October 24, 2025
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बिलासपुर

बिलासपुर (207)

कलेक्टर ने किया निरीक्षण, निर्माण कार्य अंतिम चरण में
बिलासपुर /शौर्यपथ/

बहुत ही जल्द बहुप्रतीक्षित तिफरा फ्लाईओवर की सौगात बिलासपुरवासियोें को मिलने जा रही है। इसका कार्य अंतिम चरणों में है और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज तिफरा फ्लाईओवर का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति देखी।  

कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने तिफरा फ्लाईओवर का सघन निरीक्षण किया। कार्यस्थल पर मौजूद तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि आर.ओ.बी स्पॉन (रेल्वे का हिस्सा) का काम अभी किया जा रहा है और यह काम अभी अंतिम चरण में है। इसके बाद फ्लाईओवर के दोनों ओर डामरीकरण का कार्य किया जाएगा। 31 जनवरी तक यह काम पूरा कर लेने के बाद फ्लाईओवर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। फ्लाईओवर के तैयार होने से बिलासपुर के लोगों को काफी सहूलियत हो जाएगी। कलेक्टर द्वारा विगत एक वर्ष से इस फ्लाईओवर का लगातार निरीक्षण कर सतत मॉनिटरिंग की गयी है। इस दौरान उन्होंने अधिकारी से लेकर तकनीकी कर्मचारियों से संपर्क साधकर प्रत्येक स्तर पर किए जा रहे कार्य पर नजर रखी। कलेक्टर प्रतिदिन स्वयं निर्माण कार्य की जानकारी लेते हैं। इस फ्लाईओवर के निर्माण में सबसे मुश्किल चरण था रेल्वे के हिस्से का काम। रेल्वे के साथ आ रही तकनीकी बाधा को दूर करने के बाद ही निर्माण कार्य ने गति पकड़ी। उल्लेखनीय है कि फ्लाईओवर की लागत 70 करोड़ है। 

निरीक्षण के दौरान एसडीएम  पुलक भटटाचार्य, नगर निगम कमिश्नर  अजय त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस में शामिल हुईं राज्यपाल
बिलासपुर /शौर्यपथ

 

जनजातियां, भारतीय संस्कृति की ध्वजवाहक है। जनजातीय समुदाय के जननायकों ने ब्रिटिश शासन के अत्याचार के विरूद्ध संग्राम का बिगुल फुंका और अपने प्राणों को न्योछावर कर दिए। आज का दिन उन सभी नायकों को नमन करने का दिन है। यह उद्गार राज्यपाल  अनुसुईया उईके ने आज भगवान बिरसा मुण्डा की 146वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर व्यक्त किया। 

वनवासी विकास समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  उईके ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा आदिवासियों के शोषण के खिलाफ संघर्ष करने वाले और उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारी नेता थे। उनकी जयंती करोड़ों जनजातियों का गौरव दिवस है। आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में भारत सरकार ने बिरसा मुण्डा के जन्मदिवस को ‘‘जनजाति गौरव दिवस’’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इससे जनजातीय समाज को अपने गौरवमयी संघर्षमयी इतिहास का सम्मान मिला है। 

उन्होने कहा कि जनजाति समाज की परंपरागत धर्म संस्कृति, भारत की सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। वेदों में वर्णित इस जीवन पद्धति के आधार पर अनादि काल से जीवन जी रहे अपने जनजाति बन्धु भारत के सनातन समाज की रीड़ है। भारतीय संस्कृति का आविर्भाव गिरि कन्दरों से होने के कारण इसे अरण्य संस्कृति भी कहा जाता है। हमारे सनातन संस्कृति के महानायकों, अनेकानेक वीरों जिन्होंने अपनी संस्कृति एवं राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित कर दिया। 

सुश्री उईके ने बिरसा मुण्डा द्वारा भारत की आजादी के आंदोलन में दिये गये योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके आह्वान से तत्कालीन जनजातीय समाज में जागृति आई और उन्होंने अंग्रेजों का विरोध किया। विरोध के प्रथम चरण में असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया गया। बिरसा के बढ़ते प्रभाव को देखकर अंग्रेज ने उन्हें छलकपट से गिरफ्तार किया। 

जब वे रिहा हुए तो जनजातीय समाज में आजादी की आग भड़क चुकी थी। बिरसा मुण्डा और उनके संगठन के लोगों ने अपने पारंपरिक हथियारों से अंग्रेजों का सामना किया और बंदुक और तोपों से लैस अंग्रेजी शासन को कड़ी टक्कर दी। बिरसा मुण्डा ने जनजातीय समाज को सामाजिक कुरीतियों और आडम्बरों के खिलाफ जागृत किया और अच्छाईयों को ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। इस तरह उन्होंने हमारे प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 

सुश्री उईके ने कहा कि बिरसा मुण्डा जैसे महानायकों से देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन की प्रेरणा मिलती है। उनकी जयंती के अवसर पर हम यह संकल्प लें कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। आज आवश्यकता है कि जनजातीय समाज अशिक्षा तथा अन्य आडम्बरों से मुक्त हों तथा अपनी मौलिक संस्कृति को बचाते हुए शिक्षित हो और देश की प्रगति में अधिक से अधिक योगदान दे। 

 उईके ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में डाॅ. खूबंचद बघेल, पं. सुंदरलाल शर्मा, वीर नारायण सिंह, गुण्डाधुर जैसे महान विभूतियों के अलावा कई ऐसे विभूतियां हुई जिन्होंने आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया, लेकिन वे गुमनामी में रहे। उन सभी को याद करने के लिए और आने वाली पीढ़ी को बताने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए। 

कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन वनवासी विकास समिति के अध्यक्ष  विजेन्द्र शुक्ला ने दिया। उन्होंने बताया कि समाज के सहयोग से शिक्षा, आरोग्य, आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं सर्वद्धन तथा महिला सशिक्तकरण के लिए संस्था सतत् कार्यरत है। मुख्य व्यक्ता श्री प्रेमशंकर सिदार ने भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन एवं उनके कार्यांे पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज भारतवर्ष का मूल है। हमारा देश प्रकृति पूजक है जिसका नेतृत्व जनजाति समाज कर रहा है। 

कार्यक्रम में समाज के बुजुर्गाें एवं युवाओं द्वारा आदिवासी संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। आभार प्रदर्शन वनवासी विकास समिति के  भुवनसिंह राज ने किया। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए.डी.एन. वाजपेयी, पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वंशगोपाल सिंह, डाॅ. चंद्रशेखर उईके, पूर्व सासंद लखनलाल साहू, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम तथा वनवासी विकास समिति के पदाधिकारी सहित शहर के प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 बिलासपुर /शौर्यपथ/

जिला स्तरीय जॉब मेला का आयोजन 1 नवंबर 2021 को प्रातः 10.30 बजे से लाईवलीहुड कॉलेज निपनिया, बिल्हा मोड के पास रायपुर रोड बिलासपुर में किया जायेगा। जॉब मेला का आयोजन दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (क्क्न्-ळज्ञल्) जिला पंचायत बिलासपुर, जिला कौशल विकास प्रॉधिकरण और जिला रोजागार कार्यालय बिलासपुर के द्वारा किया जा रहा है। मेले मेंबिलासपुर जिला अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं से प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार युवाओं को नियोक्ता एजेंसियों एवं प्रतिष्ठानों द्वारा फायर मैन, सिक्युरिटी गार्ड, हैवी वाहन ड्रायवर, सेंटर मैनेजर, आर.ओ. कार्यालय सहायक, इलेक्ट्रिशियन, माकेटिंग एस्क्यूटिव, टेल सेंटर, हार्डवेयर इन्जीनियर, सेल्स ट्रेनी, ग्रुप लीडर, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, पीओएस एजेंट, लाईफ एडवाईजर, एजेंट, जनरल ड्यूटी सहायक आदि 590 पदों में जॉब प्लेसमेंट दिया जायेगा। जॉब मेले में बिलासपुर, रायपुर तथा दुर्ग की एजेंसियों तथा प्रतिष्ठानों द्वारा बेरोजगार युवक, युवतियों के रूचि तथा शैक्षणिक योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण एवं नियोजन हेतु पंजीयन भी किया जाएगा।

बिलासपुर /शौर्यपथ/

शैक्षणिक सत्र 2022-23 में सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 9 जनवरी 2022 को आयोजित की जाएगी। सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर 26 अक्टूबर तक भरे जाएंगे।

कोरबा / शौर्यपथ / संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज कोरबा में अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीण महिलाओं की बड़ी भागीदारी के साथ सैकड़ों किसानों ने गेवरा-दीपका रेल खंड पर पटरियों पर धरना दिया। दो घंटे से ज्यादा के इस धरने के कारण लगभग 5000 टन कोयले की ढुलाई बाधित होने और एसईसीएल को 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा है। पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को बलपूर्वक पटरियों से हटाया और उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई।
   उल्लेखनीय है कि गेवरा रोड स्टेशन से रेलवे सबसे ज्यादा राजस्व वसूल करता है। यहां एसईसीएल की गेवरा कोयला खदान है, जो एशिया की सबसे बड़ी खदान है और हर साल 42 मिलियन टन कोयले की ढुलाई रेल से ही होती है। किसान सभा ने इसी रेल खंड को आज के आंदोलन में अपना निशाना बनाया, जिसके कारण किसी यात्री ट्रेन के रुकने की तुलना में रेलवे को ज्यादा नुकसान हुआ और एसईसीएल से भी कोयला ढुलाई बुरी तरह बाधित हुई।
 इस आंदोलन को टालने के लिए पुलिस और रेल प्रशासन की सभी कोशिशें विफल हो गई और किसान सभा नेताओं ने आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध ठुकरा दिया था। पुलिस की सख्ती को देखते हुए कल रात से ही किसान सभा के प्रमुख नेता भूमिगत हो गए थे और आज योजनाबद्ध तरीके से किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा और दीपक साहू की अगुआई में गांवों से किसान निकलकर पटरियों पर आ धमके, जिसका अंदाज प्रशासन को भी नहीं था।
  बड़ी संख्या में रेल्वे और जिला पुलिस बल ने गंगानगर के पास किसानों को रेल्वे पटरियों पर नहीं पहुँचने देने के लिए नाकेबंदी कर रखी थी, लेकिन किसानों ने पुलिस को चकमा देते हुए एक किमी. दूर गांव के दूसरे रास्ते से पटरियों तक पहुंच गए। सैकड़ों किसानों ने तीनों किसान विरोधी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता वापस लेने, सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने और लखीमपुर खीरी जन संहार के दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करने की मांग की तख्तियां लिए, नारे लगाते उन्होंने पटरियों पर धरना दे दिया और पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर पाई। दो घंटे बाद ही उन्हें पटरियों से हटाने के लिए पुलिस हरकत में आ पाई। उन्हें हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा है और आंदोलनकारियों के साथ उनकी झड़प भी हुई है।
  किसान सभा नेताओं ने इस सफल रेल रोको आंदोलन के लिए किसानों को बधाई देते हुए किसान विरोधी कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रखने की बात फिर दुहराई है।

उच्च न्यायालय बिलासपुर की पांच खण्डपीठों में 83 प्रकरण हुए निराकृत
मोटर दुर्घटना के 63 प्रकरणों में 1.89 करोड़ रूपए का अवार्ड पारित

रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार आज छत्तीसगढ़ राज्य में तहसील से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। सभी न्यायालयों में राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह-समझौते से निराकृत किया गया। प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार लोक अदालतों में 50 हजार प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों की भौतिक अथवा वर्चुअल उपस्थिति में हुआ। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा उक्त नेशनल लोक अदालत में 05 खण्डपीठों के द्वारा कुल 83 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिसमें मोटर दुर्घटना के 63 प्रकरणों का निराकरण करते हुए एक करोड़ 89 लाख 92 हजार 290 रूपए का अवार्ड पारित किया गया है।
श्री न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार उक्त लोक अदालत हेतु प्रत्येक जिलों को मजिस्ट्रेट की स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान दी गई थी। छोटे-छोटे मामलों में पक्षकारों की स्वीकृति के आधार पर निराकृत किये गये। इसके अतिरिक्त विशेष प्रकरणों जैसे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 321, 258 एवं पेट्टी आफैन्स के प्रकरणों तथा कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया गया। ऐसे मामले जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे, उन्हें भी प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के रूप में पक्षकारों की आपसी समझौते के आधार पर निराकृत किये गये। समाचार लिखे जाने तक कुल 50 हजार प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, जिसमें लगभग एक हजार मामले कोरोना काल में उल्लंघन से संबंधित धारा 188 के हैं, जो शासन की पहल पर वापस लिये गये हैं।

बिलासपुर / शौर्यपथ / ग्राम सकरी पटवारी हल्का नंबर 45 में खसरा नंबर 18 / 40 रकबा लगभग 4 एकड़ की भूस्वामी दुखनी बाई पति कपिल नाथ की स्वत्व की जमीन को रसूखदार मनोज अग्रवाल द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इतना ही नहीं विधिवत सीमांकन आदेश होने के बावजूद मनोज अग्रवाल सीमांकन कार्य में सहयोग भी नहीं करता इतना ही नहीं 5.1.2021 एवं 11.1.2021 की सीमांकन रिपोर्ट के अनुसार प्रश्ननाधीन भूमि पर मनोज अग्रवाल ने बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा भी कर रखा है उक्त मामले में दुखनी बाई की ओर से सकरी तहसीलदार के न्यायालय में मनोज अग्रवाल के खिलाफ बेदखली का मामला भी चल रहा है ।
वाद के अनुसार मनोज अग्रवाल पर जमीन पर केवल कब्जे का मामला नहीं है उन्होंने श्रीमती शारदा अग्रवाल पति पवन अग्रवाल खसरा नंबर 18/29 बता कर कब्जा कर लिया जबकि जिस जमीन को वो 18/29 बता रहे हैं वह 15/29 है। शारदा अग्रवाल ने इस जमीन का मुआवजा राशि भी प्राप्त कर लिया है उल्लेखनीय है कि ग्राम सकरी पटवारी हल्का नंबर 45 में फर्जी मुआवजा प्रकरण बनाकर करोड़ों का भुगतान प्राप्त किया है। चर्चा है कि इस खेल में विभागीय अधिकारियों के शामिल होने की बात हो रही है पीड़ित द्वारा यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि शासकीय मुवावजे के खेल में मिलीभगत के कारण शासन को भी राजस्व का नुक्सान हो रहा है जिसकी अगर निष्पक्ष जाँच की जाएगी तो कई मामले सामने आ सकते है .

मस्तुरी / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के मंशानुरूप नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत निर्मित गौठानों को मल्टीएक्टिविटी सेंटर बनाकर गांव की महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। आजीविका के साधन से उनमें आत्मविश्वास जागा है और आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भरता खत्म हो रही है। बिलासपुर जिले के गौठानों में आर्थिक विकास के साथ-साथ सृजनात्मक कार्य हो रहे है। मशरूम उत्पादन, मुर्गी, बत्तख, मछली, बटेर, बकरी पालन, हरा चारा एवं सब्जी उत्पादन के साथ-साथ गोबर से गौ-काष्ठ, दिया, गमला जैसे सृजनात्मक निर्माण कार्य भी स्व सहायता समूहों की महिलाएं कर रही है। परम्परागत रोजगार साधनों की अपेक्षा नए रोजगार के अवसर से उन्हें लाभ हो रहा है।
गौठानों से लगे चारागाह में नेपियर घास और सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम मिल रहे है। मस्तूरी विकासखण्ड के ग्राम जुहली स्थित गौठान में मल्टीएक्टिविटी से जुड़ी जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती इंद्राबाई पोर्ते ने बताया कि वर्मी खाद बनाने और उसकी बिक्री से उन्हें जो आर्थिक लाभ मिला था उस राशि से वे बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। गौठान के चार एकड़ में चारागाह है। जिसके एक एकड़ में हरा चारा नेपियर घास लगाया है। शेष तीन एकड़ में वे सब्जी उगा रही हैं। शुरूआत में बरबट्टी, लौकी, करेला, भिंडी, लाल भाजी, गिल्की लगाया था। गौठान में ही बनाए गए जैविक खाद का उपयोग वे अपनी बाड़ी में करती है। जिससे उन्हें पौष्टिक सब्जी मिल रही है। प्रतिदिन घर के लिए ताजी सब्जी वे बाड़ी से ले जाती है, बाजार से नहीं खरीदना पड़ता साथ ही उन्होंने 7 हजार का सब्जी भी बेचा था। अभी सेमी, ग्वांर फली, भिंडी, बरबट्टी, मक्का लगाया है। पंचायत द्वारा बाड़ी में सिंचाई के लिए ड्रीप की व्यवस्था की गई है। गौठान में लगे नेपियर घास से पशुओं को गर्मी में भी चारे की समस्या नहीं हुई।
यहां कार्यरत समूहों ने गौठान में मनरेगा से 30×35 वर्गफीट का डबरी निर्माण भी किया है। जिसमें एक माह पूर्व रोहू, कतला आदि प्रजाति की मछलियां डाली गई हैं। डबरी के चारों ओर मेड़ पर अरहर की खेती भी वे कर रही हैं। गौठान में मशरूम उत्पादन के साथ-साथ मुर्गी, बत्तख एवं बकरी पालन की तैयारी भी महिलाएं कर रही हैं। मनरेगा के तहत् इन सभी गतिविधियों के लिए अलग-अलग शेड का निर्माण किया गया है।
कोटा विकासखण्ड के ग्राम शिवतराई गौठान में कार्यरत् आशीष महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती नंदनी मरावी ने बताया कि पहले वह परिवार के साथ खेत में मजदूरी करती थी। उसके गांव के गौठान में जब रोजगार की गतिविधियां शुरू हुई तो उसे भी मुर्गी पालन के लिए प्रेरणा मिली। इसके लिए शेड बनाकर और मुर्गी के साथ-साथ दाना और बर्तन भी निःशुल्क दिया गया है। यह कार्य उनके लिए नया है लेकिन इससे फायदा हो रहा है और वे इसी काम को आगे भी करेंगी। इसी ग्राम की नर्मदा महिला स्व सहायता समूह की श्रीमती नंदबाई मरावी गौठान में बत्तख पालन कर रही है। महामाया स्व सहायता समूह की दुर्गा बाई ने बताया कि उनका समूह मशरूम उत्पादन कर रहा है और वे 60 किलो से अधिक मशरूम बेच चुकी है।
कृषि विभाग के उपसंचालक शशांक शिंदे का कहना है कि मल्टीएक्टिविटी से कई गौठान स्वावलंबन की श्रेणी में आ चुके है। गौठान स्वयं ही अपने उत्पाद का विक्रय कर जो राशि प्राप्त कर रहे हैं, उसी से गोबर भी खरीद रहे है और अपने रोजगार नए साधन विकसित कर आजीविका में वृद्धि कर रहे है।

3 दिन में नहीं हुई कार्यवाही तो भाजपा करेगी बड़ा आंदोलन

बिलासपुर / शौर्यपथ / विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चोरी गए चावल को खरीदने वाले बिल्हा के राइस मिल संचालक और कांग्रेस नेता के खिलाफ जुर्म दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग की है उन्होंने कहा कि यह मिल संचालक क्योंकि कांग्रेस के नेता हैं इसलिए उसे बचाने के लिए बिलासपुर से रायपुर तक राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है यदि राइस मिल संचालक को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो भारतीय जनता पार्टी धरना आंदोलन एवं प्रदर्शन करेगी । जिला भाजपा कार्यालय में महामंत्री भूपेंद्र सैनी और जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत की उपस्थिति में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष धर्म लाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत बांटे जाने वाले चावल को विभिन्न ने सोसाइटी से कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में सोसायटीओं से सीडीएस की चोरी का चावल एवं पीडीएस के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले चावल को बिल्हा नगर के कांग्रेस नेता द्वारा अपने राइस मिल में गरीबों का हक मारते हुए बड़ी मात्रा में खरीदी गई जिसका खुलासा पुलिस की विशेष टीम के द्वारा किया गया ।
जिसकी जब्ती कांग्रेस नेता के लक्ष्मी राइस मिल एग्रोटेक बिल्हा से बनाई गई है उक्त प्रकरण में राइस मिल के मुनीम मन्ना लाल अग्रवाल बिल्हा एवं अन्य दो लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया है आरोपियों के द्वारा दिए गए बयान के अनुसार लक्ष्मी राइस मिल एग्रोटेक बिल्हा के संचालक कांग्रेस के जिला महामंत्री गौरव अग्रवाल के निर्देश पर ही खरीदी विगत 1 वर्षों से की जा रही थी जिसको शासन स्तर पर लगातार संरक्षण प्राप्त था।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि शासन के दबाव से ही जब्ती की गई चावल की मात्रा 2000 क्विंटल से हटाकर 500 क्विंटल दिखाई गई एवं शासन के दबाव पर ही इस प्रकरण में मूल आरोपी मिल संचालक के विरुद्ध अपराध दर्ज नहीं किया गया है और मूल आरोपी को बचाते हुए सह आरोपी पर कार्यवाही की गई है श्री कौशिक ने कहा कि गरीबों का हक मारने वाले मूल आरोपी मिल संचालक के खिलाफ यदि अपराध दर्ज कर तीन दिवस के अंदर कार्यवाही नहीं की जाती है तो भारतीय जनता पार्टी द्वारा धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया जाएगा।

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