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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन में ऐतिहासिक बढ़त: 18% वृद्धि दर के साथ देश में अव्वल
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभाग के कार्यों एवं राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश और प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी पूर्वक कर अदा करना चाहिए। साय ने कहा कि जो लोग कर (जीएसटी) की चोरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा उनसे कर की वसूली सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। छत्तीसगढ़ ने 18% की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है।
बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने विभागीय जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री साय ने जीएसटी संग्रहण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगे भी नियमों के अनुरूप संग्रहण बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ कर अपवंचन के मामलों एवं उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री साय ने फर्जी बिल, दोहरी बहीखाता प्रणाली और गलत टैक्स दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है।
बैठक में अधिकारियों ने जीएसटी विभाग द्वारा हाल ही में की गई बड़ी कार्रवाइयों एवं कर चोरी की राशि की वसूली की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से शासन के कर राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे कर संग्रहण एवं जीएसटी से जुड़ी सेवाओं का कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ संपादित किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत तथा आयुक्त वाणिज्यिक कर पुष्पेंद्र मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
दुर्ग/शौर्यपथ /(विशेष व्यंग्य रिपोर्ट):
शक्ति नगर तालाब में हजारों मछलियों ने हाल ही में सामूहिक रूप से आत्महत्या कर प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि प्रशासन फिलहाल असमंजस में है कि मामला हत्या का है, आत्महत्या का, या फिर मछलियों की कोई वैश्विक साजिश?
बताया जा रहा है कि मछलियों ने तालाब के दूषित होते पानी और बढ़ते रासायनिक अत्याचारों से तंग आकर स्वेच्छा से जीवन त्याग दिया। पर्यावरणविद् इसे जल-जागृति आंदोलन का "मूक" रूप बता रहे हैं, जबकि कुछ वरिष्ठ अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं कि "क्या मछलियाँ मानसिक अवसाद में थीं?"
तालाब के किनारे कुछ बचे-खुचे मछली परिजन फिलहाल अज्ञातवास में हैं। बताया जा रहा है कि वे तालाब के एक कोने में सीसीटीवी कैमरों से बचते हुए छिपे हुए हैं, ताकि कोई उन्हें बुलाकर "मुख्य गवाह" ना बना ले। कुछ मछलियाँ तो अब वकीलों से सलाह ले रही हैं कि क्या मछलियों को भी गवाही से छूट दिलाने वाला कोई धारा लागू होती है या नहीं।
नगर निगम प्रशासन की मानें तो "हमने तो सिर्फ जड़ी-बूटी की दवा डाली थी, मछलियों को क्या हुआ हमें नहीं मालूम।" वहीं विशेषज्ञों की मानें तो यह वही जड़ी-बूटी थी जो पहले खरपतवार को मारती थी, अब मछलियों के आत्मबल को भी समाप्त कर चुकी है।
विपक्ष ने इसे "मछली संहार कांड" का नाम दे दिया है और इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज कर दी है, जबकि सत्तापक्ष ने इसे "प्राकृतिक चक्र" कहकर रफा-दफा करने की कोशिश की। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “जब हिरण आत्महत्या कर सकता है, तो मछलियाँ क्यों नहीं?”—बात में वजन तो था, पर पानी में नहीं।
राजनीति भी इस आत्महत्या पर दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक ओर नेता कह रहे हैं:
"हमने कोई दवा नहीं डाली, मछलियाँ खुद ही अवसाद में थीं।"
दूसरी ओर विपक्ष इसका "जल संहार कांड" घोषित कर चुका है और सीधे एसपी ऑफिस जाकर अपनी राजनीति का जाल बिछा चुका है।
विपक्ष ने इसे "मछली संहार कांड" का नाम दे दिया है और इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज कर दी है, जबकि सत्तापक्ष ने इसे "प्राकृतिक चक्र" कहकर रफा-दफा करने की कोशिश की। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “जब हिरण आत्महत्या कर सकता है, तो मछलियाँ क्यों नहीं?”—बात में वजन तो था, पर पानी में नहीं।
जिला प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है और मत्स्य विभाग की एक टीम मौके पर भेज दी गई है। सूत्रों की मानें तो टीम के सदस्य तालाब के आसपास मौन धारण कर चुके जीवों से पूछताछ करने की तैयारी में हैं। हालांकि अभी तक कोई मछली CBI को चुपचाप बयान नहीं दे पाई है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ी चुप्पी उस पत्रकार जगत की है, जिनके पास अब सवाल पूछने की जगह, जवाब देने की जिम्मेदारी लाद दी गई है। खबर उठाने पर दबाव इतना गहरा है कि पत्रकारों को भी अब ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ने लगी है।
अंत में हम सब यही कह सकते हैं:
हे मछलियों, तुमने जो त्याग किया है, वह इतिहास के गहरे जल में अमिट रहेगा।
भगवान तुम्हारी मूक आत्माओं को वही शांति दें, जो इस देश की जांच समितियों को हमेशा मिलती रही है।
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए व्यंग्यकार लेखक शरद पंसारी लिखते हैं—
“यह देश वही है जहाँ हिरण की मौत पर बहसें होती हैं, पर मछलियों की सामूहिक आत्महत्या बस जांच आदेशों की फाइलों में जल समाधि ले लेती है। शायद इसीलिए इन मछलियों ने इंसानों से पहले इंसानों को ही समझा दिया— अब और नहीं।”
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल और देश के पूर्व रक्षा सचिव श्री शेखर दत्त के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके असमय निधन पर प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री साय ने अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा—
"पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त जी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है। वे एक कुशल प्रशासक, संवेदनशील जनसेवक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। छत्तीसगढ़ के विकास में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोकाकुल परिवार को यह दु:ख सहने की शक्ति दे।"
पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त का भारतीय प्रशासनिक सेवा में लंबा और प्रभावशाली कार्यकाल रहा। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में उन्होंने राज्य के सामाजिक, शैक्षणिक और प्रशासनिक विकास में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके निधन को एक युग का अंत माना जा रहा है। प्रदेश में शोक की यह घड़ी राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने शोक संदेश में कहा—
"पूर्व रक्षा सचिव और हमारे छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त जी के निधन समाचार से मन अत्यंत दुखी है। एक मार्गदर्शक और आदर्श बनकर उन्होंने हमेशा मुझे छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के लिए प्रेरित किया। श्री शेखर दत्त जी का देहांत पूरे छत्तीसगढ़ और राजनीतिक जगत के लिए अत्यंत दुखद है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिवार को यह अपार दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ? शांति।"
नई दिल्ली / एजेंसी / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से आठ दिवसीय पांच देशों की विदेश यात्रा पर रवाना हो गए हैं, जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाई देना है। यह यात्रा कूटनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस बहुप्रतीक्षित यात्रा की शुरुआत घाना से होगी, जो कि तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। यह ऐतिहासिक कदम भारत और अफ्रीकी देशों के बीच पुराने सांस्कृतिक, व्यापारिक और विकास साझेदारी को नए आयाम देगा। घाना के बाद प्रधानमंत्री त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर जाएंगे, जहां भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या है और संबंधों को सांस्कृतिक और सामरिक दृष्टि से मजबूत बनाने का अवसर मिलेगा।
इसके पश्चात प्रधानमंत्री अर्जेंटीना और नामीबिया जाएंगे, जहां द्विपक्षीय संबंधों के साथ ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक और जलवायु सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को प्रोत्साहन मिलेगा।
यात्रा का अंतिम पड़ाव ब्राजील होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस मंच के माध्यम से भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर वैश्विक आर्थिक सुधार, बहुपक्षीय सहयोग और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा न केवल भारत की विदेश नीति को और प्रभावशाली बनाएगी, बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत की सशक्त उपस्थिति को भी दर्शाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भारतीय भावना को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का एक सार्थक प्रयास है।
मोहला /शौर्यपथ /जिला कार्यालय मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी के सभा कक्ष में आज कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत जिले में 1 जुलाई से 7 जुलाई 2025 तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जाएगा।
यह योजना भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुमोदित है। खरीफ 2025 मौसम हेतु जिले की अधिसूचित फसलें हैं – धान (सिंचित व असिंचित), मक्का, उड़द, अरहर, मूंग, मूंगफली, सोयाबीन, कोदो, कुटकी एवं रागी। योजना के अंतर्गत कृषकों को केवल बीमांकित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, शेष राशि केंद्र व राज्य सरकार वहन करेगी। यह बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, जलभराव, आकाशीय बिजली, चक्रवात, असमय वर्षा, बुवाई विफलता, एवं कम उपज की स्थिति में किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है।
बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित ऋणदाता संस्था द्वारा किया जाएगा जबकि गैर-ऋणी कृषक बैंक, कोऑपरेटिव, लोक सेवा केंद्र, पोस्ट ऑफिस, एजेंट, या फसल बीमा पोर्टल एवं ऐप के माध्यम से बीमा करा सकते हैं। गैर-ऋणी कृषकों के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक एवं फसल बुवाई से संबंधित दस्तावेज आवश्यक होंगे। ऋणी किसान योजना से बाहर होना चाहें तो निर्धारित घोषणा पत्र अंतिम तिथि से 7 दिन पूर्व अपनी बैंक शाखा में जमा करना अनिवार्य होगा। सभी कृषकों से अनुरोध है कि फसल बीमा का लाभ उठाते हुए अपनी खेती को सुरक्षित करें एवं अपने बैंक खाते को PFMS पोर्टल से सत्यापित अथवा आधार से लिंक कराना सुनिश्चित करें, ताकि दावा भुगतान में कोई बाधा न हो।
इस दौरान वनमण्डलाधिकारी श्री दिनेश पटेल, जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्रीमती भारती चंद्राकर, अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र सिंह पाटले, एसडीएम मोहला श्री हेमेंद्र भुआर्य, सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
जुलाई के 20 तारीख के भीतर कर्मियो का ग्रेच्युटी राशि का चेक सौंपा जाएगा:
उपादान की राशि की समीक्षा कर कर्मचारियो को उपादान राशि जल्द पूरा कर देने निर्देश:
दुर्ग/ शौर्यपथ /नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार के मार्गदर्शन में वित्त लेखा व अंकेक्षण विभाग प्रभारी नरेंद्र बंजारे ने अपने एमआईसी भवन के कक्ष में विभाग समिति की बैठक में लेखा व अंकेक्षण विभाग प्रभारी नरेंद्र बंजारे ने समिति के सदस्यों व अधिकारियों के साथ प्रभारी श्री बंजारे ने उपादान की राशि की समीक्षा कर अधिकारियों से कहा की उपादान राशि को लेकर सूची का अवलोकन किये,
उन्होंने सूची जांच करने के बाद अधिकारी से कहाँ सूची अंतर्गत जितने भी नाम दर्ज है सभी का जल्द उपादान की राशि किस्तों में भुगतान करें।
साथ ही उन्होंने डिटिजल रिकार्ड हेतु भी कहा। उन्होंने बैठक में निगम समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि बजट से संबंधित अपना दस्तावेज लेखा/वित्त में जमा करे। समीक्षा बैठक के मौके पर विजयंत पटेल, मनीष बघेल, संजय अग्रवाल,खालिक रिजवी , श्रीमति सावित्री देवी दमोहे, मनोज सोनी, साजन जोसेफ, श्रीमति हिरोंदी नंदनिया, लेखाधिकारी रमाकांत शर्मा, योगेंद्र वर्मा सहित अन्य मौजुद रहे।
लेखा व अंकेक्षण विभाग प्रभारी प्रभारी नरेंद्र बंजारे ने बताया कि महापौर अल्का बाघमार सहित सभापति श्याम शर्मा के अलावा एमआईसी पार्षदो ओर अधिकारियों के बीच 80% कर्मियो का ग्रेच्युटी राशि का चेक सौंपा जाएगा।उन्होंने बताया इसी माह जुलाई के 20 तारीख के भीतर कर्मियो का ग्रेच्युटी राशि का चेक सौंपा जाएगा।
श्री बंजारे ने कहा ग्रेच्युटी का भुगतान उन कर्मियों का लंबित रह गया था,नियमित किए गए। इसमें दैनिक वेतन से नियमित होने के पीरियड की ग्रेच्युटी का भुगतान करने की जिम्मेदारी ली गई।ऊन्होने बताया कि लंबित भुगतान की राशि बढ़कर करीब 8 करोड़ पहुंच गई।लंबित ग्रेच्युटी भुगतान करने का निर्णय लिया। इसके लिए 300 पात्र कर्मचारियों की सूची जारी की। इन कर्मचारियों को 8 करोड़ से ज्यादा भुगतान का प्रावधान किया गया है।भुगतान की प्रक्रिया निरन्तर विभाग द्वारा कार्रवाही किया जा रहा है है।
असाक्षरों को साक्षर बनाने की दिशा में पहल
असाक्षरों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन
अम्बिकापुर /शौर्यपथ /राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत मैनपाट विकासखंड में 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में मैनपाट विकासखंड के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कमलेश्वरपुर में शिक्षकों का उल्लास सर्वे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जारी आदेशानुसार 30 जून 2025 से 15 वर्ष या उससे अधिक आयु समूह के असाक्षरों और स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन कार्य प्रारंभ किया जाएगा। चिन्हांकन के उपरांत शिक्षार्थियों का पंजीयन उल्लास पोर्टल पर किया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के विभिन्न घटकों जैसे बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान जीवन कौशल (डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, चुनावी साक्षरता, स्वास्थ्य व स्वच्छता), व्यवसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा व सतत् शिक्षा की जानकारी दी गई।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्येक माह के प्रथम सोमवार को एवं विकासखंड स्तर पर प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी। उन्होंने सभी नामांकित शिक्षकों से समयबद्धता से सर्वे पूर्ण कर पंजी संधारण व पोर्टल पर प्रविष्टि सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
इस प्रशिक्षण में संस्था प्रमुख श्री ए.पी सिह विकासखंड शिक्षा अधिकारी योगेश शाही विकासखंड परियोजना अधिकारी सत्यनारायण भगत जिला कार्यालय साक्षर भारत से अभिलाष खरे सहायक ग्रेड 3 उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने खाद की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद और बीज की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को सतत रूप से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही और किसानों को इसके लाभ से अवगत कराने को कहा। श्री साय ने कलेक्टरों के माध्यम से जिलेवार सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता और वितरण की निगरानी और सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि खेती-किसानी का यह समय किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इस समय खाद-बीज की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा आती है, तो इसका सीधा असर फसलों की बुआई और उत्पादन पर पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को समय पर और उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि समितियों में एनपीके खाद की व्यवस्था भी की जा रही है, किसानों को इसे उपलब्ध कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने अमानक और नकली खाद की बिक्री पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, संचालक कृषि श्री राहुल देव सहित मार्कफेड के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
हमारी सरकार का उद्देश्य केवल सेवाओं की पहुंच बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना है: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर मुख्यमंत्री साय ने कोविड महामारी में दिवंगत 14 चिकित्सकों के परिजनों का किया सम्मान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 109 संविदा चिकित्सकों एवं 563 अनुबंधित चिकित्सकों को नियुक्ति व पदस्थापना आदेश जारी
रायपुर/शौर्यपथ /चाहे कोरोना महामारी का संकट रहा हो या दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की चुनौती, हमारे डॉक्टरों ने हर परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना, सेवा को धर्म मानकर कार्य किया है। हम उन महान लोगों को कभी नहीं भूल सकते जिन्होंने कोरोना जैसी बड़ी महामारी के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमारी सरकार का उद्देश्य केवल सेवाओं की पहुंच बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राजधानी रायपुर स्थित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम, मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन न केवल चिकित्सा समुदाय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूता रहेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हम सब जानते हैं कि डॉक्टरों का जीवन आसान नहीं होता। कठिन परिश्रम, लंबी ड्यूटी और मानसिक तनाव उनके दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। फिर भी वे अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटते। उनके साहस और समर्पण के कारण हमारा समाज सुरक्षित और स्वस्थ रहता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आपके परिश्रम से ही हम एक स्वस्थ, सक्षम और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण कर सकते हैं। आज मैं केवल आप सभी को धन्यवाद देने नहीं आया हूं, बल्कि यह आश्वस्त करने भी आया हूं कि हमारी सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने डॉक्टर्स डे के विशेष अवसर पर सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग केवल एक सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि जीवन रक्षक प्रणाली है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि संकट के समय जब सभी लोग घरों में सुरक्षित रहने का प्रयास कर रहे थे, तब हमारे डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा में जुटे रहे। यह अदम्य साहस और समर्पण ही उनकी असली पहचान है। मंत्री जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार की यह स्पष्ट नीति है कि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें और हर डॉक्टर को पूरा सम्मान और सहयोग मिले। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ और संवेदनशील बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे इसी जज्बे और मानवीय संवेदना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर हमने 109 संविदा चिकित्सकों एवं 563 ब्रांडेड डॉक्टरों के पदस्थापना आदेश जारी किए हैं।
इस अवसर पर कोविड-19 के दौरान सेवा देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए 14 चिकित्सकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनके परिजनों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।भावुक क्षणों से भरे इस समारोह में समूचा सभागार कृतज्ञता एवं सम्मान की भावना से अभिभूत रहा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 109 संविदा चिकित्सकों को नियुक्ति आदेश तथा एमबीबीएस बांड पोस्टिंग के प्रथम चरण में 563 अनुबंधित चिकित्सकों को नियुक्ति एवं पदस्थापना आदेश प्रदान किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने कहा कि यह दिन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी न केवल अपने दायित्वों का निर्वहन किया, बल्कि कोविड जैसी महामारी के दौरान अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आपके योगदान को शब्दों में बांधना कठिन है। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि शीघ्र ही शेष 92 एमबीबीएस बांड अनुबंधित चिकित्सकों एवं 157 विशेषज्ञ पीजी बांड चिकित्सकों के पोस्टिंग आदेश भी जारी किए जाएंगे।
कार्यक्रम में अंत में आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर विधायक सर्वश्री पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, इंद्र कुमार साहू, गुरु खुशवंत साहेब के साथ ही महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के तथा राज्यभर से आए स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
रायपुर /शौर्यपथ/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर राज्य शासन द्वारा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।
केंद्रीय राज्यमंत्री अठावले ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार समन्वय के साथ समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करती रहेंगी। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
नरेश देवांगन की ख़ास रिपोर्ट
जगदलपुर, शौर्यपथ।
बस्तर का किसान आज फिर से ठगा गया है। जिन कंधों पर देश की खाद्य सुरक्षा टिकी है, उन्हीं किसानों को खाद के नाम पर लूटा जा रहा है। मानसून दस्तक दे चुका है, खेतों में बुवाई का समय है, मगर किसान को समय पर खाद नहीं मिल रही – और जो मिल रही है, वह भी "ओवररेट" और "जबरन पैकेज" के साथ।
कृषि विभाग की नाक के नीचे बस्तर जिले में खाद माफिया बेलगाम हो चुके हैं। किसान यूरिया की एक बोरी के लिए 100 से 120 रुपये तक अधिक भुगतान कर रहे हैं, और दुकानदारों की मनमानी का यह आलम है कि बिना GST बिल के खाद दी जा रही है।
कहीं विभाग की मिलीभगत तो नहीं?
प्रश्न बड़ा है और गंभीर भी – क्या कृषि विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारी इस गोरखधंधे में साझेदार हैं? किसान तो यही कह रहे हैं। उनकी मानें तो विभागीय अधिकारियों को सब पता है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा।
जबर्दस्ती नेनो यूरिया थोपने की रणनीति
तोकापाल के किसान आयुतु ने आरोप लगाया कि लक्ष्मीनाथ कृषि केंद्र से खाद खरीदते समय दुकानदार ने 480 रुपये वसूले और जब उसने बिल मांगा, तो न केवल मना कर दिया गया बल्कि यूरिया के साथ जबरन 500 ml की नेनो यूरिया की बोतल भी थमा दी गई। इनकार करने पर जवाब मिला – “बिना नेनो लिए यूरिया नहीं मिलेगा।”
सोमारू नाग, जो जगदलपुर ब्लॉक से हैं, ने बताया कि उनके इलाके के महालक्ष्मी कृषि केंद्र में यूरिया की बोरी 410 रुपये में बेची जा रही है, वह भी बिना पक्के बिल के।
जब इस संबंध में महालक्ष्मी कृषि केंद्र के संचालक से बात की गई, तो उन्होंने कबूल किया कि “हमें ऊपर से निर्देश मिले हैं – जितनी बोरी यूरिया देंगे, उतनी नेनो यूरिया देनी ही पड़ेगी।”
विभाग चुप, किसान पस्त
पूरा मामला सीधे तौर पर सरकारी नीति और किसानों के विश्वास के साथ खिलवाड़ है। सत्ताधारी सरकार की नीतियां किसानों के हित में भले हों, लेकिन ज़मीन पर उन्हें पलीता लगाया जा रहा है। सवाल यह भी है कि अगर खाद की कोई कमी नहीं है, तो फिर स्टॉक के बावजूद ब्लैक क्यों हो रही है?
सरकार को देना होगा जवाब
यदि सरकार किसानों के साथ खड़ी है, तो इन माफियाओं और विभागीय मिलीभगत पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई करनी होगी। वरना सुशासन की जगह कुशासन का ठप्पा लगते देर नहीं लगेगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू की अध्यक्षता में दिशा समिति की बैठक संपन्न
विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा, गुणवत्तापूर्ण कार्य निष्पादन पर दिया विशेष जोर
मुंगेली/शौर्यपथ / बिलासपुर लोकसभा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय श्री तोखन साहू की अध्यक्षता में आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ‘‘दिशा’’ तथा शहर स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि समाज के अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति तक शासन की योजना का लाभ पहुॅचना चाहिए। उन्होंने प्रदेश में जिले के नाम प्रथम पायदान पर लाने के लिए सभी अधिकारियों को टीम भावना एवं समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में मुंगेली विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, वनमण्डलाधिकारी श्री अभिनव कुमार, जिला पंचायत सीईओं श्री प्रभाकर पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी एवं संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री साहू ने बैठक में विभागवार समीक्षा करते हुए कहा कि रीपा योजना के अंतर्गत श्रमिकों के लंबित मजदूरी भुगतान शीघ्र कराएं। रोजगार एवं आजीविका संवर्धन के लिए जिले में मिलेट कैफे एवं रोड साइड ईटरी को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के तहत बेहतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने और पीएमजीएसवाई अंतर्गत गुणवत्तापूर्ण कार्य, कार्यस्थलों पर जानकारी बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाने तथा पैजनिया से रवेली मार्ग में सुधार के निर्देश दिए। मंत्री ने पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत भुगतान और कार्य पूर्णता की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को लाभ जल्द से जल्द मिले तथा सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं तकनीकी मानकों के अनुसार हों। जल जीवन मिशन के अंतर्गत गुणवत्तायुक्त पाइप बिछाने और कार्य की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। इस हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जोड़ते हुए जांच टीम गठित करने का आदेश भी दिया गया, ताकि कार्यों की मॉनिटरिंग बेहतर ढंग से हो सके। मंत्री ने 10वीं व 12वीं के परीक्षा परिणामों की समीक्षा करते हुए कहा कि कमजोर बच्चों की पहचान कर उन्हें उपचारात्मक शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों से जिले की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने और शिक्षा में निरंतर सुधार लाने हेतु विशेष प्रयास करने का आह्वान किया। साथ ही, युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की भी गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए गए। आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आदर्श ग्राम योजना की प्रगति पर चर्चा करते हुए मंत्री श्री साहू ने निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों को प्रत्येक कार्य की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा वार कार्यों की सूची तैयार कर कार्यों की निगरानी एवं मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाए। योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में कृषि, पशुपालन, मत्स्य व खाद्यान्न वितरण पर भी चर्चा हुई। बैठक में कृषि विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि बीज वितरण लक्ष्य के अनुरूप किया जा रहा है एवं डीएपी खाद की आपूर्ति भी पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित है। विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले ने सुझाव दिया कि अपंजीकृत किसानों के लिए भी खाद-बीज उपलब्धता की कार्ययोजना बनाई जाए। पशुपालन विभाग को टीकाकरण अभियान तेज़ी से संचालित करने के निर्देश दिए गए। मछलीपालन विभाग द्वारा सरई पतेरा क्षेत्र में मत्स्य उत्पादन की जानकारी प्रस्तुत की गई। खाद्य विभाग को “चावल उत्सव” के अंतर्गत हितग्राहियों को तीन माह का राशन सुनिश्चित रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही राशन दुकानों में किसी भी प्रकार की शिकायत की स्थिति उत्पन्न न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस चूल्हों की उपलब्धता होने के बावजूद कुछ स्थानों पर लकड़ी से भोजन पकाया जा रहा है, जिसे तुरंत रोका जाए। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवाइयां विशेषकर सांप/कुत्ते के काटने और संक्रामक रोगों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों। डायरिया व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाए जाएं। रिफर केस की मॉनिटरिंग सशक्त हो और किसी भी स्तर पर शिकायत की स्थिति उत्पन्न न हो। जन औषधि केंद्रों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे। मरीजों के लिए गुणवत्तायुक्त भोजन सुनिश्चित किया जाए। विधायक श्री मोहले ने समीक्षा बैठक के दौरान कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन किसानों का अभी तक पंजीयन नहीं हुआ है, उन्हें भी योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों के लिए अलग से कार्ययोजना बनाकर खाद और बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी किसान कृषि कार्य से वंचित न रहे।विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने शासन-प्रशासन द्वारा जिले में आमजनों के कल्याण के लिए किये जा रहे कार्याे की सराहना की। उन्होने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई सहित विकासमूलक कार्याे में विशेष जोर देते हुए लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के लिए कहा।
बैठक में कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पूर्व बैठक में निर्देशित मजदूरी भुगतान कार्य पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को चिन्हित करने सर्वे कार्य प्रगति पर है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 3,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 01 लाख से अधिक स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत जिले के सभी 22 कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु आवश्यकतानुसार ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए गए हैं। स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने हेतु “बिहान दुकान” की स्थापना की गई है। बैठक में कलेक्टर ने दिए गए निर्देशों का पालन कराने के लिए आश्वस्त किया और कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजनता तक पहुंचाने हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, अपर कलेक्टर श्री निष्ठा पांडेय तिवारी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभाकर पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पंकज पटेल सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि और समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।
मुंगेली/शौर्यपथ /कभी जल संकट से जूझते गांवों के लिए अब मुंगेली जिला एक प्रेरणा बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप और कलेक्टर कुन्दन कुमान के निर्देशानुसार तथा जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय के मार्गदर्शन में मोर गांव मोर पानी अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण व प्रबंधन के लिए जो पहल शुरू की गई, वह आज एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। ग्रामीणों की भागीदारी, तकनीकी मार्गदर्शन और समर्पित क्रियान्वयन ने इस अभियान को एक स्थायी विकास मॉडल बना दिया है।
डिफंक्ट बोरवेल को मिला नया जीवन
जल प्रबंधन के तहत जिले में 265 अनुपयोगी बोरवेल की पहचान की गई, जिनमें से 203 कार्यों को स्वीकृति मिली और 45 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 26 जून को ही 11 कार्य पूर्ण कर लिए गए, जो अभियान की गति और गंभीरता को दर्शाता है। मुंगेली ब्लॉक सबसे आगे रहा, जहां 110 बोरवेल चिन्हांकित किए गए और इनमें से 32 का कार्य पूर्ण हो चुका है।
रिचार्ज पिट ने भूजल को दिया संबल
भूजल स्तर सुधारने के लिए अब तक जिले में 276 रिचार्ज पिट चिन्हांकित किए गए। इनमें से 129 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। सबसे अधिक रिचार्ज पिट लोरमी ब्लॉक में बने हैं, जहां 132 पिट चिन्हांकित किए गए हैं। यह कार्य आने वाले वर्षों में भूजल संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
सामूहिक श्रमदान से हो रहे बोरी बांध निर्माण
बोरी बांध निर्माण में जनभागीदारी की मिसाल कायम की गई है। जिले में 160 बांधों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 146 पहले ही पूर्ण हो चुके हैं और 14 कार्य प्रगति पर हैं। यह कार्य ग्रामीणों के श्रमदान से संपन्न हुए हैं, जो सामूहिक चेतना की शक्ति को दर्शाता है।
जन सहयोग से बना जन आंदोलन
पंचायत प्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूहों और आम ग्रामीणों ने न केवल इस कार्य में श्रमदान किया, बल्कि योजना, निर्माण और निगरानी में भी भागीदारी निभाई। यह अभियान अब सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि गांवों का अपना अभियान बन चुका है। बनी हुई संरचनाओं से खेतों की सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे फसल उत्पादकता में सुधार होगा। साथ ही मछली पालन, सब्जी उत्पादन और वर्मी कंपोस्ट जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक मजबूती और सतत आजीविका के अवसर मिलेंगे।