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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
मुख्यमंत्री साय स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के नवनियुक्त
अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई ग्राउंड में छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव को पदभार ग्रहण करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ पृथक राज्य का निर्माण किया। 2003 में जनादेश के बाद डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनाए गए जिनके नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से विकास हुआ। मुझे गर्व होता है यह बताते हुए कि डॉ सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में जो पीडीएस व्यवस्था बनाई गई। वह आज पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ पीडीएस व्यवस्था है। उन्होंने नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेहद अनुभवी हैं रायपुर नगर निगम में सभापति और रायपुर विकास निगम के अध्यक्ष का दायित्व भी उन्होंने निभाया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि यह कॉर्पाेरेशन सिर्फ एक संस्था नहीं है, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का सेतु है। यह एकमात्र निगम है जो प्रदेश की 75 प्रतिशत जनता से जुड़ा हुआ है। राशन की एक-एक दुकान की मॉनिटरिंग, वेयर हाउस की निगरानी, समय पर जन-जन तक खाद्यान्न सप्लाई सुनिश्चित करने तक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक सर्व किरण सिंह देव, धरमलाल कौशिक, पुन्नूलाल मोहले, प्रबोध मिंज, अमर अग्रवाल, अनुज शर्मा, सुशांत शुक्ला, राजेश अग्रवाल, पुरंदर मिश्रा, रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे, राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पांडेय, राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत, बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्रकार, छत्तीसगढ़ वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज, छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार बोर्ड के अध्यक्ष ध्रुव कुमार मिर्घा, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव मौजूद रहे।
छत्तीसगढ़ ने पहली बार जीता गोल्ड
सूरज सिंह परिहार आईपीएस और आकर्षि कश्यप डीएसपी की जोड़ी ने स्वर्ण पदक हासिल किया
स्पर्धा का रजत पदक भी छग के नाम रहा
मिक्सड डबल्स में आईपीएस भावना गुप्ता और मिजोरम के मोरमुता की जोड़ी को रजत पदक मिला
रायपुर / शौर्यपथ / अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस टूर्नामेंट की मिक्सड डबल्स स्पर्धा में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया है। इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। स्पर्धा का रजत पदक भी छत्तीसगढ़ के नाम रहा।
केरल के क्षेत्रीय खेल केन्द्र राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम कदवंथरा, एर्नाकुलम में 11 से 15 अप्रैल तक आयोजित अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ ने 43 टीमों के बीच पदक तालिका में तीसरे स्थान प्राप्त किया। बैडमिंटन और टेबल टेनिस में छत्तीसगढ़ ने कुल 11 पदक जीते। केरल के कोचीन में आज 5 दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। इससे पहले चंडीगढ़ में छत्तीसगढ़ ने 5 पदक जीते गए थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस टूर्नामेंट में इस शानदार उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस और पदक विजेताओं को बधाई और शुमकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों की यह उपलब्धि अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन की वार्षिक बैठक का आयोजन इस्पात नगरी के एक निजी होटल में किया गया। बैठक में स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स के हित में अनेक निर्णय पारित किया गया। पदाधिकारियों व सदस्यों ने अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह छोटू का भव्य स्वागत किया।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह छोटू ने कहा कि यह संगठन पिछले 50 वर्षों से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की आवाज बना हुआ है। पिछले तीन वर्षों में संगठन ने उल्लेखनीय प्रगति की है और कईं अहम बदलावों को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि आज यूनियन में सभी ट्रांसपोर्टरों को बराबर अवसर मिल रहा है और अब किसी का काम कोई दूसरा नहीं छीन रहा। पहले बाहरी ठेकेदारों द्वारा काम हथियाने की प्रवृत्ति थी। लेकिन अब स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को ही प्राथमिकता दी जा रही है।
जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा एलडी स्लैग ढोने वाली गाड़ियों को 7 नंबर गेट से प्रवेश की अनुमति दी गई है। यह मांग लंबे समय से एसोसिएशन द्वारा की जा रही थी, जिस पर अब सकारात्मक निर्णय हुआ है। इस निर्णय से प्रतिदिन 70 ट्रकों को प्रवेश मिलेगा। जिससे ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत मिलेगी।
इस मौके पर अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छोटू का सभी ट्रांसपोर्टरों ने जोरदार स्वागत किया और उन्हें विशाल फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। यूनियन द्वारा किए गए सेवा कार्यों की भी सराहना हुई। जिसमें इस वर्ष 75 ड्राइवरों की बेटियों की शादी में 25-25 हजार की आर्थिक सहायता, 800 यूनिट रक्तदान, 2500 से अधिक हेलमेट वितरण और ट्रांसपोर्टरों का स्वास्थ्य परीक्षण व 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस शामिल है।
बैठक का संचालन महासचिव मलकीत सिंह लल्लू एवं आभार प्रदर्शन कार्यकारी अध्यक्ष अनिल चौधरी ने किया। इस अवसर पर संरक्षक प्रभुनाथ मिश्रा, गनी खान, सुधीर सिंह ठाकुर, महेंद्र सिंह पप्पी, दिलीप खटवानी, बलजिंदर सिंह, शहनवाज़ कुरैशी, राहुल जैन, सतेंद्र शर्मा, राजू भसीन, कमलेश्वर सिंह, सुनिल यादव, विक्रम अग्रवाल, वाजिद अंसारी, रमन, आनंद सिंह, निर्मल सिंह निम्मे, अभिषेक जैन, गुरप्रीत सिंह, गोनी सिंह, चिंटू सिंह, टिप्पर ग्रुप से लाला यादव, कमलेश्वर सिंह, गिरीश खंडेलवाल, पंकज शर्मा, सुनील यादव, वाजिद अंसारी, हर्ष शर्मा, मनोज अग्रवाल,रिजू सिंह,दलजीत सिंह, लिफ्टर कृष्णा सिंह, प्रेम सिंह, ईश्वरी साहू,विक्रम अग्रवाल, अश्वनी राय,भोज भारत त्रिवेदी, टी राजेश, दुबे समेत अन्य गणमान्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।
रायपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर में बच्चों को जबरिया नमाज पढ़ाने की घटना की जांच होनी चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह घटना गंभीर है प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार करने का षडयंत्र प्रतीत हो रहा है। बिलासपुर में एनएसएस के गैर मुस्लिम छात्रों को जबरिया नमाज पढ़वाने की घटना न केवल गैरकानूनी है बल्कि असवैधानिक भी है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ के शांत प्रदेश, जहां 95 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है वहां इस प्रकार की घटना राजनैतिक लाभ के लिए गंभीर षड्यंत्र का संदेह पैदा करती है। बिना सत्ता के संरक्षण के किसी इंस्ट्रक्टर के द्वारा ऐसा कृत्य करने की हिम्मत नहीं हो सकती। इस मामले में भाजपा की डबल इंजन की सरकार दोषी है। बिलासपुर की यूनिवर्सिटी केन्द्रीय यूनिवर्सिटी है। संचालन राज्य सरकार द्वारा हो रहा है, दोषी केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों है। इसका जवाब राज्य, मोदी सरकार को देना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी का इतिहास रहा है कि ये अपने नफरती एजेंडे के लिए जमीन तैयार करवाने इस तरह की घटनाएं कारित करवाते हैं ताकि धार्मिक ध्रुवीकरण का अवसर मिले। इसी तरह से संघी भाजपाइयों का उन्मादी चरित्र कवर्धा बिरनपुर और नारायणपुर में भी उजागर हुआ था नारायणपुर में तो भाजपा के जिला अध्यक्ष एसपी पर पथराव करते पाए गए।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सांप्रदायिक फिजा को खराब किए जाने वाले हर षडयंत्र के निष्पक्ष जांच होना चाहिए। एनएसएस के उस कैंप में 159 छात्र थे जिसमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे। बिलासपुर में गैर मुस्लिम जबरिया नमाज पढाने की इस घटना का हाईकोर्ट के सिटिंग जज के निर्देशन में जांच किया जाए।
कोंडागांव / शौर्यपथ / अक्सर देखा गया है नियमों को लाने के बाद जब नियमे को जब फिर खत्म कर दी जाती है तो जिस विभाग ने नियम लाया था उसके द्वारा मुनादी नही कराया जाता जिससे लोग बेख़बर रह जाते है कुछ समय पहले श्रम विभाग ने गुमास्ता एक्ट खत्म कर दिया गया है मगर लोगों की दुकान आज भी बन्द नजर आ रही जिसका मार्केट में बुरा असर पड़ रहा जल्द साथ ही शादी का सीजन भी पहुँच चुका है
छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 13 फरवरी 2025 द्वारा जारी छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित छ०ग० दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 2017 सम्पूर्ण छ०ग० राज्य हेतु प्रभावशील किया गया है।
उक्त अधिनियम के तहत छ०ग० दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) नियम 2021 अन्तर्गत प्रदेश में स्थित समस्त दुकान एवं स्थापनाओं, जिनमें 10 या 10 से अधिक कर्मचारी नियोजित करने वाली स्थापनाओं, को श्रम पहचान संख्या प्राप्त करना अनिवार्य है। श्रम पहचान संख्या पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निर्धारित समयावधि 06 माह नियत की गई है। पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज के रूप में नियोक्ता का आधार कार्ड, पार्टनरशिप अनुबंध पत्र, नगरीय क्षेत्र हेतु सम्पत्ति कर रसीद, ग्रामीण क्षेत्रहेतु पंचायत का अनापत्ति प्रमाण पत्र, गुमास्ता प्राप्त करने हेतु शपथ पत्र, स्थापना का किरायानामा एवं नियोजित कर्मचारियों की संख्या अनुरूप शुल्क राशि रू. 1000.00 से 10,000.00 तक शुल्क निर्धारित है।
छ०ग० दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत श्रम पहचान संख्या पंजीकरण की कार्यवाही श्रम विभाग के वेबसाईट https://shramevjayate.cg.gov.in अथवा श्रम विभाग के जिला कार्यालय के माध्यम से की जावेगी। अतः सभी स्थित दुकानों एवं स्थापनाओं से अपील की जाती है कि 06 माह के भीतर श्रम पहचान संख्या पंजीकरण कराना सुनिश्चित करे। अधिक जानकारी हेतु श्रम विभाग के पदाधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते है।
साथ ही एक बात का जरूर ध्यान रखे सप्ताह में एक दिन अपने दुकान पर कार्य करने वाले लेवर को छुट्टी देना अनिवार्य है
सब साथ आयेंगे, हर बच्चे को सुपोषित बनाएंगे के संदेश के साथ पोषण पखवाड़ा रथ जनजागरूकता के लिए हुआ रवाना
राजनांदगांव/शौर्यपथ /कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टोरेट परिसर से बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए सामाजिक जागरूकता हेतु पोषण पखवाड़ा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। सब साथ आयेंगे, हर बच्चे को सुपोषित बनाएंगे के संदेश के साथ पोषण पखवाड़ा रथ जनजागरूकता के लिए निकला। बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए सामाजिक जागरूकता के लिए बैनर, पोस्टर से सुसज्जित चलित वाहन पोषण पखवाड़ा रथ तैयार किया गया है। पोषण पखवाड़ा रथ के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं ग्रामों में पहुंचकर बच्चों को सुपोषण के संबंध में जानकारी दी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि पोषण पखवाड़ा अंतर्गत बच्चों के स्वास्थ्य, पौष्टिक आहार के संबंध में जनसहभागिता से कार्य करने तथा बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती गुरप्रीत कौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरप्रीत कौर ने बताया कि जिले में पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। 22 अप्रैल को पोषण पखवाड़े का समापन किया जाएगा। इसके अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य से संबंधित कैलेण्डर का पालन करते हुए बच्चों के लिए विविध जागरूकता कार्यक्रम चलाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में जीवन के प्रथम 1000 दिवस अंतर्गत गर्भवती माताओं को पौष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी जाएगी। पोषण ट्रैकर के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों की मानिटरिंग की जा रही है। पोषण भी पढ़ाई भी की थीम पर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्य किया जा रहा है। पोषण पखवाड़ा के तहत सायकल रैली, बाईक रैली, पोषण रथ, एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कुपोषण का प्रबंधन, बच्चों में मोटापे की रोकथाम, हमर स्वस्थ लईका, एनिमिया जागरूकता के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी एवं शिविर का आयोजन किया जाएगा।
- विधानसभा अध्यक्ष ने बौद्ध कल्याण समिति की मांग पर 10 लाख रूपए की राशि समाज को देने की घोषणा की
- भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर युगों-युगों तक रहेंगे याद
- भारत के संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक रूप से किया वाचन
- 14 अप्रैल को भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती कार्यक्रम का किया गया भव्य आयोजन
राजनांदगांव/शौर्यपथ /विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह 14 अप्रैल को डॉ. आम्बेडकर भवन सिविल लाईन राजनांदगांव में आयोजित भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में सामूहिक रूप से भारत के संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने 14 अप्रैल भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने बौद्ध कल्याण समिति की मांग पर 10 लाख रूपए की राशि समाज को देने की घोषणा की।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर करोड़ों-करोड़ों लोगों के जीवन में उत्साह और रोशनी दिखाने वाले ऐसे महामानव है, जिन्होंने हिन्दुस्तान के सभी वर्गों को एक जीने का उत्साह दिया और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान किया। समता, बंधुत्व और न्याय के विचारधारा के साथ शिक्षित बनो, संगठित रहो और अपने अधिकार के लिए संघर्ष करो का संदेश दिया। संघर्ष करने की ताकत समाज के सभी लोगों को देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश एवं दुनिया में ऐसा व्यक्ति जो न केवल अपने ज्ञान, विवेक, बुद्धि और अपने विचार से श्रेष्ठ थे, बल्कि संविधान का निर्माण ही पर्याप्त था कि युगों-युगों तक उनको याद किया जाएगा। संविधान जो न केवल अधिकार और शक्ति देता है, बल्कि कर्तव्य का बोध कराता है। पिछड़े समाज के लिए स्थायी आरक्षण की व्यवस्था ही नहीं करता बल्कि बराबरी और समानता का अधिकार रखने की ताकत संविधान देता है। ऐसे संविधान का निर्माण बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान विविधता वाला देश है जहां 500 प्रकार की भाषाएं और बोलियां है यहां अलग-अलग विचारधारा के लोग रहते हैं। संविधान की यह ताकत है कि भारत को एक सूत्र में बांधकर और जोड़कर रखा है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने देश और समाज की मजबूती के लिए संविधान का निर्माण किया। इस संविधान से हिन्दुस्तान वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2025 तक मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज को ऐसा मजबूत संविधान मिला है। संविधान के मार्ग में चलकर समाज बहुत आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में अध्यक्ष बौद्ध कल्याण समिति राजनांदगांव श्री कांति कुमार फुले ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर महापौर श्री मधुसूदन यादव, श्री कोमल सिंह राजपूत, मुख्य वक्ता श्री आर शंभरकर, डॉ. दिवाकर रंगारी, श्री सुशील गजभिये, डॉ. सतीश वासनिक, डॉ. केएल टांडेकर सहित जनप्रतिनिधि, बौद्ध कल्याण समिति के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में बौद्ध समाज के लोग उपस्थित थे।
12 से 5 मई तक आवेदनो का निराकरण,आयुक्त ने कहाँ आवेदको के घरो मे जाकर करें संपर्क:
सुशासन तिहार, समाधान की ओर एक ऐतिहासिक कदम:
दुर्ग/शौर्यपथ /सुशासन तिहार-2025 की तैयारियों को लेकर निगम के डाटा सेंटर सभा कक्ष में आयुक्त सुमित अग्रवाल ने आज अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार यह तिहार जनसमस्याओं के त्वरित समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा एवं जनसंवाद को सशक्त बनाने हेतु
8 अप्रैल को पहले चरण का शिविर शहर के 6 स्थानों में कार्यक्रम हो चुका है।
आयुक्त कहा कि सुशासन तिहार 2025 तीन चरणों में से 12 मई से दूसरा चरण प्रारम्भ होगा। जिसमे अधिकारीगण सुशासन तिहार के माध्यम से आवेदनों का निराकरण आमजन की समस्याओं का समाधान तत्परता से करें ।
ताकि उन्हें कहीं और भटकना ना पड़े।समाधान की प्रक्रिया अगले एक माह मे पूर्ण किया जाना है।एक माह के भीतर गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
समाधान शिविर 5 मई - 31 मई 2025 शहर के 6 स्थानों में समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा।इन शिविरों में मौके पर ही समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। शेष आवेदनों का समाधान एक माह के भीतर पूरा किया जाएगा।इस अवसर पर कार्यपालन अभियंता मोहन पूरी गोस्वामी, दिनेश नेताम,वीपी मिश्रा,सहायक अभियंता गिरीश दिवान,सजंय ठाकुर,हरिशंकर साहू,सुरेश केवलानी सचिव रेवाराम मनु सहित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अधिकारियो को निर्देशित में कहाँ लोक सेवा के आवेदन पेंडिंग न रहे, साथ ही बाजार विभाग अपनी पूरी तैयारी करके रखें. प्रधानमंत्री आवास की भौतिक सत्यापन करवाना है. 130 आवेदनों का जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश. उन्होंने कहाँ शहर के 6 स्थानों के शिविर मे प्राप्त आवेदनों के आवेदको के घरों मे जाकर संपर्क करें लोगो से नम्रता से बात कर उन्हें आवेदनो के निराकरण प्रक्रिया की जानकारी पूर्णता के साथ देंगे।लोगो को बताये की आपके आवेदनो को पत्र क्रमांक सहित शासन को भेजा गया है.आवेदनों की जांच के बाद पात्र आवेदनों का निराकरण हेतु शासन से स्वीकृति देते ही तत्काल निराकरण किया जाएगा.
आयुक्त ने अधिकारियों से आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने और सुशासन तिहार समाधान शिविर में नागरिकों के विश्वास को मजबूत करने का एक सफल और ऐतिहासिक अवसर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
समाधान शिविर का आयोजन 5 से 31 मई यानि तीसरे चरण में होगा। पहले चरण में समाधान शिविरों के माध्यम से आम जनता से शिकायतें, सुझाव और आवेदन लिए जा रहे है। इसमें लोग अपनी समस्याएं स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को सौंप सकते हैं।
बिना लाइसेंस के व्यापार,दुकान सील करने की कार्यवाही करेंगी,अभियान शुरू
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम/आज आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कहा कि संज्ञान में यह बात आई है कि, अधिकांश करदाताओं के मृत्यु होने, प्रॉपर्टी विकय एवं प्रॉपर्टी कय (प्लैट / स्वतंत्र मकान) की स्थिति में निगम नामांतरण की प्रक्रिया नहीं कराने की स्थिति में प्रॉपर्टी मालिक का नाम टैक्स रसीद में सही दर्ज नहीं हो पाता है।ऐसी स्थिति में निगम की ओर से मृतक प्रॉपर्टी मालिक के नाम से भी नोटिस,डिमांड इत्यादि जारी होता है, जो उचित नहीं है।आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अधिकारीयो को निर्देश दिए कि निगम सीमा क्षेत्र सभी दुकानदारों को लाइसेंस बनाना एवं लायसेंस रिनिवल कारवना अनिवार्य है टीम दुकानों में जाकर जांच करें। यदि लायसेंस बनाये बिना व्यापार करते पाए जाते है तो टीम अमला द्वारा अधिकारियों के मौजूदगी में दुकान सील बन्द की कार्यवाही करें।बिना लाइसेंस के व्यापार करने वालो पर गिरेगी गाज,जांच में निकलेगी निगम,बिना लाइसेंस के व्यापार,दुकान सील करने की कार्यवाही करेंगी,अभियान शुरू।
आयुक्त ने क्षेत्र में समस्त करदाताओं को अपील करते हुए कहा कि, 30 अप्रैल 2025 के पहले अपने प्रापर्टी का सही नामांतरण कर नगर निगम के टैक्स रसीद पर उचित नाम दर्ज कराना सुनिश्चित् करें। ताकि किसी भी करदाता को डिमांड एवं नोटिस गलत नाम या मृतक के नाम से जारी न हो सके।
बता दे कि दुकानदार के लिए लाइसेंस बनाना और उसका नवीनीकरण करवाना अनिवार्य है। यदि वे बिना लाइसेंस के व्यापार करते हैं, तो निगम द्वारा दुकान को सील करने की कार्यवाही की जा सकती है।
दुकानदार को अपनी दुकान या व्यवसाय के प्रकार के अनुसार संबंधित लाइसेंस प्राप्त करना होता है। यह लाइसेंस स्थानीय नगर निगम या अन्य संबंधित प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाता है.लाइसेंस का नवीनीकरणःलाइसेंस की अवधि समाप्त होने से पहले उसे नवीनीकृत करना आवश्यक होता है।गैर-अनुपालन यदि दुकानदार बिना लाइसेंस या नवीनीकृत लाइसेंस पर कार्रवाही किया जाएगा।
जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ
बस्तर अंचल के सिंचाई के कार्यों में आएगी तेजी
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ किया। इस कार्यालय के प्रारंभ होने से बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के विभागीय कामकाज में काफी सुविधा होगी। जल संसाधन से संबंधित निर्माण कार्यों के सर्वेक्षण, डीपीआर निर्माण और तकनीकी स्वीकृति में तेजी आएगी। पहले इन कार्यों की स्वीकृति के लिए रायपुर जाना पड़ता था। अब ये काम संभागीय मुख्यालय बस्तर में ही हो सकेंगे।
जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप के विशेष पहल से शुरू हुए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता नवीन कार्यालय में विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और कर्मचारी की नियुक्ति के लिए भी बजट में स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में यह कार्यालय जगदलपुर के अधीक्षण अभियंता कार्यालय इंद्रावती परियोजना मंडल भवन के ऊपरी तल में संचालित हो रहा है। मुख्य अभियंता जल संसाधन कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम महापौर संजय पांडेय एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदमती कश्यप, वित्त आयोग के अध्यक्ष निवास राव मद्दी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जल संसाधन विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के. एस. भंडारी और जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के सामाजिक और मानवीय सेवा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। राज्यपाल रमेन डेका की प्रेरणादायी पहल पर पहली बार छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों का चुनाव संपन्न हुआ है। यह कदम न केवल रेड क्रॉस सोसाइटी को नई दिशा देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के हर कोने में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में भी मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ के गठन को 24 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए यह पहला मौका है जब लोकतांत्रिक तरीके से इसके पदाधिकारियों का चयन हुआ। इस ऐतिहासिक चुनाव ने पूरे राज्य में उत्साह की लहर पैदा कर दी है। रायपुर से लेकर दुर्ग, बिलासपुर से लेकर बस्तर तक, रेड क्रॉस से जुड़े स्वयंसेवकों और समाजसेवियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में अध्यक्ष टोमन साहू (बालोद), उपाध्यक्ष रूपेश पाणिग्रही (जशपुर) और कोषाध्यक्ष संजय पटेल (बलौदाबाजार) शामिल हैं। इन नेतृत्वकर्ताओं से अपेक्षा है कि वे छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी को समाजसेवा और मानवीय कार्यों में नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
राज्यपाल रमेन डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी को एक सशक्त और पारदर्शी संस्था बनाने का संकल्प लिया है। उनकी यह पहल न केवल संस्था को नई पहचान दे रही है, बल्कि इसे जन-जन तक पहुंचाने का भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और समावेशी बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों से योग्य प्रतिनिधियों का चयन हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। यह चुनाव छत्तीसगढ़ में समाजसेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नवनिर्वाचित पदाधिकारी और स्वयंसेवक मिलकर जरूरतमंदों के लिए एक मजबूत सहारा बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 4 अप्रैल 2001 को हुई थी। इसका मुख्यालय रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में स्थित है। विगत दो दशकों में यह संस्था आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। चाहे बाढ़ हो, सूखा हो, या महामारी, रेड क्रॉस के स्वयंसेवक हमेशा सबसे आगे रहकर लोगों की मदद करते हैं। संस्था का मूल मंत्र है- “सेवा, सहायता, और समर्पण”। इसके तहत रेड क्रॉस निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रिय है- बाढ़, भूकंप, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाओं के तहत रक्तदान शिविर, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण, और टीकाकरण अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सड़क सुरक्षा, जागरूकता अभियान और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, कमजोर समुदायों की सहायता, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका के लिए सहयोग करना इस संस्था के प्रमुख कार्य हैं।
छत्तीसगढ़ में रेड क्रॉस की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी ने कई मौकों पर अपनी सेवा की मिसाल कायम की है। कोविड-19 महामारी के दौरान स्वयंसेवकों ने ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, और भोजन वितरण में अहम भूमिका निभाई। बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से हजारों लोगों को लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा, रक्तदान शिविरों के जरिए हर साल सैकड़ों लोगों की जान बचाई जाती है। संस्था ने ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएं भी चलाई हैं। जैसे, बस्तर में महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण और सरगुजा में स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम। ये प्रयास न केवल सामाजिक विकास को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी मजबूत करते हैं।
नई चुनौतियां, नई संभावनाएं
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के सामने कई चुनौतियां और अवसर हैं। छत्तीसगढ़ जैसे विविधतापूर्ण राज्य में हर जिले की अपनी विशेष जरूरतें हैं।
रेड क्रॉस को हर गांव और हर जरूरतमंद तक पहुंचाना है। आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। पारदर्शिता और संसाधनों के बेहतर उपयोग से यह सुनिश्चित करना होगा कि हर मदद सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे।
स्वयंसेवकों का योगदान-
रेड क्रॉस सोसाइटी की ताकत इसके स्वयंसेवक हैं। चाहे रायपुर की गलियां हों या दंतेवाड़ा के जंगल, स्वयंसेवक हर जगह अपनी सेवा से लोगों का दिल जीत रहे हैं। युवाओं में रेड क्रॉस के प्रति बढ़ती रुचि भी एक सकारात्मक संकेत है। संस्था समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती है, जिसमें प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन, और नेतृत्व कौशल सिखाया जाता है। रेड क्रॉस सोसाइटी न केवल आपदा में सहारा है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो हमें मानवता की सेवा का अवसर देता है।
बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए कृषि पर देना होगा जोर-मुख्यमंत्री साय
मक्के की खेती के लिए बस्तर में असीम संभावनाएं- मुख्यमंत्री साय
मत्स्य पालन, बकरी पालन एवं शूकर पालन के लिए बजट में किया गया है अतिरिक्त प्रावधान- मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया बस्तर के विकास का संकल्प व्यक्त
मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टरों और अधिकारियों को कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन करने किया निर्देशित
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर समेत बस्तर संभाग के किसान, कृषि उद्योग से जुड़े गणमान्य स्थानीय उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों, व्यापरियों कृषि से सम्बंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा की बस्तर को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना है। बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए हमे खेती पर ज्यादा जोर देना है , विशेषकर यहां के सीमांत किसानों पर ध्यान देना है। साय ने कहा कि बस्तर के लिए कृषि सबसे बेहतर विकल्प है, इससे स्थानीय जनजातियां जुड़ी हुयी है और लोग अपनी रुचि के अनुसार काम करेंगे तो उसमे सफल भी होंगे। कृषि के विकास के लिए हमने बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया है।
मुख्यमंत्री साय ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें मक्के की खेती को बढ़ाना पड़ेगा । ये कम लागत में तैयार होने वाली और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। मक्का के लिए बस्तर की जलवायु काफी अनुकूल है। इसके साथ ही यहां मिलेट्स उत्पादन का काफी ज्यादा स्कोप है, इसकी खेती पर हमे विशेष काम करना होगा।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, यह संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और संभावनाओं का संगम है। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें सशक्त नीति, पारदर्शी प्रशासन और जनभागीदारी से साकार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बस्तर को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जाए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद हमारे प्रदेश के लिए एक कलंक की तरह रहा है, केन्द्र सरकार के सहयोग से इसे समाप्त करने की दिशा में निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का संकल्प है कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल नाश किया जाए और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि नक्सलवाद केवल सुरक्षा की चुनौती नहीं है, बल्कि यह विकास की कमी का परिणाम है। इसलिए आवश्यक है कि हम बस्तर के हर गांव और हर व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करें।
परिचर्चा में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने कृषि क्षेत्र के विकास संबंधी रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि बस्तर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु फसल विविधीकरण, जैविक खेती, सिंचाई सुविधा का विस्तार, कृषि यंत्रीकरण, फसल ऋण की सुलभता और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है। बस्तर संभाग में इस समय 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। योजना की 19वीं किस्त के रूप में 64.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र परिवारों का सत्यापन कर उन्हें भी योजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर में 7 कृषि विज्ञान केंद्र, 4 कृषि महाविद्यालय, 2 उद्यानिकी महाविद्यालय, 1 वेटरनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज और 1 कृषक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 29 उद्यान रोपणियाँ, 9 शासकीय मत्स्य प्रक्षेत्र, एक पोल्ट्री प्रक्षेत्र तथा एक शासकीय सुअर पालन केंद्र भी कार्यरत हैं। केसीसी कवरेज वर्तमान में 86 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और आगामी तीन वर्षों में 1.25 लाख नए केसीसी जारी करने का लक्ष्य है।