
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
सहकारी समितियों में एक लाख बॉटल नैनो डीएपी का किया जा रहा भंडारण
डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पहल
रायपुर/शौर्यपथ /राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भण्डरण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नेनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।
छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान शिक्षाविद्, दूरदर्शी नेता एवं राष्ट्रीय विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती (6 जुलाई) पर उन्हें नमन करते हुए उनके अतुलनीय योगदान का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन राष्ट्रभक्ति, निस्वार्थ सेवा और अखंड भारत के प्रति अटूट संकल्प का प्रतीक है। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व हमें सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए अभूतपूर्व संघर्ष किया। उन्होंने सामाजिक न्याय को सशक्त करने तथा जन-जन में राष्ट्रीय चेतना का संचार करने में अग्रणी भूमिका निभाई। उनके अद्वितीय प्रयासों और बलिदान के लिए प्रत्येक भारतीय सदैव उनका ऋणी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने भारत की प्रगति और समृद्धि का स्वप्न देखा था। उन्होंने सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए कठिन परिश्रम किया। उनका स्पष्ट दृष्टिकोण था कि भारत की एकता किसी भी परिस्थिति में खंडित नहीं होनी चाहिए। आज भी उनका यह संदेश हमें राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति, शिक्षा और समाज के उत्थान में डॉ. मुखर्जी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रवाद और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को न केवल सिद्धांत में, बल्कि व्यवहार में भी स्थापित किया। उनके विचार आज भी समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं और हमें विकास की दिशा में मार्गदर्शन देते हैं।
मुख्यमंत्री साय कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों का अनुसरण करना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।उनके सपनों को साकार करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से योगदान देना होगा। उनके विचारों से प्रेरणा लेकर हम एक समृद्ध, स्वाभिमानी और सशक्त भारत के निर्माण के लिए संकल्पित हैं।
जीएसटी राजस्व संग्रहण विषय पर मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक आयोजित
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने दिए सकारात्मक परिणाम - वित्त मंत्री चौधरी
रायपुर /शौर्यपथ / देशभर में जीएसटी राजस्व संग्रहण को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की महत्वपूर्ण बैठक आज राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के अनुभव साझा किए और बोगस व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई, पंजीयन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के प्रयोग तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इस समूह का संयोजन गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत कर रहे हैं।
बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने बतौर सदस्य भागीदारी की और राज्य के अनुभव एवं नीतिगत सुझाव साझा किए। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों का आकलन कर व्यापक समाधान तलाशना था।
बैठक के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में जीएसटी के राजस्व पर पड़ने वाले आर्थिक व अन्य कारकों का विस्तार से विश्लेषण किया। इस अवसर पर श्री चौधरी ने छत्तीसगढ़ में एंटी इवेजन और अनुपालन के क्षेत्र में की गई पहलों की जानकारी दी।
ओ.पी. चौधरी ने बताया कि कर अपवंचन रोकने और वास्तविक करदाताओं को सहूलियत देने के लिए छत्तीसगढ़ में डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स का सघन उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव हुई है।
बैठक में बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के प्रजेंटेशन भी हुए। श्री चौधरी ने सुझाव दिया कि इन नवाचारों को पूरे देश में समान रूप से लागू करने से बोगस व्यवसायियों की पहचान और कार्यवाही में तेजी लाई जा सकेगी।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने विशेष रूप से फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम, तथा पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि करदाताओं में विश्वास भी बढ़ेगा।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैठक में यह भी रेखांकित किया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का अनुभव अन्य राज्यों के लिए उपयोगी मॉडल बन सकता है।
बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर साझा प्रयास करने चाहिए ताकि जीएसटी राजस्व संग्रहण में स्थायित्व एवं वृद्धि सुनिश्चित हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मंत्रियों के समूह द्वारा सुझाए गए उपायों को जीएसटी परिषद शीघ्र लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह बैठक जीएसटी परिषद के समक्ष व्यापक सुधारात्मक प्रस्ताव रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, जिससे भारत में कर प्रशासन और राजस्व संग्रहण को नई दिशा मिलेगी।
नारायणपुर/शौर्यपथ /विक्रम बैस उर्फ चिंटू हत्याकांड एवं साजिश के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी विप्लव हलधर को नारायणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। आरोपी की गिरफ्तारी 4 जुलाई को हुई जब पुलिस ने सटीक सूचना, सतर्कता एवं तकनीकी सहायता के माध्यम से घेराबंदी कर उसे पकड़ने में सफलता हासिल की।
हत्या की साजिश डेढ़ महीने पहले रची गई थी
गौरतलब है कि दिनांक 13 मई 2024 को नारायणपुर निवासी विक्रम बैस की निर्मम हत्या की गई थी। इस अंधे हत्याकांड का 24 घंटे के भीतर खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या में संलिप्त छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी मनीष राठौर, जसप्रीत सिंह सिद्धू, विश्वजीत नाग, विप्लव हलधर एवं विवेक अधिकारी ने करीब डेढ़ महीने पहले ही इस हत्या की साजिश रच ली थी।
साजिशकर्ता और सलाहकार की भूमिका में था विप्लव हलधर
पुलिस के अनुसार, विप्लव हलधर हत्या और साजिश के मास्टरमाइंड मनीष राठौर का करीबी सहयोगी एवं मुख्य सलाहकार था। यह गिरोह नक्सलियों के नाम का भय दिखाकर लोगों को धमकाने, पत्र और बैनर के जरिए आतंक फैलाने में भी शामिल रहा है। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बिहार से ₹3 लाख में खरीदी गई थी, और लोकसभा चुनाव के समय अंतागढ़ मार्ग में नक्सली पर्चे और बैनर लगाए गए थे।
पहले से भी आपराधिक मामलों में नामजद था आरोपी
विप्लव हलधर पहले से ही थाना नारायणपुर के अपराध क्रमांक 21/2020 में विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी था, जिसमें धारा 384, 387, 506 IPC एवं IT एक्ट की धाराएं 66(E), 67(A) शामिल हैं। वह इस मामले में जमानत लेकर फरार था और मनीष राठौर के ठिकाने में छिपकर रह रहा था।
हत्या की रात का घटनाक्रम
घटना की रात करीब 10:15 बजे विक्रम बैस स्वामी आत्मानंद हिंदी मिडियम स्कूल बखरूपारा तिराहा के पास अपने घर जा रहा था, तभी संजय माणिकपुरी किराना दुकान के पास उसे रास्ते में रोककर सिर पर गड़ासे से वार किया गया और फिर दो गोलियां—एक छाती में और एक पेट में—मारकर हत्या कर दी गई थी।
अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं ये आरोपी
हत्या के मामले में पहले ही विश्वजीत नाग, संदीप यादव उर्फ संजू, राजीव रंजन यति उर्फ राजू/बिहारी, आर. सैमुअल उर्फ रायनुन्तलम, जसप्रीत सिंह उर्फ पोतू, और विवेक अधिकारी उर्फ सिदाम को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
दुर्ग, 04 जुलाई 2025। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम जे.आर.डी. बहुउद्देशीय विद्यालय में जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन गरिमामयी वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल थे, वहीं विशेष अतिथि के रूप में विधायक दुर्ग ग्रामीण ललित चंद्राकर, विधायक दुर्ग शहर गजेन्द्र यादव एवं कलेक्टर अभिजीत सिंह उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात आंगनबाड़ी एवं नवप्रवेशी बच्चों (कक्षा 1वीं, 6वीं एवं 9वीं) का तिलक, माला व मिठाई से स्वागत कर उन्हें गणवेश व पाठ्यपुस्तकें वितरित की गईं। विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अतिथियों का अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि सांसद बघेल ने अपने उद्बोधन में विद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों में कार्यरत शासकीय विद्यालय आज प्राइवेट स्कूलों के समकक्ष खड़े हैं। उन्होंने कहा कि पीएमश्री योजना, मुख्यमंत्री सरस्वती सायकल योजना एवं नवभारत साक्षरता अभियान जैसी योजनाएं नई पीढ़ी को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को "उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान" की शपथ भी दिलाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सरस्वती सायकल योजना अंतर्गत 11 नवमीं कक्षा की छात्राओं को साइकिलें प्रदान की गईं। दसवीं एवं बारहवीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को मेडल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 6 दिव्यांग विद्यार्थियों को व्हीलचेयर प्रदान की गईं, वहीं दिव्यांग छात्रा मानसी को राइटर की सहायता से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर विशेष सम्मान दिया गया।
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने शिक्षा को जीवन का अमूल्य धन बताते हुए कहा कि यह ऐसा संसाधन है जो बाँटने से और बढ़ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है और राष्ट्र निर्माण में सहभागी होता है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ बजरंग दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, पालक व बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू
विपक्ष ने मणिपुर, बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा।
सरकार ने "विकसित भारत" के लक्ष्य की ओर तेज़ गति से बढ़ने की प्रतिबद्धता दोहराई।
चंद्रयान-3 मिशन को एक वर्ष पूरा
इसरो ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की सफल लैंडिंग की वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया।
नई शिक्षा नीति पर राज्यों की आपत्ति
कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार से भाषा और पाठ्यक्रम को लेकर पुनर्विचार की मांग की।
एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता पर भारत की भूमिका को रेखांकित किया।
भारत-अमेरिका रक्षा समझौते को अंतिम रूप
संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर सहमति; रक्षा उपकरण निर्माण में सहयोग बढ़ेगा।
छत्तीसगढ़: बस्तर में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का दौरा
पांच जिलों में जनसुनवाई, सड़क और स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा।
उत्तर प्रदेश: मानसून की सक्रियता से बाढ़ के हालात
कई जिलों में NDRF की तैनाती, स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित।
महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण आंदोलन फिर तेज
कोल्हापुर और औरंगाबाद में रैलियाँ; सरकार से स्थायी समाधान की मांग।
रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और तेल कीमतों में तेजी से असर।
GST कलेक्शन जून में ₹1.80 लाख करोड़ के पार
अब तक की दूसरी सबसे ऊंची वसूली; सरकार ने बताया यह 'राजकोषीय मजबूती' का संकेत।
UGC-NET परीक्षा 2025 की नई तिथि घोषित
पेपर लीक के बाद परीक्षा अब अगस्त में आयोजित होगी।
भारतीय वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर नई रिपोर्ट जारी की
2050 तक भारत के कई तटीय शहरों पर खतरे की चेतावनी।
T20 विश्वकप 2026 की मेज़बानी भारत को
ICC की घोषणा: 2026 में पुरुषों का T20 वर्ल्ड कप भारत और श्रीलंका में होगा।
'कल्कि 2898 AD' बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई
फिल्म ने 800 करोड़ का आंकड़ा पार किया; आलोचकों और दर्शकों से प्रशंसा।
शौर्यपथ सम्पादकीय / जब देश नींद में होता है, तब कुछ आंखें खुली रहती हैं — न सायरन बजता है, न तिरंगा लहरता है, न तालियाँ बजती हैं — लेकिन वो लोग हैं, जो हर ख़तरे की आहट पर बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर अंधेरे में कूद जाते हैं। वे हैं — NSG कमांडो, जिन्हें हम ब्लैक कैट्स के नाम से जानते हैं।
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कोई सामान्य बल नहीं, बल्कि विशेष परिस्थितियों में कार्यरत एक अत्यंत कुशल, गोपनीय और तकनीकी रूप से उन्नत बल है। इनकी पहचान उनकी वर्दी से नहीं, बल्कि अदृश्य साहस, मौन वीरता और दृढ़ संकल्प से होती है।
?️ 26/11: जब वीरता अमर हो गई
26 नवंबर 2008, मुंबई – वो काला दिन जब आतंकियों ने देश की व्यस्ततम महानगर को लहूलुहान कर दिया। सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान खतरे में थी। तब NSG कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई में उतरे।
उनके अंतिम शब्द, "Don't come up, I will handle them", आज भी हर सच्चे भारतीय के हृदय को झकझोर देते हैं। उन्होंने ताज होटल में अकेले मोर्चा संभालते हुए, अपने घायल साथी को बचाया और आतंकियों को निष्क्रिय किया, लेकिन स्वयं वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी शहादत, सिर्फ एक व्यक्ति का बलिदान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना का जागरण है।
?️ NSG: जो हर खामोश जंग लड़ते हैं
NSG का गठन 1984 में हुआ था, लेकिन उनकी अधिकांश कार्यवाहियां आज भी गुप्त रहती हैं। ये वही बल है जो आतंकवाद, अपहरण, वीआईपी सुरक्षा, और शहरी युद्ध जैसे कार्यों में अंतिम विकल्प के रूप में सामने आता है।
जब देश ऑपरेशन ब्लू स्टार की पीड़ा को भूला नहीं था, तब ऑपरेशन ब्लैक थंडर (1988) में NSG ने बिना किसी बड़ी क्षति के उग्रवादियों को निष्क्रिय किया — यह उनकी रणनीतिक कुशलता और मानवीय सोच का परिचायक था।
?️ वीरता का सम्मान शब्दों से परे है
क्या हम कभी हवलदार सुरेंद्र सिंह या कर्नल संदीप सेन का नाम याद करते हैं? शायद नहीं, क्योंकि ये कमांडो गोपनीयता की शपथ के साथ जीते हैं, और मरते भी हैं। ना कैमरों के सामने आते हैं, ना सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं — लेकिन हर बार जब देश पर संकट आता है, सबसे पहले यही लोग आगे बढ़ते हैं।
?? हमारी जिम्मेदारी
आज जब सोशल मीडिया पर झूठी तस्वीरों और नकली कहानियों से वीरता की छवि बनाई जा रही है, हमें वास्तविक नायकों की पहचान करनी होगी। NSG कमांडो की कहानियाँ न केवल प्रेरक हैं, बल्कि हमें याद दिलाती हैं कि स्वतंत्रता और सुरक्षा, दोनों मुफ्त नहीं होतीं।
✍️ अंत में...
इन कमांडोज़ की कोई "फैन फॉलोइंग" नहीं होती, ना ही ये गले में मेडल टांगे घूमते हैं। ये परछाइयों में लड़ने वाले योद्धा हैं, जिनके कारण हम उजालों में चैन की सांस ले पाते हैं।
उनके लिए, एक सलामी काफी नहीं — सचेत नागरिकता, फर्जी खबरों से परहेज, और राष्ट्रहित में जागरूकता ही उनकी असली श्रद्धांजलि है।
मोहला /शौर्यपथ /धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत गत दिवस कौड़ीकसा स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पांच नवीन कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी श्री एस. एल. ठाकुर एवं समिति प्रबंधक की उपस्थिति रही। लाभान्वित कृषकों में श्री लवण निवासी अरजकुंड, श्री सूरज पिता रामलाल निवासी भगवानटोला, श्री शिवचंद पिता परस निवासी भगवानटोला, श्री राजेंद्र पिता मोहन निवासी लेडीजोब, एवं खिलेंद्र पिता भुनेश्वर निवासी अरजकुंड, शामिल हैं। किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त होने से अब इन कृषकों को खेती के लिए आवश्यक राशि समय पर उपलब्ध हो सकेगी, जिससे वे बीज, खाद, दवा एवं सिंचाई जैसी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित कर सकेंगे। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से आदिवासी अंचलों में किसानों को वित्तीय रूप से सक्षम बनाते हुए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया जा रहा है। इस अवसर पर ग्राम भगवानटोला के किसान सूरज पिता रामलाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, पहले खेती के लिए पैसों की बहुत दिक्कत होती थी। ब्याज पर उधार लेना पड़ता था। लेकिन अब किसान क्रेडिट कार्ड मिल गया है। इससे बीज और खाद समय पर ले पाएँगे। धरती आबा अभियान के कारण ही ये सब संभव हो पाया। हम सरकार और समिति का बहुत धन्यवाद करते हैं। यह अभियान न केवल आर्थिक विकास का माध्यम बन रहा है, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में भरोसे और सशक्तिकरण की नई कहानी भी लिख रहा है।
07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में आयोजित होगा शिविर
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों मंे सेवाओं और अन्य बुनियादी ढाँचों को परिपूर्णता प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से जिले में धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभन्वित किया गया। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा शिविर में उपस्थित 03 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 02 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित करने के अलावा ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आज आयोजित शिविर में सगरी बाई एवं सुनीता बाई को राशन कार्ड, सविता बाई एवं ललिता बाई को जाॅब कार्ड एवं नदंूराम कुल्हारे एवं रोमिन बाई को कोदो बीज का वितरण किया गया। इसके अलावा यशोदा बाई एवं रजऊ राम को मुख्यमंत्री पेंशन योजना से लाभान्वित किया गया। इसके साथ ही आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 50 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 05 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 03 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि, 04 हितग्राहियों को पेंशन योजना से लाभान्वित करने के अलावा 14 ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई।
आज दोनों ग्रामों में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में शामिल होने बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं हितग्राही पहुँचे थे। शिविर में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को अपने-अपने विभाग के योजनाओं के संबंध में जानकारी लेते हुए इन योजनाओं के लाभ लेने के प्रक्रियाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। आज ग्राम कपरमेटा एवं कामता में आयोजित शिविर में शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होेने पर हितग्राही बहुत ही प्रसन्नचित एवं उत्साही नजर आ रहे थे। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा गुरूर एवं डौण्डी विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजन हेतु जारी की गई तिथि के अनुसार सोमवार 07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में शिविर का आयोजन किया गया है।
प्रभारी महापौर व्यवस्थापन के लिए गंजपारा का निरीक्षण करने पहुँचे:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण में भाग लेने गुरुग्राम,हरियाणा प्रवास पर और महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दिशा निर्देश पर प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने एमआईसी सदस्य काशीराम कोसरे,शिव नायक,नीलेश अग्रवाल,बाजार अधिकारी शुभम गोइर के साथ गंजपारा क्षेत्र का जायजा लिया।महापौर श्रीमती बाघमार के निर्देश पर प्रभारी महापौर श्री बंजारे के औचक निरीक्षण के दौरान गंजपारा में मनमानी अव्यवस्था का आलम,क्षेत्र में सड़क किनारे अवैध कब्जों से सामना हुआ।इस दौरान नाराजगी जताते हुए प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने तत्काल अव्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।उन्होंने दुकानों के बहार सामान ओर कई जगह गुमटी-ठेले मिले, यह देखकर उन्होंने सीमा के अंदर कारोबार करने की हिदायत दी।ताकि आम लोगों को परेशानी न हो।उन्होंने कहा सड़क किनारे रोड को कब्जमुक्ति कराए,ताकि लोगो को आवाजाही में सुविधा हो।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार के निर्देश पर प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे ने शहर को व्यवस्थित करने और बाजार को और बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की तैयारी की जा रही है।बात दे कि भारतीय स्टेट बैंक के पीछे गंजपारा क्ष्रेत्र का दौरा कर अतिक्रमण को हटाने के बाद,व्यपारियो को व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की योजना बनाई जा रही है।
बीते दिनों निगम प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को हटाने के बाद, अब शहर के निगम प्रशासन ने सड़कों को चौड़ा करने और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यवस्थापन किया है।
प्रभारी महापौर ने बताया की महापौर श्रीमती अलका बाघमार के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण में भाग लेने गुरुग्राम,हरियाणा प्रवास से आने के बाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बाजार को व्यवस्थित करने के लिए गुमटियाँ बनाने की योजना बनाई जाएगी और जल्द से जल्द व्यवस्थापन किया जाएगा।उन्होंने गंजपारा के लिए लगभग 40 से 50 गुमटियां बनवाने की तैयारी के लिए अधिकारी को निर्देश कर दिया है।
उन्होंने कहा गुमटियाँ व्यापारियों को एक उचित स्थान प्रदान करेंगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को व्यवस्थित ढंग से कर सकेंगे।उन्होंने कहा गुमटियाँ शहर के सौंदर्य को भी बढ़ाएंगी।
- कलेक्टर ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का किया शुभारंभ
- अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतर अवसर : कलेक्टर
- सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी करते है अग्रसर : सीईओ जिला पंचायत
- मन में ठान लीजिए तो कोई कार्य मुश्किल नहीं, जुनून के साथ करें पढ़ाई : श्री आकाश गर्ग
- स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ करें अध्ययन : श्री आकाश गर्ग
- हमारी सफलता के पीछे होती है असफलताएं एवं संघर्ष : सुश्री पूर्वा अग्रवाल
- कभी भी प्रयास करना न छोड़े, अनुशासन का अनुकरण करें : श्री अंकित धवानी
मोबाईल में स्क्रीन टाईम करें कम : श्री अंकित धवानी
- अध्ययन के दौरान शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर रखें ध्यान : श्री आदित्य विक्रम
- अध्ययन के लिए तैयारी ऐसे कीजिए कि जैसे समंदर में तैरना है तो कूद जाइए : श्री आदित्य विक्रम
- लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से करें तैयारी : श्री अभिषेक अग्रवाल
- यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली नहीं जा पाए, तो जहां आप है वहां दिल्ली जैसे इको सिस्टम बना लीजिए : श्री अभिषेक अग्रवाल
राजनांदगांव/शौर्यपथ / युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा, क्षमता एवं संभावनाओं को आकार देने के लिए तथा उनके कैरियर को सही दिशा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं युवा शामिल हुए। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। हम सभी ने उनके विचारों एवं जीवन से प्रेरणा ली है और अनुसरण किया है तथा उनके उद्धरण एवं लेखनी को अपने जीवन में आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित पांच शख्सियत यहां मौजूद हैं, जिनके अनुभवों का लाभ विद्यार्थियों एवं युवाओं को मिलेगा। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं किसी कार्यक्रम में अखिल भारतीय सेवा के चयनित अभ्यर्थी के प्रेरक उद्बोधन को सुनकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए प्रोत्साहित हुए थे और यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। इसलिए हमेशा ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हुए। जिससे युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतरीन अवसर मिलता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि टॉपर्स के विचारों को सुने, समझे और सफलता के लिए सीख कर जाएं। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी सत्र में यूपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे। विद्यार्थी पढ़ाई के लिए मोबाईल का उपयोग कम करेंगे। इसके लिए विभिन्न विषयों पर अभिमत, विश्लेषण पढऩे की आवश्यकता है। भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा कठिन परीक्षा है। गंभीरता से तैयारी करने पर सफलता मिलती है।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि आज यहां जो युवा आए है, वे एक मकाम हासिल करें और सफलता हासिल करें। इस उद्देश्य एवं आशा के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है कि विद्यार्थी एवं युवा यहां से कुछ सीखकर जाएं। यहां आए अभ्यर्थियों ने जीवन में संघर्ष किया है और उनकी जीवन यात्रा में बाधाएं रही। इसके बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि तनाव एक अच्छा शिक्षक है और सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी अग्रसर करते है।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 5वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आकाश गर्ग ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बी-टेक में स्नातक किया है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान एक जिला प्रशासक की भूमिका एवं जिम्मेदारी को देखते हुए इस पद पर कार्य करने के लिए रूझान बढ़ा। उन्होंने कहा कि मन में ठान लीजिए तो कोई काम मुश्किल नहीं। आप जुनून के साथ पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2023 में यूपीएससी की परीक्षा में असफल हुए थे। उन गलतियों को ठीक करते हुए वे बेहतर परिणाम की ओर अग्रसर हुए। उन्होंने कहा कि गलतियों को दोहराना नहीं, बल्कि उसमें सुधार करना और सीखना है। स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ अध्ययन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 65वां रैंक प्राप्त करने वाली एवं छत्तीसगढ़ टॉपर सुश्री पूर्वा अग्रवाल ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बनाएं रखें, लेकिन परीक्षा को कम न आंके। इसमें केवल तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि विश्लेषण भी किया जाता है। समय पर तैयारी करने के साथ ही निरंतरता बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि हमारी सफलताएं दिखाई देती है, लेकिन कोई भी सफलता हमें एक दिन में प्राप्त नहीं होती। इसके पीछे हमारी असफलताएं भी होती है, जिन्हें लोग नहीं जानते। जीवन के उतार चढ़ाव से हार मत मानिए। उन्होंने बताया कि परिवार से उन्हें बहुत मदद मिली।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 9वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आदित्य विक्रम ने बताया कि उनका संघर्ष जरा लंबा रहा, लेकिन परिवार का भरपूर सहयोग मिला। देश की सेवा के लिए आना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें पांचवें प्रयास मेंं सफलता मिली। परीक्षा की तैयारी के दौरान हताश एवं निराश भी रहा। इसलिए अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाएं रखने के लिए मेडिटेशन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान 7 घंटे सोना चाहिए और लगभग 8-10 घंटे पढऩा चाहिए। रूटीन में पढ़ाई में निरंतरता रहे तथा लाइब्रेरी में भी जाकर पढ़ा जा सकता है। मोबाईल का उपयोग कम करें और सोशल मीडिया से दूर रहें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से अधिक से अधिक युवाओं का चयन होना चाहिए। तैयारी ऐसे किजिए जैसे तैरना है, तो समंदर में कूद जाईए। मन में कोई झिझक नहीं रखें और सभी विषयों का लगातार रिविजन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 273वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अंकित धवानी ने बताया कि वे राजिम के निवासी है। उन्होंने कहा कि कभी भी प्रयास करना न छोड़े। अच्छे दोस्त बनाएं और उनसे समस्या के संबंध में चर्चा करें। मोबाईल का उपयोग एसेट की तरह करें और मोबाईल में स्क्रीन टाईम कम करें। उन्होंने कहा कि अनुशासन का अनुकरण करें तथा मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पढ़ाई छत्तीसगढ़ में रहकर ही की।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 243वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी के लिए नई दिल्ली नहीं जा पाया। अध्ययन के लिए दिल्ली के ट्रैंड के साथ जागरूकता बनाए रखते हुए तथा सेवा में रहते हुए तैयारी की। उन्होंने कहा कि मैंने लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से तैयारी की। आधुनिक भारत एवं भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए लगन से पढ़ाई की। जहां अथाह विषय हैं, वहां टेक्स्ट सिरीज की मदद से पढ़ाई की उन्होंने युवाओं से कहा कि आप यूपीएससी की तैयारी यहां रह कर भी कर सकते हैं, इसके लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली जैसा इको सिस्टम बना लिजिए। जीवन में पढ़ाई के लिए थोड़ा सा तनाव भी जरूरी है। आप यह नहीं जानते की आपके लिए भविष्य में संभावनाओं के रास्ते खुले हुए हैं।
कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी सत्र में विद्यार्थियों एवं युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा उपस्थित थे।