November 21, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

दूसरे राज्यों से धान आवक रोकने सीमावर्ती क्षेत्रों में रखी जा रही है कड़ी निगरानी
   रायपुर / शौर्यपथ / खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी का महाअभियान शुरू हो चुका है। 14 नवम्बर से अब तक मात्र तीन दिन की खरीदी में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का आकड़ा 3 लाख टन के पार पहुंच गया है। मंत्री बघेल ने कहा कि धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है। चालू विपणन वर्ष में 160 लाख टन धान उपार्जन का अनुमान है।
   देव-दीवाली 14 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी महापर्व के 6वें दिन तक 3.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 68,668 किसान अब तक धान बेच चुके हैं। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत् 502.53 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह महाअभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। खाद्यमंत्री बघेल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज 20,296 किसानों से 93 हजार 581 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। राज्य में धान बेचने के लिए इस साल 27.68 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर के लिए कुल 23791 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 19934 टोकन जारी किए गए है।
    मंत्री बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा दी है, इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली-मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री के इस फैसले से किसान बेहद प्रसन्न है।
  मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि दूसरे राज्यों से धान के अवैध आवक/परिवहन की रोकथाम के लिए बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी रखने के लिए चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। धान खरीदी व्यवस्था पर निगरानी के लिए अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जो लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।

समाचार सार
बस्तर से नक्सल उन्मूलन में सुरक्षा जवानों की है अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका
बस्तर प्रवास के दौरान  जवानों का उत्साह बढ़ाने मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे सीआरपीएफ कैंप
जवानों के आग्रह पर सीआरपीएफ कैंप सेडवा में मुख्यमंत्री ने किया रात्रि विश्राम

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि पिछले 11 महीनों के दौरान आप लोगों ने जिस तरह नक्सली आतंक को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की हैं, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। आप लोग परिवार से दूर रहकर और सुख-सुविधाओं को त्याग कर बस्तर के विकास में जो योगदान दे रहे हैं, उससे आप लोगों ने यहां के जनजातीय समुदायों के हृदय में अपने लिए हमेशा हमेशा के लिए जगह बना ली है। श्री साय बस्तर जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल  के सेडवा कैंप में जवानों को सम्बोधित कर रहे थे।
  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अचानक सीआरपीएफ कैंप पहुंचने पर आश्चर्यमिश्रित खुशी के साथ ही जवानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षा बलों के जवानों से आत्मीयतापूर्वक संवाद करते हुए कहा कि जब मैं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में चित्रकोट आया था, तो मेरी बड़ी इच्छा थी कि मैं आप सब जवानों से मिलूं। पिछले 11 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर जो सफलता मिली है, उसमें आप सभी का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। मैं आप सभी के साहस को नमन करता हूं। नक्सल अभियान में आप सभी को जो सफलता मिल रही है, उसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जब भी मेरी मुलाकात होती है तो वे नक्सल अभियान में छत्तीसगढ़ को मिल रही सफलता का जिक्र जरूर करते हैं। गृह मंत्री श्री अमित शाह का नक्सल ऑपरेशन में सतत मार्गदर्शन और सहयोग मिलते रहा है।
   मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में हमने नक्सलवाद को वर्ष 2026 तक समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का भी यही संदेश है।
  बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने अल्प अवधि में ही 200 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 740 से ज्यादा माओवादी कैडर्स ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वे हिंसा त्याग कर लोकतंत्र की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं।शासन ने हिंसा का त्याग करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए ऐसी नीति बनाई है कि आने वाले दिनों में और भी बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे।
सुरक्षा बल के जवानों द्वारा कैंप में रात्रि विश्राम करने के आग्रह पर उन्होंने कैंप में रात्रि विश्राम भी किया।

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दंतेवाड़ा में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की  पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय और परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मण्डावी तथा अन्य जनप्रतिनिधियों सहित मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी के परिसर में नीम का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनूठा प्रयास है, जिसमें सभी लोग स्वस्फूर्त अपनी भागीदारी दे रहे हैं। श्री साय ने सभी से एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पौधरोपण से हम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ वातावरण का उपहार देते हैं।
    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साय बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद अचानक सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के कैंप पहुंचे थे। वृक्षारोपण के दौरान सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री करने करने की घोषणा की है। इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का अध्ययन ही हमें वर्तमान और भविष्य के बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। उन्होंने कहा है कि यह फिल्म इतिहास के उस भयावह सत्य को उजागर करने का अत्यंत सराहनीय और प्रभावशाली प्रयास है जिसे निहित स्वार्थ के लिए छुपाने का प्रयास किया गया था। यह फिल्म तात्कालिक सिस्टम की उस सच्चाई को उजागर करती है, जो झूठे नरेटिव फैलाकर सत्य को दबाने का निंदित प्रयास करती थी। फिल्म दर्दनाक घटना को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।

बिना किसी अलाटमेंट और अनुमति के निगम आयुक्त के लिए किस अधिकार से तैयार करवा रहे बंगला ? दुर्ग / शौर्यपथ / अपने पिछले कार्यकाल में विवादों में रहने वाले…

  दुर्ग / शौर्यपथ / जिला चिकित्सालय दुर्ग की जीवनदीप समिति कार्यकारिणी सभा की बैठक समिति की अध्यक्ष एवं कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में 19 नवम्बर 2024 को शाम 4 बजे जिला चिकित्सालय दुर्ग के टेलीमेडिसीन कक्ष में आयोजित की गई है। बैठक की एजेण्डानुसार विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। समिति से संबंधित अधिकारियों को बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है।

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री यादव के प्रति जताया आभार

    रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव को धन्यवाद दिया है। यह टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व होगा। गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर होगा। इनमें आरक्षित वन 1254.586 वर्ग किलोमीटर, संरक्षित वन 1438.451 वर्ग किलोमीटर तथा राजस्व क्षेत्र 136.35 वर्ग किलोमीटर शामिल हैं।
  उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी है। उन्होंने कहा कि भारत बाघ संरक्षण में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है, इसी क्रम में हमने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

   
  छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, और इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है। यह इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश में अधिसूचित होने वाला 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
  भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव योजना में परिकल्पित संरक्षण के लिए परिदृश्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से सटा हुआ है, जो लगभग 4500 वर्ग किलोमीटर का परिदृश्य परिसर बनाता है। इसके अलावा, यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।
 छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित यह बाघ अभयारण्य विविध भूभागों, घने जंगलों, नदियों और झरनों से समृद्ध है, जो समृद्ध जीव विविधता के लिए अनुकूल हैं और इसमें बाघों के लिए महत्वपूर्ण आवास मौजूद हैं।
  भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। अकशेरुकी जीवों का प्रतिनिधित्व ज्यादातर कीट वर्ग द्वारा किया जाता है। कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं।
  इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी।

नरेश देवांगन की ख़ास रिपोर्ट जगदलपुर/शौर्यपथ/आदिवासी विकास विभाग के तहत जिले में संचालित आश्रमों एवं छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक जिले के कलेक्टर समय समय पे उपलब्ध सुविधाओं तथा आधारभूत…

   दुर्ग / शौर्यपथ / नगर निगम द्वारा आयोजित शिविर में क 1 के 1571  प्राप्त आवेदनों में से 1377 आवेदकों के आवेदन को अस्वीकृति कर दिया गया है जिसको लेकर महापौर धीरज बाकलीवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश महोदय से मुलाकात की। इस अवसर पर सभापति राजेश यादव,आर एन वर्मा,अलताफ अहमद,एम.आई.सी. सदस्य दीपक साहू,संजय कोहले,जमुना साहू,बृजलाल पटेल, और शिशिरकांत कसार भी उपस्थित रहे।  
  प्रतिनिधिमंडल ने आगामी नगर निगम चुनाव के संदर्भ में सभी वार्डों में लगाए गए शिविरों के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने और काटने के लिए प्राप्त आवेदनों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन निरस्त किए गए हैं, जिससे कई मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया और जिलाधीश महोदय से इन मामलों पर तुरंत संज्ञान लेने का अनुरोध किया।  
  महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा कि यह समस्या गंभीर है और यदि समय पर समाधान नहीं किया गया, तो बड़ी संख्या में मतदाता अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। उन्होंने मांग की कि इन आवेदनों की फिर से जांच की जाए और निरस्त किए गए आवेदनों पर उचित कार्रवाई की जाए।  

इस अवसर पर जिलाधीश महोदय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सभी आवेदनों पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी और नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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