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गौरेला पेंड्रा मरवाही /शौर्यपथ/
छत्तीसगढ़ के 28 वें जिले के रूप में नव गठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही केे लोगों को गौरेला-केंवची-बिलासपुर मार्ग पर गौरेला के पास रेल्वे ओेवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण होने से रेल्वे क्रासिंग पर बाधा रहित आवागमन की सुविधा मिल रही है। राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा ब्रिज का कार्य 25 फरवरी 2019 को पूर्ण कर लिया गया था, जबकि रेल्वे द्वारा ब्रिज का निर्माण 5 जून 2020 को पूर्ण किया गया। लोक निर्माण विभाग और रेल्वे को मिलाकर ब्रिज निर्माण की कुल लागत 76 करोड़ 81 लाख रूपए है। आरओबी की कुल लम्बाई लगभग 2.4 किलोमीटर और चौड़ाई 12.90 मीटर है।
बिलासपुर /शौर्यपथ/
राज्यपाल महामहिम अनुसूईया उइके शनिवार 12 मार्च को एक दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंच रही हैं। निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार उइके दोपहर 12.15 बजे राजभवन रायपुर से सड़क मार्ग से होकर बिलासपुर के लिए रवाना होंगी। वे अपरान्ह 2.30 बजे एसईसीएल गेस्ट हाऊस बिलासपुर पहुचेगी अल्पविश्राम के बाद दोपहर 2.50 बजे बहतराई के लिए रवाना होकर 3 बजे बी.आर.यादव एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम पहुॅचेंगी और कार्यक्रम में शामिल होंगी। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद शाम 5.10 बजे रवाना होकर 5.20 बजे एसईसीएल गेस्ट हाऊस पहुंचेगी। इसके बाद शाम 5.30 बजे बिलासपुर से राजभवन रायपुर के लिए रवाना हो जायेंगी।
बिलासपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों व सुदूर वनांचलों में अंतिम छोर के व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संचालित मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना से हजारों ग्रामीण लाभान्वित हो चुके हैं। हाट बाजारों में ही ईलाज की सुविधा मिल जाने से यह योजना ग्रामीण अंचल के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीें की थी, उन्हें स्थानीय हाट बाजार में ही ईलाज की सुविधा मिल जाएगी। जिले में इस वर्ष अब तक 24 हाट-बाजारों में 720 मोबाइल क्लीनिक लगाकर लगभग 87 हजार 928 ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार एवं स्वास्थ्य संबंधी परामर्श एवं निःशुल्क दवाईयां प्रदान की गई है, इनमें 42 हजार 385 महिलाएं और 45 हजार 543 पुरूष शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता वाले योजनाओं में शामिल मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना अंतर्गत जिले के विभिन्न विकासखंडों में लगने वाले मुख्य हाट बाजारों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जा रहे हैं, जहां चिकित्सक अपने स्टाफ के साथ उपस्थित रहते हैं और मरीजांे का इलाज करते हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत जिले में आवश्यकता अनुरूप तथा गांवों से स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी के आधार पर 24 हाट बाजारों का चिन्हांकन किया गया है। प्रत्येक हफ्ते डेडिकेटेड टीम के माध्यम से इन हाट बाजारों में आने वाले ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा उन्हें आवश्यक उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है।
प्रत्येक हाट-बाजार में चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स अथवा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फॉर्मासिस्ट तथा पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता होते हैं। हाट-बाजारों के लिये डेडिकेटेड वाहन उपलब्ध कराये गये हैं जिनमें सभी प्रकार की आवश्यक औषधियां उपलब्ध रहती हैं। हाट-बाजार पहुंचने पर मोबाइल एप के माध्यम से लोकेशन मैपिंग की जाती है ताकि विभाग के अधिकारी को टीम के भ्रमण की सही जानकारी मिल सके। प्रत्येक दिन हाट-बाजार की समाप्ति पर लाभान्वितों की संख्या को एप के माध्यम से दर्ज किया जाता है।
इस वर्ष अब तक बिल्हा विकासखंड के 6 हाट बाजारों में 169 टीमों के माध्यम से 24 हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया गया है। इसी तरह कोटा के 6 हाट-बाजारों में 169 टीमों द्वारा 17 हजार 786 मरीजों की जांच एवं उपचार किया गया। मस्तूरी के 6 हाट बाजारों में 198 टीमों द्वारा 23 हजार 41 मरीजों का उपचार किया गया तथा तखतपुर के 6 हाट बाजारों में 184 टीमों द्वारा 23 हजार 90 मरीजों को लाभान्वित किया गया। क्लीनिक में सामान्य मरीजों की जांच कर दवाईयां दी जाती है, वहीं गंभीर मरीजों की पहचान कर उन्हें रेफर भी किया जाता है। 25 फरवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जिले में आयोजित कार्यक्रम में चार एम्बुलेंस इस योजना के तहत विकासखंडों को प्रदाय किया गया है। इससे अब प्रति विकासखंड 12 एवं कुल 48 हाट बाजार में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना का संपादन किया जा सकेगा।
बिलासपुर /शौर्यपथ /
जिला पंचायत सीईओ हरिश एस. ने आज विकासखण्ड मुख्यालय मस्तुरी में संचालित स्वामी आत्मानंद इग्लिश स्कूल का निरीक्षण किया। उन्होंने स्कूल में बच्चों के लिए जुटाई गई सुविधाओं का जायजा लिया । लाईब्रेरी, लैब, कम्प्यूटर कक्ष को तीन दिनों में सुसज्जित करने के निर्देश दिये। ज्ञातव्य है कि उक्त इंतजाम के लिए सामग्रियां खरीद ली गई हैं,लेकिन भण्डार में रखी हुई हैं। सीईओ ने भवन के सभी कमरों का गहन निरीक्षण किया और दीवार में आई हल्की दरारों की मरम्मत एवं डिजाईन को सुधार करने को कहा है। स्कूल में अंग्रेजी मीडियम के 644 एवं हिन्दी माध्यम के 954 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। भवन एवं इसके परिसर की साफ-सफाई करने के निर्देश दिए। परिसर की खाली जगहों पर पौधरोपण की तैयारी करने को भी कहा है। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी डी.के.कौशिक, सहायक संचालक चोपड़े, तहसीलदार वैष्णव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गौरेला पेंड्रा मरवाही /शौर्यपथ/
आज के मशीन युग में खाद्य प्रसंस्करण का कार्य आसान जरूर हो गया है, लेकिन उसकी पोषक गुणवत्ता प्रभावित हुई है। ढेंकी से परंपरागत रूप से प्रसंस्कृत चावल जहां पोषक गुणों से भरपूर है वहीं ढेंकी पद्धति रोजगार का जरिया भी बना है। आज की पीढ़ी को शायद पता नही होगा कि ढेंकी क्या होता है। ढेंकी धान कूटने के लिए लकड़ी का बना एक परंपरागत औजार है, जिसे स्थाई रूप किसी स्थान विषेश पर स्थापित किया जाता है। ढेंकी के अग्रभाग में लोहा युक्त मूसर लगा रहता है जिससे धान की कुटाई होती है तथा पिछले भाग को पैर से चलाते है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृण करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहें है। इसी कड़ी में ढेंकी से चावल प्रसंस्करण भी महिलाओं के लिए रोजगार का साधन बना है। मुख्यमंत्री की पहल पर मरवाही विकासखंड के ग्राम दानीकुण्ड़ी में वन-धन महिला स्व-सहाहयता समूह की महिलाओं द्वारा पुराने पद्धति ढेंकी को अपनाते हुए एक नई दिशा में काम कर रही हैं और अच्छी खासी कमाई भी कर रही है। ढेंकी से चावल प्रसंस्कृत कर महिलायें 15 से 25 रूपए प्रति किलोग्राम तक कमाई कर रही हैं । एक दिन में प्रति महिलायें 20 से 30 किलोग्राम तक प्रसंस्कृत कर ले रही हैं जिससे वे रोजना 300 से 500 रूपए तक कमा ले रहीं हैं। समूह की महिलाए स्थानीय किसानों से 35 से 40 रूपए प्रति किलो की दर से धान खरीदती है। प्रसंकृत चावल को 110 से 130 रूपए प्रति किलो की दर से दानीकुंडी के अलावा विविध सुविधा सह-मूल्य संवर्धन केन्द्र बिलासपुर, रायपुर, मनेन्द्रगढ, कोरबा, बिजुरी आदि स्थानों पर विक्रय किया जाता है।
ढेंकी से धान की कुटाई से हानिकारक रासायन अलग हो जाते हैं और चावल पोषक गुणो से भरपूर होता है। ढेंकी द्वारा कुटाई से प्रोटीन अपने मूल स्तर से लगभग दस से बारह प्रतिशत पर सुरक्षित रहती है। साथ ही फाइबर विटामिन, कैल्शियम, आयरन, थायमीन, मिनरल्स, एमीनो एसिड, टोकाफिरोल, टोकोट्रिनोल, ऑरिजेनाल आदि पोषक तत्व यथावत उपस्थित रहते हैं, जबकी मिलिंग प्रक्रिया में पालिस होने से इनके अधिकांश भाग का क्षरण हो जाता है, केवल कार्बाेहाइड्रेड, वसा आदि ही शेष रहतें हैं। ढेंकी प्रसंस्कृत चावल में माइकोन्यूट्रिएंटस की उपलब्धता अधिक रहती है, जो कि सेहत के लिये स्वास्थ्यवर्धक होता है।
मुंगेली /शौर्यपथ/
जिले के विकासखण्ड लोरमी के ग्राम झझपुरीकला के गौठान में कार्यरत् गायत्री महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कड़कनाथ मुर्गी का पालन आय का जरिया बना है। समूह की महिलाएं कड़कनाथ मुर्गी से प्राप्त अण्डे का विक्रय कर लगभग 900 रूपये प्रतिदिन आमदनी प्राप्त कर रही हैं। गायत्री महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि समूह में लगभग 10 महिलाएं कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम झझपुरीकला में गौठान स्वीकृति उपरांत सामुदायिक मुर्गी शेड का निर्माण किया गया एवं मुर्गी पालन हेतु ग्राम गौठान समिति द्वारा उनकी समूह का चयन किया गया तथा मुर्गी पालन का कार्य दिया गया। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा से शेड एवं डीएमएफ मद से कुक्कुट आहार तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं प्रदाय की गई। पशु धन विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण उपरांत बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना अंतर्गत 450 कड़कनाथ के चूजे व चूजे के लिए पॉच माह का आहार प्रदाय किया गया। समूह की महिलाओं ने बताया कि लगभग 05 माह होने के उपरांत अतिरिक्त नर मुर्गों का विक्रय किया गया। समूह के पास वर्तमान में 150 मुर्गियां एवं 20 मुर्गे उपलब्ध हैं। सभी 150 मुर्गियां अंडे प्रदाय योग्य हो गई हैं और प्रतिदिन समूह को 55 से 60 अंडे प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कड़कनाथ के अंडों की अत्यधिक मांग होने से 15 रूपए प्रति नग की दर से अंडों का विक्रय समूह के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है, जिससे वर्तमान में समूह को लगभग 900 रूपए प्रतिदिन की आमदनी प्राप्त हो रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि वर्तमान में स्वयं के व्यय से 200 अतिरिक्त चूजे खरीदकर व्यवसाय बढ़ाने का कार्य भी प्रारंभ किया गया है। कड़कनाथ मुर्गी के अण्डा के विक्रय से लगभग 900 रूपये प्रतिदिन आमदनी होने से समूह की महिलाएं काफी खुश है। समूह की महिलाओं ने जिला प्रशासन क प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बिलासपुर / शौर्यपथ / जिले के शून्य से पांच वर्ष तक के 2.71 लाख से अधिक बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक 27 फरवरी को पिलाई जाएगी । इसके लिए विशेष तैयारियां कर ली गई हैं और माइक्रो प्लान भी तैयार किया जा चुका है। विशेष पोलियो अभियान में इस आयु वर्ग का एक भी बच्चा ना छूटे और कोई कमी न रहे इसके लिये निगरानी टीम नियमित रूप से सक्रिय हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया पल्स पोलियो अभियान को लेकर तैयारियां कर ली गई हैं। साथ ही कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। पल्स पोलियो अभियान के तहत जिले के शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो की खुराक पिलाई जाए, यह प्रयास किया जा रहा है। वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैमुअल ने बताया “पल्स पोलियो अभियान के लिए माइक्रो प्लान बनाया गया है। 27 फरवरी को इस अभियान की शुरुआत की जाएगी। जिले में 2,71,847 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा है। जिले में कुल 1,490 टीकाकरण बूथ बनाए गए है। इन बूथों में पर स्वास्थ्यकर्मी तैनात रहेंगे। जिला स्तर पर निगरानी टीमें बनाई गई है। प्रत्येक टीम में 2 सदस्य होंगे। पर्यवेक्षक और 86 ट्रांजिट टीमों की निगरानी में पल्स पोलियो अभियान के तहत खुराक दी जाएगी| आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक शाला, उपस्वस्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पतालों, में पोलियो की खुराक पिलाई जायेगी। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर में आने वाले मार्गों के नाकों पर भी पोलियो बूथ बनाए जाएंगे, ताकि कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक पीने से न छूट जाए। इसके अलावा घुमंतू लोगों के बच्चों और निर्माण क्षेत्र में कार्य कर रहे मजदूरों के बच्चों को भी पोलियो की खुराक टीम द्वारा उनके कार्यस्थल पर जाकर भी पिलाई जाएगी।“
जनवरी की बजाए फरवरी में अभियान- जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सैमुअल ने बताया कोई भी बच्चा नहीं छूटे इस उद्देश्य से सघन पोलियो अभियान हर साल चलाया जाता है। इस साल अभियान की शुरुआत जनवरी से होने वाली थी लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की वजह से इसे टाल दिया गया था। बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर हर केंद्र में टीकाकरण के दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। 28 फरवरी और 1 मार्च तक घर-घर भ्रमण कर अभियान की सतत् निगरानी की जाएगी और छूटे हुए बच्चों को इस दौरान पोलियो की खुराक दी जाएगी। “
पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं - छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। उन्हें कई रोगों से बचाने के लिए उनका सही समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है। शिशु के जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों को टीकाकरण के माध्यम से कई रोगों से बचाया जा सकता है। ऐसे ही रोगों में से एक है पोलियो I छोटे बच्चों में पोलियो का इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक होता है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित पांच साल से छोटे बच्चे होते हैं। पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो हड्डियों को कमजोर कर बच्चे को अपंग भी बना सकती है और कई मामलों में इसके कारण मौत भी हो जाती है। इन सबसे बचने के लिए बच्चों को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं ।
बिलासपुर / शौर्यपथ / अपनी पसंद का मकान बनाने सिर के ऊपर छत का सपना देखना इन दिनों जोखिम भरा हो गया है। लिंगियाडीह क्षेत्र में दर्जनों ऐसे भूस्वामी घूम रहे हैं जिनके हाथ में रजिस्ट्री के पेपर तो हैं किंतु कई साल के प्रयास के बाद मकान हाथ नहीं आया है यदि समय रहते मसला नहीं सुलझा तो वह दिन भी दूर नहीं जब रजिस्ट्री में उल्लेखित 1000,1500 स्क्वायर फीट की जमीन से भी हाथ धोना पड़ेगा इस पूरे खेल में जमीन दलाल ने बड़े शातिर तरीके से प्लॉट के खरीददारों को उलझाया है जमीन जिसकी रजिस्ट्री हुई उसका भूस्वामी कोई और है । क्रेता अधिकतर रेलवे में काम करते हैं और ठेकेदार ने प्लॉट खरीदने वालों से मकान बनाने का इकरार किया है । पीड़ित के बताए अनुसार पूरी कहानी कुछ इस तरह नजर आती है प्रभात पासवान जो कि रेलवे में नौकरी करते हैं बिलासपुर में ही घर बनाना चाहते थे टिकरापारा निवासी नीतीश गोले एक परिचित के माध्यम से चर्चा में आया और उसने लिंगियाडीह क्षेत्र में अपोलो अस्पताल के पीछे कुछ जमीने दिखाई और कहा कि अंदर प्लॉट खरीदने के लिए कुछ लोग तैयार हैं कुछ को आप ढूंढ ले, 12 से 15 मकानों की एक कॉलोनी जो पूरी तरह से बाउंड्रीवॉल से घिरी होगी बन जाएगी मैं सबके लिए उनकी इच्छा अनुसार निर्माण कार्य करा दूंगा । नक्शा पास कराने, डायवर्सन कराने की जिम्मेदारी भी नीतीश गोले ने ली खसरा नंबर 75 के बटांकन 10, 11, 15, 16 में भूस्वामी नरेश कुमार चेलाराम है। प्रभात पासवान सहित कई लोगों ने गोले के कहने पर जमीन क्रय कर ली भूमि विक्रेता नरेश कुमार और क्रेता भिन्न-भिन्न किंतु सभी का मकान बनाकर देने की जिम्मेदारी नीतीश गोले की थी रजिस्ट्री हो जाने के बाद रिंकू कुमारी पति प्रभात पासवान का नीतीश गोले से अनुबंद हो गया और 21 अक्टूबर 2019 के अनुबंध के मुताबिक 9 महीने में नीतीश गोले 38,00000 रुपए में मकान बनाकर देने को तैयार हो गया। साथ में उसने रिंकू कुमारी से 500000 रुपये चेक के माध्यम से प्राप्त भी किया । अब 2022 है और रिंकू कुमारी को मकान आज तारीख तक बन कर नहीं मिला है। जब कभी भी वे नीतीश गोले से मकान बनाकर देने को कहते हैं वह इधर उधर की बात करता है प्लॉट के धारक ने यहां तक प्रस्ताव किया कि वह अपनी जमीन पर स्वयं की बोरिंग करा लेगा और मकान बना लेगा किंतु यहां एक नया पेंच है पूरी जमीन एक बड़ी बाउंड्रीवॉल से घिरी है और दरवाजे पर हमेशा ताला लगा रहता है इस बड़े बाउंड्रीवॉल के अंदर ही कई के प्लॉट हैं उन्हीं में से एक प्लॉट रिंकू कुमारी का भी है ऐसे में भूमि स्वामी अपने प्लॉट पर ही नहीं जा सकता उल्टे दलाल लोग यह दबाव बनाते हैं कि आप अपनी जमीन हमको वापस भेज दो हमें यहां पर अब किसी का मकान बनाकर नहीं देना है । इस तरह सरकारी नौकरी करने वाले मध्यम वर्गीय जो बैंक से लाखों रुपए लोन लेकर प्लॉट खरीद लेते हैं और उस पर मकान बनाने का ठेका देते हैं बीच में ही फस जाते हैं मकान नहीं मिला किंतु प्लॉट खरीदने के लिए जो लोन लिया था उसकी रिकवरी अब वेतन से हो रही है और प्लॉट पर चाहते हुए भी प्लाट धारक भूस्वामी जा भी नहीं सकता जिस जमीन पर क्रेता पहुंच ही नहीं सकता है उसे वह दुबारा किसी को बेज भी नहीं सकता है । इस तरह बिलासपुर में एक नई तरीके से दबाव बनाने का कहानी बाहर आता है जिसमें कई क्रेता ऐसे हैं जिनके प्लॉट किसी बड़ी जमीन के भीतर बाउंड्रीवॉल बनाकर बंधक बना लिए गए हैं और मकान बनाकर देने का इकरार करने वाला ना तो मकान बना कर देता है ना ही जमीन को बेचने देता है। प्लॉट पर पहुंचने का तो सवाल ही नहीं उठता क्योंकि क्वांडरीवॉल पर ताला किसका है यह किसी को नहीं पता।
बिलासपुर / शौर्यपथ / 12 फरवरी को बिलासपुर में कांग्रेस का संभाग स्तरीय सदस्य सम्मेलन हुआ। पीसीसी अध्यक्ष जानते हैं कि बिलासपुर जिले में संभाग में कांग्रेस की हालत अच्छी नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां 11 सीटें हारी थी, इसी कारण बिलासपुर को संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन का चेहरा बनाया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की मेहनत पर किसी को संदेह नहीं है किंतु उनके प्रयास के बावजूद बिलासपुर में कांग्रेस की गुटबाजी थम नहीं रही। गुटबाजी अपनों के बीच ही रहती तो अनदेखी हो भी जाती किंतु इस बार मेहमानों ने हद पार कर दी और गुटबाजी अनदेखी का शिकार मेजबान हो गए। जबकि हमारी संस्कृति तो अतिथि देवो भाव: की है। बिलासपुर में संभाग स्तर कार्यकर्ता सम्मेलन था जिसका अर्थ यही है कि बिलासपुर संभाग के अंतर्गत शामिल जिले कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा, मुंगेली, गौरेला पेंड्रा मरवाही के पार्टी पदाधिकारी तथा शहर अध्यक्ष, जिला ग्रामीण तो इसमें अनिवार्य रूप से उपस्थित हुए होंगे साथ में उनके ब्लॉक अध्यक्ष भी आए होंगे किंतु मेहमानों ने शहर अध्यक्ष, जिला ग्रामीण अध्यक्षओं का नाम भी समाचारपत्रों में देना जरूरी नहीं समझा और ऐसा इसलिए हुआ कि बिलासपुर कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है । प्रदेश अध्यक्ष ने विधायकों को अप्रत्यक्ष चेतावनी भी दी किस्सा 2013 का बताया। कहा कि 27 सीटिंग एमएलए हारे थे इशारा यही है कि इस बार 2013 के समान सीटिंग एमएलए की टिकट पक्की नहीं है। गुटबाजी के हल्के स्तर को हाईकमान ने गंभीरता से लिया बताते हैं।
वैसे बताया जाता है कि जहां पर सम्मेलन रखा गया था वह स्थान ही भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे लखीराम जी के नाम पर है इसे भी कई कार्यकर्ता मुस्कुरा कर एक-दूसरे से पूछ रहे थे।