September 06, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे छत्तीसगढ़ का वैश्विक मंच पर नेतृत्व

     रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ अब विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाने जा रहा है। जापान के ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025 में राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर, औद्योगिक विकास और निवेश-अनुकूल वातावरण को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा। इस आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को विशेष आमंत्रण प्राप्त हुआ है, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है।
  13 अप्रैल से 13 अक्टूबर 2025 तक आयोजित यह विश्व स्तरीय आयोजन “Designing Future Society for Our Lives” विषय पर आधारित है। इसके तीन प्रमुख उप-विषय—“Saving Lives”, “Empowering Lives” और “Connecting Lives”—हैं। एक्सपो की व्यापक अवधारणा “People’s Living Lab” है, जो वैश्विक नवाचार, सह-निर्माण और सतत विकास के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। इस आयोजन में 160 से अधिक देश और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठन भाग ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि –

“छत्तीसगढ़ की भागीदारी न केवल हमारी सांस्कृतिक और तकनीकी उपलब्धियों को विश्व पटल पर प्रदर्शित करेगी, बल्कि औद्योगिक विकास और निवेश-अनुकूल गंतव्य के रूप में राज्य की स्थिति को भी और अधिक मजबूत बनाएगी।”

भारत मंडप और छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान

भारत सरकार के सहयोग से “भारत मंडप” शीर्षक वाला भारतीय पैवेलियन भी इस आयोजन का केंद्र बिंदु होगा, जहां प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक नवाचार का संगम प्रस्तुत किया जा रहा है। यहां योग सत्र, भरतनाट्यम प्रस्तुतियां, बॉलीवुड फिल्म स्क्रीनिंग और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को दर्शाता विशेष चंद्रयान ज़ोन दर्शकों को आकर्षित कर रहा है।

इसी बीच छत्तीसगढ़ ने अपनी विश्व प्रसिद्ध ढोकरा कला से अंतरराष्ट्रीय दर्शकों का मन मोह लिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत प्रदर्शित यह धातु कला राज्य की शिल्पकला और परंपरा की अनूठी पहचान बन चुकी है।

युमेशिमा आइलैंड पर होगा राज्य का विशेष स्टॉल

छत्तीसगढ़ को भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के आमंत्रण पर युमेशिमा आइलैंड, कोनोहनाकु स्थित विशाल एक्सपो परिसर में राज्य स्तरीय स्टॉल स्थापित करने का अवसर मिला है। यहां राज्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ आधुनिक औद्योगिक और तकनीकी प्रगति को भी प्रदर्शित करेगा। इस दौरान छत्तीसगढ़, भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के साथ भी सहयोग कर रहा है।

वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में उभरता छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दोहराया कि छत्तीसगढ़ की उपस्थिति वर्ल्ड एक्सपो 2025 में न केवल राज्य की उपलब्धियों को नई पहचान दिलाएगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को वैश्विक औद्योगिक विकास के मानचित्र पर एक उभरते निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी।

यह अवसर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत की नई तस्वीर—आधुनिक, आत्मनिर्भर और वैश्विक साझेदारी को अपनाने वाला भारत—को विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत करेगा। ढोकरा कला से लेकर आधुनिक उद्योगों तक, छत्तीसगढ़ अब दुनिया के सामने अपनी संभावनाओं, परंपराओं और प्रगति की दमदार कहानी कहने के लिए तैयार है।

नन्हें बालगोपालों की अठखेलियों से गुलजार हुआ मुख्यमंत्री निवास

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास में इस बार जन्माष्टमी का उत्सव राजधानी रायपुर के बैरन बाजार स्थित आंगनबाड़ी के नन्हें-मुन्ने बच्चों के साथ मनाया। बच्चों ने राधा और कृष्ण का रूप धरकर अपनी अठखेलियों और मनमोहक वेशभूषा से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
  राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। पूरे निवास परिसर को फूलों, रंगीन रोशनियों और सजावट से सुसज्जित किया गया, जिससे वातावरण भक्ति और उल्लास से भर गया।
  कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने कृष्ण-लीला की झांकियां और प्रसंग प्रस्तुत किए। उनकी मासूमियत और भावपूर्ण अभिनय ने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री निवास बच्चों की हंसी और उल्लास से गुलजार रहा।
  मुख्यमंत्री साय ने बच्चों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि, खुशहाली और निरंतर तरक्की की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीला हमें धर्म, नीति और कर्तव्य पालन की प्रेरणा देती है। छत्तीसगढ़ की जनता की मेहनत और आस्था से प्रदेश निरंतर प्रगति कर रहा है। हमारा संकल्प है कि भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ को न्याय, सद्भाव और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्नेहपूर्वक सभी बच्चों को अपने हाथों से चाकलेट, शिक्षण सामग्री और प्रसाद का वितरण किया।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन न केवल हमारी परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ते हैं। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं  दीं।
  इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष राम सेवक पैकरा, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्षसंजय श्रीवास्तव, मितुल कोठारी, सुनील पिल्ले,  मुख्यमंत्री निवास कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

रायगढ़ जिले में महिला स्व सहायता समूहों ने शुरू किया "रेडी-टू-ईट" का उत्पादन
प्रदेश के 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट, रायगढ़ बना उत्पादन शुरू करने वाला पहला जिला
मुख्यमंत्री साय ने 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे थे अनुबंध पत्र
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कोतरलिया में रेडी-टू-ईट यूनिट का किया शुभारंभ

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को मूर्त रूप देते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार "रेडी-टू-ईट" निर्माण का कार्य पुनः सौंपा है। इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र प्रदान किए थे। इसके बाद मशीन इंस्टॉलेशन का कार्य तेजी से किया गया और अब रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया से "रेडी-टू-ईट" उत्पादन का शुभारंभ हो चुका है।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में 3 करोड़ "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज गति से कार्य कर रहा है। रायगढ़ इस अभियान में अग्रणी जिला बना है।
  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री  ओपी चौधरी ने ग्राम कोतरलिया में "रेडी-टू-ईट" निर्माण इकाई का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया और महिलाओं को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि रायगढ़ से प्रारंभ हुई यह पहल शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी और यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।
  उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन सभी केंद्रों के लिए 10 महिला स्व-सहायता समूहों का चयन किया गया है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। रायगढ़ जिले की परियोजनाओं—रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू के अंतर्गत चयनित समूह जल्द ही "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ करेंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत कोतरलिया से हो चुकी है।
  उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति के इस मिशन को प्रथम चरण में प्रदेश के 6 जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ एवं सूरजपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ किया है। यह पहल महिलाओं की आर्थिक समृद्धि और बच्चों के स्वास्थ्य—दोनों को नई दिशा प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री साय ने एसबीआई साइबर सुरक्षा रथ को झंडी दिखाकर किया रवाना

  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास परिसर से एसबीआई साइबर सतर्कता रथ (ऑडियो-वीडियो वैन) को झंडी दिखाकर रवाना किया और राज्य स्तरीय साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की।
  मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि तकनीक ने मानव जीवन को आसान और सहज बनाया है। डिजिटल लेन-देन तेज और सुविधाजनक हुए हैं, लेकिन इसके साथ साइबर ठगी जैसी चुनौतियां भी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सतर्कता और सावधानी से लोग साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जागरूकता अभियान लोगों में साइबर सुरक्षा की समझ बढ़ाने का एक प्रभावी प्रयास है। इसके अंतर्गत ऑडियो-वीडियो संदेश, नुक्कड़ नाटक और कठपुतली नाटक के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। श्री साय ने  कहा कि प्रदेश में 29 ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहां साइबर ठगी के मामले अधिक होते हैं और इस रथ का विशेष फोकस उन स्थानों पर रहेगा।
  मुख्यमंत्री श्री साय ने लोगों से अपील की कि वे अपने बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड या ओटीपी किसी से साझा न करें और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। उन्होंने कहा कि साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। ज़रा सी लापरवाही मेहनत की कमाई पर भारी पड़ सकती है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों और साइबर अपराध से स्वयं को सुरक्षित रखें।
  उल्लेखनीय है कि डिजिटल माध्यम से हो रही धोखाधड़ी और अनाधिकृत लेन-देन की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने "हर भारतीय का बैंकर" होने के नाते राज्यव्यापी साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 15 अगस्त से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा। यह रथ प्रदेश के सभी 33 जिलों में जाएगा और नाचा दल व नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को साइबर ठगी के तरीकों और इससे बचने के उपायों के बारे में जानकारी देगा।
  भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई जा सकती है। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के डीजीएम श्री राकेश सिन्हा, एजीएम श्री दीपक कुमार सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

बस्तर अब भय और हिंसा से निकलकर विकास व विश्वास की ओर - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर / शौर्यपथ / आज़ादी के 78 साल बाद बस्तर के उन गांवों में तिरंगा शान से लहराया, जहाँ अब तक नक्सलियों का लाल झंडा ही ताक़त और खौफ का प्रतीक माना जाता था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के 29 गांवों में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। दशकों से बंदूकों की नली और डर के साए में जी रहे इन गांवों में तिरंगे का फहराया जाना केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बदलते बस्तर की ऐतिहासिक तस्वीर है। यह तस्वीर दर्शाती है कि सुरक्षा बलों के त्याग, सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और ग्रामीणों की उम्मीद ने मिलकर नक्सलवाद के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इन गांवों में तिरंगा फहराना उस ऐतिहासिक बदलाव का प्रमाण है, जो सुरक्षा बलों के साहस, राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा सबसे बढ़कर ग्रामीणों के धैर्य और विश्वास से संभव हुआ है। बीजापुर जिले के कोंडापल्ली, जीड़पल्ली, वाटेवागु, कर्रेगुट्टा, पिड़िया, पुजारीकांकेर और भीमारम जैसे गांव; नारायणपुर जिले के गारपा, कच्चापाल, बेड़माकोट्टी, कांदूलनार, रायनार सहित कई गांव; तथा सुकमा जिले के गोमगुड़ा, गोल्लाकुंडा, नुलकातोंग और उसकावाया जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में आज़ादी के बाद पहली बार तिरंगे का फहरना एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह उपलब्धि हमारी सुशासन की सरकार के उस संकल्प का परिणाम है, जिसमें नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की नई धारा प्रवाहित करने का लक्ष्य रखा गया है। “बस्तर अब भय और हिंसा से बाहर निकलकर प्रगति, समृद्धि और विश्वास की ओर बढ़ रहा है। सरकार का वचन है कि हर गांव तक विकास की रोशनी पहुँचेगी और कोई भी नागरिक विकास की रोशनी से अछूता नहीं रहेगा,” उन्होंने कहा।
  उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसे सुरक्षा बलों की मेहनत और स्थानीय समुदायों के धैर्य का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि “आज जिन गांवों में तिरंगा फहराया गया, वहाँ दशकों तक लाल झंडे का खौफ छाया रहा। यह  बस्तर में नई सुबह का प्रतीक है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
 पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की नई रणनीति, शिविरों की स्थापना और लगातार दबाव के चलते नक्सली कैडर कमजोर हुआ है। आत्मसमर्पण नीतियों ने बड़ी संख्या में उग्रवादियों को मुख्यधारा में लौटाया है। वहीं सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि केवल सुरक्षा उपाय ही नहीं, बल्कि विकास ही स्थायी समाधान है। इसी कारण नियद नेल्ला नार योजना सहित सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और अन्य योजनाओं से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगा है। ग्रामीणों का भरोसा जीतना इस ऐतिहासिक बदलाव का सबसे बड़ा आधार रहा है। स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर तथा प्रशासन का संवेदनशील रवैया ग्रामीणों को यह संदेश दे रहा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
  बस्तर की यह नई तस्वीर पूरे देश को यह संदेश देती है कि जब इच्छाशक्ति, रणनीति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं रहती। कर्रेगुट्टा सहित बस्तर के इन 29 गांवों में फहराता तिरंगा उस नई सुबह का प्रतीक है, जो हिंसा की अंधेरी रात को पीछे छोड़ते हुए शांति, विकास और आत्मविश्वास से भरे भविष्य की ओर अग्रसर है।

राजनांदगांव/शौर्यपथ/ स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के प्रधान कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण बैंक के अध्यक्ष सचिन सिंह बघेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मिश्रा, अधीक्षक सुरेश द्विवेदी, मुख्य लेखापाल अचला नंदीश्वर, शाखा प्रबंधक मनीष श्रीवास्तव, प्रकाश अखिलेश सहित बैंक के प्रधान कार्यालय, विभिन्न शाखाओं एवं समितियों के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। ध्वजारोहण के पश्चात स्वतंत्रता दिवस पर कर्मचारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों एवं वक्तव्यों से पूरा वातावरण राष्ट्रभक्ति की भावनाओं से सराबोर हो गया

  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के संभावित विदेश दौरे से पहले विस्तार की चर्चा तेज़
  90-सदस्यीय विधानसभा में संवैधानिक सीमा अनुसार अधिकतम 14 मंत्री (मुख्यमंत्री सहित) संभव—वर्तमान में 11
  क्या 33% महिला भागीदारी की ‘आदर्श परिपाटी’ मंत्रिमंडल में दिखेगी?

 रायपुर/विशेष संवाददाता शौर्यपथ
  छत्तीसगढ़ में कैबिनेट विस्तार की अटकलें एक बार फिर परवान चढ़ गई हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि 18 से 21 अगस्त के बीच किसी भी दिन मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह मिल सकती है। फिलहाल सरकार में मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हैं; संवैधानिक सीमा के अनुरूप तीन रिक्त पद भरे जा सकते हैं। चर्चा यह भी है कि इस विस्तार में महिला प्रतिनिधित्व को प्रमुखता दी जाएगी ताकि 33% आरक्षण की ‘आदर्श परिपाटी’ का संदेश कैबिनेट स्तर पर भी जाए।

मुख्य विवरण
संवैधानिक ढाँचा: अनुच्छेद 164(1A) के तहत 90-सदस्यीय विधानसभा में मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या 14 तय है (मुख्यमंत्री सहित)।
वर्तमान स्थिति: सरकार में 11 मंत्री कार्यरत; 3 स्थान रिक्त।
चर्चा: 18–21 अगस्त के बीच विस्तार की संभावना—आधिकारिक घोषणा शेष।
राजभवन के ‘दरबार हॉल’ का नाम ‘छत्तीसगढ़ मंडपम’ किए जाने व यहीं शपथ समारोह की तैयारी की चर्चा—औपचारिक पुष्टि प्रतीक्षित।

महिला प्रतिनिधित्व: नारा नहीं, नीति
   वर्तमान मंत्रिपरिषद में महिला मंत्रियों की संख्या 1 है। यदि कैबिनेट 14 तक भरता है, तो 33% के आदर्श मानक के हिसाब से कम-से-कम 5 महिलाओं की हिस्सेदारी का लक्ष्य प्रतीकात्मकता से आगे बढ़कर नीतिगत भागीदारी का संकेत देगा। विस्तार में कम-से-कम 1–2 नई महिला चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा है। बस्तर से लता उसेंडी और दुर्ग संभाग से भावना बोहरा (जिन्हें 2024 में ‘उत्कृष्ट विधायक’ के रूप में सम्मानित किए जाने का उल्लेख है) जैसे नाम सियासी चर्चा में हैं।
  केंद्र स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नारी शक्ति वंदन’ (33% आरक्षण) के पैरोकार रहे हैं और यह विधेयक संसद से पारित हो चुका है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के लिए यह विस्तार ‘आदर्श राज्य’ की छवि गढ़ने का अवसर बन सकता है।

संभावित दावेदारों की भूमिका: दिए गए नाम सियासी चर्चाओं में चल रहे संभावित विकल्प हैं; आधिकारिक सूची/घोषणा शेष है। उद्देश्य सभी प्रमुख दावेदारों की भूमिका और संभावित संकेत को समग्रता से रखना है।

1) गजेन्द्र यादव: दुर्ग से कांग्रेस के पिछले तीस सालो से लगातार हार / जीत के बावजूद प्रत्याशी रहे अरुण वोरा को चुनावी मैदान में आसान शिकस्त दी आसान इसलिए कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेसी ही मैदान में परदे के पीछे खड़े रहे शहर की जनता भी लगातार एक ही कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन से उब चुकी थी निष्क्रियता और चाटुकारिता से घिरे विधायक की छवि के कारण दुर्ग विधान सभा में चुनावी मौसम में यह चर्चा रही कि भाजपा से कोई भी प्रत्याशी मैदान में होगा जीत निश्चित है ऐसे में भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र यादव को आसान और बड़ी जीत मिली.वर्तमान समय में विधायक यादव और महापौर बाघमार की राजनैतिक दुरी संगठन के कार्यकर्ताओ की विधायक से दुरी के साथ साथ दल्बद्लुओ की फौज का करीबी होना चर्चा का विषय है तो सामाजिक स्तर पर यादव समाज के प्रतिनिधितत्व एक बड़ा फेक्टर साथ दे रहा है .

2) राजेश अग्रवाल (सरगुजा)

क्षेत्रीय महत्व: सरगुजा संभाग का प्रतिनिधित्व मज़बूत करता है, जहाँ संतुलन साधना आवश्यक माना जा रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ की प्राथमिकताओं—सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई—पर फोकस।
3) गुरु खुशवंत साहिब (रायपुर संभाग ): गुरु खुशवंत साहिब प्रदेश के एक बड़े वर्ग के धार्मिक guru के रूप में जाने जाते है ऐसे में प्रदेश सरकार इस बड़े वर्ग को भी साधने के लिए इन्हें मौका दे सकती है . एससी /एसटी वर्ग को प्रतिनिधितव मिलने से इस वर्ग के मतदाता का रुझान भी पार्टी की तरफ ज्यादा रहेगा ऐसे में इनकी दावेदारी की भी प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है और इन्हें केबिनेट में जगह मिलने की बात से चर्चो का बाजार गर्म है .
4) राजेश मूणत : लंबे समय से सक्रिय और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ नेता।अनुभवी हाथों से विभागीय डिलीवरी में तेजी लाने का संकेत। किन्तु पिछली बार भाजपा की सत्ता में रहने के दौरान महत्तवपूर्ण विभाग कीई जिम्मेदारी सँभालने वाले पूर्व मंत्री राजेश मुड़त के कई विभागीय कार्यो में अनियमितता और कमीशनखोरी की चर्चो से पूर्व की भाजपा सरकार को काफी नुकसान हुआ था और सत्ता हाथ से जाने का एक बड़ा कारण भी मुड़त को माना गया .
5) अमर अग्रवाल: भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में पहचान अनुभवी होने के साथ साथ प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ विधायक व लम्बे प्रशासनिक कार्यो का अनुभव किन्तु बड़ी अड़चन यह कि प्रदेश सरकार की वर्तमान राजनितिक गलियारों में चर्चा के अनुसार नए एवं युवा विधायको को यह मौका देने का जोर कही ना कही अमर अग्रवाल जैसे वरिष्ठ भाजपा विधायक को दरकिनार करता नजर आ रहा है वर्तमान समय में मंत्री मंडल में नए विधायको को जिम्मेदारी मिली जो सरकार की मंशा के अनुरूप जोश के साथ कार्य को अंजाम दे रहे है वही नै पीढ़ी को आगे करने की रणनीति कार्यकर्ताओ में भी उम्मीद की किरण के रूप में एक सार्थक माहौल को जन्म दे रही जो संगठन के लिए भी काफी महत्तवपूर्ण है भविष्य की राजनीती के
6) भावना बोहरा (दुर्ग संभाग ): भावना बोहरा : महिला सशक्तिकरण की नई पहचान

पंडरिया विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतने वाली विधायक भावना बोहरा ने अपने सामाजिक और विकास कार्यों से जनता के बीच गहरी छाप छोड़ी है। धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली बोहरा को 2024 में उत्कृष्ट विधायक सम्मान भी मिला। व्यावसायिक पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं पर पकड़ बनाकर प्रशासनिक दक्षता दिखाई है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यदि प्रदेश सरकार उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान देती है तो यह न केवल महिला आरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम होगा, बल्कि भाजपा संगठन को भी महिलाओं के बीच सशक्त नेतृत्व प्रदान करेगा।
  निष्कर्षक संकेत: यदि तीन रिक्त स्थान में 2 पुरुष + 1 महिला या 1 पुरुष + 2 महिलाएँ का फार्मूला अपनता है, तो क्षेत्रीय-सामाजिक संतुलन के साथ महिला प्रतिनिधित्व का संदेश भी जाता है। दूसरी ओर 3 पुरुष विकल्प चुनने की स्थिति में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने का रोडमैप अगले फेरबदल में स्पष्ट करना होगा।
‘हरियाणा मॉडल’ का संदर्भ
 चर्चित ‘हरियाणा मॉडल’ का आशय संख्या-संतुलन और कार्य-वितरण वाले संकुचित-सक्षम कैबिनेट से है। छत्तीसगढ़ पहले से 14 की संवैधानिक सीमा में आता है; अतः यहाँ ‘मॉडल’ का अर्थ प्रशासनिक कार्यकुशलता और संतुलित प्रतिनिधित्व की कार्यशैली से है, न कि किसी कानूनी अपवाद से।
चुनावी गणित बनाम शासन-प्राथमिकताएँ
 विधानसभा चुनावों के चक्र में प्रायः अंतिम वर्ष चुनावी मोड में बीतता है। ऐसे में इस विस्तार के बाद नए मंत्रियों के पास करीब दो वर्ष होंगे—अपने विभागीय प्रदर्शन से संदेश देने के लिए। क्षेत्रीय संतुलन (रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर), सामाजिक संतुलन (ST/SC/OBC/सामान्य/धार्मिक-भाषाई समुदाय) और राजनीतिक योगदान/संगठनात्मक सक्रियता—इन तीनों कसौटियों पर संतुलित चयन सरकार की प्राथमिकताओं का संकेत देगा।

कैबिनेट विस्तार सरकार के राजनीतिक मनोविज्ञान और शासन-दृष्टि की परीक्षा है। यदि महिला प्रतिनिधित्व को अर्थपूर्ण ढंग से बढ़ाया जाता है, तो यह संदेश जाएगा कि छत्तीसगढ़ में नारी शक्ति केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि निर्णय-निर्माण की मेज़ पर बराबरी से बैठी है।आधिकारिक निर्णय आते ही नामों/तिथियों/स्थल का उल्लेख अद्यतन किया जाएगा।

राजनांदगांव/शौर्यपथ/ भारतवर्ष में आज भी लाखों लोग ऐसे हैं, जो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित हैं। किसी के पास दो वक्त की रोटी नहीं, तो कोई छत और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्षरत है। राजनांदगांव के मीलचाल कलोनी में रहने वाली दिव्या लकड़ा का परिवार भी ऐसी ही कठिन परिस्थिति से जूझ रहा है। पति छोड़ कर चला गया है। 4 माह की बेटी सहित दो सदस्यीय इस परिवार को पड़ोसी खाना देते है तब पेट भरता है। आवक का कोई साधन नहीं। ऐसी विषम परिस्थिति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाई जा रही “अन्नपूर्णा मुहिम” इस परिवार के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। 13 अगस्त को संत रामपाल जी महाराज की ओर से अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत परिवार को निःशुल्क राहत सामग्री पहुंचाई गई। उन्हें आटा, चावल, दाल, तेल, नमक जैसी रोजमर्रा की आवश्यक खाद्य सामग्री 1 महीने की दी गई है। साथ ही परिवार की आवश्यकता को देखते हुए बर्तन, पलंग, कपड़ा एवं बाल्टी जैसी अन्य सामग्रियां भी मुहैया कराई गई। अन्नपूर्णा मुहिम के तहत् परिवार का नाम और Contact नंबर भी दर्ज कर लिया गया है, ताकि समय-समय पर और भी सहायता दी जा सके। पड़ोसीयो ने संत रामपाल जी महाराज की ओर से चल रही अन्नपूर्णा मुहिम को मानवता के लिए सराहनीय कार्य बताया। “अन्नपूर्णा मुहिम” केवल राहत सामग्री पहुँचाने का कार्य नहीं है, बल्कि मानवता की पुनर्स्थापना का कार्य है। वर्तमान में उनकी "अन्नपूर्णा मुहिम" देश के कोने-कोने में जरूरतमंदों तक पहुंचने लगी है।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। माँ का तबियत खराब होने के कारण व परिवार के लोग खेत मे काम करने के लिए गए हुए थे, इस दौरान घर के अंदर खेल रही बच्ची ने दरवाजे के पीछे छुपे करैत साँप को पकड़ लिया और उसे खिलौना समझ कर काट लिया, इस घटना में जहाँ साँप की मौत हो गई, वही बच्ची सुरक्षित रही, माँ ने जब यह नजारा देखा तो परिजनों को सूचना दिया, जहाँ 24 घंटे तक इलाज के बाद बच्ची को छुट्टी दे दिया गया।

बताया जा रहा है कि परपा थाना क्षेत्र के ग्राम कोयेनार में रहने वाले पप्पू कश्यप की छोटी बेटी मानवी 9 माह 13 अगस्त को अपनी माँ दीपिका के साथ घर में थी, इसी दौरान दीपिका का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह घर मे ही रह गई, जबकि परिवार के लोग खेती के लिए चले गए थे, माँ ने मानवी को बाहर ना जाये कहते हुए कमरे में ही खेलने के लिए छोड़ दिया, बच्ची ने खेलने के दौरान अचानक दरवाजे के पीछे एक करैत साँप को देखा, जिसे खिलौना समझ कर बच्ची ने पकड़ कर उसे बीच से काटना शुरू कर दिया, बच्ची ने साँप को इस कदर काटा की साँप की मौत हो गई, कुछ देर के बाद माँ ने साँप को देखा और पास में बच्ची को देख परिजनों को सूचना दिया, जहाँ परिजनों ने बच्ची को बेहतर उपचार के लिए मेकाज लाये, जहाँ उपचार के बाद 14 अगस्त की दोपहर बच्ची को छुट्टी दे दिया गया है।

जगदलपुर, शौर्यपथ। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला कलेक्टोरेट जगदलपुर ’’सेवा-सदन’’ परिसर में कलेक्टर हरिस एस ने ध्वजारोहण किया। इसके उपरांत जिला कार्यालय परिसर में स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सीपी बघेल सहित कलेक्टोरेट और संयुक्त जिला कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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