July 01, 2025
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रायपुर

रायपुर (6062)

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए जनकल्याणकारी निर्णयों का कांग्रेस ने स्वागत किया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के पुण्यतिथि 21 मई से किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान की अंतर राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में भाजपा राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रही है, मुद्दा विहीन हो चुकी भाजपा केंद्रीयशक्तियों का दुरुपयोग कर किसान विरोधी कृत्य की कूट रचना करने में लगे थे।
    राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मोदी भाजपा के किसान विरोधी नीयत और नीति दोनों पर स्थाई विराम लगेगा। हर साल किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलेगा।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने कोरोना महामारी संकट काल में आम जनता के हित में अनेक कल्याणकारी फैसले किए हैं। जिसका लाभ सभी वर्गों को मिलेगा स्कूलों में 10वीं 11वीं 12वीं तक आरटीआई पाठ्यक्रम शुरू होने से पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास भी होंगे।
   कोरोना संकट के कारण खड़ी बस और ट्रक का मासिक टैक्स में माफ ,जमीनों की खरीदी बिक्री पर सरकारी गाइडलाइन में 30 पर्सेंट की छूट की अवधि को 1 साल बढ़ाना एवं प्रदेश भर में 40 उत्कृष्ट हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यमों के स्कूल खोले जाने का निर्णय, मोर जमीन-मोर मकान योजना के तहत 40 हजार अतिरिक्त आवास बनाने एवं मोर आवास-मोर चिन्हारी योजना से किराएदारों को भी न्यूनतम दर में खुद का मकान होगा।

  रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक पैकेज की घोषणा की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। प्रधानमंत्री मोदी ने कल 2000000 करोड रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी और यह कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे आज से घोषित करेंगी। इसी परिपेक्ष में आज पहली घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की जो बेहद निराशाजनक रही।
वर्ल्यानी ने कहा है कि देश का आम आदमी भूख प्यास और बेबसी के शिकार प्रवासी मजदूर और वित्तीय संकट का सामना कर रहे लघु उद्योग इकाइयों को बड़ी आशा थी कि आज वित्त मंत्री की घोषणा से उन्हें कोई राहत मिलेगी लेकिन दुर्भाग्य से आज की वित्त मंत्री की घोषणा में ऐसा कुछ भी नहीं था । करोना और लॉक डाउन के कारण देश के जिन मजदूरों किसानों ठेले वालों खोमचे वालों छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी छिन गई और जो सड़क पर आ गए हैं उनके लिए इस वित्तीय पैकेज में कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पूरा फोकस उद्योगों पर था और उद्योगों को भी केवल ऋण बढ़ाया गया है। किसी प्रकार की कोई राहत उद्योगों को भी नहीं पहुंचाई गई। भारत में 45 लाख लघु और अति लघु उद्योग इकाइयां हैं जिनसे लॉक डाउन के पहले 12 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता था । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन इकाइयों के लिए तीन लाख करोड़ के लोन की घोषणा मात्र की है ।
ऋण को राहत कहना गलत है। अनुभव यह बताता है कि सरकारी घोषणाओं के बावजूद बैंकों द्वारा लघु उद्योग इकाइयों को ऋण नहीं दिया जाता। वित्तमंत्री की कोरी घोषणा से कुछ नहीं होगा। इसका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन आवश्यक है जिसका दुर्भाग्य से मोदी सरकार में अभी तक अभाव है । वित्त मंत्री के पास इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं था कि लघु उद्योग इकाइयां यह ऋण लेकर क्या करेंगे जब उनके पास काम करने वाले मजदूर और कच्चा माल ही नहीं है और इन ऋणों को यह लघु उद्योग इकाइयां पटायेंगी कैसे ?
वर्ल्यानी ने कहा है कि आज स्वयं वित्त मंत्री को पत्रकार वार्ता में यह स्वीकार करना पड़ा कि उद्योग इकाइयां करोना संकट के कारण कच्चे माल और मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण ऋण नहीं उठा रही हैं । ऋण लघु उद्योग इकाइयां तभी उठाएंगी जब उनके माल की खपत सुनिश्चित हो । वर्तमान में खपत सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने और वित्त मंत्री ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। गृह निर्माण और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में मजदूरों की कमी की स्थिति बनी हुई है और सबसे बड़ी बात इन क्षेत्रों में मांग ही नहीं है। इन इकाइयों के लिये अभी ऋण लेना और बाद में जब बैंक ऋण वापस मांगेंगे तो ऋण पटाने की स्थिति नहीं होना, इन इकाइयों के लिए आत्मघाती स्थिति होगी।
जब तक मजदूर किसानों लघु उद्यमियों छोटे दुकानदारों के खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर नहीं होगा तब तक अर्थव्यवस्था का उठाव और मांग बढ़ना संभव ही नहीं है। इस तथ्य को मोदी सरकार स्वीकार करना तो दूर समझ ही नहीं पा रही है।
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाएं किसी भी प्रकार से राहत पैकेज नहीं है बल्कि अधिक से अधिक लोन पैकेज मात्र है जिसमें बैंकों के माध्यम से लघु उद्योग इकाइयों के लिए ऋणों की घोषणा की गई है । लेकिन यह ऋण पटेंगें कैसे और इन लघु उद्योग इकाइयों की उत्पादों की मांग कैसे बढ़ेगी इस बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कुछ भी नहीं कहा गया है ।
प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि यही इस पैकेज की सबसे बड़ी विफलता है। आर्थिक पैकेज में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा टीडीएस के दरों में कमीऔर इनकम टैक्स रिफंड में छूट का दावा करना बेहद हास्यास्पद है । यह तो आयकर दाताओं का ही पैसा है और इसमें किसी भी प्रकार की छूट वित्त मंत्रालय द्वारा नहीं दी गई है । लोगों के पैसों से करदाताओं के पैसों से उन्हीं को छूट देने का दावा करना पूरी तरीके से गलत है और यह तो सीधे-सीधे आंखों में धूल झोंकना है।
कुल मिलाकर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तमाम घोषणायें सिर्फ और सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है और इनसे मजदूरों को किसानों को फुटकर व्यापारियों को लघु उद्योगों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल सकेगी।

प्रतिदिन कर रही है लगभग 400 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग

शौर्यपथ

जल्दी से बूढ़े मां बाप के लिए खाना बनाया, छोटे भाई बहनों को समझाया एप्रिन पहना और निकल पड़ी कलेक्ट्रेट परिसर की कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा करने ।
पूनम निषाद कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये बलोदा बाजार के कलेक्ट्रेट परिसर की जिम्मेदारी निभा रही हैं ।
कलेक्ट्रेट परिसर में प्रतिदिन आने वाले लगभग 400 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करना, उनको सैनिटाइज कराना और परिसर में उनके द्वारा शारीरिक दूरी को बनाने के बारे में बताया जा रहा है । साथ ही परिसर में आने वाले लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचने और इसकी पहचान की जानकारी भी दी जा रही है।
``यह एक ऐसा समय है जब हम पूरी तरह से हाथों में गलव्स पहनना, फेस मास्क लगाना,शारीरिक दूरी को नियमित रूप से बनाए रखना ज़रूरी हैं और मानसिक रूप से अपने आपको तैयार रखने में खाना पानी भी याद नहीं रहता है ।कभी कभी पूरे दिन ही बिना खाना और पानी पिये ही गुज़र जाता है,’’ पूनम बताती है।
थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान ताप या सर्दी खांसी के सक्रमित व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय परामर्श के लिये ज़िला अस्पताल भेजा जाता है ।
``कोविड-19 के संक्रमण को लेकर लोगों में अभी उतनी जागरूकता नहीं आई है जितनी होनी चाहिए थी । परिसर में देखने को मिलता है कि लोग शारीरिक दूरी को भूलने लगते हैं। तब उनके बीच जाकर उन्हें फिर से बताना होता है। आने वाले लोगों को भी ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें दूसरे की सुरक्षा के बजाय अपनी सुरक्षा पहले करनी है,’’ पूनम कहती है ।
कोविड-19 के संबंध में जागरूकता बनाने के लिए प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग द्वारा लगातार अलर्ट रहकर प्रयास किए जा रहे है।स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 के लक्षणों एवं बचाव के बारे में आमजन को सचेत करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी कर रही है ।
पूनम विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) के कार्यालय बलोदा बाजार की चिरायु टीम बी में एएनएम का कार्य करती हैं । कोविड-19 के संक्रमण के खतरे से पूर्व चिरायु टीम के सदस्य के रूप में किशोरियों के स्वास्थ्य का दायित्व मिला हुआ था । साथ ही राज्य में चल रहे सुपोषण अभियान के तहत हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाने का कार्य में कर रहे थे । इस कार्य में 15 वर्ष से ऊपर 12वीं क्लास तक की छात्राओं का वजन और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभाई जा रही थी ।
पूनम निषाद बताती है कोविड-19 के संक्रमण के बाद जिले में क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों के आसपास के 50-50 घर का सर्वे उनकी चार सदस्य टीम द्वारा किया गया जिसमें लगभग 1200 से अधिक जनसंख्या का सर्वे कार्य किया ।
सीएमएचओ बलोदा बाज़ार डॉ.खेमलाल सोनवानी ने बताया कोरोना वायरस के लक्षण साधारण सर्दी, जुकाम के लक्षणों से मिलते जुलते हैं। इसमें नाक बहना, खांसी, गले में खराश होना , सिर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और बुखार जैसे लक्षण होने लगते हैं। ऐसे में नज़दीक के शासकीय चिकित्सालय के चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए या टोल फ्री हैल्पलाइन नंबर 104, 108, पर सम्पर्क कर सकते हैं। साथ ही खांसते, छींकते समय टिश्यू व रुमाल का उपयोग करें।
``हमारा दायित्व है लोगों के स्वास्थय का ध्यान रखना है, जिसके लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है । घर में बूढ़े माता-पिता और दो छोटे भाई-बहन हैं घर में जाने से पूर्व अपने आप को सैनिटाइज करना घर जाकर एक अलग कमरे में रहती हूँ । साथ ही परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करना एक कठिन और मानसिक रूप से थका देने वाला काम है । मैं जानती हूं यह समय मेरी सुख-सुविधाओं का नहीं बल्कि मेरे समाज को मेरे द्वारा दी जाने वाली सुख सुविधा का है,’’ पूनम बताती है

दिव्यांग बालिका से मिलने पहुँचे एसडीओपो नीतीश ठाकुर,हुए भावुक

धमतरी/नगरी शौर्यपथ

उमर गांव की दिव्यांग बालिका संध्या जो 90 प्रतिशत विकलांग है और बचपन से चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ है।
इस बालिका से मिलने नगरी एसडीओपी नीतीश कुमार ठाकुर बच्ची के घर पहुँचे ।
जहाँ बच्ची से मिलने और उसके बारे में जानकर वे भावुक हो उठे।भावुकता के चलते जेब मे रखे सारे पैसे उस बच्ची के पालन पोषण करने वाले उनके मामा मामी को देकर किसी और सहयोग कर लिए हमेशा तत्पर रहने की बात कही, साथ में गए समाजसेवी सन्नी छाजेड़ व अंकित बोहरा ने बच्ची के लिए राशन सामग्री व टेबल पंखा भेंट किया।
ज्ञात हो कि दिव्यांग संध्या को उसकी मामी ने बचपन से पाला है।
90 प्रतिशत दिव्यांग बच्ची न चल सकती है और न ही अपना कोई कार्य करने सक्षम है।
एसडीओपी नीतीश ठाकुर ऐसे बच्चो की सेवा के लिए सदा तत्पर रहते हैं, पूर्व में घटूला की बच्ची पूर्वी,उमरगांव की ही बच्ची मायावती का हाल जानकर उनकी भी मदद की थी।
इसी कड़ी में नन्ही संध्या को एसडीओपी नीतीश ठाकुर के रूप में एक मसीहा मिल गया है और इस मसीहे ने ठान लिया है कि इस बच्ची का हर सम्भव मदद कर उसे अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बनाएंगे।
शासन ने दिव्यांगों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की है, विकलांग पेंशन सहित उनके जीवन यापन के लिए शासन स्तर पर अनेक सहयोग करने का दम्भ भरा जाता है,किन्तु हकीकत की धरातल पर यह तश्वीर कुछ अलग ही नजर आती है। योजनाएं कागजो तक सीमित रह जाती हैं और लाचार व्यक्ति अपनी किस्मत की मार समझ कर अपने आप से समझौता कर लेता है।

इस सम्बंध में जनपद सीईओ
पी.आर. साहू ने कहा कि जनपद से दिव्यांग बालिका के घर अधिकारीयो को भेजकर सम्पूर्ण जानकारी ली जाएगी व शासन की हर योजना का लाभ दिलाने का हर सम्भव प्रयास किया जावेगा।

धमतरी शौर्यपथ

मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय अजय चंद्राकर ने देवेंद्र नगर स्थित नारायणा अस्पताल पहुँचकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के से भेंट की एवं चिकित्सकों से उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली.
छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मस्तिष्क को ऑडियो थेरेपी के द्वारा जागत करने की कोशिश की जा रही है आज जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उन्हें उनके पसंदीदा गाने सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है।

छत्तीसगढ प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी (उम्र 74 वर्ष), की स्थिति अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है। उनका हृदय, ब्लड प्रेशर और यूरिन आउटपुट नियंत्रित है।

अजीत जोगी को अभी वेंटीलेटर के माध्यम से सांस दी जा रही है। मेडिकल प्रोटोकॉल्स के तहत उपचार जारी है और डॉक्टरों द्वारा उनके दिमाग को क्रियाशील ( एक्टिवेट ) करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

ऑडियो थेरेपी द्वारा भी उनके पसंदीदा गाने उन्हें कान में सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है। आज शाम 4 बजे उनके दिमाग का ईईजी टेस्ट किया गया जिसमें उनके दिमाग में बहुत थोड़ी सी हलचल देखी गयी है।

 

धमतरी शौर्यपथ

मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय अजय चंद्राकर ने देवेंद्र नगर स्थित नारायणा अस्पताल पहुँचकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के से भेंट की एवं चिकित्सकों से उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली.
छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मस्तिष्क को ऑडियो थेरेपी के द्वारा जागत करने की कोशिश की जा रही है आज जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उन्हें उनके पसंदीदा गाने सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है।

छत्तीसगढ प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी (उम्र 74 वर्ष), की स्थिति अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है। उनका हृदय, ब्लड प्रेशर और यूरिन आउटपुट नियंत्रित है।

अजीत जोगी को अभी वेंटीलेटर के माध्यम से सांस दी जा रही है। मेडिकल प्रोटोकॉल्स के तहत उपचार जारी है और डॉक्टरों द्वारा उनके दिमाग को क्रियाशील ( एक्टिवेट ) करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

ऑडियो थेरेपी द्वारा भी उनके पसंदीदा गाने उन्हें कान में सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है। आज शाम 4 बजे उनके दिमाग का ईईजी टेस्ट किया गया जिसमें उनके दिमाग में बहुत थोड़ी सी हलचल देखी गयी है।

 

शौर्यपथ

यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ ने संयुक्त रूप से जारी की मार्गदर्शिका
• प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल की दी गयी जानकारी
• प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान सावधानियां बरतने की दी गयी सलाह
रायपुर 12 मई 2020। कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोग अब अपने-अपने राज्य लौटने लगने लगे हैं. इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुँचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई स्तर पर व्यवस्थाएं की हैजिसमें इनके आवाजाही के लिए स्पेशल ट्रेन सहित अपने राज्य पहुँचने पर क्वारंटाइन की सुविधा शामिल है. लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भारी संख्या में लोगों के घर वापसी पर संक्रमण प्रसार को रोकने की भी चुनौती सरकार के सामने है. इसे ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश (एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्गों के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है|
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर बनाये गए प्रबंधन प्रोटोकॉल:
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है. जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल के अनुपालन करने होंगे. जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
1. कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर:
 सरकार द्वारा ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा
 प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में कोविड-19 की जांच होगी
 जांच में संक्रमण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा
 जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर 7 दिन क्वारंटाइन में रख दोबारा जांच की जाएगी
 7 दिन के बाद भी संक्रमण न होने पर घर भेज दिया जाएगा जहाँ खुद को 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा
2. कोविड-19 के लक्षण नहीं होने पर
 ऐसे में प्रवासी को घर भेज दिया जाएगा
 घर में खुद को 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा
 होम क्वारंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देंम तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर ( 1800-180-5145) पर संपर्क करने की सलाह दी गयी है |
बनें ज़िम्मेदार, होम क्वारंटाइन में प्रवासी बरतें सावधानियाँ:
होम क्वारंटाइन में प्रवासी सावधानी बरतकर संक्रमण प्रसार को रोका सकते हैं. इसके लिए मार्गदर्शिका में जरुरी जानकारी दी गयी है :
• घर पहुंचते ही 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहें. इस दौरान अलग कमरे में ही रहें
• क्वारंटाइन में रहते हुए अनिवार्य रूप से मास्क/गमछा / दुपट्टे से मुँह एवं नाक को ढँक कर रखें
• मास्क/गमछा / दुपट्टे को साबुन एवं गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाएं
• सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बने मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें
• हाथों को साफ़ पानी एवं साबुन से बार-बार धोते रहें
• किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें
• घर का सामान जैसे बर्तन, पानी का ग्लास, बिस्तर, तौलिया या अन्य उपयोग की जाने वाली चीजों को घर के दूसरे सदस्य के साथ साझा न करें
• संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग से थाली रखें एवं इसे अलग से गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं
• अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प का उपयोग करें
• किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश अपने घर में नहीं होने दें
• आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना आशा को तत्काल दें
• आपके घर से केवल एक व्यक्ति ही जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए घर से बाहर जाए
• घर से निकलते समय मास्क/गमछा/दुपट्टा का प्रयोग करें एवं वापस लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं ।

धमतरी शौर्यपथय

जिले में पशुओं की संक्रामक बीमारी गलघोंटु एवं एक टंगिया से सुरक्षा के लिये कलेक्टर श्री रजत बंसल के निर्देश अनुसार पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पशुओं में आगामी 15 मई से 15 जून तक सघन गलघोंटु एवं एक टंगिया रोग टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत गाय, भैंस, बकरी एवं सूकर में गलघोंटु एवं एक टंगिया रोग का टीकाकरण किया जावेगा। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं डाॅ.महेश सिंह बघेल से मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिये जिले में 43 दल एवं 15 सेक्टर बनाए गए हैं, ताकि माॅनिटिरिंग एवं रिपोर्टिंग किया जा सके। बताया गया है कि गलघोंटु एवं एक टंगिया रोग के टीकाकरण के बीच 15 दिन का अंतराल रखा जाएगा, जिससे पशुओं में प्रतिरोधक क्षमता अच्छी तरह विकसित हो सके। इसके लिए जिला स्तर पर डाॅ. जी.पी.सूर्यवंशी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनका मोबाईल नम्बर 94242-92616 है। किसी प्रकार की समस्या होने पर पशुपालक द्वारा उक्त नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है।
डाॅ.बघेल ने बताया कि गलघोंटु एवं एक टंगिया बहुत ही संक्रामक बीमारी है। इसका समय पर उपचार नहीं मिलने से पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में गौठान ग्राम और दूसरे चरण में शेष ग्रामों के पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार एवं संबंधित ग्राम में टीकाकरण के एक दिन पूर्व मुनादी कराने और शीत श्रृंखला प्रबंधन करने के लिए संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी पशुपालकों एवं जन प्रतिनिधियों से सहयोग करने अपील किया गया है।

भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश पर रिसाली निगम के 90 नियमित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का माह अप्रैल का 2370885/- रूपये का वेतन भुगतान करने का निर्देश लेखा शाखा को प्राप्त होते ही सोमवार को ही वेतन आहरण हेतु बैंक को भेजा गया, जहां मंगलवार को रिसाली निगम कर्मी वेतन प्राप्त करना शुरू कर दिया। स्वयं की संस्था से वेतन भुगतान की खबर लगते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है। अब प्रति माह कर्मचारियों का वेतन भुगतान रिसाली निगम ही करेगी।
बता दें की नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नया रायपुर की अधिसूचना क्र.1-168/2019/18 छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा (7) सहपठित धारा 405 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के पहल पर एवं राज्य शासन के निर्देश पर 26.12.2019 को छ.ग. के राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन उपरांत 04 अप्रैल 2020 को रिसाली क्षेत्र के 13 वार्डों को मिलाकर पृथक नगर पालिक निगम रिसाली के रूप में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आ गया। अपनी सीमित संसाधनों एवं श्रमिक बस्तियों की आबादी होने तथा कोरोना वायरस के अटैक से रिसाली निगम में स्वयं की अर्जित आय का स्त्रोत लगभग बंद हो चुका था। भिलाई निगम से पृथक होने के बाद यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वेतन भुगतान हेतु भिलाई निगम पर आश्रित रहना पड़ रहा था।
कोविड 19 कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु निगम के क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा हेतु ल?ाई लड़ रहे अपने कर्मचारियों की पीढ़ा एवं मनोदशा को समझते हुए निगम प्रशासन शुरू से ही प्रयासरत थे की रिसाली निगम अपने आत्म निर्भरता के बल बूते अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान की ओर अग्रसर हो। उक्त हेतु निगम आयुक्त श्री सर्वे ने बहूत ही सूझ-बूझ के साथ प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू तक अपनी बात रखी। गृह मंत्री चाह भी रहे थे कि उनके स्वयं के प्रयासों से बनी निगम रिसाली का सर्वांगीय विकास हो तथा उनके निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं ज्वलंत समस्याओं को तत्वरित निराकरण हो। तत्संबंध में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए राज्य शासन से रिसाली निगम को 7.00 करो? की राशि दिलाई। छ0ग0 स्वातशाषी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गोपाल सिन्हा सहित सभी पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के वेतन भुगतान किये जाने पर प्रदेश के गृह मंत्री तामध्वज साहू के प्रयासों की सराहना करते हुए निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे एवं जोन आयुक्त रमाकांत साहू के प्रति आभार व्यक्त किये है।

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