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रायगढ़ /शौर्यपथ/
कृषक परिवार से संबंध रखने एवं कृषि के माध्यम से अपने परिवार के आजीविका का पालन-पोषण करने वाली ग्राम पंचायत पोड़ीछाल निवासी बलेश्वरी सिदार आज महात्मा गांधी नरेगा में मेट के रूप में कार्य कर अपने परिवार की आय में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सिदार एक मेहनती एवं साहसी महिला है इसका उदाहरण है कि उन्होंने कोरोना संक्रमण के दौर भी रोजगारमूलक महात्मा गांधी नरेगा के कार्यो के संचालन में अपना अहम योगदान दिया। यही कारण है कि आज बलेश्वरी सिदार ग्राम पंचायत पोड़ीछाल की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गयी है। सिदार के प्रयासों के फलस्वरूप ग्राम की महिलाओं में योजनाओं के प्रति जागरूकता तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में विस्तार हो रहा हैं।
जनपद पंचायत धरमजयगढ़, जिला-रायगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत कई महत्वपूर्ण कार्य संपादित किये जा रहे है। सभी ग्राम पंचायतों में न केवल स्थायी परिसंपत्ति का निर्माण हो रहा है, साथ ही साथ लोगों की आजीविका में वृद्धि भी हो रही है एवं ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन ला रही है। इसी क्रम में जनपद पंचायत धरमजयगढ़ के ग्राम पंचायत पोड़ीछाल में भी महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत कुल 336 पंजीकृत परिवार है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायत पोड़ीछाल के कुल सक्रिय 135 परिवारों को 12 हजार 164 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। ग्राम पंचायत पोड़ीछाल में लोगों के बीच महात्मा गांधी नरेगा के प्रति जागरूकता लाने का कार्य मेट के रूप में कार्यरत बलेश्वरी सिदार द्वारा प्रभावी एवं निष्ठापूर्वक किया जा रहा है। बलेश्वरी सिदार स्व-सहायता समूह सदस्य मेट के रूप में विगत 02 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही है।
बलेश्वरी सिदार द्वारा लोगों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के लाभ तथा कार्य के प्रति जागरूक किया गया जा रहा है, जिससे महात्मा गांधी नरेगा कार्यों में लोगों की भागीदारी में वृद्धि किया जा सके। वित्तीय वर्ष 2019-20 में ग्राम पंचायत पोड़ीछाल में कुल 5116 सृजित मानव दिवस था, वही मेट बलेश्वरी सिदार के प्रयासों तथा मेहनत से वित्तीय वर्ष 2020-21 में सृजित मानव दिवस 12 हजार 164 हो गया है। जिसमें महिलाओं मजदूरी के द्वारा सृजित मानव दिवस 5885 है। आंकडों से स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत मेट के रूप सिदार द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
कोरिया /शौर्यपथ/
कलेक्टर कुलदीप शर्मा एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कुणाल दुदावत ने सोनहत स्थित कुशहा गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आजीविका गतिविधियों का जायजा लिया और उनसे आजीविका, क्रियान्वयन और आमदनी की विस्तार से जानकारी ली। कुशहा गौठान में वर्मी खाद उत्पादन में संलग्न लक्ष्मी स्वसहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि समूह में 10 महिलाएं काम कर रही हैं। अब तक 583 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन समूह ने किया है और इसमें से 518 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। वर्मी खाद के विक्रय से समूह को 1.61 लाख की शुद्ध आय प्राप्त हुई है। अब समूह की महिलाएं वर्मी निर्माण के साथ ही मशरूम उत्पादन की आजीविका के प्रति आगे बढ़ रही हैं। पहले चरण में 250 बैग तैयार किए जा रहे हैं।
कलेक्टर ने कहा कि सोनहत को मशरूम उत्पादन क्लस्टर के रूप में तैयार किया जाना है। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों को पूरे ब्लॉक में 5000 बैग मशरूम उत्पादन के तैयार करवाने निर्देशित किया।
महिला समूह कर रहा बकरी एवं मुर्गी पालन, मुर्गी पालन को बढ़ाने पशुधन विकास विभाग को 450 चूज़े समूह को देने के निर्देश
कलेक्टर शर्मा ने गौठान परिसर में मां वैष्णो समूह द्वारा बकरी एवं मुर्गी पालन की गतिविधि का भी जायजा लिया। गौठान में बकरी एवं मुर्गी पालन के लिए शेड बनाये गये हैं। कलेक्टर ने इस दौरान मुर्गी पालन को बढ़ाने पशुधन विकास विभाग को 450 चूज़े समूह को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।उन्होंने बिहान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि समूह की महिलाओं को आजीविका के संचालन, आमदनी और विस्तार की विस्तृत जानकारी जरूर दें जिससे उनमें काम के प्रति रुचि जगे। इस दौरान एसडीएम सोनहत एवं जिला व खंड स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
सूरजपुर /शौर्यपथ/
कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह, पुलिस जिला पंचायत सीईओ राहुल देव की उपस्थिति में आज जिला कलेक्टोरेट में स्थित जनदर्शन सह जन संवाद कक्ष में विभिन्न मांगो एवं समस्याओं को लेकर जनसंवाद कक्ष में पहुंचे ग्रामीणों जनो की आवेदनों राजस्व के अंतर्गत जमीन विवाद, मजदूरी भुगतान, राशन कार्ड, पानी समस्या, फर्जी पट्टा वितरण, अतिक्रमण हटाने के आवेदन का अवलोकन किया। उन्होंने राजस्व के अंतर्गत आने वाले जमीन विवाद एवं अन्य प्रकरणों का नियमानुसार कार्रवाई कर निराकरण करने के निर्देश दिए।
जनसंवाद कक्ष में पेंटिंग कार्य ठेकेदार को ना देकर छत्तीसगढ़ पेंटर चित्रकार समूह को देने के आवेदन प्राप्त हुए। अवलोकन कर आवश्यक कार्यवाही हेतु विभाग को निर्देशित किया गया है।
अम्बिकापुर /शौर्यपथ/
तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव का समापन 13 मार्च को नामचीन कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। पद्मश्री अनुज शर्मा ने छत्तीसगढ़ी गीतों से दर्शकों को बांधे रखा वहीं बॉलीवुड सिंगर विनोद राठौर और अंकित तिवारी ने भी खूब रंग जमाया।
समापन अवसर पर उत्कृष्ट शैला दल, बबीता विश्वास एवं साथी, मनप्रीत सिंह एवं साथी, संजय सुरीला, स्तुति जायसवाल, शिव झांकी की प्रस्तुति, शॉल सेकर्स डांस एण्ड स्पार्क डांस ग्रुप तथा नासिर निन्दर एंड ग्रुप के द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई।
मैनपाट महोत्सव में इस बार पर्यटकों ने पहली बार कुश्ती प्रतियोगिता देखने का भी आनंद लिया। इसके साथ ही तीन दिन तक एडवेंचर स्पोर्ट्स, बोटिंग, पैरासेलिंग और मेला का खूब लुत्फ उठाया।
बलरामपुर /शौर्यपथ/
महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत महिला दिवस के अवसर पर 09 मार्च को जिले के 06 उत्कृष्ट कार्य करने वाले महिला मेट का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य स्तर से ऑनलाईन वेबीनार के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में आजादी के अमृत महोत्सव एवं अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 07 मार्च से 13 मार्च 2022 तक महात्मा गांधी नरेगा से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर मनरेगा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला मेट जनपद पंचायत वाड्रफनगर ग्राम पंचायत परसडीहा की शुशीला कुशवाहा, जनपद पंचायत बलरामपुर ग्राम पंचायत तातापानी की आकांक्षा टोप्पो ग्राम पंचायत खड़ीयादामर की अनुभा, जनपद पंचायत राजपुर ग्राम पंचायत बुढ़ा बगीचा की सुखियारों, जनपद पंचायत कुसमी की ग्राम पंचायत करकली की कुमारी कान्ता भगत एवं जनपद पंचायत शंकरगढ़ की ग्राम पंचायत खरकोना की राजकुमारी को एनआईसी कक्ष में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राधा सिंह देव एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीता यादव ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
उक्त सम्मान समारोह में मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी, शिकायत समन्वयक, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, तकनीकी समन्वयक एवं जनपद स्तर के समस्त कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे।
जशपुरनगर /शौर्यपथ/
जशपुर जिले में चाय, काफी, स्ट्राबेरी, काजू, नाशपाती आदि की सफल खेती के बाद वन विभाग के अंतर्गत् वनमण्डलाधिकारी श्री जितेन्द्र उपाध्याय के मार्गदर्शन एवं उप वनमण्डलाअधिकारी श्री एस.के.गुप्ता के दिशा-निर्देश में कैमोमाइल के खेती का सफल प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जर्मनी कैमोमाइल बहुत ही लोकप्रिय एवं व्यवसायिक रूप से महत्वपूर्ण गुणवत्ता वाला तेलीय पौधा है। इसका उपयोग हर्बल चाय और फार्मा उत्पादों में किया जाता है। इत्र, पेय और बेकरी उत्पादों में स्वाद बढ़ाने वाले एजेन्ट एवं शामक के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। यूनानी चिकित्सा पद्वति में भी यह लोकप्रिय है। उन्होंने बताया कि जशपुर में कैमोमाइल की खेती का जय जंगल किसान उत्पादक कम्पनी का प्रयोग पूर्णतः सफल रहा है। वृहद्ध स्तर पर खेती कर रहें जिले के छोटे किसान भी इससे लाभांवित होगें और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कैमोमाइल की खेती से पूर्व भूमि तैयारी के लिए एमबी प्लाऊ दो दांत वाले से भूमि की अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए। तत्पश्चात कल्टीवेटर से 2 बार जुताई करना चाहिए, जिसमें 1 बार सीधे व दूसरी बारे आडे में जुताई करनी चाहिए। इसके बाद रोटोवेटर से भूमि को जुताई करना चाहिए ताकि मिट्टी के टुकड़े बारीक हो जावे व मिट्टी भूरभूरी हो जाये।
कैमोमाइल का रोपण रोपा लगाकर नर्सरी पद्धति के माध्यम से खेत में पौधों का रोपण किया जाता है, जिसमें भूमि को 3 फीट चौड़ी और 1 फीट ऊंची बेड़ बनाकर उसे गीला करके बीज बुवाई की जाती है। एक एकड़ खेत हेतु 300 से 400 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीज बुवाई के 20-25 दिन बाद उगे छोटे पौधों को खेत में पौधों का रोपित कर दिया जाता है। कैमोमाइल की खेती नर्सरी तैयार कर पौधों को खेत में 30 से 30 से.मी. की दूरी व लाईन से लाईन की दूरी 1 फीट की दूरी पर रोपण करना चाहिए। भूमि की तैयारी के समय एक एकड़ खेत में कम से कम 500 कि.ग्रा. से 1 टन वर्मीकम्पोस्ट खेत में डालना चाहिए या इससे अधिक मात्रा में भी डाले जाने पर भूमि की उपजाउता और अधिक बढ़ेगी। इसमे फास्फोरस एवं पोटेशियम से ज्यादा नाइट्रोजन अच्छी प्रतिक्रिया देती है। अच्छे फूल एवं तेल के उत्पादन हेतु मौलिब्डेनम और बोरॉन उर्वरक के रूप में देना चाहिए। बीज बोने के तुरंत बाद स्प्रिंकलर या अन्य विधि से सिंचाई करनी चाहिए। यह सर्दियों में उगाई जाने वाली फसल है, इस कारण सिंचाई की आवश्यकता कम होती है। बीज अंकुरण के पश्चात् 10 से 20 दिन में 01 बार सिंचाई करनी चाहिए।
फसल की कटाई फूल फरवरी माह में रोपण के 60 से 70 दिन बाद आ जाते है। सामान्य तौर पर 4-5 बार फूल निकलेगा, जिसे हर बार हाथ से ही तोड़ा जाता है। ग्रीष्म ऋतु के पहले फसल की कटाई पूरी हो जाती है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ती जाती है, फूल आना रूक जाता है फूल आने के 15 से 20 दिनों बाद फूल की कटाई करनी चाहिए। फूलों को 3 से 4 दिन तक छाया में सुखाना चाहिए। ताजे फूल 2000-2500 कि.ग्रा. प्रति एकड़ उत्पादन होता है। सूखे फूल 400-500 कि.ग्रा. प्रति एकड़ प्राप्त होता है।
इस लगाने में कुछ सावधानियाँ करनी पड़ती हैं जैसे कि रोपण हेतु अच्छे गुणवत्ता युक्त बीज का उपयोग करना। पौधों के रोपण से पूर्व भूमि को अच्छे से जुताई करना। पौधे रोपण के बाद तत्काल सिंचाई करना। भूमि में बीजों से बुवाई न कर नर्सरी पद्धति से पौधे उगाकर पौधों का रोपण करना चाहिए। रोपण से पूर्व खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है। जड़ी-बुटी की खेती के लिए जैविक खेती को प्राथमिकता दी जाती है, यदि रसायन का प्रयोग किया जाता है, तो उसकी मात्रा बहुत कम होना चाहिए। इसकी जड़े गहरी नही होती इसलिए खेत में गहरी जुताई का आवश्यकता नही होती है। खरपतवार के कारण फसल के उपज में 10 से 30 प्रतिशत की कमी आती है, इसलिए 1-2 महिने फसल को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए ।
मनरेगा में कर रहा है जगमोहन मेट का कार्य
बलरामपुर /शौर्यपथ/
जनपद पंचायत वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत केसारी झगराहीपारा में रहने वाले आदिवासी किसान सगुनाथ सिंह धुर्वे का छोटा पुत्र 25 वर्षीय जगमोहन सिंह है। जिसका कद मात्र 3.5 फीट होने के कारण आसपास के सभी लोग उसे जानते तो हैं। किन्तु जगमोहन को उसके अनुकूल रोजगार नहीं मिल पाने से परेशान रहता था। लेकिन “कहते हैं कि कद छोटा हुआ तो क्या हुआ काम तो बड़ा करता है” इसी वाक्य को चरितार्थ कर रहा है 3.5 फीट के छोटे कद का 25 वर्षीय आदिवासी युवा जगमोहन। चूंकि 08 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार होने एवं सीमित आमदनी होने के कारण परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जुझ रहा था। ऐसे में जगमोहन को कुछ न कुछ काम करने का दबाव हमेशा बना रहता था। 10वीं तक पढ़ा-लिखा जगमोहन पर ग्राम पंचायत की नजर पड़ी और ग्राम पंचायत ने निर्णय लिया कि यदि जगमोहन को मनरेगा कार्यों में मेट के लिए नियोजित करें तो उसकी बेरोजगारी को आसानी से दूर किया जा सकता है। मनरेगा मेट के लिए जगमोहन तैयार भी हो गया। विगत 03 माह से जगमोहन मनरेगा मेट का कार्य बड़ी ईमानदारी से कर रहा है। समय पर श्रमिकों से चर्चा कर कार्य में नियोजित करना, मस्टरोल एवं अन्य पंजी संधारण करना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया। जगमोहन से बात करने पर उसने कहा कि मेरे छोटे कद के कारण मुझे कोई काम नहीं मिलता था और न ही आमदनी का कोई स्त्रोत था, परन्तु मनरेगा ने हमारी किस्मत ही बदल दिया। मुझे बिना बाहर गये गांव में मेरे अनुकूल मेट कार्य का रोजगार भी मनरेगा के द्वारा मिल गया मैं बहुत खुश हूं। जनपद पंचायत वाड्रफनगर के सीईओ वेदप्रकाश पाण्डेय बताते हैं कि आज वाड्रफनगर क्षेत्र में मनरेगा से केवल सामान्य श्रमिकों को ही नहीं बल्कि वंचित वर्गों जैसे बौना, विकलांग, विधवा, निराश्रितों को भी समान रूप से रोजगार मुहैया कराया जा रहा है ताकि उनके आमदनी में वृद्धि भी हो और समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।
अम्बिकापुर /शौर्यपथ/
राज्य शासन द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव कुमार तिग्गा को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया गया है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ तिग्गा द्वारा आपातकालीन ड्यूटी से नदारद रहते हुए अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती गई। उनका यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है।
निलंबन अवधि में डॉ तिग्गा का मुख्यालय सीएमएचओ कार्यालय जिला बलरामपुर -रामानुजगंज नियत किया गया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
ज्ञातव्य है कि पिछले मंगलवार की शाम को एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में परिजनों द्वारा भर्ती कराया गया था। चिकित्सक के नदारद रहने तथा नर्स के लापरवाही के कारण जन्म से पूर्व शिशु की मृत्यु हो जाने के मामले में संयुक्त संचालक एवं सीएमएचओ सरगुजा द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग रायपुर को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया था।
जशपुरनगर /शौर्यपथ/
दूरस्थ अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांग युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एल.ई.डी. बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। आज अपने मेहनत और लगन से युवा स्वरोजगार से जुड़ कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहें हैं। जशपुर विकासखण्ड के गम्हरिया गौठान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दिव्यांग युवाओं द्वारा एल.ई.डी. बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि महिलाएं भी अतिरिक्त आमदनी अर्जित करके आत्मनिर्भर बन सकें। जिला प्रशासन द्वारा जिले के हुनरमंद युवाओं को आगे बढ़ाने का बेहतर प्रयास किया जा रहा है।
कलेक्टर रितेश कुमार के मार्गदर्शन एवं जिला कौशल विकास विभाग के सहायक संचालक प्रकाश यादव के दिशा-निर्देश में जिले के दिव्यांग युवाओं को चिन्हांकित करके एल.ई.डी.बल्ब निर्माण से जोड़ने की अनूठी पहल की गई है। वर्तमान में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत् प्रशिक्षित दिव्यांग हितग्राही एवं अन्य जिले के दिव्यांग हितग्राही इस कार्य से जुड़कर आर्थिक लाभ उठा रहें हैं। जशपुरनगर में स्थित उनके निर्माण केन्द्र में एल.ई.डी.बल्ब, इमरजेंसी लाइट, साउन्ड बाक्स, टी बल्ब आदि उत्पादों का निरंतर निर्माण किया जा रहा है। भविष्य में हुरमंद दिव्यांग युवाओं द्वारा और भी नये उत्पादों को बनाने की योजना तैयार की जा रही है। ताकि अधिक से अधिक लोगों तक ये उत्पाद पहुंच सके। इस हेतु ww-digiabled-com का भी निर्माण किया गया है साथ ही छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना सी.मार्ट में भी यह इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद उपलब्ध रहेगें। अब तक दिव्यांग हितग्राहियों द्वारा 1 लाख 50 हजार रूपये के इलेक्ट्रानिक उत्पादों की बिक्री कर लाभ ले चुके है। भविष्य में और भी दिव्यांग हितग्राहियों को मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से प्रशिक्षित कर इस कार्य से जोड़ने का निरंतर कार्य किया जा रहा है।