पर्वतीय और हरियाली से आच्छादित जिला जशपुर एक बार फिर उत्सव, संस्कृति और रोमांच का केंद्र बनने जा रहा है। यहाँ आगामी 6 से 9 नवम्बर 2025 तक आयोजित होने वाले ‘जशपुर जम्बूरी 2025’ में प्रदेश और देशभर से पर्यटक प्रकृति की गोद में रोमांचक अनुभवों, जनजातीय परंपराओं और सामुदायिक उत्सव के रंगों का आनंद लेंगे। यह आयोजन प्राकृतिक सौंदर्य, जनजातीय परंपराओं और आधुनिक रोमांच का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।
प्रकृति की गोद में चार दिन का उत्सव
जशपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, झरनों, पहाड़ियों और हरे-भरे जंगलों के कारण पहले से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इन चार दिनों में यह जिला उत्साह, उमंग और अनूठे अनुभवों का जीवंत मंच बन जाएगा। देशभर से आने वाले सैलानी यहां रोमांचक खेलों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और जनजातीय लोकपर्वों की रंगीन झलक का आनंद लेंगे।
हॉट एयर बलून और पैरामोटरिंग का रोमांच
इस वर्ष का सबसे बड़ा आकर्षण रहेगा हॉट एयर बलून और पैरामोटरिंग शो, जिसमें प्रतिभागी मधेश्वर पहाड़ियों के ऊपर से उड़ान भरकर जशपुर की भव्यता को नई ऊँचाई से देख सकेंगे। नीले आसमान और हरी वादियों का यह संगम एक अविस्मरणीय अनुभव बनेगा।
कयाकिंग, एटीवी और मोटर बोटिंग से मिलेगा एडवेंचर का आनंद
फेस्टिवल में कयाकिंग, मोटर बोटिंग और एटीवी राइड्स जैसी गतिविधियाँ रोमांच प्रेमियों को अपनी सीमाओं को परखने का अवसर देंगी। झरनों की धारा में कयाकिंग और जंगलों के बीच मिट्टी के रास्तों पर एटीवी चलाने का रोमांच हर आगंतुक के लिए यादगार रहेगा।
फॉरेस्ट ट्रेकिंग और प्राकृतिक अनुभव
प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष फॉरेस्ट ट्रेकिंग ट्रेल्स तैयार की गई हैं। घने पेड़ों के बीच, फूलों की महक और पक्षियों की चहचहाहट में चलना जशपुर की जैव विविधता से गहरा जुड़ाव कराएगा। यह पर्यावरण और पर्यटन के बीच सामंजस्य का प्रतीक है।
खुले आसमान तले स्टार गेज़िंग सेशन्स
रात्रिकालीन आयोजनों में स्टार गेज़िंग सेशन्स विशेष आकर्षण होंगे। तारों से सजे जशपुर के निर्मल आसमान में सैकड़ों नक्षत्रों को निहारने का अनुभव आगंतुकों को अद्भुत शांति और विस्मय का एहसास कराएगा।
लोककला, संगीत और बोनफायर नाइट्स से सजेगा हर शाम का माहौल ,हर शाम बोनफायर नाइट्स में जनजातीय लोकनृत्य, संगीत और हँसी से भरी संध्याएँ होंगी। पारंपरिक गीतों की धुन और आग की लपटों के बीच साझा होती मुस्कानें इस आयोजन को आत्मीयता का नया अर्थ देंगी।
फेस्टिवल में स्थानीय व्यंजनों का विशेष स्टॉल आकर्षण का केंद्र रहेगा। स्थानीय पारंपरिक पकवानों के स्वाद से पर्यटक छत्तीसगढ़ की मिट्टी की असली महक महसूस करेंगे।
‘जशपुर जम्बूरी’ केवल एक पर्यटन आयोजन नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक आत्मसम्मान का उत्सव भी है। पारंपरिक हस्तशिल्प, लोककला प्रदर्शनी और आदिवासी परिधानों की झलक इस आयोजन को विशिष्ट बनाएगी।जशपुर प्रशासन और पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा के लिए ठहरने, खानपान, सुरक्षा और स्वच्छता की संपूर्ण व्यवस्था की है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी बढ़ेगी पहचान
इस आयोजन में देशभर से एडवेंचर प्रेमी, फोटोग्राफर, ट्रैवल ब्लॉगर और इनफ्लुएंसर भाग लेंगे, जिससे जशपुर की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल माध्यमों से और सशक्त होगी।
"हमारा प्रयास है कि जशपुर की प्रकृति और संस्कृति को राष्ट्रीय पहचान मिले। जशपुर जम्बूरी 2025’ न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को प्रखर करेगा, बल्कि पर्यटन, उद्यमिता और सामुदायिक सहभागिता को नई ऊर्जा देगा। यह आयोजन राज्य के लिए गौरव और विकास दोनों का प्रतीक बनेगा। ऐसे आयोजन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी पैदा करते हैं। जशपुर के लोग जितने सादगीपूर्ण हैं, उतने ही उत्साही और साहसी भी हैं।
‘जशपुर जम्बूरी’ जैसे आयोजन इस क्षेत्र की पहचान को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित कर रहे हैं। यह फेस्टिवल छत्तीसगढ़ को ‘एडवेंचर टूरिज्म हब’ के रूप में आगे बढ़ाएगा।" - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
पटना। शौर्यपथ ।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और इंडिया (I.N.D.I.A.) गठबंधन, यानी महागठबंधन—दोनों में कई प्रमुख और क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं। यहां दोनों गठबंधनों की पार्टियों का हाल का ब्यौरा प्रस्तुत है:
एनडीए (NDA) गठबंधन में शामिल पार्टियां
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
जनता दल (यूनाइटेड) [JDU]
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) – जीतन राम मांझी की पार्टी
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) [LJP (RV)] – चिराग पासवान की पार्टी
राष्ट्रीय लोक जनतांत्रिक मोर्चा (रालोमो) – उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी
वर्तमान चुनाव में एनडीए में कुल 5 प्रमुख पार्टियां शामिल हैं।
इंडिया (I.N.D.I.A.)/महागठबंधन में शामिल पार्टियां
राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
कांग्रेस (INC)
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) [CPI (ML)]
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) – मुकेश सहनी की पार्टी
महागठबंधन/इंडिया में फिलहाल 4 मुख्य पार्टियां सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, जिनमें वीआईपी की भी हाल ही में आमद हुई है।
अतिरिक्त जानकारी
दोनों गठबंधनों में क्षेत्रों के अनुसार कुछ छोटी पार्टियां और वैकल्पिक गठबंधन, सीटों के बंटवारे व स्थानीय समीकरण से भी जुड़ सकते हैं।
हालिया चुनावी समझौतों के कारण गठबंधनों में आंशिक बदलाव संभावित रहते हैं, किंतु ऊपर दी गई सूची वर्तमान हालत पर आधारित है।
पटना। शौर्यपथ ।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की राजनीतिक लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है। इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) ने पहली बार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री के रूप में पेश करते हुए चुनावी समीकरण को पूरी तरह बदल दिया है। कांग्रेस के दिग्गज अशोक गहलोत की मौजूदगी में सार्वजनिक मंच पर गठबंधन के सभी दल—आरजेडी, कांग्रेस, वामदलों और वीआईपी के नेताओं—ने महागठबंधन की एकजुटता पर मुहर लगाई।
इस बार महागठबंधन ने सामाजिक संतुलन साधने के लिए EBC, यादव, मुस्लिम और निषाद-मल्लाह वर्गों को जोड़ने का रणनीतिक दांव चला है। टिकट बंटवारे में कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल और वीआईपी के उम्मीदवारों ने अपने-अपने परंपरागत आधार के साथ नई जातीय परतें जोड़ दी हैं, जिससे गठबंधन की ताकत कई गुना हो गई है। दूसरी ओर एनडीए पर आरोप लगे हैं कि वह महाराष्ट्र की तर्ज पर चुनाव जीतते ही मुख्यमंत्री बदलने की योजना बना रही है। विपक्ष का कहना है कि नीतीश कुमार का यह ‘आखिरी चुनाव’ होगा और उन्हें चुनाव बाद दरकिनार किया जा सकता है।
महागठबंधन ने महिलाओं की स्थिति, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और गरीब वर्ग की चिंता को चुनावी नरेटिव का हिस्सा बनाया। इंडिया गठबंधन के संदेश में साफ तौर पर यह झलक रहा है कि बिहार को एक नई शुरुआत की जरूरत है, और जनता को मुख्यमंत्रियों के चेहरों... और वादों के बीच धोखे में नहीं रहना चाहिए।
यह चुनाव अब केवल वोटों की नहीं, बल्कि सामाजिक समीकरण, असली मुद्दों और नेतृत्व की प्रामाणिकता की लड़ाई बन गया है। सभी दल अपनी रणनीति के साथ मैदान में हैं, लेकिन महागठबंधन की सामूहिक घोषणा और लक्ष्य अब बिहार की जनता को बदलाव की उम्मीद दे रही है।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
