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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
समाचार सार
बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने बनेगा टूरिज्म कॉरिडोर
सौर समाधान एप्प और मनो बस्तर एप्प लॉन्च , ऊर्जा चलित पॉवर बैंक का शुभारंभ
बस्तर में पूर्ण शांति बहाली करते हुए अंदरूनी क्षेत्रों तक लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का संकल्प
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चित्रकोट में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में चित्रकोट में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की पहली बैठक में बस्तर में पर्यटन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म कॉरिडोर बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही बस्तर अंचल के पर्यटन के लिए चिन्हित स्थानों को विकसित करने के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक में बस्तर में एनएमडीसी द्वारा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण के संबंध में भी चर्चा की गई। इस मौके पर श्री साय ने सौर समाधान और मनो बस्तर एप्प लॉन्च किया तथा सौर ऊर्जा चलित पॉवर बैंक का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री साय ने संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धूड़मारास गांव के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे बस्तर को नई पहचान मिली है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के पर्यटन ग्राम उन्नयन कार्यक्रम के लिए 60 देशों से चयनित 20 गांवों में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के धूड़मारास ने भी अपनी जगह बनाई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्राधिकरण की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर और सरगुजा के विकास पर अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित किया है। इन क्षेत्रों के विकास में आदिवासी विकास प्राधिकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं होगी। सीएसआर मद में भी काफी राशि उपलब्ध है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। केन्द्र और राज्य दोनों में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए संवेदनशील सरकारें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादी आतंकवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में राज्य में बेहतर काम हो रहा है। माओवादी आतंकवाद छोटे से क्षेत्र में सिमट कर रह गया है। हम लोगों ने बस्तर में पूर्ण शांति बहाली करते हुए अंदरूनी क्षेत्रों तक लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का संकल्प लिया है। यह तभी होगा जब शासन के प्रति नागरिकों का विश्वास मजबूत होगा। यह विश्वास विकास से ही निर्मित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत 34 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं जहां ग्रामीणों को विभिन्न सुविधाएं भी दी जा रही हैं। बस्तर में शांति कायम हो, इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें सतत प्रयास कर रही हैं। बैठक में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों से अमूल्य सुझाव मिले। सभी टीम भावना से काम करके विकास के प्रति एकजुटता दिखाएं।
केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री साय ने केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण कराने और प्राधिकरण मद से स्वीकृत सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने निर्देशित किया। उन्होंने कलेक्टर बस्तर को देवगुड़ी, मातागुडी के अप्रारंभ कार्यों को डेढ़ महीने में पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने दंतेवाड़ा के ग्राम नेरली, धुरली में लाल पानी की समस्या सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए एनएमडीसी को समाधानकारक उपाय करने के निर्देश दिए और कहा कि संबंधित कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर संयुक्त बैठक कर आवश्यक पहल करें।
मंत्रीगणों एवं जनप्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है। नियद नेल्लानार जैसी योजना और बस्तर ओलंपिक का आयोजन मुख्यमंत्री जी के विकास की पहल को दर्शाता है। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने मत्स्यपालन, डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने और किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने नदी किनारे विद्युत लाईन बिछाने, अटल व्यावसायिक परिसर, एफआरए क्लस्टर में सामूहिक खेती को प्रोत्साहित करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, ऐसे में बस्तर में नई खेल अकादमियों की स्थापना के लिए पहल की जाए।
वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी ने क्षेत्र में होटल मैनेजमेंट संस्थान, नर्सिंग कॉलेज, ऑर्गेनिक, नैचुरल फॉर्मिंग प्रारंभ करने पोटा केबिन को स्थायी बनाने का सुझाव दिया। बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी ने बस्तर क्षेत्र में शिक्षा, उद्यमिता के विकास के लिए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रत्येक गांव में कृषि सेवा केंद्र प्रारंभ करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर को पर्यटन के क्षेेत्र में विश्व पटल पर स्थापित करने पर भी बल दिया। विधायक किरणदेव सिंह ने कहा कि शोधार्थी छात्रों को सुविधाएं देने सेंट्रल इंस्ट्रुमेंटल लैबोरेटरी की स्थापना की जाए।
आकांक्षी जिलों में अभियान चलाकर रिक्त पदों की भर्ती
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में पुलिस बलों को बड़ी सफलता मिल रही है। प्रभावित क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को पहुंचाने 95 गांवों में सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने आकांक्षी जिलों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जिला प्रशासन को अभियान चलाकर प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। कांकेर कलेक्टर ने बैठक में बताया कि रावघाट परियोजना के तहत प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। बीएसपी के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के 153 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सचिव शिक्षा ने बताया कि बस्तर अंचल में एक भी स्कूल बंद नहीं किया गया है। उन्होंने भवनविहीन स्कूलों के लिए भवन का प्रावधान करने की जानकारी दी।
बैठक में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सहित बस्तर सांसद महेश कश्यप और बस्तर संभाग के समस्त विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विभाग, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद और राहुल भगत, सदस्य सचिव प्राधिकरण डॉ बसवराजु एस., विभिन्न विभागों के सचिव, कमिश्नर बस्तर, आईजी, सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बैठक में उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल रमेन डेका आज विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) श्री एमबी ओझा के निधन पर शोक व्यक्त करने उनके मौलश्री विहार स्थित निवास पर गए और उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया।
उल्लेखनीय है की स्वर्गीय श्री ओझा ने1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और युद्ध में भारत की विजय के साक्षी भी रहे। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण मिशनों में सभी को अपने अद्भुत शौर्य एवं पराक्रम से परिचित कराया।
समझाने गई पुलिस तो सास ने अपने पर डाल लिया मिट्टी तेल,
दुर्ग/शौर्यपथ / दुर्ग के बघेरा निवासी एक ससुराल पक्ष वालों ने अपने विधवा बहु और उसके बेटे को घर से बाहर निकालकर उनके पूरे सामान को सडक पर फेंक देने का मामला सामने आया है। पीडित बहु व उसके पुत्र ने पुलिस व कलेक्टर से न्याय की गुहार लगा रही है, कलेक्टर के आदेश पर पीडित बहु व बेटे को सखी सेंटर में रखा गया है, लेकिन उनका सामान सड़क पर ही उनका सामान पडा है। पुलिस के पास फरियाद लेकर जाने पर पुलिस जब उसके ससुराल बघेरा समझाने पहुंची तो सास ने अपने आप पर मिट्टी तेल डाल ली और आग लगाने की धमकी दी जिसके कारण पुलिस बैरंग वापस लौट गई। उसके पश्चात जब महिला पुलिस ने समझौता के लिए बुलाया तो ससुराल पक्ष अस्पताल में भर्ती हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बहु का सामान घर से उस समय ससुराल पक्ष वालों ने फेंका जब वे अपनी बहन को देखने अस्पताल गई थी, उसके बाद जब बहु घर के अंदर जाने लगी तो उसके सास, ससुर व देवर ने उसको घर के अंदर प्रवेश नही करने दिया व धक्का मारकर बाहर निकाल दिया। बताया जा रहा है कि महिला के पति की मौत 2021 में हो चुकी है, अब वह ससुराल वालों के साथ ही अपने बेटे के साथ रह रही थी। लेकिन सास, देवर और देवरानी लगातार विवाद करते हुए उसे घर से बाहर निकालने का षडयंत्र करते थे। एक दिन वह अपनी अस्पताल में भर्ती बहन को देखने गई, वापस आकर देखा तो ससुराल वालों ने उसका पूरा सामान सड़क पर निकाल दिया। घर पर जाने की गुहार लगाने पर भी उसे और उसके बेटे को घर में भीतर नहीं आने दिया। पुलिस से सहयोग लेने पर जब पुलिस कर्मी उसकी सास को समझाने भीतर गया, तो सास ने अपने ऊपर मिट्टी तेल डालने का खौफ दिखाया जिससे डर के मारे पुलिस कर्मी वापस लौट गया। अब महिला लगातार पुलिस, कलेक्टर के पास अपने लिए न्याय की गुहार लगा रही है तो वहीं उसे सखी सेंटर में रखा गया है लेकिन न्याय पर से उसका विश्वास टूटते जा रहा है। वहीं सखी सेंटर के द्वारा ससुराल पक्ष को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया, लेकिन ससुराल पक्ष हॉस्पिटल में भर्ती हो गया, अब सखी सेंटर भी इस मामले में कार्यवाही के लिए असमर्थ नजर आ रहा है।
दुर्ग/शौर्यपथ /खुद के लिए तो हर कोई जीवन जीता है लेकिन कम ही लोग होते हैं,जो दूसरों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढते हैं।दुर्ग नगर निगम के भाजपा के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे इसी का उदाहरण हैं।इन्होंने अपना जन्मदिन अपने उस परिवार के साथ मनाया,जो इनका न होकर भी इनका अपना है।उन्होंने पुलगांव स्थित वृद्धा आश्रम में अपना जन्मदिन मनाया और वहां मौजूद वृद्धजनों को ठंड से बचाव के लिए कंबल भेंट कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जन्मदिन की खुशियां उनके साथ साझा किया।मौका यदि जन्मदिन का हो और धूमधड़ाके के साथ पार्टी न हो यह बात हजम नहीं होता।लेकिन आज भी कई युवा ऐसे हैं,जो आधुनिकता की चकाचौंध से दूर रहकर बड़ी सादगी के साथ अपना जन्मदिन मनाते हैं।ऐसे ही युवाओं में से एक हैं दुर्ग के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे जिन्होंने अपने जन्मदिवस के अवसर पर धूमधड़ाका के साथ पार्टी करने के बजाय दीन-दुखियों की सेवा को प्राथमिकता दी है।पूर्व एल्डरमैन ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर वृद्धाश्रम पहुंच कर आश्रम में रह रहे बुजुर्गो के साथ अपना जन्मदिन मनाया।ताकि उन्हें भी महसूस होने वाला एकाकीपन थोड़ा कम हो सके।उन्होंने कहा कि यहां ऐसे लोग हैं जिन्हें अलग-अलग कारण से उनके परिवार ने छोड़ दिया है।ऐसे भी लोग है जिनका अब इस दुनिया में कोई नहीं है।उन्होंने कहा कि महंगे होटलों और रिसोर्ट में जन्मदिन मना कर वो आत्मिक शांति नहीं मिलती जो बेसहारा और गरीब लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखने से मिलती है,चाहे कैसी भी खुशी हो उनका प्रयास यही रहता है कि वे उसे वंचित वर्ग के साथ बांटें जिससे भले ही कुछ देर के लिए ही सही उन्हें भी खुशी मिलेगी और वे दिल से दुआएं देंगे।उल्लेखनीय है कि हर वर्ष पूर्व एल्डरमैन अपने जन्मदिन के मौके पर वृद्धाश्रम,गोशाला,बालगृह व अन्य स्थानों पर सेवा कार्य कर जन्मदिन मनाते हैं और दूसरों को भी इसी तरह जन्मदिन मनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
घर बैठे बनवा सकते है आयुष्मान कार्ड,डोर-डोर अभियान से लोगो को मिलेगी सुविधा:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम।जिला कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के आदेश पर कमिश्नर सुमित अग्रवाल के निर्देश में कल से डोर टू डोर अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे. ताकि आर्थिक कमी की वजह से कोई भी व्यक्ति उपचार से वंचित न रहे.जिला एवं निगम प्रशासन की पहल से अधिकारी/कर्मचारी घर-घर जाकर गरीबों को इस योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं. घर घर आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा दी जा रही है. ताकि छुटे हुए शहर क्षेत्र के लोग भी आसानी से इस योजना का लाभ ले सके.राज्य में प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारक परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है. वहीं अन्य राशन कार्डधारकों को भी प्रति परिवार 50 हजार रुपये तक की चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
बता दे कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की टीम द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु सोमवार से शहर के 60 वार्डों में अलग अलग चरणों में घर घर पहुँच कर सर्वे किया जाएगा तथा डोर टू डोर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। इसके तहत प्रथम चरण में 17 वार्डों में जहाँ सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु लंबित है। वहाँ घर घर सर्वे का कार्य शुरू किया जा रहा है। इन 17 वार्डों में दिनांक 18 से 22 नवंबर तक सर्वे करके आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। ऐसे लोग जिनका आयुष्मान कार्ड नही बना है अथवा अपडेट नही हुआ है वे सर्वे के दौरान आयुष्मान कार्ड अपडेट करा सकते है एवं नवीन आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। इसके साथ ही 17 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नागरिक भी अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते है।
जानिए... 18 से 22 नवंबर किन किन वार्डो पहुचेगी डोर टू डोर अभियान आयुष्मान कार्ड अभियान..
1,बोरसी वार्ड नंबर 52,
2,कचहरी वार्ड 39
3,पोटियाकला उत्तर वार्ड 53
4,पोटिया कला दक्षिण वार्ड 54
5,केलाबाड़ी वार्ड 41
6,सिकोला भाठा उत्तर वार्ड 16
7,उरला पूर्व वार्ड 58
8,औधोगिक नगर वार्ड 17
9 कातुलबोड़ उत्तर वार्ड 59
10,तकिया पारा वार्ड 8
11,शिव पारा, वार्ड 34
12,शहीद भगत सिंह दक्षिण वार्ड 19
13,नया पारा वार्ड 1
14,पद्मनाभपुर पूर्व वार्ड 46
15,मोहन नगर पूर्व वार्ड 13
16,बोरसी उत्तर वार्ड 51 एवं
17,तितुरडीह वार्ड 21 में घर घर पहुँचकर पात्र हितग्राहियों की जानकारी जुटाकर लोगो के तुरंत आयुष्मान कार्ड बनाने की कार्रवाही की जायेगी।
राज्य के शहरी आवासहीनों को मिलेगा स्वयं का पक्का आवास
189 नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के साथ ही ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा
रायपुर/शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव राज्य के शहरी आवासहीनों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही सर्वेक्षण का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे। वे 15 नवम्बर को दोपहर ढाई बजे मुंगेली के स्वामी आत्मानंद स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में इसकी शुरूआत करेंगे। श्री साव कार्यक्रम में मौजूद हितग्राहियों का सर्वेक्षण प्रपत्र सांकेतिक रूप से भरकर छत्तीसगढ़ में इसकी विधिवत शुरूआत करेंगे।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रथम चरण में आवासहीन हितग्राहियों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ऐसे हितग्राही जिन्हें प्रथम चरण में आवास की सुविधा नहीं मिल पाई है, और जो अभी तक आवास की सुविधा से वंचित है, उन्हें द्वितीय चरण [प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0] में सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हांकित करते हुए आवास के लिए आवेदन की प्रक्रिया और आवास उपलब्ध कराए जाने की कार्यवाही की जाएगी। राज्य के शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही आवास की मांग भी लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के माध्यम से ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी परिवारों को उनके पहले पक्के आवास के सपने को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे कि वे सम्मानजक जीवन व्यतीत करने के साथ ही खुद के आवास के सपने को भी साकार कर सकें।
पिछले 11 महीनों में पूर्ण किए गए 49,834 आवास
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में ’’हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे’’ के ध्येय वाक्य पर त्वरित अमल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पिछले 11 महीनों में 49 हजार 834 आवासों का निर्माण पूर्ण किया है। राज्य में योजना के साथ भागीदारी में किफायती आवास परियोजना (एएचपी) के तहत 38 हजार 097 आवास एवं हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) के तहत दो लाख 11 हजार 069 यानि कुल दो लाख 49 हजार 166 आवास स्वीकृत हैं। वर्तमान सरकार के गठन के बाद बीते 11 महीनों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए एएचपी घटक के अंतर्गत 5415 आवास पूर्ण करते हुए कुल 21 हजार 600 आवास पूर्ण किए गए हैं। वहीं बीएलसी घटक के तहत 44 हजार 419 आवास पूर्ण करते हुए कुल एक लाख 74 हजार 967 आवास पूर्ण किए गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में तीन आय वर्गों को किया गया है शामिल
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए योजना को चार श्रेणियों लाभार्थी आधारित निर्माण, भागीदारी में किफायती आवास, किफायती किराया आवास तथा ब्याज सब्सिडी योजना में विभाजित किया गया है। भारत सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाते हुए तीन आय वर्गों के हितग्राहियों को इसमें शामिल किया है। तीन लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडल्ब्यूएस), छह लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले निम्न आय वर्ग (एलआईजी) एवं नौ लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) को भी योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
योजना के तहत पात्रता
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का लाभ लेने के लिए एक लाभार्थी परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और अविवाहित बेटियों को शामिल किया गया है। लाभार्थी परिवार का देश में कहीं भी कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड/वर्चुअल आधार अनिवार्य है। आवेदक/हितग्राही परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अथवा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में से किसी एक योजना का ही लाभ ले सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राही परिवार को 31 अगस्त 2024 के पूर्व स्थानीय निकाय क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य है।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा हितग्राहियों की सुविधा के लिए आवास हेतु आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। आवास के आवेदन सरलतापूर्वक ऑनलाईन माध्यम से भारत सरकार के अधिकृत पोर्टल पर स्वयं हितग्राही द्वारा दर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 189 अधिसूचित नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के माध्यम से भी आवेदन की प्रक्रिया संपादित की जा सकती है।
सभी नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अधोसंरचना को किया जाएगा मजबूत
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल से मिलकर राशि स्वीकृत करने का किया था अनुरोध
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 209 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत इस राशि से सभी नगरीय निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अधोसंरचना और तकनीकी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा। इससे राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन और ज्यादा पुख्ता तथा टिकाऊ होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के इस सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस राशि से शहरों में स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों को नया आयाम मिलेगा। यह राज्य के प्रत्येक नगरीय निकाय को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत इस राशि से प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अपशिष्ट प्रबंधन के इन्फ्रॉस्ट्रक्चर को बेहतर और स्थाई बनाया जाएगा। इससे राज्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक तकनीकी, भौतिक और मानव संसाधन जुटाए जाएंगे, जिससे न केवल स्वच्छता की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को भी बेहतर पर्यावरणीय सुविधाएं मिलेंगी।
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने विगत दिनों अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल से मुलाकात कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों के लिए राशि मंजूर करने का आग्रह किया था। उन्होंने राज्य के शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सुगम तथा प्रभावी बनाने केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया था। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रस्तावों के आधार पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 209 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने स्वच्छता को हर नागरिक के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए कहा कि संपूर्ण स्वच्छता के लिए सभी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
- धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने के दिए निर्देश
- घुमंतू पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने कहा
राजनांदगांव/शौर्यपथ /मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से राज्य में धान खरीदी, स्वच्छता, सड़क सुरक्षा, जीयो रिफ्रेसिंग कार्य, जल जीवन मिशन के संबंध में कमिश्नर और जिला कलेक्टरों की बैठक में समीक्षा की। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से एनआईसी कक्ष राजनांदगांव से जुड़े रहे। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि धान खरीदी शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को धान खरीदी के कार्य को गंभीरतापूर्वक करने के लिए कहा। मुख्य सचिव ने धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी शत प्रतिशत होनी चाहिए। धान उपार्जन केन्द्रों में बारदाने की व्यवस्था, किसानों को भुगतान के लिए पर्याप्त राशि, खरीदी केन्द्र से धान का उठाव, खसरा सत्यापन सहित आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। मुख्य सचिव श्री जैन ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घुमंतू पशुओं के कारण होने वाले सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने कहा। इसके लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्थित स्थान का चयन कर घुमंतू पशुओं का व्यवस्थापन करने कहा। उन्होंने कहा कि जन्म और मृत्यु का शत प्रतिशत पंजीयन होना चाहिए। इसके लिए संबंधित विभागों को निर्देशित करने कहा। प्रमुख सचिव ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मोहला/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ नगर पालिका आम निर्वाचन हेतु निर्वाचक नामावली तैयार करने के संबंध में संशोधित समय सारणी जारी किया गया है। जारी संशोधित समय सारणी के अनुसार 20 नवंबर तक दावा आपत्ति प्राप्त किया जाएगा। प्राप्त दावा आपत्ति का निराकरण 24 नवंबर को किया जाएगा। प्रारूप क 01 में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को दावा आपत्ती प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 27 नवंबर निर्धारित किया गया है। प्रारूप क 01 में प्राप्त दावा आपत्ति का निराकरण करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित किया गया है। दावा आपत्ति का निराकरण के विरुद्ध अपील करने की अंतिम तिथि दावा आपत्ति निराकरण होने के 5 दिवस के भीतर निर्धारित किया गया है। सॉफ्टवेयर में परिवर्तन संशोधन विलोपन करने की तिथि 5 दिसंबर निर्धारित किया गया है। चेक लिस्ट का निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जांच करवाना तथा पीडीएफ़ मुद्रण हेतु जिला कार्यालय को सौंपने की तिथि 7 दिसंबर निर्धारित किया गया है। अनुपूरक सूची का मुद्रण कराना एवं अनुपूरक सूची का मूल सूची के साथ संलग्न करने की तिथि 10 दिसंबर निर्धारित किया गया है। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 11 दिसंबर को किया जाएगा।
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गुरु नानक देव जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी बधाई शुभकामनाएं
डॉ. महंत ने कहा कि गुरू नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू थे। उनका जीवन और शिक्षाएं न केवल धर्म विशेष के लिए बल्कि पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती है। इसलिए उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। गुरू नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 ई. में हुआ था। गुरू नानक देव ने मूर्ति पूजा का विरोध करते हुए, एक निराकार ईश्वर की उपासना का संदेश दिया था। उन्होंने तात्कालिक समाज की बुराईयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि इस दिन स्वर्ग से देवतागण भी आकर गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन फल, अनाज, वस्त्र और गुड़ आदि चीजों का दान किया जा सकता है। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित मानी जाती है। वास्तव में कार्तिक मास की पूर्णिमा मनुष्य के अंदर छुपी बुराईयों को, नकारात्मकता को, अहंकार, काम, क्रोध, लोभ और मोह को दूर करने में सहायता करती है और जीवन में सकारात्मकता प्रसन्नता और पवित्रता का संचार करती है ।
भिलाई/शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र की खो-खो बालिका टीम ने हाल ही में आयोजित 8, 9 एवं 10 नवंबर को छत्तीसगढ़ के बेहतरीन व सर्वश्रेष्ठ क्लब एडवेंचर खो खो क्लब के द्वारा आयोजित एडवेंचर ट्रॉफी प्रतियोगिता में जूनियर बालिका वर्ग के विजेता का खिताब प्राप्त किया। जिसमें राज्य के विभिन्न
क्लबों की बालक वर्ग (14 वर्ष) से 10 टीमों ने एवं बालिका वर्ग में (18 वर्ष) की 08 टीमों ने भाग लिया था। बीएसपी टीम ने सेमीफाइनल में नारायणपुर की टीम को बड़े अंतर से हराकर फाइनल में प्रवेश किया, जहां उन्हें कड़े मुकाबले में एडवेंचर खो खो क्लब की टीम को हरा कर विजेता का खिताब हासिल किया। बीएसपी खो-खो क्लब के अध्यक्ष एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के पर्यावरण विभाग के महाप्रबंधक संजय कुमार के मार्गदर्शन में 11 नवंबर को बीएसपी खो खो क्लब सेक्टर-4 में आयोजित खिलाडिय़ों एवं उनके पालकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
बीएसपी खो खो क्लब के अध्यक्ष संजय शर्मा ने टीम की इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा, बीएसपी खो-खो क्लब की बालिका टीम ने अपनी मेहनत, समर्पण और उत्कृष्ट खेल कौशल से यह गौरवपूर्ण सफलता अर्जित की है। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन ने हमें गर्व का अनुभव कराया है। जब भी छत्तीसगढ़ में खो-खो की बात होती है तो भिलाई का नाम सबसे पहले लिया जाता है। भिलाई ऐसा स्थान है, जहां खिलाडिय़ों को बेहतरीन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है, और यहां के खिलाडिय़ों ने स्टेट और नेशनल स्तर पर भिलाई और छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ खो-खो संघ के अध्यक्ष कमलजीत अरोरा एवं महासचिव तरुण शुक्ला, शुभम कुमार, श्रीमती ऋतु संजय शर्मा, उपाध्यक्ष छग एमेच्योर खो खो संघ श्रीमती मीनाक्षी अग्रवाल, सचिव जिला एमेच्योर खो खो संघ दुर्ग चवन राम
साहू, श्रीमती माधुरी संजय चौधरी, डी के सिंह,अब्दुल रहीम खान, श्रीमती नासरा खान, डॉ लता देवांगन, डी डी न्यूज फारूक पत्रकार, संतोष ठाकुर, सचिव भिलाई कॉरपोरेशन कुलेश्वर जोशी, फिरोज रहमान, सी एच जगदीश, श्यामसुंदर,सुमित बंजारे, टोमेश ठाकुर, भोलेनाथ, सचिन डोंगरे, अविनाशआचार्य, एवन निषाद, संदीप रात्रे, दिलीप नवरंगे,आर विनोद ने मैडल विजेता खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए शुभकामनायें दिया।
कार्यक्रम के अंत में रघुनंदन प्रसाद गुप्ता ने उक्त समारोह में शामिल हुए सभी खिलाडिय़ों, उनके पालकों को बताया कि आगामी वर्ष में खो खो का पहला वल्र्ड कप दिल्ली में 13 से 19 जनवरी 2025 में आयोजित होना है। जिसमें कुल 28 से 30 देश जिनमें पाकिस्तान, ब्रिटेन, नॉर्थ अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल भूटान, अफ्रीका , दक्षिण कोरिया, दक्षिण अमेरिका आदि जैसे देश भाग लेंगे।
बीएसपी टीम की खिलाड़ी कुमारी झमीता साहू को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 'बेस्ट प्लेयर अवॉर्डÓ से नवाजा गया और कुमारी अनादिता को 'बेस्ट प्लेयर ऑफ द मैचÓ का अवॉर्ड मिला। कप्तान कुमारी झमीता साहू ने टीम का नेतृत्व किया और नम्रता यादव, सिमरन देशलहरा, युक्ता सिंह, रोशनी, अनादिता, भूमकी निषाद, सुष्मिता साहू, खुशबू, उर्मिला, खुशी सूर्यवंशी, भारती यादव और चांदनी यादव ने मिलकर शानदार खेल का प्रदर्शन किया। टीम के कोच जफर सिद्दीकी एवं सिकंदर भारती और मैनेजर सुश्री गिरिजा के कुशल मार्गदर्शन ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भिलाईनगर/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई के वैशाली नगर जोन-2 वार्ड क्रमांक 25 जवाहर नगर हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही करते हुए बेदखली की कार्यवाही की गई। जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई थी, कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा निगम भिलाई के भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कर रहा है अतिक्रमणकारी को नोटिस दिया गया कि भूखंड स्वयं का है, दस्तावेज निर्धारित समय अवधि में प्रस्तुत करने को कहा गया। समय सीमा के अंदर संबंधित द्वारा दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया गया। शिकायत के आधार पर निगम के राजस्व अधिकारी एवं तोड़फाेड़ दल मौके का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां पर देखा की निगम की भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है।
वैशाली नगर के जोन आयुक्त को इस बात का ज्ञात होते ही कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा निगम की भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। जोन आयुक्त येशा लहरे ने राजस्व अधिकारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिसके आधार पर निगम की टीम अवैध निर्माण को जे.सी.बी. के माध्यम से तोड़कर भूमि को मूर्त रूप दिए। गौरतलब है कि अवैध निर्माण करने वाले किसी प्रकार के व्यक्ति के निर्माण स्थल को नगर निगम भिलाई उसके स्वयं के व्यय से तोड़कर उससे अर्थदण्ड वसूल करेगी।
कार्यवाही के दौरान वैशाली नगर जोन-2 राजस्व विभाग से राजस्व अधिकारी जे.पी.तिवारी, कृष्ण कुमार सुपैत, अरुण सिंह, पूषण देशमुख, गुप्ता नंद तिवारी एवं मुख्य कार्यालय से बेदखली दल हरिओम गुप्ता के साथ राजेन्द्र सिंह, कन्हैया यादव, मंगल जांगड़े, विष्णु सोनी आदि उपस्थित रहे।
जगदलपुर/ शौर्यपथ/
नरेश देवांगन
आदिवासी विकास विभाग के तहत जिले में संचालित आश्रमों एवं छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक जिले के कलेक्टर समय समय पे लेकर उपलब्ध सुविधाओं तथा आधारभूत संसाधनों की समीक्षा करते रहते है । जहा आश्रम एवं छात्रावासों में निवासरत बच्चों को बेहतर वातावरण देने तथा परिसरों में आवश्यक सुविधाओं व सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने हेतु हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए जाते है । साथ ही यह भी कहा जाता है कि इसमें किसी प्रकार की कोताही अथवा लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सात ही अधीक्षकों को बिना अनुमति के छात्रावास नहीं छोड़ने, प्रतिदिन भोजन की गुणवत्ता परखने, बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने व सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के भी सख्त निर्देश दिए गए है । बावजूद इसके भी सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के बालक आश्रम पेदाकुरती के अधीक्षक उच्चधिकारी के निर्देशों का पालन करते नहीं दिख रहे है। अधीक्षक के द्वारा प्रतिदिन भोजन की गुणवत्ता पे ध्यान नहीं दिया जा रहा है और ना ही बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाता है बच्चों कि माने तो मेनू चार्ट के हिसाब से भोजन नहीं दिया जा रहा है। आश्रम में रखे बच्चों के लिए दवाईयों में कई दवाई एक्सपायर हो चुकी है। बच्चों से पूछने से बताया कि जब भी कोई बच्चा बीमार होता है तो दवाई अधीक्षक के द्वारा इसी डब्बे से निकाल के देते है जबकि डब्बे में रखी दवाई Chloroquine phosphate tablets EXP. 10/24 है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अधीक्षक दवाई को देने से पहले उसकी अंतिम तिथि कि जाँच नहीं करते? क्यों एक्सपायर हो चुकी दवाई को रख बच्चों को दिया जा रहा है? एक्सपायर हुई दवाई को खाने से होने वाली नुकसान का भरपाई कौन करेगा? क्यूंकि जानकारों का कहना है कि एक्सपायर हो चुकी दवाओं में बैक्टीरिया के बढ़ने का जोखिम होता है और कम शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स संक्रमण का इलाज करने में विफल हो सकते हैं, जिससे अधिक गंभीर बीमारियाँ और एंटीबायोटिक प्रतिरोध हो सकता है। एक बार समाप्ति तिथि बीत जाने के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दवा सुरक्षित और प्रभावी होगी।
जबकि जिम्मेदारों के द्वारा समय समय पे आश्रम / छात्रावास कि निरिक्षण करने कि बात भी कही जाती है। जिम्मेदार अगर अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रहे है तो इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो रही है ?