May 09, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

राजनांदगांव / शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले की स्वसहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत एवं लगन से ईंट बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की बुनियाद रखी है। बिहान योजना के माध्यम से 17 हजार 552 स्वसहायता समूह की 1 लाख 92 हजार 959 ग्रामीण महिलाओं को शामिल करने के पश्चात अब उन्हें आजीविका गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका अंतर्गत उन्नत कृषि, पशुपालन एवं व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ रही हैं किन्तु पिछले कुछ वर्षो से उनके लिए ईट निर्माण गतिविधि बेहतर आय का जरिया साबित हो रही है। प्रति वर्ष जनवरी से मई-जून की अवधि में समूह की महिलाएं ईट निर्माण का कार्य करती हैं निर्मित ईट की बिक्री से उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हो जाती है, साथ ही समय का सदुपयोग भी हो जाता है।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार जिला पंचायत की सीईओ श्रीमति तनूजा सलाम द्वारा लगातार इसकी समीक्षा कर मार्गदर्शन दिया जा रहा है। महिलाएं ईंट निर्माण के लिए खेत की मिट्टी एवं धान के छिल्के का उपयोग ईट निर्माण करती हैं एवं ईट पकाने के लिए घर में उपलब्ध लकड़ी का उपयोग करती हैं। घर पर लकड़ी उपलब्ध न होने पर खरीद भी लेते हैं साथ उपलब्धता के अनुसार पकाने के लिए कोयले का भी उपयोग करते हैं जिले भर में लाल ईट की मांग अधिक होने से अधिकतर समूह की महिलाओं द्वारा लाल ईट का निर्माण किया जाता है जबकि 3 समूहों द्वारा फ्लाई ऐश ब्रिक का भी निर्माण किया जाता है। वैसे तो जिले भर में ईट का निर्माण किया जाता है किन्तु वनांचल मोहला, मानपुर एवं अम्बागढ़ चौकी में बड़ी मात्रा में स्वसहायता समूह की महिलाएं ईट निर्माण का कार्य करती हैं पिछले 3 वर्षो से लगातार ईट निर्माण का आंकड़े में इजाफा हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी ईट की सप्लाई की जा रही है।
बिहान योजना के तहत ईट निर्माण में संलग्न समूह की महिलाओं के पास पर्याप्त पूंजी की उपलब्धता के लिए न्यूनतम ब्याज दर पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है तथा सामुदायिक निवेश कोष की राशि भी समूह की महिलाओं द्वारा ईट निर्माण में लागत के तौर पर खर्च की जा रही है पर्याप्त वित्तीय सुविधा एवं आवास योजना में अच्छी मांग के कारण समूह की महिलाएं ईट निर्माण कर समृद्धि के नए आयाम की ओर बढ़ रही हैं। इस वर्ष कोविड-19 के लॉक डाउन पीरियड में भी इस वर्ष समूह की महिलाओं में ईट निर्माण के प्रति उत्साह में कोई कमी नहीं आई है, जो काबिले तारीफ है। वित्तीय वर्षं 2019-20 में जिले के कुल 733 स्वसहायता समूह की 1983 महिलाओं ने कुल 3 करोड़ 58 लाख ईट का निर्माण किया गया। वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास निर्माण हेतु ईट की आपूर्ति से 2 करोड़ 57 लाख रूपए की शुद्ध आय स्वसहायता समूह की महिलाओं को प्राप्त हुई एवं आवास निर्माण में ईट की आपूर्ति में भी सहूलियत हुई है। लगातार ईट का निर्माण किया जा रहा है और इस तरह ईट निर्माण गतिविधि से समूह की महिलाओं की आय वृद्धि हो रही है।

दुर्ग / शौर्यपथ / जलकार्य प्रभारी संजय कोहले द्वारा आज पटरीपार के सिकोला भाठा, करहीडीह वार्ड, सिकोला बस्ती, औद्योगिक नगर वार्ड 17-18, तािा आदित्य नगर क्षेत्र वार्ड 20 का भ्रमण कर वहाॅ की पेयजल समस्या का अवलोकन किया गया। इस दौरान अमृत मिशन की टीम, निगम के अधिकारीगण तथा संबंधित वार्ड के पार्षदगण मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि कल महापौर घीरज बाकलीवाल द्वारा अमृत मिशन योजना के अंतर्गत पेयजल सप्लाई के कार्यो की समीक्षा कर उन्होनें कार्यो को तत्परता से करने अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। उनके दिशा निर्देश के बाद आज जलकार्य प्रभारी संजय कोहले ने अमृत मिशन की टीम और निगम अधिकारियों के साथ सिकोला भाठा वार्ड, करहीडीह वार्ड, सिकोला बस्ती वार्ड, औद्योगिक नगर वार्ड तथा आदित्य नगर क्षेत्र में पानी की समस्या का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संबंधित वार्ड पार्षद शंकरसिंह ठाकुर,श्रीमती उषा ठाकुर, खिलावन मटियारा, निर्मला साहू, अमित देवांगन उपस्थित थे। जिन्होनें अपने-अपने वार्ड में अमृत मिशन के नये कनेक्शन को चालू करने की राय दिये। महापौर के दिशा निर्देश एवं पार्षदों की राय के आधार पर वार्डाे में पेयजल समस्या का निदान करते हुये पुरानी पाइप लाईनों को बंद कर जहाॅ-जहाॅ नये लाईन से कनेक्शन दिया जाना है वहाॅ कार्य प्रारंभ कराया गया। कुछ जगहों पर इंटर कनेक्शन की जरुरत उसे पूरा कराया जा रहा है। पार्षदों ने वार्डो में बचे कार्यो को जल्द पूरा करने की मांग किये। कुछ जगहों पर पुरान पाइप लाईन से पानी जा रहा है उसे बंद करने कहा जा रहा है। एक-एक गली में जाकर पानी की समस्या को ठीक किया जा रहा है ।

मुंगेली / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले मे स्थापित क्वारेेंटाइन सेेंटर मे ठहरे हुए प्रवासी श्रमिको की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाये जाने के कारण  कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को देखते हुए ग्राम ठकुरीकापा, फुलवारी, संगवाकापा और धरमपुरा प्रत्येक ग्राम के तीन किलो मीटर परिधि क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है।               उन्होने  ग्राम ठकुरीकापा के मिडिल स्कूल से तीन किलो मीटर परिधि, पूर्व दिशा मे बरेला-तखतपुर, पश्चिम दिशा मे सेमरचुवा-तखतपुर, उत्तर दिशा मे तरईगांव और दक्षिण दिशा मे सेमरचुवा, ग्राम फुरवारी के मॉडल स्कूल से तीन किलो मीटर परिधि, पूर्व दिशा मे फुलवारी (मुख्यग्राम), पश्चिम दिशा मे बिरगांव, उत्तर मे भथरी, दक्षिण मे रहन नदी (तोताकापा), ग्राम संगवाकापा के सामुदायिक भवन से तीन किलो मीटर की परिधि, पूर्व दिशा मे नवागांव (घु.), पश्चिम दिशा मे बरईदहरा सुरेठा, उत्तर मे देवरी (सं.),दक्षिण दिशा मे सुरदा, और ग्राम धरमपुरा पॉलिटेक्निक कॉलेज से तीन किलो मीटर की परिधि, पूर्व दिशा मे ग्राम कुआगांव, पश्चिम मे धरमपुरा (मुख्यग्राम), उत्तर दिशा मे पीथमपुर , दक्षिण मे कुआगांव तक के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। 

     घोषित कंटेनमेंट जोन मे सभी दुकाने एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान को आगामी आदेश पर्यन्त तक बंद रहेंगे । कंटेनमेंट जोन मे प्रभारी अधिकारी द्वारा घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति  उचित दरो पर किया जाएगा। सभी प्रकार के वाहनो का आवागमन पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा । मेडिकल इमरजंेसी को छोड़ कर अन्य किन्ही भी कारणो से घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मानको के अनुरूप व्यवस्था हेतु पुलिस लगातार पेट्रोलिंग करते रहेेंगे। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. भुरे ने जारी आदेश का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये है।    

रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश के राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं वाणिज्यिक कर (पंजीयन) मंत्री  जयसिंह अग्रवाल ने सरगुजा सम्भाग के राजस्व अधिकारियों की बैठक वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ली। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को सभी राजस्व प्रकरणों का ई-कोर्ट में अनिवार्य रूप से पंजीयन करने के निर्देश दिए है। बैठक में राजस्व विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य आयुक्त, भूअभिलेख, सरगुजा संभागायुक्त सहित सरगुजा, सूरजपुर, जशपुर, बलरामपुर और कोरिया जिले के कलेक्टर शामिल हुए।
    राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को राजस्व प्रकरणों में मुआवजा, बटंाकन, सीमांकन, भूअभिलेखों का अद्यतीकरण, ऑनलाईन पंजीयन, ई-कोर्ट के क्रियान्वयन, नगरीय क्षेत्रों मे भूमि बंटन, तहसील स्तर पर माडर्न रिकार्ड रूम, विवादित और अविवादित नामांतरण, बटवारा सहित अन्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। श्री अग्रवाल ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत् दर्ज प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। राजस्व मंत्री ने पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारीश से क्षति एवं प्रभावितों को सहायता के संबंध में की गई कार्यवाही की भी समीक्षा की। उन्होंने खरीफ एवं रबी फसलों के गिरदावरी कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए है। भू-अभिलेखों में भू-स्वामियों के डिजिटल हस्ताक्षर से सत्यापित कराने के निर्देश दिए हैं, इसी तरह से पंजीयन कार्यालय से प्राप्त सूचना के आधार पर नामान्तरण पंजी में दर्ज कर नामान्तरण की कार्यवाही समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए है। अविवादित नामान्तरण प्रकरणों में पंजीयन कार्यालय से प्राप्त सूचना की तिथि से 45 दिवस के भीतर अभिलेख दुरुस्त अनिवार्य रूप से किया जाए, जिससे किसानों को रिकार्ड दुरूस्ती के लिए अनावश्यक रूप से भटकना न पडे़। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण करने में कोई समस्या आ रही है तो राजस्व सचिव के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार शीघ्रता से निपटाए।
    राजस्व मंत्री ने बैठक में कहा कि नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव के बाद वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) के चलते राजस्व विभाग का अमला संक्रमण के फैलाव की रोकथाम नियंत्रण और  बचाव कार्य में मुस्तैदी से सहयोग कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस महामारी से हम जल्द ही मुक्त होंगे, राजस्व मंत्री ने राजस्व अधिकारियों को संकट की इस घड़ी में और सक्रियता और सजगता से कार्य करने और आपदा प्रबंधन के कार्य को बेहतर से बेहतर करने के निर्देश दिए है। बैठक में राजस्व विभाग की सचिव ने सरगुजा संभाग के कलेक्टरों को राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए सतत् मॉनिटरिंग करने और ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व प्रकरणों के निराकरण की दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए।    

रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि में होगी मितव्ययता
राज्य सरकार के विभागों, कार्यालयों सहित निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से होगा लागू
वित्त विभाग ने जारी किया आदेश: 31 मार्च 2021 तक रहेगा लागू

  रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण (कोविड-19) से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार के राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था भी तत्काल किया जाना है, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय व्यय के युक्तियुक्तकरण और उपलब्ध संसाधनों का विकासमूलक कार्यो के लिए अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मितव्ययता के अनेक निर्णय लिए हैं।
जिसके तहत नए पदों का निर्माण, स्थानांतरण, महंगे होटलों में बैठकें, विदेश यात्रा और नए वाहनों की खरीदी पर रोक लगा दी गई है वहीं रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि में मितव्ययता के संबंध में निर्देश जारी किए गए है।
राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में जारी निर्देश के तहत लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के रिक्त पदों एवं अनुकंपा नियुक्ति के पदों को छोड़कर शेष सभी भर्ती के रिक्त पदों को भरने के पहले वित्त विभाग की अनुमति ली जाएगी। जिन पदों के लिए वित्त विभाग से भर्ती की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, किन्तु नियुक्ति शेष है उनके लिए भी वित्त विभाग की अनुमति पुनः प्राप्त की जाएगी। ऐसे प्रस्ताव को वित्त विभाग में भेजते समय इन पदों की पूर्ति पर आने वाले वार्षिक वित्तीय भार तथा पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य दर्शाया जाएगा।
वित्त विभाग ने कहा है कि विभागों द्वारा नियमित पदोन्नति में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाए, किन्तु पदोन्नति के परिणाम स्वरूप होने वाले स्थानांतरण को रोकने के लिए याथसंभव उस पद को उसी स्थान पर आगामी आदेश तक अस्थाई तौर पर उन्नयन (अपग्रेड) कर दिया जाए। पदोन्नति-क्रमोन्नति के फलस्वरूप देयक एरियर्स राशि के भुगतान को वित्त विभाग के आगामी आदेश तक विलंबित रखा जाए। विभागों के स्थापना व्यय में वृद्धि को नियंत्रित रखने की दृष्टि से सभी शासकीय विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों में नवीन पद सृजन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। विशेष परिस्थितियों में वित्त विभाग की सहमति से ही नवीन पद सृजित किए जा सकेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। स्थानांतरण केवल समन्वय में अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। स्थानांतरण पर अतिरिक्त व्यय भार को ध्यान में रखते हुए विभागों से यह अपेक्षा की गई है कि समन्वय मंे भी न्यूनतम स्थानांतरण किया जाए और अति आवश्यक होने पर स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण को प्राथमिकता दिया जाए। लोक हित में वांच्छित अपवाद को छोड़कर राज्य शासन के व्यय पर विदेश यात्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। शासकीय अधिकारियों के बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा और प्रथम श्रेणी में रेल यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। अनावश्यक एवं बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भ्रमण प्रतिबंध रहेगा।
विभागों को बैठकों का आयोजन न्यूनतम करने को कहा गया है। कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, शासकीय समारोह के आयोजनों में मितव्ययिता बरतने तथा अति आवश्यक बैठक-कार्यक्रम का आयोजन महंगे होटलों की बजाय शासकीय भवनों में करने के निर्देश दिए गए है। यथा संभव बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंस एवं वेबीनार के माध्यम से आयोजित की जाए। आदेश में कहा गया है कि विभागों द्वारा अति आवश्यक नवीन योजनाओं को ही चालू वर्ष में प्रारंभ करने की कार्यवाही-प्रस्ताव प्रेषित किया जाए तथा पूर्व से संचालित योजनाओं की अलग से समीक्षा की जाए। जो योजनाएं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुपयोगी है। उनको समाप्त करने की कार्यवाही की जाए। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान नवीन वाहनों का क्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा केवल अत्यावश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक वाहनों का क्रय वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा।
राज्य के शासकीय सेवकों को एक जुलाई 2020 एवं एक जनवरी 2021 में देय वार्षिक वेतन वृद्धि को आगामी आदेश तक विलंबित रखा गया है। किन्तु एक जनवरी 2021 एवं एक जुलाई 2021 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवकों के मामले में यह लागू नहीं होगा। विभिन्न विभागों द्वारा संचालित व्यक्तिगत जमा खाता (पीडी एकाउंट) जो एक वर्ष की अवधि से प्रचलन में नहीं है को तत्काल बंद करने तथा खाते में जमा राशि चालान के माध्यम से शासकीय कोष में जमा करने के निर्देश दिए गए है। राज्य पोषित योजना के तहत प्रावधानित राशि जो कि संचित निधि से 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खातों में रखी गई है को अर्जित ब्याज सहित 15 जून 2020 तक राज्य शासन के खाते में वापिस जमा की जाएगी।
वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कतिपय केन्द्रीय योजनाओं में राशि बजट के माध्यम से प्राप्त होती है। ऐसी योजनाओं में बजट में प्रावधानित राशि के विरूद्ध 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खाते में जमा राशि में से कमिटेड एक्सपेंडिचर, जो तत्काल किया जाना संभावित हो, का भुगतान कर शेष समस्त राशि अर्जित ब्याज सहित मुख्य शीर्ष 8443-के-डिपाजिट में 15 जून 2020 तक अनिवार्य रूप से जमा करने को कहा गया है। विभागों द्वारा भविष्य में आवश्यकतानुसार वित्त विभाग की अनुमति से के-डिपाजिट में जमा राशि विमुक्त कराई जा सकेगी।
वित्त विभाग द्वारा जारी यह आदेश राज्य के शासकीय विभागों, कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से लागू होंगे। ये निर्देश 31 मार्च 2021 तक लागू रहेंगे। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आज मंत्रालय से सभी विभागों सहित अध्यक्ष, राजस्व मंडल, संभागीय कमिश्नरों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया गया है।

   रायपुर / शौर्यपथ / राजधानी नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील और शिकायत के प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है। मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम के राऊत ने कहा है कि  कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील और शिकायत के प्रकरणों की सुनवाई के लिए राज्य सूचना आयोग में जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी प्रकरण से संबंधित तर्क/जवाब लिखित रूप से आयोग को  ई-मेल, व्हाट्सअप और फैक्स से भेंज सकते हैं ।
       सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील और शिकायत  प्रकरणों की सुनवाई पुन: वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों के द्वारा 4 मई 2020 से की जा रही है।
       जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी आयोग को अपना जवाब ई-मेल] व्हाट्सअप और फैक्स से भेंज सकते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग को अपना जवाब ई-मेल This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it., फैक्स नम्बर 0771-2512102, व्हाट्सअप नम्बर 94255-02363 पर भेंज सकते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील और शिकायत के प्रकरणों की जानकारी और सुनवाई की तिथि छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के वेबसाइट  www.siccg.gov.inके लिंक में अपीलार्थी/शिकायतकर्ता का अपना नाम, प्रकरण क्रमांक और मोबाइल नम्बर दर्जकर प्रकरण की अद्यतन जानकारी हासिल कर सकते हैं ।

क्वारेंटाईन सेंटरों में मनोरंजन के लिए टी.व्ही,. रेडियो और मनोवैज्ञानिकों की ली जाएंगी सेवाएं
प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यवस्था होगी सर्वोच्च प्राथमिकता: बनाए जाएंगे राशनकार्ड और मनरेगा के जॉब कार्ड
कुशल और अर्धकुशल श्रमिकों की सूची उपलब्ध करायी जाएगी उद्योगों को रेड जोन और कंटेंनमेंट एरिया में नहीं मिलेगी कोई छूट
वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति अब तहसीलदार देंगे
माल, सिनेमा घर, राजनैतिक सभाएं, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध पूर्व की तरह ही जारी रहेगा
विभिन्न प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार और समाज के सभी वर्गों को राहत देने के उपायों पर भी हुई चर्चा

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में प्रदेश में कोविड-19 के नियंत्रण और लॉक-डाउन के बाद ठप्प पड़ी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने आज उच्च स्तरीय बैठक में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सभी मंत्रीगण और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने और समाज के सभी वर्गों को राहत देने के उपायों पर चर्चा की गई। लोगों की दिक्कतों का देखते हुए अब वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति तहसीलदार देंगे। अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया जा रहा है। रेड जोन और कंटेंनमेंट एरिया में कोई छूट नहीं मिलेगी। भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार माल, सिनेमा घर, राजनैतिक सभाएं, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध पूर्व की तरह ही जारी रहेगा।
बैठक में दुकानों को अब सप्ताह में छह दिन खोलने का निर्णय लिया गया। सभी दुकानों और बाजारों में शारीरिक दूरी की बंदिशें पूर्व की तरह लागू रहेंगी। सप्ताह में छह दिन दुकान खुलने से वहां एक साथ होने वाली भीड़ से राहत मिलेगी। व्यवसायिक-व्यापारिक गतिविधियां शुरू होने से रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। बैठक में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को भी शुरू करने के उपायों पर विचार किया गया। लॉक-डाउन के बाद प्रदेश के 1371 कारखानों में दोबारा काम शुरू हो गए हैं। इन कारखानों में एक लाख तीन हजार श्रमिक काम पर लौट चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन, रेडियो आदि की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने श्रमिकों को मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराने के लिए मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं भी लेने को कहा है। मुख्यमंत्री ने गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से क्वारेंटाइन सेंटर्स में योग या अन्य प्रेरक गतिविधियां संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने तनाव कम करने पूरे दिन की व्यवस्थित दिनचर्या तैयार कर इसका पालन सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश वापस आने वाले श्रमिकों को राशन और रोजगार की चिंता से मुक्त करने की जरूरत है। इसके लिए तत्काल उनके राशन कॉर्ड और मनरेगा जॉब-कार्ड बनवाए जाएं। कुशल और अर्धकुशल श्रमिकों की सूची तैयार कर स्थानीय उद्योगों को उपलब्ध कराया जाए। इससे उद्योगों को जरूरत का मानव संसाधन मिलने के साथ ही श्रमिकों को नियमित रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण और लॉक-डाउन की परिस्थितियों में जन-जीवन को राहत पहुंचाने छत्तीसगढ़ में अच्छा काम हुआ है। सभी विभागों ने बेहतर समन्वय के साथ काम करते हुए जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाई है। शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के साथ गांव-गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए शासन-प्रशासन ने मुस्तैदी से काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच, इलाज और रोकथाम के लिए जितनी भी राशि की जरूरत होगी, स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जाएगी।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक दो लाख 12 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया है। अब तक 53 श्रमिक स्पेशल ट्रेन आ चुकी हैं और 68 प्रस्तावित हैं। जिला कलेक्टरों को राज्य आपदा निधि से 18 करोड़ 20 लाख रूपए और मुसीबत में फंसे मजदूरों की सहायता के लिए करीब चार करोड़ रूपए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के बैंक खातों में 66 लाख 73 हजार रूपए का भुगतान भी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को भी राज्य आपदा निधि से 75 करोड़ रूपए दिए गए हैं।
बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

          लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / लॉकडाउन के दौरान सभी का शेड्यूल बदल गया है और हम में से ऐसे कई लोग हैं, जो अब आराम से अपने काम करना पसंद करते हैं। उन्हें लगता है कि अब जाना ही कहां है तो आराम से सारा काम किया जा सकता है। चलिए यह बात हो गई काम की, लेकिन यदि आप रात में खाना भी आराम से कर रहे हैं मतलब कि देर रात भोजन कर रहे हैं तो यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

अगर आप भी यही दिनचर्या अपना रहे है तो

एक बार इससे होने वाले नुकसान पर नजर जरूर डालें ।

1 बढ़ता है वजन -

रात में शरीर का मेटाबौलिज्म दिन की अपेक्षा धीमा व कमजोर रहता है, जिस वजह से देर रात में खाया गया खाना पचने में परेशानी आती है। इस वजह से रात में अधिक मात्रा में कैलोरी बर्न नहीं हो पाती और वजन बढ़ता है।

2 बढ़ता है ब्लड प्रेशर -

कई जानकारों के अनुसार देर रात खाना खाने से ब्लड प्रेशर के साथ ही खून में शुगर का स्तर भी अधिक हो जाता है, जोकि सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

3 सोने में होती है परेशानी -

एक रिपोर्ट के अनुसार देर रात स्नैक्स या खाना खाने से से स्लीप साइकल भी डिस्टर्ब होती है, जिससे गहरी नींद आने में समस्या हो सकती है। साथ ही गैस्ट्रिक समस्या भी हो सकती है, सो अलग।

4 चिड़चिड़ापन -

अगर आप पर्याप्त मात्रा में सुकून की नींद नहीं ले पाते, तो इसका असर आपकी मानसिक सेहत पर भी पड़ता है। दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, नतीजतन चिड़चिड़ापन पैदा होता है।

 

           लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / लॉकडाउन के कारण कई लोग वजन बढ़ने जैसी समस्या से परेशान हैं। यदि आपकी भी यही शिकायत है और आप अपने आकार में अपने शेप में वापस आने की कोशिश कर रहे हैं तो यह लेख सिर्फ आपके लिए हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भोजन स्वस्थ जीवनशैली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए हम आपको अपने इस लेख में बता रहे हैं एक ऐसे डिटॉक्स ड्रिंक के बारे में जिसके सेवन से यह आपके लिए स्वस्थ और फिट रहने में कारगर साबित होगा। यह ड्रिंक है जीरा, धनिया और सौंफ से तैयार डिटॉक्स ड्रिंक जिसके सेवन से यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है, साथ ही त्वचा को कोमल और स्वस्थ चमकदार बनाने में भी सहायक है, आइए जानते हैं।

वजन घटाने और चमकती त्वचा के लिए


जीरा

यह भारतीय मसाला अपने विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। जीरा पाचन संबधी समस्या को खत्म करता है और पाचन तंत्र मजबूत करता है। साथ ही वजन कम करने में भी यह बहुत काम आता है। गर्मियों के समय पाचन संबधी समस्या आम हो जाती है, वहीं जीरा उन सभी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। यह पोटेशियम, कैल्शियम व कॉपर जैसे पोषक तत्वों से भी समृद्ध है, जो आपकी त्वचा को कोमल रखने में मदद कर सकता है।
वजन घटाने और चमकदार त्वचा के लिए धनिया


धनिया विभिन्न प्रकार के खनिजों और विटामिनों का एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर के अतिरिक्त वजन को कम करने में मदद करता है। धनिये के बीजों में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा संबंधी कई समस्याओं के इलाज के लिए प्रभावी हो सकते हैं। इसलिए धनिये का सेवन गर्मियों के दौरान महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि गर्मी और पसीने के कारण त्वचा पर अतिरिक्त तेल त्वचा की विभिन्न समस्याओं को जन्म देता है।
वजन घटाने और चमकती त्वचा के लिए सौंफ

गर्मियों के मौसम में मुंहासे त्वचा से जुड़ी एक आम समस्या है और सौंफ को त्वचा को ठंडा करने के लिए जाना जाता है। इसमें जस्ता, कैल्शियम और सेलेनियम जैसे गुण होते हैं, जो शरीर में हार्मोन और ऑक्सीजन के स्तर को संतुलित करने के लिए अच्छे होते हैं, जो त्वचा पर एक स्वस्थ चमक लाते हैं। साथ ही इससे वजन कम होता है।

कैसे तैयार करें जीरा-धनिया-सौंफ का पानी?

आधा चम्मच जीरा, धनिया और सौंफ को 1 गिलास पानी में रातभर भिगो दें।

अगली सुबह इस पानी को अच्छी तरह उबाल लें और पानी छान लें।

काला नमक, शहद और आधा नींबू का रस इसमें मिला लें।

   धर्म संसार / शौर्यपथ /पुराणों अनुसार कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू से उन्हें कई नागों की उत्पत्ति हुई है। जैसे अनंत, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पिंगला, पद्म, महापद्म, शंख, कुलिक, चूड़, धनंजय आदि। अग्निपुराण में 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन है। कहते हैं कि कालिया नाग भी कद्रू का पुत्र और वह पन्नग जाति का नागराज था।


कालिया नाग पहले रमण नामक द्वीप में निवास करता था। कहते हैं कि पक्षीराज गरुड़ से जब उसकी शत्रुता बढ़ गई तो वह अपनी पत्नियों सहित यमुना नदी के कुण्ड में आकर रहने लगा था। कालिया जानता था कि यही स्थान सुरक्षित है और यहां गरुड़ भगवान नहीं आ सकते हैं, क्योंकि यहीं पर गरुड़ ने तपस्वी सौभरि के मना करने पर भी कुंड से मछलियों को बलपूर्वक पकड़कर खा लिया था। इससे क्रोधित होकर महर्षि सौभरि ने गरुड़ को शाप दे दिया था कि अब यदि तुमने यहां आकर फिर कभी मछलियों को खाया तो उसी क्षण मृत्यु को प्राप्त हो जाओगे। यही कारण था कि कालिया नाग यहीं छुपकर रहता था।

उसके विष के कारण यमुना का जल एक स्थान से जहरिला हो चला था जिसके चलते गोकुलवासी उस पानी का उपयोग नहीं कर सकते थे। कालिया देह या कुंड के स्थान पर जो भी जाता था कालिया नाग उसे खा जाता था। इसीलिए उसे कालिया दाह कहने लगे थे।

कहा जाता है कि एक बार श्रीकृष्ण की गेंद उस यमुना कुंड में गिर गई थी। गेंद लेने के लिए श्रीकृष्ण यमुना के उस स्‍थान पर कूद जाते हैं और जल के अंदर जाकर वे कालिया नाग से युद्ध कर उसको सपर्मण करने के लिए मजबूर कर देते हैं। तब कालिया नाग दया की भीख मांगता है तो भगवान कहते हैं कि तुम वहीं जाओ जहां तुम पहले रहते थे। कालिया नाग कहता है प्रभु वहां तो आपका सेवक गरुड़ मेरी जान का दुश्मन है। तब श्रीकृष्ण कहते हैं कि तुम्हारे शीश पर मेरे चरणों के निशान देखकर गरुड़ तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ेंगे। तब कालियान नाग अपनी पत्नियों सहित पुन: रमण द्वीप पर चला जाता है।
भारत में निम्न नागवंशी रहे हैं- नल, कवर्धा, फणि-नाग, भोगिन, सदाचंद्र, धनधर्मा, भूतनंदि, शिशुनंदि या यशनंदि तनक, तुश्त, ऐरावत, धृतराष्ट्र, अहि, मणिभद्र, अलापत्र, कम्बल, अंशतर, धनंजय, कालिया, सौंफू, दौद्धिया, काली, तखतू, धूमल, फाहल, काना, गुलिका, सरकोटा इत्यादी नाम के नाग वंश हैं।

 

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