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दुर्ग / शौर्यपथ / आदित्य नगर दुर्ग के निवासियों के व्दारा आज रोहित रंगारी के नेतृत्व में दुर्ग ए.डी.एम.रविराज ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर आदित्यनगर स्थित कुषाभाउ ठाकरे क्वारंटाइन सेंटर को शहर के किसी अन्य अन्यंत्र स्थान पर स्थानांतरित करवाने की मांग की गई।
ज्ञात होगा कि कुषाभाउ ठाकरे क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे हुए लोगों में 2 व्यक्ति को कोरोना पॉजीटिव पाया गया है, जिससे आदित्यनगर, जवाहर नगर, आशानगर, शिवाजी नगर, शांति नगर, कैलाश नगर घनी आबादी वाले मुहल्लों में दहषत का वातावरण आसपास के लोगों में पनप गया है। जिससे लोग काफी डरे हुए हैं।
उक्त जानकारी देते हुए रोहित रंगारी ने बताया कि दुर्ग ए.डी.एम.ठाकुर से तत्काल इस गंभीर समस्या से निजात दिलवाने की बात कही। ज्ञापन सौंपनेवालों में अमित देवांगन पार्षद, राकेष ठाकुर समाजसेवी, गणेष यादव, दीनानाथ गुप्ता, अजय जायसवाल, राजेन्द्र तिवारी, राजा पांडेय, संजय अन्थोनी, शरद देवांगन, राजू सिंह, युवराज ठाकुर, अषोक साहू, टी.वी.एस.राव आदि वार्डवासी उपस्थित थे।
शौर्यपथ लेख / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल के पास ऐसे कई लोगो के आवेदन आ रहे होंगे जो अन्य प्रदेशो में फसे हुए है और वापसी आना चाहते है . छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोरोना का कहर नहीं है . प्रदेश सर्कार हर कदम फूंक फुक कर रख रही है कि कही से भी कोई गलती ना हो जाए ऐसे में अन्य प्रदेशो में पढाई के लिए गए छात्रों के परिजन चिंतित है कि उनके बच्चे लॉक डाउन में फसे हुए है और कैसे रह रहे होंगे . ऐसे ही मामलो में राजस्थान कोटा में शिक्षा के लिए गए बच्चो की संख्या ज्यादा है जिन्हें वापसी लाने का काफी दबाव था साथ ही कोरोना संक्रमण जो अभी छत्तीसगढ़ में नहीं के बराबर है उसे भी नियंत्रण करना ज़रूरी है .
सभी बातो को ध्यान में रखते हुए एवं प्रदेश को कोरोना संक्रमण से दूर रखने का सफल प्रयास करते हुए प्रदेश सरकार ने राजस्थान से प्रदेश के बच्चो को वापस लाने का फैसला किया एवं साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धी सुरक्षा हेतु बच्चो को प्रदेश के अलग अलग शहरो में 14 दिन के लिए क्वारेंटाईन करने का फैसला लिया जो कि स्वस्थ समाज के लिए भी हितकारी है किन्तु जो परिजन अभी तक बघेल सरकार से बच्चो को प्रदेश में लाने के लिए निवेदन कर रहे थे वही परिजन आज जिद पर अड़े है कि कि बच्चो को घर ले जायेंगे . अभी तक जब 30 दिनों से दुरस्त प्रदेश( लगभग 1400 किलोमीटर दूर ) में थे तब मुख्यमंत्री से और प्रशासन से निवेदन कर रहे थे और जब बच्चे प्रदेश में गृह निवास से लगभग 200 किलोमीटर दुर है तो अब घर लाने के लिए प्रशासन के फैसले पर कई परिजन ऊँगली उठा रहे है है इसे ही कहते है नेकी करो और बुराई मोल लो वो भी उस समय जब सिर्फ कोटा में ही नहीं पुरे भारत में प्रदेश के कई हजार बच्चे फसे हुए है क्या परिजनों को मुख्यमंत्री का आभार नहीं मन्ना चाहिए कि कम से कम उनके बच्चे प्रदेश में है और 14 दिनों बाद घर में भी आ जायेंगे .
( शरद पंसारी , संपादक शौर्यपथ दैनिक समाचार )
रायपुर. छत्तीसगढ़ में दो दिनों से लगातार बारिश, धुंध और कोहरा जारी है। तेज बारिश और धंुध ने एक ओर जहां रायपुर आने वाली उड़ानों का रास्ता रोक दिया है, वहीं मौसम के बदले मिजाज के कारण दुर्ग रायपुर और बिलासपुर में कोल्ड-डे घोषित कर दिया गया है। रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर शुक्रवार को अभी तक एक भी विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ नहीं हो सका है। दिल्ली से आने वाले एयर इंडिया की फ्लाइट को फिर नागपुर डायवर्ट किया गया है। हालांकि कुछ घंटों बाद उड़ान सेवाएं बहाल होेने की संभावना है।
रायपुर एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी 700 मीटर
रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी की वजह से शुक्रवार सुबह से एक भी फ्लाइट की लैंडिंग और टेकऑफ नहीं हो पाया है। रनवे पर उतरने के लिए 1200 मीटर विजिबिलिटी की आवश्यकता होती है और सुबह से ही विजिबिलिटी 700 मीटर है। धंुध के कारण कई उड़ानें देर से हैं। इसके कारण एयरपोर्ट पर यात्री भी परेशान हैं। गुरुवार को भी धुंध के कारण दिल्ली से आने वाली फ्लाइट को डायवर्ट किया गया था। वह फ्लाइट दोपहर 12 बजे के बाद ही रायपुर आ सकी।
Chhattisgarh Budget 2020 : रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट की तैयारियों की समीक्षा की। इस सिलसिले में आयोजित बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से सम्बद्ध विभागों के बजट प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की। विभागीय मंत्री सिंहदेव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर ग्रामीण विकास की रूपरेखा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जाने की चर्चा की। बैठक में चिकित्सा शिक्षा और वाणिज्यिक कर (जी एस टी) विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
पंचायत मंत्री सिंहदेव की उपस्थिति में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव आर पी मण्डल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन,अतिरिक्त मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निहारिका बारिक सिंह, सचिव वित्त सुश्री सहला निगार, सचिव वाणिज्यिक कर रीना बाबा साहेब कंगले, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग में खरीदी केंद्रों से धान भरकर निकले 105 वाहनों ने जीपीएस सिस्टम गायब हो गए हैं। ऐसे में अधिकारियों को यह तक पता नहीं चल पा रहा है कि वाहन किसी राइस मिलर्स के गोदाम में खाली हुआ भी है या नहीं। अब विभाग मैनुअली इन वाहनों की तलाश करेगी। खास बात यह है कि इन वाहनों में करीब 20 हजार 500 क्विंटल धान का परिवहन हुआ है और इसकी समर्थन मूल्य करीब 3 करोड़ 72 लाख 7 हजार रुपए का है। यह सारी गड़बड़ी का खुलासा भास्कर की पड़ताल में हुआ है।
महासमुंद. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में अवैध शराब का तस्कर पकड़ में आया है। यह शख्स पेशे से पुलिस महकमे में हेड कॉन्स्टेबल है। खाकी की आड़ में अपने अवैध गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था। मंगलवार की सुबह इसे गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़ में आए कॉन्स्टेबल का नाम विरेंद्र भोई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनावों में यह शराब खपाने के मकसद से लाई जा रही थी।
फिल्हाल इस मामले में पुलिस ज्यादा जानकारी देने से बच रही है। मीडिया के बढ़ते दबाव की वजह से पुलिस प्रशासन इस मामले में जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता है। इस मामले में पुलिस और शराब तस्करों के बीच की साठ-गांठ के भी अहम खुलासे हो सकते हैं। कानूनी कार्रवाई के साथ ही आरोपी हवलदार पर विभागीय कार्रवाई करने की भी तैयारी की जा रही है। यह हवलदार जिले के सिंघोड़ा थाने में पदस्थ था।
कमिश्नर ने कहा कि सभी सेक्टर अधिकारी मतदान के पूर्व अपने-अपने सेक्टर में आने वाले मतदान केंद्रों का व्यक्तिगत रूप से कम से कम तीन बार भ्रमण एवं अवलोकन कर वहां बिजली, पानी, छाया, शौचालय, फर्नीचर, दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैम्प आदि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। वे सेक्टर का नजरी नक्शा, पहुंच मार्गों की जानकारी तथा अधिकारियों के फोन नंबर भी अपने साथ रखें। मतदान के एक दिन पूर्व वे अपने सेक्टर में ही रात्रि विश्राम करें, जिससे सुबह से ही वे अपने निर्वाचन कार्यों का संपादन कर सकें।
जगदलपुर :- सालों से जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई की प्रक्रिया एक कदम और आगे बढ़ गई है। अब इन आदिवासियाें की रिहाई के दस्तावेज न्यायालय तक पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ऐके पटनायक के नेतृत्व में बनी कमेटी ने 313 आदिवासियों को रिहा करने की अनुशंसा की थी। इसे राज्य सरकार ने मान लिया था और 313 आदिवासियों के मामलों की समीक्षा कर अब उनकी रिहाई के लिए कागजात अलग-अलग न्यायालयों में भेज दिए गए हैं। अब इन आदिवासियों के खिलाफ चल रहे प्रकरण न्यायालय के जरिए वापस होंगे। न्यायालय तक दस्तावेज पहुंचने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि फरवरी के पहले पखवाड़े या अंत तक इनकी रिहाई हो जाएगी। प्रदेश में यह पहला मौका है जब सरकार एक साथ इतने आदिवासियों को रिहा कर रही है। अभी तक सिर्फ आबकारी एक्ट के तहत जेलों में बंद किए गए आदिवासियों को रिहा किया जाता रहा है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को जल्द रिहा करेगी। इसके बाद एक कमेटी का गठन भी किया गया जो लगातार जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा कर रही है।