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मुख्यमंत्री ने बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से की आत्मीय मुलाकात
मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के खिले चेहरे
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने युवाओं से उनका हाल-चाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि वे खूब पढ़ें और आगे बढ़ें। छत्तीसगढ़ सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के युवाओं से आत्मीय चर्चा की। उन्होंने कहा कि नक्सली विकास विरोधी हैं। वे नहीं चाहते कि बस्तर के लोगों को पानी, बिजली, सड़क और विद्यालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें। सरकार की प्राथमिकता बस्तर का विकास है। बहुत जल्द बस्तर से नक्सलवाद खत्म होगा।
मुख्यमंत्री ने बड़े प्रेम से प्रदेश के सुदूर क्षेत्र से आये इन युवाओं से बातचीत की और उनके बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने युवाओं से पूछा कि उन्हें रायपुर आकर कैसा लग रहा है ? जिसके जवाब में युवाओं ने बताया कि उनके दल के अधिकतर युवा पहली बार राजधानी रायपुर आये हैं। अधिकांश ने इस भ्रमण के दौरान पहली बार जगदलपुर को देखा। पहली बार अपने गांव से रायपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है। नई-नई चीजें देखने को मिल रही हैं। आज उन्हें मंत्रालय को देखने और यहां की कार्यप्रणाली समझने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से यह अनुभव आपके लिए लाभदायक रहेगा। इस भ्रमण का पूरा लाभ उठाएं और स्वयं को समृद्ध करें।
मुख्यमंत्री साय ने सुकमा के युवाओं से विशेष रुप से उनकी शिक्षा के विषय में चर्चा की। विभिन्न आयुवर्ग के युवाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे दसवीं, बारहवीं सहित कॉलेज तक में पढ़ रहे हैं। सहज सरल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से युवाओं ने खुलकर संवाद किया। इस दौरान एक छात्र ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह बीएससी के सेकेंड ईयर में पढ़ रहा है, वहीं एक छात्र ने स्वयं खड़े होकर मुख्यमंत्री को बताया कि वह भी बीए फाइनल का विद्यार्थी है। मुख्यमंत्री साय ने युवाओं की पढ़ाई के प्रति रुचि की सराहना की और इसी तरह पढ़ लिख कर आगे बढ़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत नियद नेल्लानार कार्यक्रम के तहत बस्तर संभाग के युवाओं का बौद्धिक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में सुकमा जिले के 95 युवाओं को 2 दिवसीय भ्रमण पर राजधानी रायपुर आये हैं। इस दल में 77 बालक और 18 बालिकाएं शामिल हैं।
वनांचल सोनहत में जनभागीदारी से एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत सुनहरा कदम
42 ग्राम पंचायतों के 8 हजार आवासीय परिसर में एक संकल्प के साथ लगाए गए 24 हजार पौधे
कोरिया /शौर्यपथ /देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जारी अभियान एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत कोरिया जिले के सोनहत जनपद पंचायत में आज व्यापक स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया गया। एक पेड़ मां के नाम अभियान की कड़ी में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए वनांचल जनपद पंचायत सोनहत के सभी 42 ग्राम पंचायतों में एक साथ 24 हजार पौधे रोपे गए और उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया गया। एक साथ बड़े पैमाने पर हुए इस पौधारोपण में वनांचल के 8 हजार आवास हितग्राहियों ने एक साथ संकल्प लेकर अपने आवासों के परिसर में आज सुबह से पौधारोपण किया। इस अभियान के तहत पूरे जनपद के प्रत्येक आवास हितग्राहियों ने तीन-तीन पौधों के मान से अपने आवासों के आस-पास पौधे लगाए और फिर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी द्वारा जिले को क्लीन कोरिया ग्रीन कोरिया का नारा देते हुए इसकी संकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक स्तर पर जनभागीदारी को सर्वाधिक महत्व का विषय बताते हुए सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
एक साथ लगाए गए 24 हजार पौधे कोरिया जिले में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ एक दिन जनभागीदारी से एक साथ इतनी बड़ी संख्या में पौधों का रोपण हुआ है। एक पेड़ मां के नाम अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनाकर वनांचल जनपद के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में जनभागीदारी का आवाहन किया गया। सभी को वृक्षारोपण की अनिवार्यता और लाभ के बारे में जागरूक करते हुए सहभागिता बनाकर आवास तक पौधे उपलब्ध कराए गए और ग्राम पंचायतों की पहल के साथ सभी हितग्राहियों ने एक साथ इस व्यापक पौधारोपण अभियान में हिस्सेदारी की और एक पेड़ मां के नाम लगाकर क्लीन कोरिया,ग्रीन कोरिया को मजबूत किया। 30 जून की सुबह नौ बजे से 42 ग्रामों में एक साथ आठ हजार परिवारों ने तीन पौधे प्रत्येक के मान से कुल 24 हजार फलदार पौधे लगाकर नई इबारत लिखी।
सीईओ जिला पंचायत डॉ आशुतोष चतुर्वेदी
जिले में कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के लिए कार्ययोजना बनाकर पौधरोपण अभियान की सफलता के निर्देश दिए गए हैं। जिले में विभागों के साथ ब्लाक प्लांटेशन और लीनियर प्लांटेशन के साथ व्यक्तिगत हितग्राहियों की श्रेणी का पृथक पृथक चिन्हाकन कर पौधरोपण कार्य कराया जा रहा है। इस वर्ष कोरिया जिले में पौधरोपण के साथ ही सबसे ज्यादा उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए आम नागरिकों को संकल्प दिलाया जा रहा है जिससे सभी पौधे आगे चलकर कोरिया की हरियाली को बढ़ा सकें।
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी
आज कोरिया जिले के वनांचल क्षेत्र के आठ हजार कोरियावासियों ने एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़कर 24 हजार पौधे लगा दिए हैं। यह एक नई शुरूआत है जब इतनी बड़ी संख्या में जनभागीदारी से पौधे एक साथ एक दिन लगा लिए गए हैं। सभी ने इनकी सुरक्षा का संकल्प लिया है। आने वाले समय में पौधरोपण अभियान के अंतर्गत और भी जगहों पर बड़ी संख्या में जनसहयोग से एक पेड़ मां के नाम लगाए जाने की कार्यवाही की जानी है।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन के सेक्रेटरी ब्लॉक के पंचम तल पर निर्मित नवीन सभागार का लोकार्पण किया। 13.90 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित यह भव्य सभागार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। 6450 वर्गफुट क्षेत्र में बने इस कॉन्फ्रेंस हॉल की बैठक क्षमता 185 सीटों की है। सभागार आंतरिक विद्युतीकरण, अग्निशमन व्यवस्था, वातानुकूलन, ऑडियो-विजुअल प्रणाली, आंतरिक साज-सज्जा तथा फर्नीचर सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, श्री पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस., श्री राहुल भगत, सचिव श्री रजत कुमार, श्री अंकित आनंद, श्री अविनाश चम्पावत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सौर ऊर्जा से मिल रहे लाभ से प्रसन्नचित होकर दयालू राम ने बताया इसे अत्यंत उपयोगी एवं लाभप्रद
बालोद/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत हितग्राहियों के घरों में लगाए गए सोलर पैनल पूरे देश एवं छत्तीसगढ़ राज्य की भाँति बालोद जिले के हितग्राहियों के लिए भी अत्यंत लाभकारी एवं उपयोगी साबित हो रहा हैै। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से बालोद जिले के अनेक घरों को किफायती दर पर बेहतर रोशनी एवं विद्युत आपूर्ति की सुविधा प्राप्त हो रही है। इस योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मिल रहे न्यूनतम दर पर बेहतरीन सुविधा के फलस्वरूप बालोद जिलेवासियों में भी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इस योजना की सफलता एवं सार्थकता का आंकलन इसी बात से किया जा सकता है कि बहुत ही कम अवधि में बालोद जिले के सभी विकासखण्डों से अब तक कुल 27 हितग्राही इस योजना के अंतर्गत अपने-अपने घरों में सोलर पैनल लगाकर इसका समुचित लाभ ले रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत अपने घर में सोलर पैनल लगाकर इसका समुचित उपयोग कर रहे विकासखण्ड मुख्यालय डौण्डीलोहारा निवासी एवं हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री दयालू राम कोसमे ने सोलर ऊर्जा से मिल रहे लाभ से प्रसन्नचित होकर इसे अपने जैसे अनेक हितग्राहियों के लिए अत्यंत लाभप्रद एवं उपयोगी बताते हुए इसकी भूरी-भूरी सराहना की है।
इस योजना से मिल रहे लाभ से बहुत ही गदगद सेवानिवृत्त अधिकारी श्री दयालू राम कोसमे ने बताया कि वे लंबे समय तक राजस्थान राज्य के चितौडग़ढ़ शहर में हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड में लंबे समय तक पदस्थ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड से एसोशिएट जनरल मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। श्री दयालुराम कोसमे ने बताया कि वे टेक्निकल फील्ड से संबंध रखने के कारण प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभ एवं विशेषताओं को भली-भाँति समझते भी है। श्री कोसमे ने बताया कि 13 जून 2025 को अपने घर में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगाने से पहले उनके परिवार को केवल परंपरागत बिजली के ऊपर ही आश्रित रहना पड़ता था। किंतु इस योजना के महत्व को समझते हुए 13 जून 2025 से अपने घर में 02 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने से यह सोलर पैनल उनके लिए बहुत ही किफायती दर में बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक सस्ता, सुलभ एवं बेहतर माध्यम साबित हो रहा है। श्री दयालु राम कोसमे ने बताया कि उनके घर में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगने से सौर ऊर्जा से उनके घर को बेहतर रोशनी मिलने के अलावा घर में पानी आपूर्ति आदि सभी कार्यों के लिए सौर ऊर्जा का ही उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत अपने घर में लगे सोलर पैनल के उपयोग से बिजली की तुलना में बहुत ही कम खर्च आ रहा है। जिससे उन्हें अत्यधिक बिजली बिल की समस्या से भी निजात मिला है। श्री कोसमे ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत अपने घर में सोलर पैनल लगाने से उन्हें केवल 01 लाख 55 हजार रुपये की लागत आई है। इसमें से उसे केन्द्र सरकार के द्वारा कुल 60 हजार रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ है। इसके अलावा उन्हें राज्य सरकार से 30 हजार रुपये की अनुदान भी मिलने वाली है। इस तरह से उन्हें कुल इस योजना से 90 हजार रुपये का अनुदान प्राप्त होने वाला है। श्री कोसमे ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना बहुपयोगी एवं कारगर होने के कारण उनके जैसे अनेक हितग्राहियों को सस्ता, सुलभ एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का कारगर माध्यम साबित हो रहा है। उन्होंने आम नागरिकों से पर्यावरण की सुरक्षा तथा किफायती दाम में बेहतर विद्युत आपूर्ति की सुविधा प्राप्त करने हेतु इस योजना अंतर्गत अपने-अपने घरों में सोलर पैनल लगाने की अपील भी की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नन्हें बच्चों के बीच बैठकर स्मार्ट क्लास-रूम से हुए रू-ब-रू
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार को जशपुर जिले के कांसाबेल के बगिया हाईस्कूल में नन्हें बच्चों के बीच बैठकर स्मार्ट क्लास-रूम से रू-ब-रू हुए। वे ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल’ कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान कक्षा तीसरी और चौथी की बालिकाओं के बीच बैठे और बड़ी आत्मीयता से उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा।
मुख्यमंत्री साय ने बगिया में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली डॉली गुप्ता से उसका और उसके गांव का नाम पूछकर दुलारते हुए कहा, “पढ़ाई ठीक से करना है न… मोबाइल ज्यादा नहीं देखना”। उन्होंने सभी बच्चों को मोबाइल ज्यादा नहीं देखने और पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने को कहा।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार संपर्क फाउंडेशन के सहयोग से जशपुर जिले के 50 प्राथमिक शालाओं में ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम संचालित कर रही है। शासकीय स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने और कक्षा में सीखने की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत संपर्क फाउंडेशन सभी स्कूलों को निःशुल्क टीवी सेट और सम्पर्क टीवी स्मार्ट स्कूल किट प्रदान करेगा। राज्य शासन की इस पहल से करीब 3200 बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इन स्कूलों में कार्यरत 120 शिक्षकों को टीचिंग-लर्निंग मटेरियल्स उपलब्ध कराने के साथ ही संपर्क की प्रभावी शिक्षण पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बगिया में ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ के शुभारंभ की सराहना करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य बच्चों के सीखने की क्षमता को बढ़ाना है। ‘स्मार्ट स्कूल्स, स्मार्ट ब्लॉक्स’ कार्यक्रम स्कूलों में पढ़ना और पढ़ाना आसान बनाएगा। यह पहल बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करेगी। यह शिक्षकों को प्रशिक्षित कर शिक्षण प्रक्रिया को व्यवस्थित और सरल बनाएगी, जिससे क्लास-रूम में पढ़ाई बच्चों के लिए आनंददायक बन सके। ये संसाधन वैश्विक शिक्षण पद्धतियों पर आधारित हैं, जो एससीईआरटी और निपुण भारत के लक्ष्यों के अनुरूप है।
बिजली बिल हुआ आधा, 30 हजार का अतिरिक्त अनुदान दे रही राज्य सरकार
रायपुर/शौर्यपथ / प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना पूरे देश की तरह बिलासपुर जिले के लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि महंगाई के इस दौर में भारी-भरकम बिजली बिल से भी राहत मिल रही है। बिलासपुर की अशोक नगर निवासी श्रीमती अंजलि सिंह ने अपनी छत पर तीन किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि इस सोलर प्लांट की कुल लागत एक लाख 85 हजार रुपए आई। इसमें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए की सब्सिडी भी मिली है।
श्रीमती अंजलि सिंह ने बताया कि सोलर प्लांट लगाने से पहले उसके घर का मासिक बिजली बिल ढाई से तीन हजार रुपए तक आता था। लेकिन अब उसका बिजली बिल आधा हो गया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में अब राज्य सरकार भी केंद्र सरकार के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कैबिनेट ने अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और बिजली उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में 30 हजार रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय लिया है। बिलासपुर की श्रीमती अंजलि सिंह ने बताया कि पहले बिजली चले जाने पर दिक्कतें होती थीं, बार-बार शिकायत करनी पड़ती थी। अब इन समस्याओं से छुटकारा मिल गया है। उन्होंने बताया कि आवेदन करने के दस दिनों के भीतर सेट-अप भी लग गया था। उन्होंने योजना के लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सोलर सिस्टम का रखरखाव बेहद सरल है और इसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता है। उन्होंने हर व्यक्ति के लिए इसे उपयोगी बताते हुए इस योजना से जुड़ने का सुझाव दिया है।
सरकार से मिल रही सब्सिडी, वेबसाइट या एप से कर सकते हैं पंजीयन
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत स्थापित सोलर रूफ-टॉप संयंत्र विद्युत ग्रिड से नेट मीटरिंग के माध्यम से जोड़ा जाता है। उपभोक्ता अपनी जरूरत से अधिक बिजली का उत्पादन कर ग्रिड को सप्लाई कर सकते हैं, जिससे उनका बिजली बिल शून्य होने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। योजना के अंतर्गत एक किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र सरकार से 30 हजार रुपए और राज्य सरकार से 15 हजार रुपए यानि कुल 45 हजार रुपए की सब्सिडी मिलती है। दो किलो वॉट पर केंद्र सरकार से 60 हजार रुपए और राज्य सरकार से 30 हजार रुपए तथा तीन किलोवाट का सोलर पैनल स्थापित करने पर केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए और राज्य सरकार से 30 हजार रुपए यानि कुल एक लाख आठ हजार रुपए का अनुदान प्राप्त होगा। वेबसाइट https://pmsuryaghar.gov.in या पीएम सूर्यघर मोबाइल एप पर पंजीयन कराकर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लिया जा सकता है।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में केन्द्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चन्द्र दुबे ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान राज्य में कोयला खनन एवं उत्पादन से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राज्य में कोयला उत्पादन, खनन कार्यों की प्रगति, श्रमिकों से जुड़ी सुविधाओं एवं विकास कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कोयला एवं ऊर्जा क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को साकार करने में सहायता मिलेगी। श्री साय ने इस दौरान सीएसआर मद की राशि का उपयोग अधिक से अधिक जनकल्याणकारी कार्यों में करने के संबंध में विशेष रूप से चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, एसईसीएल के मुख्य महाप्रबंधक श्री हरीश दुहन सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /
1 मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों को संशोधित करते हुए इसके दायरे को और विस्तृत कर दिया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।
खरीफ 2024 में पंजीकृत कृषक जिन्होंने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, उनके द्वारा खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल की खेती की जाती है, तो उन्हें भी अब कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
2 मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
3 मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास एवं राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि/कमी का समुचित प्रबंधन एवं आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होगी।
4 मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा तथा निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी।
राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के उद्योगोें, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। प्रदेश में लॉजिस्टिक में लगने वाले लागत कम होने से व्यापार, निवेश एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस नीति के माध्यम से ड्राई पोर्ट/इन्लैंण्ड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। राज्य के प्रचुर वन संसाधन, वनोपज एवं वनौषधि उत्पाद के निर्यात हेतु इको सिस्टम तैयार होगा। यह पॉलिसी राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक्स एवं निर्यात क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में स्थापित करेगी।
5 मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय व जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी। अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।
6 मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों/निगम/मण्डल/कम्पनी/बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों तथा इनके स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रिडेव्हलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इसमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं।
7 मंत्रिपरिषद द्वारा वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक/रिकार्ड कीपर से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए विहित 05 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा को केवल एक बार के लिए न्यूनतम अर्हकारी सेवा 02 वर्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल को साकार करने की दिशा में सरकार की ऐतिहासिक पहल
27.87 एकड़ क्षेत्र में 36.47 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित है आधुनिक आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा के अंतर्गत ग्राम जामगांव (एम) में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आधुनिक आयुर्वेदिक औषधि प्रसंस्करण इकाई एवं केन्द्रीय भंडार गृह परिसर तथा स्प्रेयर बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अंतर्गत निर्मित हर्बल एक्सट्रेक्शन इकाई का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है। हमारी सरकार डेढ़ वर्षों से लगातार विकास की दिशा में अग्रसर है। तीन करोड़ जनता से किए गए वचनों को हम प्राथमिकता से पूरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तीन नई हर्बल इकाइयों से लगभग दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है, जो हमारे लिए सौभाग्य का विषय है। आयुर्वेदिक औषधियों की कच्ची सामग्रियां जंगलों से एकत्र कर संयंत्रों तक पहुंचाई जाएंगी, जिससे वनवासियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रसंस्करण इकाई मध्य भारत की सबसे बड़ी इकाई है और आयुर्वेदिक औषधि निर्माण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेदिक केंद्र के रूप में स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए सरकार ने संग्रहण दर 4,500 रुपए से बढ़ाकर 5,500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी है, जिससे लगभग 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही पूर्ववर्ती सरकार में बंद की गई ‘चरण पादुका योजना’ को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत आज पांच हितग्राही महिलाओं को चरण पादुका वितरित की गईं।
मुख्यमंत्री ने लोगों से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माँ के नाम पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और उसका संरक्षण करना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही माँ के प्रति सम्मान भाव भी बना रहेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44.10 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र है, जिससे वनोपज की बहुलता है। यह प्रसंस्करण इकाई मध्य भारत की सबसे बड़ी इकाई है। इसके प्रारंभ से वनोपज का संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन सुगम होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का वनोपज अब वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 67 प्रकार की वनोपज का संग्रहण किया जाता है, जिससे 13 लाख 40 हजार वनवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। श्री कश्यप ने कहा कि ‘मोदी की गारंटी’ के अनुरूप ‘चरण पादुका योजना’ को पुनः प्रारंभ किया गया है।
महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी कैलाशनंद गिरी जी महाराज ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुर्वेदिक औषधियों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री साय ने लोकार्पण से पूर्व प्रसंस्करण इकाई परिसर में आंवला का पौधा रोपित किया। इसके साथ ही वन मंत्री श्री कश्यप ने सीताफल का पौधा, सांसद श्री विजय बघेल ने बेल तथा महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 डॉ. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज ने भी सीताफल का पौधा रोपित किया।
उल्लेखनीय है कि आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई छत्तीसगढ़ की समृद्ध वन संपदा को विज्ञान और आधुनिक तकनीक से जोड़कर ‘फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल’ को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। 27.87 एकड़ क्षेत्र में 36.47 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह इकाई प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपए मूल्य के उत्पाद तैयार करेगी। यहां प्रदेश के वनों से प्राप्त औषधीय और लघु वनोपज – जैसे महुआ, साल बीज, कालमेघ, गिलोय, अश्वगंधा आदि का संगठित एवं वैज्ञानिक प्रसंस्करण कर चूर्ण, सिरप, तेल, टैबलेट एवं अवलेह जैसे गुणवत्तापूर्ण उत्पाद निर्मित होंगे। यह इकाई ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के तहत प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने का प्रमुख केंद्र बनेगी।
परियोजना के अंतर्गत 2,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी, जिससे उन्हें स्वरोजगार मिलेगा। वहीं युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त होने से स्थानीय स्तर पर आजीविका के नए द्वार खुलेंगे। इकाई में आधुनिक वेयरहाउस की 20,000 मीट्रिक टन की संग्रहण क्षमता विकसित की गई है, जिससे मौसमी वनोपजों के दीर्घकालीन संरक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण में सहायता मिलेगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करती है। यह न केवल वन उत्पादों के स्थानीय मूल्य संवर्धन का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन, आर्थिक विकास और सामाजिक समावेशिता को भी सशक्त बनाती है।
मुख्यमंत्री साय की दिखी संवेदनशीलता: अपने हाथों से पहनाई चरणपादुका
इस अवसर पर मानवीय संवेदनशीलता और सम्मान का अनूठा दृश्य भी देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम बढ़भुम (जिला बालोद) की हितग्राही श्रीमती शकुंतला कुरैटी को स्नेहपूर्वक अपने हाथों से चरण पादुका पहनाई।मुख्यमंत्री श्री साय की पहल से प्रेरित होकर वन मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने भी हितग्राहियों – श्रीमती वैजयंती कुरैटी, श्रीमती निर्मला उईके, श्रीमती ललिता उईके तथा श्रीमती अघनतीन उसेंडी को अपने हाथों से चरण पादुका पहनाई।
इस अवसर पर सांसद विजय बघेल, विधायकगण डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, श्री सम्पत लाल अग्रवाल, श्री ललित चन्द्राकर, श्री गजेन्द्र यादव एवं श्री रिकेश सेन, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, पूर्व विधायक श्री दया राम साहू, महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 डॉ. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज, स्थानीय आदिवासी स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री विकास मरकाम, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा, वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, छत्तीसगढ़ राज्य वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री अनिल कुमार साहू एवं संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री एस. मणिकासगन उपस्थित थे।
दुर्ग। शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट
धर्म का मार्ग सत्य और सेवा से होकर गुजरता है, किंतु दुर्ग शहर में "राम रसोई" नामक संस्था के संचालन को लेकर जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वह न सिर्फ धर्म की भावना के साथ छल है, बल्कि निगम की चुप्पी इस खेल में मिलीभगत का संकेत देती है।
शहर के बड़े उद्योगपति और भाजपा नेता चतुर्भुज राठी द्वारा संरक्षित यह संस्था – "राम रसोई" – भले ही ₹20 में भोजन उपलब्ध करवा रही हो, परंतु इसका असली स्वाद निगम की नीतियों को निगल रहा है। जानकारी के मुताबिक, राठी द्वारा निगम को दिए गए आवेदन पत्र में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर बस स्टैंड क्षेत्र की करोड़ों की भूमि पर कब्जा कर लिया गया, वह भी मुफ्त में!
जब एक ओर शहर की गरीब महिलाएं, ठेलेवाले और फुटपाथी दुकानदार निगम की अतिक्रमण कार्रवाई का शिकार बन रहे हैं, वहीं राम नाम की ओट में यह विशेष भूमि आवंटन एक खास नेता के लिए नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर कर दिया गया।
जानकारी यह भी सामने आई है कि यह संस्था दरअसल श्री राधा कृष्ण मंदिर समिति, महेश कॉलोनी के अधीन संचालित है और "राम रसोई" नाम से कोई पंजीकृत संस्था नहीं है। फिर भी निगम ने किस आधार पर जमीन आवंटित की? क्या सिर्फ राजनीतिक पहुंच होना ही भूमि आवंटन का पैमाना है?
निगम बाजार विभाग से प्राप्त अनुबंध पत्रों में स्पष्ट है कि आवेदन में गलत जानकारी दी गई, अनुबंध की कई शर्तों का उल्लंघन किया गया और इसके बावजूद भी निगम प्रशासन और वर्तमान महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने चुप्पी साध रखी है।
जब नगर सरकार को गरीबों की चप्पल लाइन और ठेले वालों की दुकानें हटाने में प्रशासनिक शक्ति याद आती है, तो फिर राम के नाम पर भूमि कब्जा करने वालों के प्रति यह खामोशी किस डर की वजह से है? क्या इस मौन में सत्ता की साजिश छिपी है या फिर नगर सरकार की प्राथमिकताएं ही अब बदल चुकी हैं?
सवाल यह है कि क्या अब धर्म की आड़ में झूठ बोलना, जमीन हथियाना और राजनैतिक संरक्षण में नियमों की हत्या करना 'नवीन नीति' बन चुकी है? यदि हां, तो यह दुर्ग शहर के प्रशासन और व्यवस्था के लिए एक शर्मनाक अध्याय है।
नगर निगम प्रशासन और महापौर महोदय को चाहिए कि वे तत्काल इस भूमि आवंटन से जुड़े समस्त दस्तावेजों की स्वतंत्र जांच कराएं और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करें – न कि राम नाम का राजनीतिक कवच पहनकर उन्हें बख्शें।
"राम" के नाम पर पाप करने वालों पर नगर प्रशासन की चुप्पी कहीं इस बात की घोषणा तो नहीं कि अब धर्म भी व्यापार है, और राजनीति उसकी सबसे बड़ी मंडी?"