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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
कलेक्टर एवं एसपी ने दी बधाई, कहा जिले के लिए गौरव की बात
मुंगेली /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 28 नवंबर को सीजी पीएससी 2023 का रिजल्ट जारी किया, जिसमें मुंगेली जिले के विकासखंड लोरमी के ग्राम नवागांव वेंकट की कुमारी किरण राजपूत ने चौथा रैंक हासिल किया है। कलेक्टर श्री राहुल देव और पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने जिले के बेटी की इस उपलब्धी की सराहना करते हुए कुमारी किरण और उनके परिजनों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। जिला कलेक्टोरेट में मुलाकात के दौरान कलेक्टर ने कहा कि एक किसान की बेटी ने कई चुनौतियों के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सीजीपीएससी में चौथा रैंक हासिल की है, जो जिले के लिए गौरव की बात है। कलेक्टर ने कुमारी किरण राजपूत को भविष्य में जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे बखूबी निर्वहन करने, दीन दुखियों व गरीबों को न्याय दिलाने और अपने सभ्यता-संस्कृति को सहेजते हुए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। कलेक्टर ने जिले के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि प्रतिभा के सामने सारी चुनौतियां नतमस्तक है। अपनी मेहनत और लगन को जारी रखते हुए विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी लक्ष्य से नहीं भटकना है। तभी आपको मंजिल मिलेगी।
पुलिस अधीक्षक ने कुमारी किरण को इस सफलता के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और आगे भी अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। कुमारी किरण राजपूत ने बताया कि उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि कृषक परिवार से है। वह 2021-22 से बिलासपुर में रहकर सीजीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी, उनकी प्रारंभिक शिक्षा गॉव के स्कूल और कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई झाफल में हुई। बिलासा गलर््स कॉलेज बिलासपुर में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद निजी संस्थान से कोचिंग की। जिसके बाद घर में सेल्फ स्टडी कर परीक्षा की तैयारी कर रही थी। पहले प्रयास में सीजीपीएससी की मुख्य परीक्षा में नहीं निकलने पर उनका आत्मविश्वास कम हो गया था, लेकिन परिजनों ने हौंसला बढ़ाते हुए तैयारी जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका सकारात्मक परिणाम सीजीपीएससी 2023 के रिजल्ट में देखने को मिला। वह दूसरे प्रयास में चौंथे रैंक से परीक्षा पास की। किरण के पिता श्री गजेन्द्र सिंह राजपूत ने अपनी बेटी की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि किरण शुरू से पढ़ाई में मेधावी थी, जिसक चलते उन्हें उम्मीद थी कि वह एक दिन अफसर बनकर परिवार, समाज और जिले का नाम रोशन करेगी। किरण की माता श्रीमती सरोज राजपूत ने बताया कि बेटी की सफलता का श्रेय परिवारजनों को देेते हुए प्रसन्नता जाहिर की। इस अवसर पर लोरमी एसडीएम श्री अजीत पुजारी, तहसीलदार श्री शेखर पटेल और कुमारी किरण राजपूत के परिवारजन मौजूद रहे।
दुर्ग / शौर्यपथ / 37 छत्तीसगढ़ एनसीसी बटालियन, दुर्ग के तत्वावधान में एस टी एफ बघेरा में फायरिंग प्रशिक्षण कैंप आयोजित किया गया। यह कैंप कर्नल मकसूद अली खान की अगुवाई में किया जा रहा है। गवर्नमेंट वी. वाय. टी. कॉलेज, दुर्ग के एनसीसी कैडेट्स ने राइफल चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह प्रशिक्षण कैंप एनसीसी कैडेट्स के आत्मविश्वास और सटीकता को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट प्रशांत दुबे ने बताया कि गवर्नमेंट वी. वाय. टी. कॉलेज के कुल 54 कैडेट्स ने इस फायरिंग कैंप में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि इस कैंप के दौरान कैडेट्स को राइफल की तकनीकी जानकारी, फायरिंग की बुनियादी विधियां, और लक्ष्य पर निशाना साधने के कौशल का अभ्यास कराया गया। प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा नियमों का विशेष ध्यान रखा गया और कैडेट्स को अनुशासन के महत्व को भी समझाया गया। कैम्प के दौरान कैडेट्स ने न केवल राइफल चलाने की तकनीक सीखी, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक दक्षता का भी परीक्षण किया गया। फायरिंग अभ्यास में कैडेट्स ने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखाया, जिससे उनकी सटीकता और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। कर्नल मकसूद अली खान ने कहा कि ऐसे कैंप का आयोजन एनसीसी कैडेट्स के व्यक्तित्व विकास और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां कैडेट्स को भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करती हैं। इस प्रशिक्षण में कैडेट्स ने जोश और उत्साह के साथ भाग लिया और अपने अनुभव को बेहद प्रेरणादायक बताया। फायरिंग कैंप के सफल आयोजन के लिए 37 एनसीसी बटालियन के कर्नल मकसूद अली खान, सूबेदार मेजर भूपति थापा, पी आई स्टाफ एवं एनसीसी अधिकारियों और प्रशिक्षकों को कैडेट्स ने धन्यवाद दिया।
जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ में अनेक योजनाएं हैं संचालित
मुख्यमंत्री ने जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी को किया संबोधित
रायपुर / शौर्यपथ / जनजातीय समाज का इतिहास धरती पर मनुष्य के पहले पदचाप के साथ जुड़ा हुआ है। जनजातीय संस्कृति ने भगवान श्रीराम को अपने हृदय में बसा रखा है। भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में ही वनवास बिताया, यहीं पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाए। जनजातीय अस्मिता का प्रश्न भारत की सनातन परंपरा की अस्मिता से जुड़ा हुआ प्रश्न है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हमें जनजातीय समुदायों की अस्मिता और विरासत के प्रति संवेदनशील यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व मिला है। आज जनजातीय समुदाय की हमारी बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत के सर्वाेच्च पद पर आसीन हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनजाति समाज सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज है। यह समाज कुप्रथाओं का मुखर विरोध करता है। भारत की संस्कृति और देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जनजातीय जननायकों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे देश में 13 से 15 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज की परंपराओं, संस्कृति रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार और शासन द्वारा जनजातीय उत्थान के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 13 नवंबर को जशपुर जिले में आयोजित पदयात्रा इतनी सफल रही कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसकी खुलकर तारीफ की और ऐसे आयोजनों को जनजातीय समाज के विकास और उत्थान में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर हुए राष्ट्रीय आयोजन ने अन्य प्रांतों से आए आदिवासी समुदाय को एक दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने का सुंदर अवसर दिया। श्री साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे पहले पृथक जनजातीय कल्याण मंत्रालय बनाया और आदिवासियों के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी।
उन्होंने कहा कि हम मैदानी और जनजातीय क्षेत्रों में अवसरों की समानता स्थापित करने के लिए अपनी योजनाएं और नीतियां बना रहे हैं ताकि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक समुदाय के पास विकास के समान अवसर हों और जनजातीय समाज अपनी प्राकृतिक और भौगोलिक जटिलताओं पर जीत हासिल करते हुए समग्र भारत के विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। जब हम जनजातीय समुदायों की अस्मिता की रक्षा करेंगे, उनकी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करेंगे, उनके इतिहास और उनके नायकों का गौरवगान करेंगे तो निश्चित रूप से मां भारती का यश बढ़ेगा, उसका गौरव गान होगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारत के जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए मोदी जी पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएं चला रहे हैं। ये योजनाएं जनजातीय समुदायों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए क्रांतिकारी योजनाएं साबित हो रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी अनेक योजनाओं से जनजातीय समुदायों को बड़ा संबल मिला है। पिछले 11 महीने में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल में शांति स्थापित करने के लिए तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं को दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने की अनूठी पहल की गई है। बस्तर अंचल में सुरक्षाबलों के 34 नए कैंप खोले गए हैं और लगभग 96 गांवों में शासकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जनजातीय महानायकों के गौरवशाली इतिहास की जानकारी आने वाली पीढ़ी को हो इसलिए ऐसे आयोजन आवश्यक हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके मूल्यों को अगली पीढ़ी तक ले जाएं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने सदैव प्रकृति के संरक्षण की दिशा में कार्य किया है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता अतुल जोग ने कहा कि बिना स्वार्थ के जनजातीय समाज ने मानव सेवा का काम किया है। इसका सुंदर उदाहरण पद्म पुरस्कारों की घोषणाओं में भी देखने को भी मिला, जिसमें बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग शामिल रहे हैं।
संगोष्ठी को पवन साय और अनुराग जैन ने भी संबोधित किया। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
चित्रोत्पला फिल्म सिटी से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, नाटकों के साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पद्मश्री विभूतियों की सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है।
मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा श्री विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।
सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप 29 नवंबर को करेंगे शुभारंभ
रायपुर/शौर्यपथ / सहाकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप कल 29 नवंबर को बेमेतरा जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग की 4 नवीन शाखा का शुभारंभ करेंगे। ये शाखाएं नवागढ़ तहसील के ग्राम बदनारा, कन्हेरा, सत्धा और गोड़गिरी में प्रारंभ होंगी। सहकारिता मंत्री इन शाखाओं का शुभारंभ ग्राम बदनारा से करेंगे। शुभारंभ समारोह दोपहर 3 बजे से होगा। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। दुर्ग लोकसभा की सांसद श्री विजय बघेल अति विशिष्ट अतिथि, विधायक श्री दिपेश साहू एवं श्री ईश्वर साहू विशिष्ट अतिथि तथा जिला पंचायत बेमेतरा की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता साहू वरिष्ट समाज सेवी श्री ओम प्रकाश जोशी विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
एक्शन टेसा ने टेसा सलाम के साथ मनाया कारपेंटर्स मेगा मीट
भिलाई/शौर्यपथ / भारत में एमडीएफ, एचडीएचएमआर, बॉइलो और पार्टिकल बोर्ड जैसे इंजीनियर्ड पैनल उत्पादों का सबसे बड़ा निर्माता और लकड़ी पैनल उद्योग में अग्रणी एक्शन-टेसा ने देशव्यापी उत्सवों की एक श्रृंखला के साथ गर्व से मेगा कारपेंटर्स मीट का आयोजन होटल अमित इंटरनेशनल मे किया। इसमे
मनोज उपाध्याय डीजीएम एवं समस्त विदर्भ,छत्तीसगढ़ सेल्स टीम ने इस प्रोग्राम में आये बड़ी संख्या में सभी कारपेंटर्स का स्वागत किया। इस दौरान ब्रांच मैनेजर राजन दीक्षित ने कहा कि यह आयोजन उन कारपेंटर्स के अमूल्य योगदान को मान्यता देने के लिए समर्पित है, जिनकी कारीगरी देश भर के अनगिनत घरों और व्यवसायों में सुंदरता और कार्यक्षमता लाती है।
इस मेगामीट कार्यक्रम के आयोजन के माध्यम से एक्शन टेसा ने इस कार्यक्रम मे उपस्थित कारपेंटर्स की कारीगरी को मान्यता देने के साथ-साथ उन्हें उभरती तकनीकों और नवाचारी डिज़ाइन तकनीकों के बारे में जानने का एक मंच प्रदान किया। यह पहल एक्शन टेसा के ब्रांड दर्शन कोई नही ऐसा के अनुरूप है, जो अतुलनीय गुणवत्ता और उत्कृष्टता पर जोर देता है। पिछले एक दशक से, कंपनी इन मीट्स के माध्यम से कारपेंटर्स के साथ निकटता से काम कर रही है, उन्हें मूल्यवान जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, जिससे ब्रांड और लकड़ी के कामकाज उद्योग के साथ उनका संबंध और भी मजबूत हो रहा
है।
इस अवसर पर एक्शन टेसा के प्रबंध निदेशक अजय अग्रवाल ने विडियो मैसेज के द्वारा कारपेंटर्स के प्रति अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा, कि कारपेंटर्स इंजीनियर्ड लकड़ी उद्योग की रीढ़ हैं, और उनकी कुशलता और रचनात्मकता के प्रति आभार प्रकट किया। टेसा-सलाम का अर्थ सम्मान की अभिव्यक्ति है, टेसा सलामÓ पहल का उद्देश्य कारपेंटर्स की स्थिति को ऊंचा उठाना और उनके कठिन परिश्रम और कारीगरी को पहचान दिलाना है, जिससे उद्योग में उनकी भूमिका और अधिक स्पष्ट और मूल्यवान हो सके।
दुर्ग। /शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत डिबरा पारा तालाब के किनारे व नाली को पाटा जा रहा था।जिसकी शिकायत अधिकारियों से की गई।बता दे कि वार्ड नंबर 39 स्थित गर्वमेंट स्कूल के पीछे पोटिया जाने वाले मार्ग में मुकेश सोनकर द्वारा डिपरापारा तालाब व नाली को धड़ल्ले पाटकर बंद कर रहा था।
कमिश्नर सुमित अग्रवाल के निर्देश एवं भवन अधिकारी गिरीश दिवान के मार्गदर्शन पर मौके पर उपअभियंता करण यादव,अतिक्रमण अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा टीम के साथ पहुँचकर तालाब स्थल का निरीक्षण करने पर पाया गया. जो स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. तालाब में मलबा पाटकर नाली को बाधित किया रहा था।
इस दौरान अधिकारियों ने निरीक्षण कर दिनेश सोनकर को दोबारा ऐसा नही करने की चेतवानी देते हुए पांच हज़ार का जुर्माना लगाया। तालाब व निगम की नाली को पाटने की कोशिश कर रहा था संबंधित को बेदखली की कार्रवाही कर जुर्माना लगाया गया।
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम।कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश एवं कमिश्नर सुमित अग्रवाल के मार्गदर्शन पर दीनदयाल अंतोदय योजना,राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एवं आंगनबाड़ी मितानिन द्वारा घर-घर पहुंचकर छूटे हुए का आयुष्मान कार्ड बना रहे हैं।
इसके लिए कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी एवं कमिश्नर सुमित अग्रवाल द्वारा जल्द से जल्द शहर में छूटे हुए लोगो का आयुषमान कार्ड बनवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है।उन्होंने कहा कि शहर क्षेत्र के घरों में पहुंचकर कर्मचारी अधिक से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाये।इसके लिए आयुष्मान अभियान के पहले प्रशिक्षण भी कर्मचारियों को दिया गया है।लगातार वार्डो आयुष्मान कार्ड अभियान में आजीविका मिशन एवं आंगनबाड़ी मितानिन सहित अमला द्वारा 10 दिनों में 1572 छूटे हुए हितग्राहियों का आयुषमान कार्ड घर में पहुंचकर बनाया।
उल्लेखनीय है कि कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों को आयुष्मान योजना का लाभ अधिक से अधिक दिलाने के निर्देश दिए है। बता दे कि कर्मचारी द्वारा घर-घर पहुंचकर नागरिकों का आयुष्मान कार्ड बना रही है। इसमें पांच लाख रूपए तक इलाज की सुविधा है।नागरिकों के निरंतर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं, लेकिन जिन नागरिकों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना हैं, उनका कार्ड घर पहुँचकर बनाया जा रहा है। इसके लिए टीम लगातार मेहनत कर घर-घर पर पहुंचकर आयुष्मान कार्ड बना रही है।
कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने की अपील:
कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने शहर वासियों से घर घर निगम टीम द्वारा पहुँचकर आयुष्मान कार्ड बना रही है।टीम का सहयोग कर आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील की है। नगर पालिक निगम क्षेत्रांतर्गत आयुष्मान कार्ड मितानीन घर-घर जाकर जाकर बना रही है बीपीएल आयुष्मान कार्ड से 5 लाख तक का एवं सामान्य आयुष्मान कार्ड से 50 हजार तक का ईलाज निःशुल्क करा सकते है।
जिले के आवेदकों का शारीरिक दक्षता परीक्षा 10 एवं 11 दिसम्बर को
राजनांदगांव/शौर्यपथ / अग्निवीर थलसेना भर्ती की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदकों की शारीरिक दक्षता परीक्षा 4 दिसम्बर से 12 दिसम्बर 2024 तक रायगढ़ जिले में आयोजित की जाएगी। उप संचालक रोजगार श्री एसव्ही राजोरिया ने बताया कि सेना भर्ती रायपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार राजनांदगांव जिले के अग्निवीर थलसेना भर्ती की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदकों का शारीरिक दक्षता परीक्षा 10 एवं 11 दिसम्बर 2024 को रायगढ़ जिले में होगी। इस संबंध में आवेदकों के ई-मेल पर सेना भर्ती कार्यालय रायपुर द्वारा प्रवेश पत्र प्रेषित कर दिया गया है। शारीरिक दक्षता में शामिल होने वाले पात्र अभ्यर्थी अपने समस्त शैक्षणिक अर्हता के मूल प्रमाण पत्रों के साथ निर्धारित तिथि, समय एवं स्थान पर उपस्थित होने कहा गया है। इस संबंध में अन्य जानकारी एवं समस्या के समाधान के लिए सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के दूरभाष क्रमांक 0771-2965212, 0771-2965213 पर संपर्क कर सकते है।
खाद्य मंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सतनामी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
नवागढ़ में 19 से 21 दिसंबर तक होगी भव्य पंथी नृत्य प्रतियोगिता
देश के विभिन्न राज्यों के नर्तक दल लेंगे हिस्सा
रायपुर/शौर्यपथ / राज्य स्तरीय पंथी नृत्य प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों के पंथी नर्तक दल हिस्सा लेंगे। यह प्रतियोगिता बेमेतरा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय नवागढ़ में 19 से 21 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल के नेतृत्व में सतनामी समाज प्रमुखों के दल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में भेंट कर उन्हें प्रतियोगिता में शामिल होने का न्योता दिया। मुख्यमंत्री ने श्री साय ने निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय को प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि परम पूज्य गुरूघासी दास बाबा जी के 268 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आगामी माह दिसंबर मेें जयंती मनाने राज्य स्तरीय पंथी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। सभी समाज के लोगों से आपसी प्रेम और सौहाद्रपूर्ण वातावरण में इस आयोजन को सफल बनाने का अनुरोध किया गया है। देश के विभिन्न राज्यों के पंथी नर्तक दलों को प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा रहा है। आयोजन में सहयोग देने वाले सभी समाज के लोगों को सम्मानित करने की भी योजना है। इस मौके पर प्रतियोगिता का स्वरूप, एवं आयोजन समिति, सुरक्षा समिति सहित अन्य व्यवस्था की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर गुरु श्री आसमदास जी (तेलासी पूरी थाम )पूर्व विधायक श्री रामजी भारती, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, पद्मश्री श्रीमती उषा बारले सहित समाज के अन्य प्रतिनिधि शामिल थे।
देश-विदेश मेें मशहूर हैं पंथी नृत्य
देश-विदेश में मशहूर है छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य। यह छत्तीसगढ़ के सतनामी समुदाय का पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में बाबा गुरूघासीदास जी के संदेशों को गीतों और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह वस्तुतः एक धार्मिक और आध्यात्मिक नृत्य है। यह नृत्य सामूहिक अराधना की तरह है। इस नृत्य की विशेषता मांदर की थाप और मंजीरे की झांझ में तेज गति से नर्तक नृत्य प्रस्तुत करते है। तेज गति से प्र्रस्तुत किए जाने वाले इस नृत्य से दर्शक रोमांचित हो उठते हैं। पंथी नृत्य में कई वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल होता है, जैसे मांदर, झांझ, झुमका, मंजीरे, चिकारा, हारमोनियम, और बेन्जो आदि शामिल होता है।
नरेश देवांगन
जगदलपुर/ शौर्यपथ/ शौर्यपथ ने 13 नवम्बर को समाचार प्रकशित किया कि सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के शासकीय प्री मेट्रिक बालक छात्रावास भेजी में बच्चों को न तो ठीक से भोजन मिल रहा है और न ही उनकी आवासीय व्यवस्था ठीक ठाक है। बच्चों को मेनू चार्ट के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता है। वही अधीक्षक के द्वारा बच्चों को बाहर से लकड़ी लाने पर रविवार को अंडा कि सब्जी खिलाने कि बात भी कही जाती है। अधीक्षक महीने में दो-तीन दिन ही रहते है। शौर्यपथ अख़बार ने प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था जिसे जिले के कलेक्टर ने संज्ञान में लेकर तत्काल इसकी जाँच कर कार्यवाही के निर्देश आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को दी है जिस पर विभाग के सहायक आयुक्त ने प्री मैट्रिक बालक छात्रावास के अधीक्षक को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया है। सुचना पत्र में अधीक्षक से संस्था में नियमित रूप से उपस्थित न रहने का, बच्चों के बीमार होने पर उन्हें स्वयं अस्पताल भेजने के बजाय बच्चों द्वारा ही सीआरपीएफ अस्पताल भेजने का कारण, छात्रावास में मीनू का पालन न करने का कारण,रविवार को मांसाहार न खिलाने का कारण, बच्चों को लकड़ी काटने के लिए जंगल भेजने का कारण, 95 स्वीकृत सीटों के विरुद्ध केवल 67 बच्चों की उपस्थिति का कारण, बोरवेल के खराब होने पर इसे ठीक न कराने का कारण 3 कार्यदिवस के भीतर अधीक्षक से जवाब माँगा गया है, सात यह भी स्पष्ट किया गया है कि निर्थारित समय सीमा में संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो अनुशासनात्मक कार्यवाई की जाएगी। अब देखने वाली बात है कि अधीक्षक इस मामले पे जवाब क्या और कब तक देते है?
ऑनलाईन टोकन और इलेक्ट्रानिक तौल मशीन से धान विक्रय करना हुआ आसान - चन्द्रशेखर
किसानों के मेहनत और उपज का मिल रहा उचित मूल्य - किसान श्री अशोक
किसानों ने आसान एवं पारदर्शिता से धान खरीदी और शीघ्र भुगतान के लिए राज्य शासन को दिया धन्यवाद
राजनांदगांव/शौर्यपथ / राज्य शासन के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के अंतर्गत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्ंिवटल धान खरीदने एवं धान उपार्जन केन्द्रों में मिल रही सुविधाओं और पारदर्शितापूर्वक तौलाई एवं शीघ्र भुगतान से जिले के किसानों में खुशी है। जिले के किसान अपने-अपने क्षेत्र के धान उपार्जन केन्द्र में अपनी उपज को विक्रय करने के लिए उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं। राजनांदगांव विकासखंड के धान उपार्जन केन्द्र सोमनी में ग्राम अचानकपुर भाटापार के किसान श्री चन्द्रशेखर निषाद ने बताया वे 45 क्ंिवटल धान विक्रय करने आए हैं। इससे पहले वे 52 क्ंिवटल धान का विक्रय कर लिया है। जिसका भुगतान विक्रय करने के दूसरे दिन ही खाते में राशि अंतरण की सूचना मोबाईल में आए एसएमएस के माध्यम से मिल गई। श्री चन्द्रशेखर ने बताया कि वे दोनों बार टोकन हमर हाथ एप्प के माध्यम से घर बैठे टोकन कटाया था, जिससे उन्हें धान विक्रय करने में आसानी हुई है। टोकन कटाने के लिए धान उपार्जन केन्द्र का चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों को अच्छी सुविधाएं उपलब्धता के साथ पारदर्शितापूर्वक धान खरीदी की जा रही है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को आभार व्यक्त किया है।
इसी तरह ग्राम ठाकुरटोला के किसान श्री अशोक कुमार खरे ने बताया कि उनके पास 5 एकड़ खेती जमीन है और वे 54.80 क्ंिवटल धान बेचने आज धान उपार्जन केन्द्र सोमनी आए हैं। श्री अशोक ने कहा कि राज्य शासन द्वारा 3100 रूपए की दर से प्रति एकड़ 21 क्ंिवटन धान खरीदने से किसानों को उनकी मेहनत और उपज का उचित मूल्य मिल रहा है। इससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही शासन द्वारा धान उपार्जन केन्द्रों में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें धान बेचने में कोई समस्या नहीं आई है। धान उपार्जन केन्द्र में धान लाने के बाद समिति प्रबंधक द्वारा उन्हें बारदाना, हमाल उपलब्ध कराया गया और पारदर्शिता के साथ इलेक्ट्रानिक तौल मशीन के माध्यम से उनके धान का तौलाई किया गया। उन्होंने बताया कि वे ऑनलाईन के माध्यम से टोकन कटाया था। ऐसी सुविधाएं मिलने से उनके श्रम और समय की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि धान विक्रय से अच्छा मुनाफा हुआ है। जिसका उपयोग वे रबी मौसम में चना और गेंहू की खेती और घर खर्च में व्यय करने की बात कहीं। अचानकपुर भाटापारा के किसान श्री कन्हैया टेकाम ने राज्य शासन के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि धान बेचना बहुत आसान हो गया है। केन्द्र में किसानों की सहूलियत पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है। किसानों को धान विक्रय में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आ रही है। धान उपार्जन केन्द्र में किसानों के लिए छांव, पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। धान विक्रय का भुगतान भी शीघ्र हो रहा है। जिससे किसानों की आर्थिक समस्या दूर हो रही है। बच्चों की पढ़ाई, घरेलू आवश्यकताओ की पूर्ति, जरूरी सामानों का क्रय करने में मदद मिल रही है।
Raipur/shouryapath / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नवनिर्वाचित विधायक सुनील सोनी ने सौजन्य मुलाकात की। विधायक सोनी विगत दिनों हुए उप चुनाव में दक्षिण विधानसभा क्षेत्र रायपुर से निर्वाचित हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने श्री सोनी को मिले उनके नए दायित्व के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र पूर्व सांसद श्री सुनील सोनी के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा रहा है और मैं आशा करता हूं कि उन्हें मिले इस नए दायित्व तथा उनके अनुभव के लाभ से रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विकास को नई ऊंचाइयां मिलेगी।