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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
जगदलपुर। शहर के इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में रविवार को आयोजित संभाग स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में कोंडागांव के उभरते हुए खिलाड़ी मोहम्मद अर्सलान खान ने U-12 आयु वर्ग में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिले और परिवार का नाम रोशन किया।
इस प्रतियोगिता में कुल 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। छह राउंड की प्रतियोगिता में अर्सलान ने 5 अंक अर्जित किए, जो उनकी सूझबूझ और मानसिक एकाग्रता को दर्शाता है। प्रतियोगिता का आयोजन U-9, U-12, U-15, U-19 और ओपन कैटेगरी में किया गया था।
विद्यालय: चावरा हायर सेकेंडरी स्कूल, कोंडागांव (कक्षा 5वीं)
निवासी: ग्राम सर्गीपाल, कोंडागांव
पिता: मोहम्मद फिरोज खान
इतनी छोटी उम्र में इस बाल खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा से परिवार, विद्यालय और पूरे जिले का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है। उनके घर में इस उपलब्धि से हर्ष और उत्सव का माहौल है।
प्रतियोगिता के समापन अवसर पर जगदलपुर के महापौर श्री संजय पांडे द्वारा मोहम्मद अर्सलान को ट्रॉफी भेंट कर सम्मानित किया गया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी गईं।
स्थान – कोण्डागांव/जगदलपुर
प्रकाशन – शौर्यपथ न्यूज़
भिलाई/दुर्ग। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 12वीं नेशनल गतका चैम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ की गतका टीम ने 70 मैडल जीतकर पंजाब के बाद ओवरऑल दूसरा स्थान हासिल कर राज्य का नाम पूरे देश में रोशन किया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ सिक्ख पंचायत द्वारा भिलाई के 22 मैडलिस्ट गतका खिलाड़ियों को मोमेंटो व सिरोपाओ से सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में सैकड़ों की संख्या में सिक्ख संगत, वरिष्ठ पदाधिकारी व समाजसेवी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर गतका स्पोर्ट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह छोटू, महासचिव जसवंत सिंह खालसा, कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह लल्लू, टेक्निकल प्रमुख व नेशनल रेफरी अमन सिंह, करन सिंह, राजवीर सिंह, महिला कोच रोहिणी धीमान और राजविंदर कौर डॉली को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
छत्तीसगढ़ सिक्ख पंचायत ने न केवल खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया, बल्कि यह भी आश्वासन दिया कि गतका खेल के विस्तार और प्रोत्साहन के लिए आगे भी हरसंभव सहयोग किया जाएगा।
जसबीर सिंह चहल (चैयरमैन), पलविंदर सिंह रंधावा, बलदेव सिंह, गुरनाम सिंह, रंजीत सिंह, तजिंदर सिंह नानू, हरपाल सिंह, बलजिंदर सिंह कलेर, गुरमीत सिंह गांधी, हरभजन सिंह चहल, गुरमेज सिंह सोखी, बलविंदर सिंह, कुलवंत कौर, जसबीर सिंह सैनी समेत कई वरिष्ठजनों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
समारोह में जसवंत सिंह खालसा ने एसोसिएशन की ओर से सिक्ख पंचायत व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों का आभार व्यक्त किया।
गतका एक पारंपरिक सिक्ख मार्शल आर्ट है जो तलवार, लाठी, ढाल आदि अस्त्रों के माध्यम से आत्मरक्षा, संतुलन और अनुशासन सिखाता है। यह न सिर्फ एक खेल, बल्कि सिक्ख परंपरा और वीरता का जीवंत प्रतीक है। अब यह खेल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मान्यता प्राप्त कर चुका है और युवाओं को साहस व संयम का मार्ग दिखा रहा है।
इन्द्रजीत सिंह छोटू, जो गतका स्पोर्ट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष हैं, उन्होंने राज्य में गतका को एक पहचान देने में अहम भूमिका निभाई है।
वर्षों से वे प्रशिक्षण, प्रतियोगिता आयोजन, युवाओं को मंच देने और शासन-प्रशासन से समन्वय स्थापित करने जैसे कार्यों में सक्रिय हैं।
उनकी अगुवाई में छत्तीसगढ़ की टीमों ने राष्ट्रीय मंच पर लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे सैकड़ों युवाओं को दिशा और आत्मबल मिला है।
उनका विजन है कि छत्तीसगढ़ के हर जिले में गतका प्रशिक्षण शुरू हो और यह खेल शारीरिक, मानसिक और सांस्कृतिक विकास का मजबूत माध्यम बने।
भिलाई, 6 जुलाई 2025 | स्वास्थ्य संवाददाता
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही मौसमी बीमारियों की संभावित वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। शनिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाई-3 में आयोजित एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मनोज दानी ने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित किया कि मैदानी स्तर पर दवाओं, उपकरणों और मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन मुहैया रखे जाएं।
बैठक में फील्ड कर्मचारियों को विशेष सतर्कता और जवाबदेही के साथ काम करने के निर्देश दिए गए, ताकि आमजन को बीमारियों से पहले ही बचाया जा सके। साथ ही सीएमएचओ ने लोगों से बासी भोजन से परहेज कर ताजा और हल्का भोजन करने की अपील की।
डॉ. दानी ने कहा कि सभी शासकीय अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं, वायरल और डेंगू-मलेरिया की जांच किट, आवश्यक उपकरण पूर्ण रूप से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। किसी भी प्रकार की बीमारी या लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और नीम-हकीमों के झांसे में न आएं।”
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. भुनेश्वर कठौतिया ने बताया कि बारिश के दिनों में वायरल बुखार, डेंगू, टाइफाइड, उल्टी-दस्त जैसे मामलों में इज़ाफा होता है। उन्होंने लोगों से उबला हुआ पानी पीने, खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों से परहेज, और घर का ताजा भोजन अपनाने की सलाह दी।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिखर अग्रवाल ने कहा कि "खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों पर मक्खियां और अन्य कीट बैठते हैं जो संक्रमण फैला सकते हैं। बारिश में अनावश्यक भीगने और गीले कपड़ों में देर तक रहने से बचें।"
शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम चरोदा-भिलाई-3 के बीईईटीओ सैय्यद असलम ने जानकारी दी कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर और अन्य मौसमी रोगों की जांच एवं दवा निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि मैदानी स्वास्थ्य अमले को सभी आवश्यक दवाओं से लैस किया गया है, जिससे किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
बैठक में बुखार की जांच किट, जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति, उपकरणों की कार्यशीलता, और बेहतर समन्वय के लिए अमले की जिम्मेदारियों की समीक्षा की गई।
उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी ही उपयोग करें
ताजा और हल्का भोजन करें, बासी और खुला खाना न खाएं
घरों और आसपास जलभराव न होने दें – डेंगू-मलेरिया से बचाव
किसी भी लक्षण पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं
झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं
बारिश के इस मौसम में जब बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की यह तत्परता आमजन को राहत देने वाला कदम है। साथ ही यह जिम्मेदारी हर नागरिक की भी बनती है कि वे स्वयं भी सतर्क रहें, स्वच्छता और सावधानी को अपनाएं, और किसी भी लक्षण के मामले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं।
भिलाई/6 जुलाई 2025 | संवाददाता
छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर से एक अत्यंत चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ दुर्ग पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो युवतियों सहित कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को निशाना बनाकर लाखों डॉलर की साइबर ठगी कर रहे थे।
दुर्ग पुलिस को शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि भिलाई के चौहान टाउन इलाके में एक मकान में महिला और पुरुष मिलकर अवैध कॉल सेंटर चला रहे हैं, जहां से इंटरनेट, लैपटॉप, ई-सिम और सॉफ्टवेयर वायरस के माध्यम से विदेशियों को फंसाया जा रहा है। सूचना के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर के नेतृत्व में थाना सुपेला और स्मृतिनगर चौकी पुलिस टीम ने तत्काल दबिश दी।
मौके से 6 पुरुष, 2 महिलाएं और एक होटल में रुका मुख्य सरगना अर्जुन शर्मा को गिरफ्तार किया गया। मौके पर लैपटॉप, मोबाइल, वाई-फाई राउटर, फर्जी आईडी दस्तावेज, नगदी व वाहन समेत कुल 13 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की गई।
जांच में सामने आया कि यह गिरोह फर्जी ई-सिम का उपयोग कर अमेरिका और कनाडा के लोगों के मोबाइल व कंप्यूटर में वायरस (Bug) भेजता था। फिर उन्हें कॉल कर बताया जाता था कि उनके सिस्टम में वायरस है जिसे हटाने के लिए शुल्क देना होगा।
इन विदेशी नागरिकों से 80 से 200 डॉलर तक की वसूली की जाती थी, और भुगतान क्रिप्टो करेंसी (USDT) के रूप में ई-वॉलेट में लिया जाता था। भुगतान होते ही पीड़ित के सिस्टम से वायरस हटा दिया जाता था और उनका मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था, जिससे वे दोबारा संपर्क न कर सकें।
मुख्य आरोपी अर्जुन शर्मा और उसके सहयोगी सम्यक द्वारा यह पूरी ठगी टेलीग्राम चैनल के माध्यम से संचालित की जाती थी। ठगी से प्राप्त क्रिप्टो करेंसी में से 15-20% कमीशन काटकर हवाला चैनलों के माध्यम से रकम अर्जुन तक पहुंचाई जाती थी, और शेष राशि गिरोह में बंटती थी। गिरोह के सदस्यों को 25,000 से 30,000 रुपये मासिक वेतन पर काम पर रखा गया था।
पुलिस ने सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 319(2), 318(4), 336(3), 61(2) बीएनएस, आईटी एक्ट की धारा 66(डी) और टीसी एक्ट 42(2) के तहत गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
संतोष थापा, 24 वर्ष, शिलॉंग, मेघालय
मुकेश नाथ, 24 वर्ष, शिलॉंग, मेघालय
विवेक देव, 24 वर्ष, शिलॉंग, मेघालय
विशाल कर, 26 वर्ष, शिलॉंग, मेघालय
अनिश आर्यन, 29 वर्ष, भागलपुर, बिहार
अर्जुन शर्मा (मुख्य सरगना), 23 वर्ष, फरीदाबाद, हरियाणा
अमित कुमार सिंह, 30 वर्ष, नई दिल्ली
पियाली देव, 24 वर्ष, शिलॉंग, मेघालय
रिया राय, 27 वर्ष, भिलाई, छत्तीसगढ़
12 लैपटॉप
14 मोबाइल फोन
3 वाई-फाई राउटर
7 हैडफोन
10 चार्जर वायर
फर्जी दस्तावेज: आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड
एक एक्टिवा वाहन
₹2.55 लाख नगद
कुल जब्ती: ₹13 लाख के आसपास
दुर्ग पुलिस ने इसे अब तक की सबसे संगठित और अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह की गिरफ्तारी करार दिया है। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य नेटवर्क और हवाला चैनल की भी जांच कर रही है। गिरोह से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारी की संभावना जताई गई है।
भिलाई जैसे शांत औद्योगिक शहर में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का खुलासा देशभर में युवाओं के नाम पर चल रहे अवैध कॉल सेंटरों की वास्तविकता को उजागर करता है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग किस हद तक किया जा सकता है जब कानून और नैतिकता के दायरे से बाहर काम किया जाए।
तकनीकी शिक्षा, नवाचार और डिजिटल शिक्षण में विशिष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
भिलाई | 6 जुलाई 2025
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट नवाचार और समर्पित शिक्षण कार्य के लिए कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज, भिलाई के सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रभात कुमार प्रसाद को देशव्यापी मंच पर ‘राइजिंग स्टार – आउटस्टैंडिंग एजुकेशनिस्ट’ के राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें ‘हाइट ऑफ सक्सेस’ मैगजीन द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि पर पूरे संस्थान में हर्ष और गर्व का माहौल है। कॉलेज के चेयरमैन श्री आनंद त्रिपाठी, प्राचार्य डॉ. अजय तिवारी और उप-प्राचार्य डॉ. रवींद्र शर्मा ने प्रभात सर को इस विशिष्ट सम्मान के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे संस्थान के लिए प्रेरणास्पद क्षण है।
प्रभात कुमार प्रसाद को 15 वर्षों से अधिक का शिक्षण अनुभव है। वे न केवल एक वरिष्ठ शिक्षाविद् हैं, बल्कि एक लोकप्रिय यूट्यूबर भी हैं जिनके सिविल इंजीनियरिंग ड्रॉइंग और इंजीनियरिंग ग्राफिक्स विषय पर बनाए गए शैक्षणिक वीडियो लाखों छात्रों तक पहुँच चुके हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स, जिनमें Scopus और UGC Care शामिल हैं, में शोधपत्र प्रकाशित किए हैं।
उन्होंने बी.ई. (हॉन्स.), एम.टेक (हॉन्स.), एमबीए (हॉन्स.) तथा पीजीडीसीए जैसे उच्च शैक्षणिक उपाधियाँ प्राप्त की हैं, जो उनके बहुआयामी ज्ञान और समर्पण को दर्शाता है।
चेयरमैन श्री आनंद त्रिपाठी ने कहा –
"प्रभात सर ने सिविल इंजीनियरिंग के शैक्षणिक क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह अनुकरणीय है। उनके नेतृत्व में विभाग ने तकनीकी गुणवत्ता, शोध और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं। यह पुरस्कार संपूर्ण संस्थान के लिए गर्व का प्रतीक है।"
प्राचार्य डॉ. अजय तिवारी ने कहा –
"प्रभात सर विद्यार्थियों के हित में सदैव अग्रणी रहते हैं। चाहे कक्षा शिक्षण हो या यूट्यूब के माध्यम से हजारों छात्रों तक पहुँचना – उन्होंने हमेशा शिक्षा को सहज, सुलभ और प्रभावी बनाने का प्रयास किया है।"
उप-प्राचार्य डॉ. रवींद्र शर्मा ने अपने संदेश में कहा –
"प्रभात सर न केवल तकनीकी दक्षता में निपुण हैं, बल्कि उनके शिक्षण में मानवीय संवेदनाएं और नैतिक मूल्य भी स्पष्ट रूप से झलकते हैं। उन्होंने अपने विभाग को सशक्त किया है और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कॉलेज का नाम रोशन किया है।"
प्रभात कुमार प्रसाद की यह सफलता युवा शिक्षकों और तकनीकी छात्रों के लिए एक सशक्त संदेश है कि मेहनत, नवाचार और समर्पण के बल पर शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाई जा सकती है। यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति की जीत है, बल्कि नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
“बेवजह की रफ्तार और बेपरवाह वाहन चालकों की लापरवाही ने एक और परिवार का चिराग बुझा दिया।”
दुर्ग, 7 जुलाई। उतई थाना क्षेत्र अंतर्गत कोड़िया भनपुरी रोड पर एक दर्दनाक हिट एंड रन की घटना में 28 वर्षीय युवक कैलाश महिलांगे की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक ग्राम अंडा का निवासी था और बाइक से घर लौट रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोपहर लगभग 3:00 बजे, अज्ञात तेज़ रफ्तार वाहन ने कैलाश की बाइक को जोरदार टक्कर मारी और मौके से फरार हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इस घटना के विरोध में ग्राम कोड़िया और हनोदा के सैकड़ों ग्रामीणों ने सरपंच खुमान निषाद के नेतृत्व में सड़क पर चक्का जाम कर दिया। धरना स्थल पर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने प्रशासन पर सड़क निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाया।
सरपंच खुमान निषाद और उपसरपंच कुलेश्वर निर्मलकर ने बताया कि बीते 5 वर्षों से सड़क की मरम्मत और निर्माण की मांग की जा रही है, परंतु प्रशासनिक उपेक्षा के चलते आज एक और जान चली गई।
पूर्व में भी ओंकार रामप्रसाद साहू और जगन राम जैसे ग्रामीण इस सड़क की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।
पंच मंजू यादव, अनीता निषाद, रेखा निषाद, ज्ञानेश्वर साहू, तिलक निषाद, जगत निषाद, अमेरिका बाई, जितेंद्र साहू सहित अनेक ग्रामीणजन शामिल हुए।
? "एक पल की लापरवाही, किसी का पूरा जीवन छीन सकती है।"
?️ "रफ्तार पर लगाम लगाएं, सड़क को जीवन का मार्ग बनाएं – मृत्यु का नहीं।"
⚖️ "हिट एंड रन अपराध है – भागने वाले को कानून नहीं बख्शेगा।"
जर्जर कोड़िया-भनपुरी मार्ग की तत्काल मरम्मत की जाए।
मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता और न्याय दिलाया जाए।
क्षेत्र में स्पीड कंट्रोल और संकेत बोर्ड, तथा सीसीटीवी लगाए जाएं।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा,आज हमारे शहर में हरियाली की सबसे अधिक जरूरत
पौधारोपण के साथ साथ पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी हमें सामूहिक प्रयास करना चाहिए तभी यह पौधे लगाना सार्थक होगा:महापौर
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आज सुबह श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती के अवसर पर वार्ड क्रमांक 60 पटरी पार में दुर्ग शहर के प्रथम नागरिक महापौर श्रीमती अलका बाघमार के नेतृत्व में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस कार्यक्रम में महापौर और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित वार्ड के नागरिको ने मिलकर पौधे लगाए, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
महापौर श्रीमती बाघमार ने कहा कि वृक्षा रोपण कार्यक्रम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जो एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे।
इस अवसर पर, महापौर ने सभी नागरिकों से पर्यावरण की रक्षा के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। पटरी पार में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा,आज हमारे शहर में हरियाली की सबसे अधिक जरूरत सभी अपने घर के आस पास पौधा अवश्य लगाए।उन्होंने कहा यह अभियान पूरे देश में पर्यावरण की दिशा में अनुकरणीय पहल है, पौधारोपण के साथ साथ पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी हमें सामूहिक प्रयास करना चाहिए तभी यह पौधे लगाना सार्थक होगा।पेड़ हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं और वे पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बता दे कि महापौर श्रीमती अलका बाघमार के नेतृत्व में रोपे गए पीपल, बरगद, बादम नीम एवं सिंदूर के पौधे रोपे गए। इस अवसर पर पूर्व महापौर श्रीमती चंद्रिका चन्द्राकर,अरुण सिंह, सुरुचि उमरे,युवराज कुंजाम,पटरीपार मण्डल अध्यक्ष मनमोहन शर्मा,जयश्री राजपूत,प्रमोद पाटिल ,रेवती कुटेल,सुधा सिंह,संतोष बलराम प्रीतम रमेश अनूप प्रशांत,मौसमी ताम्रकार,अंजू तिवारी यश चंद्राकर सहित नागरिकगण मौजूद रहें
मुख्यमंत्री ने आवास एवं पर्यावरण विभाग की ली समीक्षा बैठक
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अतंर्गत संचालित कार्यो की जानकारी लेते हुए अधिकरियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सचिव आवास एवं पर्यावरण अंकित आंनद, एन आर डी ए के सी.ई.ओ श्री चंदन कुमार, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अवनीश शरण, रायपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. श्री आकाश छिकारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर का सुव्यवस्थित विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित विकास किया जायेगा। नवा रायपुर देश की सबसे आधुनिक व खुबसूरत राजधानी है। देश के आई.आई.एम., ट्रिपल आई.टी., नेशनल लॉ विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थान यहां स्थापित किए गए हैं। भविष्य में नवा रायपुर में बसाहट और बढ़ेगी इसलिए यह आवश्यक है कि आगमाी जरूरतों के हिसाब से यहां नागरिक सुविधाओं का भी विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के संबंध में चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा परमालकसा - खरसिया नई रेलवे लाईन का निर्माण बलौदाबाजार जिले से होकर किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस रेल लाईन को नवा रायपुर से जोड़ने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे नवा रायपुर में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और आम नागरिको को इसका लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने भारत माला परियोजना के अंतर्गत विशाखापट्टनम को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण विकास के साथ आयात और निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु नवा रायपुर अटल नगर में एक लॉजिस्टीक हब की निर्माण आवश्यकता पर बल दिया। अधिकाारियों ने बाताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसके बनने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 100 कि.मी. कम हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कि नई औद्योगिक नीति से बड़ी संख्या में निवेशक आकर्षित हो रहे है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में ऑक्सीजोन निर्माण के अंतर्गत पीपल, बरगद, करंज, नीम, अशोक, अमलतास, गुलमोहर आदि पौधों के रोपण एवं ग्रोथ कि जानकारी ली। बैठक मे अधिकरियों ने बताया कि नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य में राज्य सरकार के विभिन्न आयोग-बोर्ड-निगम आदि के लिए आयोग बिडिंग कॉम्पलेक्स तैयार करने की योजना है। इसके अलावा काम-काजी महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल, 100 बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर में एक और नवीन थाना की स्थापना का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर क्षेत्र में नवीन भवनों के निर्माण के लिए आबंटित भू-खण्डों का समूचित उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत शामिल - छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, नगर तथा ग्राम निवेश, छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा), रायपुर विकास प्राधिकरण के काम-काज की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में हुए शामिल
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के लिए तीन दिवसीय आधारभूत/उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के रूप में आप सभी के पास बहुत बड़ा अवसर और बड़ी जिम्मेदारी है। यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो एक व्यक्ति भी पूरे जिले की तस्वीर बदल सकता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोक कल्याण की भावना से जनता की सेवा करने वालों को जनता स्वयं आगे बढ़ाती है। अपने राजनीतिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने भी अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पंच के रूप में की थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में आऊंगा। 10 वर्ष की आयु में पिताजी के स्वर्गवास के बाद मेरे कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। मेरा पूरा जीवन संघर्ष में बीता। मैं सरपंच भी बनूंगा, यह मैंने कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन जनता का आशीर्वाद मिला, जिससे विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कुछ कर गुजरने के लिए संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण इच्छाशक्ति होती है। जनहित में कार्य करने की सोच से अकेला व्यक्ति भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे जिन प्रेरणादायी लोगों के जनसेवा के कार्यों को निकट से देखने का अवसर मिला, उनमें ओडिशा के डॉ. अच्युत सामंत और नानाजी देशमुख का उल्लेख करना चाहूंगा। अभावों में पले-बढ़े डॉ. अच्युत सामंत ने आजीवन जनता की सेवा का संकल्प लिया और भुवनेश्वर में एक बड़ा शिक्षण संस्थान स्थापित किया। इस संस्थान में वे लगभग 25 हजार जनजातीय बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह, चित्रकूट में नानाजी देशमुख ने दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान के माध्यम से 500 गांवों को गोद लेकर उनके सर्वांगीण विकास का कार्य किया। वर्ष 2006-07 में जब मैं वहां गया, तब मुझे पता चला कि अब तक 80 गांवों को उन्होंने आत्मनिर्भर बना दिया है। इन गांवों में हर परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य किया गया। ये उदाहरण हमें यह बताते हैं कि एक व्यक्ति भी कितना बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहां 44 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं। यहां की मिट्टी उर्वरा है और किसान मेहनतकश हैं। छत्तीसगढ़ के विकास में नक्सलवाद एक बड़ी बाधा था, जिसे हम समाप्त कर रहे हैं। जो नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, उनके लिए हमने एक उत्कृष्ट पुनर्वास नीति बनाई है। जल्द ही राज्य नक्सलमुक्त होगा और बस्तर में सड़क, बिजली, पानी सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री साय ने बस्तर संभाग के मुलेर ग्राम का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के आदिवासियों को राशन के लिए 25 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता था, जिसमें तीन दिन लगते थे। कल्पना की जा सकती है कि यह इलाका विकास में कितना पीछे था। हमने मुलेर को अलग पंचायत बनाने का निर्णय लिया और वहां राशन दुकान खोली। जब मैं वहां गया, तो लोगों की खुशी उनके चेहरों पर साफ दिखाई दे रही थी।
मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों से कहा कि गांवों का विकास किए बिना हम विकसित छत्तीसगढ़ नहीं बना सकते। प्रशिक्षण के इस समय का पूरा लाभ उठाएं। यह सदैव ध्यान रखें कि विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। नियमित रूप से अपने क्षेत्रों का दौरा करें। प्रवास और निरीक्षण से प्रशासनिक कसावट आती है और विकास कार्यों को गति मिलती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए स्वयं को पूरी तरह तैयार करें। पंचायती राज से जुड़े कानूनी प्रावधानों की गहन जानकारी रखें। गांव की उन्नति के लिए केवल निर्माण कार्य ही नहीं, बल्कि अन्य संभावनाओं पर भी सतत विचार करें। दुग्ध उत्पादन जैसे कार्यों से गांव की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित होती है। गांव में आर्थिक समृद्धि आने से युवाओं को नई दिशा मिलती है और वे व्यसनों से दूर रहते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आप ग्राम पंचायत के कार्य स्वरूप पर भी चिंतन करें। पंचायती राज संस्था से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को भलीभांति समझें, ताकि आप जनता के हित में बेहतर कार्य कर सकें। पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े सभी स्तर के एक लाख सत्तर हजार लोगों को यहां प्रशिक्षित किया जाएगा। आज आप सभी से इसकी शुरुआत हो रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पेसा : पंचायत उपबंध एवं छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध मार्गदर्शिका, पंचमन पत्रिका तथा जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों हेतु पठन सामग्री का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के प्रांगण में मौलश्री पौधे का रोपण भी किया।
इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संचालक श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया तथा ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संचालक पी. सी. मिश्रा उपस्थित थे।
कोण्डागांव, 5 जुलाई 2025 – महिलाओं के अश्लील फोटो व वीडियो बनाकर उन्हें वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग करने वाले आरोपी अमान वीरानी को कोण्डागाँव पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के विरुद्ध बीएनएस की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी अमान वीरानी (निवासी मस्जिद गली, वार्ड क्रमांक 11, थाना केशकाल) ने पीड़िता के साथ दोस्ती कर उसका अश्लील वीडियो व फोटो तैयार किया और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर शारीरिक शोषण व पैसों की मांग करता रहा। आरोपी न केवल पीड़िता बल्कि अन्य कई महिलाओं को भी इसी तरह फंसाकर ब्लैकमेल कर चुका है।
पीड़िता की शिकायत पर कोण्डागाँव पुलिस ने बीएनएस की धारा 64(1), 64(2)(ड), 308(2), 324(4), 115(2), 351(2) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री वॉय. अक्षय कुमार के निर्देशन में, अति. पुलिस अधीक्षक श्री कौशलेंद्र देव पटेल व केशकाल थाना प्रभारी श्री अरुण नेताम के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।
पूरे अभियान में थाना केशकाल के प्रभारी ज्ञानेन्द्र सिंह चौहान, सउनि हेमंत देवांगन, सुमित्रा सेठिया, प्र.आर. ललित नेताम, संजय बिसेन, म.आर. सोनल यादव, कोण्डागांव प्रभारी टामेश्वर चौहान, साइबर सेल के उनि अमिताभ खाण्डेकर सहित टीम के अन्य सदस्यों की सराहनीय भूमिका रही।
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और पीड़िता समेत अन्य संभावित पीड़िताओं की पहचान के प्रयास भी जारी हैं।
जशप्योर बनेगा ग्लोबल ब्रांड – जशपुर से निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच का मार्ग प्रशस्त
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल जशपुर की आदिवासी महिलाओं के समूह द्वारा प्राकृतिक वनोपज का प्रसंस्करण कर तैयार की गई विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों का ब्रांड जशप्योर अब जशपुर और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कदमताल करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आत्मसात करते हुए एक अहम निर्णय लिया गया है जिसके तहत जशपुर जिले की महत्वाकांक्षी महिला केंद्रित ब्रांड जशप्योर का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय जशप्योर को व्यापक उत्पादन, संस्थागत ब्रांडिंग और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच दिलाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है।
जशप्योर – परंपरा को उद्यमिता से जोड़कर खोली उन्नति की राह
जशप्योर ब्रांड महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला उपक्रम है, जिसे जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक, पोषणयुक्त और रसायनमुक्त खाद्य उत्पादों का निर्माण करते हुए स्थानीय समुदायों को रोजगार उपलब्ध कराना और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
इस ब्रांड का लक्ष्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि और वनोपज का प्रसंस्करण कर खाद्य उत्पादों के रूप में तैयार करना तथा रोजगार से जोड़ते हुए व्यावसायिक स्तर पर इन्हें व्यापक पहचान दिलाना है।
जशप्योर के उत्पादों की मुख्य विशेषता यह है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, रंग या कृत्रिम स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता और ये सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध हैं। जशप्योर केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।
जशप्योर के उत्पाद बना रहे हैं अपनी अलग पहचान
जशप्योर द्वारा महुआ और अन्य वनोपज को शामिल करते हुए कई प्रकार के पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें महुआ आधारित उत्पाद जैसे महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, महुआ कुकीज़, रागी महुआ लड्डू, महुआ कैंडी और महुआ नेक्टर कोकोआ शामिल हैं। इसके अलावा, ढेकी कूटा जवा फूल चावल, मिलेट आधारित पास्ता और कोदो, कुटकी, रागी तथा टाऊ से बने विभिन्न उत्पाद भी पूरे भारत में अपनी पहचान बना रहे हैं।
महिला उद्यमिता को मिल रहा बढ़ावा
जशप्योर ब्रांड का उद्देश्य केवल व्यापार नहीं है, बल्कि यह आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का एक सशक्त प्रयास भी है। इस ब्रांड के माध्यम से महिलाओं को रोजगार का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हुई हैं।
जशप्योर द्वारा निर्मित हर उत्पाद आदिवासी महिलाओं की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। ये उत्पाद देशभर के विभिन्न स्टोर्स पर उपलब्ध हैं, जो ब्रांड की व्यापक पहुँच का प्रमाण हैं।
जशप्योर के सभी उत्पाद पूर्णतः प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, कृत्रिम रंग या स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता। यह उत्पाद श्रृंखला न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भरपूर और पर्यावरण-संवेदनशील पैकेजिंग में उपलब्ध है।
जशप्योर के प्रमुख उत्पादों में महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, रागी महुआ लड्डू, महुआ कुकीज़, महुआ कोकोआ ड्रिंक, कोदो, कुटकी, रागी आधारित पास्ता और ढेकी कूटा चावल शामिल हैं।
जशप्योर की सबसे खास बात इसकी महिला प्रधान कार्यशक्ति है। यहां 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी आदिवासी महिलाएं हैं, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इस मंच के माध्यम से ये महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि परंपरागत ज्ञान और तकनीकों को आधुनिक बाजार में प्रस्तुत करने में भी सक्षम हो रही हैं।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर का स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने वाले उपभोक्ताओं, पोषण विशेषज्ञों और उद्यमियों ने विशेष रुचि के साथ महुआ और मिलेट से बने उत्पादों की सराहना की। इन उत्पादों में कोई एडिटिव, प्रिज़र्वेटिव या स्टेबलाइजर नहीं है, जिससे ये पूरी तरह से प्राकृतिक, सुरक्षित और पोषणयुक्त हैं।
रेयर प्लेनेट के साथ ऐतिहासिक समझौता
जशप्योर की पहुँच अब देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट स्टोर्स तक होगी। रेयर प्लेनेट के साथ हुए समझौते के तहत पहले चरण में पाँच एयरपोर्ट्स पर महुआ और अन्य उत्पादों की बिक्री शुरू की जा रही है। यह पहल जशप्योर को राष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस एमओयू पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किए गए, जो राज्य के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
जशप्योर – लोकल टू ग्लोबल की राह पर अग्रसर
जशप्योर से जुड़े जशपुर जिले के युवा वैज्ञानिक श्री समर्थ जैन ने बताया कि जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से "महुआ को अब केवल शराब तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे फॉरेस्ट गोल्ड या ग्रीन गोल्ड के रूप में भी देखा जाएगा।" जशप्योर ने यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्यवर्धक भोजन स्वादिष्ट भी हो सकता है। उनका मानना है कि शासन की इस पहल से जशप्योर को लोकल टू ग्लोबल ब्रांड बनाने में मदद मिलेगी और निश्चित ही यह निर्णय प्रदेश भर में वनोपज और स्थानीय उत्पादकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
ब्रांड ट्रेडमार्क हस्तांतरण के इस ऐतिहासिक निर्णय से जशप्योर को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही कच्चे माल की माँग में वृद्धि होगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। इस निर्णय से जशप्योर ब्रांड का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा, ताकि इसके दायरे और प्रभाव को और व्यापक बनाया जा सके। इससे जशप्योर के उत्पादों को विश्वस्तरीय बनाने, उत्पादन में वृद्धि के लिए उन्नत मशीनें लगाने और प्रभावी मार्केटिंग सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में संसदीय पत्रकारों का योगदान अतुलनीय : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री साय संसदीय पत्रकारिता विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर के प्रेक्षागृह में संसदीय रिपोर्टिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य और विधानसभा के रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा ने भी 25 वर्षों की गौरवमयी यात्रा पूरी की है और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ किया है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हाल ही में विधायकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था, जिसका लाभ हमारे सदस्यों को मिला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में अनेक नवनिर्वाचित विधायक भी हैं, जिनकी यह जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाएं। इसी तरह पत्रकारों की भी अहम भूमिका है, जो विधानसभा की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी पत्रकार बंधु बड़ी मेहनत से विधानसभा की कार्यवाही को कवर करते हैं, जिससे आमजन यह जान पाते हैं कि विधायकों द्वारा उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को भी सराहा और कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है तथा संसदीय रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी और इसके माध्यम से विधानसभा की गतिविधियां और अधिक प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेंगी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में संसदीय पत्रकारिता की महत्ता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में पत्रकारों का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने कहा कि संसदीय पत्रकारिता अत्यंत संवेदनशील दायित्व है, जो सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए जनता तक सटीक एवं निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने का कार्य करती है। डॉ. सिंह ने कहा कि पत्रकार जब पक्ष–विपक्ष से परे रहकर निष्पक्ष रूप से विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन करते हैं और उसे प्रस्तुत करते हैं, तब लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली की गहरी समझ से ही पत्रकार बेहतर ढंग से जनता को विधानसभा की गतिविधियों से अवगत करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय पत्रकारिता में विशेष रूप से विधानसभा की प्रक्रिया से जुड़े समाचारों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि आमजन तक वे प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ एवं दिवंगत पत्रकारों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि प्रदेश की पत्रकारिता परंपरा ने सदैव विधानसभा की गरिमा बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यशाला में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों की भूमिका को नारद मुनि की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि पत्रकार समयबद्धता और सजगता के साथ लोकतंत्र के संवाहक होते हैं। डॉ. महंत ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से सभी को कुछ नया सीखने का अवसर मिलेगा और संसदीय पत्रकारिता को समझने का दायरा और व्यापक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा और पत्रकारों के कार्य को नई दिशा देगा। उन्होंने अपनी लंबी संसदीय यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि इस दौरान पत्रकारों के साथ बिताए गए समय और अनुभव अत्यंत मूल्यवान रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों की सजगता, सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की, जो वर्षों से संसदीय गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, विधानसभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा, आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक श्री संजय द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे।