December 07, 2025
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रायपुर

रायपुर (6278)

// माडमसिल्ली में वाटर स्पोर्टस और माना-तूता में बढ़ाएं पर्यटक सुविधाएं
// होटल प्रबंधन संस्थान में इसी सत्र से शुरू होगा पाठ्यक्रम
// पर्यटन मण्डल के संचालक मण्डल की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के प्रमुख बांधों और वाटर बॉडी में वाटर स्पोर्ट, कैफेटेरिया सहित विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएगी। स्थानीय युवाओं को पर्यटन से जोडऩे के लिए भी इस सत्र से नवा रायपुर स्थित होटल मेनेजमेंट संस्थान में पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के संचालक मंडल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बैठक में कहा कि कोरोना संकट काल में राज्य के पर्यटन स्थलों में स्थानीय पर्यटकों को आकर्षित करने की रणनित बनायी जाए। पर्यटन स्थलों में बेहतर सुविधाएं विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि पहले चरण में धमतरी जिले के माडम सिल्ली बांध में वाटर टूरिज्म के लिए शीघ्र कार्ययोजना तैयार की जाए।
बैठक में मंत्री साहू ने रायपुर स्थित जोहार छत्तीसगढ़ होटल में साज सज्जा कर इसे नया रूपरूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस होटल के परिसर में कामर्शियल दृष्टिकोण से पर्यटन भवन का निर्माण किया जाए ताकि इसका बहुउद्देशीय उपयोग हो सके। उन्होंने अधिकारियों को इस सबंध में जल्द प्रस्तार तैयार करने भी कहा। मंत्री साहू ने राजधानी के निकट स्थित माना-तूता में पर्यटक सुविधाओं के विकास के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के संचालक मंडल की बैठक में पर्यटन विकास से संबंधित कार्यों को त्वरित गति से संपन्न करने के लिए प्रदेश के सभी पर्यटन क्षेत्रों को दो या तीन जोन में विभाजित करने के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान पर्यटन से संबंधित विभिन्न होटल, मोटल, रिसॉर्ट के संचालन, पर्यटन की पोस्ट कोविड तैयारियों, पर्यटन के प्रचार प्रसार, वॉटर टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, राम वन पाथ गमन के विकास कार्य सहित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई। बैठक में पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., प्रबंध संचालक इफ्फत आरा, महाप्रबंधक सुनील अवस्थी सहित वाणिज्य, वित्त, परिवहन, वन, संस्कृति, रेलवे, एयरपोर्ट अथॉरिटी, इंडियन एयरलाइंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के यात्री बस संचालकों को कोरोना संकट से उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में बड़ी राहत दी है। उन्होंने यात्री बस संचालकों को जून माह के मासिक कर में भी छूट प्रदान कर दी है। इसके पहले राज्य सरकार द्वारा अप्रैल और मई माह के मासिक कर में छूट प्रदान की गई थी। इस तरह छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस ऑपरेटरों को अप्रैल, मई और जून तीन माह के मासिक कर के भुगतान की छूट मिली है। राज्य शासन के इस निर्णय से प्रदेश के यात्री बस संचालकों को लगभग पांच करोड़ रूपए का लाभ प्राप्त होगा।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के दौरान लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थिति में प्रदेश के बस ऑपरेटरों की विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। जिनसे राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए थे। लॉकडाउन की अवधि में यात्री बसों का उनके निर्धारित मार्ग में संचालन बंद रहा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा बीते 4 जून को प्रदेश के अंतर्राज्यीय व अखिल भारतीय पर्यटक परमिट तथा समस्त मंजिली यात्री वाहनों को माह अप्रैल और मई की अवधि के लिए मासिक कर के भुगतान से पूरी छूट दी गई थी। प्रदेश के विभिन्न मार्गों में नियमित रूप से चलने वाली यात्री बसों का संचालन जून माह की अवधि में भी पूर्णत: बंद रहा है। जिससे प्रभावित बस संचालकों द्वारा टैक्स में छूट की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जून माह में भी देय मासिक कर में छूट प्रदान कर दी है। जिससे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे बस संचालक लाभान्वित होंगे।
राज्य शासन के इस निर्णय से प्रदेश के यात्री बस संचालकों को देय राशि लगभग पांच करोड़ रूपए का लाभ होगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वाहन निष्प्रयोग में रखने के पूर्व अग्रिम देय मासिक कर जमा करने के प्रावधानों से भी दो माह की अवधि के लिए छूट दिए जाने संबंधी कार्यवाही के निर्देश परिवहन विभाग को दिए हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / हर साल नेशनल डॉक्टर डे एक थीम पर मनाया जाता है। डॉक्टर को भगवान का दर्जा देने वाले देश में डाक्टर्स के योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है।
केंद्र सरकार ने 1991 में इस दिन को 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। इसी दिन यानी 1 जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि है। उनके सम्मान में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। उनके सम्मान में इसी दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी का सम्मान कर श्रद्धांजलि दी जाती है।
कोरोना महामारी में योद्वाओं की तरह फ्रंट लाइन में आकर इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में एम्स रायपुर की भूमिका अग्रणी माना जा रहा है। नेशनल डॉक्टर डे पर एम्स रायपुर के चिकित्सा अधीक्षक एवं प्रोफेसर न्यूक्लीयर मेडिसिन , रेडियोलॉजीस्ट डॉ. करण पीपरे से चिकीत्सकीय प्रोफेशन को लेकर बीतचीत की । डॉ. पीपरे का मानना है किसी भी डॉक्टर के लिए सम्मान का पल तब होता है जब मरीज के ठीक होने पर मरीज व उनके परिजन प्यार के साथ आदर का भाव रखते हुए मिलते हैं। चिकित्सकों को सभी से मित्रता पूर्ण व्यवहार करना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा मरीजों की सेवा करना डॉक्टर का मानव व चिकित्सकीय धर्म का पालन होता है।
कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को लेकर रायपुर एम्स के चिकित्सकीय टीम और अस्पताल प्रबंधन द्वारा केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर जनवरी व फरवरी महीने में ही तैयारी शुरु कर कोरोना वार्ड बनाया लिया था। फरवरी महीने में एम्स के नेफ्रोलॉजी वार्ड में 12 बेड सहित दो वेंटिलेटर एवमं मॉनिटर्ज की सुविधाओं के साथ आइशोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया था। उन्होंने बताया राजधानी से एम्स अस्पताल में प्रदेश का पहला केस कोरोना पॉजेटिव 17 मार्च को लंदन रिटर्न लड़की का मिली थी जिसके इलाज के साथ ही एम्स अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना से लडऩे कमर कस कर तैयार हो गया था। लैब में स्वाब जांच से लेकर इलाज के लिए दवाईयां, टीम को प्रशिक्षत करते हुए चुनौतियों को स्वीकार किया । उसके बाद आयुष भवन में 85 बेड का कोविड -19 आइशोलेशन वार्ड बनाए गए और सभी नमूनों की जांच व इलाज कर सभी की उपचार कर स्वसथ्य कर घर भेजा जा रहा है।
डॉ. पीपरे ने महामारी का जिक्र करते हुए अपने अनुभव बताया अविभाजीत मध्यप्रदेश में वर्ष 1991 के अप्रैल माह में बस्तर के जंगलों से घिरे दंतेवाड़ा, बचेली, फरसपाल भैरमगढ़, नीलेशनार, घोटपाल इलाकों में खूनी पेचिस, उल्टी-दस्त, चेचक, मलेरिया जैसे महामारी फैली थी जिसमें लगभग 650 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे समय में मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें बस्तर भेजा था। तब मोबाइल, टीवी, समाचार माध्यम, वाट्सअप जैसे सोशल मीडिया भी नहीं थे। तब किसी महामारी के फैलने के प्रति लोगों को जागरुक करने में समस्याएं होती थी और वायरस का प्रकोप समुदाय के तीसरे चरण में संक्रमण कर पूरे गांव को चपेट में ले लेता था। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी पहले के बीमारियों से फैलने वाले महामारियों से कम चुनौतियां है। आज लोग मोबाइल, टीवी और इंटरनेट की वजह से स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो गए हैं। कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉ. पीपरे ने कहा, रोज सुबह मॉनिंग वॉक, योग करें, नशा से दूर रहकर , पोषण आहार भोजन में जरुर लें। इससे हमारा इम्युनीटी सिस्टम मजबूत होगा।
डॉ. पीपरे ने बताया, उनकी पढाई व शिक्षा जबलपुर में हुई 1970 में उनके परिवार से 6 भाईयों का एक साथ मेडिकल की पढाई के लिए सलेक्शन हुआ था। उनके ताउ के लड़के का डॉक्टर की पढाई के लिए चयन होने के बाद उनका भी सपना डॉक्टर बनने का रहा है। उन्होने बताया, वर्ष 1974-75 में जबलपुर मेडिकल कॉलेज में उनके सहपाठी प्रदेश के जाने में चिकित्सक डॉ. अशोक चंद्राकर, डॉ. अशोक भट्टर, डॉ. अनुप वर्मा और एमडी की पढाई मेकाहारा के पूर्व अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी थे। इंदौर मेडिकल कॉलेज से रेडियोलॉजिस्ट में एमडी की पढाई कर गोल्ड मेडल के साथ डिग्री प्राप्त की। और मुंबई से न्यूक्लीयर मेडिसीन में पोस्ट ग्रेजूएशन किया। वर्ष 2002 से वर्ष 2027 तक गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में सुलतानिया महिला चिकित्सालय , हामिदिया चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक एवंम वाइस डीन के रुप में कार्य किया। वर्ष 1981 में मंडला जिले में उनकी पहली सरकारी अस्पताल में नौकरी लगी। वर्ष 1992 में भोपाल मेडिकल कॉलेज में असिसटेंट प्रोफेसर न्यूक्लीयर मेडिसीन के रुप में पीएससी से चयनित हुए। इसके बाद अब वे रायपुर एम्स में एडिशनल मेडिकल अधीक्षक नियुक्ति होकर अब वे 2 साल से मेडिकल अधीक्षक का पद संभालते हुए संस्थान में 6 सालों से सेवारत हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने खुलासा करते हुए कहा कि कल आत्महत्या का प्रयास करने वाले धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा ने दिनांक 29/03/2017 को तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भृत्य पद की नियुक्ति हेतु आवेदन जनदर्शन कार्यक्रम में सौंपा था जिसका की क्रमांक-2017/848 था।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ट्विटर में लिखा है कि हरदेव सिन्हा के आत्महत्या के प्रयास को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सफलता समझे या विफलता अब जब सारे तथ्य सामने आ चुके हैं और यह स्पष्ट हो चुका है कि धमतरी निवासी हरदेव सिन्हा तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को लिखित में पत्र सौंपकर सरकारी नौकरी की मांग की थी उस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अपने डेढ़ साल के अंतिम कार्यकाल में पहल क्यों नहीं किया?
कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कर आरोप लगाते हुए कह रही है की भाजपा शासनकाल में 25 लाख बेरोजगार पंजीकृत और 25 लाख बेरोजगार अपंजीकृत थे और जिस युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया वह भी पूर्ववर्ती भाजपा से ही प्रताडि़त था इस सवाल का जवाब भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को जनता के समक्ष आ कर देना चाहिए।

धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ

हरिहर छत्तीसगढ़ के उद्देश्य से नगर पंचायत नगरी के प्रांगण में व हाई स्कूल नगरी के मैदान के किनारे में पौधारोपण किया गया जिसमें पीपल, कटहल, आम का पौधा लगाया गया है जिसकी सुरक्षा के लिए लोहे की जाली भी बनवाई जा रही है व नगर पंचायत द्वारा 15 वार्ड के सभी पार्षदों को पांच-पांच पौधे दिए जाएंगे जो अपने वार्ड में उचित स्थान देखकर वृक्षारोपण करेंगे कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अजय नाहटा सभापति सुनील निर्मलकर भूपेंद्र साहू प्रकाश पुजारी पार्षद पूनम बलजीत छाबड़ा अश्वनी निषाद सोहन चतुर्वेदी सुनीता निर्मलकर जितेंद्र ध्रुव एल्डरमैन भरत निंबालकर नरेश छे दया पूर्व पार्षद बलजीत छाबड़ा सीएमओ बर्मन इंजीनियर उईके राजस्व अधिकारी कमल नारायण सिंह नीलकंठ साहू ईश्वरदास भूपेंद्र कौशल हरीश साहू अखिलेश साहू नरेंद्र साहू नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे

धमतरी ब्यूरो/ शौर्य पथ

कोविड १९ विषाणु के संक्रमण के कारण लागू लॉक डाऊन का असर सामान्य जन जीवन पर प्रभावी है। ऐसे में इस समय आर्थिक रूप से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की स्तिथी सामान्य दिनों की अपेक्षा बेहतर नही है।

इस समय गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को परिवार चलाने व अन्य कार्यों हेतु भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।

इस समय आमजनता पर टैक्स के रूप में पड़ रही अतिरिक्त आर्थिक मार को कम करने शिवसेना की युवा इकाई युवासेना के राज्य सचिव अरुण पाण्डेय् के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं सहित मुख्यमंत्री के नाम बस्तर ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग किया है कि बस्तर संभाग के किसी भी जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की जनता के मकानकर, जलकर, विद्युतकर सहित अन्य निकायी करों को माफ़ करके आमजनता को राहत देवें।

धमतरी ब्यूरो शौर्य पथ

डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को National Doctors' Day मनाया जाता है। 


आइए जानते हैं आज यानी 1 जुलाई को भारत में यह मनाने के पीछे क्या वजह है। आज देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है। उनका जन्म 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था। कोलकाता में मेडिकल की शिक्षा पूरी करने के बाद डॉ. राय ने एमआरसीपी और एफआरसीएस की उपाधि लंदन से प्राप्त की।
1911 में उन्होंने भारत में चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत की। इसके बाद वे कोलकाता मेडिकल कॉलेज में व्याख्याता बने। वहां से वे कैंपबैल मेडिकल स्कूल और फिर कारमिकेल मेडिकल कॉलेज गए।
इसके बाद वे राजनीति में आ गए। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सदस्य बने और बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला। डॉ. राय को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। 80 वर्ष की आयु में 1962 में अपने जन्मदिन के दिन यानी 1 जुलाई को ही उनकी मृत्यु हो गई थी।
महान फिजिशियन डॉ. बिधान चंद्र रॉय पं. बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी थे और उन्हें उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए पं. बंगाल राज्य का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। 1961 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

कैसे हुई इसकी शुरुआत
भारत में इसकी शुरुआत 1991 में तत्कालिक सरकार द्वारा की गई थी। तब से हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। भारत के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री को सम्मान और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर वनमण्डल के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक की राशि का नगद भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखमा ने आज मुख्यमंत्री बघेल को तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक की राशि के नगद भुगतान के लिए पत्र लिखकर अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने तत्काल स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में मंत्री ने लिखा है कि वनमण्डल सुकमा, वनमण्डल दंतेवाड़ा और वनमण्डल बीजापुर तीनों घोर संवेदनशील और नक्सल प्रभावित जिलों में हैं। इन जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों और जनप्रतिनिधियों ने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक का नगद भुगतान कराने का आग्रह किया है। श्री लखमा ने पत्र में लिखा है कि इन तीनों जिलों में भी तेंदूपत्ता का भुगतान बैंक के माध्यम से करने का प्रावधान है। परंतु संग्राहकों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता नहीं होने के कारण बैंक के माध्यम से भुगतान में काफी दिक्कत होती है। एक तो यह क्षेत्र संवेदनशील है और अंदरूनी गांवों से बैंक की दूरी 70 से 80 किलोमीटर तक है। मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्राहकों और इन जिलों के जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक से पारिश्रमिक से भुगतान के आदेश को निरस्त करते हुए सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर तीनों वनमण्डलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक की राशि का नगद भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं।

युवासेना ने ज्ञापन में बताया हैकि इस समय चीन व भारत के सीमा पर हुए विवाद और उसमें हुए भारतीय सेना के जवानों की हत्या को लेकर पूरा देश आक्रोशित है। देश भर में नागरिक इस समय चीन के ख़िलाफ़ आर्थिक नाके बंदी का आह्वान किया जा रहा है।
बस्तर जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में कार्यालय अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर युवासेना ने मांग किया हैकि बस्तर संभाग के सभी जिलों में चीन के उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया जाए।

युवासेना के राज्य सचिव अरुण पांडेय ने बताया कि इस समय देश के जो व्यापारी पूर्व से चीन निर्मित या चीन से आयातित उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं, उस पर देश का पैसा लगा हुआ है। अतः उन्हें उसकी बिक्री करने दिया जाए लेकिन भविष्य में बस्तर संभाग के किसी भी जिलों में व्यापारी चीन निर्मित या चीन से आयातित उत्पादों को व्यवसायिक लाभ हेतु ना मंगाए और न ही इस तरह के किसी उत्पाद या सेवाओं का विज्ञापन करें।

ऐसा करना देशहित में निर्णय होगा जिससे देश के दुश्मन चीन को आर्थिक रूप से कमज़ोर बनाया जा सकता है।

उन्होंने संभाग आयुक्त को ज्ञापन में लिखा हैकि उन्हें आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि प्रशासन देशहित में उक्त विषय पर तत्काल कार्यवाही कर अधिकारियों को इस बाबत निर्देश देंगे।

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