December 07, 2025
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रायपुर

रायपुर (6278)

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के दो विकास प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की है। डोंगरगढ़ के विधायक भुवनेश्वर बघेल को अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। इस प्राधिकरण के लिए दो उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है। सरायपाली के विधायक किस्मत लाल नंद तथा सारंगढ़ की विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े को अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू की नियुक्ति की गई है । रायगढ़ के विधायक प्रकाश नायक एवं चन्द्रपुर के विधायक रामकुमार यादव को इस प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन ने बिलासपुर जिले की दो सिंचाई योजनाओं के कार्यो के लिए 5 करोड़ 77 लाख 76 हजार रूपये स्वीकृत किये है। स्वीकृत कार्यो में जिले के फुटामड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य एवं लाइनिंग कार्य के लिए दो करोड़ 88 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृत किए है। इससे क्षेत्र के किसानों को 270 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
इसी तरह बिलासपुर जिले के धौरामुड़ा जलाशय के नहर रिमाडलिंग पक्के कार्य एवं लाईनिंग कार्य के लिए दो करोड़ 89 लाख 58 हजार रूपए प्रशासकीय स्वीकृति जारी किए है। इससे क्षेत्र में 135 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को सिंचाई योजनाओं के कार्य पूर्ण कराने के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। सिंचाई योजनाओं के इन कार्यो को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयावधि में करने के निर्देश दिए गए है।

मृत्यु दर भी सबसे कम : प्रदेश में रिकवरी दर 78.4 प्रतिशत, राष्ट्रीय स्तर पर चौथा सबसे अच्छा रिकवरी दर
इलाज के बाद 2362 मरीज डिस्चार्ज, मृत्यु दर केवल 0.5 प्रतिशत

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के परिणाम अब दिखने लगे हैं। प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की रिकवरी दर सभी पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। यहां 78.4 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में यह दर 54.2 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 76.7 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 69.1 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 45.4 प्रतिशत, तेलंगाना में 48.8 प्रतिशत, ओड़िशा में 72.9 प्रतिशत और झारखंड में 76.9 प्रतिशत है। प्रदेश में अब तक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए 3023 में से 2362 मरीज स्वस्थ हो गए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सबसे अच्छे रिकवरी दर वालों राज्यों में चौथे स्थान पर है। कोविड-19 के 50 से अधिक मरीज वाले राज्यों में केवल उत्तराखंड, राजस्थान और त्रिपुरा की रिकवरी दर ही छत्तीसगढ़ से अधिक है। मृत्यु दर के मामले में भी छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। यहां मृत्यु दर का प्रतिशत केवल 0.5 है। वहीं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में यह दर 4.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 4.2 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 1.2 प्रतिशत, तेलंगाना में 1.5 प्रतिशत, ओड़िशा में 0.5 प्रतिशत और झारखंड में 0.6 प्रतिशत है।
कोविड-19 के संभावित प्रसार को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में फरवरी माह के शुरूआत में ही इस पर नियंत्रण और रोकथाम की तैयारी शुरू कर दी गई थी। कोरोना वायरस जांच की सुविधा प्रारंभ में केवल एम्स रायपुर में थी। जगदलपुर, रायपुर और रायगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय लैब तैयार कर कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच सुविधा का विस्तार किया गया है। रायपुर के लालपुर स्थित आईआरएल लैब और निजी क्षेत्र के एसआरएल लैब में भी कोरोना वायरस की जांच की जा रही है। जांच का दायरा बढ़ाने पूल-टेस्टिंग भी की जा रही है। अभी तक प्रदेश में एक लाख 66 हजार 656 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। पॉजिटिव पाए गए 3023 लोगों में से 2362 के ठीक हो जाने के बाद अभी सक्रिय मरीजों की संख्या 647 है।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश के आठ क्षेत्रीय और 22 जिला स्तरीय अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है। इन अस्पतालों में 3384 लोगों का उपचार किया जा सकता है। इनमें 445 आईसीयू और 296 एचडीयू (High Dependency Unit) बिस्तरों की भी व्यवस्था है। इन अस्पतालों के साथ ही 146 कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं जहां 8161 लोगों को रखा जा सकता है। सभी कोविड अस्पतालों में एन-95 मास्क, पीपीई किट, ट्रिपल लेयर मास्क, वीटीएम और जरूरी दवाईयों के पर्याप्त संख्या में इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमाड सेंटर के माध्यम से जांच और इलाज की व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। विभाग द्वारा प्रदेश भर में संचालित 166 क्वारेंटाइन सेंटर्स में भी 15,835 बिस्तर हैं।
प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी को देखते हुए ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में करीब 21 हजार क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं जिनकी क्षमता लगभग सात लाख है। विभिन्न राज्यों से प्रदेश लौटे साढ़े चार लाख श्रमिक 14 दिनों की क्वारेंटीन अवधि पूर्ण कर अपने घर पहुंच चुके हैं। स्वयं के और दूसरों लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा कि दृष्टि से उन्हें दस दिनों तक होम-क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में अनलॉक शुरु होने के बाद लगातार तेज हो रही आर्थिक गतिविधियों का असर दस्तावेजों की रजिस्ट्रियों में भी दिखने लगा है। पिछले साल के जून माह की तुलना में इस साल जून माह में 17 प्रतिशत अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई, वहीं दस्तावेजों के पंजीयन में भी 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
यह आंकड़े बताते हैं कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान किए गए उपायों से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही। संकट काल में भी राज्य ने कृषि क्षेत्र में तेज आर्थिक वृद्धि दर्ज की, जिसकी सराहना रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने भी की थी। रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा के जरिये गांवों में वृहद पैमाने पर रोजगार मूलक कार्यों का संचालन एवं नियमित भुगतान की वजह से आम लोगों के बीच धन-राशि का प्रवाह निरंतर बना रहा। इसी दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिये राज्य के किसानों को सीधे मदद पहुंचाई गई। प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के दौरान उद्योगों को भी संचालन में रियायतें दीं। खेती-किसानी पर आधारित व्यावसायिक गतिविधियां भी निरंतर जारी रहीं। जिसकी वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही।
वर्ष 2019 के जून माह में 107.53 करोड़ रुपए का राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन से प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष, यानी 2020 के जून माह में 125.74 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति शासन को हुई है। पिछले साल जून महीने में 23,391 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि इस साल इस जून माह में 27,759 दस्तावेज पंजीबद्ध किए गए। कोरोना महामहारी की वजह से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण लॉकडाउन के दौरान अन्य गतिविधियों के साथ-साथ दस्तावेजों के पंजीयन का कार्य भी प्रभावित हुआ था, इसके मद्देनजर पक्षकारों की सुविधा के लिए शासन द्वारा पंजीयन कार्यालयों में विशेष इंतजाम किए गए थे। जून महीने में प्रत्येक तीन घंटे में तीन अप्वाइंमेंट की व्यवस्था दस्तावेजों के पंजीयन के लिए लागू की गई, ताकि दस्तावेजों का पंजीयन तेजी से किया जा सके।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त चावल से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति देने के संबंध में केन्द्र सराकर से आग्रह किया था। मुख्यमंत्री के आग्रह पर राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की 24 अप्रैल 2020 की बैठक में भारतीय खाद्य निगम में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसी परिप्रेक्ष में प्रदेश के खाद्य सचिव ने भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव को पत्र लिख कर छत्तीसगढ़ में अतिशेष 4 लाख मिट्रिक टन चावल से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
केन्द्रीय सचिव को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर 83 लाख 94 हजार मिट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसमें से बनाए गए कुल चावल से केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल में राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यक मात्रा तथा 28.1 लाख मिट्रिक चावल केंद्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को देने के बाद राज्य में लगभग 4 लाख मिट्रिक टन चावल अधिशेष रहेगा। इस अधिशेष चावल के लम्बे समय तक भण्डारित रहने के कारण खाद्यान्न की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस महामारी की नियंत्रण के लिए डिस्टलरी से एथेनॉल आधारित सैनिटाइजर एवं ईबीपी कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त 4 लाख मिट्रिक टन चावल को एथेनॉल बनाने वाले प्लांट को आपूर्ति की जा सकती है। खाद्यान्न से एथेनॉल बनाने वाले प्लांटों की स्थापना के संबंध में राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 से इस संबंध में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। खाद्य सचिव ने छत्तीसगढ़ राज्य को लगभग 4 लाख मिट्रिक टन चावल से एथेनॉल बनाने की शीघ्र अनुमति देने का अनुरोध किया है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन समिति की राज्य स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के विविध कम्पोनेंट्स पर विस्तार से विचार विमर्श और रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में बस्तर में प्रस्तावित बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन एवं मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी शामिल हुए।
मुख्य सचिव ने बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना पूरी गुणवत्ता और तकनीकी से करने के निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग को दिए। बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कम्पोनेंट्स के संबंध में प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी के लिए 163 करोड़ 48 लाख रूपए की योजना तैयार की गई है। मुख्य सचिव ने रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्यो की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्ट्रीटलाईट के लिए टाईमर निर्धारित करने के निर्देश दिए है। नगरीय विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. ने बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 190 करोड़ रूपए व्यय किए जा चुके है। रायपुर नगर निगम के आयुक्त ने बताया कि रायपुर में पेयजल आपूर्ति के तहत वाटरमीटर लगाए जाने की योजना है। उन्होंने बताया रायपुर में मोतीबाग और गंज मंडी क्षेत्र में उच्च क्षमता की पानी टंकियां बनायी गयी है। जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना के तहत सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आवास एवं पर्यावरण विभाग की सचिव श्रीमती संगीता पी. सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्य सचिव आर.पी. मंडल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की 47वीं बैठक सम्पन्न हुई। प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सेक्टर-13 नवा रायपुर अटल नगर में मंडल द्वारा अत्याधुनिक केन्द्रीय पर्यावरणीय प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग के माध्यम से तैयार की जाएगी। विभिन्न पर्यावरणीय पैरामीटर्स को मापने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला होगी, जिसमें जन-जागरूकता के लिए विभिन्न पर्यावरणीय विषयों पर मॉडल्स की प्रदर्शनी भी रहेगी।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योग जैसे स्पंज आयरन संयंत्र, स्टील प्लांट, सीमेंट प्लांट आदि में बड़ी मात्रा में लगने वाले कच्चे माल आयरन ओर, जिप्सम, कोयला, स्पंज आयरन, सीमेंट आदि का परिवहन सड़क मार्ग से मेकेनिकली कव्हर्ड वाहनों से ही किए जाने का निर्णय लिया गया आदि एवं वाहनों मेकेनिकली कव्हर्ड वाहनों की अनुपलब्धता की स्थिति में उद्योगों को एक वर्ष का समय इस शर्त के साथ प्रदान किया गया कि उद्योगों द्वारा कच्चे माल/उत्पादों का परिवहन तारपोलिन अथवा उपयुक्त मटेरियल से उचित एवं पर्याप्त रूप से ढंककर किया जाए। बैठक में गंभीर प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्र रायपुर के सिलतरा एवं उरला तथा अन्य प्रदूषित क्षेत्र कोरबा एवं भिलाई में प्रदूषण के मुख्य स्त्रोतों का अनुपात एवं उसे वहन करने की क्षमता का अध्ययन ख्यातिलब्ध संस्थाओं जैसे आई.आई.टी., एनआईटी अथवा नीरी नागपुर से कराए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में नेशनल क्लीन एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसी प्रकार प्रदेश की 5 प्रदूषित नदियों में अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम में 10 कंटीन्यूअस वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु मंडल रायपुर, भिलाई-दुर्ग एवं बिलासपुर के ऐतिहासिक महत्व के कुछ तालाबों में पर्यावरणीय सुधार एवं उनके जीर्णोद्धार का कार्य भी करेगा। इसके लिए कार्य प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रबंध संचालक वन विकास निगम श्री राजेश गोवर्धन, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास निगम अनिल राय, आयुक्त नगर पालिक निगम बिलासपुर प्रभाकर पाण्डेय एवं सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल आर.पी. तिवारी उपस्थित थे।

राज्यपाल से खादी और ग्रामोद्योग आयोग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी त्रिभुवन ने भेंट की

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से यहां राजभवन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के छत्तीसगढ़ के राज्य कार्यालय के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एस.एस. त्रिभुवन ने सौजन्य मुलाकात की। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर अभियान की शुरूआत की है। उन्होंने इसके लिए आवश्यक है कि युवा स्वरोजगार से जुड़े, इससे वे स्वयं अपने पैरों पर खड़े होंगे और दूसरों को भी रोजगार देंगे। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाएं भी स्वयंसहायता समहू बनाकर स्वयं का उद्यम शुरू कर सकते हैं। इससे महिलाएं जागरूक और सशक्त होंगी। इस कोरोना काल में बड़ी संख्या में श्रमिक प्रदेश में आए हैं। उन्हें खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजना सहित अन्य योजनाओं से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे अपना जीवनयापन कर सके। श्रमिकों एवं किसी भी व्यक्ति को स्वरोजगार का ऋण देने से पहले उन्हें संबंधित रोजगार का प्रशिक्षण देना चाहिए, जिससे तकनीकी रूप से दक्ष होने पर वह व्यक्ति योजना के तहत दिये जाने वाले सहयोग का सदुपयोग कर सकेगा।
सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार की एक अति महत्वपूर्ण योजना है, प्रदेश के बेरोजगार युवक-युवती इसका लाभ उठाएं। श्री त्रिभुवन ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत इस योजना के तहत स्वयं के उद्यम शुरू करने के लिए रू. 25 लाख तक का ऋण बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें 35 प्रतिशत तक सब्सिडी हितग्राही को प्राप्त होता है। एस.टी.एस.सी. एवं महिला वर्ग को ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तक छूट दी जाती है तथा 5 प्रतिशत तक स्वयं का अंशदान होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 1 लाख रू. पर एक व्यक्ति को रोजगार देना अनिवार्य होता है। इच्छुक युवक-युवतियां खादी ग्रामोद्योग के कार्यालय के संपर्क कर सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 07712886428 है और वेबसाईट www.pmegpeportal.gov.in है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निर्देशिका का विमोचन किया। आयोग की तरफ से राज्यपाल को कोसे की बनी शाल और साड़ी भेंट की गई।

जीएसटी संग्रहण पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ा
वाहन रजिस्ट्रेशन में मई माह की तुलना में साढ़े तीन गुना वृद्धि
संकट के इस काल में छत्तीसगढ़ ने दिखाई राह: मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते पूरे देश में जहां आर्थिक मंदी का माहौल है, वहीं अनलॉक के बाद छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी रफ्तार से चल पड़ी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयासों से राज्य में जीएसटी, आटोमोबाईल, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में तेेजी देखी जा सकती है। राज्य में जीएसटी संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में जहां 22 प्रतिशत अधिक बढ़ा है, वहीं वाहनों के रजिस्ट्रेशन में मई माह की तुलना में जून माह में साढ़े तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और वनवासियों को राहत पहंुचाने के लिए वनोपजों के संग्रहण में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है।
लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ में जीएसटी में इजाफा हुआ है। पिछले साल जून महीने के मुकाबले इस साल जून में 22 फीसदी ज्यादा जीएसटी का संग्रह हुआ है। वर्ष 2019 में जहां 2,093 करोड़ रूपए जीएसटी संग्रह हुआ था, वहीं 2020 में 2,549 जीएसटी प्राप्त हुआ है। लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल इंड्रस्ट्री में भी बेहतर कारोबार देखने को मिला है। जून 2020 में जयपुर (राजस्थान) के बाद रायपुर (छत्तीसगढ)़ में सर्वाधिक कार और बाइक की बिक्री हुई है। रायपुर में मई माह में जहां 7 हजार 603 बाइक बिकी थी, वहीं जून माह में यह संख्या बढ़कर 27 हजार हो गई। इसी तरह मई माह में एक हजार 107 कार बिकी थी, वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 2 हजार 889 हो गई। आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में 891 वाहन, मई माह में 9681 वाहन और जून माह में 32 हजार 982 वाहनों का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालयों में हुआ है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त प्राप्त होने के बाद राज्य में किसानों ने 3 हजार नये टेªक्टर भी खरीदे हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जॉब कॉर्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में शीर्ष स्थान पर है। इसी प्रकार लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में देश में दूसरे स्थान पर है। पहली तिमाही में ही राज्य में 8.85 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया है। अब तक 55,981 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त कर लिया है। देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन के मामले में सालभर के लक्ष्य का 66 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इसमें लक्ष्य का 70 प्रतिशत से अधिक काम का लक्ष्य हासिल करने में नक्सल प्रभावित जिले आगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 31 कर दी है। इससे प्रदेश के वनवासी परिवारों को काफी राहत मिली है। लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ प्रदेश लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में पहले नम्बर पर है। छत्तीसगढ़ ने वनोपज संग्रहण के सालाना लक्ष्य को 6 माह में पूरा कर लिया है। राज्य में अब तक 104 करोड़ के डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है। सीएमआईई के सर्वेक्षण में प्रदेश में बेरोजगारी की दर अप्रैल माह में 3.4 प्रतिशत रही, जो 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर थी। यह उसी अवधि में राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम रही। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे सम्बंधित कार्यों में बनी तेजी को सराहा। उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश व्यापी लॉकडाउन में भी छत्तीसगढ़ ने तेजी से आर्थिक वृद्धि दर्ज की है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि संकट के इस समय में भी छत्तीसगढ़ प्रदेश ने देश को राह दिखाई है। इस दौरान राज्य ने जो उपलब्धियां हासिल कीं वह शासन के संकल्प का परिणाम तो है ही, छत्तीसगढ़ के लोगांे के अनुशासन का भी परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने और उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में भी हमारी स्थिति बेहतर है। इसी संकल्प और अनुशासन के साथ हम न सिर्फ इस संकट से पार पाएंगे, बल्कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के अपने लक्ष्य को समय पर हासिल भी कर लेंगे।

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