September 21, 2024
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Mrinendra choubey

Mrinendra choubey

राजनांदगांव।शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के जंगलों को कुदरत ने हरेक संसाधनों से नवाजा है। यहां की वनस्पतियां शोध का केंद्र रहा है। आज हम बात करेंगे भूलन कांदा के बारे में यह ऐसा कांदा है जिसके पैर में पड़ते ही मनुष्य रास्ता ही भूल जाता है। इस कांदे की अनेक खासियत है जिसे आप भूलन कांदा वरिष्ठ लेखक संजीव बख्शी द्वारा लिखित उपन्यास में पढ़ सकते है। इस बुक में आप जंगलों की हसीन यात्रा में निकलेंगे जिसकी यादें रोमांचित करने वाली है। भूलन कांदा छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस पर पैर पड़ने से लोग भटक जाते हैं और जब तक कोई आकर छू ना ले वह भटके हुए होते हैं। इसी तरह से कुछ व्यवस्थाएं भी भटकी हुई हैं। कुछ न्याय व्यवस्था भी भटकी हुई है और विशेषकर गांव में जो बैठक कर फैसला करते हैं, उसमें भी भटकाव है। इन सब बातों को लेकर ही यह उपन्यास तैयार हुआ है। विष्णु खरे ने इस उपन्यास के बारे में कहा है कि यह नौशाद की संगीत की तरह है, जो जितना पुराना होगा उतना ही और लोगों में लोकप्रिय होगा। भूलन द मेज फिल्म संजीव बख्शी के जिस उपन्यास भूलन कांदा पर आधारित है। अब वो उपन्यास अंग्रेजी में भी उपलब्ध है और 15 अगस्त तक इसमें शिपिंग चार्ज की छूट है, इसका लाभ उठाइये और इस अद्भुत उपन्यास को जरूर पढ़िए। वरिष्ठ लेखक संजीव बख्शी बताते है कि, भूलन कांदा के अंग्रेजी अनुवाद उमा राम के एस राम ने किया है। इसके बारे में एक और रोचक बात हुई कि इसके कवर बनाने के लिए मैंने प्रोफेसर संत कुमार श्रीवास्तव की एक पेंटिंग को मन ही मन चुन लिया था कि इसे ही कवर बनाना है, यह बस्तर हाट से संबंधित पेंटिंग थी और बहुत ही सुंदर थी, लेकिन श्रीवास्तव साहब से संपर्क करने पर पता लगा कि यह पेंटिंग काफी पहले अमेरिका के एक संस्कृति विश्व विद्यालय के पास है और उनसे कई वर्षों से संपर्क नहीं हुआ है, मेरे आग्रह पर उन्होंने उनका फोन नंबर ढूंढ निकाला और उनसे बात भी की, जिससे वहां से पेंटिंग की फोटो खींच कर उसे भेजने की व्यवस्था की गई और इस तरह यह कवर पृष्ठ बन गया। यह पेंटिंग अभी भी विश्व विद्यालय के हाल में शोभा बढ़ा रही है। --------------

राजनांदगांव / शौर्यपथ / प्रदेश अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष धनेश पाटिला , जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पदम् सिंह कोठारी , अनुसूचित जाति प्राधिकरण के प्रदेश अध्यक्ष भुनेश्वर सिंह बघेल , जिला अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष पंकज बांधव के अनुशंसा से कुमरदा ब्लाक अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विजय मालेकर द्वारा कुमरदा ब्लाक के कार्यकारिणी की घोषणा किया गया। अध्यक्ष----विजय मालेकर ग्राम गुण्डरदेही। उपाध्यक्ष----हरिदयाल रामटेके बीरुटोला, द्रोपती बघेल महिला गोड़लवाही, महेश शेण्डे पांगरी, रंजीत रामटेके बरबसपुर। महामंत्री----अनिल टेमरे पांडुका, मंजू शेण्डे महिला जोंधरा, सुनिल पीपरोल चारभाठा, दीपक बघेल खुर्सीपार। संगठन मंत्री----जगदीश बघेल गोड़लवाही, मीना झुलेकर महिला गिदर्री, देवेन्द्र कुमार बारले बड़गांव, मेघनाथ देवदास मासुलकसा। कोषाध्यक्ष----उत्तम झुलेकर मरकाकसा। सचिव----विसाल शेण्डे उमरवाही। मिडिया प्रभारी----मुकेश गन्धर्व लाटमेटा। कार्यकारिणी सदस्य----पुनित लहरें कापा, देवनाथ माण्डले दानी टोला,उषा बघेल महिला चिखला मटिया, कुसुमलता मेश्राम महिला आयबांधा, कार्तिक जांगड़े उमरवाही, मनोज मेश्राम चंदिया, विकास त्रिपुरे जगदीशनगर, अनिल कुमार देवदास तुमड़ीकसा, वंश लहरें आयबांधा। सभी पदाधिकारियों को विधानसभा खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू एवं पूर्व विधायक भोलाराम साहू , जिला पंचायत सदस्य कान्ति भंडारी , विधायक प्रतिनिधि मिथलेश ठाकुर , जिला महामंत्री नरेश शुक्ला ब्लाक अध्यक्ष अब्दुल खान , ब्लाक युवा कांग्रेस अध्यक्ष रामगुलाल घावडे देव पन्द्रो और ब्लाक के सभी सम्मानित पदाधिकारियों ने बधाई व शुभकामनाएं दी



कबीरधाम।शौर्यपथ / कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है। लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जाएगा। कुष्ठ रोग के विरुद्ध जागरुकता अभियान चलाने के लिए गांव एवं शहर के प्रत्येक वार्ड में टीमें गठित की जाएंगी। इसकी तैयारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही संबंधित अन्य सभी विभाग अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, जांच, प्रभाव तथा उपचार की समुचित जानकारी देते हुए जागरुक करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पोस्टर व पर्चे वितरित किए जाएंगे। पर्चे में कुष्ठ रोग के लक्षण तथा जांच व इलाज के बारे में पूरी जानकारी रहेगी। इसके साथ ही कुष्ठ रोग विभाग की टीम घर-घर जाकर लक्षणों की जांच करेगी। कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर जोर देते हुए कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने मितानिनों को घर-घर सघन कुष्ठ सर्वेक्षण हेतु रजिस्टर प्रदान कर एक्टिव केस डिटेक्शन सर्वे का शुभारंभ किया है। उन्होंने लक्षण वाले बच्चों के लिए शासन की मार्गदर्शिका के अनुरूप किट तैयार कर मितानिनों को प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित भी किया है। साथ ही उन्होंने कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों के लिए भी व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है।
कुष्ठ रोग के विरुद्ध अभियान के संबंध में सीएमएचओ डॉ. शैलेंद्र कुमार मंडल ने बताया, कुष्ठ रोगियों का चिन्हांकन कर उनका समुचित उपचार करने के उद्देश्य से जिले में एक्टिव केस डिटेक्शन सर्वे शुरु किया गया है। यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ रोग के लक्षण पाए जाते हैं तो पीड़ित का नाम रजिस्टर में दर्ज कर उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच में कुष्ठ रोग मिलने की स्थिति में रोगी को कुष्ठ रोग निवारण के लिए तब तक निःशुल्क दवाएं दी जाएंगी, जब तक उसका कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक न हो जाए। इस अभियान के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, कुष्ठ रोग अभिशाप नहीं बल्कि एक रोग है जिसका उपचार संभव है।

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मितानिनों के कार्यों की सराहनाए सुपोषण पर जोर
इसी तरह कुपोषण दूर करने के प्रयास में भी कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा द्वारा आरबीएसके की टीम के चिकित्सकों की बैठक ली गई है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने आवश्यक दिशा.निर्देश दिए हैं। कोविड काल में मितानिनों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कुष्ठ सर्वे के साथ-साथ कोविड़ सर्वे कार्य भी जारी रखने के लिए कहा है। साथ ही ब्लड शुगर, हीमोग्लोबिन व मलेरिया जैसे प्रकरण आने पर तत्काल जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक, रैपिड टेस्ट किट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार मंडल ने कुपोषण दूर करने के लिए शासन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आरबीएसके के चिकित्सकों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा, कोविड-19 के कारण ऑपरेशन भले ही टाल दिया गया है, लेकिन क्लब फूल, कटे-फटे होठ, आई प्रॉब्लम व जन्मजात दोष वाले सभी बच्चों को चिन्हांकित कर सूची तैयार करें और यह सूची जिला कार्यालय भेजें। इसके लिए उन्होंने महिला बाल विकास विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने कहा है।

कुष्ठ रोग के लक्षण :-
० त्वचा पर हल्के लाल या तांबई रंग के दाग या धब्बे होना
० त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनहीनता व सुन्नपन होना
० पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी होना
० हाथ पैर या पलकें कमजोर होनाए नसों में दर्द
० कान व चेहरे पर सूजन या गांठ होना
० हाथ या पैर में घाव होने पर दर्द न होना
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राजनांदगांव।शौर्यपथ / मलेरिया की रोकथाम व इससे बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरुकता अभियान के साथ ही जिले में लगातार विभिन्न प्रेरक प्रयास किए जा रहे हैं। वनांचल के गांवों में घर-घर पहुंचकर लोगों की मलेरिया जांच की जा रही है। संवेदनशील गांवों में मच्छरदानी वितरण के साथ-साथ मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है। जिले के विशेषकर वनांचल क्षेत्र के गांवों में मलोरिया की जांच कराने के लिए ग्रामीणों को विभिन्न माध्यमों से प्रेरित किया जा रहा है। मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले के खैरागढ़ विकासखंड में भी सघन अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत क्षेत्र के 20 गांवों में पहुंचकर मलेरिया के खतरे से संबंधित स्थिति का निरीक्षण किया गया। मलेरिया से मुक्ति की दिशा में प्रयास करते हुए इन गांवों के 2,138 लोगों की मलेरिया जांच की गई, जिसमें 43 लोग पॉजिटिव मिले हैं, जबकि 2,095 लोगों की मलेरिया जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वनांचल गांव के रूप में चिन्हित ग्राम लछना, लछनाटोला, दल लीखोली, बोरला, मौहाढार, कटेमा, गाड़ाघाट, गातापार जंगल, सांकरी, लिमउटोला, घाघरा, मलैदा, करेलागढ़, बरगांव, नवागांव बरगांव, टेमरी व सहसपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर लोगों की मलेरिया जांच की। इसी तरह घाघरा कैम्प, मलैदा कैम्प व गातापार जंगल थाने में सुरक्षा जवानों की मलेरिया जांच की गई। इस दौरान कुल 2,138 लोगों की जांच करने पर 43 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले। पॉजिटिव मरीजों में 10 पुरूष, 11 व्यस्क महिला, 1 वर्ष तक के 2 बच्चे, 1 से 4 वर्ष तक के 4 बच्चे, 5-8 वर्ष तक के 6 बच्चे तथा 9 से 14 वर्ष तक के 10 बच्चे मलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं। इस दौरान 3 गर्भवती महिलाओं की भी जांच की गई, तीनों महिलाओं की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मलेरिया जांच के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मलेरिया से बचाव के लिए घर-घर पहुंचकर 154 घरों में मच्छररोधी दवाओं का भी छिड़काव कराया गया है। वहीं 3,38 घरों में मच्छरदानी का वितरण किया गया है। इस संबंध में खैरागढ़ के विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक बिसेन ने बताया, मलेरिया की रोकथाम व इससे बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। मलेरिया जांच अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के साथ ही पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांवों में भी सघन अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में वनांचल क्षेत्र के गांवों में लोगों की मलेरिया जांच की गई। पिछले वर्ष के बेहतर परिणाम को ध्यान में रखकर इस वर्ष भी उसी तर्ज पर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जांच अभियान में मलेरिया पॉजिटिव पाए गए लोगों को निःशुल्क दवाइयां भी दी गई है। -------------------

राजनांदगांव।शौर्यपथ / जिले में 9 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों का चयन आफलाईन लॉटरी के माध्यम से किया गया है, जबकि ऑनलाईन आवेदन भरे गए थे। चयन में स्थानीय बच्चों को प्राथमिकता देने को लेकर डोंगरगांव में पालकों की मांग हो रही थी, लेकिन प्राचार्य का कहना था कि इस वर्ष किलो मीटर की बाध्यता नहीं है, इसलिए लॉटरी में सभी बच्चों का नाम शामिल कर पालकों की उपस्थिति में पूरी पारदर्शिता के साथ लॉटरी निकाल गया था, लेकिन उच्च कार्यालय से सूची निरस्त कर पुनः लॉटरी निकालने का निर्देश प्राप्त हुआ, जिसका पालन किया जाएगा। पालकों का कहना है कि किलोमीटर की बाध्यता का पालन कहीं नहीं किया गया, इसलिए स्थानीय लोगों को इसमें प्राथमिकता नहीं दिया गया और उच्च कार्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देश का पालन कर पालकों की उपस्थिति में दिनांक 30 जून को लॉटरी निकाला गया और लगभग 354 बच्चों का कक्षा पहली से लेकर कक्षा बारहवी तक किया है और जिन बच्चों का चयन हुआ उनके द्वारा अपने-अपने संबधित स्कूलों से टीसी निकाल कर इस स्कूल में प्रवेश ले लिया गया है और अब 14 दिन बाद जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा 14 जुलाई को पत्र जारी कर चयन सूची निरस्त कर तीन दिवस के भीतर पुनः लॉटरी निकालने का निर्देश दिया गया जो उचित नहीं है, क्योंकि उन बच्चों का क्या होगा, जिन्होंने अपने पुराने स्कूलों से टीसी निकाल कर इस स्कूल में प्रवेश ले लिया है। पालक शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के बैनर तले जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर चयन सूची को यथावत रखने की मांग किया गया है। पालकों का कहना है कि यदि पुनः लॉटरी निकाला जाता है, तो मंगलवार सैकड़ों पालकों और बच्चों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। ----------------

राजनांदगांव।शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में निगम, आयोग व मंडलों में की गई नियुक्ति की घोषित सूची में राजनांदगांव से कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता मन्ना लाल यादव को गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। इससे पूरे शहर में हर्ष का माहौल तो है ही, छत्तीसगढ़ में यादव समाज के युवा नेतृत्व को जगह मिलने से सामाजिक गलियारों में भी खुशी का माहौल है। वहीं श्री यादव ने आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पहंुचकर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल से सौजन्य मुलाकात कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया। बताते चलें कि, छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय मन्ना लाल यादव ने सफलता के इस पड़ाव तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किए हैं। वे कहते हैं कि छोटी उम्र में कंधों पर जिम्मेदारी आ जाए तो भी सपने देखने बन्द न करेंç जंदगी चलने का नाम हैए, बस अपने काम को मेहनत और ईमानदारी से करते रहें। साधारण परिवार में जन्मे मन्ना लाल यादव सक्रियता पूर्वक विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। समाजसेवा से लेकर राजनीति में हजारों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। वे राजनीतिक में पूर्व जिला उपाध्यक्ष एनएसयूआई, पूर्व जिला महामंत्री युवा कांग्रेस और वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ शहर अध्यक्ष हैं। गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष बनने पर उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुख्यमंत्री का विशेष आभार प्रकट किया है। इस नियुक्ति पर उत्साह के साथ शहर के विभिन्न जगहों पर श्री यादव का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला और नगर कोसरिया यादव समाज राजनांदगांव से नारायण यादव, राजेश कुमार यादव, सुंदर यादव, बलि यादव, पूना राम यादव, भीखम यादव, मनु यादव, भोला यादव, हरीश यादव, सुरेश यादव, दिलीप यादव, अर्जुन यादव, वासु देव यादव, विजय यादव, धरम यादव, शिला यादव, सुनीता यादव, राजकुमारी यादव, केसर यादव, निर्मला यादव, राधे यादव, बिज्जू यादव, खेम लाल साहू, रामनाथ पटेल, हिमांशु भाई, संतोष ठाकुर, पिंटू वर्मा व मनीष सहित अन्य समर्थक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -----------------

राजनांदगांव।शौर्यपथ / शासकीय कमला देवी राठी महिला महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में विगत दिनों यूजीसी नेट, जेआरएफ पात्रता परीक्षा की तैयारी हेतु एक 15 दिवसीय विशेष मार्गदर्शन क्लासेज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में सुश्री रश्मि मौर्य (शोध छात्र, पंडित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एदिल्ली) द्वारा नेट, जेआरएफ राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के संपूर्ण पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। राजनांदगांव जिले में स्थित अन्य महाविद्यालयों, जैसे बाबा साहेब आंबेडकर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोंगरगांव, शासकीय महाविद्यालय अर्जुंदा तथा शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव के विद्यार्थियों ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर अपना ज्ञानवर्धन किया। सहभागी विद्यार्थियों ने प्रतिदिन प्रश्न पूछ-पूछकर परीक्षाओं में आने वाली कठिनाइयों का भी निराकरण भी किया। कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं महाविद्यालयीन कैरियर गाइडेंस सेल के संयोजक डॉ. बसंत कुमार सोनबेर द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती सुमन सिंह बघेल के उद्बोधन के साथ हुआ। प्राचार्य ने कहा कि महाविद्यालय तथा राजनांदगांव जिले के छात्राओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। सुश्री रश्मि मौर्य जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय नई दिल्ली की शोध छात्रा है, उन्होंने स्वयं नेट, जेआरएफ की परीक्षा अनेक बार उत्तीर्ण की है। इस कार्यक्रम में छात्राओं को अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसका लाभ लेना चाहिए। राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष सुश्री आबिदा बेगम ने कहा कि जिले की राजनीति विज्ञान की छात्राओं के लिए यह अत्यंत लाभदायक सत्र होगा, मुझे पूरा विश्वास है कि क्षेत्र की अधिक से अधिक छात्राएं इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगी। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक एवं आतिथि व्यख्याता डॉ. दुर्गा शर्मा द्वारा किया गया। ------------------



राजनांदगांव।शौर्यपथ / जनसंख्या स्थिरीकरण माह तथा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा शुरू किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत में पहले दिन जनसंख्या स्थिरीकरण पर जोर देते हुए वर्चुअल मीटिंग की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा हितग्राही शामिल हुए। बैठक में परिवार नियोजन पर आधारित विभिन्न आवश्यक जानकारी देते हुए परिवार नियोजन के बेहतर उपाय बताए गए।
जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा जिले में 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यालय में आयोजित की गई वर्चुअल मीटिंग में सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी प्रमुखता से शामिल हुए। इस दौरान जिले के सभी विकासखंड व शहरी क्षेत्र के चिन्हित योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से जोड़ने पर जोर दिया गया। साथ ही परिवार नियोजन के साधन जैसे-महिला नसबंदी, पुरूष नसबंदी, आईयूसीडी, निरोध, माला-एन, छाया एवं अंतरा इंजेक्शन के संदर्भ में हितग्राहियों से भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्हें उपयुक्त साधन की जानकारी व इसके उपयोग करने की सलाह दी गई।
वर्चुअल मीटिंग में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने हितग्राहियों से आग्रह किया कि, अपनी जान-पहचान के लोगों से भी परिवार नियोजन के साधन अपनाने हेतु चर्चा करें एवं अपना अनुभव साझा करें। उन्होंने कहा, परिवार नियोजन का अर्थ छोटा परिवार और बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर से है। कई मामले में गर्भधारण, प्रसव तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाएं असहज खतरे की शिकार हो जाती हैं, जबकि प्रसव के दौरान महिलाओं पर हावी होने वाली असहज स्थिति को परिवार नियोजन द्वारा काफी हद तक रोका जा सकता है।
इसी तरह नवविवाहिता को भी प्रसव के दौरान जोखिम उठाना पड़ता है, क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ रहता है। वहीं नवजात को भी जन्म से 1 वर्ष तक अनहोनी की आशंका रहती है। इन्हीं विषयों पर लोगों को जागरुक करने, परिवार नियोजन के प्रति प्रेरित करने तथा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा हैश्। वर्चुअल बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरीए जिला कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक अनामिका विश्वास, जिला सलाहकार डॉ. स्नेहा जैन व जिला एमईआईओ रईशा बेगम खान समेत अन्य शामिल थे।
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खुशहाल है हमारा परिवार
औंधी निवासी लक्ष्मण पोयाम और अमृता पोयाम (बदला हुआ नाम) पति-पत्नी हैं। इनका विवाह साल 2010 में हुआ है। वे दो बच्चों के माता-पिता हैं। दोनों बच्चों में लगभग तीन साल का अंतर है और यह परिवार अब काफी खुशहाल है। प्रेरित करने वाली बात यह है कि, एक जिम्मेदार पति होने का फर्ज निभाते हुए लक्ष्मण ने अपनी नसबंदी कराई है। लक्ष्मण ने बताया, एक बच्चा होने के बाद से ही वह परिवार नियोजन का साधन अपनाने लगे थे। दूसरा बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने के लिए अमृता भी तैयार थी, लेकिन आपसी सामंजस्य के बाद मैंने ही नसबंदी कराने का निर्णय लिया। लक्ष्मण का कहना है, परिवार नियोजन हर दृष्टिकोण से बेहतर है। अच्छी सेहत और आर्थिक स्थिति, दोनों में लाभदायक है।
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हम हुए समझदार, अब आपकी बारी...
करेली निवासी रामदयाल निषाद और निर्मला निषाद (बदला हुआ नाम) की शादी को लगभग चार वर्ष हो गए हैं। दोनों की एक बेटी है, जो लगभग तीन वर्ष की है। रामदयाल ने बताया, बेटी के जन्म के बाद वह परिवार नियोजन के पक्षधर हो गए हैं और परिवार नियोजन का साधन अपना रहे हैं। वहीं पत्नी निर्मला भी काफी सुलझी हुई और समझदार है। दूसरे बच्चे के बारे में उन्होंने अभी कुछ तय नहीं किया गया है और वर्तमान में उनका दांपत्य जीवन सुखमय है। उनका कहना है, परिवार नियोजन की दिशा में प्रत्येक योग्य दंपतियों को स्वयं से सामने आना चाहिए, ताकि औरौं को भी इससे प्रेरणा मिलेश्।
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0गैदाटोला थाना प्रभारी अमृत लाल साहू ने जनसमस्याओं का शिविर लगाकर निराकरण किया।।


राजनांदगांव l शौर्यपथ/ कम्युनिटी पुलिसिंग के अंतर्गत थाना गैंदाटोला क्षेत्र के नक्सल प्रभावित ग्राम केशोखैरी में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए ग्राम के पंच, सरपंच ,पटेल एवं ग्राम वासियों की उपस्थिति में ग्राम के नव युवकों को खेल सामग्री वितरण किया गया, एवं उपस्थित ग्राम वासियों को जन चौपाल के माध्यम से अन्य कोई जन शिकायत इत्यादि के संबंध में चर्चा कर ,ग्राम वासियों को covid-19 टीकाकरण कराने हेतु अपील की गई।

राजनांदगांव। शौर्यपथ / किसानों की काश्तकारी समय को देखते हुए किसानों की धान बुवाई का काम तेजी से हो रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की विफलता का पहचान किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध नहीं कराना नहीं किसानों की दुख दर्द पीड़ा को समझना जिस किसानों की बदौलत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सरकार काबिज हुए हैं, किंतु सत्ता में आने के बाद इरादे और वादे दोनों भूलकर किसानों को रुलाने में लगे हैं, जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 के जिला पंचायत सदस्य व संचार सकर्म विभाग के सभापति तथा आबकारी विभाग समिति के सलाहकार अशोक देवांगन ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए बताया कि किसानों की धान बुवाई का काम तेजी से हो रहे हैं, इसके बाद भी कृषि विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध कराने में पसीना छूट रहे हैं, किसान खाद बीज के लिए सोसायटीओं के चक्कर काट रहे हैं, सोसायटी में समिति प्रबंधक किसानों को खाद बीज कब मिल पाएगा जवाब नहीं दे पा रहे हैं, ऐसे हालातों में किसान अपने मजबूरी बस महंगे दाम पर बाहर से खाद व बीज खरीद कर अपने कार्य कार्य कर रहे हैं। श्री देवागन ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार व कृषि विभाग जानबूझकर किसानों को ब्लैक में खाद बीज लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं, क्योंकि विभाग पूरी सेटिंग में प्राइवेट दुकानदार कृषि केंद्र को सपोर्ट कर रहे हैं, कृषि विभाग को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने यह भी बताया कि कृषि विभाग की लापरवाही के कारण राजनांदगांव शहर सहित पूरे जिले में प्राइवेट कृषि खाद बीज उपकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके कारण किसान भाइयों अधिक दाम पर कृषि कार्य खाद व बीज उपकरण ले रहे हैं, इसके लिए पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कृषि विभाग भी जिम्मेदार हैं, कृषि विभाग को ध्यान आकर्षित करते हुए कहा राजनांदगांव शहर सहित पूरे जिले में खाद बीज का अवैध भंडारण को छापा मारकर कार्यवाही करें ताकि सही दाम पर किसानों को खाद व बीज अन्य उपकरण वस्तु इस समय पर उचित दाम पर उपलब्ध हो। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस ओर ध्यान देते हुए समय पर खाद वह बीज उपलब्ध कराएं जिससे जिले के किसानों कृषि कार्य करने में सुविधा हो।

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