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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दुर्ग। शौर्यपथ विशेष।
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने 15 से 16 सितम्बर तक गुजरात प्रवास कर शिक्षा और तकनीक से जुड़े मॉडल का गहन अध्ययन किया। इस दौरान अहमदाबाद स्थित भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG), पुंद्राशन प्राथमिक शाला, गांधीनगर स्थित विद्या समीक्षा केंद्र सहित अनेक स्थानों का निरीक्षण कर तकनीक-आधारित स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग टूल्स और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने वाले नवाचारों का अवलोकन किया।
तकनीक से बदलेगा शिक्षा का स्वरूप
BISAG में शिक्षा और विज्ञान के नवीनतम नवाचारों का अवलोकन करते हुए मंत्री यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी इस प्रकार की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। तकनीक के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी बल्कि दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में रहने वाले विद्यार्थियों तक बेहतर शैक्षणिक सामग्री पहुँच सकेगी।
गांधीनगर की पुंद्राशन प्राथमिक शाला में स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग पद्धतियों को देखकर उन्होंने कहा कि गुजरात का यह मॉडल निश्चित ही छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
विद्या समीक्षा केंद्र का अनुभव
विद्या समीक्षा केंद्र के निरीक्षण के दौरान श्री यादव ने माना कि डाटा आधारित निगरानी और विश्लेषण शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाता है। शिक्षक उपस्थिति, कक्षाओं की नियमितता और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जो प्रणाली गुजरात ने अपनाई है, उसका लाभ छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा।
शिक्षा मंत्रियों और बुद्धिजीवियों से विमर्श
गुजरात प्रवास के दौरान उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेर भाई डिन्डोर और राज्य मंत्री श्री प्रफुल पांसेरिया से मुलाकात कर शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और तकनीकी नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा प्रख्यात अभिनेता, लेखक और निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ‘चाणक्य’ से भी भेंट की और उन्हें छत्तीसगढ़ आमंत्रित किया।
छत्तीसगढ़ लौटकर जनता के बीच
गृह क्षेत्र लौटने के बाद मंत्री यादव ने आम नागरिकों और कार्यकर्ताओं से भेंट की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस पर ‘स्वच्छता सेवा पखवाड़ा’ अंतर्गत दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर में सहभागी होकर रक्तदान को जीवनदायी सेवा बताया।
इसके साथ ही दुर्ग शक्तिनगर वार्ड 18 में आयोजित विश्वकर्मा जयंती समारोह में शामिल होकर भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की और जनवादी राज मिस्त्री मजदूर संघ के लिए व्यवस्थित भवन की घोषणा भी की।
नई सोच, नया संकल्प
मंत्री यादव ने स्पष्ट किया कि गुजरात प्रवास से मिले अनुभवों के आधार पर छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ाने की ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी। आधुनिक तकनीक से जुड़े सुधारात्मक कदमों से विद्यार्थी डिजिटल भविष्य की ओर अग्रसर होंगे और राज्य की शिक्षा व्यवस्था नए आयाम हासिल करेगी।
By- नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ।विश्कर्मा जयंती के पावन अवसर पर बुधवार को यातायात विभाग जगदलपुर ने अपने वाहनों की विशेष पूजा-अर्चना दंतेश्वरी मंदिर में कराई। पूजा-अर्चना के दौरान दंतेश्वरी माता से सुरक्षित यातायात व्यवस्था, दुर्घटनामुक्त सेवाओं और जनहित में निरंतर कार्य करने की प्रार्थना की गई। विभाग के कर्मचारियों ने इसे परंपरा और श्रद्धा से जुड़ा अवसर मानते हुए अपने वाहनों की साफ-सफाई कर उन्हें पूजा में सम्मिलित किया।
इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों ने संदेश दिया कि वाहन केवल सरकारी संसाधन नहीं, बल्कि जनता की सेवा का साधन हैं। उनकी सुरक्षा, देखभाल और सदुपयोग ही विभाग की प्राथमिकता है।
रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों एवं परिजनों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए लगातार उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है। इसी सिलसिले में आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन में मुख्यमंत्री ने दीदी ई-रिक्शा चालक भुनेश्वरी साहू और मनोज साहू से संवाद किया।
मुख्यमंत्री साय ने रेजा श्रमिक भुनेश्वरी उनकी जीवन यापन के संबंध में जब पूछा तो मोवा रायपुर निवासी भुनेश्वरी ने बताया कि वे पहले रेजा कुली के काम करती थी। इसी दौरान उन्हें दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में जानकारी मिली। अब वह ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण और बच्चों के परिवरिश ठीक से कर रही है। भुनेश्वरी ने बताया कि उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी अच्छी चल रही है। उन्होंने सरकार की इस महती योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इसी प्रकार राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के मनोज कुमार साहू ने मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए कहा कि मेरी दो बच्ची है। बड़ी बेटी भूमिका साहू कक्षा 10 वीं के टॉप 10 में अपना स्थान बनाया है। श्रम विभाग द्वारा संचालित योजना से मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना का लाभ मिल जिसके अंतर्गत 1 लाख रूपए एवं स्कूटी के लिए अलग से सहायता राशि मिली। इसके लिए मैं प्रदेश के मुखिया श्री विष्णु देव साय एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन के प्रति हृदय से धन्यवाद प्रकट करता हूं।
8370 विद्यार्थियों को 6.2 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति व भोजन सहायता राशि ऑनलाइन जारी
रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित सड्डू के प्रयास आवासीय विद्यालय में आदि सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय गांवों के जमीनी बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके शतायु एवं दीर्घायु जीवन की कामना की। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री मोतीलाल साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जनजातीय गांवों का ट्राइबल विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार किया जाएगा, जो दीर्घकालीन विकास का रोडमैप बनेगा। आगामी 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभाओं में इसका अनुमोदन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के धार से इस अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। इसके तहत ऐसे वालंटियर चिन्हांकित किए जाएंगे जो गांव की बेहतरी के लिए विजन रखते हों और उसे जमीनी स्तर पर लागू कर सकें। देशभर में 20 लाख वालंटियर तैयार करने का लक्ष्य है, जिनमें से छत्तीसगढ़ के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार वालंटियर तैयार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने आदि सेवा केंद्रों की स्थापना भी की है, जहां ग्रामीण शासन की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे और अपनी शिकायतें भी दर्ज कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे देश की जनजातीय विरासत गौरवशाली रही है। राज्य सरकार शहीद वीरनारायण सिंह और गुंडाधुर जैसे जनजातीय नायकों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रही है। नवा रायपुर में जनजातीय नायकों की स्मृतियों को सहेजने के लिए म्यूजियम का निर्माण किया जा रहा है। वहीं ट्राइबल म्यूजियम में छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति की सुंदर झलक प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा जनजातीय गांवों के लिए पीएम जनमन योजना तथा धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान के अंतर्गत दिए गए बजट के अनुरूप तेजी से कार्य हो रहा है। जिन क्षेत्रों तक विकास की गति अभी पूर्ण रूप से नहीं पहुँची है, वहाँ अब आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से प्रत्येक घर तक विकास पहुँचाया जाएगा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है। इसके माध्यम से देश के 11 करोड़ से अधिक आदिवासियों के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में लोकप्रिय नेता और नए भारत के निर्माता प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयास से ही 2047 तक विकसित भारत का संकल्प अवश्य पूरा होगा। हमारी सरकार सेवा, समर्पण और मिशन मोड पर आदि कर्मयोगी अभियान को आगे बढ़ा रही है। रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं और आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार आदि साथी व आदि सहयोगी तैयार किए जा रहे हैं। ये सहयोगी आदिवासी परिवारों से उनकी भाषा में संवाद कर उनकी समस्याओं व अपेक्षाओं को समझेंगे और विकास की दिशा तय करने में सहभागी बनेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी राज्योत्सव तक 50 हजार आदि कर्मयोगी तैयार करने का लक्ष्य है। साथ ही, शिष्यवृत्ति प्रदाय की समय-सीमा तय कर दी गई है ताकि विद्यार्थियों को राशि समय पर उनके खातों में प्राप्त हो सके।
शिष्यवृत्ति और भोजन सहायता के तहत 6.2 करोड़ की राशि अंतरित
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आदि सेवा पखवाड़ा के शुभारंभ अवसर पर आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास तथा पिछड़ा वर्ग विभाग की योजनाओं के तहत प्रदेश के आश्रम-छात्रावासों में निवासरत 8,370 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं भोजन सहायता योजना की राशि 6 करोड़ 2 लाख 19 हजार 270 रुपये का ऑनलाइन अंतरण उनके खातों में किया।
एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत पौधरोपण
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रयास आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के अंतर्गत जामुन का पौधा रोपा। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने पेंटिंग व रंगोली प्रदर्शित की, जिनका मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और बच्चों की रचनात्मकता की सराहना की। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को उनके चित्र की पेंटिंग भेंट की।
मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों के साथ किया भोजन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रयास आवासीय विद्यालय सड्डू में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के छात्र किशन बैगा और छात्रा अंजुला बैगा को अपने बगल में बैठाकर विद्यार्थियों के साथ भोजन किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ मुनगा की सब्जी, पूड़ी और दाल-भात का स्वाद लेते हुए उनसे आत्मीय बातचीत की। किशन ने बताया कि वह मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के लाखनटोला गांव का निवासी है और प्रयास विद्यालय सड्डू में कक्षा 11वीं में अध्ययनरत है। मुख्यमंत्री ने उससे गांव में प्रधानमंत्री जनमन योजना के कार्यों के बारे में पूछा। कक्षा 12वीं की छात्रा अंजुला ने बताया कि वह देवगढ़ गांव (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) की रहने वाली है और जीव विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने दोनों को मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।
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✍️ सम्पादक: शरद पंसारी
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रायपुर, 17 सितम्बर 2025 // शौर्यपथ।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के स्वच्छता, आवास और लोक कल्याण उत्सव में शामिल हुए। राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने ‘स्वच्छता ही सेवा’ और ‘अंगीकार-2025’ अभियान, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना 2.0 तथा लोक कल्याण मेला का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 11 हजार लाभार्थियों को गृहप्रवेश कराया। उन्होंने स्वच्छता सुपर लीग के टूल-किट का विमोचन, हितग्राहियों को भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र और स्वनिधि योजना के चेक वितरित किए तथा रायपुर नगर निगम के दिवंगत कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित नागरिकों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री साय ने भगवान विश्वकर्मा जयंती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन की शुभकामनाएँ देते हुए कहा—
“देश को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा काम किया है। घर की साफ-सफाई सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं, पुरुषों का भी दायित्व है। आज स्वच्छता लोगों की आदत बन चुकी है।”
उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में छत्तीसगढ़ को 7 राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। बीस हजार से कम आबादी वाले देश के 100 सबसे स्वच्छ शहरों में से 58 शहर अकेले छत्तीसगढ़ के हैं। यह उपलब्धि स्वच्छता दीदियों, सफाईकर्मियों और नागरिकों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 वर्षों में देश के हर वर्ग की चिंता की है। ‘अंगीकार-2025’ अभियान के तहत हर पात्र परिवार तक आवास पहुँचाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना 2.0 अब प्रदेश में लागू हो रही है, जिससे स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री सुनील सोनी, रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हितग्राही उपस्थित थे। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक श्री आर. एक्का ने योजनाओं की जानकारी दी।
रायपुर / शौर्यपथ।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में विधि-विधान से भगवान विश्वकर्मा जयंती की पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े तथा छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा भी उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री साय ने भगवान विश्वकर्मा को संसार का प्रथम वास्तुकार एवं सृजन-निर्माण का देवता बताते हुए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा—
“छत्तीसगढ़ के श्रमवीर प्रदेश की प्रगति और निर्माण के वास्तविक आधारस्तंभ हैं। श्रम की सार्थकता और सृजन की भावना को समाज में प्रतिष्ठित करने का श्रेय भगवान विश्वकर्मा को जाता है। विश्वकर्मा जयंती का यह अवसर हम सभी को समर्पण और ईमानदारी से कार्य करने की प्रेरणा देता है।”
रायपुर / शौर्यपथ।
राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज एक महत्वपूर्ण सौजन्य भेंट हुई, जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने मुलाकात की।
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण, पोषण सुरक्षा और बाल शिक्षा को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की साझी पहल से इन क्षेत्रों में और ठोस परिणाम सामने आएंगे।
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी प्रदेश के प्रयासों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार बच्चों और महिलाओं के कल्याणकारी कार्यक्रमों को और मजबूती से आगे बढ़ाने में हरसंभव सहयोग करेगी।
इस अवसर पर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा भी उपस्थित रहीं।
छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ / भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कुशल संगठन शिल्पी, अद्भुत प्रशासक और विश्व मंच पर भारत की पहचान को ऊँचाई देने वाले सशक्त नेतृत्वकर्ता हैं। मां भारती के वैभव को पुनः स्थापित कर भारत की छवि को विश्व शिखर तक पहुँचाने के उनके संकल्प और प्रयासों के लिए देशवासी सदैव उनके आभारी हैं।
छत्तीसगढ़ में विश्वास और विकास का जो वातावरण बना है, वह प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी का ही परिणाम है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के उनके संकल्प के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करना ही उनके जन्मदिन पर हमारी ओर से सच्चा उपहार होगा।
छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके दीर्घायु और निरंतर नेतृत्व की कामना की।
राजनांदगांव/ राजनांदगांव में सोमवार को विश्वकर्मा पूजा का पर्व श्रद्धा, उत्साह और सामूहिक सहभागिता के साथ मनाया गया। शहर की कई कंस्ट्रक्शन साइट्स पर श्रमिकों और मिस्त्रियों ने अपने-अपने कार्यस्थलों पर पारंपरिक विधि से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की। सुबह से ही निर्माण स्थलों पर विशेष साफ-सफाई की गई और पूजा के लिए स्थान सजाया गया। मिस्त्रियों और मजदूरों ने अपने औजारों – जैसे हथौड़ा, छेनी, गैंती, बेलचा, मिक्सर मशीन आदि को धोकर पूजा के लिए सजाया। पूजा में नारियल, अगरबत्ती, फूल और प्रसाद चढ़ाकर भगवान विश्वकर्मा से सुरक्षा, समृद्धि और कार्य में सफलता की प्रार्थना की गई। पूजा संपन्न होने के बाद सभी श्रमिकों और मिस्त्रियों के लिए सामूहिक भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम के दौरान आपसी भाईचारे और सहयोग की झलक साफ देखने को मिली। वरिष्ठ मिस्त्री हिरामन साहू,हिरा साहू,सावन साहू,'गोपाल कवरकार्तीक,कोमल,महेन्द ने बताया, “हम सालभर मेहनत करते हैं, लेकिन यह दिन हमारे लिए विशेष होता है जब हम अपने औजारों और मेहनत को पूजते हैं। यह पर्व हमारे आत्मसम्मान और एकता का प्रतीक है।” निर्माण कंपनिऔर ठेकेदारों ने भी आयोजन में सहयोग करते हुए पूजा सामग्री और भोजन की व्यवस्था कराई। इस आयोजन ने मेहनतकश हाथों को नमन करते हुए तकनीकी प्रगति और श्रमिकों के योगदान को सम्मानित करने का संदेश दिया।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा बस्तर संभाग के न्यायिक अधिकारियों के लिए एक दिवसीय संभागीय न्यायिक सेमिनार का आयोजन प्रेरणा हॉल, कलेक्टरेट भवन, जगदलपुर में किया गया। इस सेमिनार में बस्तर संभाग के चार जिलों जगदलपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव के 43 न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी ने वर्चुअल माध्यम से सत्र का उद्घाटन किया। सेमिनार में श्री अमितेंद्र किशोर प्रसाद, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, पोर्टफोलियो न्यायाधीश, जिला कांकेर की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
मुख्य न्यायाधीश ने बस्तर संभाग के न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में न्यायपालिका से अपेक्षाएँ बहुत अधिक हैं। लोग हमसे अत्यधिक आशा रखते हैं। यह सेमिनार केवल सीखने का मंच ही नहीं, बल्कि न्याय, निष्पक्षता और विधि के शासन के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि भी है।
मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायिक शिक्षा एक बार की प्रक्रिया नहीं है; बल्कि यह सतत प्रक्रिया है। आज के दौर में जहाँ कानून तेजी से विकसित हो रहे हैं और समाज नई चुनौतियों का सामना कर रहा है, वहाँ न्याय के संरक्षक होने के नाते हमें निरंतर अपने ज्ञान को समृद्ध करना और अपनी न्यायिक क्षमता को धार देना अनिवार्य है। सतत प्रशिक्षण सुनिश्चित करता है कि हम अपने संवैधानिक दायित्वों को दक्षता, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ निभा सकें।
मुख्य न्यायाधीश ने आगे यह भी कहा कि बस्तर क्षेत्र अपने विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ न्यायपालिका के लिए चुनौतियाँ और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है। हमारा दायित्व है कि न्याय समाज के हर कोने तक पहुँचे, विशेष रूप से वंचित और कमजोर वर्गों तक। यहाँ के न्यायिक अधिकारियों की भूमिका जनता के विश्वास को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है कि न्याय न केवल किया जाए, बल्कि होता हुआ भी दिखाई दे।
मुख्य न्यायाधीश ने सभी न्यायिक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सहानुभूति, धैर्य और निष्पक्षता के साथ न्यायिक कार्य करें। याद रखें, प्रत्येक मामले के पीछे एक मानवीय कहानी होती है संघर्ष, आशा और न्यायपालिका में विश्वास की। हमें सदैव यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि न्याय समय पर, पारदर्शी और तर्कपूर्ण तरीके से दिया जाए।
अंत में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकार के सेमिनार समकालीन विधिक मुद्दों पर विचार-विमर्श, अनुभवों के आदान-प्रदान और श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को अपनाने का मूल्यवान अवसर प्रदान करते हैं। इस सेमिनार में हुई चर्चाएँ न्यायिक अधिकारियों की दक्षता को बढ़ाएँगी और उन्हें न्यायिक कार्य की जटिलताओं को और अधिक कुशलता से संभालने योग्य बनाएँगी।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर एवं दंतेवाड़ा के जिलों के न्यायिक अधिकारी उपस्थित थे। स्वागत भाषण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जगदलपुर द्वारा दिया गया, परिचयात्मक उद्बोधन छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के निदेशक ने तथा धन्यवाद ज्ञापन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जगदलपुर द्वारा किया गया।
सेमिनार में बस्तर संभाग के कुल 43 न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों द्वारा परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के मामलों की कार्यवाही का अवलोकन तथा इनके निपटारे हेतु नवीन उपकरण और तकनीकें, मध्यस्थता में रेफरल जज की भूमिका, डिक्री का क्रियान्वयन गिरफ्तारी एवं सिविल कारागृह में निरुद्धि तथा संपत्ति की कुर्की द्वारा समयबद्ध और प्रभावी प्रवर्तन हेतु रणनीतियाँ, सलाखों के पीछे या स्वतंत्र रिमांड और जमानत के प्रावधानों का गहन विश्लेषण, माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के नवीनतम निर्णयों के विशेष संदर्भ के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिए गए।
गंगरेल डुबान क्षेत्र की 11 मछुआ सहकारी समितियों को मिला मछली पालन का पुनः हक
मुख्यमंत्री साय ने डुबान क्षेत्र में एम्बुलेंस और राष्ट्रीय बैंक शाखा शीघ्र खोलने का दिया आश्वासन
स्वच्छ भारत मिशन, जनधन योजना और आवास योजना से लोगों के जीवन में आया बदलाव
रायपुर / शौर्यपथ / गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की मछुआ सहकारी समितियों को पुनः मछली पालन का हक मिलने पर प्रभावित समितियों के सदस्यों ने विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास पहुँचकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए अभिनंदन किया। इस अवसर पर गंगरेल डुबान क्षेत्र के तीन जिलों—धमतरी, कांकेर और बालोद की 11 मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यगण उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर ग्रामीणों की मांग पर डुबान क्षेत्र में जनसुविधा हेतु एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने और राष्ट्रीय बैंक की शाखा शीघ्र खोले जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। विभिन्न शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हों और लोग सीधे लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण को बढ़ावा देकर बेटियों और महिलाओं को सम्मान दिलाने का कार्य किया है। आज स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री जनधन योजना के माध्यम से आम नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है और विभिन्न योजनाओं का लाभ अब सीधे डीबीटी के माध्यम से हितग्राहियों तक पहुँच रहा है। इस व्यवस्था ने बिचौलियों की भूमिका समाप्त की है और भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों को पुनः रेडी-टू-ईट कार्य का जिम्मा सौंपा है, जिससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ग के उत्थान और सम्मान के लिए हमारी सरकार सतत कार्य कर रही है।
इस अवसर पर धमतरी महापौर श्री रामू रोहरा एवं पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पांडेय उपस्थित थीं। कार्यक्रम में गंगरेल बांध डुबान क्षेत्र की 11 मछुआ समितियों में ग्राम उरपुरी, तेलगुड़ा, मोगरागहन, कोलियारी पुराना, कोलियारी नया, गंगरेल, फुटहामुड़ा, तुमाबुजुर्ग, अलोरी, भिलाई एवं देवीनवागांव के सदस्यगण सहित अन्य गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / आगामी नवरात्रि पर्व को शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में संपन्न कराने के उद्देश्य से कोतवाली थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम ने की।
बैठक में विभिन्न धूमधाम बाजा समितियों एवं पंडाल आयोजक समितियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। थाना प्रभारी ने आयोजकों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी असामाजिक या बाहरी व्यक्ति को पंडाल परिसर में प्रवेश न दिया जाए। साथ ही नशे की हालत में आने वाले व्यक्तियों को रोकने और असामाजिक तत्वों पर सख्त निगरानी रखने पर बल दिया।
पुलिस प्रशासन ने आयोजकों से अपील की कि वे परंपरागत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मर्यादित ढंग से आयोजित करें, ध्वनि प्रदूषण और यातायात व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखें। साथ ही समिति के सदस्यों से अपेक्षा की गई कि वे पुलिस को हर संभव सहयोग प्रदान करें, जिससे पर्व का उल्लास और शहर की शांति व्यवस्था दोनों बरकरार रह सकें।
गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के बाद अब शहर नवरात्रि की तैयारियों में जुट चुका है। मातारानी की आराधना के नौ दिनों में भक्तों की भारी भीड़ जुटेगी। ऐसे में पुलिस-प्रशासन और आयोजन समितियों का संयुक्त प्रयास ही इस पर्व को सुरक्षित व सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न करा सकेगा।
