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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
विशेष आलेख
बिलासपुर के सांसद-नेता और अनुभवी वकील अरुण साव का राजनीतिक उत्थान, 9 अगस्त 2022 के नेतृत्व वितरण से नवम्बर 2023 में उपमुख्यमंत्री बनने तक का क्रम — एक ऐसा अध्याय जो उनके समर्थकों और प्रदेश की राजनीति दोनों के लिए निर्णायक साबित हुआ।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव (जन्म: 25 नवम्बर 1968) का राजनीतिक और वैधानिक सफर पारंपरिक पृष्ठभूमि से निकलकर राज्य के उच्चतम राजनीतिक मंच तक पहुंचने का प्रेरक अंकन है। रायपुर में जन्मे अरुण साव किसान परिवार से आते हैं; उनके पिता स्वर्गीय श्री अभय राम साव और माता श्रीमती प्रमिला साव हैं। उन्होंने 17 अप्रैल 2000 को श्रीमती मीना साव से विवाह किया और उनका एक पुत्र है। शिक्षा की दृष्टि से उन्होंने मुंगेली के शासकीय एस.एन.जी. कॉलेज से बी.कॉम. और बिलासपुर के कौशलेन्द्र राव लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की।
विधिक जीवन में अरुण साव ने मुंगेली सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में बिलासपुर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्य करते हुए राज्य की सेवा में भी गहन भूमिका निभाई। उनकी सरकारी सेवा-भूमिका इस प्रकार रही: मार्च 2005 से फरवरी 2006 तक उप शासकीय अधिवक्ता, मार्च 2006 से अगस्त 2013 तक शासकीय अधिवक्ता, और सितम्बर 2013 से जनवरी 2018 तक छत्तीसगढ़ के उप महाधिवक्ता के रूप में उन्होंने दायित्व निभाये — एक ऐसा क्रम जो उन्हें विधिक विशेषज्ञता के साथ प्रशासनिक अनुभव भी देता है।
सामाजिक और छात्र-जीवन में वे 1990 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व अन्य संगठनों से सक्रिय रहे, तथा साहू समाज के तहसील, जिला और प्रादेशिक स्तर पर विभिन्न जिम्मेदारियाँ निभाईं। खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति उनकी रुचि—कबड्डी, वॉलीबाल, क्रिकेट और बैडमिंटन—उन्हें जमीनी स्तर से जोड़ती है और संगठनात्मक क्षमता के विकास में मदद करती है।
राजनीतिक रूप से अरुण साव का बड़ा पड़ाव 2019 में आया जब वे बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। 17वीं लोकसभा में वे कोयला व खान मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति तथा कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे — जिनसे उनके संसदीय अनुभव और क्षेत्रीय उद्योगों के साथ जुड़ाव को मजबूती मिली।
उनके राजनीतिक जीवन का निर्णायक मोड़ था 9 अगस्त 2022 — जिस दिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय प्रदेश में सत्तारूढ़ सरकार के बावजूद संगठनात्मक मजबूती और विरोधी राजनीति को संगठित करने की जिम्मेदारी अरुण साव के हाथों सौंपी गई। भाजपा संगठन ने 9 अगस्त 2022 के बाद संगठनात्मक पुनर्रचना और सक्रियता बढ़ाकर लगभग चौदह माह के भीतर वह राजनीतिक माहौल तैयार कर दिया, जिसका फल नवम्बर 2023 में भाजपा की प्रदेश में सत्ता वापसी के रूप में सामने आया। परिणामस्वरूप राज्य सरकार बनने पर अरुण साव को उपमुख्यमंत्री का महत्त्वपूर्ण पद भी सोंपा गया — एक पद जिसे वे अपने व्यापक संगठनात्मक और विधिक अनुभव के साथ निभा रहे हैं।
9 अगस्त 2022 का सोशल मीडिया संदेश और नियुक्ति पत्र
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस दिन को अपने जीवन का अहम मोड़ मानते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा—
"आज के ही दिन 9 अगस्त 2022 को भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे जैसे सामान्य कार्यकर्ता को छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की कमान संभालने का अवसर दिया था।
पूरे प्रदेश का दौरा कर, बूथ से लेकर प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं को उनकी शक्ति का अहसास दिलाया और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और साथी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमने कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट किले को ढहा दिया।
और 14 माह के सामूहिक परिश्रम और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मोदी की गारंटी की आधार पर प्रदेश की जनता ने भाजपा की सुशासन सरकार को चुना।"
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र भी साझा किया, जिसमें 9 अगस्त 2022 से प्रभावी रूप से उन्हें छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
आलेख - शरद पंसारी
संपादक - दैनिक समाचार
हजारों बहनों ने बांधी राखी, विधायक बोले 'भिलाई मेरा परिवार है, यही मेरा सबसे बड़ा धन हैÓ
भिलाई / शौर्यपथ / रक्षाबंधन के अवसर पर भिलाई नगर विधायक ने एक बार फिर अपने अनोखे और भावनात्मक आयोजन से लोगों के दिल जीत लिए। सेक्टर-5 स्थित एक विशाल पंडाल में भव्य रक्षाबंधन पर्व का आयोजन किया गया, जहां पूरे विधानसभा क्षेत्र से हजारों महिलाएं और युवतियां विधायक को राखी बांधने के लिए उमड़ीं।
यह आयोजन हर साल की तरह इस वर्ष भी विधायक द्वारा स्वयं के स्तर पर आयोजित किया गया था, जिसमें राखी बांधने के साथ-साथ महिलाओं के लिए विशेष भोजन, मनोरंजन, गीत-संगीत, और छत्तीसगढ़ी सुआ नृत्य की भी आकर्षक प्रस्तुति हुई।
विधायक के हाथों में बंधीं हजारों राखियाँ
विधायक का पूरा हाथ राखियों से भर गया था। बहनों के स्नेह और आशीर्वाद से अभिभूत विधायक ने भावुक होते हुए कहा –पूरा भिलाई मेरा परिवार है। यह रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि हमारे विश्वास और प्रेम का प्रतीक है। यह परंपरा सालों से चल रही है, और इसे मैं हर साल अपनी बहनों के साथ मनाता हूं।
जेल में भी नहीं टूटा बहनों का रिश्ता
विधायक ने याद करते हुए कहा -
"पिछले साल जब मैं जेल में था, तब भी मेरी बहनें राखी लेकर वहां पहुंचीं थीं। यह सिर्फ धागा नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और आशीर्वाद का प्रतीक है। यही मेरा सबसे बड़ा धन है।"
बहनों ने दी लंबी उम्र की कामना
राखी बांधने पहुंची महिलाओं ने विधायक को तिलक कर रक्षा सूत्र बांधा और उनकी लंबी उम्र, सफलता और स्वस्थ जीवन की कामना की। कई बहनों ने कहा कि विधायक से उनका रिश्ता सिर्फ एक जनप्रतिनिधि का नहीं, बल्कि भाई जैसा है, जो हर समय उनके साथ खड़ा रहता है।
आयोजन स्थल पर उमड़ी भारी भीड़
रक्षाबंधन पर्व के इस आयोजन में सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगने लगी थी। आयोजन समिति द्वारा पंडाल में बैठने, खाने और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई थी। छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य और गीत-संगीत ने माहौल को और भी उल्लासमय बना दिया।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो सीधे तौर पर महापौर श्रीमती अलका बाघमार के निर्देशों की अवहेलना और निगम की प्रशासनिक कमजोरी को उजागर करता है। महापौर के आदेश के बावजूद, मिशन क्लीन सिटी (MCC) की एक कर्मचारी अब भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में काम कर रही है, जबकि उसका मूल कार्यक्षेत्र वार्डों में सफाई का है। यह घटना न केवल नियमों के उल्लंघन का प्रतीक है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या दुर्ग निगम में महापौर से भी ज़्यादा प्रभावशाली कोई और है?
पिछले महीने, महापौर अलका बाघमार ने स्वयं इस नियम विरुद्ध कार्य को देखा था और स्वास्थ्य अधिकारी को तुरंत उस कर्मचारी को उसके मूल कार्य पर वापस भेजने का निर्देश दिया था। लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से, महापौर के स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले की जानकारी शहरी सरकार के स्वास्थ्य प्रभारी निलेश अग्रवाल को भी दी गई थी, जिन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ।
यह स्थिति सीधे तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों की मनमर्जी और महापौर के निर्देशों की खुली अवहेलना को दर्शाती है। जब शहर की प्रथम नागरिक के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है, तो यह निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। इस तरह की निष्क्रियता न केवल मेयर के पद की गरिमा को कम करती है, बल्कि यह भी बताती है कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितने उदासीन हैं।
इस मामले पर अब स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी और निगम के उपायुक्त मोहेंद्र साहू के संज्ञान लेने की खबर सामने आई है। अब देखना यह है कि क्या वे इस मामले में ठोस कदम उठाते हैं या यह मामला भी पिछली शिकायतों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। यह घटना दुर्ग के प्रशासनिक ढांचे की पोल खोलती है और यह दिखाती है कि अगर शीर्ष नेतृत्व के आदेशों का भी पालन न हो, तो आम जनता के लिए न्याय और व्यवस्था की उम्मीद रखना कितना मुश्किल है।
क्या दुर्ग निगम के अधिकारी महापौर के निर्देशों का पालन करेंगे या एक 'MCC' कर्मचारी का पदस्थापन ही अंतिम निर्णय माना जाएगा, यह समय ही बताएगा।
शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट
"अगर केंद्र, राज्य और नगर निगम में एक ही पार्टी की सरकार होगी, तो विकास दौड़ेगा!"
यह था भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री सरोज पांडे का वादा, जब उन्होंने दुर्ग की जनता से "ट्रिपल इंजन" का समर्थन मांगा था।
लेकिन आज, जब ट्रिपल इंजन से चलने वाला दुर्ग शहर गड्ढों, गंदगी और गुटबाजी के दलदल में फंसा है, जनता खुद सवाल पूछ रही है - "वादा किया था रोशनी का, फिर क्यों पसरा है अंधेरा?"
जब सरोज पांडे थीं महापौर: दुर्ग बना था विकास का पर्याय
महापौर रहते सुश्री सरोज पांडे ने दुर्ग नगर निगम को विकास की दिशा में एक नई पहचान दी थी।चौड़ी सड़कें,सुव्यवस्थित बाजार,सुंदर उद्यान,और सफाई व्यवस्था -
उस दौर में दुर्ग को "छोटा स्मार्ट सिटी" कहने लगे थे लोग।
आज उसी शहर में, जहां उन्होंने विकास की नींव रखी, वहीं अब बदहाल व्यवस्थाएं और टूटी उम्मीदें एक कटु सच्चाई बन चुकी हैं।
आज का दुगर्: नालियां जाम, सड़कों पर जान का खतरा ,अतिक्रमण से जकड़े बाजार ,आवारा पशुओं से भरा शहर ,अधूरी सड़कें , और राजेंद्र चौक जैसे व्यावसायिक हब पर सरकारी सुस्ती ,नगर निगम की 6 महीने की सत्ता और राज्य सरकार के 20 महीनों के कार्यकाल में सुधार की बजाय गिरावट ही सामने आई है।
नालियों की सफाई अब भी "प्रक्रिया में" है, पार्कों की घास सूख रही है, और जनता धूल, दुर्गंध और दुश्वारियों के बीच जूझ रही है।
गुटबाजी का गड्ढा: महापौर बनाम विधायक
शहर के दो जिम्मेदार चेहरे - महापौर और स्थानीय विधायक – आमने-सामने हैं। कोई काम अगर हो भी गया, तो उसका श्रेय लेने की राजनीतिक होड़ जारी है। सामंजस्य और टीमवर्क जैसे शब्द शहरी प्रशासन की डिक्शनरी से नदारद हो चुके हैं। विपक्ष को परिषद में बोलने तक का मौका नहीं देना लोकतांत्रिक मर्यादा का खुला उल्लंघन है।
गरीबों पर सख्ती, रसूखदारों को संरक्षण
इंदिरा मार्केट हो या कपड़ा लाइन - जहां आम ठेलेवालों को हटाया जा रहा है, वहीं बड़े दुकानदारों द्वारा बरामदे पर कब्जा बरकरार है।
भाजपा नेता के संरक्षण में राम रसोई को गलत दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों की भूमि का आवंटन भी अब चर्चा में है, लेकिन कार्रवाई शून्य।
जनता पूछ रही - "अब किससे लें जवाब?"
क्या जवाब दें वो भाजपा संगठन जो विपक्ष में रहकर हर गड्ढे पर धरना देता था? या वो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे, जिन्होंने वादा किया था कि "ट्रिपल इंजन" से दुर्ग दौड़ेगा?"
अब जब वही इंजन धुएं में उलझ गया है, तो जनता सिर्फ इंतज़ार में है कि -"कोई आए, और इन सवालों का ईमानदारी से जवाब दे!"
आईना देखिए, पोस्टर नहीं
यह सिर्फ बदहाल दुर्ग की रिपोर्ट नहीं, बल्कि उन तमाम वादों का आइना है, जो वोट से पहले बड़े-बड़े मंचों पर बोले गए थे।
महापौर रहते सरोज पांडे का विकास मॉडल आज खुद सवाल कर रहा है - "क्या भाजपा की आज की नगर सरकार उस स्तर को भी छू पाई?"
अब जनता तय करेगी -बातों के ट्रिपल इंजन से शहर नहीं चलता, ज़मीन पर पसीने से काम करना होता है।
रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के राजस्व तंत्र को पिछले सात दिनों से ठप करने वाली तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आखिरकार बुधवार को स्थगित कर दी गई। प्रदेश भर के करीब 550 राजस्व अधिकारी अब दोबारा काम पर लौट आए हैं। यह निर्णय बुधवार को राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और तहसीलदार संघ के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई अहम बैठक के बाद लिया गया।
तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने कहा,
"हमारी 17 सूत्रीय मांगों को मंत्री ने गंभीरता से सुना है और आश्वासन दिया है कि इन पर शीघ्र कार्यवाही होगी। इसी विश्वास के आधार पर हम फिलहाल हड़ताल स्थगित कर रहे हैं।"
30 जुलाई से थे हड़ताल पर
तहसीलदार और नायब तहसीलदार 30 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में राजस्व से जुड़े कार्य पूरी तरह ठप पड़ गए थे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, सीमांकन, बटांकन, भूमि अभिलेख सुधार जैसी जनहित से जुड़ी सेवाएं प्रभावित हुई थीं।
प्रमुख मांगें जो बनीं संघर्ष का कारण
तहसीलदार संघ ने सरकार के समक्ष 17 सूत्रीय मांगों की एक विस्तृत सूची पेश की थी, जिनमें प्रशासनिक ढांचे से लेकर सेवा शर्तों तक कई अहम मुद्दे शामिल थे:
तहसीलों में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति - पटवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी जैसे पदों की कमी से जूझ रहे तहसीलों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम से छूट देने की मांग।
पदोन्नति नियमों में सुधार-तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बनने की प्रक्रिया में पुराने 50:50 अनुपात की बहाली।
राजपत्रित दर्जा और ग्रेड पे में वृद्धि-नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने व ग्रेड पे में संशोधन की मांग।
कार्य सुविधा व सुरक्षा-कार्यालयीय वाहन, सरकारी मोबाइल नंबर, सुरक्षा गार्ड, तकनीकी स्टाफ और कोर्ट ड्यूटी को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश।
निलंबन व जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता-जांच अवधि 15 दिनों में समाप्त करने व बिना उचित कारण के निलंबन पर रोक।
संघ की मान्यता व संवाद की व्यवस्था-तहसीलदार संघ को आधिकारिक मान्यता देने की मांग ताकि शासन के साथ सीधा संवाद संभव हो सके।
प्रशासन को राहत, जनता को उम्मीद
हड़ताल खत्म होने के बाद तहसील कार्यालयों में फिर से कामकाज शुरू हो गया है। इससे न केवल राजस्व कार्यों की लंबित फाइलों को गति मिलेगी, बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी। कई जिलों में सीमांकन और मुआवजा वितरण जैसे कार्य प्राथमिकता पर लिए जा रहे हैं।
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम घटनाक्रम
इस हड़ताल को लेकर सरकार पर प्रशासनिक असंतोष संभालने में विफल होने के आरोप लग रहे थे। अब जबकि संघ ने सरकार के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित की है, यह सरकार के लिए भी एक अवसर है कि वह संवाद और समाधान की नीति से प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करे।
आगे की राह
हालांकि हड़ताल "स्थगित" की गई है, समाप्त नहीं। इसका अर्थ यह भी है कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए, तो राजस्व विभाग फि र से संकट में आ सकता है। आने वाले सप्ताह सरकार की मंशा और कार्यशैली इस पूरे घटनाक्रम का भविष्य तय करेगी।
विशेष टिप्पणी: राजस्व विभाग किसी भी राज्य के प्रशासनिक और विकासात्मक ढांचे की रीढ़ होता है। तहसीलदारों की मांगें केवल व्यक्तिगत सुविधाओं तक सीमित नहीं, बल्कि कार्यकुशलता और जवाबदेही से जुड़ी हैं। सरकार यदि इस अवसर को संरचनात्मक सुधार के रूप में लेती है, तो यह छत्तीसगढ़ के राजस्व प्रशासन में ऐतिहासिक परिवर्तन का आधार बन सकता है।
पालक शिक्षक मेगा बैठक में शामिल हुई प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर
मोहला /शौर्यपथ /विकासखंड मानपुर अंतर्गत ग्राम सीतागांव के प्राथमिक, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में आज पालक शिक्षक मेगा बैठक सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर शामिल हुई।
उन्होंने कहा कि पालक शिक्षक मेगा बैठक शासन की अच्छी पहल है, जिसके माध्यम से पालक एवं शिक्षक आमने सामने बैठकर सीधा संवाद के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकते है। उन्होंने कहा कि पालक इस बैठक के माध्यम से स्कूलों में बच्चों की समस्या एवं पढ़ाई को लेकर अपनी शंकाओं को भी दूर कर सकते हैं।
प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर ने कहा कि पालक शिक्षक मेगा बैठक में पढ़ाई के गुणवत्ता के साथ ही पालक अपने बच्चों की शैक्षाणिक विकास का आंकलन बेहतर तरीके से कर पाएगें। इसके अलावा शिक्षकों द्वारा बच्चों के शैक्षाणिक विकास हेतु मार्गदर्शन प्राप्त कर सकतें है। उन्होंने पालकों से कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अपने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही घर का माहौल भी बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है, अत: सुनिश्चित करें कि घर का माहौल भी स्कूल की तरह हो, तकि बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि बनी रहें।
आस्था स्पेशल ट्रेन से अयोध्या रवाना हुए सैकड़ों श्रद्धालु,दुर्ग स्टेशन पर “जय श्रीराम” के नारों से गूंजा माहौल
तिलक और माला पहनाकर किया गया रामभक्तों का स्वागत,राज्य सरकार की रामलला दर्शन योजना के तहत विशेष यात्रा
दुर्ग//शौर्यपथ /राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का विशेष जत्था बुधवार को रवाना हुआ। दुर्ग रेलवे स्टेशन का वातावरण भक्तिमय हो उठा, जब बैंड की गूंज और “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ आस्था स्पेशल ट्रेन को रवाना किया गया।
दोपहर 12 बजे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर,दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव,महापौर अलका बाघमार,जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक,अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा,सभापति श्याम शर्मा,पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बंजारे,संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर, कलेक्टर अभिजीत सिंह, आयुक्त सुमित अग्रवाल, सीईओ बजरंग दुबे तथा रेलवे अधिकारियों ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को विदा किया।
श्रद्धालुओं का पारंपरिक स्वागत
प्रस्थान से पहले स्टेशन पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सभी रामभक्तों का तिलक कर, माला पहनाकर एवं मंगलकामनाओं के साथ स्वागत किया। बैंड की मधुर धुन के बीच श्रद्धालु “जय श्रीराम” और “रामलला हम आ रहे हैं” के जयकारे लगाते हुए उत्साह से भरे दिखे।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से पहुंचे भक्त
इस विशेष यात्रा में दुर्ग शहर और ग्रामीण इलाकों से सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। श्रद्धालुओं में अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन करने का अपार उत्साह और भक्ति भाव नजर आया।इस अवसर पर एम आई सी सदस्य ज्ञानेश्वर ताम्रकार,चंद्रशेखर चंद्राकर, पार्षद कमल देवांगन, कुलेश्वर साहू, मनोज सोनी, गुड्डू यादव, मंडल अध्यक्ष हरीश चौहान सहित अनेक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और नागरिक मौजूद रहे।
आवास हितग्राहियों को आवास के कार्य में प्रगति लाने किया प्रोत्साहित
एक सप्ताह में 185 ग्राम पंचायतों में आयोजित हो चुका ग्राम आवास प्रगति सभा, ग्रामीणों के समस्या एवं शिकायतों किया जा रहा है निराकरण
स्थानीय युवाओं को मिलेगी राजमिस्त्री की ट्रेनिंग, मिलेगा रोजगार
मोहला/शौर्यपथ /प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भारती चंद्राकर आज विकासखंड मानपुर के ग्राम पंचायत सीतागांव एवं कारेकट्टा में आयोजित ग्राम आवास प्रगति सभा में शामिल हुई। उन्होंने आवास हितग्राहियों को आवास के कार्य में प्रगति लाने हेतु प्रोत्साहित किया। विगत एक सप्ताह में 185 ग्राम पंचायतों में ग्राम आवास प्रगति सभा का आयोजन किया जा चुका है। जिसका उदेश्य आवास निर्माण में हितग्राहियों को आ रही समस्या एवं शिकायतों का निराकरण कर आवास पूर्णत: में प्रगति लाना है।
प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर ने ग्राम पंचायतों में स्वीकृत आवास एवं निर्माणधीन आवासों की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने आवास निर्माण में आ रही समस्याओं पर हितग्राहियों से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आवास की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। ग्रामीणों द्वारा राजमिस्त्री की समस्या से अवगत करवाया गया। जिस पर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर कहा कि शासन की योजना अंतर्गत स्थानीय युवाओं राजमिस्त्री की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर राजमिस्त्री के ट्रेनिंग के लिए 25 युवाओं को शामिल करना है, इससे स्थानीय स्तर पर राजमिस्त्री एवं युवाओं को रोजगार उपलब्ध होंगे साथ ही आवास के कार्य में भी तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण पूर्ण करने वाले हितग्राहियों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने ग्राम कारेकट्टा के श्री मनुराम कोर्राम के निर्माणधीन आवास का निरीक्षण किया एवं आवास के कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण करने हेतु प्रोत्साहित किया।
- ग्राम पंचायतों में आवास प्रगति सभा का हो रहा आयोजन, ग्रामीणों के समस्याओं का किया जा रहा समाधान
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिले के सभी 185 ग्राम पंचायतों में आवास प्रगति सभा का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के पात्र आवास हितग्राहियों को योजना संबंधी समुचित जानकारी देना, निर्माण कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना तथा आवास निर्माण की प्रगति की समीक्षा करना है। सभा में संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, पंच, ग्राम पटेल, आवास सेना तथा जिला/जनपद पंचायत द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत ग्रामीण के लाभ और पात्रता प्रक्रियाए,आवास निर्माण की गुणवत्ता एवं तकनीकी मार्गदर्शन, स्वीकृत आवासों की निर्माण प्रगति की समीक्षा, हितग्राहियों की समस्याओं का समाधान, समय-सीमा के भीतर निर्माण पूर्ण करने हेतु प्रोत्साहित करना है।
- निर्माणाधीन आंगनबाड़ी के धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, संबंधित अधिकारियों को शोकॉज नोटिस देने के दिए निर्देश
प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भारती चंद्राकर आज विकासखंड मानपुर के ग्राम पंचायत हलांजूर के निर्माणाधी आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी के धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने पीओ, टीए, पंचायत सचिव को शोकॉज नोटिस देने के निर्देश दिए साथ ही संबंधित ठेकेदार से तत्काल कार्य प्रारंभ कर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
01 लाख 27 हजार बीपीएल परिवारों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा
बालोद/शौर्यपथ/छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है। पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना के तहत दुर्ग क्षेत्र के अंतर्गत दुर्ग जिले में लगभग 01 लाख 39 हजार 80 उपभोक्ता, बालोद जिले में लगभग 81 हजार 755 एवं बेमेतरा जिले में लगभग 01 लाख 01 हजार 287 जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इनमें दुर्ग क्षेत्र (दुर्ग, बालोद, बेमेतरा जिले) के लगभग 01 लाख 27 हजार बीपीएल(गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेजी से लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम 1,08,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। योजना के तहत 02 किलोवॉट प्लांट से प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 90,000 रुपये तक कुल सब्सिडी (60,000 केंद्र एवं 30,000 राज्य) रुपये मिलती है। 03 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें 78,000 रुपये केंद्र एवं 30,000 रुपये राज्य कुल 1,08,000 रुपये की सहायता मिलती है। शेष राशि के लिये जो उपभोक्ता बैंक से ऋण लेना चाहते हैं, उनके लिये आकर्षक एवं न्यूनतम वार्षिक ब्याज दर 6.3 से 6.5 प्रतिशत् एवं कम से कम दस्तावेज यथा बिजली बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वेंडर कोटेशन एवं फीजिबिलिटी रिपोर्ट के साथ राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण भी उपलब्ध है। ज्ञात हो कि दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा जिले के 911 परिवार सोलर पैनल लगाकर ना केवल मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि बिजली के भारी-भरकम बिलों से भी राहत पा रहे हैं। वर्तमान में मार्केट में विभिन्न कंपनियों के डी.सी.आर. सोलर पैनल उपलब्ध है। जिनके 03 किलोवॉट तक के सिस्टम की कीमत 1.8 से 2.10 लाख तक है। इस प्रकार उपभोकता के 03 किलोवॉट के सोलर प्लांट पर रू. 1,08,000 रुपये की सब्सिडी घटाकर शेष राशि स्वयं वहन करना होता है। बाजार में सोलर प्लांट का बीमा भी कई बीमा कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 02 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 240 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो 03 अगस्त 2025 के पहले लागू हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी। साथ ही, पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे छत्तीसगढ़ के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर स्वाभाविक रूप से अग्रसर होंगे। उपभोक्ता किसी भी योजना पर निर्भर न रहते हुए स्वयं अपनी छत पर ऊर्जा उत्पादन कर “उर्जादाता” बनेंगे। यह रणनीतिक पहल राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक बचत और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ाएगी। इस योजना का लाभ उपभोक्ताओं को पूर्णतः आनलाइन प्रकिया के तहत दिया जा रहा है। जिसके तहत उपभोक्ता स्वयं ऑनलाईन पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in/ पर लॉग इन कर अथवा पीएम सूर्यघर मोबाइल ऐप, सीएसपीडीसीएल के वेबसाइट, मोर बिजली ऐप एवं बिजली कंपनी की टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल कर आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए सीएसपीडीसीएल के नजदीकी बिजली दफ्तर में संपर्क कर सकते है। इस स्कीम के तहत उपभोक्ता सौर प्लांट के स्थापना हेतु वेंडर का चयन ऑनलाइन खुद कर सकते हैं। सौर प्लांट स्थापित होने के बाद केन्द्र एवं राज्य से प्राप्त होने वाली सब्सिडी राषि सीधे उपभोक्ता के खाते में अथवा बैंक से लोन लेने वाले प्रकरण में सीधे बैंक के खाते में प्राप्त होगी। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और एक उज्ज्वल और हरित भविश्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
नन्हें-मुन्हें बच्चों से मधुर एवं आत्मीय बातचीत कर पढ़ाई-लिखाई और भोजन व्यवस्था के संबंध में ली जानकारी
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम कोरगुड़ा में पहुँचकर आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र के नन्हें-मुन्हें बच्चों से मधुर एवं आत्मीय बातचीत कर उनकी पढ़ाई-लिखाई एवं अन्य गतिविधियों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र में उन्हें मिलने वाली भोजन, नाश्ता एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने बच्चों को खूब प्यार, दुलार देकर उन्हें टाॅफी भी प्रदान किया। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा के मधुर एवं स्नेहिल व्यवहार से आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे अपनत्व का आभास करते हुए बहुत ही अभिभूत नजर आ रहे थे। इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी, एसडीएम श्री शिवनाथ बघेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्र कोरगुड़ा में कुपोषित बच्चों की संख्या के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने पंजी से मिलान कर कुपोषित बच्चों की संख्या, बच्चों की वजन आदि का भौतिक सत्यापन किया। इस मौके पर श्रीमती मिश्रा ने बच्चों की ऊँचाई का मापन भी कराया। श्रीमती मिश्रा ने आंगनबाड़ी केन्द्र के रसोई कक्ष में पहुँचकर बच्चों के लिए बन रहे गर्म भोजन एवं रेडी टू इट का भी अवलोकन किया। उन्होंने गर्म भोजन एवं रेडी टू इट को चखकर भोजन की गुणवत्ता को परखा। इसके अलावा उन्होंने स्टोर कक्ष में उपलब्ध खाद्य पदार्थों का अवलोकन भी किया। कलेक्टर ने बच्चों को गुणवत्तायुक्त ताजे एवं गर्म भोजन तथा नाश्ता प्रदान करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अधिकारियों से आंगनबाड़ी केन्द्र के व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भिलाई में शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में हुए सम्मिलित
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के तीर्थ स्थलों का चरणबद्ध तरीके से विकास कर रही है। इसी कड़ी में कवर्धा स्थित भोरमदेव मंदिर परिसर के समग्र विकास के लिए 146 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही राज्य के 5 प्रमुख शक्तिपीठों के उन्नयन हेतु शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री साय आज भिलाई में आयोजित शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ सपरिवार सम्मिलित हुए। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम में उन्होंने कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा और व्यासपीठ से जुड़े संतजनों का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने आयोजन समिति और सभी श्रद्धालु शिवभक्तों को पवित्र श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि समापन दिवस पर कथा में सम्मिलित होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश शिवमय है। उनके गृह ग्राम बगिया में स्वयं फलेश्वर महादेव विराजमान हैं। कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव, और जशपुर में मधेश्वर महादेव विराजमान हैं — जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर महादेव के साथ-साथ आदिशक्ति देवी माता की भी अपार कृपा है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया, चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान 10 वर्ष छत्तीसगढ़ की भूमि पर बिताए थे। इसी भूमि पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाकर आदर्श भक्ति को मान्यता दी थी। छत्तीसगढ़ को प्रभु श्रीराम का ननिहाल भी माना जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने श्रीरामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है।
इस अवसर पर विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, गजेन्द्र यादव, रिकेश सेन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण,गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भिलाई स्टील प्लांट के नवनियुक्त निदेशक श्री चित्त रंजन महापात्र ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर महापात्र ने मुख्यमंत्री साय को पुष्पगुच्छ, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने महापात्र को उनकी नवीन पदस्थापना पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय क्षेत्र के समग्र विकास में प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भिलाई स्टील प्लांट प्रदेश के विकास में प्रभावी योगदान देगा।
आत्मसमर्पित माओवादियों को मिल रहा नया जीवन
कौशल विकास प्रशिक्षण से बदल रही है बस्तर के युवाओं और महिलाओं की जिंदगी
राज्य सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 ला रही रंग
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 और बस्तर संभाग के अंदरूनी गांवों के समग्र विकास के लिए विशेष रूप से संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और विश्वास का नया मार्ग प्रशस्त किया है। इस योजना के कन्वर्जेंस के माध्यम से जिला प्रशासन सुकमा द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल प्रशिक्षण, पुनर्वास एवं स्वरोजगार से जोड़कर समाज की मुख्यधारा में सफलतापूर्वक जोड़ा जा रहा है।
कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में चल रहे इस कार्यक्रम के अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज एवं ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न ट्रेड में नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि आत्मसमर्पित युवा और महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी होकर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
पुनर्वास केंद्र बना नई राह की शुरुआत
कोंटा विकासखंड की अनीता सोड़ी जैसी आत्मसमर्पित महिलाओं के जीवन में यह योजना नई दिशा लेकर आई है। अनीता बताती हैं कि पुनर्वास केंद्र ने हमें यह एहसास कराया कि शांति और सम्मान से भी जीवन जीया जा सकता है। सिलाई, कृषि समेत अन्य आजीविका प्रशिक्षणों ने हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है। अब मैं स्वयं का सिलाई कार्य प्रारंभ कर परिवार को बेहतर भविष्य देना चाहती हूं।
अनीता के साथ सुश्री वेट्टी कन्नी, हड़मे माड़वी, कड़ती विज्जे समेत 6 आत्मसमर्पित महिलाएं लाइवलीहुड कॉलेज सुकमा में चल रहे एक माह के सिलाई प्रशिक्षण में हिस्सा ले रही हैं। ‘सक्षम योजना’ के अंतर्गत उन्हें 40 हजार से 2 लाख रुपये तक का ऋण 3% ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा तथा निःशुल्क सिलाई मशीन एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
लाइवलीहुड कॉलेज में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। इन्हें ब्लाउज, ड्रेस, स्कूल यूनिफॉर्म एवं शर्ट-पैंट की सिलाई की ट्रेंनिग दी जा रही है। साथ ही नोनी सुरक्षा योजना, महतारी वंदन योजना, सक्षम योजना, एवं महिला ऋण योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल भी की जा रही है, जिससे महिला सशक्तिकरण को नई गति मिल रही है।
नियद नेल्ला नार योजना से बस्तर में विकास और विश्वास की बहार बह रही है। अब तक 79 आत्मसमर्पित माओवादियों को सिलाई, कृषि-नर्सरी, वाहन-चालन, राजमिस्त्री एवं उद्यमिता जैसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगामी सप्ताह से 30 युवा राजमिस्त्री प्रशिक्षण के लिए आरसेटी में प्रशिक्षण लेंगे। पुनर्वास केंद्र सुकमा में वर्तमान में 42 प्रशिक्षणार्थी (21 महिलाएं) निवासरत हैं जिन्हें क्रमशः कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है।
योजना के कन्वर्जेंस से युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल विकास, सक्षम, पीएम स्वनिधि, स्टार्टअप, कृषि उद्यमिता और महिला ऋण योजनाओं से जोड़कर स्वरोजगार की राह दिखाई जा रही है जो बस्तर के अंदरूनी गांवों में रोजगार, सम्मान तथा विकास के नए युग का सूत्रपात कर रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शी नीति और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब सरकार संवेदना, अवसर और कौशल के साथ लोगों तक पहुँचती है तो बदलाव सिर्फ संभव ही नहीं बल्कि सुनिश्चित होता है। बस्तर की यह परिवर्तन यात्रा आने वाले समय में शांति, विकास और समृद्धि की स्थायी नींव तैयार करेगी।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुश्री नमी राय पारेख ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय को रायपुर निवासी सुश्री नमी राय पारेख ने बताया कि 05 से 13 जुलाई तक जापान के हिमेजी में एशियन पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम डेडलिफ्ट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुश्री नमी राय पारेख को एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी मेहनत और समर्पण से छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। प्रदेश की बेटियों को आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि से प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर अंजय शुक्ला, अंजिनेश शुक्ला, सनी पारेख सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।