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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
RAIPUR / SHOURYAPATH / छत्तीसगढ़ अग्निशमन सेवा भर्ती 2025 में वाहन चालक / वाहन चालक कम आपरेटर पद के लिए दस्तावेज जांच, शारीरिक नाप-जोख, शारीरिक दक्षता परीक्षा में चयनित हो चुके अभ्यर्थियों को अब अंतिम चरण के तहत ट्रेड टेस्ट देना होगा।
वाहन चालक पद एवं वाहन चालक कम आपरेटर पद का ट्रेड के लिए अंतिम टेस्ट 26 नवंबर 2025 सुबह 8 बजे केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, माना कैम्प में आयोजित की जाएगी।
वाहन चालक पद एवं वाहन चालक कम आपरेटर पद का ट्रेड के लिए अंतिम टेस्ट में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मूल दस्तावेजों के साथ भर्ती समिति के समक्ष उपस्थित होना अनिवार्य होगा।
इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) जिला अस्पताल पंडरी बना देश का सबसे पहला और इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) जिला अस्पताल बलौदाबाजार बना देश का दूसरा क्वालिटी सर्टिफाइड लैब
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई: कहा - यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र में आ रहे व्यापक, वैज्ञानिक और संरचनात्मक सुधारों का प्रमाण
RAIPUR / SHOURYAPATH / छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। जिला अस्पताल पंडरी रायपुर और जिला अस्पताल बलौदाबाजार की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम (NQAS) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर का गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। इनमें पंडरी रायपुर की IPHL देश की प्रथम, जबकि बलौदाबाजार की IPHL देश एवं राज्य की द्वितीय प्रमाणित लैब बनी है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और वैज्ञानिक मानकों पर आधारित लैब सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को प्रमाणित करती है।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों का यह सीधा परिणाम है कि जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच राज्य की कुल 832 स्वास्थ्य संस्थाओं का राष्ट्रीय मानकों के आधार पर मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया गया है। इनमें दंतेवाड़ा के दूरस्थ क्षेत्र चिंतागुफा जैसे दुर्गम इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार किसी राज्य में लैब्स की इतनी बड़ी और व्यवस्थित श्रृंखला का मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण हुआ है, जिसने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट स्थान दिलाया है।
दोनो लैब्स का मूल्यांकन भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा नामित विशेषज्ञ मूल्यांकनकर्ताओं की टीमों ने किया। पंडरी रायपुर की IPHL का मूल्यांकन 10 सितंबर 2025, जबकि बलौदाबाजार की IPHL का मूल्यांकन 11 सितंबर 2025 को किया गया। दोनों टीमों ने लैब की कार्यप्रणाली, मरीज केंद्रित सेवाएँ, गुणवत्ता नियंत्रण, समयबद्ध रिपोर्टिंग और सुरक्षा प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की। मूल्यांकन उपरांत, पंडरी रायपुर IPHL को 90% और बलौदाबाजार IPHL को 88% स्कोर के साथ प्रमाणन प्राप्त हुआ। यह स्कोर स्वास्थ्य गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों में उत्कृष्ट श्रेणी में आता है।
इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की अवधारणा का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को एक ही छत के नीचे पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सभी प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध हों। इससे न केवल जांच की गति और विश्वसनीयता बढ़ती है, बल्कि लोगों को महंगी निजी जांच लैब्स पर अनावश्यक निर्भरता से भी राहत मिलती है। एकीकृत मॉडल होने के कारण, मरीजों को एक ही स्थान पर किफायती और सटीक जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो पाती है।
पंडरी रायपुर की IPHL पूरे राज्य का मॉडल लैब बन चुकी है। यहां प्रतिदिन 3,000 से अधिक जांचें की जाती हैं और 120 से अधिक प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं। यह लैब ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर कार्य करते हुए रायपुर जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से प्राप्त सैंपल की भी जांच करती है। कई बार आपातकालीन परिस्थितियों में यह लैब मेडिकल कॉलेज और अन्य जिलों से आए नमूनों की जांच भी करती रही है, जिससे इसकी क्षमता और उपयोगिता दोनों प्रमाणित होती हैं।
बलौदाबाजार की IPHL भी सेवा गुणवत्ता के मामले में तेजी से उभरती हुई लैब है। यहां प्रतिदिन 1,000 से 1,200 जांचें की जाती हैं और 100 से अधिक प्रकार की लैब टेस्टिंग उपलब्ध है। लैब में अत्याधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित तकनीशियनों और समयबद्ध रिपोर्टिंग की वजह से जिले के हजारों मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों के मरीजों को अब जांच के लिए शहर या निजी लैब्स में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पूर्व में भी पंडरी रायपुर IPHL के मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा चुकी है। देश के 13 से अधिक राज्यों की टीमें उक्त लैब का निरीक्षण कर इसकी कार्यप्रणाली का अवलोकन कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, भारत सरकार द्वारा इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स हेतु जारी की गई विस्तृत गाइडलाइन के मुख्य पृष्ठ पर रायपुर IPHL की फोटो प्रकाशित की गई है। इस मॉडल को PM–ABHIM के अंतर्गत पूरे देश में स्थापित किए जा रहे IPHL नेटवर्क के मार्गदर्शक स्वरूप में अपनाया गया है।
छत्तीसगढ़ में गुणवत्ता आधारित मूल्यांकन की यह प्रक्रिया केवल प्रमाणीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य प्रणाली में स्थायी सुधार की दिशा में एक ठोस कदम है। NQAS के मानकों में साफ-सफाई, सुरक्षा, रोगी संतुष्टि, रिकॉर्ड प्रबंधन, तकनीकी गुणवत्ता, उपकरण कैलिब्रेशन, बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट और स्टाफ क्षमता निर्माण जैसे बिंदुओं का कड़ाई से पालन अनिवार्य है। दोनों लैब्स ने इन सभी मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए यह उपलब्धि अर्जित की है।
आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि NQAS कार्यक्रम भारत सरकार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसके जरिए सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार को संस्थागत स्वरूप दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में निर्धारित चेकलिस्ट बेहद व्यापक है और प्रमाणन तभी मिलता है जब कोई संस्थान सभी मानकों पर सतत् उत्कृष्टता प्रदर्शित करे।छत्तीसगढ़ की दोनों IPHL लैब्स ने जिस दक्षता और अनुशासन के साथ सभी मापदंडों को पूरा किया है, वह राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की मजबूती और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ-साथ गुणवत्ता सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया में लैब तकनीशियनों, चिकित्सकों और प्रबंधन टीमों ने बड़े समर्पण और परिश्रम के साथ कार्य किया है। पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार IPHL की उपलब्धि पूरे राज्य के लिए प्रेरक है और आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इसी मॉडल को सुदृढ़ता से लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा दोनों जिला अस्पतालों की IPHL टीमों—चिकित्सकों, तकनीशियनों और स्टाफ—को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और IPHLs के राष्ट्रीय प्रमाणन से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई विश्वसनीयता और मजबूती मिली है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित मानव संसाधन से लैस कर रही है। IPHL जैसी उच्च गुणवत्ता वाली लैब्स ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाकों में समय पर स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आने वाले वर्षों में राज्य भर के जिला अस्पतालों और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों को इसी मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।
यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए केवल प्रमाणन नहीं, बल्कि यह संकेत भी है कि राज्य अब राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता केंद्रित स्वास्थ्य प्रबंधन की दिशा में अग्रसर है। IPHL मॉडल के विस्तार से रोगियों की जाँच सेवाएँ और अधिक सुलभ, तीव्र और विश्वसनीय होंगी। इसका सीधा लाभ लाखों नागरिकों को मिलेगा और राज्य के स्वास्थ्य सूचकांकों में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। दोनों IPHL लैब्स की सफलता यह प्रमाणित करती है कि जब वैज्ञानिक मानकों, प्रशिक्षित मानव संसाधन, आधुनिक तकनीक और शासन की दृढ़ इच्छाशक्ति का संगम होता है, तब स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरक मॉडल है और आने वाले समय में स्वास्थ्य गुणवत्ता सुधार की दिशा में नए मानक स्थापित करेगी।
"पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार जिलों की इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्स को देश की प्रथम और द्वितीय क्वालिटी सर्टिफाइड IPHL बनने पर स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र में आ रहे व्यापक, वैज्ञानिक और संरचनात्मक सुधारों का प्रमाण है। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, और राष्ट्रीय स्तर के इस प्रमाणन ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई विश्वसनीयता और मजबूती प्रदान की है। IPHL मॉडल ने ग्रामीण, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों तक विश्वसनीय जांच सेवाएँ पहुँचाने का मार्ग मजबूत किया है, और आने वाले समय में राज्य के सभी जिला अस्पतालों को आधुनिक, दक्ष और मानकीकृत मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा।" - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
"पंडरी रायपुर और बलौदाबाजार IPHL के देश की प्रथम और द्वितीय क्वालिटी सर्टिफाइड इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब बनने पर प्रदेशवासियों और पूरी स्वास्थ्य टीम को बधाई। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली में आए ऐतिहासिक बदलाव का परिणाम है। राज्य सरकार प्राथमिक से लेकर जिला स्तर तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित मानव संसाधन और सशक्त गुणवत्ता तंत्र से लैस कर रही है। IPHL मॉडल ने जांच सेवाओं को तेज, सटीक और किफायती बनाकर ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच को मजबूत किया है। आने वाले समय में इसी उच्च गुणवत्ता मॉडल का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता का अग्रणी राज्य बनेगा।" - स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल
भिलाई। शौर्यपथ। सामाजिक संस्था प्रजा सेवा समिति भिलाई ने अपनी संस्था के 18वें स्थापना दिवस के अवसर पर पी.एम.श्री शासकीय प्राथमिक शाला बालाजी नगर, खुर्सीपार में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति -निर्माण के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन के विद्यालय में न्योता भोज का आयोजन किया। इसके साथ ही संस्था की ओर से विद्यालय के सभी बच्चों को कॉपी, कंपास, पेन का वितरण समिति एवं समाज के गणमान्य नागरिकों द्वारा प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि प्रजा सेवा समिति विगत दशकों से शिक्षा, स्वास्थ्य, निर्धन कन्या विवाह रक्तदान, बेघरों के लिए आवास निर्माण करके देने का कार्य लगातार करते हुए आ रही है। इस न्योता भोजन के आयोजन में प्रजा सेवा समिति के सदस्यों के अलावा विभिन्न समाजों के गणमान्य नागरिक, शिक्षक शाला प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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*19 नवंबर को किसानों से 7,11,335 क्विंटल धान उपार्जित*
*26.50 लाख किसानों का 29.27 लाख हेक्टेयर रकबा पंजीकृत*
*टोकन तुंहर एप्प से किसानों को हो रही है आसानी*
रायपुर.। शौर्यपथ। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला जोर पकड़ने लगा है। धान खरीदी के 5वें दिन 19 नवंबर को किसानों से 7 लाख 11 हजार 335 क्विंटल धान की खरीदी की गई। धान उपार्जन का यह आंकड़ा बीते 4 दिनों में खरीदे गए धान की मात्रा के लगभग बराबर है। राज्य में 15 नवंबर से लेकर 19 नवंबर तक कुल 14 लाख 54 हजार 451 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार धान खरीदी के साथ-साथ किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए मार्कफेड द्वारा अपेक्स बैंक को 214.18 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैैं। यहां यह बता दें कि राज्य के किसानों से क्रय किए गए धान के मूल्य भुगतान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्कफेड को 26,200 करोड़ रूपए की बैंक गांरटी पहले से दे रखी है। किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी केन्द्रों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है। धान खरीदी की व्यवस्था पर निगरानी के लिए सभी केन्द्रों में अधिकारी तैनात किए गए हैं। राज्य स्तर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और जिला स्तर के अधिकारी लगातार दौरा कर धान खरीदी एवं केन्द्रों की व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी न होने पाए इसको लेकर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। बाहर से धान की आवक की रोकथाम के लिए चेकपोस्ट पर अधिकारी तैनात किए गए हैं। जगह-जगह मॉलवाहकों की औचक जांच भी की जा रही है। गौरतलब है कि धान खरीदी में गड़बड़ी की रोकथाम के लिए राज्य में संचालित सघन अभियान के अंतर्गत अब तक धान के अवैध संग्रहण एवं परिवहन के कुल 373 मामले दर्ज किए गए हैं और 25 हजार 567 क्विंटल धान पकड़ा गया है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के तहत आज सभी जिलों के उपार्जन केन्द्रों में कुल 7,11,353 क्विंटल धान की खरीदी हुई। राज्य के मैदानी हिस्से के जिलों जैसे बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, कवर्धा, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बलौदाबाजार-भाटापारा, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर जिले के उपार्जन केन्द्रों में धान की आवक काफी तेज हो गई है। बालोद जिले में अब तक 1,44,468 क्विंटल धान, बेमेतरा में 1,86,972 क्विंटल, दुर्ग में 1,33,514, कवर्धा में 58,958, राजनांदगांव में 1,60,247, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 90,416, बलौदाबाजार-भाटापारा में 1,18,565, धमतरी में 1,55,275, गरियाबंद में 64,090, महासमुंद में 60,883 तथा रायपुर जिले में 1,52,850 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
किसानों का मानना है कि धान खरीदी के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई टोकन तुंहर एप्प की ऑनलाईन व्यवस्था से टोकन प्राप्त करने और धान बेचने में आसान हो रही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन सीजन 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य के 26.50 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत धान का रकबा 29.27 लाख हेक्टेयर है।
*जनता के हित में छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा निर्णय – शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की गाइडलाइन दरों का वैज्ञानिक पुनरीक्षण, किसानों और आम नागरिकों को मिलेगा सीधा लाभ*
रायपुर / शौर्यपथ। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरे राज्य के लिए गाइडलाइन दरों का व्यापक, वैज्ञानिक और तर्कसंगत पुनरीक्षण करते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह निर्णय जनता के हित, पारदर्शिता, उचित बाजार मूल्यांकन और नागरिकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
गाइडलाइन नियम 2000 के अनुसार दरों का प्रतिवर्ष पुनरीक्षण आवश्यक है, परंतु वर्ष 2017-18 के बाद से दरों में किसी प्रकार का संशोधन नहीं हुआ था। इस कारण वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में भारी अंतर पैदा हो गया था—जिसका प्रतिकूल प्रभाव किसानों, भूमिस्वामियों, संपत्ति धारकों और आम नागरिकों पर पड़ रहा था।
राज्य में गाइडलाइन दरों के पिछले ढांचे नगरीय क्षेत्रों में दरों में भारी विसंगतियाँ थीं। एक ही सड़क, वार्ड या आसपास के क्षेत्रों में अनुपातहीन अंतर दिखाई देता था। एक ही सड़क पर स्थित संपत्तियों की दरें अलग-अलग थीं, जिससे नागरिकों को वास्तविक मूल्यांकन में कठिनाई होती थी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक ही मार्ग पर स्थित गाँवों की दरों में अतार्किक भिन्नता थी, जिससे किसानों को मुआवज़ा और बैंक लोन में नुकसान होता था। पिछले सात वर्षों में बने नए हाईवे, कॉलोनी, औद्योगिक क्षेत्र आदि की दरें निर्धारित नहीं थीं, जिससे नागरिकों को संपत्ति मूल्य जानने में कठिनाई हो रही थी।
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) मंत्री श्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर गाइडलाइन दरों को पुर्ननिर्धारित करते हुए पूरी प्रक्रिया को वैज्ञानिक, पारदर्शी और जनसुलभ बनाया गया है। नगरीय क्षेत्रों में गाइडलाइन को रोड-वाइज तैयार किया गया है, ताकि एक सड़क और समान परिस्थितियों वाले क्षेत्रों की दरें समान हों। अत्यधिक कंडिकाओं को समायोजित कर संख्या कम की गई, ताकि नागरिकों को मूल्य समझने में सरलता हो। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गाँवों की दरों को नक्शे में प्रविष्ट कर, समान मार्ग और समान परिस्थितियों वाले गाँवों की दरें यथासंभव समान और तर्कसंगत की गईं।वर्तमान दरों की वैज्ञानिक मैपिंग कर रैशनलाइज़्ड बेस रेट तैयार किए गए और इन्हीं के आधार पर नई दरें प्रस्तावित की गईं है।
*नवीन दरें – जनता को सीधा लाभ*
नगरीय क्षेत्रों में लगभग 20% की तर्कसंगत वृद्धि की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के हित में दरों में 50% से 300% तक वृद्धि की गई है—जिससे किसानों को भूमि अधिग्रहण आदि में 3 गुना तक अधिक मुआवज़ा मिलेगा।
नवीन दरों से किसानों/भूमिस्वामियों को उनकी भूमि का अधिक एवं न्यायसंगत मुआवज़ा प्राप्त होगा। संपत्ति के विरुद्ध बैंक से अधिक राशि का लोन स्वीकृत होगा। आम नागरिकों के लिए अपनी संपत्ति की गाइडलाइन दर स्पष्ट और समझने में आसान होगी।
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि गाइडलाइन दरों का यह व्यापक और वैज्ञानिक पुनरीक्षण जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। उन्होंने कहा कि 2017-18 के बाद दरों में संशोधन न होने से राज्य में वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में गंभीर असंतुलन पैदा हो गया था, जिससे किसान, भूमिस्वामी और सामान्य नागरिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे थे। नई गाइडलाइन दरें रोड-वाइज और वैज्ञानिक मैपिंग के आधार पर तैयार की गई हैं, ताकि हर क्षेत्र में दरें तर्कसंगत, समान और समझने में सरल हों। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 50% से 300% तक की वृद्धि किसानों को उचित मुआवज़ा और अधिक बैंक लोन प्राप्त करने में बड़ा लाभ देगी, जबकि नगरीय क्षेत्रों में 20% की तार्किक वृद्धि मूल्य-विसंगतियाँ दूर करेगी। श्री चौधरी ने कहा कि विभाग भविष्य में भी विकास, नई बसाहटों, बाजार प्रवृत्तियों और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर नियमित समीक्षा करता रहेगा, ताकि किसी भी नागरिक को उनकी संपत्ति के वास्तविक मूल्य से वंचित न होना पड़े।
उल्लेखनीय है कि लंबे अंतराल के बाद गाइडलाइन दरों का यह व्यापक और महत्त्वपूर्ण संशोधन किया गया है। भविष्य में भी विभाग द्वारा जिले स्तर पर उस क्षेत्र में हो रहे विकास, नए निर्माण, क्षेत्रीय परिस्थितियों, बाजार प्रवृत्तियों तथा नई बसाहटों/कॉलोनियों के विस्तार का नियमित आकलन किया जाता रहेगा। इसी आधार पर गाइडलाइन दरों में समय-समय पर आवश्यक, तर्कसंगत और जनहितकारी संशोधन किए जाते रहेंगे, ताकि नागरिकों को उनकी संपत्ति के वास्तविक मूल्य का लाभ निर्बाध रूप से मिलता रहे और किसी भी प्रकार की मूल्य-विसंगतियाँ उत्पन्न न हों।
*"गाइडलाइन दरों का वैज्ञानिक और तर्कसंगत पुनरीक्षण राज्य के किसानों, भूमिस्वामियों और आम नागरिकों के हित में उठाया गया अत्यंत महत्त्वपूर्ण कदम है। पिछले कई वर्षों से दरों में संशोधन न होने के कारण वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में बड़ा अंतर पैदा हो गया था। नई दरें न केवल न्यायसंगत मूल्यांकन सुनिश्चित करेंगी, बल्कि किसानों को भूमि अधिग्रहण में अधिक मुआवज़ा, नागरिकों को संपत्ति का सही मूल्य और बैंक से अधिक ऋण प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करेंगी। शासन की मंशा स्पष्ट है—हर नागरिक को उसकी संपत्ति का उचित मूल्य मिले और किसी भी प्रकार की विसंगतियाँ या भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो। यह निर्णय प्रदेश के आर्थिक परिवेश को अधिक पारदर्शी, संतुलित और जनहितकारी बनाएगा।" - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*
जगदलपुर, शौर्यपथ। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा 2025 के अंतर्गत संपूर्ण बस्तर जिले में चलाए जा रहे यातायात जागरूकता अभियान के तहत मंगलवार को दंतेश्वरी फ़ार्मेसी कॉलेज, बोरपदर (जगदलपुर) में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक बस्तर शलभ सिन्हा के मार्गदर्शन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के पर्यवेक्षण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) जगदलपुर संतोष जैन, यातायात प्रभारी मधुसूदन नाग एवं प्रकाश देवांगन ने कॉलेज के लगभग 100 छात्र-छात्राओं, अध्यापक एवं स्टाफ को सड़क सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। इनमें ट्रैफिक नियमों का पालन, सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण, रोकथाम के उपाय, गुड सेमेरिटन लॉ तथा बस्तर क्षेत्र में पूर्व में हुई दुर्घटनाओं के उदाहरण शामिल थे।
छात्रों एवं स्टाफ ने गम्भीरता से जानकारी को सुना तथा भविष्य में यातायात नियमों का पालन करने का संकल्प व्यक्त किया।
कॉलेज प्राचार्य ने भी सभी छात्रों से दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनने की अपील की और स्पष्ट कहा कि बिना हेलमेट किसी भी विद्यार्थी को कॉलेज गेट से प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्राचार्य की इस पहल पर सभी छात्रों ने सहमति जताई।
कार्यक्रम में कॉलेज के अध्यापक, स्टाफ तथा यातायात विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षीय लोकतांत्रिक यात्रा में वर्तमान विधानसभा भवन हमारी कार्यसंस्कृति, संवाद, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और जनसेवा के संकल्प का जीवंत प्रतीक रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक यात्रा में वर्तमान विधानसभा भवन हमारी सामूहिक कार्यसंस्कृति, संवाद, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और जनसेवा के संकल्प का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में इस भवन ने अनगिनत ऐतिहासिक निर्णयों, महत्त्वपूर्ण बहसों और जनहित से जुड़े विधेयकों को जन्म लेते देखा है। यह भवन प्रदेश के विकास, समृद्धि और मजबूत लोकतंत्र का आधार स्तंभ रहा है। यह भवन न केवल हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है, बल्कि आगामी जिम्मेदारियों और भविष्य की चुनौतियों के प्रति हमें और अधिक दृढ़ता, प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की प्रेरणा भी देता है। हम सभी के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ ने बीते वर्षों में विकास, सुशासन और जनकल्याण की नई इबारत लिखी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब जब हम नए विधानसभा भवन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, तब यह पुराना भवन अपनी हर दीवार, खिड़की और आँगन के साथ हमारी स्मृतियों में सदैव अंकित रहेगा। यह स्थान छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संसदीय परंपरा, सुसंस्कृत संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों का सजीव प्रमाण है।
प्रदेश के 36 लाख से अधिक उपभोक्ता होंगे लाभान्वित
रायपुर / शौर्यपथ /
राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में नई बिजली योजना की घोषणा की। अब प्रदेश के ऐसे घरेलू उपभोक्ताओं को जिनका 200 यूनिट तक विद्युत खपत है उन्हें 200 यूनिट तक हाफ बिजली का पूरा लाभ प्राप्त होगा। इस निर्णय से राज्य के 36 लाख घरेलू उपभोक्ता सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी अगले 1 वर्ष तक 200 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल का लाभ मिलेगा, इससे 6 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इन उपभोक्ताओं को 1 वर्ष तक की छूट दी गई है ताकि इस अवधि में वे अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हर उपभोक्ता को सस्ती, सुचारू और भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना है। सोलर प्लांट स्थापना प्रक्रिया में समय लगने के कारण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर से नई योजना लागू की जा रही है, जिससे आम जनता के बिजली बिल में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य शासन की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये तथा 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह निर्णय न केवल जनता के बिजली बिल को कम करेगा बल्कि राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों द्वारा संचालित सफल ऑपरेशन में शीर्ष नक्सली लीडर एवं सीसी मेम्बर माडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों के न्यूट्रलाइज होने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस को सलाम करते हुए कहा है कि “यह घटना नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में निर्णायक उपलब्धि है।"
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों के सफल ऑपरेशन में शीर्ष नक्सली लीडर और सीसी मेम्बर माडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों का न्यूट्रलाइज होना नक्सलवाद के विरुद्ध हमारी लड़ाई में एक निर्णायक उपलब्धि है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सुरक्षाबल के जवानों के अदम्य साहस को नमन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हिड़मा वर्षों से बस्तर में रक्तपात, हिंसा और दहशत का चेहरा था। आज उसका अंत न सिर्फ एक ऑपरेशन की उपलब्धि है, बल्कि लाल आतंक पर गहरी चोट है, साथ ही यह क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बीते महीनों में सैकड़ों नक्सलियों का आत्मसमर्पण, टॉप कैडर की गिरफ्तारियाँ और लगातार सफल ऑपरेशन्स बताते हैं कि नक्सलवाद अब अंतिम सांसें ले रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में हमारी सुशासन सरकार बस्तर में शांति, विश्वास और विकास की नई धारा बहा रही है।नियद नेल्ला नार, नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति, नवीन सुरक्षा कैंप की स्थापना, इन कदमों ने जनविश्वास को मजबूत किया है और बस्तर के हर गांव में नया आत्मविश्वास भरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि केंद्र–राज्य की संयुक्त रणनीति के साथ मार्च 2026 तक भारत पूर्णतः नक्सलमुक्त होगा।
मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए उन्नत व्यापार और सहयोगी कर प्रशासन अनिवार्य– वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी
घटी GST दरों का लाभ आम जनता तक पहुँचाना विभाग की प्रमुख जिम्मेदारी–वित्त मंत्री
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने आज नवा रायपुर स्थित सीबीडी बिल्डिंग के 5वें एवं 6वें तल पर निर्मित आयुक्त, राज्य कर (GST) के नए अत्याधुनिक कार्यालय भवन का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन श्री सतीश थौरानी एवं प्रतिनिधिगण, CAIT के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर परवानी, CA एसोसिएशन व बार एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित रायपुर मुख्यालय एवं विभिन्न संभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि “राज्य की अर्थव्यवस्था तभी मजबूत हो सकती है, जब व्यापार तरक्की करे और व्यापारियों को सरल एवं सहयोगी कर प्रशासन मिले। राज्य सरकार जनकल्याण के कार्यों को प्रभावी ढंग से तभी आगे बढ़ा सकती है, जब राजस्व व्यवस्था सुदृढ़ हो। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि GST विभाग के अधिकारी व्यापारियों की समस्याओं को समर्पण भाव से दूर करें, तकनीकी कठिनाइयों में उनकी सहायता करें और उन्हें नियमों व प्रक्रियाओं को समझने में सहयोग प्रदान करें।
GST 2.0: जनता को राहत, व्यवसाय और रोजगार को गति
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि GST 2.0 कर सुधारों का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों पर कर का बोझ कम करना, खपत को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और छोटे व्यवसायों व किसानों को मजबूती देना है। उन्होंने बताया कि इन सुधारों से औसत भारतीय परिवार को सालाना 25 हजार से 40 हजार तक की सीधी बचत मिलेगी, वहीं किसानों, छोटे व्यवसायियों और कारीगरों की आय में 10-20% वृद्धि संभव होगी।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनयापन संबंधी वस्तुओं पर कर घटने से परिवारों पर व्यय का बोझ कम होगा और जीवन अधिक सुरक्षित व सुलभ बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि “GST 2.0 से मिलने वाली राहत का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे, यह विभाग की जिम्मेदारी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 22 सितंबर से लागू GST 2.0 ने कर संरचना को सरल बनाया है और कई वस्तुओं पर कर दरों में कटौती की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुधारों का लाभ व्यापारियों, मध्यम वर्गीय परिवारों, किसानों, विद्यार्थियों और आम उपभोक्ताओं तक बिना किसी बाधा पहुँचाया जाए।
उत्कृष्ट करदाताओं को किया सम्मानित
कार्यक्रम में वर्ष 2024-25 के उत्कृष्ट करदाताओं को उच्च कर भुगतान, उत्कृष्ट अनुपालन और निरंतर वृद्धि के लिए Taxpayer Appreciation Award प्रदान किए गए। पुरस्कार पाने वाले प्रमुख संस्थानों में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एमपीसीजी मोबाइल प्रा. लि., एनटीपीसी, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, सारडा एंड मिनरल्स, मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे, भिलाई स्टील प्लांट और एबिस फूड्स एंड प्रोटीन प्रा. लि. शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह सम्मान राज्य के अनुकरणीय करदाताओं को प्रोत्साहित करने तथा कर अनुपालन को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है।
आधुनिक, पारदर्शी व करदाता हितैषी प्रशासन की दिशा में कदम
अपने संबोधन के अंत में वित्त मंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में निर्मित नया कार्यालय भवन राज्य कर विभाग की पारदर्शिता, कार्यकुशलता और करदाता हितैषी सेवाओं को नई दिशा देगा। यह भवन आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था और सहज कर सेवा प्रणाली का नया प्रतीक है।
प्रदेश में प्रतिष्ठित ट्रॉफी का आगमन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी: मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज विधानसभा परिसर से प्रतिष्ठित एफआईएच जूनियर मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की ट्रॉफी का अनावरण किया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप तथा उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि विश्व की प्रतिष्ठित एफआईएच जूनियर मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की चमचमाती ट्रॉफी पहली बार भारत टूर के तहत आज छत्तीसगढ़ पहुंची और विधानसभा परिसर में आयोजित गरिमामयी समारोह में इसका अनावरण किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि भारत में एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन होना अत्यंत गर्व की बात है और इस ट्रॉफी का छत्तीसगढ़ आगमन राज्य के लिए विशेष सम्मान का अवसर है। उन्होंने हॉकी इंडिया के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ट्रॉफी टूर देशभर में खेलों के प्रति उत्साह एवं प्रेरणा को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा इस अभियान का शुभारंभ देश में खेल भावना को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शुरू से ही हॉकी की उर्वर भूमि रहा है। राजनांदगांव, बस्तर, जशपुर, सरगुजा, रायपुर, बिलासपुर और कोरबा जैसे जिलों से बड़ी संख्या में बच्चे हॉकी खेल में अपना भविष्य संवार रहे हैं। ट्रॉफी का यहां आगमन राज्य के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल अधोसंरचना के विस्तार, प्रशिक्षण सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री साय ने कहा कि यह ट्रॉफी दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ियों की मेहनत, अनुशासन और सपनों का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हॉकी इंडिया, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और छत्तीसगढ़ हॉकी को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ट्रॉफी के भव्य अनावरण के लिए छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और छत्तीसगढ़ हॉकी के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव विक्रम सिसोदिया, संघ के अन्य पदाधिकारी, हॉकी संगठन के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित रहे।
भारत पहली बार बनेगा जूनियर वर्ल्ड कप का मेजबान
गौरतलब है कि एफआईएच हॉकी जूनियर मेन्स वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी भारत पहली बार कर रहा है। प्रतियोगिता 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलेगी और तमिलनाडु के चेन्नई व मदुरै में आयोजित की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने खिलाड़ियों का बढ़ाया मनोबल
रायपुर / शौर्यपथ /
विकासखंड स्तरीय सांसद खेल महोत्सव का समापन आज बलौदाबाजार स्पोर्ट्स स्टेडियम में गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा तथा रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल शामिल हुए। दोनों अतिथियों ने विजेता खिलाड़ियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया और सभी खिलाड़ियों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई।
अपने उद्बोधन में मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि खेल जीवन के हर उतार-चढ़ाव का सामना करना सिखाते हैं। सांसद खेल महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में छिपी प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहली बार किसी संसदीय क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ी एक साथ जुटे हैं, जो खेल जगत के लिए उत्साहजनक है।
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जीत-हार से कहीं अधिक महत्वपूर्ण खेल भावना है। उन्होंने कहा कि खेलकूद से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है, साथ ही टीम स्पिरिट, अनुशासन और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिट इंडिया मिशन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए सांसद खेल महोत्सव की महत्ता बताते हुए कहा कि इससे युवाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिला है। सांसद श्री अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न शासकीय सेवाओं में नियुक्त कर रही है और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले कई खिलाड़ी आज सरकारी पदों पर कार्यरत हैं।
उल्लेखनीय है कि सांसद खेल महोत्सव 2025 के तहत रायपुर लोकसभा क्षेत्र में 21 सितंबर से 13 विधाओं में पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। 9–19 वर्ष एवं 19 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने खो-खो, कुश्ती, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, तैराकी, शरीर सौष्ठव, शतरंज, फुगड़ी, कबड्डी, गेड़ी दौड़, रस्सा-कस्सी और रस्सीकूद सहित अन्य खेलों में दमखम दिखाया। विजेता खिलाड़ी अब जिला एवं राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में सहभागिता करेंगे।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, जनपद अध्यक्ष सुलोचना यादव, सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी और नागरिक उपस्थित रहे।
रायपुर / शौर्यपथ / कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत – ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष माननीय श्री विकास मरकाम थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति एवं संभागायुक्त श्री महादेव कांवरे ने की।
कुलपति श्री कांवरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिरसा मुंडा आधुनिक भारत का वह सपना देखते थे जिसमें विकास और शिक्षा जन-जन तक पहुँचे। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित जन-मन योजना एवं धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ये योजनाएँ जनजातीय अंचलों में विकास की नई राह बना रही हैं।
मुख्य अतिथि श्री विकास मरकाम ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास को याद करने का संकल्प है। उन्होंने बताया कि केवल 14 वर्ष की अल्प आयु में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल फूंका और जल–जंगल–जमीन की रक्षा का नेतृत्व किया। उन्होंने परलकोट आंदोलन के गेंदसिंह, वीर नारायण सिंह, गुंडाधूर और लांगुर किसान जैसे जनजातीय नायकों के योगदान को भी स्मरण किया।
श्री मरकाम ने युवाओं से आह्वान किया कि शिक्षा लो, आगे बढ़ो, लेकिन अपनी संस्कृति, अपने त्योहार और अपनी जड़ों को कभी मत भूलो। कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता और बिरसा मुंडा जयंती के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और पुरस्कार वितरण
छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन को जीवंत बना दिया। रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत हुई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
निःशुल्क मेडिकल कैंप
एमबीए (एचए) विभाग द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों व कर्मचारियों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। मेडिकल कैंप में डॉ. देवेंद्र कश्यप एवं उनकी टीम की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम संयोजक डॉ. आशुतोष मंडावी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हमें अपनी संस्कृति, परंपरा और इतिहास से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं और विद्यार्थियों को जनजातीय समाज पर शोध के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
कार्यक्रम में उप कुलसचिव सौरभ शर्मा, विभागाध्यक्षगण, अग्रसेन महाविद्यालय की शिक्षिका सुश्री ऋतुलता तारक एवं सुश्री ईशा गोस्वामी सहित अनेक अतिथि, शोधार्थी व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
