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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर/ शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी की सरकार को सहकारिता विरोधी, कर्मचारी विरोधी और किसान विरोधी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार की दुर्भावना और अकर्मण्यता के चलते छत्तीसगढ़ के 2739 उपार्जन केदो में धान खरीदी को लेकर संशय की स्थिति है। समर्थन मूल्य पर खरीब सीजन 2025-26 के उपार्जन शुरू होने में बमुश्किल एक हफ्ते का समय बचा है लेकिन अब तक कोई तैयारी सरकार के स्तर पर नजर नहीं आ रही है, उल्टे छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर पड़ा हुआ है जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी भी सरकार की उपेक्षा से व्यथित होकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं, उपार्जन केंद्रों के कंप्यूटर ऑपरेटरों ने भी सहकारी समितियों के कर्मचारी के हड़ताल को अपना समर्थन दे दिया है, ऐसे में छत्तीसगढ़ के किसान चिंतित हैं कि धान की खरीदी आखिर होगी कैसे?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग को ठगा है पिछले साल भी इन कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया था, सरकार से लिखित आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल समाप्त किया, लेकिन यह आदेश केवल कागज का टुकड़ा साबित हुआ, जमीन पर कोई कार्य कर्मचारियों के मांगों के संदर्भ में नहीं हुआ। प्रबंधकीय अनुदान, वेतन और नियमितीकरण, धान के उठाव न होने पर सुखत (शॉर्टेज) क्षतिपूर्ति की राशि, वेतनमान विसंगति, इंक्रीमेंट, पेंशन और भविष्य निधि जैसे अपने मूलभूत अधिकारों के लिए सोसाइटियों के कर्मचारी आंदोलित है, लेकिन यह सरकार अब तक सोई हुई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सहकारिता विरोधी भाजपा की सरकार में सोसाइटियों और कोऑपरेटिव बैंकों बर्बाद करने का षडय़ंत्र रचा गया है। इसीलिए संग्रहण केंद्रों से 72 घंटे के भीतर उठाव के नियम को बदल दिया गया। सरकार कुप्रबंधन के चलते ही सहकारी समितियों को पिछले खरीदी के दौरान 11 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ। समय पर उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने और केंद्री पुल में चावल के कम खरीदी के चलते धान खराब होने से सहकारी समितियों को नुकसान हुआ जिसकी भरपाई यह सरकार नहीं कर रही है। समितियों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है इससे वित्तीय असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में दिया है, उसके बावजूद यह सरकार उसे रोक रखी है। विगत 29 अक्टूबर से कर्मचारी आंदोलित हैं लेकिन इस सरकार के कान में जू तक नहीं रेंग रही है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि धान खरीदी तय समय में शुरू हो और किसानों से निर्बाध खरीदी संपन्न हो सके।
दुर्ग / शौर्यपथ / वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर आधारित कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 07 नवम्बर 2025 को प्रात: 10 बजे किया जाएगा। जिला स्तरीय आयोजन 07 नवम्बर को प्रात: 10 बजे जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया जाएगा। इस दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन श्रवण और वंदे मातरम् का गायन किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, सांसद श्री विजय बघेल, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चन्द्राकर, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, अहिवारा विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री , विधायक पाटन श्री भूपेश बघेल, विधायक वैशाली नगर श्री रिकेश सेन, विधायक भिलाई नगर श्री देवेन्द्र यादव, विधायक साजा श्री ईश्वर साहू, विधायक बेमेतरा श्री दीपेश साहू, छ.ग. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय, छ.ग. तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहू, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे, नगर पालिक निगम की दुर्ग महापौर श्रीमती अलका बाघमार, नगर निगम भिलाई के महापौर श्री नीरज पाल, नगर पालिक निगम रिसाली की महापौर श्रीमती शशि सिन्हा और नगर निगम भिलाई चरौदा के महापौर श्री निर्मल कोसरे के विशिष्ट आतिथ्य में वंदे मातरम् गायन के गरिमामय कार्यक्रम संपन्न होगा।
दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह से आज कलेक्टोरेट स्थित कक्ष में वर्ष 2025 के लिए शासन द्वारा मिनीमाता सम्मान (महिला उत्थान) से सम्मानित श्रीमती ललेश्वरी साहू ने भेंट की। उन्होंने सम्मान पत्र और स्मारिका अवलोकन कराया। कलेक्टर श्री सिंह ने श्रीमती साहू को उनके उपलब्धि पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आर.के. जामुलकर एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि समाज सेविका और हस्तशिल्प कलाकार श्रीमती ललेश्वरी साहू को महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए शासन द्वारा वर्ष 2025 का मिनीमाता सम्मान से नवाजा गया है। श्रीमती ललेश्वरी साहू का योगदान धान शिल्प, लेखन, महिला उत्थान, पर्यावरण संरक्षण, युवा कैरियर गाइड्स, समाज सेवा तथा महिला स्वावलंबन व सशक्तिकरण जैसे विविध क्षेत्रों में रहा है। उन्होंने स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभायी है। उन्हें अब तक अनेक राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। जिनमें राष्ट्रीय कला साधक पुरस्कार 2023, अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती कला साधक का सम्मान, सोशल अचीवर अवार्ड 2024, सरकार से समृद्धि सम्मान, महिला सशक्तिकरण सम्मान, उत्कृष्ट स्वच्छता प्रहरी सम्मान, विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर वन व जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा सम्मान तथा शहीद वीर नारायण तिरंगा अवार्ड 2023 प्रमुख है।
दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय महिला खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड स्तरीय दुर्ग, पाटन एवं धमधा में होने वाले महिला खेल प्रतियोगिता के अन्तर्गत एथलेटिक्स (100 मीटर एवं 400 मीटर दौड, एवं तवा फेक), खो-खो, हॉकी, बैडमिंटन (सिंगल एवं डबल), व्हॉलीबाल. कुश्ती (50 किलो एवं 53 किलो), बास्केटबॉल, फुटबॉल, वेटलिफ्टिंग (40 किलो एवं 45 किलो), एवं रस्साकसी, खेल की स्पर्धाये होगी। महिला खेल प्रतियोगिता अंतर्गत 02 आयुवर्ग 09-18 वर्ष एवं 18 से 35 वर्ष तक महिला खिलाडिय़ों को भाग लेने की पात्रता होगी। इच्छुक अभ्यर्थी पंजीयन के लिए अपना आधार कार्ड एवं जन्म प्रमाण पत्र लेकर प्रतियोगिता स्थल में पहुंचेंगे। (18 से 35 आयुवर्ग के लिए वर्ष 01.01.1990 से 01.01.2007 तक) एवं (09-18 आयुवर्ग के लिए वर्ष 01.01.2008 से 01.01.2016 तक) भाग लेंगे। जिले के विकासखंड दुर्ग, पाटन एवं धमधा में विकासखंड स्तर पर तथा पाटन (सेलूद) में जिला स्तरीय आयोजन पूर्वान्ह 8 बजे होगा। प्रत्येक स्थल हेतु स्पर्धा प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। 7 नवंबर 2025 को विकासखंड दुर्ग के शा.उ.मा.वि. कोडिया के आयोजन हेतु श्री अशोक रिगरी स्पर्धा प्रभारी होंगे। इसी प्रकार 8 नवंबर 2025 को सेजस सेलूद विकासखंड पाटन और कॉलेज मैदान सिरना भाठा विकासखंड धमधा के आयोजन हेतु क्रमश: श्री पोखरन लाल साहू तथा श्री कौशलेंद्र पटेल स्पर्धा प्रभारी होंगे। 10 नवंबर 2025 को जि़ला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन सेजेस सेलूद, पाटन में किया जाएगा, जिसके प्रभारी भी श्री पोखरन लाल साहू होंगे। विकास खण्ड स्तर पर उपरोक्त खेलों का आयोजन कराया जाना है। जिसमें दो आयुवर्ग से प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी/दल जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगें। प्रतिभागी अपने विकासखण्ड पर ही खेल में भाग लेंगें एवं एक खिलाड़ी एक ही खेल में भाग लेंगें तथा निर्धारित समय में पहले पहुंच कर अपना जन्म प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड लेकर निर्धारित प्रपत्र को साफ-सुथरे स्पष्ट भर कर संबंधित विकासखण्ड आयोजन प्रभारी के पास जमा करेंगे। अधिक जानकारी के लिए अपने विकासखण्ड नोडल अधिकारी एवं जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग के रविशंकर स्टेडियमय दुर्ग स्थित कार्यालय मे संपर्क कर सकते है।
ज्ञानेश्वरी ने बहरीन में आयोजित वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में देश का किया था प्रतिनिधित्व, चांदनी ने 38वें नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ को दिलाया था सिल्वर मेडल
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दोनों खिलाडिय़ों को दी बधाई
रायपुर / शौर्यपथ / उप राष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने राज्य अलंकरण समारोह में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली वेटलिफ्टर सुश्री ज्ञानेश्वरी यादव को गुंडाधुर सम्मान और छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय गौरव दिलाने वाली तीरंदाज सुश्री चांदनी साहू को महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान प्रदान किया। राजनांदगांव जिले के भोडिय़ा गांव की रहने वाली 22 वर्ष की सुश्री ज्ञानेश्वरी यादव ने दिसम्बर-2024 में बहरीन के मनामा शहर में आयोजित वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रही थीं।
वहीं महासमुंद जिले के बागबहरा की 15 साल की सुश्री चांदनी साहू ने जनवरी-फरवरी-2025 में उत्तराखंड में संपन्न 38वें नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ को रजत पदक दिलाया था। वे नेशनल गेम्स में तीरंदाजी के टीम इवेंट में कांस्य पदक जीतने वाली छत्तीसगढ़ की चार सदस्यीय टीम में भी शामिल थीं। उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने दोनों खिलाडिय़ों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए राज्य अलंकरण मिलने पर बधाई दी है।
कक्षा दसवीं में पढ़ रही सुश्री चांदनी साहू अभी बिलासपुर के बहतराई स्थित आवासीय तीरंदाजी अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। वे वहां वर्ष 2023 से प्रशिक्षण ले रही हैं। चांदनी ने वर्ष-2024 में जमशेदपुर में हुई सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी टीम इवेंट में रजत पदक जीता था। उन्होंने पश्चिम बंगाल के भोलपुर में इस साल आयोजित जूनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था।
इन खिलाडिय़ों को दिया जाता है राज्य खेल अलंकरण
राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष उन खेलों के उत्कृष्ट खिलाड़ी को गुंडाधुर सम्मान प्रदान किया जाता है जिन्हें भारत सरकार के युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर के खेल अलंकरण हेतु विचार क्षेत्र में लिया जाता है। इसके लिए इन खेलों के ऐसे खिलाड़ी का चयन किया जाता है जिन्होंने विगत एक वर्ष में सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप या राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की ओर से भाग लेते हुए स्वर्ण पदक या रजत पदक या कांस्य पदक प्राप्त किया हो या अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो।
वहीं महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान सीनियर वर्ग के ऐसे खिलाड़ी को दिया जाता है जिन्होंने विगत एक वर्ष में तीरंदाजी की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप या राष्ट्रीय खेल में छत्तीसगढ़ की ओर से खेलते हुए स्वर्ण पदक, रजत पदक या कांस्य पदक प्राप्त किया हो या अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे शुभारंभ, चार चरणों में ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक होंगे आयोजन – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले, “यह केवल गीत नहीं, भारत की आत्मा का स्वर है”
रायपुर, 6 नवम्बर 2025।
भारत माता के सम्मान और राष्ट्रभक्ति की अमर भावना का प्रतीक “वंदे मातरम्” अब एक बार फिर पूरे देश में गूंजने जा रहा है। राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मार्गदर्शन में 7 नवम्बर 2025 से वर्षभर चलने वाला राष्ट्रीय महोत्सव प्रारंभ होगा।
छत्तीसगढ़ इस अभियान में जनभागीदारी, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय चेतना के नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहा है।
इस भव्य आयोजन का शुभारंभ 7 नवम्बर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन के साथ होगा।
राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रातः 10 से 11 बजे तक दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के संबोधन के पश्चात देशभर में एक साथ “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया जाएगा।
गीत के मूल बोल और धुन आधिकारिक पोर्टल vandemataram150.in
पर उपलब्ध हैं ताकि हर नागरिक इसमें सहभागिता कर सके।
इस अभियान को राष्ट्रव्यापी स्वरूप देने के लिए इसे चार चरणों में विभाजित किया गया है —
1️⃣ पहला चरण: 7 से 14 नवम्बर 2025
2️⃣ दूसरा चरण: 19 से 26 जनवरी 2026 (गणतंत्र दिवस के अवसर पर)
3️⃣ तीसरा चरण: 7 से 15 अगस्त 2026 (हर घर तिरंगा अभियान के साथ)
4️⃣ चौथा चरण: 1 से 7 नवम्बर 2026 (समापन सप्ताह)
प्रत्येक चरण में राज्य के सभी जिलों, जनपदों, नगर निगमों, ग्राम पंचायतों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन के साथ विविध सांस्कृतिक एवं जनजागरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि “यह आयोजन केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम और जनभागीदारी का अभियान है।”
राज्य के सभी जिलों में मंत्रीगण, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस आयोजन में भाग लेंगे।
प्रत्येक जिले में स्थानीय कलाकारों, छात्रों, सामाजिक संस्थाओं और नागरिक समूहों की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि “वंदे मातरम् @150” केवल समारोह नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन का रूप ले सके।
राज्य के विद्यालयों और महाविद्यालयों में विशेष गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी —
? निबंध लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिता
? एनसीसी, एनएसएस और स्काउट-गाइड के माध्यम से देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियाँ
? राज्य पुलिस बैंड द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर वंदे मातरम् और देशभक्ति धुनों के कार्यक्रम
इन आयोजनों का उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी राष्ट्रगीत की भावना को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि अपने व्यवहार और विचारों में भी जिए।
इस महाअभियान की सबसे अनूठी पहल होगी “वंदे मातरम् ऑडियो-वीडियो बूथ”, जो राज्यभर के सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों, मॉल और संस्थानों में स्थापित किए जाएंगे।
इन बूथों पर नागरिक अपनी आवाज़ में “वंदे मातरम्” गाकर उसे सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “यह पहल हर नागरिक को अपने तरीके से राष्ट्रप्रेम अभिव्यक्त करने का अवसर देगी। यह तकनीक के माध्यम से भावनात्मक एकता का प्रतीक बनेगी।”
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा,
“वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, यह भारत की आत्मा का स्वर है।
इसकी गूंज हर नागरिक के हृदय में गर्व, ऊर्जा और एकता का संचार करती है।
इस अभियान के माध्यम से हम नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम, कर्तव्यनिष्ठा और आत्मगौरव की भावना को जगाने जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ इस ऐतिहासिक अवसर को राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समरसता और सामूहिक गौरव के महोत्सव के रूप में मनाएगा।
राज्य के सभी जिलों में तैयारी समितियाँ गठित कर दी गई हैं।
सांस्कृतिक विभाग, शिक्षा विभाग, जनसम्पर्क विभाग और स्थानीय निकाय मिलकर इसे जन-जन तक पहुँचाने में जुटे हैं।
हर वर्ग, हर आयु और हर समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किए जा रहे हैं।
“वंदे मातरम् के 150 वर्ष” केवल इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण का अवसर है।
यह आयोजन भारत की एकता, संस्कृति और स्वाभिमान का ऐसा उत्सव होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ की गूंज पूरे भारत को प्रेरित करेगी।
यह पर्व हर भारतीय के लिए स्मरण कराएगा —
“राष्ट्रप्रेम कोई भावना नहीं, यह हमारा कर्तव्य है।”
पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर 60.25% मतदान; युवाओं और महिलाओं की बड़ी भागीदारी से बढ़ी उम्मीदें, नीतीश-तेजस्वी दोनों खेमे में बढ़ा आत्मविश्वास
पटना / शौर्यपथ /
लोकतंत्र की भूमि बिहार ने गुरुवार को एक बार फिर अपनी राजनीतिक जागरूकता और जनभागीदारी से पूरे देश को संदेश दिया। विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर औसतन 60.25 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया — जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है।
यह आँकड़ा केवल वोटिंग प्रतिशत का नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति जनता के विश्वास और युवा मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी का प्रतीक है।
ऐतिहासिक मतदान, नए बिहार की झलक
शाम पाँच बजे तक प्राप्त आँकड़ों के अनुसार बिहार के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में उत्साहपूर्ण मतदान देखने को मिला। 1990 के दशक के बाद यह पहला मौका है जब मतदान का प्रतिशत 60 के पार पहुँचा।
2020 के विधानसभा चुनाव में जहाँ 57.29% मतदान हुआ था, वहीं इस बार 3 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।
सबसे अधिक वोटिंग बेगूसराय में 67.32% और समस्तीपुर में 66.65% रही, जबकि पटना जिले में 55.02% मतदान हुआ।
मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और लखीसराय जैसे जिलों में मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस पर्व को उत्सव की तरह मनाया।
सियासत की परीक्षा – 16 मंत्रियों और कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद
पहले चरण में नीतीश सरकार के 16 मंत्रियों समेत तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा जैसे दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।कुल 1,314 उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दाँव पर है।45,341 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ, जिन पर चार लाख से अधिक मतदानकर्मी और 65,000 से अधिक पोलिंग एजेंट तैनात रहे।
एनडीए का दावा – विकास पर मुहर, महागठबंधन का पलटवार – वोट चोरी का डर
पहले चरण की वोटिंग समाप्त होते ही सियासी दावे भी तेज हो गए।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि “बिहार के जागरूक मतदाताओं ने नीतीश कुमार के विकास और सुशासन पर मुहर लगा दी है, एनडीए दोबारा सत्ता में आएगा।”
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दावा किया – “पहले चरण में ही एनडीए 100 सीटें जीत रहा है। ज्यादा वोटिंग का फायदा हमें मिलेगा।”
वहीं, महागठबंधन की ओर से राहुल गांधी ने पूर्णिया की सभा में आरोप लगाया कि “बिहार में लाखों नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं। भाजपा चुनाव चोरी की कोशिश कर रही है, लेकिन युवाओं और जेन-जी को संविधान की रक्षा करनी है।”
युवा वोटरों की एंट्री – ‘Gen-Z’ बना बिहार चुनाव का गेम चेंजर
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार राज्य के कुल मतदाताओं में 25% हिस्सा 18-29 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं का है।
हर चौथा वोटर युवा है — यानी भविष्य का बिहार खुद अपने मत से गढ़ रहा है।
बेगूसराय में 25.16%, मधेपुरा में 24.66% और खगड़िया में 24.29% जेन-जी वोटर हैं।
यह नई पीढ़ी जाति या धर्म की राजनीति से परे रोजगार, पारदर्शिता, शिक्षा और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर वोट डाल रही है।
विश्वविद्यालय परिसरों से लेकर सोशल मीडिया तक, इन युवाओं की सक्रियता ने इस चुनाव को विचार और विज़न की जंग में बदल दिया है।
चुनाव आयोग की सख्त निगरानी – हर बूथ पर CCTV की नजर
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त एस.एस. संधू और विवेक जोशी ने दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष से पूरे बिहार की वोटिंग प्रक्रिया पर नज़र रखी।
राज्य के 45,000 से अधिक मतदान केंद्रों से लाइव फीड मंगवाए जा रहे थे।
इस बार पहली बार सभी बूथों पर CCTV कैमरे लगाए गए, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सके।
दूसरा चरण 11 नवंबर को, नतीजे 14 नवंबर को
पहले चरण की शांतिपूर्ण और रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग ने अब दूसरे चरण की जंग को और रोचक बना दिया है।
11 नवंबर को शेष जिलों में मतदान होगा और 14 नवंबर को मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को फिर मौका दिया या तेजस्वी यादव को सत्ता की कुर्सी सौंपी।
“लोकतंत्र की असली जीत जनता की भागीदारी से होती है”
चुनाव विश्लेषकों के मुताबिक, इस बार मतदान दर में वृद्धि का सीधा संबंध युवाओं और महिलाओं की बढ़ती जागरूकता से है।
महिलाओं ने गाँव-गाँव में लंबी कतारों में खड़े होकर मतदान किया, जबकि पहली बार वोट डालने वाले युवाओं ने इसे “अपना पहला राजनीतिक वक्तव्य” बताया।
समापन टिप्पणी:
बिहार का यह पहला चरण सिर्फ राजनीतिक दलों की परीक्षा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की परिपक्वता और जनसक्रियता का उत्सव भी है।
25 साल बाद जब मतदान का प्रतिशत 60 के पार पहुँचा, तो यह केवल आँकड़ा नहीं रहा — यह बिहार की जनता की परिपक्व सोच, लोकतंत्र के प्रति आस्था और परिवर्तन की पुकार बन गया।
दुर्ग । शौर्यपथ । मदन मोहन त्रिपाठी के पुत्र और कृष्णा पब्लिक स्कूल, नेहरू नगर, भिलाई के डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी का चेन्नई के रेला अस्पताल में आज सुबह लगभग 4:30 बजे निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस के जरिए नेहरू नगर, भिलाई दुर्ग स्थित उनके गृह निवास लाया जा रहा है। अंतिम संस्कार 7 नवंबर को शुक्रवार दोपहर शिवनाथ नदी स्थित मुक्तिधाम, दुर्ग में किया जाएगा। प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी सहित परिवारजनों एवं स्कूल स्टाफ ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति दें। यह समाचार स्थानीय शिक्षा एवं सामाजिक समुदाय के लिए बड़ा नुकसान है क्योंकि आलोक त्रिपाठी न केवल विद्यालय के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे।
दुर्ग। शौर्यपथ। नगर निगम दुर्ग के अतिक्रमण शाखा में कार्यरत धर्मेंद्र कुमार मनहरे (मंणी) के आकस्मिक निधन की खबर से पूरा निगम परिवार शोक में डूब गया है। धर्मेंद्र कुमार मनहरे अपने सौम्य स्वभाव, मिलनसार व्यक्तित्व और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे।
सहकर्मियों के बीच वे हमेशा आदर और स्नेह का भाव बनाए रखते थे। उनकी सादगी, सरलता और ईमानदार कार्यशैली ने उन्हें सभी के बीच एक विशेष पहचान दिलाई थी। उनके निधन से अतिक्रमण शाखा सहित समूचे नगर निगम परिवार में शोक की लहर व्याप्त है।
धर्मेंद्र जी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य दे।
— नगर निगम परिवार, दुर्ग
— शौर्यपथ दैनिक समाचार पत्र परिवार धर्मेंद्र कुमार मनहरे (मंणी) को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
?️ ओम शांति ?️
कोंडागांव विशेष संवाददाता दीपक वैष्णव की रिपोर्ट
कोंडागांव / शौर्यपथ /
कोंडागांव जिले की बम्हनी ग्राम पंचायत में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। आरोप है कि पंचायत सचिव द्वारा रोकड़ मिलान, बर्तन खरीदी और सिलाई मशीन खरीदी जैसे मदों के नाम पर लाखों रुपये का गबन किया गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब मामले की जांच की गई, तो जिला पंचायत स्तर के अधिकारियों ने कथित रूप से एक झूठी जांच रिपोर्ट तैयार कर सचिव को बचाने का प्रयास किया।
रोकड़ मिलान के नाम पर 11.80 लाख रुपये का आहरण
सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत बम्हनी के सचिव गजेंद्र पोयाम ने वित्तीय वर्ष के दौरान ?11,80,137 रुपये रोकड़ मिलान के नाम पर आहरित किए।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह राशि योजना के खातों से निकाल ली गई, परंतु खर्च का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
जांच रिपोर्ट में इसे मात्र "कंप्यूटर ऑपरेटर की त्रुटि" बताया गया — जिससे ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है।
खरीदी में भी गड़बड़ी के संकेत
जिला पंचायत की जांच रिपोर्ट के अनुसार, पंचायत द्वारा सिलाई मशीन और बर्तन क्रय पर ?17,09,950 का भुगतान किया गया था।
परंतु, जांच के दौरान न तो मशीनें मिलीं, न बर्तन।
किसे वितरण किया गया या सामग्री कहाँ गई — इस पर रिपोर्ट मौन है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह "कागज़ी खरीदी" का मामला प्रतीत होता है।
जांच टीम पर उठे सवाल
इस मामले की जांच गजेंद्र कुमार साहू (जिला समन्वयक, जिला पंचायत), नितिन कुमार मिश्रा (कंप्यूटर प्रोग्रामर, मनरेगा), और बी.आर. मोरे (उप संचालक, पंचायत) की टीम द्वारा की गई।
ग्रामीणों का आरोप है कि इन अधिकारियों ने सचिव को बचाने के लिए पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट तैयार की।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में तथ्यों की जांच नहीं की गई, बल्कि पहले से तय निष्कर्ष प्रस्तुत कर दिया गया।
ग्रामीणों की मांग — "स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए"
गांव के कई निवासियों ने मांग की है कि
"मामले की जांच जिला पंचायत के बजाय किसी स्वतंत्र टीम या सतर्कता विभाग से कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।"
उनका कहना है कि सरकारी योजनाओं के लिए जारी फंड का दुरुपयोग न केवल आर्थिक अपराध है बल्कि ग्रामीण विकास योजनाओं की आत्मा के साथ छल भी है।
सवाल प्रशासन से
बम्हनी जैसी छोटी पंचायतों में यदि लाखों रुपये का हेरफेर जांच के बावजूद "त्रुटि" बताकर बंद कर दिया जाए, तो यह पूरे जिला प्रशासन की जवाबदेही पर प्रश्न खड़ा करता है।
पंचायत सचिव और संबंधित अधिकारियों की संपत्ति जांच की मांग भी ग्रामीणों द्वारा की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि गबन की राशि का उपयोग कहां हुआ।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक विश्व कप विजय पर राज्य सरकार द्वारा आकांक्षा सत्यवंशी को
10 लाख की सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक विश्व कप विजय पर देशवासियों को बधाई और शुभ कामनाएँ देते हुए कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह अभूतपूर्व उपलब्धि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जिसने विश्व पटल पर देश का मान बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस गौरवपूर्ण सफलता में छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी ने फिजियोथैरेपिस्ट एवं स्पोट्र्स साइंस विशेषज्ञ के रूप में खिलाडिय़ों की फिटनेस और रिकवरी में अतुलनीय योगदान देकर न केवल भारतीय टीम को सशक्त बनाया है, बल्कि देश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर उज्ज्वल किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आकांक्षा सत्यवंशी ने अपने समर्पण, सेवा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह सिद्ध किया है कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में देश का गौरव बन सकती हैं। उनके उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करते हुए राज्य सरकार द्वारा ?10 लाख की सम्मान राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आकांक्षा सत्यवंशी की यह सफलता छत्तीसगढ़ की सभी बेटियों और खिलाडिय़ों के लिए प्रेरणा है। यह उनकी मेहनत, निष्ठा और संकल्प का परिणाम है, जिसने पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खेल के क्षेत्र में नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, ताकि छत्तीसगढ़ से और भी ऐसी प्रतिभाएँ निकलें जो देश का नाम विश्व में रोशन करें।
नई दिल्ली / एजेंसी /
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जिसमें 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर करीब 3 करोड़ 75 लाख मतदाता अपनी भागीदारी से लोकतंत्र की मजबूत पड़ताल करेंगे। यह चुनाव बिहार की राजनीति में निर्णायक मोड़ साबित होने जा रहा है, जहां हर वर्ग की उम्मीदें जुड़ी हैं और राजनीतिक दलों के माथे चिन्हित मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर जटिलता बनी हुई है।
एनडीए गठबंधन ने इस चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने से परहेज किया है, और मुख्यमंत्री पद को चुनाव के बाद गठबंधन के बीच विचार-विमर्श के बाद तय करने का सस्पेंस बरकरार रखा है। इसके पीछे भाजपा और जदयू सहित सहयोगी दलों के मतभेद और गठबंधन की रणनीतिक विवेकशीलता संकेतित होती है। इसके बावजूद नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और नीतीश कुमार जैसे वरिष्ठ नेता प्रचार में सक्रिय हैं, यह संदेश फैलाने के लिए कि विकास और स्थिरता एनडीए का मूल मंत्र है। भाजपा और जदयू की सीटों का बंटवारा पहले ही तय हो चुका है, और 121 सीटों के लिए एनडीए अपना पूर्ण जोर लगा रही है।
वहीं, इंडिया गठबंधन ने मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव को स्पष्ट रूप से घोषित किया है। राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव ने अपने दमदार प्रचार अभियान से बिहार के युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं के बीच गहरी पकड़ बनाई है। कांग्रेस, सीपीआई तथा अन्य सहयोगी दलों के समर्थन से महागठबंधन ने अपना चेहरा साफ करते हुए चुनावी मैदान पर पैर जमा लिए हैं। तेजस्वी यादव की छवि युवा, सशक्त और बदलाव के लिए तैयार नेतृत्व की है, जो महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं।
तीसरे मोर्चे के रूप में उभर रही जनसुराज पार्टी ने भी इस चुनाव में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की है। खास तौर पर युवाओं और नए मतदाताओं के बीच यह पार्टी तेजी से लोकप्रिय हो रही है, जो परंपरागत राजनीति में बदलाव की उम्मीद रखती है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि जनसुराज पार्टी का उदय दोनों बड़े गठबंधनों को उनकी पुराने वोट बैंक में सेंध लगाने की चुनौती दे रहा है।
यह चुनाव एक ऐसे दौर में हो रहा है जहां मतदाता अधिक जागरूक और समझदार बन चुके हैं, और मतदाताओं की भागीदारी इस बात की मिसाल होगी कि किस प्रकार लोकतंत्र की आस्था समूचे समाज को जोड़े रखती है।
संक्षिप्त तथ्य:
प्रथम चरण के 3.75 करोड़ मतदाता न केवल बिहार के भविष्य का फैसला करेंगे, बल्कि देश के लोकतंत्र की ताकत और उसकी बहुलतावादी संस्कृति को भी एक जीता-जागता संदेश देंगे। चुनाव आयोग ने भी स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है।
चुनाव आयोग ने कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण मतदान लोकतंत्र की जीवंतता और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का सशक्त उदाहरण होगा, जहां मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले हर मतदाता की भूमिका निर्णायक होगी। मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सस्पेंस तथा दो गठबंधनों का पूर्ण तैयारी में होना इस चुनाव को और भी नाटकीय और महत्वाकांक्षी बनाता है, जिससे बिहार एवं पूरी देश की निगाहें इस महायुद्ध पर टिकी हैं।
यह चुनाव बिहार के जन-जीवन, सामाजिक गतिशीलता और आर्थिक विकास के लिए न केवल एक चुनाव है, बल्कि एक नई उम्मीद और नए भारत का संदेश भी है।
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए को 125 सीटें मिली थीं, जिसमें भाजपा ने 74 और जदयू ने 43 सीटें जीतीं। महागठबंधन को 110 सीटों का साथ मिला था, जिसमें राजद के हिस्सेदारी 75 सीटों की थी। इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दे विकास, रोजगार, महंगाई, जातीय समीकरण और धर्म के साथ-साथ सामाजिक एवं आर्थिक स्थिरता हैं। मतदाता इन विषयों पर गहराई से विचार कर अपने मत का प्रयोग करेंगे।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
