February 06, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

यातायात नियमों के पालन के लिए जनजागरूकता अभियान का प्रभावी ढंग से हो क्रियान्वयन
सड़कों पर ब्लैक स्पॉट के सुधार कार्य में तेजी लाएं
निर्माणाधीन ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट्स का कार्य जल्द पूर्ण करें
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए निर्देश
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रदेश के सड़क सुरक्षा परिदृश्य, सड़क दुर्घटना के नियंत्रण के उपायों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के लिए दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट के उपयोग तथा वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से चलाया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर ब्लैक स्पॉट के सुधार कार्य में तेजी लाने, जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठकें आयोजित करने, सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के इलाज के लिए निर्माणाधीन ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट्स का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराया गया ‘‘बस संगवारी एप’’ लांच किया और परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पर प्रकाशित पोस्टर का विमोचन किया।
    बैठक में जानकारी दी गई कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद की पाठ्यपुस्तकों में सड़क यातायात नियमों से संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बैठक में बताया गया कि यातायात व्यवस्था का इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस रायपुर, बिलासपुर और नवा रायपुर में किया जा रहा है। भिलाई और दुर्ग में यह व्यवस्था आंशिक रूप से संचालित है। सितंबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक 101 ब्लैक स्पॉट और 748 जंक्शन के सुधार कार्य पूर्ण किए गए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने पर सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की संभावना 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर परिवहन विभाग द्वारा 6 लाख 70 हजार से अधिक तथा पुलिस विभाग द्वारा 4 लाख 87 हजार से अधिक चालानी कार्यवाही की गई है। 01 जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर 2024 तक 7826 वाहन चालकों का लायसेंस निलंबित किया गया है। 8 दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों राजनांदगांव, धरसींवा अभनपुर, पाली, सिमगा, सुकमा, बेमेतरा और पत्थलगांव में ट्रामा स्टेब्लाईजेशन यूनिट निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई है। 14 हजार 261 वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस, 72 हजार से अधिक वाहनों में स्पीड गवर्नर तथा 2200 बसों में पेनिक बटन लगाए गए हैं। बैठक में ब्लैक स्पॉट की पहचान, सुधार की कार्यवाही, सड़कों में यातायात संकेतक, होर्डिंग्स हटाने, फुटपाथ, पार्किंग, सर्विस लेन से अतिक्रमण हटाने आदि कार्यों की समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसव राजू एस. और श्री राहुल भगत, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश, आबकारी सचिव श्रीमती आर. संगीता, एडीजी ट्रेफिक श्री प्रदीप गुप्ता, अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर उपस्थित थे। सभी संभागों के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक वर्चुअली बैठक में शामिल हुए। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी के अध्यक्ष एवं एआईजी ट्रेफिक श्री संजय शर्मा ने बैठक में प्रेजेंटेशन दिया।

छत्तीसगढ़ में अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
धान खरीदी के एवज में 3.85 लाख किसानों को 3706.69 करोड़ रूपए का भुगतान
2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से हो रही है धान की खरीदी
   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 3.85 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 3706 करोड़ 69 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
 खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
  खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 29 नवम्बर को 46345 किसानों से 2.12 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 54805 टोकन जारी किए गए थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ’बस संगवारी एप’ लॉन्च किया
बस यात्रियों, विशेष रूप से दूरस्थ अंचलों के यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगा एप का उपयोग
एप में 5 हजार से अधिक बसों की मिलेगी जानकारी
  रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में बस यात्रियों को अब बस की समय-सारणी और बस रूट की जानकारी घर बैठे मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में सुशासन की अवधारणा पर अमल करते हुए यात्रियों की यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए  ’बस संगवारी एप’ लॉन्च किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बस संगवारी एप बस यात्रियों, विशेष रूप से दूरस्थ अंचलों के यात्रियों के लिए काफी सुविधाजनक होगा। निकट भविष्य में इस एप के माध्यम से अंतर्राज्यीय बसों के परिवहन और बसों के रियल टाइम ट्रेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। अभी यात्रियों को बस की टाइमिंग पता करने के लिए बस स्टैण्ड या बस स्टॉप पर जाना पड़ता है। लोगों की इस परेशानी का समाधान इस एप के जरिए मिल सकेगा।
परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश ने बस संगवारी एप के संचालन के बारे में मुख्यमंत्री श्री साय को विस्तार से जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराए गए इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। इस एप के माध्यम से यात्रियों के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधाजनक होगा। इस एप में वर्तमान में 5 हजार से अधिक बसों को शामिल किया गया है, जो विभिन्न रूट में संचालित हैं। जल्द ही अंतर्राज्यीय बसों के संचालन की जानकारी भी इस एप के माध्यम से मिल सकेगी। बसों में जीपीएस सिस्टम लगाया जा रहा है। बस संगवारी एप को जीपीएस के साथ एकीकृत किया जा रहा है, जिससे बसों की लाइव ट्रेकिंग भी की जा सकेगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसव राजू एस. और श्री राहुल भगत, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश, आबकारी सचिव श्रीमती आर. संगीता, एडीजी ट्रेफिक श्री प्रदीप गुप्ता, अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर उपस्थित थे। बैठक में सभी संभागों के आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक वर्चुअली शामिल हुए। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी के अध्यक्ष एवं एआईजी ट्रेफिक श्री संजय शर्मा ने बैठक में प्रेजेंटेशन दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर भारत सरकार से मिली 15,000 आवासों की स्वीकृति
   रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति प्रदान की है।
    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 15,000 आवास केवल मकान नहीं बल्कि उन परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। हमारी सरकार इस योजना को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास और शांति स्थापना की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। पीड़ित परिवारों को आवास मिल जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना सामाजिक समरसता और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगी।
  उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं था। इन नामों को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित परिवारों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने की स्वीकृति हेतु निवेदन किया था परिणामस्वरूप 15 हजार आवास की स्वीकृति भारत सरकार से दी गयी है।
      उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि इस विशेष परियोजना के तहत पुलिस अधीक्षक जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची प्रदान करेंगे। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन उपरांत कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप आवास निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।

तीन महीनों में काम पूरा करने के निर्देश
   रायपुर/शौर्यपथ / बिलासपुर जिले के सीपत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) का लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से रिनोवेशन किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेंस से यह राशि जुटाई जाएगी। बिलासपुर के कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज अस्पताल भवन एवं परिसर का निरीक्षण कर डॉक्टरों और इंजीनियरों के साथ बैठकर रिनोवेशन की कार्ययोजना बनाई। उन्होंने सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन) और आरईएस (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) के अधिकारियों को अगले तीन महीनों में रिनोवेशन का काम पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव, पीएचसी की प्रभारी डॉ. आकांक्षा दुबे और डीपीएम सुश्री पीयूली मजूमदार सहित आरईएस और सीजीएमएससी के अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
   कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने अस्पताल परिसर में बने शासकीय आवास गृहों में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याएं सुनी और रिनोवेशन की कार्ययोजना में इसे भी शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने इलाज कराने आए मरीजों से मुलाकात कर अस्पताल की व्यवस्था के बारे में फीडबैक लिया। उन्होंने महिला वार्ड का भ्रमण कर प्रसव की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। श्री शरण ने बढ़ते ठंड को देखते हुए जिले के सभी अस्पतालों में तीन दिनों में मरीजों के लिए कंबल की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने मुख्यालय में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा करते हुए उनके आवास की मरम्मत और पेयजल की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल परिसर में सिम्स (CIMS) के खाली पड़े दो छात्रावासों का उपयोग मेडिकल वार्ड के रूप में करने की अनुमति प्रदान की।

राज्य के चार शहरों में चलेंगी ई-बसें
    रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के चार शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में नागरिकों को जल्द ही इको-फ्रेंडली, किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत इन चारों शहरों में कुल 240 ई-बसें संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत रायपुर के लिए 100, बिलासपुर और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की गई है। राज्य स्तर पर इसके लिए सुडा को नोडल एजेंसी तथा संबंधित जिलों में गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है।
    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण का संरक्षण होगा। कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता के साथ ही नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी। इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।
    उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। सार्वजनिक परिवहन की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो एवं बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी अधोसंरचना विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है।
    उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने सड़कों पर इन ई-बसों को उतारने की तैयारियां तेज करते हुए चारों शहरों में बस डिपो और बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कुल 67 करोड़ 40 लाख रुपए मंजूर करते हुए निविदा आमंत्रण की भी अनुमति दे दी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के राज्य शहरी विकास अभिकरण ने चारों शहरों में ई-बस सेवा के संचालन के लिए अलग-अलग गठित अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को इन दोनों कार्यों के लिए राशि स्वीकृत करते हुए निविदा आमंत्रित करने कहा है।      
    सुडा द्वारा रायपुर में बस सेवा प्रारंभ करने के लिए बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर हेतु रायपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को 14 करोड़ 33 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। इसमें आठ करोड़ 60 लाख रुपए का केन्द्रांश और पांच करोड़ 73 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। सुडा ने बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी 12 करोड़ 90 लाख रुपए मंजूर किए हैं। दुर्ग-भिलाई में ई-बसों हेतु बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दुर्ग-भिलाई अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को छह करोड़ 73 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति सुडा द्वारा जारी की गई है। इसमें चार करोड़ चार लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 69 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। वहां बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 करोड़ दो लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। बिलासपुर में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बिलासपुर अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को आठ करोड़ 37 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें पांच करोड़ दो लाख रुपए का केन्द्रांश और तीन करोड़ 35 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए तीन करोड़ आठ लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इसी तरह कोरबा में बस डिपो के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कोरबा अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को सात करोड़ 19 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इसमें चार करोड़ 31 लाख रुपए का केन्द्रांश और दो करोड़ 88 लाख रुपए का राज्यांश शामिल है। बीटीएम पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वहां तीन करोड़ 78 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।
चार श्रेणियों में बांटा गया है शहरों को, जनसंख्या के आधार पर स्वीकृत की गई हैं बसें
    प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने दिया था आत्मीय एवं मानवीय प्रोत्साहन दुर्ग /शौर्यपथ / अगर दिल में जज्बा और परिवार का साथ हो तो हर मंजिल आसान हो…

विधानसभा अध्यक्ष मोतीपुर में आयोजित जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला में हुए शामिल
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं गुरू घासीदास भवन का किया भूमि पूजन
हमर अस्पताल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर के उन्नयन कार्य का किया लोकार्पण
   राजनांदगांव /शौर्यपथ /विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजनांदगांव शहर के मोतीपुर में आयोजित जिला स्तरीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं गुरू घासीदास भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने 75 लाख रूपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं 10 लाख रूपए की लागत से गुरू घासीदास भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। इसके साथ ही 37.17 लाख रूपए की लागत से बने हमर अस्पताल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर के उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज पूरी दुनिया में येलोपैथी से हटकर आयुर्वेद और योगा की बड़ी मान्यता है। पहले बड़ी संख्या में लोग ईलाज के लिए केरल, बैंगलोर और हैदराबाद में पंचकर्म कराने के लिए जाते थे। आज पंचकर्म की सर्वसुविधा यहां उसी पद्धति से चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। पंचकर्म के माध्यम से सभी प्रकार की बीमारियों का ईलाज किया जाता है। आयुर्वेद में केवल ईलाज प्रक्रिया नहीं है, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति बीमार नहीं पड़े, इसकी व्यवस्था है। इसमें सभी प्रकार की  दिनचर्या या ऋतुचर्या, योग, प्राणायाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं आयुर्वेद के चिकित्सक है और जीवन की शुरूआत इसी से की। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में आयुष विभाग का गठन किया और आज छोटे-छोटे स्थानों में इस प्रकार के शिविर लग रहे हैं। आयुर्वेद के तहत शत-प्रतिशत गारंटी के साथ बिना किसी रियेक्शन एवं एलर्जी के यहां पर ईलाज की व्यवस्था होती है। उन्होंने कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा एक साथ योग नृत्य प्रदर्शन पर उन्हें बधाई दी। इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से प्रतिदिन प्रात: योगाभ्यास कराने वालों को भी बधाई दी। विधानसभा अध्यक्ष श्री रमन सिंह ने कहा कि 25 लाख रूपए की लागत से मोतीपुर रेल्वे क्रांसिंग से लेकर मुक्तिधाम तक डामरीकरण, वार्ड नंबर 3 में मंगल भवन के लिए 25 लाख रूपए, बड़े तालाब के किनारे नाली निर्माण के लिए 15 लाख रूपए, सड़क किनारे पेवर ब्लॉक के लिए 11 लाख 50 हजार रूपए, फुलवारी पारा में नाली निर्माण के लिए 5 लाख रूपए, वार्ड नंबर 8 की गलियों में सीसीरोड निर्माण के लिए 15 लाख रूपए, मुक्तिधान में नाली निर्माण के लिए 38 लाख रूपए, मुक्तिधाम में बाउंड्री निर्माण के लिए 18 लाख रूपए और वार्ड नंबर 3 में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 7 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है।
पूर्व सांसद श्री मधुसूदन यादव ने कहा कि आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन लोगों में विशेष रूप से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। शहरी स्वास्थ्य योजना जब लागू हुई तब यहां स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित हुआ था। उन्होंने कहा कि इस स्वास्थ्य केन्द्र के निरंतर विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है और आने वाले समय में विस्तृत रूप लेगा। उन्होंने कहा कि शासन का प्रयास आम जन को स्वस्थ रखना है और इसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों ही संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आयुष को एक अलग मंत्रालय के रूप में बनाया गया और इससे लोगों में स्वास्थ्य के प्रति सजगता भी आ रही है। राज्य सरकार के प्रयास से आम जन को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विकास की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है, इससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के कार्य जारी है। इस अवसर पर उन्होंने सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 7 लाख रूपए की मांग भी रखी। इससे पहले जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. शिल्पा मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करने के साथ विभागीय प्रतिवेदन का वाचन भी किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं ने योग नृत्य का प्रदर्शन भी किया, जिसकी अतिथियों ने सराहना की। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित श्री सचिन बघेल, श्री खुबचंद पारख, श्री रमेश पटेल, श्री संतोष अग्रवाल, श्री कोमल सिंह राजपूत, पार्षद श्री शिव वर्मा, श्री किशुन यदु, श्री कमलेश बंधे, श्रीमती रंजू मदन यादव, सुश्री मणिभास्कर गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

कमिश्नर ने शिविर में चिकित्सकों व उपस्थित स्टाफ की जानकारी लेते हुए मेडिकल यूनिट में किए जा रहे जांच की जानकारी ली
दाई-दीदी क्लिनिक से मिल रहा है महिलाओं को दवाई के साथ- साथ निःशुल्क परामर्श,लोगों को जरूरत की दवाइयां कराई जा रही है उपलब्ध
  दुर्ग।/शौर्यपथ /नगर पालिक पालिक सीमा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट दाई दीदी क्लिनिक अपनी निरंतर सेवाएं दे रहा है, एक भी दिन इसकी सेवाएं बाधित नहीं हुई, प्रतिदिन शहर क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ ही जरूरत की दवाइयां मोबाइल मेडिकल यूनिट ने उपलब्ध कराई जा रही है! इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी यहां पर उपलब्ध है!
   नगर पालिक निगम दुर्ग क्षेत्र अंतर्गत स्लम क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट दाई दीदी क्लिनिक के माध्यम से शिविर लगाकर लोगों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है।
  कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे उन्होंने शिविर में चिकित्सकों व उपस्थित स्टाफ की जानकारी लेते हुए मेडिकल यूनिट में किए जा रहे जांच की जानकारी ली। महिलाओं की छोटी, बड़ी बीमारियों का इलाज दाई-दीदी क्लीनिक में हो रहा है, दाई-दीदी क्लीनिक महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रही है! महिलाएं अपनी कई सारी चिकित्सा संबंधी परेशानियां लेकर दाई-दीदी क्लीनिक में पहुंचती है और क्लीनिक के महिला डॉक्टर से खुलकर अपनी बीमारियों के संबंध में बताती हैं! महिला चिकित्सक बीमारियों को समझकर आवश्यक जांच कर दवाइयां उपलब्ध करा रही है साथ ही बेहतर चिकित्सीय सलाह भी दे रही है! निरीक्षण के दौरान दाई दीदी क्लिनिक
डॉक्टर श्वेता कृपलानी
नर्स - चंद्रकला
लैब टेक्नीशियन - राजेश्वरी सिन्हा,फार्मासिस्ट - विधि साहु
वाहन चालक - केदार यादव मौजूद रहे!
 मोबाइल मेडिकल यूनिट दाई दीदी क्लिनिक में डेंगू जांच की सुविधा भी उपलब्ध मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से बीपी, शुगर, थायराइड, सीकलिन के साथ ही 41 प्रकार के जांच की सुविधा उपलब्ध है! चलित चिकित्सा इकाई में डेंगू की भी जांच की जाती है!

सुबह निरीक्षण के दौरान कमिश्नर बोले,खुले प्लाट में कचरा फेंकते  पाए जाने पर पड़ोसियों पर लगेगा जुर्माना
   दुर्ग/शौर्यपथ /नगर निगम।स्वच्छ शहर की परिकल्पना को लेकर शहर में सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर पानी, सड़क,बिजली, उद्यान,शुलभ शौचालय व नाली,पुलिया सफाई देखने कमिश्नर सुमित अग्रवाल सुबह 7 बजे वार्ड नंबर 29 पहुँचे।उन्होंने सफाई संबंधित व्यवस्था में एस.एल.आर.एम. सेंटर, ट्रेचिंग ग्राउण्ड, उद्यान, तालाब, पानी सप्लाई व्यवस्था आदि का वार्डो में जाकर निरीक्षण किये, आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।दौरे के दौरान वार्ड के भीतरी जगहों पर निजी प्लाट में कचरा देख सुपरवाइजर को अपने खर्च में उठाने का सख्त निर्देश दिए।उन्होंने सुपर वाइजर पर नाराजगी जताते हूए फटकार लगाते हुए कहा कि सफाई व्यवस्थाओं पर लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी और खुले प्लाट में कचरा फेंकने पर  जुर्माना की कार्रवाही करने के निर्देश दिए।इस कड़ी में खुले में कचरा फेंकने और गंदगी फैलाने वालों पर रोक लगाई जावे। ऐसा करने वालों पर जुर्माना की कार्रवाई किया जाएगा। इसके साथ ही शहर में खाली पड़े प्लाट के मालिकों को भी नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
 नगर निगम के कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने बताया कि शहर की सफाई को ध्यान में रखते हुए खुले में कूड़ा फेंकने और गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करेगा।नगर निगम  अधिकारी ने बताया कि निगम से 60 वार्डों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम किया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी लोग खाली पड़े प्लाट में कचरा फेंक रहे हैं। इससे गंदगी फैल हो रही है।दौरे के दौरान कर्मशाला अधीक्षक शोएब अहमद,स्वच्छता निरीक्षण सुरेश भारती,कुणाल, राहुल सहित सुपर वाइजर व स्वस्थ्य विभाग मौजद रहे।
-खाली प्लॉट में कचरा मिला तो मालिक पर जुर्माना की कार्रवाई करेगी निगम:
निगम के अधिकारी ने बताया कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति का खाली प्लाट या भूमि है तो वह उसकी चारदीवारी अतिशीघ्र करें, क्योंकि खाली प्लाट और भूमि में व्यक्तियों द्वारा कूड़ा, गोबर आदि डालकर गंदगी फैलाई जाती है। अगर किसी भी खाली प्लाट और भूमि में गंदगी मिलती है तो उसके मालिक के खिलाफ निगम जुर्माना की कार्रवाई करेगा।दूसरे के प्लाट में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यह कार्रवाई निरंतर चलेगी। इसके साथ ही खुला प्लाट छोड़ने वाले को नोटिस जारी किया जाएगा। यदि प्लाट को नही घेरा गया तो निगम उनके ऊपर भी जुर्माना की कार्रवाई करेगा।

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